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Bihar Teacher News: ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर आया बड़ा अपडेट, शिक्षक इन बातों का रखें विशेष ध्यान
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Teacher Transfer Posting यदि जिन शिक्षकों द्वारा दिए गए दस विकल्प के आधार पर उन्हें खाली पद की अनुपलब्धता के कारण विद्यालय आवंटन नहीं हो पाता है, तो ऐसी स्थिति में पंचायत और नगर निकाय के ऊपर की इकाई यानी प्रखंड के दिए गए क्रम के आधार पर विद्यालय आवंटन की प्रक्रिया की पूरी की जाएगी।
यह प्रक्रिया स्थानांतरण एवं पदस्थापन हेतु आवेदन करने वाले सभी शिक्षकों के विद्यालय आवंटन तक जारी रहेगी। इसका प्रविधान शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों के स्थानातंरण और पदस्थापन संबंधी मार्गदर्शिका में किया गया है।
शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के स्थानातंरण-पदस्थापन के ऑनलाइन आवेदन संबंधी तैयारियों की समीक्षा की। विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि निर्धारित प्रविधान सरकारी विद्यालयों में कार्यरत नियमित शिक्षकों, बिहार लोक सेवा आयोग की अनुशंसा पर नियुक्त शिक्षकों और सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों पर एकसमान रूप से लागू होगा।
शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के स्थानांतरण एवं पदस्थापन हेतु ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन का ट्रायल का कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इस पोर्टल पर गुरुवार से शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन आवेदन लिये जाएंगे।
आवेदन करते समय में शिक्षकों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि यदि किसी शिक्षक के प्रोफाइल एवं वर्तमान पदस्थापन इत्यादि के विवरण में चूकवश त्रुटिपूर्ण दर्ज होता है, तो अविलंब संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) से संपर्क कर सुधार करा लेंगे क्योंकि इसी डाटा के आधार पर स्थानांतरण और पदस्थापन किया जाएगा।
असाध्य बीमारी संबंधी सिविल सर्जन से निर्गत प्रमाण पत्र ही स्वीकार्यशिक्षा विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि सिविल सर्जन से असाध्य रोग या गंभीर बीमारी और दिव्यांगता संबंधी निर्गत प्रमाण पत्र ही संबंधित शिक्षकों को ऑनलाइन आवेदन में अपलोड करना अनिवार्य है। दंपत्ति शिक्षकों को गृह जिला से संबंधित सूचना को पोर्टल पर अपलोड करना होगा। सबसे महत्वपूर्ण यह कि स्थानांतरण हेतु शिक्षकों को दस विकल्प देने का अवसर दिया गया है, जिसमें कम-से-कम तीन विकल्प तो अनिवार्य रूप से ऑनलाइन आवेदन में देने होंगे।
वैसे शिक्षक अधिकतम दस विकल्प दे सकते हैं। हालांकि, अन्य सात विकल्प अनिवार्य नहीं होगा। यदि शिक्षक केवल तीन विकल्प देते हैं तो दिए गए तीन विकल्प में पद खाली नहीं रहने की स्थिति में सॉफ्टवेयर द्वारा उन्हें उसी जिला या निकटतम जिला में पदस्थापन कर दिया जाएगा।
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Bihar Politics: इधर तेजस्वी उपचुनाव में बिजी, उधर मुकेश सहनी ने कर दिया बड़ा एलान, RJD के लिए खतरे की घंटी?
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Today: विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के संस्थापक और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने पार्टी के छठे स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी के सभी नेताओं-कार्यकर्ताओं को शुभकामना दी है। इसके साथ ही उन्होंने विधानसभा उपचुनाव से पहले एक ऐसा टारगेट सेट कर दिया है जिससे बिहार की सियासत में खलबली मच सकती है। आरजेडी की टेंशन भी बढ़ सकती है।
वीआईपी को 4 नहीं 40 विधायकों की पार्टी बनाया जाएगा: मुकेश सहनीउधर तेजस्वी यादव उपचुनाव में व्यस्त हैं इधर मुकेश सहनी ने एक बड़ा टारगेट सेट करते हुए कहा कि वीआईपी को चार नहीं 40 विधायकों की पार्टी बनाया जाएगा। मुकेश सहनी के इस एलान से आरजेडी जरूर असहज हो सकती है।
उन्होंने इन कार्यकर्ताओं को पार्टी की रीढ़ बताया और कहा कि उनकी मेहनत और परिश्रम का परिणाम है कि पार्टी आगे बढ़ रही है।
मुकेश सहनी ने कहा कि पार्टी निरंतर आगे बढ़ रही है। पार्टी अपने मकसद को लेकर संघर्षरत है। हमने तय किया है कि हम गरीबों, पिछड़ों, दलितों का अधिकार लेकर ही दम लेंगे। कम संसाधनों के बाद भी पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया है। आज हम लोग उस स्थान पर पहुंच गए हैं जहां से समाज के सभी वर्गों का साथ मिल रहा है। इसलिए अब चार नही 40 विधायकों को जीत दिलाने तक पहुंचना है।
मुकेश सहनी ने कार्यकर्ताओं को दिया बड़ा संदेशमुकेश सहनी ने कार्यकर्ताओं से अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाने का आह्वान किया और कहा एकजुटता बनाएं रखें। पार्टी के स्थापना दिवस पर वीआइपी प्रमुख अपने समर्थकों के साथ तालाब में उतरे और मछली पकड़ी। इस दौरान उन्होंने कई अन्य मछलियों के साथ 40 किलोग्राम की मछली भी पकड़ी।
मुकेश सहनी ने 40 किलो की मछली पकड़ी
कौन हैं मुकेश सहनीबता दें मुकेश सहनी विकासशील इनसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। मुकेश सहनी का जन्म 31 मार्च 1981 को दरभंगा जिले के अफजाला गांव में हुआ था। वह निषाद (मल्लाह) समुदाय से आते हैं, जो बिहार में एक प्रमुख पिछड़े वर्ग है।
सहनी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ की थी, लेकिन बाद में उन्होंने विकासशील इनसान पार्टी की स्थापना की। वह 2019 के आम चुनाव में खागड़िया से चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। हालांकि, 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने 4 सीटें जीतकर लोगों को चौंका दिया था।
मुकेश सहनी पहले मुंबई में भी काफी संघर्ष कर चुके हैं। बाद में उन्हें जबरदस्त सफलता मिली। उन्होंने मुंबई में फिल्म सेट बनाने का काम शुरू किया था।
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राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत नियमित शिक्षकों, बिहार लोक सेवा आयोग से नियुक्त शिक्षकों तथा सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षकों के स्थानातंरण व पदस्थापन की घंटी बज गई है। 7 से 22 नवंबर तक शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन लिये जाएंगे। आवेदन शिक्षा विभाग के ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर करना होगा।
इसके बाद शिक्षकों द्वारा दिए गए विकल्प के आधार पर दिसंबर के तीसरे/चौथे सप्ताह में स्थानांतरण व पदस्थापन किया जाएगा। इसमें वरीयता के आधार को प्राथमिकता दी जाएगी। इस संबंध में शिक्षा विभाग की ओर से सोमवार को सभी जिलों को मार्गदर्शिका जारी की गई।
रैंडमाइजेशन के आधार पर विद्यालय का आवंटनशिक्षा विभाग के मुताबिक शिक्षकों द्वारा दिए गए विकल्प के इकाई अंतर्गत विद्यालयों में रिक्ति के आधार पर साफ्टवेयर के माध्यम से रैंडमाइजेशन से विद्यालय का आवंटन होगा।
प्रथम विकल्प की इकाई के विद्यालयों में रिक्ति नहीं रहने की स्थिति में शिक्षकों द्वारा दिए गए क्रमश अन्य विकल्पों के इकाईयों के विद्यालयों में उपलब्ध रिक्ति के आधार पर विद्यालय आवंटन किया जाएगा। इसलिए शिक्षकों को दस विकल्प आवेदन में देने को कहा गया है।
जनवरी के पहले सप्ताह (एक से सात तारीख तक) में शिक्षकों को अपने आवंटित विद्यालय में योगदान करना सुनिश्चित किया जाएगा।
योगदान की तिथि से सक्षमता पास शिक्षक बन जाएंगे विशिष्ट अध्यापकआवंटित विद्यालय में योगदान की तिथि से सक्षमता पास शिक्षक विशिष्ट अध्यापक का दर्जा प्राप्त करेंगे और उन्हें विद्यालय में योगदान की तिथि से विशिष्ट शिक्षक का वेतन प्राप्त होगा।
बता दें कि सक्षमता पास एक लाख 87 हजार 818 नियोजित शिक्षक हैं। इनमें से एक लाख 84 हजार 452 नियोजित शिक्षक ही काउंसिलिंग में उपस्थित हुए थे। शेष 3366 नियोजित शिक्षक अनुपस्थित रहे।
उपस्थित एक लाख 84 हजार 452 नियोजित शिक्षकों में से एक लाख 73 हजार 527 नियोजित शिक्षकों की ही काउंसलिंग पूरी हुई है। शेष 10 हजार 925 नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग विभिन्न कारणों से नहीं हो पायी है। ऐसे शिक्षकों को काउंसलिंग में शामिल होने का जल्द मौका दिया जाएगा।
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रियाशिक्षकों को ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर आवेदन एवं दस विद्यालय संबंधी विकल्प देने की प्रक्रिया की जानकारी भी मार्गदर्शिका में दी गई है। इसके मुताबिक शिक्षकों को स्वयं के टीचर आइडी से पोर्टल (https://eshikshakosh.bihar.gov.in) पर लॉगिन कर आवेदन करना है।
लॉगिन के बाद शिक्षकों को डैशबोर्ड पर अंकित "टीचर ट्रांसफर" बटन को क्लिक करना होगा। इसके बाद पोर्टल के स्क्रीन पर बांयी तरफ तीन मेनू प्रदर्शित होगा।
शिक्षक द्वारा "ट्रांसफर एप्लीकेशन फार्म" मेनू को क्लिक करने के बाद संबंधित शिक्षक के पंजीकृत मोबाइल पर एक ओटीपी जाएगा, जिसे पोर्टल पर यथास्थान अंकित करने के बाद "वेरीफाइ ओटीपी" बटन को क्लिक किया जाएगा।
तत्पश्चात संबंधित शिक्षक का ई-शिक्षाकोष पर उपलब्ध प्रोफाइल एवं वर्तमान पदस्थापन का विवरण स्क्रीन पर स्वत प्रदर्शित हो जाएगा। बता दें कि शिक्षक बिना ओटीपी के आवेदन नहीं कर सकेंगे। इसलिए आवेदन भरते समय अपना ओटीपी वाला मोबाइल साथ रखेंगे।
यदि किसी शिक्षक/ शिक्षिका के प्रोफाइल एवं वर्तमान पदस्थापन इत्यादि के विवरण में त्रुटिपूर्ण प्रतिष्टि है, तो अविलंब संबंधित जिला शिक्षा
पदाधिकारी/जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) से संपर्क कर सुधार कराएंगे। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि इसी डाटा के आधार पर स्थानांतरण/पदस्थापन किया जाएगा।
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Chhath Puja 2024: छठ पर ग्रह-गोचरों का बन रहा शुभ संयोग, नहाय-खाय के साथ आज से चार दिवसीय महापर्व शुरू
जागरण संवाददाता, पटना। उग हो सुरुजेदव अरघ के बेर... लोक आस्था का महापर्व छठ मंगलवार को नहाय-खाय से आरंभ हो जाएगा। चार दिवसीय अनुष्ठान के पहले दिन मंगलवार को व्रती गंगास्नान करने के साथ सूर्यदेव को जल से अर्घ्य देंगी।
कई पुरुष भी व्रत रखते हैं, हालांकि अधिसंख्य महिलाएं ही होती हैं। पूजन के बाद पूरी पवित्रता के साथ मिट्टी के चूल्हे पर अरवा चावल, चना दाल, कद्दू की सब्जी और आंवले की चटनी आदि का भोग लगाकर प्रसाद तैयार करती हैं।
बुधवार को लोहंडा खरना के दिन व्रती पूरे दिन उपवास कर शाम में सूर्यदेव को नमन कर प्रसाद ग्रहण करेंगे। खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रती 36 घंटे के निर्जला उपवास का संकल्प लेंगी।
गुरुवार की शाम अस्ताचलगामी और शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय अनुष्ठान का समापन हो जाएगा।
ग्रह-गोचरों का बन रहा शुभ संयोगचार दिवसीय अनुष्ठान के दौरान ग्रह-गोचरों का शुभ संयोग बना रहेगा। ज्योतिष आचार्य पीके युग ने पंचांगों के आधार पर बताया कि नहाय खाय के दिन ज्येष्ठा नक्षत्र में जयद योग का संयोग बना रहेगा।
व्रती मंगलवार को गंगा स्नान करने के बाद चार दिवसीय अनुष्ठान का संकल्प लेंगी। व्रती इस दिन गेहूं को जल से धोकर, उन्हें सुखाकर घर में सुरक्षित स्थान पर रखती हैं।
बुधवार को कार्तिक शुक्ल पंचमी के दिन सुकर्मा योग में व्रती खरना लोहंडा का प्रसाद ग्रहण करेंगी। इस दिन व्रती पूरे दिन उपवास करने के साथ भगवान भास्कर की पूजा कर गुड़, दूध से बने खीर, घी लगा रोटी प्रसाद के रूप में ग्रहण करेंगी।
सात नवंबर को पहला अर्घ्यछठ व्रती सात नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगी। इस दिन षष्ठी तिथि को छठी मैया का पूजन विधि-विधान के साथ होगा। सात नवंबर को धृति व रवियोग का संयोग बना रहेगा।
व्रती जल में खड़े होकर पवित्रता के साथ फल, मिष्ठान, नारियल, पान-सुपारी, फूल, अरिपन से भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार की कुशलता के लिए प्रार्थना करेंगी।
आठ नवंबर शुक्रवार को कार्तिक शुक्ल सप्तमी तिथि को सर्वार्थ सिद्धि योग व रवि योग में व्रती उदीयमान सूर्य उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय पर्व को संपन्न करेंगी।
उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रती का 36 घंटे का निर्जला व्रत भी पूरा होगा। अर्घ्य व पूजन करने के बाद व्रती घाट पर पारण कर पर्व का समापन करेंगी।
- मंगलवार : नहाय-खाय
- बुधवार : खरना
- गुरुवार : संध्याकालीन अर्घ्य
- शुक्रवार : उगते सूर्य को अर्घ्य
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Bihar Weather: छठ को लेकर जारी हुआ बुलेटिन, 13 जिलों में रहेगा धुंध का प्रभाव; लोगों से सावधान रहने की अपील
जागरण संवाददाता, पटना। लोक आस्था के महापर्व छठ पर सात व आठ नवंबर को पटना सहित अन्य जिलों में सुबह के समय धुंध रहेगी। मौसम शुष्क बना रहेगा। जबकि, प्रदेश के 13 जिलों में सुबह के समय कोहरे का प्रभाव रहेगा।
छठ को लेकर मौसम विज्ञान केंद्र ने बुलेटिन जारी कर बताया है कि पूर्णिया, पूर्वी पश्चिम चंपारण, सारण, दरभंगा, सुपौल, अररिया, शिवहर, वैशाली, सीतामढ़ी, किशनगंज, सिवान व लखीसराय में सुबह हल्का कोहरा रहेगा।
मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम पुरवा हवा के प्रभाव से पटना सहित शेष जिलों में बादलों की आवाजाही बनी रहेगी। आठ व नौ नवंबर को उत्तरी भागों के कुछ जिलों में घने बादल छाए रहने का पूर्वानुमान है। तापमान में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है।
अधिकतम तापमान में हुई वृद्धिसोमवार को पटना सहित 18 जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। पटना का अधिकतम तापमान 30.5 डिग्री सेल्सियस व 33.7 डिग्री सेल्सियस के साथ गोपालगंज में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। जबकि पटना सहित 17 जिलों के न्यूनतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई।
पटना का न्यूनतम तापमान 23.1 डिग्री सेल्सियस व 19.0 डिग्री सेल्सियस के साथ किशनगंज में प्रदेश का सर्वाधिक न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया।
चानन में छाया साल का पहला कोहरा, ठंड का हुआ एहसासलखीसराय के चानन प्रखंड क्षेत्र में इस साल का पहला कोहरा चार नवंबर सोमवार के अल सुबह से नौ बजे तक देखने को मिला। इस वजह से मौसम ठंडा हो गया। लोग इस कुहासे के बीच ठंडी-ठंडी हवा और शीतलहर का आनंद ले रहे थे। घने कोहरे से पेड़ पौधा नजर नहीं आ रहा था।
दौड़ती हुई ट्रेन काफी नजदीक आने पर नजर आ रही थी। घने कोहरे से पेड़ पौधा पहाड़ी इलाका की तरह नजर आ रहा था। दूर से तो पेड़ भी नजर नहीं आ रहा था।
100 मीटर के अंतराल में ही सब कुछ कोहरे में विलीन हो गया। सड़क पर चालकों को गाड़ी चलाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। क्योंकि, नजदीक की ही गाड़ी नजर नहीं आ रही थीं।
बीते रविवार तक मौसम काफी गर्म था। लेकिन, इस कुहासे के अचानक आ जाने से मौसम में बदलाव हुआ और ठंड लगने लगी। ग्रामीण रंजीत सिंह, बिरजू महतो, कृष्णदेव यादव आदि ने बताया कि इस साल का पहला कुहासा है।
उन्होंने बताया कि शिमला की तरह ठंड हवा के साथ शीतलहर भी चल रही है, जिसकी वजह से काफी आनंद मिल रहा है। ठंड भरे इस कोहरे के बीच लोग घर से बाहर निकलकर इसका आनंद ले रहे हैं।
बताया कि कल तक काफी गर्म मौसम था। अचानक कोहारा आया है जिससे ठंड बढ़ रही है। मौसम में बदलाव किसानों के लिए फायदेमंद होगा।
कोहरे से किसान को फायदाकोहरा छाने से खेत की मिट्टी में नमी बढ़ जाती है। इस वजह से बीज का अंकुरण भी आसानी से धरती से बाहर निकल जाता है। इसलिए किसान इस तरह के मौसम को लेकर काफी खुश हैं।
बताया कि किसान आलू लगा रहे हैं, फिर गेहूं की बोआई कर रहे हैं। सब्जी भी लगा रहे हैं, तो ऐसे में किसान चाहते हैं कि ठंड गिरे और कोहरा अच्छा जाए, ताकि फसल अच्छी हो।
किसानों ने कहा की इस कुहासा से किसानों को अधिक फायदा है। जिस खेत की मिट्टी में नमी नहीं है और नमी आ जाएगी तो उन्हें पानी नहीं डालना पड़ेगा। इसको लेकर किसान काफी खुश हैं।
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IPS Kamya Mishra: एसपी काम्या मिश्रा ने अब ऐसा क्या किया? सरकार को माननी पड़ी उनकी मांग
राज्य ब्यूरो, पटना। IPS Kamya Mishra Update: बिहार कैडर की आइपीएस अधिकारी और दरभंगा की ग्रामीण एसपी काम्या मिश्रा लगातार लंबी छुट्टी पर चल रही हैं। अगस्त में इस्तीफा देने के कुछ दिनों के बाद से ही वह अवकाश पर हैं। अब गृह विभाग ने उनके 180 दिनों के असाधारण अवकाश की स्वीकृति दी है। सोमवार को विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी की है।
काम्या मिश्रा ने काम करने में असमर्थता जताई, फिर सरकार ने मानी उनकी मांगदरअसल, 2019 बैच की आइपीएस काम्या मिश्रा ने निजी कारणों का हवाला देते हुए छह अगस्त को ही अपना इस्तीफा पुलिस मुख्यालय को सौंपा था। इस्तीफे पर कोई निर्णय नहीं होने पर वह 27 अगस्त से अवकाश पर चली गईं। गृह विभाग ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि दरभंगा की ग्रामीण एसपी काम्या मिश्रा को अपने कर्तव्य पर योगदान देने में असमर्थता के कारण 27 अगस्त से 180 दिनों के असाधारण अवकाश की स्वीकृति प्रदान की जाती है।
काम्या मिश्रा ने क्यों दिया था इस्तीफा?काम्या मिश्रा ने 5 साल के कार्यकाल में बेहतरीन पुलिसिंग कर अपना जलवा दिखाया था। बिहार में उन्हें 'लेडी सिंघम' के नाम से भी जाना जाता है। काम्या ओडिशा की रहने वाली हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए की पढ़ाई पूरी कर आईपीएस अधिकारी बनीं। पिछले कई महीने से इस्तीफा देने की बात कर रही थीं।
वह बार-बार बोलती थीं कि नौकरी में मन नहीं लग रहा है। पुलिस पदाधिकारी से लेकर कर्मियों तक त्यागपत्र देने की बात को मजाक समझ रहे थे। इस्तीफे की प्रतिलिपि एसएसपी कार्यालय में भी आई है। हालांकि, पुलिस मुख्यालय से अब तक कोई सूचना जिले को नहीं दी गई है।
एसपी काम्या मिश्रा का करियर22 वर्ष की उम्र में ही काम्या मिश्रा ने वर्ष 2019 में पहले प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर हिमाचल प्रदेश आईपीएस कैडर प्राप्त किया था। 2021 में बिहार कैडर में स्थानांतरण करा लिया था।
काम्या मिश्रा के पति अवधेश दीक्षित 2021 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं। फिलहाल मुजफ्फरपुर में सिटी एसपी के पद पर तैनात हैं। एसएसपी जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी ने बताया कि इस्तीफा के संबंध में पत्र मिला है। इसे मुख्यालय को भेजा जा रहा है।
काम्या मिश्रा दरभंगा की पहली ग्रामीण एसपी बनींजिले में ग्रामीण एसपी का पद सृजित होने के बाद काम्या मिश्रा सात मार्च 2024 को दरभंगा की पहली ग्रामीण एसपी बनीं थीं। ग्रामीण एसपी से पहले पटना सचिवालय एएसपी के पद पर तैनात थीं। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में काम्या ने 172वीं रैंक हासिल की थी। उन्हें आईपीएस कैडर के लिए चयनित किया गया।
Bhagalpur News: बदल जाएगा सुल्तानगंज स्टेशन का नाम, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने की घोषणा; लंबे समय से थी मांग
राज्य ब्यूरो, पटना। Bhagalpur News: भागलपुर जिले का सुल्तानगंज स्टेशन अब जल्द ही अजगैबीनाथ के नाम से जाना जाएगा। उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सोमवार को यह घोषणा रवींद्र भवन में आयोजित कार्यक्रम में की। उन्होंने कहा सुल्तानगंज नगर परिषद की ओर इससे संबंधित प्रस्ताव राज्य सरकार को प्राप्त हुआ है।
इस संबंध में मैं स्वयं रेल मंत्री से शीघ्र से मिलकर सुल्तानगंज का नाम अजगैबीनाथ स्टेशन करने का अनुरोध करूंगा। सम्राट कांवरिया सेवा सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।
गौर हो कि दैनिक जागरण सुल्तानगंज का नाम अजगैबीनाथ करने को लेकर लगातार अभियान चला रहा है। इस अभियान से प्रभावित होकर ही सुल्तानगंज नगर परिषद ने सरकार को यह प्रस्ताव भेजा है।
इससे पहले सम्मान समारोह का उद्घाटन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. दिलीप जायसवाल, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं विजय सिन्हा ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर 10 राज्यों के 159 संस्थानों और व्यक्तियों को सम्मानित किया गया।
अजगैबीनाथ मेला अंतरराष्ट्रीय स्तर का: सम्राट चौधरीसम्राट चौधरी ने कहा कि अजगैबीनाथ मेला राज्य या राष्ट्रीय स्तर का ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का है। उन्होंने कहा कि सुल्तानगंज से देवघर तक की सड़क कभी खराब नहीं होती और उन्होंने प्रधानमंत्री से इसे फोर लेन बनाने की अपील की। उन्होंने नए ट्रैक बनाने का भी आश्वासन दिया।
समारोह को संबोधित करते हुए, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने सेवा करने वालों को धन्यवाद देते हुए कहा कि महादेव की भक्ति और शक्ति जिनके अंदर होती है, वे महान होते हैं। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म सत्य है और हमारी संस्कृति हमें ईश्वर के करीब ले जाती है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल का भी आया बयानसेवा ही शक्ति को प्रदर्शित करती है और शक्ति ही भक्ति का आधार है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने स्वयं को सौभाग्यशाली बताते हुए कहा कि आज तक किसी सरकार या नेता ने इन सेवा करने वालों को सम्मानित करने के बारे में नहीं सोचा। उन्होंने कहा कि सुल्तानगंज-देवघर मार्ग पर डेढ़-दो महीने तक श्रद्धालुओं की निरंतर सेवा करना आसान नहीं है। यह बहुत साहस का काम है। और यही सच्चे शिवभक्त हैं।
उन्होंने कहा कि सुल्तानगंज स्टेशन का नाम बदलकर अजगैबीनाथ करने का प्रस्ताव आया है और आशा जताई कि इससे सेवा करने वालों का हौसला बढ़ेगा।
समारोह में बोल बम सेवा शिविर महासंघ के अध्यक्ष हनुमान प्रसाद, महासंघ के विश्वनाथ भगत, त्रिभुवन कुमार, अनुपम अग्रवाल, सतेंद्र पांडेय तथा बोल बम सेवा समिति के सैकड़ों लोग और भाजपा के कई प्रदेश पदाधिकारी, नेता एवं कार्यकर्ता सम्मिलित हुए। मंच संचालन सजल झा ने किया।
Darbhanga Aiims: इस तारीख को दरभंगा एम्स का होगा शिलान्यास, PM Modi 8 करोड़ मिथिलावासियों को देंगे सौगात
राज्य ब्यूरो, पटना। Darbhanga News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 नवंबर को दरभंगा में बिहार के दूसरे एम्स का शिलान्यास कर आठ करोड़ से अधिक मिथिलावासियों के स्वर्णिम भविष्य और ऐतिहासिक विकास का सौगात देंगे। दरभंगा के शोभन में प्रस्तावित कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री ने अपनी सहमति दे दी है।
दरभंगा सांसद डॉ. गोपालजी ठाकुर ने प्रधानमंत्री मोदी के हाथों होने वाले एम्स शिलान्यास कार्यक्रम को सम्पूर्ण मिथिला क्षेत्र के लिए गौरव की बात बताते हुए कहा कि पीएम मोदी और भाजपा ने सदैव मिथिला के सर्वांगीण विकास का सपना देखा, जो कि अब शोभन में साकार होने जा रहा है।
1264 करोड़ की लागत से बनेगा एम्सबता दें कि 188 एकड़ के सवा दो लाख वर्ग मीटर में 36 महीने में एचएससीसी कंपनी के द्वारा 1264 करोड़ की लागत से 750 बेड का एम्स बनाया जाएगा।
सांसद ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विशेष पहल पर जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी की गई। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने आकर हस्तांतरित जमीन का भौतिक निरीक्षण भी किया। इसके बाद शिलान्यास की तिथि तय हुई है।
दरभंगा एम्स को सम्पूर्ण उत्तर बिहार खासकर मिथिला क्षेत्र के लिए आने वाले समय के लिए वरदान होगा। यह क्षेत्र प्राचीन काल से ही विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से प्राभावित रहा है।
लंबे समय तक यूपीए सरकार रहने के बावजूद बाबजूद यहां के विकास के लिए कुछ नहीं किया गया जबकि भाजपा और एनडीए सरकार ने यहां के विकास को देश स्तर पर स्थापित किया।
एनबीसीसी लिमिटेड को मिली है दरभंगा एम्स बनाने की जिम्मेदारीकेंद्र सरकार ने दरभंगा में एम्स निर्माण का जिम्मा एनबीसीसी लि. की सहायक कंपनी एचएससीसी इंडिया लिमिटेड को सौंप दिया है।
इस परियोजना के लिए 1261 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जिसमें वृद्धि की संभावना है। बिहार सरकार ने एम्स के लिए 188 एकड़ जमीन दी है, जिसमें से 2.25 लाख वर्ग मीटर में एम्स के भवन बनाए जाएंगे।
यह परियोजना तीन साल में पूरी होगी और इसका लक्ष्य कम लागत पर उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा शिक्षा और देखभाल सेवाएं प्रदान करना है।
एम्स दरभंगा को अत्याधुनिक स्वास्थ्य देखभाल संस्थान बनाया जाएगा। इस एम्स के बनने से पूरे बिहार के मरीजों के इलाज में आसानी होगी।
दरभंगा एम्स पर एक नजर- परियोजना के लिए बजट : 1261 करोड़ रुपये (बढ़ सकती है लागत)
- बिहार सरकार ने दी जमीन : एम्स के लिए 188 एकड़ जमीन मिली
- दरभंगा एम्स का भवन : 2.25 लाख वर्ग मीटर में अस्पताल के भवन बनेंगे
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बिहार में अब बढ़ेगा गिट्टी का कारोबार, नीतीश सरकार ने कर दिया बड़ा एलान; पढ़ें डिटेल
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य सरकार प्रदेश में बालू के बाद गिट्टी के कारोबार में अधिक से अधिक लोगों को शामिल करने के लिए उन्हें लाइसेंस जारी करेगी। बालू की तर्ज पर गिट्टी कारोबार करने वालों को भी के-लाइसेंस जारी किए जाएंगे।
सरकार ने यह निर्णय गिट्टी कारोबार से नए लोगों को जोडऩे और सरकारी राजस्व में वृद्धि के इरादे से लिया है।हाल में सरकार ने गिट्टी का कारोबार करने वाले व्यापारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक में उन्हें होने वाली समस्याओं पर विचार विमर्श किया।
व्यापारियों की ओर से की गई थी मांगइसमें व्यापारियों की ओर से नए कारोबारियों को लाइसेंस देने की मांग उठाई गई। गिट्टी का बड़ा कारोबार करने वाले कुछ व्यापारियों की यह मांग भी थी वे एक ही शहर में अपने छोटे-छोटे आउटलेट खोलना चाहते हैं। ताकि गिट्टी के कारोबार को और विस्तारित कर सकें।
इसके बाद बैठक में शामिल अधिकारियों के स्तर पर यह निर्णय लिया गया कि कारोबार को विस्तार देने के लिए विभाग की ओर से नए सिरे से के-लाइसेंस जारी किए जाएंगे।
इसमें नए व्यापारियों को तो लाइसेंस दिए ही जाएंगे पूर्व से कारोबार करने वाले जो व्यापारी अपने कारोबार को विस्तार देने के लिए अतिरिक्त लाइसेंस चाहते हैं उन्हें भी लाइसेंस जारी किए जाएंगे।
धर्मकांटा पर्ची दिखाने पर ही निर्गत होगा ई-चालानविभाग ने नए लाइसेंस के लिए शर्त निर्धारित की है कि नया के-लाइसेंस लेने पर कारोबारी को अनिवार्य रूप से धर्मकांटा लगाना होगा। धर्मकांटा पर्ची दिखाने पर ही ई-चालान निर्गत होगा।
वहीं पुराने लाइसेंस धारियों को धर्मकांटा लगाने की अनिवार्यता से 31 दिसंबर तक थोड़ी छूट दी गई है। ऐसे लाइसेंसधारी सार्वजनिक धर्मकांटा से संबद्ध होकर ई-चालान निर्गत करवा सकेंगे।
बता दें कि राज्य में बिना लाइसेंस और ई-चालान के बालू, गिट्टी या व्यावसायिक कार्य के लिए मिट्टी की कटाई खनन और ढुलाई अवैध है। पकड़े जाने पर जुर्माना और सजा का प्रविधान भी नियमावली में किया गया है।
पटना के बच्चे 25 देशों के बच्चों से कर सकेंगे दास्तीराजधानी के स्कूली बच्चे 25 देशों के बच्चों से दोस्ती कर सकते हैं। विदेश में बैठे दोस्त के साथ अपना सुख-दुख साझा करेंगे। भारतीय पोस्ट आफिस के पोस्ट क्रासिंग सेवा के माध्यम यह सुविधा मिलेगी। पोस्ट कार्ड से कोई भी संदेश विदेश में भेजने और दूसरे देश के बच्चों का संदेश प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
28 से 30 नवंबर तक बिहार डाक प्रदर्शनी के पोस्ट क्रासिंग सुविधा के लांचिंग होगी। प्रदर्शनी में पोस्ट क्रासिंग सेवा को लांच किया जाएगा। बिहार डाक सर्किल की ओर से अब तक जर्मनी, फ्रांस, आस्ट्रेलिया, कनाडा, यूके सहित 17 देशों की सहमति मिल चुकी है। देशों की संख्या 25 होने की संभावना है।
स्कूली बच्चों को दूसरे देशों के दोस्त बनने की चाह रखने वाले की सूची दी जाएगी। इसके लिए पहली बार फ्री में पोस्ट कार्ड भी दिए जाएंगे। इसके बाद पोस्ट कार्ड खरीद कर अपनी बात-चीत को आगे बढ़ा सकते है।
डिजिटल डाक टिकट की भी होगी प्रदर्शनीडाक मुख्य महाध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि प्रदर्शनी में डाक टिकटों के अतिरिक्त डिजिटल डाक टिकट प्रदर्शनी का आयोजन होगा। इसमें टू-डी, थ्री डी एवं स्मार्ट सरफेस प्रदर्शनी का होगा।
इसके अतिरिक्त क्यूआर बेस्ड प्रदर्शनी होगा। इसके तहत क्यूआर कोड स्कैन कर डाक टिकट के बारे में जानकारी हासिल किया जा सकेगा। यह प्रदर्शनी डाक टिकट प्रेमियों को नई जानकारियां देने वाला होगा।
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बिहार में डेंगू का कहर, पटना-गया के बाद दो और जिले सबसे ज्यादा प्रभावित; अब तक सामने आए 7600 से अधिक मामले
राज्य ब्यूरो, पटना। स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग की तमाम कोशिशों के बाद भी राज्य में डेंगू का प्रकोप कम होता नहीं दिखता। प्रदेश की राजधानी पटना सर्वाधिक डेंगू प्रभावित है। जबकि दूसरे पायदान पर गया जिला है।
पटना में इस वर्ष अब तक डेंगू के 3782 केस सामने आ चुके हैं। जबकि गया में 414 केस मिल चुके हैं। राज्य में इस वर्ष अब तक डेंगू के कुल 7641 मामले मिल चुके हैं।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से तीन नवंबर को जारी रिपोर्ट बताती है कि पटना और गया जिले के साथ ही वैशाली, मुजफ्फरपुर, नालंदा, बेगूसराय, औरंगाबाद, सारण में सर्वाधिक मामले मिल चुके हैं। विभाग के अनुसार, पटना में इस वर्ष अब तक डेंगू के 3782 केस सामने आए हैं।
आबादी बताई जा रही है डेंगू बढ़ने की मुख्य वजहपटना की आबादी का ज्यादा होना इसकी वजह बताई जा रही है। गया में भी विभाग आबादी और साफ-सफाई को डेंगू की बड़ी वजह मानता है। रिपोर्ट के अनुसार, पटना और गया के बाद वैशाली जिले में इस वर्ष डेंगू के 161 मामले सामने आए हैं।
मुजफ्फरपुर में 254, नालंदा में 242, बेगूसराय में 208, सहरसा में 206, सारण में 169 केस मिल चुके हैं। अगर बीते वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो 2019 में प्रदेश में डेंगू के 6712 केस मिले थे। जबकि 2020 में महज 493 और 2021 में 633 केस मिले थे। जबकि 2022 में डेंगू मरीजों की संख्या 13,972 पर पहुंच गई थी।
इसके बाद 2023 में केस की संख्या बढ़कर 20,224 तक पहुंच गई। इस वर्ष डेंगू के मामले बेकाबू ना हो और 2022, 23 की स्थिति न बने इसके लिए सरकार के कई महकमों द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं बावजूद डेंगू के मामले कम होने की बजाय प्रतिदिन बढ़ रहे हैं।
हर हफ्ते मरीज व बीमारी की देनी होगी जानकारीउधर, सिवान जिले के सभी निजी अस्पतालों को हर हफ्ते अपने यहां आने वाले मरीजों और उनकी बीमारी की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी। विभाग अपने आइडीएसपी कार्यक्रम में निजी अस्पतालों को भी जोड़ने जा रहा है। निजी अस्पतालों को भी सरकारी की तर्ज पर बीमारियों की जानकारी फार्म भरकर देनी होगी।
इससे पता चलेगा कि जिले में किस बीमारी का प्रकोप है। इससे बीमारियों की रोकथाम में सहूलियत होगी। मामले में सिविल सर्जन डॉ. श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि आइडीएसपी कार्यक्रम में निजी अस्पतालों को भी जोड़ने का काम शुरू कर दिया गया है।
इसमें हर हफ्ते अपने यहां आने वाले मरीजों और उनकी बीमारी की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी। हालांकि अभी अधिकांश निजी अस्पताल इसकी जानकारी नहीं दे रहे हैं।
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पैक्स चुनाव में शिक्षकों की ड्यूटी को लेकर आया नया ऑर्डर, सभी जिलाधिकारियों के पास पहुंचा 24 पेज का दिशा-निर्देश
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में 26 नवंबर से 3 दिसंबर के बीच पांच चरणों में पैक्स चुनाव होने है। इसकी मुकम्मल तैयारियों को लेकर बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार की ओर से रविवार को सभी जिलाधिकारियों सह जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को 24 पृष्ठों में दिशा-निर्देश जारी किया गया है।
इसके मुताबिक, शांतिपूर्ण व भयमुक्त चुनाव को लेकर हर जिले में अभी से तमाम तैयारियां सुनिश्चित करनी हैं। सरकारी विद्यालयों में शिक्षण कार्य में लगे शिक्षकों को पैक्स चुनाव में प्रतिनियुक्त नहीं किया जाएगा, लेकिन अपरिहार्य परिस्थितियों में ऐसा करने पर कोई रोक नहीं होगी।
इसी सहकारी समितियों के पदाधिकारियों और कर्मियों की भी चुनाव कार्य में प्रतिनियुक्त नहीं होगी। चुनाव में पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति आदेश जिलाधिकारी जारी करेंगे, जबकि चुनाव संबंधी सुरक्षा व्यवस्था की कमान आरक्षी अधीक्षक व वरीय आरक्षी अधीक्षक संभालेंगे।
मतदान कर्मियों का प्रशिक्षण जल्द पूरा कराने की हिदायतप्राधिकार के सचिव पुरुषोत्तम पासवान के हस्ताक्षर से जारी निर्देश में सभी जिलाधिकारियों को हिदायत दी गई है कि मतदान कार्य से जुड़े कर्मियों को दिए जाने वाले अनिवार्य प्रशिक्षण को सुचारू रूप से जल्द संपन्न करा लें। प्रशिक्षण की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
संबंधित मतदान कर्मियों को पहचान पत्र का विवरण एक पंजी में भी अलग से संधारित किया जाए। चुनाव कार्यों में महिलाओं की प्रतिनियुक्ति में खासा ध्यान रखा जाए। कहा गया है कि प्रतिनियुक्त की जानी वाली प्रत्येक महिला के लिए आवासन, स्नान, शौच आदि के लिए स्वतंत्र व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी।
अगर ऐसी व्यवस्था संभव न हो सके तो महिला कर्मी को चुनाव पर प्रतिनियुक्त नहीं किया जाएगा। पैक्स चुनाव में गर्भावस्था के अंतिम चरण में चल रही किसी महिला को, चाहे वह मातृत्व अवकाश पर हो अथवा नहीं या जो चिकित्सकीय सलाह पर कोई कठिन अथवा श्रमसाध्य कार्य करने के योग्य नहीं हो, चुनाव में ड्यूटी पर नहीं लगाया जाएगा। दिव्यागंजनों की भी प्रतिनियुक्त नहीं की जाएगी।
भगोड़े अपराधियों से लेकर शस्त्रों के सत्यापन को विशेष अभियानप्राधिकार ने भगोड़े, हिस्ट्रीशीटर और अन्य अपराधियों के विरुद्ध विशेष अभियान चलाकर गिरफ्तारी का निर्देश सभी जिलों को दिया है। साथ ही, शस्त्रों एवं शस्त्र की दुकानों की अनुज्ञप्तियों का शत-प्रतिशत सत्यापन कराने को कहा है।
संदिग्ध एवं आपराधिक चरित्र के व्यक्तियों की धर-पकड़, उपद्रवियों एवं शरारती तत्वों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता के संगत प्रावधानों के अधीन निरोधात्मक कार्रवाई करने को भी कहा गया है। ताकि, मतदाता निर्भय होकर स्वतंत्रतापूर्वक अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।
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रियल एस्टेट एजेंट ध्यान दें, RERA ने जारी किया नया निर्देश; बैंक डिटेल और दस्तावेजों से जुड़ी है बात
राज्य ब्यूरो, पटना। केंद्र व राज्य की आर्थिक मामलों से जुड़ी जांच एजेंसियों को रियल एस्टेट क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर काला धन निवेश किए जाने की शिकायतें मिल रही हैं। काले धन को सफेद करने में रियल एस्टेट एजेंटों की मदद ली जाती है।
इसको देखते हुए रेरा ने रियल एस्टेट एजेंटों को अपना बैंक खाता, जमीन खरीद-बिक्री से संबंधित कागजात और तमाम पुराने रिकॉर्ड को सुरक्षित और अपडेट रखने के निर्देश दिए हैं। ताकि संदेह की स्थिति में सीबीआइ, ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसी या राज्य की एजेंसी वित्तीय मामलों की जांच कर सके।
व्यक्तिगत एजेंट का रेरा में निबंधन अनिवार्यबता दें कि रियल एस्टेट क्षेत्र में कार्य करने वाली कंपनी या व्यक्तिगत एजेंट का रेरा में निबंधन अनिवार्य है। निबंधन के दौरान कंपनी का नाम, रजिस्टर्ड पता, उद्यम का प्रकार, कंपनी के निबंधन का विवरण, एजेंट का नाम, पता, फोटो, पैन व आधार कार्ड आदि की जानकारी देना अनिवार्य होता है।
वर्तमान में रेरा अधिनियम के तहत लाइसेंस नवीकरण के लिए आवेदन करते समय अपडेट दस्तावेज देने की अनिवार्यता नहीं थी। परंतु प्राधिकरण ने इससे संबंधित पुराने नोटिस में अब संशोधन कर दिया है।
बिहार रेरा ने अनिबंधित परियोजनाओं की गुप्त सूचना देने पर ईनाम देने की योजना वापस ले ली है।
पहले बनाई गई थी यह व्यवस्था15 जुलाई 2022 से प्रारंभ हुई इस योजना के तहत बिना निबंधन रियल एस्टेट परियोजनाओं का संचालन करने की गुप्त जानकारी पर 10 हजार रुपये का नकद इनाम देने की व्यवस्था बनाई गई थी।
प्राधिकरण के मुताबिक कई स्रोतों से इस संबंध में जानकारी उपलब्ध होने की वजह से ईनाम देने की योजना को पहली नवंबर 2024 के प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया गया है।
फ्लैट नहीं दिया, अब 21 प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्याज जोड़कर वापस करनी होगी राशिधोखाधड़ी जितनी चालाकी से हुई, उपभोक्ता न्यायालय ने उतना ही तगड़ा निर्णय भी सुनाया है। पूरी राशि लेकर भी देविका बिस्वास को फ्लैट नहीं देने वाले वास्तु विहार को अब 21 प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्याज जोड़ते हुए राशि वापस करनी है। इसके अलावा हर्जाना भी देना है।
वास्तु विहार का आधिकारिक नाम मेसर्स टेक्नो कल्चर बिल्डिंग सेंटर प्राइवेट लिमिटेड है। देविका बिस्वास कोलकाता में रायपुर रोड (पूर्व) की निवासी हैं। सितंबर, 2013 में उन्होंने 5.25 लाख रुपये में रांची में एक छोटे फ्लैट (वास्तु नैनो) के लिए अनुबंध किया।
बुकिंग के समय 1.90 लाख रुपये का भुगतान भी कर दिया। अनुबंध की शर्तों के अनुसार शेष राशि उन्होंने 36 किस्तों में चुका दी। उसके बाद भी उन्हें फ्लैट नहीं मिला। अक्टूबर, 2016 में फ्लैट देने का अनुबंध था। समय से फ्लैट नहीं देने पर वास्तु विहार द्वारा तीन हजार रुपये मासिक भुगतान की शर्त थी।
बार-बार के आग्रह के बावजूद देविका को मासिक राशि भी नहीं मिली। अंतत: वे पटना मेंं जिला उपभोक्ता आयोग पहुंचीं। वास्तु विहार ने इस मामले में क्षेत्राधिकार का प्रश्न खड़ा किया।
वास्तु विहार क्या था दावा?आयोग के अध्यक्ष प्रेम रंजन मिश्रा और सदस्य रजनीश कुमार ने साक्ष्यों के आकलन के क्रम में पाया कि अनुबंध में स्पष्ट उल्लेख है कि किसी भी तरह के विवाद में न्यायिक परिक्षेत्र पटना होगा। वास्तु विहार का दावा था कि उसने छह प्रतिशत सामान्य ब्याज जोड़कर राशि वापसी की पेशकश की थी, जिसका कोई साक्ष्य नहीं मिला।
इस तरह स्वयं के बचाव मेंं उसके तर्क झूठे निकले। आयोग ने निर्णय दिया कि वास्तु विहार 21 प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्याज के साथ 5.25 लाख रुपये देविका को वापस करेगा। ब्याज की गणना एक सितंबर, 2016 से होगी।
इस मामले में मानसिक व शारीरिक पीड़ा झेलने के एवज में एक लाख रुपये हर्जाना देना होगा और 20 हजार रुपये न्यायिक खर्च के अतिरिक्त।
चार माह के भीतर राशि का भुगतान नहीं होने पर कानूनी कार्रवाई होगी और तब आदेश तामिल कराने के लिए 10 हजार रुपये अतिरिक्त देने होंगे। कानूनी कार्रवाई में हर्जाने के साथ जेल की सजा का भी प्रविधान है।
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Bihar Weather Today: छठ के दिन कैसा रहेगा मौसम? IMD ने दी ताजा जानकारी, बारिश और ठंड को लेकर पढ़ें नया अपडेट
जागरण संवाददाता, पटना। लोक आस्था के महापर्व छठ में इस बार सुबह के अर्घ्य के समय ठंड का प्रभाव नहीं रहेगा। राजधानी समेत प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता नहीं होने अभी ठंड का प्रभाव नहीं है। प्रदेश का न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने से नवंबर में गुलाबी ठंड रहेगी।
इस माह तापमान सामान्य से दो से तीन डिग्री तक अधिक रहने की संभावना है। माह के अंत में सर्द हवा के कारण ठंड में वृद्धि के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान राजधानी समेत प्रदेश के अधिसंख्य भागों का मौसम शुष्क बना रहेगा।
सुबह के समय रहेगा धुंध का असरउत्तर पश्चिम भाग के पश्चिम व पूर्वी चंपारण के एक या दो स्थानों पर हल्की वर्षा की संभावना है। पांच दिनों के दौरान तापमान में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है। सुबह के समय धुंध का असर रहेगा। रविवार को पछुआ के प्रभाव से पटना सहित 20 जिलों के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई।
राजधानी के अधिकतम तापमान में 1.3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट के साथ 29.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि 34.5 डिग्री सेल्सियस के साथ सीतामढ़ी में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
राजधानी समेत आसपास इलाकों में सुबह के समय हल्के कोहरे का प्रभाव बना रहा। दिन में धूप निकलने के साथ मौसम सामान्य बना रहा।
मौसम में बदलाव का दिखने लगा असरमौसम का असर अब दिखने लगा है। दिन में तेज धूप व गर्मी का प्रभाव अभी भी बना हुआ है, लेकिन सुबह में गुलाबी ठंड व धुंध भी अपना प्रभाव दिखाने लगा है। रविवार की सुबह साढ़े सात बजे तक मुख्य सड़क सहित अन्य क्षेत्रों में दृश्यता में कमी बनी रही।
सुबह में कुहासा व गुलाबी ठंड के साथ पूरा दिन व रात के 10 बजे तक गर्मी अपना प्रभाव छोड़ने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि नवंबर की शुरुआत के साथ ठंड भी प्रभावशाली हो जाना चाहिए, लेकिन मौसम का मिजाज हर किसी की समझ से बाहर रहने लगा है।
सुबह में कुहासा के साथ दिन में बादल भी बने रहने से कभी-कभी बारिश जैसी संभावना दिखने से त्योहार के प्रति गंभीर रहने वाले लोग थोड़ा असहज महसूस करने लगते हैं क्योंकि छठ के त्योहार में चूल्हा बनाने व सुखाने से लेकर गेहूं व चावल धोना, सुखाना भी आवश्यक है।
ऐसे में हर आदमी यहीं कहते मिल रहा हैं कि मौसम का मिजाज कुछ समझ नहीं आ रहा है। हालांकि मौसम विभाग का कहना है कि आसमान में बादल छाए रहेंगे लेकिन बारिश की संभावना नहीं है। इसके अलावे तापमान में भी गिरावट का अनुमान बताया गया है।
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सीतामढ़ी जिले में भाजपा नेता पर गोलीबारी, गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती; ताबड़तोड़ फायरिंग से दहला इलाका
संवाद सूत्र, जागरण, बैरगनिया (सीतामढ़ी)। बिहार के सीतामढ़ी जिले के बैरगनिया प्रखंड के भाजपा ग्रामीण मंडल के अध्यक्ष जयप्रकाश निराला को घात लगाकर बैठे अपराधियों ने गोली मारकर गंभीर रुप से घायल कर दिया।
बताया गया है कि भाजपा नेता जयप्रकाश बैरगनिया बाजार स्थित अपने कपड़े की दुकान से रविवार की रात्रि अपने घर परसौनी जा रहे थे। रास्ते में बखरी गांव के पास उन पर कई राउंड गोलियां चलाई गईं। इस दौरान एक गोली उनके बाएं बाजू पर लगी और वे गंभीर रुप से घायल हो गए। गोलियों की आवाज से पूरा इलाका गूंज उठा और लोगों में दहशत फैल गई।
बाजू में लगी गोलीभाजपा नेता को गोली लगने की सूचना मिलते ही ग्रामीणों एवं उनके परिजनों ने उन्हें उठाकर सीतामढ़ी डॉ. अरुण कुमार के पास ले जाकर इलाज कराया। बताया गया है कि बाजू में लगी गोली निकाल दी गई है। और अब वे खतरे से बाहर है। घटना की सूचना पर रीगा विधानसभा क्षेत्र के विधायक मोतीलाल प्रसाद व भाजपा नगर मंडल के अध्यक्ष प्रदीप कुमार इलाजरत जयप्रकाश निराला के पास पहुंचकर हालचाल जाना।
पुराने विवाद में वारदातभाजपा नगर मंडल के अध्यक्ष प्रदीप कुमार ने बताया कि पूर्व विवाद को लेकर उनके गांव परसौनी के ही कुछ लोगों ने साजिश रचकर जान मारने की नीयत से उन पर गोली चलाई है।
अभी नहीं दी लिखित शिकायतबैरगनिया थाना पुलिस नर्सिंग होम में भाजपा नेता का कुशल क्षेम जानने पहुंची थी। साथ में बैरगनिया के क्षेत्रीय विधायक मोतीलाल प्रसाद भी थे। एसडीपीओ राम कृष्णा ने ही घटना की पुष्टि की। साथ ही उन्होंने कहा कि स्वजन का कहना है कि भाजपा नेता पर उनके ही पूर्व व्यावसायिक पार्टनर लक्ष्मी प्रसाद ने हीं गोली चलवाई है। हालांकि इस बात की अभी लिखित शिकायत नहीं मिली है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। पुलिस घटना की जांच में जुटी है।
पटना में होटल मालिक की हो चुकी हत्याबिहार में अपराधी बेखौफ हैं। कुछ दिन पहले राजधानी पटना में एक होटल मालिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना पीरबहोर थाना क्षेत्र के कुतुबुद्दीन लेन की थी। रविवार को दोपहर साढ़े तीन बजे वारदात को अंजाम दिया गया। होटल मालिक को बदमाशों ने पांच गोलियां मारी थीं। होटल मालिक की पहचान शकील मलिक के तौर पर हुई थी। वह मूलत: जहानाबाद के बघवारा का रहने वाला था। जानकारी के मुताबिक 20 लाख रुपये की रंगदारी न देने पर बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया।
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Nitish Kumar : CM नीतीश ने अचानक इस दिग्गज नेता का छू लिया पैर, संभालने पहुंचे विजय कुमार चौधरी; पढ़ें पूरा मामला
जागरण संवाददाता, पटना सिटी। Bihar Political News Today: चित्रगुप्त पूजा के अवसर पर रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नौजर घाट स्थित ऐतिहासिक श्री आदि चित्रगुप्त मंदिर पहुंचकर भगवान चित्रगुप्त की विशेष पूजा अर्चना किए। मुख्यमंत्री ने बिहार में अमन को लेकर भगवान चित्रगुप्त से दुआएं मांगी। इसके बाद उन्होंने जो किया उसकी चर्चा पूरे बिहार में हो रही है। नीतीश कुमार ने पीएम मोदी के बाद एक और दिग्गज नेता का पैर छूकर सभी को चौंका दिया है। वहां खड़े लोग भी हैरान रह गए।
भाजपा के पूर्व सांसद ने की तारीफ तो सीएम नीतीश ने छुए पैरइस दौरान भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद सह मंदिर प्रबंधक समिति के अध्यक्ष आरके सिन्हा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मंदिर के इतिहास से अवगत कराया और जमकर उनके काम की तारीफ करने लगे। इसके बाद सीएम नीतीश कुमार ने आरके सिन्हा का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इस दौरान आरके सिन्हा थोड़ा डगमगाते दिखे तो विजय कुमार चौधरी ने उन्हें संभाला।
आरके सिन्हा ने नीतीश कुमार के काम की तारीफ कीचित्रगुप्त पूजा के इस खास मौके पर बीजेपी नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का धन्यवाद कर रहे थे। उन्होंने मंच से कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से विशेष रूप से मंदिर पर ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री के दिशानिर्देश पर ही इस मंदिर में व्यवस्था ठीक की जा रही है। मंदिर का पुननिर्माण सीएम नीतीश कुमार के प्रयास से ही संभव हो पाया।
इस दौरान सीएम ने लोगों से मिलकर उन्हें चित्रगुप्त पूजा की शुभकामनाएं दी। सीएम के साथ जल संसाधन व संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, पुलिस महानिदेशक आलोक राज, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार के अलावे जिला प्रशासन के कई अधिकारी थे।
नीतीश कुमार ने दिग्गज नेता के छुए पैर, विजय चौधरी ने दोनों को संभाला#NitishKumar #BiharNews #biharnewstoday pic.twitter.com/unkpKDGnSy
— Sanjeev Kumar (@Sanjeev47429593) November 3, 2024 चित्रगुप्त पूजा कब मनाया जाता है?चित्रगुप्त पूजा एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हर साल दीपावली के बाद आने वाली भाईदूज या भैया दूज के दिन मनाया जाता है। यह दिन कार्तिक शुक्ल द्वितीया को पड़ता है, जब भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है, जो लेखनी के रूप में की जाती है ¹। इस दिन लेखनी, दवात और पुस्तकों की भी पूजा की जाती है।
चित्रगुप्त पूजा का महत्वचित्रगुप्त पूजा का महत्व वणिक वर्ग के लिए नवीन वर्ष की शुरुआत के रूप में है, जब नवीन बही-खातों पर 'श्री' लिखकर कार्य प्रारंभ किया जाता है। यह दिन यम द्वितीया के रूप में भी मनाया जाता है, जब मृत्यु के देवता यमराज और भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है।
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राज्य ब्यूरो,पटना। राजद के 4 लाख सक्रिय सदस्यों का ब्योरा जन सुराज पार्टी (जसुपा) के हाथ लग गया है। अब राजद इसकी जांच में लगा है कि आखिर यह हुआ कैसे। नेतृत्व को आशंका है कि प्रदेश मुख्यालय में पूर्व निर्धारित दायित्वों के निर्वहन में पार्टी पदाधिकारियों व इंटरनेट मीडिया प्रभारियों की कोताही और डाटा इंट्री आपरेटरों की मिलीभगत से ऐसा हुआ है।
फोन कॉल के बाद हुआ खुलासाजसुपा की ओर से राजद के कुछ सक्रिय सदस्यों को फोन किए जाने के बाद इसकी जानकारी हुई। उल्लेखनीय है कि जसुपा वैसे तो बिहार में सक्रिय प्राय: सभी दलों को खुली चुनौती दे रही, लेकिन मुसलमानों के लिए उसकी पैरोकारी राजद को कुछ अधिक ही अखर रही है। कारण, राजद का आधार वोट है, जो यादवों के साथ मुसलमानों को जोड़कर बनता है। राजनीति में उसे माय (मुसलमान-यादव) समीकरण कहते हैं।
प्रखंड और पंचायतवार ब्योरा हुआ लीकजो डाटा लीक बताया जा रहा, उसमें सक्रिय सदस्यों का नाम-पता, उम्र-लिंग, मोबाइल नंबर, दायित्व, कार्यक्षेत्र और अभिरुचि आदि दर्ज हैं। प्रखंड और पंचायतवार श्रेणी में वर्गित यह ब्योरा प्रदेश कार्यालय के कंप्यूटरों में संग्रहित था। चुनावी रणनीति और संगठनात्मक कार्यों के लिए इसकी बड़ी उपादेयता है। ऐसे में इस डाटा का किसी भी विरोधी दल के हाथ लग जाने से राजद की संभावनाओं पर प्रतिकूल असर स्वाभाविक है। वह भी तब जबकि अगले वर्ष विधानसभा का चुनाव होना है।
दरअसल, जन सुराज के राजनीतिक अवतरण के समय ही राजद ने भविष्य के खतरे को भांप लिया था। जसुपा को भाजपा की बी टीम बताते हुए राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने अपने कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी थी कि वे उसके बहकावे में न आएं।
उपचुनाव के दौरान जसुपा की रणनीति ने आशंका को किया पुष्टइस बीच नेतृत्व को सूचना मिली कि राजद के डाटा का उपयोग कर जसुपा अपने अभियान पर आगे बढ़ रही। विधानसभा की चार सीटों पर उपचुनाव के दौरान जसुपा की रणनीति से राजद की यह आशंका पुष्ट हो रही है। हालांकि, जसुपा ऐसे आरोपों को पहले ही नकार चुकी है। वैसे भी इंटरनेट मीडिया के इस दौर में शायद ही कोई डाटा सुरक्षित है।
अर्से से राजद में सक्रिय नेताओं-कार्यकर्ताओं को जब जसुपा से फोन पर आफर मिलने लगा तब नेतृत्व को इसकी भनक लगी। कई नेताओं ने तो स्वयं प्रदेश नेतृत्व को इससे अवगत कराया। उनमें राजधानी पटना के साथ गया, आरा, भागलपुर, कटिहार आदि के नेता हैं।
प्रतिबद्ध नेताओं-कार्यकर्ताओं को लेकर नेतृत्व को कोई विशेष चिंता नहीं, लेकिन सक्रिय भूमिका में कुछ भ्रमणशील प्रवृत्ति के भी लोग हैं, जिन पर आंख मूंदकर विश्वास नहीं किया जा सकता। ऐसे में चुनाव के बीच सांगठनिक गोपनीयता बनाए रखने की कठिन चुनौती होगी।
राजद के लिए विधानसभा का अगला चुनाव एक अनमोल अवसर है। उसी से भविष्य तय होना है। ऐसे में कोई भी चूक भारी पड़ेगी। अब जबकि एक चूक हो गई है तो नेतृत्व का प्रयास ऐसी किसी भी पुनरावृत्ति से बचने की है।
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राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के प्रत्येक विद्यालय में छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की पोस्टिंग होगी। इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा जिलेवार प्रत्येक विद्यालय में छात्र-शिक्षक अनुपात का आकलन कराया जा रहा है।
चूंकि 31 दिसंबर से पहले शिक्षकों के स्थानातंरण और पदस्थापन सुनिश्चित किया जाना है, उससे पहले प्रत्येक विद्यालय में छात्र-शिक्षक अनुपात का आकलन इसलिए भी जरूरी है क्योंकि अधिसंख्य विद्यालयों में शिक्षकों का पदस्थापन हो चुका है।
10 नवंबर तक मांगी गई रिपोर्टविद्यालयों के निरीक्षण में यह बात सामने आई है कि कहीं छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की संख्या ज्यादा है तो कहीं कम। इसके मद्देनजर जिला शिक्षा अधिकारियों से 10 नवंबर तक आकलन रिपोर्ट मांगी गई है।
राज्य में 75 हजार सरकारी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय है, जहां एक करोड़ 72 लाख से ज्यादा छात्र पढ़ते हैं। शिक्षा विभाग ने सभी विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात एकसमान करने का लक्ष्य तय किया है।
विद्यालयों के निरीक्षण में यह बात भी सामने आई है कि विद्यालयों में कहीं छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की संख्या ज्यादा है तो कहीं कम। खासकर नगर निकाय क्षेत्र के विद्यालयों में छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की ज्यादा संख्या का पता चला है।
कहीं पर 55-56 छात्र पर एक शिक्षकबता दें कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात 30:1 और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 35:1 होना चाहिए। इसके विरुद्ध राज्य के विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात का अभी तक वास्तविक आकलन नहीं हो पाया है।
सरकारी विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात में अभी कई विसंगतियां हैं। कहीं पर 55-56 छात्र पर एक शिक्षक हैं तो कहीं पर 38-40 छात्र पर एक शिक्षक पदस्थापित हैं। इन्हीं विसंगतियों को दूर करने हेतु शिक्षा विभाग तेजी से काम कर रहा है।
स्वयं जुलाई सत्र की परीक्षा के लिए कल तक स्वीकार होगा आवेदननेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने स्टडी वेब्स आफ एक्टिव लर्निंग फार यंग एस्पायरिंग माइंड्स (स्वयं) जुलाई, 2024 सेमेस्टर की परीक्षा के लिए आवेदन की तिथि में विस्तार किया है। अब चार नवंबर तक आनलाइन आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। वेबसाइट (exam.nta.ac.in/swayam) पर विस्तृत जानकारी अपलोड कर दी गई है।
अभ्यर्थी अपने आवेदन के विवरणों में सुधार कर सकते हैं। स्वयं जुलाई 2024 सेमेस्टर की परीक्षाएं दो पालियों में आयोजित की जायेगी। पहली पाली की परीक्षा सुबह 9:30 से दोपहर 12:30 बजे तक और दूसरी पाली की दोपहर तीन से शाम छह बजे तक होगी।
कार्यक्रम के अनुसार स्वयं जुलाई-2024 की परीक्षा सात, आठ, 14 और 15 दिसंबर को आयोजित की जाएगी। यह परीक्षा 525 विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए आयोजित की जाएंगी।
कुछ पेपर कंप्यूटर-आधारित टेस्ट मोड में आयोजित किये जायेंगे, जबकि कुछ हाइब्रिड मोड में होंगी। एनटीए द्वारा आयोजित टर्म एंड लिखित परीक्षा में 40 प्रतिशत अंक और आंतरिक मूल्यांकन में अलग से 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले, प्रमाण पत्र और क्रेडिट हस्तांतरण के लिए पात्र होंगे।
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Tejashwi Yadav: हत्याओं की सूची जारी कर तेजस्वी यादव ने पूछा, इसे जंगल-राज कहें या जालिम-राज
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में चार सीटों पर हो रहा उप चुनाव अगले वर्ष संभावित विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि तैयार करे या न करे, लेकिन सत्ता के लिए संघर्ष अभी से तीखा होता जा रहा है। उल्लेखनीय कार्यों के लिए स्वयं श्रेय लेने की होड़ के साथ व्यवस्था में कमी-कोताही के लिए एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चल रहा।
सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष भी इसमें पीछे नहीं। रविवार को बयान जारी कर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव में बिहार में बढ़ते अपराध के लिए पूर्णतया राज्य सरकार को जिम्मेदार बताया है।
पिछले दिनों में हुई हत्याओं की सूची जारी करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में अपराधियों की दीवाली और कानून-व्यवस्था का दिवाला है। इसी के साथ उन्होंने सहानुभूति मिश्रित अंदाज मेंं मीडिया को सावधान भी किया है।
तेजस्वी ने क्या कहा?तेजस्वी कह रहे कि खबरदार खबरनवीसो! अगर किसी ने इसे जालिम-राज, जंगल-राज और दैत्य-राज कहा तो! यह विशेषाधिकार तो इस राज के संरक्षकों और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ही है।
बिहार में अपराधियों की दिवाली और क़ानून व्यवस्था का दिवाला है।
ख़बरदार खबरनवीसों! अगर किसी ने इसे जालिम राज, जंगलराज और दैत्य राज कहा तो? यह विशेषाधिकार तो इस राज के संरक्षकों और प्रधानमंत्री जी को ही है। विगत दिनों में रूह को कंपकंपाने वाली “मुख्य हत्याओं” का संक्षिप्त…
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 3, 2024विगत दिनों में रूह को कंपकंपाने वाली केवल और केवल मुख्य हत्याओं का यह संक्षिप्त लेखा-जोखा है। तेजस्वी का यह ब्योरा अररिया में कारोबारी की हत्या से शुरू होता है और गया में पति-पत्नी व पटना में बुजुर्ग दंपती की हत्या पर जाकर ठहरता है।
इस क्रम में वे हत्या के 110 मामले गिना जा रहे। इस उल्लेख के साथ कि लूट, अपहरण, दुष्कर्म, चोरी-डैकती और जानलेवा हमले की घटनाएं इनसे अलग हैं।
व्रतियों को सेवा के लिए तमाम घाटों पर राजद कार्यकर्ता रहेंगे तैनात : हिमांशुबिहारशरीफ जिला राजद अध्यक्ष अशोक कुमार हिमांशु की अध्यक्षता में शनिवार को नालंदा जिला के बड़गांव, कोसुक, मोरा तालाब, बिहारशरीफ इमादपुर, आशा नगर, मनीराम अखाड़ा पर छठ घाटों का निरीक्षण किया गया।
जिला अध्यक्ष ने कहा कि लोक आस्था के महापर्व छठ पर छठव्रती माता, बहनों को किसी प्रकार का परेशानी ना हो इसके लिए जिला के पंचायत अध्यक्षों को घाट पर सेवा भाव के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
प्रदेश महासचिव हिमायूं अख्तर तारीक ने कहा कि लोक आस्था के छठ महापर्व पर पर किसी भी प्रकार का कोई परेशानी ना हो इसके लिए राष्ट्रीय जनता दल परिवार हर घाट पर पूरी व्यवस्था के साथ तैनात रहेगा। विगत वर्ष पर्यटन मंत्री रहते हुए तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बड़गांव में टेंट सिटी लगाया गया था।
इस बार भी टेंट सिटी लगाया जा रहा है। युवा अध्यक्ष मनोज यादव ने कहा कि युवा राष्ट्रीय जनता दल की टीम छठ घाट पर मौजूद रहेंगे। इस मौके पर पूर्व प्रत्याशी से सुनील साव, दीपक कुमार सिंह, रजनीश कुमार सिंह, अनिल अकेला, अरविंद यादव, पवन यादव, विनोद प्रसाद, शेखर यादव आदि मौजूद थे।
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Elevated Road: पटना में दो दर्जन मकानों पर लगा निशान, अब उन्हें तोड़ने की तैयारी; एलिवेटेड रोड को लेकर आया अपडेट
संवाद सूत्र, फुलवारी शरीफ। शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए पटना के अनीसाबाद से फुलवारी शरीफ और एम्स गोलंबर तक बनने वाले एलिवेटेड सड़क व पुल के लिए शनिवार से डीमार्केशन का काम शुरू हो गया। पहले दिन करीब दो दर्जन मकान तोड़ने का निशान लगाया गया है।
निशान लगाने के साथ लोगों के बीच चर्चा शुरू हो गई है। जिन्होंने सड़क किनारे सरकारी जमीन का अतिक्रमण कर पक्का निर्माण कर रखा है, उनके बीच हड़कंप मचा हुआ है।
मापी और डीमार्केशन का काम अंतिम चरण मेंअनीसाबाद से फुलवारी शरीफ और खगौल रोड एवं एम्स गोलंबर भूसौला दानापुर तक सड़क के दोनों तरफ काफी जमीन सरकार की है, लेकिन लोगों ने कच्चा-पक्का घर निर्माण कर वर्षों से अतिक्रमण कर रखा है। अवैध तरीके से निर्माण किए गए स्थल का पहले भी मापी हो चुकी है। शनिवार से मापी और डीमार्केशन का काम अंतिम चरण में होने वाला है।
अब तेजी से एलिवेटेड सड़क का निर्माण कार्य भी शुरू होने वाला है। वहीं, अनीसाबाद गोलम्बर से आगे सड़क के किनारे बने मकान और मार्केट वालों के बीच बेचैनी पैदा हो गई है।
बेलागंज की खराब सड़कों पर हिचकोले खा रही जदयू की प्रचार गाड़ीउधर, गया जिले के बेलागंज विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव में 34 साल बनाम 19 साल पर बहस है। इस सीट पर 1990 से राजद और पूर्ववर्ती जनता दल की जीत होती रही है। सत्तारूढ़ जदयू और पूर्ववर्ती समता पार्टी को यहां कभी जीत नहीं मिली। जदयू उप चुनाव को इसबार नहीं तो कभी नहीं की भावना से लड़ रहा है।
कार्यकर्ता, दल के पदाधिकारी, विधायक, सांसद और मंत्री सब जदयू उम्मीदवार मनोरमा देवी की जीत के लिए लगे हुए हैं। ताज्जुब की बात यह है कि जदयू की प्रचार गाड़ी खराब ग्रामीण सड़कों पर हिचकोले खा रही है।
किसान सिंचाई के कम साधनों की शिकायत कर रहे हैं तो आम उपभोक्ताओं का रोना है कि उनके लिए दी गई बिजली का उपयोग सिंचाई में हो जाता है।
नतीजा, ट्रांसफार्मर जवाब दे देता है। बेलागंज में जदयू के चुनाव प्रचार की कमान संभाल रहे ग्रामीण कार्य मंत्री डॉ. अशोक चौधरी स्वीकार करते हैं कि क्षेत्र की ग्रामीण सड़़कें खराब हैं। बीच चुनाव में ही ग्रामीण कार्य विभाग के एक कार्यपालक अभियंता को हटाया गया है। हटाने की अनुशंसा जिलाधिकारी ने की थी।
जदयू की प्रचार टीम में शामिल नेता-कार्यकर्ता क्षेत्र की बदहाली के लिए 34 साल से चुनाव जीत रहे राजद विधायक को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं। राजद विधायक सुरेंद्र यादव अब जहानाबाद के सांसद हैं। उनके सांसद चुने जाने के कारण ही उप चुनाव हो रहा है। उनके पुत्र विश्वनाथ कुमार सिंह राजद के उम्मीदवार हैं।
वोटरों को जदयू की ओर से कहा जा रहा है कि 34 साल आपने एक दल को अवसर दिया है। उप चुनाव में वोट देकर साल भर का समय हमारी पार्टी को दीजिए। फर्क महसूस नहीं हुआ तो आम चुनाव में वोट नहीं दीजिएगा।
डॉ. चौधरी का आरोप है कि इस क्षेत्र में ग्रामीण कार्य विभाग का ठेका भी सुरेंद्र यादव के पास ही रहता आया है। उप चुनाव के बाद धांधली की विस्तृत जांच होगी।
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बिहार में उपचुनाव के ठीक पहले पशुपति पारस की पार्टी ने लिया बड़ा फैसला, 14 नेताओं को मिली नई जिम्मेदारी
राज्य ब्यूरो, पटना। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) की नई प्रदेश कमेटी घोषित कर दी गई है। प्रिंस राज फिर प्रदेश अध्यक्ष व केशव सिंह को प्रधान महासचिव बनाए गए हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस, केंद्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष सूरजभान सिंह, पूर्व सांसद चंदन सिंह एवं प्रिंस राज पासवान के बीच हुई बैठक में नई प्रदेश कमेटी का पुर्नगठन किया गया। इसमें चौदह महासचिव और आठ उपाध्यक्ष बनाया गया है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रवण कुमार अग्रवाल ने शनिवार को यह जानकारी दी।
विधान पार्षद भूषण कुमार को प्रदेश संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष, संजीव रंजन, बिजूल सिंह, रामानन्द यादव, कृष्ण बिहारी सिंह, माधव सिंह, देव कुमार सिंह, रंजीत कुमार एवं राजाराम पासवान को उपाध्यक्ष, सुनील कुमार सिन्हा कोषाध्यक्ष बनाया गया है।
इन नेताओं को मिली ये जिम्मेदारीकन्हैया कुमार सिंह, राजेश सिंह, शिवनाथ पासवान, चंदन गांधी, नंदकिशोर केसरी, दशरथ पासवान, राजेन्द्र विश्वकर्मा, तपेश्वर पासवान, दिग्विजय चौरसिया, सुनील सिंह, चंदन कुमार, रमेश सिंह, अभितोष सिंह एवं मो. मासूम को महासचिव, विष्णुदेव मंडल को प्रदेश सचिव, मुंगेरी पासवान, राधाकान्त पासवान, जयप्रकाश गुप्ता, सुरेश सिंह निषाद, मो. इदरिश को संगठन सचिव, चंदन सिंह और मनीष आनन्द को प्रवक्ता बनाया गया है।
स्मिता शर्मा को महिला प्रकोष्ठ, उपेन्द्र यादव को युवा प्रकोष्ठ, राजू राजवीर को तकनीकी प्रकोष्ठ, डा. सुमन को चिकित्सा प्रकोष्ठ, विजय दास को अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ, रविशंकर सिंह को पंचायती राज प्रकोष्ठ, परवेज खान को अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ, दीनबंधु मिश्रा को अधिवक्ता प्रकोष्ठ एवं गोनेलाल मंडल को सहकारिता प्रकोष्ठ का अध्यक्ष बनाया गया है।
24 नवंबर से 22 दिसंबर तक जदयू का जिलास्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलनजदयू 24 नवंबर से 22 दिसंबर तक जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन करेगा। इसके लिए पांच टीमें बनी हैं। प्रत्येक टीम में नौ-नौ नेता हैं। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने शनिवार को यह जानकारी दी।
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि जिलास्तरीय सम्मेलन के लिए गठित टीमों का नेतृत्व क्रमश: जदयू के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष संजय झा, जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार व केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर सहित प्रदेश अध्यक्ष के रूप में वह खुद करेंगे।
शनिवार और रविवार को अलग-अलग जिलों में जिलास्तरीय सम्मेलन होगा। 22 दिसंबर को पटना में जिलास्तरीय सम्मेलन के साथ इसका समापन होगा। उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव में राज्य की 243 विधानसभा सीटों में 173 पर एनडीए को बढ़त मिली थी।
वहीं, महागठबंधन की बढ़त मात्र 63 सीटों पर थी। इसे ध्यान में रख 2025 के विधानसभा चुनाव में हमें इससे भी बड़ी जीत हासिल करनी है। हम 225 सीटों के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं।
इन सम्मेलनों के माध्यम से एनडीए की चट्टानी एकता का संदेश नीचे तक पहुंचाना है। भ्रम फैलाने वालों, झूठ का बाजार लगाने वालों और बिना काम किए क्रेडिट लेने वालों का हिसाब जनता खुद करेगी।
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