Bihar News
Bihar Politics: चुनाव से पहले पारस को लगा बड़ा झटका, कद्दावर नेता ने छोड़ दिया साथ; JDU की बढ़ी ताकत
राज्य ब्यूरो, पटना। रालोजपा के वरिष्ठ नेता चंदन सिंह ने मंगलवार को जदयू की सदस्यता ग्रहण की। जदयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित मिलन समारोह में जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलायी।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि चंदन सिंह के पार्टी में आने से रोहतास जिला सहित उसके आसपास के क्षेत्रों में पार्टी के संगठन को मजबूती मिलेगी।
वह न्याय के साथ विकास की धारा को मजबूती देने में अपना अहम योगदान करेंगे। इस मौके पर जदयू के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार, प्रदेश महासचिव वासुदेव कुशवाहा व पार्टी के कई अन्य नेता भी मौजूद थे।
जदयू ने नव मनोनीत जिला संगठन प्रभारियों की सूची जारी की- जदयू ने मंगलवार को अपने नव मनोनीत जिला संगठन प्रभारियों की सूची जारी की। मनोरंजन गिरि को पटना का जिला प्रभारी तथा जितेंद्र पटेल काे बाढ़ संगठन जिला का जिम्मा दिया गया है।
- जदयू द्वारा जारी सूची के अनुसार भरत पटेल को बगहा, राणा रंधीर सिंह को पश्चिम चंपारण, सुबोध कुमार सिंह को पूर्वी चंपारण, दीपक पटेल को शिवहर, हरिद्वार पटेल को सीतामढ़ी का प्रभारी बनाया गया है।
- वहीं, केदार भंडारी को दरभंगा, रामबाबू कुशवाहा को सुपौल, ईश्वर मंडल को मधुबनी, इरशाद अली आजाद को अररिया, पवन मिश्रा को किशनगंज, सुनील कुमार को पूर्णिया की जिम्मेदारी मिली है।
- चंदन पटेल को कटिहार,अशोक कुमार बादल को मधेपुरा, भगवान चौधरी को सहरसा, राबिन कुमार को मुजफ्फरपुर, राम बाबू रमण को गोपालगंज, प्रमोद पटेल को सिवान का प्रभारी बनाया गया है।
रणविजय कुमार को सारण, कौशल किशोर कुशवाहा को वैशाली, भूमिपाल राय को समस्तीपुर, डा. रामप्रवेश पासवान को बेगूसराय, मनोज ऋषि को खगड़िया, प्रहलाद सरकार को भागलपुर का प्रभारी बनाया गया है।
संजय राम को बांका, अंजनी कुमार को मुंगेर, राजेश कुशवाहा को लखीसराय व शेखपुरा, अरुण कुमार वर्मा को नवादा, ललन महतो को नालंदा व बिहार शरीफ, राज किशोर दांगी को भोजपुर की जिम्मेदारी मिली है।
अभिषेक पटेल को बक्सर, परशुराम तांती को कैमूर, अशोक प्रजापति को रोहतास, प्रभात रंजन उर्फ दीपक सिंह को अरवल व जहानाबाद, बिंदा चंद्रवंशी को औरंगाबाद, अरुण कुशवाहा को गया तथा संतोष सहनी को जमुई संगठन जिला का प्रभारी बनाया गया है।
विधान परिषद की कार्रवाई के सफल संचालन पर सहमतिबिहार विधान मंडल का बजट सत्र 28 फरवरी से शुरू होगा। विधान परिषद का यह 209वां सत्र होगा। मंगलवार को हुई सर्वदलीय बैठक में इसके सफल संचालन पर सहमति बनी।
बैठक की अध्यक्षता विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने की। उन्होंने सम्मानित सभी सदस्यों से सदन के संचालन मेंं सार्थक सहयोग की अपेक्षा जताई।
बैठक में उप सभापति प्रो. राम वचन राय, संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक संजय कुमार सिंह, विरोधी दल के मुख्य सचेतक अब्दुल बारी सिद्दिकी, सत्तारूढ़ दल की सचेतक रीना देवी, विधान पार्षद डॉ. नवल किशोर यादव, प्रो. संजय कुमार सिंह के साथ बिहार विधान परिषद के सचिव अखिलेश कुमार झा उपस्थित रहे।
यह भी पढ़ें-
पशुपति पारस कितनी सीटों पर लड़ेंगे चुनाव? खुद कर दिया एलान; चिराग की बढ़ाएंगे टेंशन
लोजपा के अतीत को याद कर NDA और महागठबंधन में कन्फ्यूजन, समझें पूरा सियासी समीकरण
President Droupadi Murmu: बिहार आईं राष्ट्रपति मुर्मु, CM नीतीश बोले- जब मैं मुख्यमंत्री बना था तो...
जागरण संवाददाता, पटना। पटना पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पीएमसीएच के शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति के अलावा मौके पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंत्री जेपी नड्डा, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, सांसद रविशंकर प्रसाद आदि उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम में ब्रिटेन-अमेरिका और अन्य देशों के चार सौ समेत पांच हजार पूर्ववर्ती छात्र-छात्राएं शामिल हो रहे हैं। इस मौके पर सीएम नीतीश ने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री बना था तब केवल 6 मेडिकल कॉलेज थे, अभी दोगुना हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि पहले शाम में ही लोग घर में बंद हो जाते थे अब रात 12-1 बजे तक आराम से घूमते हैं, लड़की हो या लड़का सभी देर रात तक घूमते हैं। पीएमसीएच के साथ-साथ आईजीएमएस का भी विकास हो रहा है।
समाज को मिलेगा लाभ- राष्ट्रपतिदूसरी तरफ, राष्ट्रपति ने कहा कि जो अस्वस्थ होते हैं उनके लिए दवाई गंगा के जल की तरह होती है। बगैर स्वस्थ शरीर के कोई विकास कार्य किया जाना संभव नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि पीएमसीएच के एल्युमिनाई बेहतर नेटवर्क बना सकते हैं, जिसमें रिसर्च पर चर्चा कर सकते हैं। इसका लाभ समाज को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि एआई और रोबोटिक्स उपचार को सटीक बनता है आधुनिक तकनीक उपचार को सटीक बनाता है, डॉक्टर हमेशा तकनीक को अपनाने के लिए तैयार रहें।
नोट- इस खबर को लगातार अपडेट किया जा रहा है। हम अपने सभी पाठकों को पल-पल की खबरों से अपडेट करते हैं। हम लेटेस्ट और ब्रेकिंग न्यूज को तुरंत ही आप तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रारंभिक रूप से प्राप्त जानकारी के माध्यम से हम इस समाचार को निरंतर अपडेट कर रहे हैं। ताजा ब्रेकिंग न्यूज़ और अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए जागरण के साथ।
यह भी पढ़ें-
बिहार में 5 लाख किसानों की होने वाली है बल्ले-बल्ले! नीतीश सरकार ने दी नई जानकारी
नीतीश के बेटे निशांत ने 'सबसे बड़े सवाल' पर दिया रिएक्शन, पिता के लिए NDA से कर दी ये मांग
Bihar Farmers: बिहार में 5 लाख किसानों की होने वाली है बल्ले-बल्ले! नीतीश सरकार ने दी नई जानकारी
राज्य ब्यूरो, पटना। नए वित्तीय वर्ष में सरकार प्रसंस्कृत किस्म की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए पांच लाख किसानों को अनुदान देगी।
यह अनुदान बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन सहकारी संघ (वेजफेड) के माध्यम से दी जाएगी। इसके लिए सहकारिता विभाग की ओर से प्रस्तावित बजट में प्रविधान किया गया है।
प्रस्ताव के अनुसार, प्रखंड स्तर पर गठित प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समितियों के माध्यम से राज्य में सब्जी उत्पादक किसानों को उनके उत्पाद का लाभकारी मूल्य दिलाने तथा ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण एवं ताजी सब्जी उचित मूल्य पर उपलब्ध करने को और प्राथमिकता दी जाएगी।
सब्जी उत्पादकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा- प्रसंस्कृत किस्म के आलू एवं टमाटर की खेती के लिए बीज/पौधे का वितरण वेजफेड के माध्यम से होगा। जिला स्तर पर मास्टर ट्रेनर द्वारा सब्जी उत्पादकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
- सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार के मुताबिक बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन सहकारी संघ के तहत सब्जी मंडी भी तैयार किया जा रहा है।
- सब्जी उत्पादक किसानों को उनके उत्पाद का लाभकारी मूल्य दिलाने तथा ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण एवं ताजी सब्जी उचित मूल्य पर उपलब्ध करने का कार्य किया जा रहा है।
इसके साथ-साथ सब्जी उत्पादक किसानों को पूर्व में प्रसंस्कृत किस्म के आलू एवं टमाटर की खेती के लिए बीज/ पौधे का वितरण कराया जा रहा है।
इसमें हरित सब्जी संघ, पटना, तिरहुत सब्जी संघ, मोतिहारी एवं मिथिला सब्जी संघ, दरभंगा से मदद ली जा रही है।
किसानों के बीच आलू की खेती के लिए बीज का वितरण हेतु 73 प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समितियों में कुल 7 लाख 91 हजार 73 किलोग्राम आलू की आपूर्ति की गयी।
प्रसंस्कृत किस्म के टमाटर की खेती के लिए पौधे के वितरण देतु 19 प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समितियों में कुल 4 लाख 79 हजार 200 पौधे की आपूर्ति की गयी।
किसानों ने उर्वरक की किल्लत एवं उत्पादन में कमी पर जताई चिंताउधर, चांद प्रखंड में कृषि से जुड़ी समस्याओं को लेकर मंगलवार को गोंई पंचायत के जिगिना गांव में दैनिक जागरण के तत्वावधान में किसान संवाद का आयोजन किया गया।
इसमें किसानों ने खेती करने एवं फसल उत्पादन करने में यूरिया एवं अन्य उर्वरकों की किल्लत व उत्पादन में कमी आने पर चिंता प्रकट की।
किसानों ने कहा कि चांद प्रखंड में सिंचाई की व्यवस्था में किसी तरह का सुधार नहीं किया गया है। पिछले 40 साल से पुरानी सिंचाई की व्यवस्था और खराब हो गई है।
किसानों ने बिहार सरकार से हर खेत तक पानी पहुंचाने के वादे को पूरा करने की मांग की। किसानों ने कहा कि प्रखंड में 80 प्रतिशत खेत में नहरों के पानी से सिंचाई नहीं हो पाती है।
किसान संवाद में शामिल वयरी गांव के अमित रंजन सिंह ने कहा कि लगातार फसल उत्पादन घटने की शिकायत आ रही है। पिछले वर्ष धान फसल का उत्पादन कम हुआ है।
फसल उत्पादन कम होने से किसानों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है। पिछले साल से उर्वरक की किल्लत से किसानों को नुकसान हो रहा है।
सिहोंरिया गांव के निवासी लल्लन शर्मा ने कहा कि धान एवं गेंहू की पैदावार लगातार घटने से छोटे किसानों की कमर टूट गई है।
किसानों को उत्तम बीज एवं कीटनाशक दवा समय से नहीं मिल पाती है। कृषि विभाग किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं देता है।
यह भी पढ़ें-
PM Modi के बाद अब CM नीतीश की बारी, जून तक 25 हजार किसानों को मिलेगी एक और खुशखबरी; हो गया एलान
बिहार के इन किसानों की बल्ले-बल्ले, सीधे बैंक अकाउंट में आएंगे पैसे; ये दस्तावेज जरूरी
Expressway: बिहार के दो बड़े एक्सप्रेसवे को लेकर आ गया नया अपडेट, 13 जिलों में होने जा रहा यह काम
राज्य ब्यूरो, पटना। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने पिछले दिनों पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे और गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे के एलायनमेंट को अपनी अनुमति प्रदान की थी। अब इन दोनों प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण व डीपीआर की प्रक्रिया आगे बढ़नी है।
एनएचएआई से मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार इन दोनों प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण व डीपीआर तैयार किए जाने की प्रक्रिया साथ-साथ चलेगी। इन दोनों परियाेजनाओं के लिए 13 जिलों में जमीन का अधिग्रहण किया जाना है।
अब इस पर है तैयारएनएचएआई के संबंधित अधिकारी ने कहा कि दोनों एक्सप्रेस वे का निर्माण ग्रीन फील्ड प्राेजेक्ट के तहत किया जाना है। इसलिए जमीन अधिग्रहण तो बड़े स्तर पर होना है।
पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 282 किमी है। इस एक्सप्रेस वे के लिए 90 मीटर चौड़ाई में जमीन का अधिग्रहण होना है।
इसके तहत वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा व मधेपुरा जिले में जमीन का अधिग्रहण होना है। लक्ष्य यह है कि अगले छह माह के अंदर इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का काम पूरा हो जाए।
योजना यह है कि जमीन अधिग्रहण और प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर बनाए जाने का काम साथ-साथ चले। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को डीपीआर कंसलटेंट के लिए निविदा करनी है।
वहीं, गोरखपुर -सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे की लंबाई 568 किमी है और बिहार में इसके तहत 417 किमी सड़क का निर्माण कराया जाना है।
इस प्रोजेक्ट के एलायनमेंट के तहत पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया एवं किशनगंज जिले में जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इस प्राेजेक्ट के लिए 100 मीटर चौड़ाई में जमीन का अधिग्रहण होगा।
काला के गठन के लिए संबंधित जिलों को लिखा जा रहाजिन जिलों से दोनों एक्सप्रेस वे गुजर रहे उनके जिलाधिकारियों काे कंपीटेंट आथिरिटी आफ लैंड एक्वजीशन (काला) के गठन के लिए लिखा जा रहा।
सड़क प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण व मुआवजा वितरण की मानीटरिंग काला के माध्यम से ही की जाती है। जमीन की प्रकृति किस तरह की है इस बारे में भी काला की ही रिपोर्ट पर मुआवजा की दर तय होती है।
इन दो परियोजनाओं के लिए इन जिलों में जमीन अधिग्रहण- वैशाली
- समस्तीपुर
- दरभंगा
- सहरसा
- मधेपुरा
- पश्चिमी चंपारण
- पूर्वी चंपारण
- शिवहर
- सीतामढ़ी
- मधुबनी
- सुपौल
- अररिया
- किशनगंज
भैरोगंज में संबंधित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण जर्जर सड़क की मरम्मत नहीं हो रही है। जिसके कारण वाहन चालक एवं राहगीरों को आने-जाने में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। हालांकि
सरकार के द्वारा गांव के नगर से जोड़ने एवं मुख्य सड़क से संपर्क सड़कों को जोड़ने की योजना लगातार चल रहा है। इस पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
इससे लोगों को राहत मिल सके, लेकिन सड़कों के निर्माण का कार्य जिस तरह से किया जाता है, उस हिसाब से इसके रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया जाता है।
इससे सड़कों के टूटने का खतरा बना रहता है। दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है। बेलवा से त्रिभौनी जानेवाली मुख्य सड़क पर भी कुछ ऐसा ही हाल है।
लगभग चार किलोमीटर लंबी यह सड़क बेलवा से त्रिभौनी होते हुए सीधे भैरोगंज को जोड़ती है। इसका लाभ बरवा, त्रिभौनी, तोनवा लक्ष्मीपुर, खरहट ,भैरोगंज गांव इत्यादि दर्जनों गांव के ग्रामीणों को होता है।
यह भी पढ़ें-
आरा में बनने जा रहीं 71 नई सड़कें, नीतीश सरकार ने दी मंजूरी; 100 करोड़ रुपये किए जाएंगे खर्च
Bihar News: नीतीश के बेटे निशांत ने 'सबसे बड़े सवाल' पर दिया रिएक्शन, पिता के लिए NDA से कर दी ये मांग
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार (Nitish Kumar Son Nishant Kumar) आज एक बार फिर से मीडिया के सामने आए और कई सवालों के जवाब दिए। निशांत कुमार इस बार मीडिया के सामने पिता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए फिल्डिंग करते दिखे।
नीतीश कुमार को सीएम का चेहरा घोषित करे NDA?निशांत कुमार ने आने वाले विधानसभा चुनाव में सीएम नीतीश कुमार के लिए वोट करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मैं सभी कार्यकर्ताओं से भी आग्रह करता हूं कि वे बिहार के सीएम नीतीश कुमार की सभी नीतियों को लोगों के बीच ले जाएं। एनडीए को यह भी घोषणा करनी चाहिए कि नीतीश कुमार सीएम का चेहरा हैं। बिहार में उनके नेतृत्व में फिर से सरकार बननी चाहिए।
चुनाव लड़ने के सवाल पर बोले-चलो, चलो रेहालांकि, मीडिया ने जब बड़ा सवाल किया तो वह एक बार फिर से टालते दिखे। दरअसल, मीडिया ने पूछा कि क्या आप राजनीति में सक्रिय होंगे तो इसपर निशांत कुमार ने कहा कि चलो, चलो रे। फिर मीडिया ने पूछा कि क्या आप इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं? निशांत इस प्रश्न का उत्तर दिए बिना आगे बढ़ गए। हालांकि, फिर वह मीडिया के आग्रह पर रुककर अगले सवाल का जवाब देने लगे।
उन्होंने लोगों से अपील की कि वे 2025 के विधानसभा चुनाव में एनडीए को वोट दें। नीतीश कुमार को फिर मुख्यमंत्री बनाएं। नई दिल्ली से लौटने के क्रम में निशांत शुक्रवार को हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
सीएम नीतीश ने अपनी पत्नी मंजू सिन्हा ने दी श्रद्धांजलिमुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को अपनी धर्मपत्नी मंजू सिन्हा की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। राजधानी के कंकड़बाग स्थित स्व. मंजू सिन्हा स्मृति पार्क में उनकी प्रतिमा पर उन्होंने माल्यार्पण किया। बता दें कि नीतीश कुमार की पत्नी का निधन साल 2007 में हो गया था। अपनी पत्नी के निधन पर नीतीश कुमार फूट-फूटकर रोए थे।
बता दें कि 1973 में नीतीश कुमार का विवाह मंजू कुमारी सिन्हा से हुआ था। मंजू कुमारी पटना में एक स्कूल में अध्यापिका थीं। दोनों को सिर्फ एक बेटा निशांत कुमार हैं जो बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान-मेसरा से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैं।
ये भी पढ़ें
PM Modi के बिहार दौरे के बाद NDA में बढ़ेगी राजनीतिक सरगर्मी, नीतीश कैबिनेट को मिलेंगे 6 नए मंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ आलोचकों पर साधा निशाना, बोले- 'गुलामी की मानसिकता में फंसे लोग...'
IIT पटना में हैदराबाद के छात्र ने किया सुसाइड, हाथ की नस काटने के बाद बिल्डिंग की छत से नीचे कूदा
संवाद सूत्र, बिहटा (पटना)। Patna News: बिहार की राजधानी पटना के बिहटा के अमहरा स्थित आईआईटी पटना के कैंपस में आंध्र प्रदेश के एक छात्र ने बिल्डिंग की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली है। घटना के बाद से आईआईटी कैंपस में कोहराम मच गया।
लोगों ने आनन-फानन में जख्मी छात्र को उठाकर बिहटा के एनएसएमसीएच अस्पताल में भर्ती भी करवाया। जहां इलाज के दौरान छात्र की मौत हो गई।
आंध्र प्रदेश का रहने वाला था मृतक छात्रजानकारी के अनुसार, जख्मी छात्र की पहचान आईआईटी के बीएस मैथेमेटिक्स एवं कंप्यूटर साइंस थर्ड ईयर के छात्र राहुल लावेरी के रूप में हुई है।
छात्र राहुल आंध्रप्रदेश के हैदराबाद का निवासी बताया जा रहा है। घटना के बाद कॉलेज में कोहराम मच गया है। घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय पुलिस की टीम एवं आईआईटी निदेशक प्रो. टीएन सिंह सहित समस्त फैकल्टी मौके पर पहुंचे।
तनाव में था छात्रमिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार को आईआईटी पटना कैंपस में एक बिल्डिंग की छत से कूदने वाला छात्रा राहुल लावरी पिछले कुछ दिनों से तनाव में था। वह यहां कंप्यूटर एंड मैथमेटिक्स डिपार्मेंट में थर्ड ईयर में पढ़ाई कर रहा था।
बताया जा रहा है कि बिल्डिंग की छत से कूदने से पहले राहुल ने अपने हाथ की नस काट ली थी। इसके बाद वह छत पर गया और नीचे कूद गया। छात्र के नीचे कूदते ही मौके पर अफरातफरी जैसा माहौल बन गया।
छात्र ने अस्पताल में तोड़ दिया दमइसके बाद स्थानीय लोग उसे तुरंत इलाज के लिए बिहटा के एक निजी अस्पताल ले गए और भर्ती कराया। छात्र ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इधर, इस घटना को लेकर आईआईटी प्रशासन ने अभी कुछ भी स्पष्ट बोलने से इनकार किया है।
वहीं, आईआईटी थाना प्रभारी विवेक कुमार ने बताया कि कैंपस से सूचना मिली है कि एक छात्र ने आत्महत्या कर ली है। कुमार ने छात्र की मौत होने की पुष्टि करते हुए यह भी बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। बता दें कि देश में आए दिन अब बड़े-बड़े संस्थानों में भी छात्र सुसाइड करने लगे हैं जो कि आने वाले जेनरेशन के लिए चिंता का विषय है।
ये भी पढ़ें
Jamui News: लोन रिकवरी एजेंट से शादी रचाने के मामले में नया मोड़, अब कोर्ट ने ले लिया ये फैसला
Dhanbad News: रांची-पटना जन शताब्दी एक्सप्रेस पर बरसाए ताबड़तोड़ पत्थर, खिड़की का शीशा चकनाचूर
Bihar Politics: बिस्कोमान वाले सुनील सिंह ने मार ली बाजी, JDU को लगा झटका; सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में अपनी विधान पार्षद की सदस्यता गंवा चुके राजद नेता सुनील सिंह को सुप्रीम कोर्ट से मंगलवार को बड़ी राहत मिली है।
सर्वोच्च न्यायालय ने सुनील सिंह की सदस्यता बहाल करने का आदेश भी दे दिया है। कोर्ट ने धारा 142 का इस्तेमाल करते हुए यह आदेश जारी किया है। इसके साथ ही कोर्ट की ओर से आचार समिति की जारी अधिसूचना भी रद कर दिया है।
सुनील सिंह पर नीतीश कुमार की मिमिक्री करने का आरोपबता दें कि राजद नेता सुनील सिंह पर विधानमंडल के सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद-विवाद के समय नीतीश कुमार की मिमिक्री करने के आरोप लगा था।
इस आरोप के बाद जदयू एमएलसी की शिकायत पर मामले की जांच के लिए एक समिति बनाई गई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में सुनील सिंह को नीतीश कुमार की मिमिक्री करने की बात कही और इसे अनुशासनहीनता माना था।
26 जुलाई को सुनील सिंह की सदस्यता रद करने की घोषणा हुई थीइसके बाद समिति की अनुशंसा पर विधान परिषद के सभापति ने 26 जुलाई को सुनील सिंह की सदस्यता रद करने की घोषणा की थी।
सदस्यता रद होने के बाद राजद नेता सुनील सिंह ने इसे नीतीश कुमार का तालिबानी शासन करार दिया था और इसे उनके खिलाफ बोलने वाले को डराने वाला निर्णय भी बताया था।
सुनील सिंह ने मामले को सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौतीसदस्यता रद होने के बाद इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। दूसरी ओर सुनील सिंह ने आचार समिति के सभापति से लिखित में मांगा था कि उन्हें बताया जाए कि उनका (सुनील सिंह का) दोष क्या है और उन्हें किस मामले में दंडित किया जा रहा है। सिंह के इस सवाल के जवाब में उन्हें कोई भी साक्ष्य, तथ्य या सबूत नहीं दिया गया था।
सुनील सिंह की राजनीतिक पहचान के साथ ही उनकी एक पहचान यह भी है कि बिस्कोमान के अध्यक्ष के साथ ही राजद सुप्रीमो लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई भी कहे जाते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनील सिंह को ऐसे बयान न देने की दी चेतावनीइधर, मंगलवार को शीर्ष अदालत ने इस मामले में कहा कि जुलाई 2024 से सुनील कुमार सिंह की ओर से गुजारे गए निष्कासन की अवधि को ही निलंबन माना जाएगा।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बिहार विधान परिषद में आरजेडी एमएलसी सुनील कुमार सिंह की सीट के लिए उपचुनाव की घोषणा करने वाली चुनाव आयोग की अधिसूचना को खारिज भी कर दिया।
इतना ही नहीं; कोर्ट ने इसके साथ राजद नेता सुनील सिंह को भी भविष्य में इस तरह के बयान देने से बचने की चेतावनी दी।
यह भी पढ़ें
Bihar Politics: 'कांग्रेस ऊंट.. हम गिलहरी..', Pappu Yadav ने क्यों कह दिया ऐसा? लालू यादव पर भी बोले
Bihar Politics: सरकार बनते ही प्रशांत किशोर इन 5 बड़े कामों को करेंगे पूरा, भरी सभा में कर दिया एलान
Bihar Politics: सरकार बनते ही प्रशांत किशोर इन 5 बड़े कामों को करेंगे पूरा, भरी सभा में कर दिया एलान
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News : जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) ने बिहार सत्याग्रह आश्रम से अंबेडकर वाहिनी प्रदेश कार्यसमिति बैठक के जरिए आंबेडकर संवाद किया। उन्होंने अपने दो वर्ष के पदयात्रा के अनुभव से अनुसूचित समाज में क्या दशा और भागीदारी है इसपर चर्चा की।
अनुसूचित जाति के लिए 5 बड़े काम किए जाएंगेप्रशांत किशोर ने बताया बिहार में जो जातीय जनगणना हुई उसमें भयानक आंकड़ा देखने को मिला। जिसमें आजादी के 78 साल बाद भी अनुसूचित जाति के सिर्फ तीन प्रतिशत बच्चे ही 12वीं कक्षा पास करते हैं।
यानी, 100 में सिर्फ तीन ही बच्चे 12वीं कक्षा पास करते हैं, इसलिए बाबा साहब ने कहा था कि सबसे पहले हमें शिक्षित बनना है फिर संगठित होकर संघर्ष करना हैं।
- उन्होंने ने कहा कि बिहार के युवाओं को मोबाइल के माध्यम कैसे आत्मनिर्भर बनाना है इसका भी मंत्र दिया।
- पीके ने बताया कि हमलोगों को हर गांव से 10 सक्रिय युवाओं को निकलना है
- उन्हें सत्याग्रह आश्रम में पांच दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा
- प्रशिक्षण के माध्यम से हम उन्हें 5 से 10 हजार कमाने के लायक बनाएंगे। जिससे उन्हें बाहर मजदूरी करने नहीं जाना पड़ेगा।
- हम उन्हें फोन के जरिए रोजगार पाना सिखाएंगे।
प्रधानमंत्री की बिहार यात्रा और भागलपुर में उनके भाषण के बाद बिहार कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि मोदी के वादों का क्या है। वादे हैं और वादे ही रहेंगे। उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि मोदी की बातें मतलब फरेब की नई पैकेजिंग और झूठ की नई किस्त। वे एक बड़े जुमलेबाज हैं और उनकी बातें झूठ का पुलिंदा होती हैं।
पीएम मोदी झूठ की दुकान चलाते हैंकांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बीते 10 वर्षो में मोदी के बिहार दौरों के विश्लेषण से यह बात साफ होती है कि वे झूठ की दुकान चलाते हैं और किस्तों में आपूर्ति करते हैं। मोदी-नीतीश की जुगलबंदी बिहार के लिए आपदा साबित हुई है। उनके वादों और वादा खिलाफी की लंबी सूची है। गिनाने बैठों तो कई दिन लग जाएंगे
डॉ. अखिलेश सिंह ने कहा कि पीएम ने 18 अगस्त 2015 को पूर्णिया में एयरपोर्ट बनाने का वादा किया था। लोगों ने आज तक एयरपोर्ट का मुंह तक नहीं देखा। 2019 की एक रैली में मोदी ने मुजफ्फरपुर के पताही एयरपोर्ट को चालू करने का आश्वासन दिया था। 2015 में बिहार की जनता से 1.25 लाख करोड़ के पैकेज का बड़ा वादा किया था।
जबकि, नीतीश कुमार ने रहस्योदघाटन किया कि मात्र 17 हजार करोड़ ही मिले। अब सड़क परिवहन और राजमार्ग की बात करते हैं मंत्रालय की जानकारी के अनुसारए 44 नियोजित राष्ट्रीय राजमार्गों में से 27 अभी भी अधूरे हैं। बाकी 17 के लिए अब तक डीपीआर तक तैयार नहीं हुआ है।
ये भी पढ़ें
PM Modi के बिहार दौरे के बाद NDA में बढ़ेगी राजनीतिक सरगर्मी, नीतीश कैबिनेट को मिलेंगे 6 नए मंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ आलोचकों पर साधा निशाना, बोले- 'गुलामी की मानसिकता में फंसे लोग...'
Bihar Weather Today: 28 फरवरी से बिहार में बदलेगा मौसम का मिजाज, पटना समेत 8 जिलों में दिखेगा असर
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News: बिहार के उत्तरी भागों में हुई वर्षा का असर तापमान पर पड़ा है। अधिकतम तापमान में एक से तीन डिग्री की गिरावट व पटना समेत अधिसंख्य भागों के न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। बिहार में न्यूनतम तापमान 11.8 से 18.3 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया। बीते 24 घंटों के दौरान सुपौल के भीमनगर में 22.4 मिमी व बीरपुर में 8.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
28 फरवरी से 1 मार्च के दौरान बिहार में होगी बारिशमौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, गांगेय पश्चिम बंगाल व दक्षिण छत्तीसगढ़ व ओडिशा के आसपास चक्रवताीय परिसंचरण का क्षेत्र बना हुआ है। इनके प्रभाव से तराई वाले इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे।
इन 8 जिलों में बारिश का अलर्ट28 फरवरी से एक मार्च के दौरान पटना, गया, मुंगेर, भागलपुर, गोपालगंज, नालंदा, नवादा समेत दक्षिणी भागों के एक या दो स्थानों पर हल्की वर्षा की संभावना है। शेष जिलों का मौसम सामान्य बना रहेगा।
सोमवार को कैसा रहा मौसमसोमवार को पटना का अधिकतम तापमान 28.0 डिग्री सेल्सियस व शेखपुरा में 29.8 डिग्री सेल्सियस के साथ अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। पटना व आसपास इलाकों में सुबह के समय हल्की धुंध के बाद धूप निकलने से मौसम सामान्य बना रहा। बादल छाए रहने के साथ नमी युक्त वातावरण बना रहा। पटना समेत 20 शहरों के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई।
बांका में बारिश ने किसानों के चेहरे पर लाई खुशीबांका में कुछ जगहों पर रविवार की सुबह हुई वर्षा ने किसानों के मुरझाये चेहरे पर खुशी ला दी है। वर्षा खासकर गेहूं, मकई, सरसों, आम की फसल के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। लेकिन दलहन फसल में चना को आंशिक क्षति होने की संभावना है। बताते चलें कि फरवरी के पहले सप्ताह में ही मौसम के बदले मिजाज से तापमान में बढोत्तरी हो गई थी।
इससे गेंहू की फसल काफी प्रभावित हो रहा था। इसको लेकर किसानों में गेहूं के उत्पादन में प्रतिकूल असर पड़ने की चिंता सताने लगी थी। मौसम अचानक बदलने का मुख्य कारण दिसंबर एवं जनवरी महीना में वर्षा नहीं होना भी बताया जा रहा है।
सोमवार की वर्षा से किसानों ने राहत का सांस लिया है। क्षेत्र में लगभग एक हजार हेक्टेयर में आम के पेड़ हैं। पेड़ मंजर से लदे हैं।
किसानों की मानें तो वर्षा आम के मंजर के लिए संजीवनी साबित हुआ है। जिस रफ्तार से आम के मंजर में कीट का प्रकोप बढ़ रहा था। किसान महंगे कीटनाशक दवा का छिड़काव कर रहे थे। किसान संजीव मिश्रा, मंटू हरिजन, रामू हरिजन आदि ने बताया कि वर्षा से पटवन का खर्च किसानों का बच गया है।
लेकिन वर्षा होने के साथ 267 रूपया की बोरी यूरिया तीन से चार सौ रुपया में कालाबाजारी में खरीदना पड़ा। बीएओ विनय कुमार पाठक कहते हैं कि क्षेत्र में छिटपुट वर्षा हुई है।
कुछेक पंचायत में अपेक्षाकृत अच्छी वर्षा हुई है। वर्षा से गेहूं, मकई, सरसों एवं आम के फसल को काफी फायदा होगा। इससे उत्पादन भी अच्छे होने के आसार हैं।
ये भी पढ़ें
Earthquake in Ranchi: रांची में भूकंप से कांपी धरती, सुबह 6 बजे लोगों ने महसूस किए झटके
Earthquake In Kolkata: बंगाल की खाड़ी में 5.1 तीव्रता का भूकंप, कोलकाता समेत कई जिलों में कांपी धरती
Bihar Board 10th Exam: आज समाप्त हो जाएगी मैट्रिक की परीक्षा, कब आएगा रिजल्ट? बिहार बोर्ड ने दी ताजा जानकारी
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) द्वारा आयोजित की जा रही मैट्रिक की परीक्षा मंगलवार को समाप्त हो जाएगी।
परीक्षा समिति के अनुसार मैट्रिक परीक्षा का परिणाम अप्रैल के पहले सप्ताह में जारी किया जाएगा। परीक्षा के आठवें और अंतिम दिन 25 फरवरी को परीक्षा केवल प्रथम पाली में आयोजित होगी।
पहली पाली की परीक्षा सुबह 9.30 से 12.45 बजे तक संचालित होगी। परीक्षा के अंतिम दिन पहली पाली में व्यावसायिक ऐच्छिक विषयों के अंतर्गत सुरक्षा, ब्यूटिशियन, टूरिज्म, इलेक्ट्रानिक्स एंड हार्डवेय, ब्यूटी एंड वेलनेस, टेलीकाम एवं आइटी, आइटीज ट्रेड विषयों की परीक्षा होगी।
73 परीक्षा केंद्रों पर शांतिपूर्ण माहौल परीक्षा संचालित हुईमैट्रिक परीक्षा के सातवें दिन, 24 फरवरी को पहली पाली में सुबह 9.30 से दोपहर 12.45 बजे तक ऐच्छिक विषयों के अंतर्गत उच्च गणित, वाणिज्य, अर्थशास्त्र, फारसी, संस्कृत, अरबी एवं मैथिली विषय तथा सुबह 9.30 बजे से 12.15 बजे तक ललित कला, गृह विज्ञान, नृत्य एवं संगीत विषयों की परीक्षा आयोजित हुई।
इसी तरह दूसरी पाली में दोपहर दो बजे से 5.15 बजे तक उच्च गणित, वाणिज्य, अर्थशास्त्र, फारसी, संस्कृत, अरबी एवं मैथिली विषय तथा दोपहर दो बजे से 4.45 बजे तक ललित कला, गृह विज्ञान, नृत्य एवं संगीत विषयों की परीक्षा आयोजित हुई।
पटना जिले में भी दोनों पालियों में सभी 73 परीक्षा केंद्रों पर शांतिपूर्ण माहौल परीक्षा संचालित हुई। परीक्षा समिति के अनुसार परीक्षा के सातवें दिन पूरे राज्य भर निष्कासन शून्य रहा।
मैट्रिक वार्षिक परीक्षा में नौ परीक्षार्थी अनुपस्थितबिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा आयोजित मैट्रिक वार्षिक परीक्षा शुरू है। गया के अलावे बोधगया, मानपुर, शेरघाटी, खिजरसराय एवं टिकारी से बनाए गए 59 केंद्र पर सोमवार को दोनों पाली में उच्च गणित की परीक्षा थी।
पहली पाली में 237 परीक्षार्थियों को परीक्षा देने आना था, लेकिन 231 परीक्षार्थी ही परीक्षा देने पहुंचे। छह परीक्षार्थी परीक्षा देने नहीं पहुंचे।
वहीं दूसरी पाली में 200 में 197 परीक्षार्थी परीक्षा देने आए। तीन परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। जिला शिक्षा पदाधिकारी डॉ ओम प्रकाश का कहना है कि सभी केंद्रों पर शांति पूर्ण परीक्षा हुई। दोनों पाली की परीक्षा से नौ परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। एक भी परीक्षार्थी निष्कासित नहीं हुए हैं।
जहानाबाद में चार परीक्षार्थी अनुपस्थित- बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना द्वारा आयोजित वार्षिक माध्यमिक परीक्षा स्वच्छ, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण एवं कदाचार रहित वातावरण में सफलतापूर्वक आयोजित किया जा रहा है।
- मैट्रिक परीक्षा स्वच्छ एवं शांतिपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हो इस लिए गश्ती,जोनल एवं सुपर जोनल पदाधिकारियों द्वारा परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण भी किया जा रहा है।
- सोमवार को प्रथम पाली में कुल परीक्षार्थी 146 में से 143 शामिल हुए तथा तीन परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। द्वितीय पाली में कुल परीक्षार्थी 61 में से 60 शामिल हुए तथा एक परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे।
यह भी पढ़ें-
बिहार बोर्ड के मैट्रिक और इंटर का रिजल्ट कब आएगा? अब नई जानकारी आई सामने
बिहार बोर्ड क्लास 10th गणित की परीक्षा खत्म, स्टूडेंट्स से जानें कैसा रहा पेपर
PM Modi के बाद अब CM नीतीश की बारी, जून तक 25 हजार किसानों को मिलेगी एक और खुशखबरी; हो गया एलान
राज्य ब्यूरो, पटना। पीएम मोदी ने किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त सोमवार को जारी की। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बारी है। वह भी जल्द बिहार के 25 हजार किसानों को खुशखबरी देने वाले हैं।
दरअसल, लघु जल संसाधन विभाग चालू वित्तीय वर्ष में 1.88 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का पानी पहुंचाएगा। विभाग के मंत्री संतोष सुमन ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के संवाद कक्ष में सोमवार को यह दावा किया है।
1516 योजनाओं को स्वीकृति दी गईपत्रकारों से मंत्री ने बताया कि लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2332 करोड़ की 1516 योजनाओं को स्वीकृति दी गई है। इसके पहले 1.12 लाख हेक्टेयर में सिंचाई का पानी पहुंचाया गया है।
हर खेत तक सिंचाई का पानी योजना के तहत इस क्षेत्र की पुनर्स्थापना की गई है। सुमन ने कहा कि मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना में 35000 निजी नलकूपों के अधिष्ठापन की योजना है।
इससे 1.75 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का पानी पहुंचाया जाएगा। विभाग ने इसके लिए 33.52 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। अबतक 10279 नलकूप लगाए जा चुके हैं।
जून तक 25 हजार और किसानों को मुख्यमंत्री निजी नलकूप का लाभ मिलेगा। मंत्री के अनुसार जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत इस साल 260.30 करोड़ की 139 योजनाओं को मंजूरी दी गई है।
इनके पूरा होने के बाद 25822 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का पानी पहुंचेगा। इसके पहले वित्तीय वर्ष 2023-24 तक 2340 करोड़ रुपये की 2377 योजनाओं की स्वीकृति दी गई है।
इनमें 2217 योजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इससे 2.28 लाख हेक्टेयर में सिंचाई का पानी पहुंचाया गया है। इस अवसर पर विभाग के सचिव संदीप कुमार आर. पुडकलकट्टी, अभियंता प्रमुख सुनील कुमार मौजूद थे।
हर खेत तक पहुंचेगा सिंचाई का पानी- मंत्री ने बताया कि हर खेत तक सिंचाई का पानी योजना के तहत वर्ष 2023-24 तक 1140 करोड रुपये की 981 योजनाओं को मंजूरी दी गई थी, इनमें से 765 योजनाएं पूरी हो चुकी है।
- इन योजनाओं को पूरा करने के लिए 1140 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने दावा किया कि जून 2025 हर खेत तक सिंचाई का पानी का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा।
प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि योजना के तहत किसानों को मिलने वाली अगली किस्त का इंतजार अब खत्म हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भागलपुर से करायपरसुराय प्रखंड के 4584 किसानों के खाते में इस योजना के तहत राशि ट्रांसफर किया। इससे किसानों को काफी राहत मिली है।
करायपरसुराय के बीएओ जन्मेजय प्रसाद सिन्हा ने कहा कि प्रखंड के सात पंचायत डियांवा, मकरौता, सांध, बेरथू, करायपरसुराय, मखदुमपुर तथा गोंदूविगहा पंचायत के 4584 किसानों के खाते में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 19वीं किस्त की दो हजार रुपए की राशि ट्रांसफर की गई है। इससे किसानों को खेती किसानी और अन्य जरूरत की पूर्ति में मदद मिली है।
यह भी पढ़ें-
'बिहार और बिहारियों की गजब...', पीएम के भाषण के बाद क्या बोले तेजस्वी यादव? जमकर किया कटाक्ष
Bihar News: बिहार में बड़े पैमाने पर हुआ तबादला, कई BDO हुए इधर से उधर; जारी हुआ नया नोटिफिकेशन
राज्य ब्यूरो, पटना। ग्रामीण विकास विभाग ने सोमवार को बड़े पैमाने पर अधिकारियों के तबादले कर दिए। इधर-उधर किए गए कर्मियों में 83 ग्रामीण विकास पदाधिकारी/ प्रखंड विकास पदाधिकारी सम्मिलित हैं। इसमें पदस्थान की प्रतीक्षा कर रहे बीडीओ भी के नाम भी सम्मिलित है।
अधिसूचना के अनुसार विभिन्न जिलों में कार्यरत 30 ग्रामीण विकास पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी को मूल कोटि के पद ग्रामीण विकास पदाधिकार बनाया गया है।
हटाए जायेंगे अतिरिक्त प्रभार में रहे पंचायत सचिव और आवास सहायकउधर, नालंदा जिले में चंडी पंचायत समिति की बैठक सोमवार को प्रमुख पिंकू देवी की अध्यक्षता में हुई। इसका संचालन बीडीओ राजदेव कुमार रजक ने किया।
बैठक की कार्यवाही शुरु होते ही कुछ मुखिया यह कहते हुए बाहर निकल गए कि आज ही पीडीआई का प्रशिक्षण भी है। दोनों एक साथ कैसे हो सकता है।
प्रमुख ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के पंद्रहवीं वित्त व मनरेगा का योजना पारित किया गया। एक पंचायत सचिवों के जिम्मे पांच-पांच पंचायत की जिम्मेदारी को लेकर प्रश्न उठा।
उन्हें एक सप्ताह के अंदर हटाने का प्रस्ताव पारित किया गया। आवास सहायक कल्पना कुमारी को तीन पंचायतों की जिम्मेदारी से मुक्त करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
प्रमुख ने खुलासा किया कि प्रखंड में पक्के मकान वाले को पीएम आवास का लाभ दिया गया। जिसे बीडीओ के नेतृव में एक जांच कमिटी बनाकर जांच करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
तुलसीगढ़ पंचायत में मनरेगा के अंतगर्त अविलंब पंचायत समिति की योजना से कार्य का प्रस्ताव पारित किया गया। ग्रामसभा की कार्यवाही प्रति पंचायत समिति की बैठक में प्रस्तुत नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई।
सप्ताह भर के अंदर इसे प्रस्तुत करने का प्रस्ताव लाया गया। हसनी पंचायत में रोजगार सेवक द्वारा पीएम आवास का सर्वे विचौलियों के माध्यम से करवाने का मामला उठा।
रोजगार सेवक के विरुद्ध कार्रवाई का प्रस्ताव लाया गया। मौके पर उप प्रमुख दयाशंकर यादव, पंचायत समिति सदस्य रेशमी देवी, अनिल कुमार सहित अन्य उपस्थित थे।
पीएम आवास सर्वे को लेकर छिड़ी बहस- पीएम आवास सर्वे में कथित मनमानी और अनियमितता को लेकर बैठक में तीखी बहस हुई। इसकी जांच के समिति गठित करने का प्रस्ताव लाया गया।
- वहीं, पंचायत और पंचायत समिति में आमने सामने वाली स्थिति दिखी। प्रमुख का कहना था कि पीएम आवास सर्वे में हो रही अनियमितता का पंचायत समिति सदस्य विरोध करते हैं।
- इस कारण कुछ मुखिया नाराज हैं। इस कारण कुछ मुखिया बैठक से बाहर चले गए।
यह भी पढ़ें-
बिहार में 5 IPS अधिकारियों का ट्रांसफर, ट्रैफिक ADG को मिली नई जिम्मेदारी; यहां देखें लिस्ट
बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू, 1.90 लाख आवेदनों की होगी जांच
Bihar Politics: 'बिहार और बिहारियों की गजब...', पीएम के भाषण के बाद क्या बोले तेजस्वी यादव? जमकर किया कटाक्ष
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भागलपुर दौरे पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रश्न खड़े किए हैं। साथ ही कटाक्ष भी किया है।
उन्होंने कहा है कि अब सर्वविदित है कि चुनावी वर्ष में आगामी कुछ महीनों तक प्रधानमंत्री मोदी को बिहार और बिहारियों की गजब चिंता सताएगी।
इस वर्ष उन्हें गंगा मैया, छठी मैया, जानकी मैया, माता सीता, ब्रह्म बाबा, महादेव, सूर्य देव, महात्मा बुद्ध, गुरु गोविंद सिंह, जननायक कर्पूरी ठाकुर, लिट्ठी-चोखा, ठेकुआ, मखाना, आम, लीची, सिल्क उद्योग, कथित विशेष पैकेज इत्यादि सब की जुबानी याद आएगी।
बिहार को कुछ भी विशेष नहीं मिला- तेजस्वीउन्होंने कहा कि ऐसी याद की भाव-विभोर भी हो सकते है। तेजस्वी ने कहा है कि प्रदेश में 20 वर्षों से उनकी एनडीए की सरकार और केंद्र में 11 वर्षों से है।
बिहार को कुछ भी विशेष नहीं मिला है और ना ही मिलने की उम्मीद है। बिहारवासी अब झूठ, जुमले और प्रचार नहीं चाहते।
मनोज झा ने भी साधा निशानादूसरी तरफ, राजद सांसद मनोज झा ने भी पीएम मोदी के भाषण को लेकर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि चुनाव नजदीक आते ही प्रधानमंत्री अपना वैचारिक और भाषाई संतुलन खो बैठते हैं।
उन्होंने कहा कि पीएम को इतिहास पलटकर देखना चाहिए। जिसे वे जंगल राज कह रहे हैं, अगर उत्तर भारत में लालू यादव और कर्पूरी ठाकुर न होते तो उनकी अपनी पार्टी उनका सम्मान नहीं करती।
मनोज झा ने कहा कि बिहार में किसानों की समस्याएं देश के बाकी हिस्सों से अलग हैं। प्रधानमंत्री जी, बयानबाजी मत कीजिए, जमीन पर उतरिए और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दीजिए।
उन्होंने कहा कि हम आपके राज्य गुजरात की तरह खड़े होना चाहते हैं। अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो यह बिहार के लिए आपकी नीयत को दर्शाता है।
पीएम ने पूछा मंत्री रामनाथ ठाकुर का हालचाल- हवाई अड्डा परिसर में प्रधानमंत्री की सभा के दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने संबोधित किया। भाषण देने के बाद प्रधानमंत्री ने रामनाथ का हालचाल जाना।
- दरअसल मंत्री रामनाथ के पैर में चोट लगी हैं। बौकड़ी के सहारे चलते हुए पीएम के पास पहुंचे, इसके बाद मंत्री से पैर में चोट लगाने की वजह की जानकारी ली। इसके बाद मंत्री कुर्सी पर बैठे।
हवाई अड्डा परिसर में आयोजित सभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंच पर प्रधानमंत्री से पांच मिनट पहले पहुंच गए। इससे पहले राज्यपाल भी पहुंच चुके।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच पीएम की कुर्सी लगी थी। इस दौरान पीएम की कुर्सी के पास खड़े होकर राज्यपाल से मुख्यमंत्री कुछ चर्चा करने लगे।
इसी बीच पीएम के मंच पर प्रवेश करने की घोषणा होने लगी। सुरक्षा कर्मी ने मुख्यमंत्री को उनकी कुर्सी पर बैठाने का आग्रह किया। इसके बाद मुख्यमंत्री अपनी निर्धारित कुर्सी पर विराजमान हुए।
यह भी पढ़ें-
'बिहार से किए ये पुराने वादें कब होंगे पूरे', पीएम मोदी के दौरे से पहले जयराम रमेश ने पूछे चार सवाल
31 मार्च के बाद इन 600 कर्मियों की हो जाएगी परमानेंट छुट्टी, बजट की कमी के चलते नीतीश सरकार ने लिया बड़ा फैसला
राज्य ब्यूरो, पटना। 31 मार्च के बाद आउटसोर्स एजेसिंयों के माध्यम से मध्याह्न भोजन योजना के तहत प्रखंडों और जिलों में कार्यरत करीब 600 कर्मचारियों की सेवा समाप्त होगी।
इसको लेकर मध्याह्न भोजन निदेशालय की ओर से सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया गया है।
मध्याह्न भोजन निदेशालय के आदेश में कहा गया है कि बजट के अभाव में यह निर्णय लिया गया है। जिलों को जारी आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि 31 मार्च के बाद कोई कर्मचारी कार्य पर रहेंगे तो इसकी सारी जवाबदेही आपकी होगी।
निदेशक सतीश चंद्र झा ने सोमवार को यह आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि जिन कर्मियों की नितांत आवश्यकता होगी, उनकी सेवा बरकरार रखने के लिए मुख्यालय से अनुमति प्राप्त करने के बाद ही निर्णय लिया जा सकेगा।
2500 आंगनबाड़ी केंद्र भवनों के निर्माण पर खर्च होगा तीन सौ करोड़- नाबार्ड ग्रामीण आधारभूत संरचना विकास निधि (आरआइडीएफ) मद से राज्य में 2500 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए निर्माण के लिए 255 करोड़ करोड़ा का ऋण राज्य सरकार को दिया है।
- इस निर्माण पर तीन सौ करोड़ रुपये खर्च होना है। बांकी 45 करोड़ राज्य योजना मद से व्यय की स्वीकृति दी गई है। इससे आंगनबाड़ी केंद्र भवनों का निर्माण किया जाएगा।
- यह पहल राज्य में आंगनबाड़ी केंद्रों को सुदृढ़ करने, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की जा रही है।
- यह कार्य समाज कल्याण विभाग के समेकित बाल विकास सेवा निदेशालय करेगा। प्रति आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए 12 लाख निर्धारित किया गया है।
- इस निर्माण कार्य को एक वर्ष की अवधि में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण के लिए धनराशि जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को उपलब्ध कराई जाएगी।
- निर्माण एजेंसी को 50 प्रतिशत राशि अग्रिम रूप से दी जाएगी और बाकी किश्तें निर्माण की प्रगति के आधार पर प्रदान की जाएगी।
- निर्माण कार्य की गुणवत्ता एवं समयबद्ध प्रगति सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक एवं तकनीकी टीमों द्वारा नियमित निरीक्षण किया जाएगा।
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा को दो वर्षीय बीएड एवं शिक्षा शास्त्री प्रवेश परीक्षा 2025 के लिए फिर से नोडल विश्वविद्यालय बनाया गया है।
कुलपति के नाम इससे संबंधित पत्र राजभवन पटना द्वारा सोमवार को विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ। कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने लगातार छठी बार मिथिला विश्वविद्यालय को यह महती दायित्व प्रदान करने के लिए राज्यपाल के प्रति आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि यह गौरव की बात है कि 2020 से लगातार राज्यस्तरीय बीएड प्रवेश परीक्षा यह विश्वविद्यालय सफलतापूर्वक आयोजित कर रहा है।
इस बार भी राजभवन के दिशा-निर्देश और नियम के अनुरूप नामांकन संबंधी संपूर्ण प्रक्रिया पूरी की जाएगी। 2024 में लगभग शत-प्रतिशत नामांकन हुआ। विश्वविद्यालय का प्रयास रहेगा कि यह मानक कायम रहे।
यह भी पढ़ें-
Bihar News: 1 अप्रैल से बिहार में इन लोगों को नहीं मिलेगा राशन! सरकार ने जारी किया नया नोटिफिकेशन
'बिहार से किए ये पुराने वादें कब होंगे पूरे', पीएम मोदी के दौरे से पहले जयराम रमेश ने पूछे चार सवाल
Bihar News: 1 अप्रैल से बिहार में इन लोगों को नहीं मिलेगा राशन! सरकार ने जारी किया नया नोटिफिकेशन
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में जिन राशन कार्डधारकों ने आधार सीडिंग नहीं कराया है, उनके लिए राशन कार्ड से आधार सीडिंग कराने का यह आखिरी मौका है।
सरकार ने 31 मार्च तक राशन कार्ड से आधार सीडिंग कराने की सुविधा दी है। इसके बाद जिन लाभुकों का राशन कार्ड से आधार लिंक नहीं होगा, उनका राशन कार्ड स्वत रद हो जाएगा।
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने जारी किया नया दिशा-निर्देशइस संबंध में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने सभी जिलों काे दिशा-निर्देश जारी किया है। निर्देश के मुताबिक खाद्य सुरक्षा योजना के दायरे में शामिल हर लाभुक का राशन कार्ड से आधार सीडिंग कराना अनिवार्य है।
खास बात यह कि राशनकार्ड में अंकित प्रत्येक सदस्य के लिए आधार संख्या की सीडिंग अनिवार्य की गई है। राशनकार्ड में अंकित किसी सदस्य की आधार सीडिंग नहीं करवाने पर उस सदस्य के खाद्यान्न लाभ नहीं मिलेगा यानी ऐसे लाभुक परिवार वंचित हो सकता है।
महत्वपूर्ण बात यह कि विभाग द्वारा ई-केवाईसी की प्रक्रिया को सुलभ बनाने के लिए अब फेसियल ई-केवाईसी की सुविधा शुरू कर की गई है।
जरूरतमंद लोगों को खाद्यान्न मिलना सुनिश्चित हो, इसके लिए सरकार ने राशनकार्ड में अंकित सभी सदस्यों के आधार सीडिंग को अनिवार्य किया है। यह केंद्र सरकार के निर्देश के आलोक में किया जा रहा है।
सभी राशन कार्डधारियों से किया गया अनुरोध- खाद्य और उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने राज्य के सभी राशन कार्डधारियों से अनुरोध किया है कि वे अपने राशन कार्ड में अंकित प्रत्येक सदस्य की आधार सीडिंग तय तिथि के अंदर सुनिश्चित करा लें।
- इसके लिए प्रत्येक सदस्य देश के किसी भी राज्य के लक्षित जन वितरण प्रणाली विक्रेता की दुकान पर जाकर निशुल्क आधार सीडिंग करा सकते हैं।
- अगर किसी राशन कार्ड में अंकित किसी सदस्य आधार सीडिंग 21 मार्च तक नहीं की जाएगी तो ऐसे सदस्य का नाम राशन कार्ड से एक अप्रैल के प्रभाव से खत्म हो जाएगा।
बिजली कंपनी के सीएमडी सह ऊर्जा सचिव पंकज कुमार पाल ने विभाग के अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि रेवन्यू मैनेजमेंट सिस्टम (आरएमएस) को इसी वर्ष से लाइव किया जाए।
इस सिस्टम के माध्यम से बिलिंग प्रक्रिया को सुदृढ़ व पारदर्शी किया जाएगा। इस संबंध में बताया गया कि वर्तमान में दो अलग-अलग सिस्टम एसएपी और एनआईसी के माध्यम से ग्रामीण व शहरी उपभोक्ताओं की बिलिंग का प्रबंधन किया जाता है।
इससे समन्वय में कठिनाई होती है। इन सभी को एकीकृत प्लेटफार्म पर लाने के लिए आरएमएस प्रणाली को विकसित किया गया है।
इस नयी प्रणाली के तहत पोस्टपेड व प्रीपेड दोनों प्रकार की बिलिंग को एक ही प्लेटफार्म पर लाया जाएगा। इससे उपभोक्ताओं को अधिक सटीक और समय पर बिलिंग की सुविधा मिलेगी।
आरएमएस के माध्यम से बिलिंग सिस्टम डिजिटली रुप से अधिक सक्षम होगा। उपभोक्ताओं को निर्बाध सेवा मिलेगी।
ऊर्जा सचिव ने अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि आरएमएस सिस्टम को यथाशीघ्र लाइव किया जाए ताकि उपभोक्ताओं को इसका लाभ जल्द मिल सके और राजस्व संग्रहण प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
यह भी पढ़ें-
28 फरवरी है लास्ट डेट, E-KYC नहीं कराई तो 11 लाख लोगों को नाम राशन कार्ड से कटेगा
अब घर बैठे करें राशन कार्ड की फेशियल ई-केवाईसी, मोबाइल पर डाउनलोड करें ये App
बिहटा में बनेगा IOCL का पेट्रोलियम भंडारण टर्मिनल, डीएम ने दी जानकारी; सभी अंचलाधिकारियों को भी मिल गया नया टास्क
जागरण संवाददाता, पटना। राज्य संपोषित एवं केंद्रीय 30 से अधिक परियोजनाएं पटना जिले में बेहतर तरीके से क्रियान्वित की जा रही हैं।
इनकी लागत एक लाख करोड़ से अधिक होने की संभावना है। इनमें 16,492 करोड़ की तो राष्ट्रीय राजमार्ग की ही 12 परियोजनाएं शामिल हैं।
जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने सोमवार को परियोजना अनुश्रवण समूह की बैठक में यह कहा। उन्होंने बताया कि जिला में इन परियोजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर तरीके से किया जा रहा है।
पटना मेट्रो, पथ निर्माण, बीएसआरडीसीएल, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड इत्यादि की परियोजनाओं की विवरणी तैयार की जा रही है।
अरण्य भवन के पास बनेगा गेल का कार्यालय- जिलाधिकारी ने कहा कि आइओसीएल पेट्रोलियम भंडारण टर्मिनल के निर्माण के लिए बिहटा अंचल में अधिग्रहण की कार्रवाई की जा रही है।
- रेलवे की 20.22 एकड़ कैसरे हिंद भूमि के हस्तानांतरण के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को पत्र भेजा गया है।
- गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के गर्दनीबाग में सीएनजी स्टेशन निर्माण के लिए भवन निर्माण विभाग ने मौजा ढ़क्कनपुरा में भूमि की एनओसी निर्गत की है।
- गेल के कार्यालय निर्माण को अरण्य भवन के पास समनपुरा में एक हजार वर्ग मीटर की भूमि चिह्नित की गई। इन मामलों में अपर समाहर्ता को आगे की कार्रवाई का निर्देश दिया गया। इतनी अधिक संख्या में विकास योजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन पर जिलाधिकारी ने हर्ष जताया।
दानापुर-बिहटा एलिवेटेड कारिडोर के लिए 22 गांव में भू अधिग्रहण की कार्रवाई की गई है। कार्य एजेंसी ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश के आलोक में सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पहले ही पूरी कर ली गई है।
जिलाधिकारी ने एसडीओ को बिहटा में एयरफोर्स स्टेशन के पास चारदीवारी, ईएसआइसी हॉस्पिटल के पास बियाडा की भूमि पर अवस्थित एनडीआरएफ भवन तथा शिवाला चौक के पास एक अन्य केंद्रीय विभाग की संरचना की चारदीवारी को आवश्यकतानुसार रिलोकेट करने एवं पुनर्निमाण के लिए मापी करा सीमांकन का निर्देश दिया।
इससे कॉरिडोर निर्माण परियोजना का काम नहीं रुकेगी। उन्होंने ट्रैफिक एसपी को वैकल्पिक व्यवस्था करने को कहा।
सड़क परियोजनाओं में कोई अवरोध नहींदानापुर-बिहटा-कोईलवर नान एलिवेटेड रोड परियोजना के तहत 401 रैयतों के बीच 130.77 करोड़ रुपये मुआवजा भुगतान किया गया है। यहां निर्माण में किसी तरह का अवरोध नहीं है।
जिलाधिकारी ने कहा कि शेष रैयतों के बीच तेजी से मुआवजा भुगतान करें। बख्तियारपुर-मोकामा (एनएच-31) परियोजना में भी किसी तरह का अवरोध नहीं है। मुआवजा भुगतान तेजी से किया जा रहा है।
भारतमाला परियोजना के तहत एनएच-119डी आमस-रामनगर खंड परियोजना के लिए संबंधित एसडीओ-एसडीपीओ को नियमित गश्ती का निर्देश दिया ताकि कार्य एजेंसी को किसी तरह का व्यवधान नहीं हो।
राष्ट्रीय राजमार्ग-131जी कन्हौली-शेरपुर सेक्शन (पटना रिंग रोड) परियोजना के लिए 11 मौजा का थ्री जी प्राक्कलन जिला भूअर्जन कार्यालय ने अधियाची विभाग एनएचएआई को भेजा है।
जिलाधिकारी द्वारा एनएचएआई के अधिकारी को शीघ्र विधिवत कार्य करने का निर्देश जिलाधिकारी ने दिया। कन्हौली-रामनगर पटना रिंग रोड परियोजना, मीठापुर-महुली-एलिवेटेड कारिडोर निर्माण में कोई बाधा नहीं है।
एम्स-अनिसाबाद-बेउर मोड़ एलिवेटेड निर्माण के लिए पटना सदर, फुलवारीशरीफ तथा दानापुर के सीओ को विशेष रूचि लेकर आवश्यक कार्य संपन्न करने का निर्देश दिया गया।
सभी अंचलाधिकारियों को कहा गया कि विभिन्न परियोजनाओं के मार्ग में अतिक्रमण हटाने के लिए त्वरित कार्रवाई करें।
पटना मेट्रो को लेकर भी हुई चर्चाजिलाधिकारी ने कहा कि पटना मेट्रो रेल परियोजना में प्रगति काफी अच्छी है। भू-अर्जन एवं भू-हस्तांतरण का कोई भी मामला लंबित नहीं है।
जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को रैयतों के मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया में तेजी लाने का निदेश दिया गया है। भू-हस्तांतरण के लगभग सभी मामलों को जिला-स्तर से प्रक्रिया पूर्ण करते हुए आगे की कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन विभाग को भेज दिया गया है।
एसडीओ को खेमनीचक एवं आकाशवाणी के पास मेट्रो के कार्य के लिए आवश्यक सुविधा प्रदान करने को कहा गया।
बैठक में उप विकास आयुक्त समीर सौरभ, अपर समाहर्ता अनिल कुमार, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी आरके चौधरी समेत अपर जिला भूअर्जन पदाधिकारी, बीएसआरडीसीएल के उपमहाप्रबंधक, एनटीपीसी, एनएचएआई, रेलवे एवं अन्य के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।
यह भी पढ़ें-
पटना में इस कक्षा तक के सभी स्कूल 25 जनवरी तक रहेंगे बंद, डीएम ने जारी किया ऑर्डर
दो अंचलाधिकारी पर एक्शन, पटना DM ने एक माह का दिया अल्टीमेटम; पढ़ें पूरा मामला
'बिहार से किए ये पुराने वादें कब होंगे पूरे', पीएम मोदी के दौरे से पहले जयराम रमेश ने पूछे चार सवाल
पीटीआई, बिहार। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार का दौरा करने वाले हैं इस दौरान पीएम मोदी भागलपुर भी जाएंगे। पीएम मोदी के दौरे से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बीजेपी पर निशाना साधा है और पीएम मोदी से चार सवाल किए हैं।
अपने सवालों के जरिए जयराम रमेश ने पीएम मोदी द्वारा बिहार से किए गए उनके पुराने वादों को याद कराया है।
पहला सवाल
- पहले सवाल में कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी से पूछा, 'वादे के मुताबिक मुजफ्फरपुर, पूर्णियां और भागलपुर के लिए एयरपोर्ट कहां हैं?' उन्होंने कहा, "पीएम मोदी ने 18 अगस्त 2015 को पूर्णियां में एयरपोर्ट बनाने का वादा किया था। लेकिन नीतीश कुमार द्वारा तीन बार पलटी मारने के बाद भी ये वादा पूरा नहीं हुआ"।
- जयराम रमेश ने कहा, 2019 में एक रैली के दौरान पीएम मोदी ने मुजफ्फरपुर के पताही एयरपोर्ट को शुरू करने का आश्वासन दिया था। गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस बात को दोहराया था, जबकि भाजपा ने दिवाली 2023 तक इसे पूरी तरह चालू करने का वादा भी किया था।
- वहीं, लगभग एक साल पहले AAI की एक ग्राउंड टीम ने पाया था कि हवाईपट्टी की बाउंड्री वॉल टूटी हुई है और वहां भैंसे हैं। आज भी हालात लगभग वैसे ही हैं।
दूसरा सवाल
- जयराम रमेश ने अपने दूसरे सवाल में ये पूछा, बिहार में इतने सारे जरूरी प्रोजेक्ट अधूरे क्यों पड़े हैं? उन्होंने कहा, साल 2015 में बिहार की जनता से 1.25 लाख करोड़ के पैकेज का बड़ा वादा किया गया था। इस पैकेज में से 54, 713 करोड़ रुपये सड़क और पुल परियोजनाओं के लिए निर्धारित थे, लेकिन अभी भी काम अधूरे पड़े हैं।
तीसरा सवाल
- कांग्रेस नेता ने अपने तीसरे सवाल में पूछा है कि भागलपुर की सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन की संभावनाओं को संवारने के लिए मोदी सरकार ने क्या किया? भागलपुर बिहार और भारत का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक केंद्र है। यहां की टेक्सटाइल इंडस्ट्री, मंजूषा पेंटिंग्स प्रसिद्ध है।
- उन्होंने कहा, ये सभी सरकारी उपेक्षा के शिकार हैं। उदाहरण के लिए, भागलपुर क्षेत्रीय हथकरघा बुनकर सहकारी संघ का कहना है कि 2019 और 2024 के बीच, बुनकरों की संख्या 2 लाख से गिरकर 60,000 हो गई। व्यापार 2015 में प्रति वर्ष 600 करोड़ रुपये से घटकर अब 150 करोड़ रुपये हो गया।
चौथा सवाल
- अपने अंतिम सवाल में जयराम रमेश ने पूछा, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिया गया, जैसा कि प्रधानमंत्री ने वादा किया था। उन्होंने कहा, "2014 में प्रचार करते समय पीएम मोदी ने प्रभावी ढंग से बिहार के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा देने का वादा किया था।
- उन्होंने कहा, 'केंद्र की अपनी बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) रिपोर्ट के अनुसार, बिहार भारत में सबसे गरीब राज्य है और राज्य की 52% आबादी के पास अपेक्षित स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर तक पहुंच नहीं है।
- रमेश ने आगे पूछा, 'पीएम बिहार के लोगों को क्यों भूल गए हैं। केंद्र में 10 साल और बिहार में लगभग 20 साल तक सत्ता में रहने के बाद, मोदी सरकार राज्य में विशेष राज्य का दर्जा देने में क्यों विफल रही है'।
Bihar: सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, नीतीश सरकार लागू करेगी कैडेर मैनेजमेंट मॉड्यूल
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के सरकारी महकमों में काम करने वाले कर्मचारियों की सही संख्या बल एवं उनकी कार्य कुशलता के साथ कार्मिकों से जुड़ी अन्य जानकारियां एक क्लिक पर मिल सके, इसके लिए सरकार कैडर मैनेजमेंट मॉड्यूल लागू करने की तैयारी में है।
बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन के स्तर पर इस दिशा में काम भी प्रारंभ कर दिया गया है। कैडर मैनेजेमेंट मॉड्यूल लागू करने के लिए मिशन के सभा कक्ष में इसे लेकर बैठक भी हो चुकी है। पिछले वर्ष 23 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच हुई बैठक में विभागों से कार्मिकों से जुड़ी कई प्रकार की जानकारियां मांगी गई थी।
विभागों को नए सिरे से जारी हुए निर्देशसूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, संसदीय कार्य विभाग, खाद्य उपभोक्ता संरक्षण विभाग, पथ निर्माण लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग समेत सात विभागों ने वांछित जानकारियां मिशन को मुहैया करा भी दी हैं, परंतु अधिकांश विभाग इस मामले में अभी पीछे चल रहे हैं। जिसके बाद विभागों को नए सिरे से इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
सरकार ने कौन-से आंकड़े मांगे?- विभाग से जो आंकड़े मांगे गए हैं उनमें सेवा संवर्ग का नाम, नियंत्रण पदाधिकारी, उप सेवा संवर्ग यदि कोई हो, पद सोपान, नियुक्ति प्राधिकार, कोटिवार कुल स्वीकृत बल, पद नाम, पे-बैंड जैसी जानकारियां हैं।
- सूत्रों की माने तो ऐसी जानकारियां एक प्लेटफॉर्म पर रहने से कार्मिकों के तबादला-पदस्थापन, व्यक्तिगत जानकारी, नियमित पद की जानकारी तो सरकार के पास होगी ही तबादला, पदस्थापन, प्रोन्नति, वगैरह में भी कोई समस्या नहीं आएगी।
- विभाग को नए सिरे से जानकारी देने के लिए जारी निर्देश पत्र में यथाशीघ्र जानकारी फॉर्मेट में देने के निर्देश दिए गए हैं।
दूसरी ओर, साइबर अपराधियों से जुड़ी जानकारी साझा करने और प्रभावी कार्रवाई के लिए जल्द ही बिहार समेत सभी राज्यों के साइबर थाने और इससे जुड़े पदाधिकारी एक पोर्टल से जुड़ेंगे। इसके लिए केंद्र सरकार के स्तर से माई भारत पोर्टल बनाया रहा है। अगले माह इस पोर्टल को लॉन्च करने की तैयारी है।
राज्य के 40 साइबर थानों को इससे जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (आइईसी) के विशेषज्ञ, आर्थिक अपराध इकाई के अंतर्गत काम करने वाली राज्य स्तरीय साइबर सेल के चुनिंदा पदाधिकारी भी इससे जुड़ेंगे। पुलिस सप्ताह के उद्घाटन सत्र में इससे संबंधित विस्तृत प्रस्तुति एनसीआईआईपीसी (नेशनल क्रिटिकल इंफॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर) के डीजी नवीन कुमार सिंह ने दी।
केंद्रीय माई भारत पोर्टल का उद्देश्य साइबर सेल से जुड़े तमाम प्रमुख पदाधिकारियों, पुलिस इकाइयों, साइबर थानों और संस्थानों को जोड़कर एक समेकित नेटवर्क तैयार करना है। इसकी मदद से किसी तरह के साइबर अपराध की घटना होने पर आपसी समन्वय की बदौलत इसका निपटारा जल्द हो सकेगा। सभी राज्यों का साइबर अपराध से संबंधित डाटाबेस तैयार हो सकेगा। किसी मामले के समाधान में विशेषज्ञों का उचित मार्गदर्शन मिलेगा।
ये भी पढ़ें- Bihar Bhumi: नीतीश सरकार का अहम फैसला, 661 गांवों में भूमि सर्वेक्षण और बंदोबस्त की अधिसूचना जारी
ये भी पढ़ें- Bihar News: 'बिहार की पुलिस व्यवस्था में हुआ है सुधार', CS ने की जमकर तारीफ; इस बार ये है पुलिस सप्ताह की थीम
Chirag Paswan: पीएम मोदी का नाम लेकर चिराग पासवान का बड़ा बयान, PK को बता दिया अपना दोस्त
राज्य ब्यूरो, पटना। लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने रविवार को जागरण संवादी के मंच पर दो टूक कहा कि वह भाजपा नहीं, सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण एनडीए गठबंधन में हैं। और जब तक पीएम मोदी हैं, तब तक हर हाल में वह गठबंधन का हिस्सा रहेंगे।
उन्होंने दावा भी किया कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) में एनडीए गठबंधन 225 से अधिक सीटें लाएगा। फन विद चिराग सत्र में उन्होंने राजनीति से लेकर निजी जीवन तक सभी विषयों पर खुलकर दैनिक जागरण के नेशनल ब्रांड टीम के महाप्रबंधक प्रशांत कश्यप से संवाद किया।
'मोदी जी का हनुमान हूं, मगर...''मोदी के हनुमान' कहे जाने के सवाल पर कहा कि मोदी जी का हनुमान हूं, मगर सही जानकारी देना भी जरूरी है। लैटरल एंट्री और वक्फ विधेयक पर मैंने यही काम किया।
तेजस्वी के बाद अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत की राजनीति में आगमन की चर्चा पर जब प्रशांत कश्यप ने पूछा कि क्या बिहार में राजनीतिक विरासत सौंपने का समय आ चुका है?
'मैं निशांत का राजनीति में स्वागत करूंगा'चिराग ने कहा- मैं नहीं जानता, निशांत राजनीति में आएंगे या नहीं मगर उनका स्वागत जरूर करूंगा। प्रशांत किशोर भी मेरे मित्र हैं। राजनीति में जितने विकल्प होंगे, उतना बेहतर है। लोकतंत्र उतना ही मजबूत होगा।
'तेजस्वी और लालू की राजनीति में कोई अंतर नहीं'तेजस्वी यादव के राजनीति करने के तरीके (पॉलिटिकल स्टाइल) के सवाल पर चिराग ने कहा कि मेरे विरोधी क्या कर रहे हैं, मैं उसपर नजर तो रखता हूं मगर ध्यान खुद को मजबूत करने में लगाता हूं। मुझे लालू और तेजस्वी की राजनीति में कोई अंतर नहीं दिखता। पिछले विधानसभा चुनाव में जनता ने उन्हें उम्मीद लगाकर जरूर वोट दिया, बड़ी संख्या में विधायक भी जीतें। अब पांच साल बाद पूछना चाहिए कि वह उम्मीदों पर कितने खरे उतरे।
युवा पीएम या युवा सीएम इनमें क्या बनना चाहते हैं, के सवाल पर चिराग कहते हैं, मैं जिस परिवार से आता हूं वहां सत्ता या किसी भी बड़े पद का कोई लालच नहीं रहा। अगर मंत्री पद महत्वपूर्ण होता तो 2020 के चुनाव के समय ही संभावना थी। मैं चार साल पहले केंद्रीय मंत्री की शपथ ले चुका होता। मेरे लिए युवा सीएम या युवा पीएम से ज्यादा महत्व युवा बिहारी होना रखता है।
उन्होंने कहा कि राजनीति के दौरान मेरे परिवार पर कई ओछी टिप्पणियां की गईं मगर मैंने कभी मर्यादा नहीं तोड़ी। मैं पार्टी के लोगों को भी यही बोलता हूं कि न किसी की लकीर को काटना है, न छोटा करना है। अपनी लकीर बड़ी कीजिए।
ये भी पढ़ें- Chirag Paswan: 'कंगना मेरी दोस्त', शादी के सवाल पर आया चिराग का रिएक्शन; जवाब देने से पहले शर्मा गए!
ये भी पढ़ें- चिराग के MP और नीतीश के MLA के बीच खिंची तलवारें, चुनाव से पहले NDA में दिखने लगी दरार!
PM Modi के बिहार दौरे के बाद NDA में बढ़ेगी राजनीतिक सरगर्मी, नीतीश कैबिनेट को मिलेंगे 6 नए मंत्री
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में बजट सत्र से पहले एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सोमवार को बिहार (PM Modi Bihar Visit) दौरे के उपरांत एनडीए में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ेगी। संभव है कि सरकार मंत्रिमंडल विस्तार (Bihar Cabinet Expansion) को अंतिम रूप दे। 243 सदस्यीय विधानसभा में मंत्रिमंडल में 36 मंत्री हो सकते हैं।
वर्तमान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं दो उपमुख्यमंत्रियों सहित 30 मंत्री हैं। ऐसे में छह और मंत्रियों के नीतीश सरकार में सम्मिलित होने की संभवना है। विस्तार में भाजपा के चार एवं जदयू के दो विधायकों को सम्मलित किए जाने की संभावना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सीएम नीतीश कुमार। फाइल फोटो (पीटीआई)
अभी कैसा दिखता है मंत्रिमंडल?वर्तमान में भाजपा के दो उपमुख्यमंत्रियों सम्राट चौधरी एवं विजय सिन्हा के साथ 15 मंत्री हैं, जबकि जदयू की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ 13 मंत्री हैं। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) को एक पद मिला है। हम प्रमुख संतोष मांझी स्वयं दो विभाग के मंत्री हैं, जबकि एक निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह भी नीतीश मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं।
इसके साथ ही आयोग, बोर्ड एवं निगम में लंबे अरसे से मनोनयन की प्रक्रिया लंबित है। इसकी भी अधिसूचना शीघ्र होने की संभवना प्रबल है। चुनावी वर्ष में मंत्रिमंडल विस्तार होना है।
ऐसे में बिहार भाजपा के शीर्ष रणनीतिकार का कहना है कि सामाजिक एवं क्षेत्र संतुलन हर हाल में ध्यान रखा जाएगा। वर्तमान में कई जिलों से एक भी मंत्री नहीं है। ऐसे में जिलेवार भी प्रतिनिधित्व को संतुलित करने का प्रयास सरकार करेगी।
भाजपा प्रदेश परिषद की तिथि हो सकती है घोषितदिल्ली की जीत के उपरांत भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की नजर बिहार पर केंद्रीत हो गई है। इसके संकेत दिल्ली में रेखा गुप्ता सरकार के शपथ ग्रहण के उपरांत एनडीए नेताओं की दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ दोपहर भोज एवं फोटो सेशन के सत्र के दौरान मोदी ने स्वयं दिए थे।
ऐसे में अब बिहार जीतने को लेकर भाजपा कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। संभव है इसी सप्ताह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले बिहार में प्रदेश परिषद की बैठक हो सकती है।
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को बेसब्री से बैठक की प्रतीक्षा है। इससे संगठनात्मक मनोनयन का रास्ता साफ होने के साथ ही कई अटकलों पर विराम लग जाएगा।
छह जिलों में नेतृत्व सौंपने की प्रतीक्षा- भाजपा में संगठनात्मक चुनाव की समय सीमा समाप्त हुए दो महीने बीतने को है लेकिन प्रदेश नेतृत्व छह संगठनात्मक जिलों में जिला अध्यक्ष के नाम घोषित करने को लेकर कशमकश में है।
- भाजपा के जिन जिलों में संगठनात्मक चुनाव लंबित है उनमें पटना के महानगर और ग्रामीण के साथ ही सहरसा, जमुई, नालंदा और जहानाबाद में जिला अध्यक्ष का मनोयन नहीं हुआ है। इसके साथ ही कुछ मंडल कमेटियों का निर्वाचन लंबित है।
ये भी पढ़ें- प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ आलोचकों पर साधा निशाना, बोले- 'गुलामी की मानसिकता में फंसे लोग...'
Pages
