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Bihar Hooch Tragedy: सारण, सिवान और गोपालगंज में जहरीली शराब से 'हाहाकार', सीमावर्ती जिलों में बढ़ेगी चौकसी
राज्य ब्यूरो, पटना। सारण, सिवान और गोपालगंज में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग नए सिरे से शराबबंदी का लीकेज ढूंढने में जुट गया है। राज्य में अवैध शराब या स्प्रिट के आने के रूट को तलाशा जा रहा है। इसके लिए सीमावर्ती जिलों के चेकपोस्ट पर चौकसी बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। इतना ही नहीं, बिहार की सीमा से गुजरकर दूसरे राज्यों तक जाने वाले शराब लदे वाहनों की निगरानी भी और सख्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
विभागीय जानकारी के अनुसार, दूसरे राज्यों से आने-जाने वाली शराब लदीं गाड़ियाें के बिहार की सीमा पर पहुंचते ही उन्हें रोककर डिजिटल लॉक लगाने का प्रविधान है। इसके साथ ही जीपीएस से भी मॉनिटरिंग की जाती है।
अब अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वह जीपीएस के जरिए यह जांचें कि ऐसी गाड़ियां किन जगहों पर कितनी देर रुक रहीं हैं। डिजिटल लॉक लगीं ऐसी गाड़ियां अगर दस मिनट से अधिक एक जगह पर रुकेंगी तो उनके ड्राइवर से पूछताछ की जाएगी। इसके अलावा, उनके रूट पर भी नजर रखी जा रही है।
नौ साल में 28वीं घटना, मृतकों का आंकड़ा 300 पारबिहार में वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू की गई। इसके बाद से अभी तक जहरीली शराब से मौत के 28 कांड हो चुके हैं। सिवान, सारण और गोपालगंज के ताजा मामले को जोड़ दें तो अब तक जहरीली शराब से मरने वालों का आंकड़ा 300 पार कर चुका है।
ध्यान देने वाली बात है कि शराब से मौत के सर्वाधिक मामले गोपलागंज, सारण, सिवान और मोतिहारी जैसे सीमावर्ती जिलों में देखने को मिले हैं। इसके अलावा वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, नालंदा, नवादा जैसे जिलों में भी जहरीली शराब से मौतें हुई हैं।
विभाग के अनुसार, शराबबंदी के बाद जहरीली शराब से मौत का पहला बड़ा मामला 2016 में गोपालगंज के खजूरबन्नी में हुआ था जिसमें 19 की मौत हुई थी। वर्ष 2019 और 2020 में जहरीली शराब से एक भी मौत दर्ज नहीं की गई। आखिरी बार अप्रैल, 2023 में सिवान और पूर्वी चंपारण में जहीरीली शराब से 51 लोगों की मौत हुई थी। करीब डेढ़ साल बाद फिर जहरीली शराब ने मौत बांटी है।
आज मुख्य सचिव करेंगे शराबबंदी की समीक्षा:मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग में शुक्रवाद को दिनभर गहमागहमी रही। अधिकारी शराबबंदी से जुड़े आंकड़े जुटाते और फाइल पलटते दिखे। शनिवार को मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा शराबबंदी की समीक्षा करेंगे। इसमें विभाग के सभी वरीय अधिकारी शामिल होंगे।
दूसरी ओर, विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल भी सारण और सिवान के प्रभावित इलाकों का दौरा कर मुख्यालय लौट आए हैं। शुक्रवार को जांच रिपोर्ट बनाने का काम जारी रहा। इसे शनिवार को सौंपा जा सकता है।
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Bihar Bijli News: गांव वाले नहीं लगवा रहे थे स्मार्ट मीटर, फिर बिजली कंपनी ने निकाला गजब का उपाय
संवाद सूत्र, खुसरूपुर (पटना)। Bihar News: गुरुवार को प्रखंड सभागार में बीडीओ रवि कुमार की अध्यक्षता में कार्यशाला आयोजित कर लोगों में स्मार्ट मीटर से संबंधित कई तरह के संशय और भ्रांतियां दूर करने की कोशिश की गई। इस दौरान स्थानीय पदाधिकारियों एवं बिजली अधिकारियों ने आम लोगों को अफवाहों से दूर रहने की अपील की है।
अधिकारियों ने लोगों की शंका ऐसे कर दी दूरकार्यपालक अभियंता बिनोद कुमार ने कहा कि अगर आपके स्मार्ट मीटर का बैलेंस खत्म हो जाता है और आप किसी वजह से रिचार्ज नहीं करवा पाते हैं तो घबराने या डरने की जरूरत नहीं है। ऐसी स्थिति में मीटर में लगे पुश बटन को 20 सेकेंड तक दबाएं रखने से अगले 72 घंटे यानी तीन दिनों तक निर्बाध बिजली मिलती रहेगी। इस दौरान आप कभी भी अपना स्मार्ट प्रीपेड मीटर रिचार्ज कर सकते हैं।
यह सुविधा माह में एक बार ही उपलब्ध होगी। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार के नए निर्देश के अनुसार अब उपभोक्ता को बिजली बिल का भुगतान करने और बैलेंस खत्म होने की सूचना एक सप्ताह पहले दे दी जाएगी। अभी तक यह सूचना केवल 24 घंटे पहले दी जाती थी।
स्मार्ट प्रीपेड मीटर का अधिष्ठापन निःशुल्क है। मीटर में विद्युत विच्छेदन की अवधि केवल कार्य दिवस में दस बजे पूर्वाह्न से दो बजे अपराह्न के बीच ही की जाती है। छुट्टी के दिन विच्छेदन नहीं किया जाता है तथा रिचार्ज पर तीन फीसदी का वित्तिय लाभ दिया जाता है।
स्मार्ट मीटर रियल टाइम डेटा प्रदान करता हैस्मार्ट मीटर उपभोक्ता को दैनिक ऊर्जा खपत व राशि के कटौती का वास्तविक टाइम डेटा प्रदान करता है, जिससे ऊर्जा की बचत की जा सकती है। स्मार्ट मीटर अधिष्ठापन से पूर्व विद्युत बकाया राशि को किस्तों में भुगतान करने की व्यवस्था की गई है।
उपभोक्ता द्वारा दो हजार या इससे अधिक अग्रिम जमा राशि अपने खाते में बरकरार रखने पर ब्याज की सुविधा देय है। स्वीकृत भार से अधिक भार होने पर उपभोक्ता से छह माह तक कोई दंडात्मक राशि नहीं ली जाएगी। कार्यपालक अभियंता ने प्रखंड के उपभोक्ताओं की सुविधा के मद्देनजर नगर में बिजली कार्यालय के साथ ही फ्यूज काल सेंटर शुरू करने की घोषणा किया।
कार्यशाला में अंचल पदाधिकारी उत्तम राहुल, सहायक विद्युत अभियंता आजाद कुमार सिंह, कनीय विद्युत अभियंता अमित कुमार चौधरी, प्रखंड के अन्य पदाधिकारी, जन प्रतिनिधि एवं आम उपभोक्ता मौजूद रहे।
Tejashwi Yadav: '100 से अधिक मौत के बाद भी पटना में ठहाके लगाते मुख्यमंत्री', तेजस्वी ने नीतीश कुमार को जमकर सुनाया
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के सिवान, सारण और गोपालगंज में जहरीली शराब से मौत के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सरकार पर आक्रामक हैं।
सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर नीतीश कुमार की एक फोटो शेयर करते हुए तेजस्वी यादव ने लिखा कि जहरीली शराब से 100 से अधिक हत्या होने के बाद भी मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री पटना के बीचों-बीच ठहाके लगाकर हंस रहे हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि संवेदना तक व्यक्त नहीं करने वाले मुख्यमंत्री का इतनी मौतों पर हंसना और हंसाना बिहारियों एवं लोकतंत्र को चिढ़ाना है।
तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि शराबबंदी नीतीश कुमार के संस्थागत भ्रष्टाचार का एक छोटा सा नमूना है।
उन्होंने कहाकि अगर शराबबंदी हुई है तो इसे पूर्ण रूप से लागू करना सरकार का दायित्व है, लेकिन मुख्यमंत्री की वैचारिक व नीतिगत अस्पष्टता, कमजोर इच्छाशक्ति तथा जनप्रतिनिधियों की बजाय चुनिंदा अधिकारियों पर निर्भरता के कारण आज बिहार में शराबबंदी सुपरफ्लाप है। उन्होंने अपने कुछ सवालों का जवाब भी सरकार से मांगा है।
सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और शराब माफिया का नापाक गठजोड़नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और शराब माफिया के नापाक गठजोड़ के कारण बिहार में 30 हजार करोड़ से अधिक अवैध शराब का काला बाजार फला-फूला है। अगर शराबबंदी के बावजूद बिहार में 3.46 करोड़ लीटर शराब की कागजों में बरामदगी दिखाई जा रही है।
जहरीली शराब से 100 से अधिक हत्या होने के बाद भी पटना के बीचों-बीच ठहाके लगाकर हंसते मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री!
संवेदना तक व्यक्त नहीं करने वाले तीसरे नंबर की पार्टी के मुख्यमंत्री का इतनी मौतों पर हँसना और हँसाना बिहारियों एवं लोकतंत्र को चिढ़ाना है।
इतनी बड़ी घटना होने के… pic.twitter.com/fECn87D6aO
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 18, 2024 होशमंद हैं तो जवाब दें मुख्यमंत्रीतेजस्वी ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री होशमंद हैं तो इन सवालों का जवाब दें। अगर प्रतिवर्ष इतनी बड़ी मात्रा में शराब बरामद हो रही तो उसके दोषी कौन? सरकारी फाइलें कहती हैं कि जहरीली शराब से तीन सौ मरे, लेकिन हकीकत यह है कि हजारों मौत हुई हैं, इसका जिम्मेवार कौन है? हत्यारे दोषियों पर क्या कार्रवाई हुई।
बड़े पुलिस अधिकारियों पर क्यों नहीं होती कार्रवाईउन्होंने पूछा कि क्यों अब तक आज तक किसी बड़े पुलिस अधिकारी, पुलिस अधीक्षक पर कार्रवाई नहीं हुई। अगर पटना में शराब मिलती है तो उसका मतलब है पांच-छह जिला पार कर यहां तक शराब पहुंची है। तो फिर यह उन सभी पांच-छह जिलों की पुलिस की नाकामी है या नहीं? या यह संयोग है अथवा प्रयोग कि शराबबंदी में अधिकांश जदयू के नेता, कार्यकर्ता पकड़े जा रहे हैं। इसी प्रकार के कुछ अन्य सवाल भी तेजस्वी ने अपने बयान में उठाए हैं।
शराबबंदी श्री नीतीश कुमार के संस्थागत भ्रष्टाचार का एक छोटा सा नमूना है। अगर शराबबंदी हुई है तो इसे पूर्ण रूप से लागू करना सरकार का दायित्व है लेकिन मुख्यमंत्री की वैचारिक व नीतिगत अस्पष्टता, कमजोर इच्छाशक्ति तथा जनप्रतिनिधियों की बजाय चुनिंदा अधिकारियों पर निर्भरता के कारण आज…
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 18, 2024यह भी पढ़ें: Bihar Balu News: नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, छोटे व्यवसायियों को भी मिलेगा बालू भंडारण और बिक्री का अधिकार
Bihar Land Record: जमीन के डॉक्युमेंट्स को लेकर आया बड़ा अपडेट, रजिस्टर-टू की होगी स्कैनिंग; पढ़ें नया आदेश
राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग अब जमीन के डिजिटाइज्ड दस्तावेजों की गुणवत्ता की जांच करेगा। डिजिटाइजेशन का जिम्मा निजी एजेंसी को दिया गया था, लेकिन उसके काम की गुणवत्ता की जांच नहीं हुई। इसके कारण इसे विभागीय पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया है। विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को कहा है कि वे अपने स्तर से जांच करा कर संतुष्ट हो लें। उसके बाद दस्तावेजों को पोर्टल पर अपलोड करें।
विभाग ने मेसर्स कैपिटल सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, हरियाणा को डिजिटाइजेशन का जिम्मा दिया है। वह एजेंसी अंचल एवं जिला अभिलेखागारों में रखे जमीन एवं राजस्व के अभिलेखों की स्कैनिंग एवं डिजिटाइजेशन कर रही है, लेकिन एजेंसी के काम की गुणवत्ता की विधिवत जांच नहीं हो रही है। इसके कारण रैयतों को जमीन के अभिलेखों की प्रति नहीं मिल पा रही है।
जय सिंह ने अपने पत्र में लिखा है-भू अभिलेखों की प्रति उपलब्ध नहीं होने के कारण रैयतों में असंतोष की भावना बढ़ रही है। विभाग की छवि धूमिल हो रही है।जिलाधिकारियों को कहा गया है कि अपर समाहर्ता एवं भूमि सुधार उप समाहर्ता को जांच का जिम्मा दिया जाए।
अंचलाधिकारी करेंगे मॉनिटरिंगविभागीय सचिव ने दूसरे पत्र में जिलाधिकारियों को कहा है कि वे जमाबंदी पंजी (रजिस्टर टू) का स्कैनिंग प्राथमिकता के स्तर पर कराएं। पत्र में उन अंचलों की सूची भी शामिल है, जहां रजिस्टर टू की स्कैनिंग नहीं हुई है। मानिटरिंग की जवाबदेही अंचलाधिकारियों को दी गई है।
पत्र में कहा गया है कि राज्य में द्रुत गति से भूमि सर्वेक्षण चल रहा है। यह राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इसकी समीक्षा उच्च स्तर पर की जा रही है। जमाबंदी पंजी की ऑनलाइन अनुपलब्धता के कारण रैयतों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए स्कैनिंग को प्राथमिकता दें। यह विषय पिछले तीन साल से विभाग की प्राथमिकता सूची में है।
28 से 30 करोड़ दस्तावेजफिलहाल, 36 प्रकार के राजस्व अभिलेखों को डिजिटाइज एवं स्कैन करने का काम चल रहा है। इनमें खतियान और रजिस्टर टू की प्रति भी शामिल है। इन्हें भू-अभिलेख पोर्टल से जाकर फ्री में देखा जा सकता है और मामूली शुल्क देकर डाउनलोड किया जा सकता है। एक अनुमान के अनुसार, बिहार में 28 से 30 करोड़ राजस्व दस्तावेज हैं जिनमें से आधे से अधिक को डिजिटाइज एवं स्कैन किया जा चुका है।
जमीन के उपयोग की प्रकृति में बदलाव के कारण मुआवज वितरण में परेशानीजमीन के उपयोग की प्रकृति में बदलाव के कारण मुआवजा निर्धारण और वितरण में परेशानी हो रही है। पुराने रिकॉर्ड में कोई जमीन कृषि कार्य के लिए चिह्नित है। अब उसका निबंधन आवास, उद्योग या कारोबार की श्रेणी में हो गया है। ऐसे मामलों में मुआवजा निर्धारण में कठिनाई होती है। गुरुवार को पटना में आयाेजित जिला भू अर्जन पदाधिकारियों के एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में यह मुद्दा उठा।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि भू-अर्जन में आ रही साधारण दिक्कतों का निष्पादन अपने स्तर से सुनिश्चित करें। प्रायः यह देखा गया है कि अधिकारी के स्तर पर सुलझने वाले मामले भी मुकदमे में चले जाते हैं। इससे भू-अर्जन पुनर्वासन व व्यवस्थापन प्राधिकार (लारा कोर्ट) में लंबित मामलों की संख्या बढ़ गई है।
विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा कि भूमि सर्वेक्षण एक जटिल प्रक्रिया है। इसमें आ रही समस्याओं के समाधान के लिए विभाग द्वारा समय- समय पर अलग अलग प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कार्यक्रम में निदेशक भू अर्जन कमलेश कुमार सिंह, भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक जे प्रियदर्शिनी तथा भू अर्जन सहायक निदेशक आजीव वत्सराज एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
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Bihar Balu News: नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, छोटे व्यवसायियों को भी मिलेगा बालू भंडारण और बिक्री का अधिकार
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में बालू के कारोबार में लघु व्यवसायियों की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने छोटे व्यवसायियों को भी बालू भंडार और बिक्री का अधिकार देने का निर्णय लिया है। यह कार्य नियमों के अनुसार हो इसके लिए सरकार ने बकायदा बिहार खनिज समानुदान, (अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण नियमावली) 2024 में प्रविधान भी कर दिए हैं। छोटे व्यापारियों को बालू भंडार करने का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए निर्धारित शुल्क चुकाना होगा।
नियमावली में किए गए प्रविधान के अनुसार, पट्टा क्षेत्र से बाहर खनिज विशेषकर बालू का व्यापार करने वालों के लिए खनिज भंडारण के जो नियम बनाए गए हैं उसके तहत जो व्यापारी 25 हजार घनफुट तक बालू का भंडार करने का लाइसेंस प्राप्त करना चाहेंगे उन्हें एक वर्ष के लिए पांच हजार रुपये का शुल्क देना होगा जिसके बाद उन्हें लाइसेंस प्राप्त हो जाएगा।
यदि व्यापारी पांच वर्ष के लिए 25 हजार घनफुट का लाइसेंस चाहते हैं तो उन्हें इसके लिए एक मुश्त 20 हजार रुपये का शुल्क चुकाना होगा।
सरकार ने माना है कि नई व्यवस्था के प्रभावी होने से छोटे और मध्यम दर्जे के व्यापारियों को नया व्यवस्था मिलेगा वहीं रोजगार के नए अवसर भी सृजित हो सकेंगे। साथ ही सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी।
बाढ़ से खेतों में आ गई है बालू मिली मिट्टी तो खनन विभाग करेगा उठावप्रदेश के 38 में करीब दो दर्जन जिले प्रत्येक वर्ष बाढ़ से प्रभावित होते हैं। बाढ़ अपने साथ धूस और बालू मिश्रित मिट्टी भी लेकर आती है। यह धूस और बालू मिश्रित मिट्टी खेतों में फैल जाती है। बाढ़ तो अपने तय समय पर समाप्त हो जाती है, लेकिन खेतों में यह धूस और बालू मिली मिट्टी लंबे समय तक किसानों को परेशान करती है। जिससे कृषि योग्य भूमि की उर्वरता प्रभावित होती है।
करीब दो दर्जन जिलों में किसानों को खेतों में फैली बालू मिली मिट्टी और धूस से होने वाली समस्या को देखते हुए अब सरकार ने इसके समाधान के उपाय किए हैं। सरकार ने खनिज समानुदान (अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण) नियमावली 2024 में इसके लिए प्रविधान किए हैं। विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार बाढ़ की वजह से कृषि योग्य जमीन पर धूस या बालू मिश्रित मिट्टी जमा होने की स्थिति में किसानों को इस धूस मिट्टी के उठाव के लिए सौ से तीन सौ रुपये का मामूली शुल्क चुका कर परमिट प्राप्त करना होगा।
यह परमिट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से प्राप्त किया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि एक बार परमिट जारी होने के बाद खान एवं भू-तत्व विभाग खेत का सर्वेक्षण कराते हुए आवश्कता अनुसार श्रमिकों को प्रतिनियुक्त करेगा और अपने स्तर से धूस व बालू मिश्रित मिट्टी का उठाव करेगा। मिट्टी व धूस उठाव के बाद खेत वापस कृषि योग्य बनाए जा सकेंगे। इस व्यवस्था को अधिसूचना जारी होने की तिथि से प्रभावी कर दिया जाएगा।
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Bihar News: IAS संजीव हंस के ठिकानों पर ED की ताबड़तोड़ छापामारी, इस मामले में हुआ एक्शन
राज्य ब्यूरो, पटना। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और उर्जा विभाग के पूर्व सचिव संजीव हंस के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की दबिश कम होती नहीं दिख रही है।
शुक्रवार को ईडी की एक टीम ने सुबह-सुबह ही आइएएस संजीव हंस के ठिकानों पर एक बार फिर छापा मारा है। संजीव हंस के पटना और दिल्ली के ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई की गई है। ईडी की यह कार्रवाई मनी लांड्रिंग एक्ट में की गई है।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय की पहल पर बिहार की विशेष निगरानी इकाई ने संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था। विशेष निगरानी की कार्रवाई के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने हंस पर नए सिरे से मनी लांड्रिंग का नया मामला दर्ज किया था।
सूत्रों की माने तो इसी नई प्राथमिकी को आधार बनाकर प्रवर्तन निदेशालय ने आज की अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया है। छापामारी फिलहाल जारी है।
ईडी ने इससे पहले जुलाई महीने में भी की थी छापामारीयहां बता दें कि जुलाई महीने में प्रवर्तन निदेशालय की अलग-अलग टीमों ने संजीव हंस और गुलाब यादव के पटना, झंझारपुर समेत 21 स्थानों पर छापा मारा था। इसके बाद पंजाब, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता में भी इसी कड़ी में सर्च किया गया था। इस दौरान 13 किलो चांदी, दो किलो सोने के सिक्के 87 लाख नकद, लाखों रुपये मूल्य की विदेशी घड़ियां समेत अन्य दस्तावेज बरामद किए थे।
ईडी ने इससे पहले जुलाई महीने में की थी छापामारीयहां बता दें कि जुलाई महीने में प्रवर्तन निदेशालय की अलग-अलग टीमों ने संजीव हंस और गुलाब यादव के पटना, झंझारपुर समेत 21 स्थानों पर छापा मारा था। इसके बाद पंजाब, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता में भी इसी कड़ी में सर्च किया गया था। इस दौरान 13 किलो चांदी, दो किलो सोने के सिक्के 87 लाख नकद, लाखों रुपये मूल्य की विदेशी घड़ियां समेत अन्य दस्तावेज बरामद किए थे।
सितंबर के महीने में संजीव हंस और पूर्व विधायक के खिलाफ दर्ज की गई थी FIRविशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने सितंबर के महीने में भ्रष्टाचार एवं आय से अधिक संपत्ति मामले में बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी संजीव हंस और झंझारपुर के पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। संजीव और गुलाब के अलावा, प्राथमिकी में दर्जनभर अन्य लोगों को भी नामजद अभियुक्त बनाया गया था।
एसवीयू ने यह एक्शन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अनुशंसा के बाद लिया था। संजीव हंस पर कार्रवाई के लिए एसवीयू ने सरकार से अनुमति मांगी थी। ईडी की अनुशंसा के बाद मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा और डीजीपी आलोक राज के स्तर पर हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद इन पर प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति दी गई।
खबर अपडेट की जा रही है...
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Bihar Teacher: 23,801 शिक्षकों की नौकरी पर खतरा? किसी भी वक्त हो सकती है कार्रवाई; चौंका देगी ये रिपोर्ट
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में सक्षमता परीक्षा पास एक लाख 87 हजार 818 नियोजित शिक्षकों में से 96 नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट प्रथम दृष्टया फर्जी पाए गए हैं। इसके साथ ही 23 हजार 801 नियोजित शिक्षकों के एक या एक से अधिक प्रमाण पत्र संदिग्ध पाए गए हैं। ऐसे संदिग्ध प्रमाण पत्रों की दोबारा जांच करायी जाएगी तब दोषी शिक्षकों पर कार्रवाई होगी।
वहीं, किसी कारण से काउंसलिंग से गैरहाजिर और वैध कारण वाले शिक्षकों को दोबारा काउंसलिंग का मौका मिलेगा। काउसंलिंग की तिथि जल्द जारी की जाएगी। सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों की हुई काउंसलिंग के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बैठक में फर्जी प्रमाण पत्र वाले शिक्षकों पर विधि सम्मत कार्रवाई करने का फैसला भी लिया गया। उक्त बैठक की कार्यवाही की रिपोर्ट गुरुवार को जारी की गई।
समिति करेगी प्रमाणपत्रों की जांचशिक्षा विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन 96 शिक्षकों के सर्टिफिकेट प्रथम दृष्टया फर्जी पाए गए हैं, उसकी जांच करायी जाएगी। शिक्षा विभाग के राज्य मुख्यालय स्तर से गठित समिति द्वारा इन प्रमाणपत्रों की सत्यता की जांच करेगी। इसके बाद संबंधित निदेशालय द्वारा आगे की कार्रवाई की जाएगी।
संदिग्ध सर्टिफिकेट वाले शिक्षकों का क्या होगा?दूसरी ओर जिन 23 हजार 801 नियोजित शिक्षकों के एक या एक से अधिक सर्टिफिकेट संदिग्ध पाए गए हैं, के सही प्रमाणपत्र अपलोड करने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा सॉफ्टवेयर में विकल्प प्रदान किया जाएगा। हालांकि, संबंधित शिक्षकों द्वारा पूर्व में अपलोड किया गया प्रमाणपत्र यथावत रहेगा, ताकि शिक्षकों द्वारा अपलोड किए गए दोनों प्रमाणपत्रों का आवश्यकतानुसार अवलोकन किया जा सके।
रिपोर्ट के मुताबिक, पहली सक्षमता परीक्षा पास एक लाख 87 हजार 818 नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग गत एक अगस्त से 13 सितंबर तक थी। लेकिन, उसमें एक लाख 84 हजार 452 नियोजित शिक्षक ही उपस्थित हुए। बाकी तीन हजार 366 नियोजित शिक्षक अनुपस्थित रहे।
उपस्थित एक लाख 84 हजार 452 नियोजित शिक्षकों में से एक लाख 73 हजार 527 नियोजित शिक्षकों की ही काउंसलिंग हो पायी। शेष 10 हजार 925 नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग विभिन्न कारणों से नहीं हो पायी। इनमें 10 हजार 219 नियोजित शिक्षकों का बायोमेट्रिक सत्यापित हुआ, लेकिन आधार नहीं, जबकि 32 नियोजित शिक्षकों का आधार सत्यापित हुआ, लेकिन बायोमेट्रिक नहीं।
311 नियोजित शिक्षकों का बायोमेट्रिक और आधार तो सत्यापित हुआ, लेकिन मोबाइल नहीं रहने के कारण ओटीपी नहीं गया। 124 ऐसे नियोजित शिक्षक हैं, जिनके बायोमेट्रिक और आधार तो सत्यापित है, लेकिन प्रमाणपत्रों का सत्यापन लंबित है। जाहिर है कि जिन एक लाख 73 हजार 527 नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग हुई, उनमें एक लाख 39 हजार 634 नियोजित शिक्षकों की ही सफल काउंसलिंग हुई। शेष 33 हजार 893 नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग का कार्य सफल नहीं हो पाया।
फिर से मिलेगा काउंसलिंग का मौकाइसके मद्देनजर तय हुआ है कि काउंसलिंग में अनुपस्थित तीन हजार 366 नियोजित शिक्षकों को फिर से काउंसलिंग का अवसर मिलेगा। जिन 124 नियोजित शिक्षकों का बायोमेट्रिक और आधार तो सत्यापित है, लेकिन प्रमाणपत्रों का सत्यापन लंबित है, उन्हें भी फिर से काउंसलिंग का अवसर दिया जाएगा। जिन 311 नियोजित शिक्षकों का बायोमेट्रिक और आधार तो सत्यापित है, लेकिन मोबाइल नहीं रहने के कारण ओटीपी नहीं गया, उन्हें भी फिर से काउंसलिंग का अवसर मिलेगा।
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बेलागंज उपचुनाव: JDU की महिला प्रत्याशी बनाम RJD के यादव उम्मीदवार, जातिगत समीकरणों पर टिकी जीत की कुंजी!
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar By Election 2024 बेलागंज उपचुनाव में यह तय माना जा रहा कि जदयू इस बार वहां से महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारेगा। वर्ष 2005 के बाद प्राय: सभी विधानसभा चुनाव में जदयू ने बेलागंज में अपने प्रत्याशी बदले पर जीत राजद के सुरेंद्र यादव की हुई। यह चर्चा तेज है कि जदयू बेलागंज से इस बार अपने पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी काे टिकट देगा। वैसे अभी इस बात की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
एक ही जाति के उम्मीदवारों के बीच मुकाबले का बन रहा प्लॉटबेलागंज विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में इस बार एक ही जाति के प्रत्याशी के बीच मुकाबले का प्लॉट तैयार हो रहा है। यह तय माना जा रहा कि बेलागंज से लगातार जीतते रहे और अब जहानाबाद के सांसद सुरेंद्र यादव के स्वजन ही बेलागंज उपचुनाव में राजद के उम्मीदवार होंगे।
जदयू से जिन मनोरमा देवी के मैदान में उतरने की संभावना है वह भी उसी जाति की हैं, जिससे सुरेंद्र यादव हैं। लंबी अवधि बाद इस सीट पर दो मुख्य गठबंधन प्रत्याशी एक ही जाति के होंगे।
जदयू ने खूब ताकत झोंकी पर मार्जिन बहुत कम नहीं हुआबेलागंज सीट पर जदयू नियमित रूप से अपना प्रत्याशी देता रहा है पर हार-जीत का मार्जिन बहुत कम नहीं हुआ है, जबकि प्राय: सभी विधानसभा चुनाव में विगत 2005 के विधानसभा चुनाव से उसने अपने प्रत्याशी बदले हैं। वर्ष 2020 के चुनाव में जदयू ने राजद के सुरेंद्र यादव के मुकाबले में अभय कुशवाहा को अपना प्रत्याशी बनाया था। अभय कुशवाहा अब औरंगाबाद से राजद के सांसद हैं।
अभय कुशवाहा और सुरेंद्र यादव के बीच सीधा मुकाबलावर्ष 2020 के चुनाव में जदयू के अभय कुशवाहा को राजद के सुरेंद्र यादव के साथ सीधे मुकाबले में 32.81 प्रतिशत वोट (55745) आए थे। वहीं, सुरेंद्र यादव को 46.91 प्रतिशत ( 79708) वाेट आए थे। जीत का अंतर बड़ा था। वर्ष 2015 में जदयू को महागठबंधन में यह सीट नहीं मिली थी। वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव में जदयू के प्रत्याशी मो. अमजद थे। उन्हें तब 48441 वोट मिले थे, जबकि 52079 वोट लाकर सुरेंद्र यादव उस समय भी चुनाव जीत गए थे।
फरवरी 2005 में जब विधानसभा चुनाव हुआ था तब लोजपा की टिकट पर अमजद अली यहां सुरेंद्र यादव के मुकाबले दूसरे नंबर पर थे। वहीं, जब अक्टूबर 2005 में पुन: विधानसभा चुनाव हुआ तो मो. अमजद को जदयू ने अपना उम्मीदवार बना दिया। मुकाबला कांटे का हुआ अमजद को 27125 वोट मिले और 33475 वोट लाकर सुरेंद्र यादव को चुनाव में जीत हासिल हुई थी।
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बाढ़ को लेकर पटना में हुई हाई लेवल मीटिंग, DM सहित सभी सीनियर अधिकारियों को मिल गया नया टास्क; पढ़ें डिटेल
राज्य ब्यूरो, पटना। सितंबर महीने में प्रदेश के 36 जिले दो बार अचानक आई बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हुए। इन जिलों में दबाढ़ में कितने पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त हुए, पानी सप्लाई योजना, सड़कें, बिजली से जुड़ी कितनी आधारभूत संरचना प्रभावित हुई अब सरकार ने जिले से इस संबंध में रिपोर्ट तलब की है।
मुख्य सचिव के स्तर पर हुई समीक्षा बैठक के बाद बाढ़ प्रभावित जिलों के डीएम समेत अन्य वरीय पदाधिकारियों को एक पत्र भेजा गया है।
इनमें जानकारी दी गई है कि सितंबर महीने के तीसरे सप्ताह में गंगा नदी में जलस्तर में हुई वृद्धि की वजह से गंगा किनारे के सभी 12 जिले भोजपुर, सारण, बक्सर, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, खगडिय़ा, मुंगेर, भागलपुर और कटिहार और नालंदा जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
चौथे सप्ताह में 16 जिले बाढ़ की चपेट में आएइसके बाद चौथे सप्ताह में गंडक, कोसी और बागमती नदियों के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि की वजह से पूर्वी, पश्चिम चंपारण के साथ ही सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सारण, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, मधेपुरा समेत कुल 16 जिले बाढ़ की चपेट में आए थे।
सरकार ने इन जिलों के डीएम के साथ ही प्रमुख विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव के साथ ही सचिवों को बाढ़ से हुई क्षति की आकलन रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
जिले अपनी रिपोर्ट में बताएंगे कि बाढ़ से कितने पुल-पुलिया, सड़कें, बिजली से जुड़ी संरचना, पानी सप्लाई लाइन, लघु सिंचाई योजना समेत अन्य संरचना प्रभावित या क्षतिग्रस्त हुई और इससे कितना नुकसान हुआ इसकी जानकारी देंगे।
बाढ़ प्रभावित जिलों में सामुदायिक रसोई व राहत सामग्री वितरण में मुस्तैदीराज्य के बाढ़ प्रभावित 18 जिलों में जिला प्रशासन सामुदायिक रसोई और राहत सामग्री वितरण में मुस्तैद है। संबंधित जिलों के 92 प्रखंडों में 569 ग्राम पंचायतों के करीब 20.22 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। बाढ़ से प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ की तीन एवं एसडीआरएफ की 17 टीमों को तैनात किया गया है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन द्वारा दो सामुदायिक रसोई केंद्र का संचालन किया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच अब तक लगभग 2,18,000 पालिथीन शीट एवं लगभग 2,00,600 ड्राई राशन पैकेट का वितरण किया गया है। आवागमन को सुगम बनाते हुए कुल 730 नावों का परिचालन कराया जा रहा है।
लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल हेतु पर्याप्त दवाओं के साथ चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति की गई है। चार बोट एंबुलेंस का भी परिचालन किया जा रहा है, जिनपर मोबाइल मेडिकल टीम कार्यरत है। पशुओं के लिए पशु दवा एवं पशु चारा की भी व्यवस्था की जा रही है।
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राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: शिक्षा विभाग ने तय तिथि तक मानदेय भुगतान नहीं करने पर पटना, सिवान, जमुई, बांका और सहरसा जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) पर कार्रवाई की है। इन पांच जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई चलाने की अनुशंसा विभाग के अपर सचिव संजय कुमार ने निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी से की है।
विभागीय कार्रवाई की अनुशंसाविद्यालय सहायक एवं विद्यालय परिचारी एवं ऑपरेटर का सितंबर के मानदेय का भुगतान तय तिथि तक नहीं किए जाने के मामले में विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। बता दें कि शिक्षा विभाग का वेतन एवं मानदेय का भुगतान हर माह के पहले हफ्ते में करने का निर्देश है। लेकिन, आठ अक्टूबर को हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई समीक्षा में यह पाया गया कि कतिपय जिलों में भुगतान लंबित है। इसके मद्देनजर नौ अक्टूबर तक भुगतान का निर्देश दिया गया था।
9 अक्टूबर को भी नहीं किया भुगतानइस बीच मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई समीक्षा में पाया गया कि बांका जिले में बीपीएमयू के मानदेय, जमुई जिले में बीपीएमयू एवं आधार आपरेटर के मानदेय, पटना जिले में बीपीएमयू एवं आधार आपरेटर के मानदेय, सहरसा जिले में विद्यालय सहायक, विद्यालय परिचारी एवं आधार आपरेटर के मानदेय तथा सिवान जिले में आधार आपरेटर के मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है। इसके लिए संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी को जवाबदेह मानते हुए उन पर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।
बिहार के दो जिलों के खनिज विकास पदाधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाईखान एवं भू-तत्व विभाग ने दो अलग-अलग जिलों में तैनात खनिज विकास पदाधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की है। इनमें एक है तत्कालीन खनिज विकास पदाधिकारी गया निधि भारती जबकि दूसरे लखीसराय के तत्कालीन खनिज विकास पदाधिकारी रणधीर कुमार। ये दोनों अधिकारी फिलहाल निलंबित हैं। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार डीएम मुंगेर ने नौ जून 2024 को अवैध खनन और ओवर लोडेड वाहनों की जांच, छापेमारी में बिना परिवहन चालान 40 वाहनों को पकड़ा।
इसमें छह ओवर लोडेड बालू वाहन भी थे। जिससे यह बात साबित हुई कि रणधीर कुमार ने अपने कर्तव्यों का सही प्रकार निर्वहन नहीं किया। जिससे सरकार को बड़े राजस्व की क्षति हुई। लिहाजा कार्य में लापरवाही का मामला मानते हुए इन्हें निलंबित कर दिया गया और अब विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की जा रही है।
इसी प्रकार गया में तत्कालीन खनिज विकास पदाधिकारी रही निधि भारती पर आरोप है कि इन्होंने गया में पदस्थापन के दौरान बालू संवेदक का चालान बंद करने और चालू करने की अनुशंसा विभाग से करने के पूर्व सक्षम प्राधिकार समाहर्ता गया से से प्राप्त नहीं की। इस आरोप में इन्हें निलंबित किया गया था अब इसी कड़ी में इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई प्रारंभ करने का आदेश विभाग ने दिया है।
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Bihar Police News: एडीजी गंगवार सहित तीन IPS अधिकारी क्यों गए छुट्टी पर? बिहार सरकार से भी मिली हरी झंडी
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार सरकार ने अपर पुलिस महानिदेशक, (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार सहित तीन आइपीएस अधिकारियों की छुट्टी मंजूर कर दी है। गंगवार एक नवंबर से 5 नवंबर 2024 तक सिंगापुर की निजी यात्रा पर रहेंगे। उनकी अनुपस्थिति में पुलिस महानिरीक्षक, मुख्यालय को एडीजी, मुख्यालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
बुधवार को गृह विभाग द्वारा जारी अलग-अलग निर्देश के अनुसार विशेष शाखा के पुलिस अधीक्षक (अ) सुधीर कुमार पोरिका 18 से 31 अक्टूबर तक छुट्टी पर रहेंगे। वे निजी कारणों से हैदराबाद जाने वाले हैं। उनके छुट्टी के दिनों में विशेष शाखा के पुलिस अधीक्षक (जी) विनीत कुमार अतिरिक्त प्रभार में रहेंगे।
जबकि पदस्थापना की प्रतीक्षा में बैठे पुलिस अधीक्षक, मुख्यालय डा. नवजोत सिमी 11 नवंबर 2023 से 10 अक्टूबर 2024 तक, कुल 335 दिनों के शिशु देखभाल अवकाश पर थी। उनकी छुट्टी को विस्तारित करते हुए 11 अक्टूबर से 26 दिसंबर 2024 तक, कुल 77 दिन की मंजूरी दी गई है।
Bihar Weather Today: बिहार के 8 जिलों में मौसम बदलने का अलर्ट जारी, लोगों से सावधान रहने की अपील
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News: बिहार में मानसून की विदाई होने के साथ मौसम का मिजाज बदल रहा है। राज्य में पुरवा व पछुआ हवा की दिशा निरंतर बदल रही है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार प्रदेश में पछुआ की जगह अगले 24 घंटे के दौरान पुरवा हवा चलने से बादलों की आवाजाही बनी रहेगी। इसके साथ साथ पूर्वी भागों के कुछ स्थानों पर छिटपुट वर्षा की संभावना है।
बिहार के 8 जिलों में मौसम बदलने का अलर्टबिहार के कटिहार, पूर्वी चंपारण, भागलपुर, मुंगेर, खगड़िया, बेगूसराय, पूर्णिया, अररिया में मौसम में बदलाव देखा जा सकता है। इन जिलों में बादल छाए रह सकते हैं। वहीं कुछ स्थानों पर हल्की बारिश के आसार हैं। इस बारिश के बाद ठंडी हवा चलने से लोगों को सिहरन महसूस होगी। कुछ जगहों पर तो कुहासा भी देखने को मिल रहा है। इसलिए लोगों से सावधान रहने की अपील की गई है।
जबकि, शेष जिलों का मौसम सामान्य बना रहेगा। दिन के तापमान में वृद्धि होने से लोग थोड़ी गर्मी से परेशान रहेंगे। हालांकि, शाम में सिहरन का प्रभाव रहने की संभावना है। बुधवार को पटना सहित अधिसंख्य भागों में आंशिक रूप से बादल छाए रहे। दिन व रात के तापमान में वृद्धि दर्ज की गई।
बदलते मौसम में लोगों की तबीयत हो रही खराबबदलते मौसम में लोगों की तबीयत भी खराब होने लगी है। इसलिए लोगों से सुबह-शाम गर्म कपड़े पहनने की अपील की गई है। बीमार होने पर डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
पटना के अधिकतम तापमान में 1.1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के साथ 33.9 डिग्री सेल्सियस जबकि 36.2 डिग्री सेल्सियस के साथ बेगूसराय में प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
बीते 24 घंटों में कैसा रहा मौसमबीते 24 घंटों के दौरान किशनगंज जिले के अलग-अलग स्थानों पर हल्की वर्षा दर्ज की गई। बंगाल की खाड़ी में चक्रवातीय परिसंचरण का क्षेत्र विकसित होने के कारण सीमांचल वाले इलाके के कुछ भागों में छिटपुट वर्षा हुई। किशनगंज के गलगलिया में 30.4 मिमी, दीघालबैंक में 8.8 मिमी व ठाकुरगंज में 1.0 मिमी वर्षा दर्ज की गई। प्रदेश के शेष भागों का मौसम सामान्य बना रहा। बुधवार को 10 जिलों को छोड़ कर पटना सहित शेष जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई।
शहर अधिकतम तापमान न्यूनतम तापमान पटना 33 डिग्री सेल्सियस 26 डिग्री सेल्सियस भागलपुर 31 डिग्री सेल्सियस 24 डिग्री सेल्सियस गया 31 डिग्री सेल्सियस 22 डिग्री सेल्सियस दभंगा 32 डिग्री सेल्सियस 24 डिग्री सेल्सियस मुजफ्फरपुर 32 डिग्री सेल्सियस 24 डिग्री सेल्सियसBihar Weather Today: बिहार में ठंड कब देगी दस्तक? मौसम विभाग का अनुमान आया सामने
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भारतीय रेलवे का बड़ा फैसला; 3 महीने तक 2 दर्जन ट्रेनें कैंसिल, कई का परिचालन प्रभावित- देखें पूरी लिस्ट
जागरण संवाददाता, पटना। कोहरे के कारण संरक्षित रेल परिचालन को सुनिश्चित करने के लिए रेल प्रबंधन की ओर से पहली दिसंबर से 28 फरवरी तक एक दर्जन ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया गया है। इतना ही नहीं, कुछ ट्रेनों का परिचालन आंशिक रूप से रद तथा कुछ ट्रेनों के परिचालन के दिनों में कमी की गई है।
पूर्णतः रद्द ट्रेनें- गाड़ी सं. 12538 प्रयागराज रामबाग-मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस - दो दिसंबर से आठ जनवरी तक
- गाड़ी सं. 12537 मुजफ्फरपुर-प्रयागराज रामबाग एक्सप्रेस - दो दिसंबर से आठ जनवरी तक
- गाड़ी सं. 22198 वीरांगना लक्ष्मीबाई (झांसी)-कोलकाता एक्स. - छह दिसंबर से 10 जनवरी तक
- गाड़ी सं. 22197 कोलकाता-वीरांगना लक्ष्मीबाई (झांसी) एक्स. - आठ दिसंबर से 12 जनवरी तक
- गाड़ी सं. 15903 डिब्रूगढ़-चंडीगढ़ एक्सप्रेस - दो दिसंबर से 28 फरवरी तक
- गाड़ी सं. 15904 चंडीगढ-डिब्रूगढ़़ एक्सप्रेस - चार दिसंबर से दो मार्च तक
- गाड़ी सं. 15620 कामाख्या-गया एक्सप्रेस - दो दिसंबर से 24 फरवरी तक
- गाड़ी सं. 15619 गया-कामाख्या एक्सप्रेस - तीन दिसंबर से 25 फरवरी तक
- गाड़ी सं. 15621 कामाख्या-आनंद विहार एक्सप्रेस - पांच दिसंबर से 27 फरवरी तक
- गाड़ी सं. 15622 आनंद विहार-कामाख्या एक्सप्रेस - छह दिसंबर से 28 फरवरी तक
- गाड़ी सं. 12873 हटिया-आनंद विहार एक्सप्रेस - दो दिसंबर से नौ जनवरी तक
- गाड़ी सं. 12874 आनंद विहार-हटिया एक्सप्रेस - तीन दिसंबर से 10 जनवरी तक
- गाड़ी सं. 22857 संतरागाछी-आनंद विहार एक्सप्रेस - दो दिसंबर से छह जनवरी तक
- गाड़ी सं. 22858 आनंद विहार-संतरागाछी एक्सप्रेस - तीन दिसंबर से सात जनवरी तक
- गाड़ी सं. 18103 टाटा-अमृतसर एक्सप्रेस - दाे दिसंबर से 26 फरवरी तक
- गाड़ी सं. 18104 अमृतसर-टाटा एक्सप्रेस - चार दिसंबर से 28 फरवरी तक
- गाड़ी सं. 14003 मालदा टाउन-नई दिल्ली एक्सप्रेस - तीन दिसंबर से पहली मार्च तक
- गाड़ी सं. 14004 नई दिल्ली-मालदा टाउन एक्सप्रेस - एक दिसंबर से 27 फरवरी तक
- गाड़ी सं. 14524 अम्बाला-बरौनी हरिहर एक्सप्रेस - तीन दिसंबर से 25 फरवरी तक
- गाड़ी सं. 14523 बरौनी-अम्बाला हरिहर एक्सप्रेस - पांच दिसंबर से 27 फरवरी तक
- गाड़ी सं. 14618 अमृतसर-पूर्णिया कोर्ट जनसेवा एक्सप्रेस - एक दिसंबर से 28 फरवरी तक
- गाड़ी सं. 14617 पूर्णिया कोर्ट-अमृतसर जनसेवा एक्सप्रेस - तीन दिसंबर से दो मार्च तक
- गाड़ी सं. 12327 हावड़ा-देहरादून उपासना एक्सप्रेस - तीन दिसंबर से 28 फरवरी तक
- गाड़ी सं. 12328 देहरादून-हावड़ा उपासना एक्सप्रेस - चार दिसंबर से पहली मार्च तक
पहली दिसंबर से 28 फरवरी तक प्रारंभिक स्टेशन से खुलने वाली निम्नलिखित ट्रेनों का परिचालन उनके आगे अंकित दिन को रद्द रहेगा।
- गाड़ी सं. 11123 ग्वालियर-बरौनी एक्सप्रेस - प्रत्येक सोमवार एवं गुरूवार को
- गाड़ी सं. 11124 बरौनी-ग्वालियर एक्सप्रेस- प्रत्येक मंगलवार एवं शुक्रवार को
- गाड़ी सं. 12988 अजमेर-सियालदह एक्सप्रेस - प्रत्येक मंगल, गुरू एवं शनिवार को
- गाड़ी सं. 12987 सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस - प्रत्येक बुध, शुक्र एवं रविवार रद
- गाड़ी सं. 12505 कामाख्या-आनंद विहार नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस - प्रत्येक रवि एवं बुधवार को
- गाड़ी सं. 12506 आनंद विहार-कामाख्या नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस - प्रत्येक मंगल एवं शुक्रवार को
- गाड़ी सं. 15483 अलीपुरद्वार-दिल्ली सिक्किम महानंदा एक्सप्रेस - प्रत्येक बुध एवं शनिवार को
- गाड़ी सं. 15484 दिल्ली-अलीपुरद्वार सिक्किम महानंदा एक्सप्रेस - प्रत्येक शुक्र एवं सोमवार को
- गाड़ी सं. 12523 न्यू जलपाईगुड़ी-नई दिल्ली एक्सप्रेस - प्रत्येक मंगलवार को
- गाड़ी सं. 12524 नई दिल्ली-न्यू जलपाईगुड़ी एक्सप्रेस - प्रत्येक बुधवार को
- गाड़ी सं. 15909 डिब्रूगढ़-लालगढ़ अवध आसाम एक्सप्रेस - प्रत्येक शनिवार को
- गाड़ी सं. 15910 लालगढ-डिब्रूगढ़़ अवध आसाम एक्सप्रेस - प्रत्येक मंगलवार को
- गाड़ी सं. 12529 पाटलिपुत्र-लखनऊ एक्सप्रेस - प्रत्येक सोम, मंगल एवं बुधवार को
- गाड़ी सं. 12530 लखनऊ-पाटलिपुत्र एक्सप्रेस - प्रत्येक सोम, मंगल एवं बुधवार को
- गाड़ी सं. 15079 पाटलिपुत्र-गोरखपुर एक्सप्रेस - प्रत्येक रवि, सोम, बुध एवं शुक्रवार को
- गाड़ी सं. 15080 गोरखपुर-पाटलिपुत्र एक्सप्रेस - प्रत्येक रवि, सोम, बुध एवं शुक्रवार को
- गाड़ी सं. 15074 टनकपुर-सिंगरौली त्रिवेणी एक्सप्रेस - प्रत्येक बुधवार को
- गाड़ी सं. 15073 सिंगरौली-टनकपुर त्रिवेणी एक्सप्रेस - प्रत्येक गुरूवार को
- गाड़ी सं. 15076 टनकपुर-शक्तिनगर त्रिवेणी एक्सप्रेस - प्रत्येक मंगल एवं शनिवार को
- गाड़ी सं. 15075 शक्तिनगर-टनकपुर त्रिवेणी एक्सप्रेस - प्रत्येक बुध एवं रविवार को
- गाड़ी सं. 22405 भागलपुर-आनंद विहार गरीबरथ एक्सप्रेस - प्रत्येक गुरूवार को
- गाड़ी सं. 22406 आनंद विहार-भागलपुर गरीबरथ एक्सप्रेस - प्रत्येक बुधवार को
- गाड़ी सं. 13019 हावड़ा-काठगोदाम एक्सप्रेस - प्रत्येक रविवार को
- गाड़ी सं. 13020 काठगोदाम-हावड़ा एक्सप्रेस - प्रत्येक मंगलवार को
- गाड़ी सं. 12177 हावड़ा-मथुरा जं. चंबल एक्सप्रेस- छह दिसंबर से 10 जनवरी तक आगरा कैंट और मथुरा जं के बीच रद्द रहेगी।
- गाड़ी सं. 12178 मथुरा जं.-हावड़ा चंबल एक्सप्रेस- दो दिसंबर से छह जनवरी तक मथुरा जं और आगरा कैंट के बीच रद्द रहेगी।
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NDA के लिए आसान नहीं उपचुनाव की राह, चुनौतीपूर्ण है जीत का रास्ता; बिहार में महागठबंधन का पलड़ा भारी
रमण शुक्ला, पटना। Bihar Byelection 2024 बिहार में चार सीटों (तरारी, रामगढ़, बेलागंज, इमामगंज) पर हो रहे उपचुनाव राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के लिए चुनौतीपूर्ण है। 2024 लोकसभा चुनाव में इन सभी विस सीटों पर राजग प्रत्याशियों की हार हुई है। ऐसे में महागठबंधन से एक भी सीट छीन लेना भाजपा, जदयू एवं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रत्याशियों के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।
2020 विधानसभा चुनाव एवं 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान चारों सीटों पर राजग प्रत्याशियों की हुई हार-जीत के अंतर की वर्तमान परिस्थिति में तुलनात्मक आकलन करें तो महागठबंधन का पलड़ा भारी दिख रहा है। अबकी बार चार की चार सीटों पर पीके (Prashant Kishor) ने जन सुराज पार्टी (Jan Suraaj Party) का प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर संघर्ष को त्रिकोणीय अभी से बना दिया है।
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर। फाइल फोटो
तरारी में निर्णायक होंगे पिछड़े मतदाताआरा संसदीय क्षेत्र के तरारी विधानसभा सीट (Tarari Seat Byelection) पर जनसुराज पार्टी ने पहले ही सवर्ण समुदाय के (राजपूत) एसके सिंह को पार्टी प्रत्याशी घोषित कर भाजपा की परेशानी बढ़ा दी है। कारण यह है कि भाजपा भी इस सीट पर सवर्ण प्रत्याशी देने की मन बना रही है। भाजपा की ओर से एक पूर्व विधायक पहले से तैयारी में जुटे हैं।
- लोकसभा चुनाव 2024 में तरारी विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी की 5773 मतों से हार हुई थी। 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी तीसरे पायदान पर चले गए थे।
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह। फाइल फोटो
रामगढ़ की लड़ाई नहीं आसानबक्सर संसदीय सीट के अंदर आने वाले रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र (Ramgarh Byelection) में लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा प्रत्याशी पर राजद ने दस हजार मतों से बढ़त बनाई थी। 1985 से इस सीट पर राजद का दबदबा रहा है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह व हाल ही में बक्सर से सांसद चुने गए सुधाकर सिंह पिता-पुत्र की इस सीट पर लोकप्रियता के आगे भाजपा के लिए राह आसान नहीं है।
- राजद की ओर से इस बार सुधाकर के भाई को मैदान में उतारने की तैयारी है। वहीं, भाजपा भी राजपूत उम्मीदवार उतारकर प्रतिष्ठा बचाने की जुगत में जुटी है।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक जीतन राम मांझी। फाइल फोटो
इमामगंज में मांझी की प्रतिष्ठा होगी दांव परऔरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले इमामगंज विधानसभा सीट (Imamganj Byelection) पर 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी सुशील सिंह की हार हुई थी। इस सीट पर हम के विधायक एवं वर्तमान में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी विधायकी जीतते रहे हैं, लेकिन अबकी बार लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा को मुंह की खानी पड़ी थी। 2628 मत से इस सीट पर सुशील की हार भाजपा के साथ राजग के लिए बड़ा संदेश है।
- यह सीट मांझी के त्यागपत्र देने से रिक्त हुई है। ऐसे में राजग के लिए थोड़ी राहत की बात यह है कि इमामगंज सीट बचाने के लिए हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी होगी।
गया लोकसभा सीट के बेलागंज विधानसभा क्षेत्र (Belaganj Byelection) पर राजद का दबदबा रहा है। इस विधानसभा सीट से विगत छः विधानसभा चुनाव से राजद के सुरेंद्र प्रसाद यादव जीत दर्ज करते रहे हैं। 2010 विधानसभा चुनाव में जब राजद महज 22 सीट ही जीता था, उस चुनाव में भी सुरेंद्र यादव विजयी रहे थे।
- इस सीट को लेकर राजद को बहुत ही उम्मीद है। 2024 लोकसभा चुनाव में राजद को इस सीट से हम प्रत्याशी से 2546 वोटों से बढ़त मिली थी।
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Bihar Politics: 'तीर-धनुष मेरे पिता से गिरता तो राम का अपमान होता', तेजस्वी यादव का नीतीश कुमार पर तंज
राज्य ब्यूरो, पटना। पटना में आयोजित रावण दहन के दिन मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) के हाथ से तीर-धनुष गिरने की घटना को लेकर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने उन पर कटाक्ष किया है।
उन्होंने कहा नीतीश कुमार हमारे चाचा जी हैं उन्हें पता नहीं क्या हो गया है। यह तो हम बता नहीं सकते, लेकिन यही तीर-धनुष मेरे पिता लालू प्रसाद या मुझ से गिरा होता था राम का अपमान हो जाता।
उन्होंने कहा लोग बातें बनाते कि देखो तीर-धनुष छोड़ दिया रावण पर बाण नहीं चलाया, मगर आज एक बात तो साफ है कि नीतीश कुमार पर उम्र का प्रभाव दिखने लगा है, लेकिन इस पर हम राजनीति नहीं करते।
'बीजेपी के खिलाफ लड़ाई कौन लड़ रहा है?'एक सवाल पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार में भाजपा के खिलाफ लड़ाई कौन लड़ रहा है। हम लोग लड़ रहे हैं। आज तक हमने या हमारी पार्टी ने इनसे कोई समझौता नहीं किया।
'बीजेपी सिर्फ नफरत फैलाती है'भाजपा के खिलाफ आक्रामक तेवर दिखाते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ नफरत फैलाती है। हम मानते हैं कि सर्वधर्म का सम्मान होना चाहिए। इनके पास कोई उपलब्धि तो है नहीं। इनकी कोई उपलब्धि होती तब न ये लोग यात्रा निकालते। ये लोग बिहार के विशेष दर्जे, पढ़ाई, दवाई और रोजगार पर कोई बात नहीं करते। ये लोग सिर्फ हिंदू-मुसलमान को लड़ाने की बात करते हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने चुनौती वाले अंदाज में कहा कि ये लोग अगर बिहार में हिंदू-मुसलमान के बीच दंगा फैलाने की कोशिश करेंगे तो राष्ट्रीय जनता दल चुप बैठने वाला नहीं। ऐसे लोगों को सबक जरूर सिखाया जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने अपनी कार्यकर्ता दर्शन यात्रा स्थगित कीझारखंड विधानसभा एवं बिहार में होने वाले चार विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव के मद्देनजर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद कार्यक्रम के दूसरे चरण के लिए पूर्व घोषित कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। हालांकि, 16 अक्टूबर और 17 अक्टूबर का कार्यक्रम पूर्ववत रहेगा। तेजस्वी फिलहाल बांका में हैं इसके बाद वे जमुई जाएंगे। इसके बाद वे पटना लौट आएंगे और चुनाव में अपनी ऊर्जा लगाएंगे।
झारखंड और बिहार की कुछ सीटों पर उपचुनाव की घोषणा हो चुकी है। जिसे देखते हुए पूर्व से घोषित कार्यक्रम में तब्दीली की गई है। नेता प्रतिपक्ष आज 16 अक्टूबर को पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार बांका में आयोजित संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। कल 17 अक्टूबर को जमुई में आयोजित कार्यक्रम भी पूर्व घोषणा के अनुसार ही होगा। 18 अक्टूबर से 26 अक्टूबर को होने वाले कार्यक्रम को स्थगित किया गया है। - चित्तरंजन गगन, राजद प्रवक्ता
राजद प्रवक्ता ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग द्वारा कल झारखंड के साथ हीं बिहार के चार विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। इसलिए बिहार के उपचुनाव के साथ ही झारखंड में होने जा रहे चुनाव में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की व्यस्तता को देखते हुए 'कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद कार्यक्रम' में संशोधन किया गया है।
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Bihar Waqf Board: बिहार में वक्फ की संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, नीतीश सरकार का बड़ा फैसला
राज्य ब्यूरो, पटना। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने राज्य में वक्फ बोर्ड से जुड़ी सारी संपत्तियों का निबंधन कराना अनिवार्य कर दिया है। साथ ही, विभाग ने वक्फ विकास योजना अन्तर्गत वक्फ की प्रबंध समिति का गठन सुनिश्चित करने को कहा है।
बुधवार को विभाग के सचिव मो. सोहैल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बहुउद्देशीय भवन के निर्माण की समीक्षा की गई। बैठक में सचिव ने सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वक्फ की सभी संपत्तियों का निबंधन एवं प्रबंध समिति का गठन यथाशीघ्र करा लिया जाए।
सचिव ने हज भवन में आयोजित बैठक में अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावास योजना, राज्य कोचिंग योजना, प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम, वक्फ विकास योजना, अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय योजना, मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना तथा मदरसा सुदृढ़ीकरण योजना आदि की समीक्षा की।
छात्रों को मिलेंगे प्रतिमाह 1 हजार रुपयेसचिव की ओर से अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावास निर्माण योजना अंतर्गत संचालित सभी छात्रावासों को पूर्ण आवासन क्षमता के साथ संचालित करने का निर्देश जिलों को दिया गया। बैठक में छात्रावास में आवासित छात्रों को प्रतिमाह एक हजार रुपये के अनुदान की राशि का नियमित भुगतान करने, नौ किलोग्राम चावल एवं छह किलोग्राम गेहूं यानी कुल 15 किलोग्राम खाद्यान्न आदि का भुगतान सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया।
सचिव ने निर्देश दिया कि जिन जिलों में बालक एवं बालिका छात्रावास के निर्माण हेतु सुयोग्य भूमि उपलब्ध नहीं है, उन जिलों में जिलाधिकारी की अनुशंसा के साथ भूमि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव विभाग को भेजें।
ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना में सुस्त एजेंसियों पर होगी कार्रवाईपंचायती राज विभाग ने मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना की धीमी रफ्तार पर कई एजेंसियों को फटकार लगाई है। विभाग ने संबंधित जिलों के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जिला परिषद एवं पंचायत राज अधिकारियों को कहा है कि वे सुस्त एजेंसियों के विरूद्ध कार्रवाई करें। यह सुस्ती उत्तर बिहार में इस योजना की समीक्षा के दौरान पकड़ में आई है। बैठक की अध्यक्षता विभाग के निदेशक आनन्द शर्मा ने की।
समीक्षा के दौरान बताया गया कि सहरसा जिले में सोलर लाइट लगाने की योजना बेहद धीमी रफ्तार से चल रही है। मधेपुरा के लिए चयनित एजेंसी काम ही नहीं कर रही है। गोपालगंज में तो अभी पहले चरण का काम भी शुरू नहीं किया गया है। उत्तर बिहार के संबंधित अधिकारियों को कहा गया कि पहले सुस्त एजेंसियों को नोटिस दें। उसके बाद भी काम में तेजी नहीं आती है तो करार के नियमों के अनुसार कार्रवाई करें।
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Jharkhand Election 2024: झारखंड के JDU प्रदेश अध्यक्ष ने CM नीतीश को सौंपी 11 सीटों की सूची; दिया नया अपडेट
राज्य ब्यूरो, पटना। झारखंड जदयू के प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो ने मंगलवार को कहा कि कार्यकर्ताओं की भावना के अनुरूप हमलोगों ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को उन ग्यारह सीटों की सूची सौंप दी है, जहां से हम लड़ना चाहते हैं। सरयू राय की सीट अलग से है। वह सिटिंग हैं और पश्चिम से उनका लड़ना तय हो गया है।
पत्रकारों से बातचीत के क्रम में उन्होंने यह बात कही।खीरू महतो ने कहा कि अभी सीटों को लेकर कोई सहमति नहीं हुई है। यह बात हवा में है कि जदयू को दो या पांच सीटें मिल रही। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष व कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा की इस बारे में भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ बात हो रही है।
एक-दो दिनों में सब कुछ तय हो जाएगा कि झारखंड विधानसभा चुनाव में जदयू कितने सीटों पर प्रत्याशी देगा। अभी कुछ फाइनल नहीं हुआ है। वैसे हमलोगों को उम्मीद है कि समझौता सम्मानजनक होगा।
आचार संहिता लागू होने के बाद बैनर/होर्डिंग हटाने की कार्रवाईएडीएम ला एंड ऑर्डर अनिकेत सचान एवं एसडीएम धालभूम शताब्दी मजूमदार द्वारा लिया गया। इस दौरान उन्होंने पाया कि कई स्थानों से राजनीतिक दलों से जुड़े पोस्टर/ बैनर हटाये गए हैं, अन्य स्थानों पर भी हटाने की कार्रवाई जारी है।
भ्रमण के दौरान एडीएम ला एंड आर्डर तथा एसडीएम धालभूम ने नगर निकाय पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्वाचन आयोग के गाइडलाइन के मुताबिक तय समयसीमा के भीतर सभी स्थानों से राजनीतिक दलों के पोस्टर, बैनर, नारा, स्लोगन, वाल पेंटिंग आदि हटा लिए जाएं । धालभूम अनुमंडलाधिकारी ने निषेधाज्ञा लागू करने से संबंधित आदेश जारी किया है।
निषेधाज्ञा में इन पर रहेगी पाबंदी-जुलूस, प्रदर्शन, सभा बिना अनुमति के नहीं कर सकेंगे।-नामांकन प्रक्रिया के दौरान 100 मीटर परिधि में मात्र तीन वाहन प्रवेश कर सकेंगे। निर्वाची पदाधिकारी के कक्ष में मात्र पांच लोग जाएंगे।-ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक वर्जित रहेगा।
किसी भी व्यक्तिगत संपत्ति पर बिना संपत्ति मालिक की अनुमति बिना दीवार लेखन, पंपलेट चिपकाना, झंडा लगाना वर्जित है।-पांच से अधिक व्यक्ति एक स्थान पर एकत्रित नहीं सकते। -धार्मिक स्थल का प्रयोग राजनीतिक प्रचार के लिए नहीं कर सकेंगे।
रांची के एसएसपी ने बुलाई बैठकएसएसपी चंदन सिन्हा ने मंगलवार को जिला के सभी डीएसपी और थानेदारों के साथ बैठक कर अपराधियों और दागी किस्म के लोगों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। जिनके खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई नहीं हुई है उनको जिला बदर करने का निर्देश दिया गया है।
इसके अलावा जेल से जमानत पर निकलने वाले अपराधियों पर नजर रखने का आदेश दिया है। एसएसपी ने कहा है कि चुनाव के दौरान किसी हाल में गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। ड्यूटी के दौरान कोई भी लापरवाही बरतेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
Brij Bihari Murder Case: सीबीआई कोर्ट में मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी ने किया आत्मसमर्पण, SC ने दिया था ऑर्डर
जागरण संवाददाता, पटना। पूर्व मंत्री बृजबिहारी हत्याकांड (Brij Bihari Murder Case) में सुप्रीम कोर्ट से उम्रकैद की सजा मिलने के बाद बुधवार वैशाली जिले के लालगंज के पूर्व विधायक सह राजद नेता मुन्ना शुक्ला (Munna Shukla) और मंटू तिवारी (Mantu Tiwari) ने पटना सिविल कोर्ट स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को 15 दिनों के अंदर कोर्ट में सरेंडर करने का आदेश दिया था।
नोट- खबर को जल्द अपडेट किया जाएगा।ये भी पढ़ें- Munna Shukla: 'रहेंगे जेल में लेकिन मिलेंगे इसी बंगले में', मुन्ना शुक्ला आज करेंगे सरेंडर; कर दी भावुक अपील
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Bihar News: बिहार के विश्वविद्यालयों पर शिक्षा विभाग और करने जा रहा सख्ती, जारी हुआ नया निर्देश; पढ़ें डिटेल
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के विश्वविद्यालयों पर शिक्षा विभाग अब और नकेल कसने जा रहा है। इसके लिए हर माह के तीसरे शुक्रवार को शिक्षा विभाग में विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों, वित्तीय परामर्शियों एवं वित्त पदाधिकारियों की बैठक होगी। इसमें शैक्षणिक कार्यों के अलावा वित्तीय तथा प्रशासनिक हिसाब लिया जाएगा।
शिक्षा विभाग के मुताबिक चालू वित्तीय वर्ष में 18 अक्तूबर, 15 नवंबर, 20 दिसंबर, 17 जनवरी, 21 फरवरी एवं 21 मार्च को शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा कुलसचिवों, वित्तीय परामर्शियों एवं वित्त पदाधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी।
इससे संबंधित निर्देश शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव द्वारा 15 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को दिया गया है। बैठक के कम से के चार दिन पहले मांगी जाने वाली रिपोर्ट विश्वविद्यालयों द्वारा पोर्टल पर शिक्षा विभाग को उपलब्ध करायी जाएगी।
शिक्षा विभाग की विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों, वित्तीय परामर्शियों एवं वित्त पदाधिकारियों के साथ होने वाली मासिक बैठक के एजेंडे में बजट, आवंटन एवं उपयोगिता प्रमाण-पत्र के तहत पे रौल मैनेजमेंट पोर्टल पर सभी सूचनाओं को अपलोड किया जाना शामिल है।
पे-रौल मैनेजमेंट पोर्टल का पे-स्लीप बनाने के लिए उपयोग, पे-रौल मैनेजमेंट पोर्टल द्वारा कुछ शिक्षक एवं कर्मियों का भुगतान नहीं होने का कारण, बैंक खातों में उपलब्ध राशि को बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से मूल एवं सूद की राशि अलग-अलग विभाग को वापस करने की स्थिति की जानकारी शिक्षा विभाग को देनी होगी।
योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की होगी समीक्षाशिक्षा विभाग के मुताबिक हर माह विश्वविद्यालयों के साथ बैठक में योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की रिपोर्ट भी ली जाएगी। विश्वविद्यालयों के साथ पीएल खाते में उपलब्ध अव्यवहृत राशि वापस किए जाने की स्थिति और विश्वविद्यालयों को दिए गए आवंटन के तहत वास्तविक व्यय की स्थिति की जानकारी ली जाएगी।
बैठक में इन एजेंडों को किया गया शामिल- समर्थ पोर्टल के माध्यम से अगले वित्तीय वर्ष का बजट प्रस्ताव
- अंगीभूत महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में आंतरिक स्त्रोत की राशि एक वर्ष से ज्यादा समय से व्यय नहीं होने का कारण और घाटानुदानित महाविद्यालयों में प्रबंधन द्वारा महाविद्यालय के स्त्रोत से वेतन एवं अन्य मद में राशि व्यय करने का प्रस्ताव
- शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मियों को एनपीसी लागू करने के तहत विश्वविद्यालयों में प्रान नंबर जेनेरेट होने की स्थिति
- एनपीएस लागू होने एवं तदनुसार कटौती किये जाने की स्थिति
- सिविल कार्य के लिए पोर्टल पर महाविद्यालयवार आवेदन की स्थिति
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Bihar Police News: बिहार पुलिस की हो गई बल्ले-बल्ले, इस पद के अधिकारी को मिलेंगे लैपटॉप और स्मार्ट फोन
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: बिहार सरकार ने पुलिस के सभी अनुसंधानकर्ता (आइओ) को लैपटाप और स्मार्ट फोन की आपूर्ति करने का निर्णय लिया है। सरकार ने माना है कि अब तीन नए आपराधिक कानूनों के प्रविधान में कांड के अन्वेषण के लिए डिजिटल रिकार्ड संरक्षित रखना अनिवार्य है।
अनुसंधान कार्य जैसे घटना स्थल का निरीक्षण, गवाहों के बयानों के अभिलेख और तलाशी-जब्ती की कार्रवाई का डिजिटल रिकार्ड अनिवार्य है। लिहाजा अनुसंधानकर्ता को अपने कार्य में किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए पुलिस के सभी आइओ को इलेक्ट्रानिक साधन जैसे लैपटाप और स्मार्टफोन देने का निर्णय लिया गया है।
मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव के साथ 22 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए। इन उपकरणों की खरीद पुलिस मुख्यालय के स्तर पर होगी। लैपटाप और स्मार्ट फोन खरीद के लिए सरकार ने 190.63 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।
132 गांवों में अब विद्युत तार के जरिये पहुंचेगी बिजलीकैमूर और रोहतास जिले के पहाड़ी क्षेत्रों के 177 बसावट (132 गांव) के 21,644 घरों को अब सीधे ग्रिड से बिजली की आपूर्ति होगी। मंत्रिमंडल ने इस कार्य को प्राथमिकता में करने के लिए पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना से 117 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत की है। बता दें कि अभी तक इन गांवों में सोलर लाइट के जरिये विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था थी। परंतु यह कारगर साबित नहीं हो रही थी।
लिखित परीक्षा और अनुभव के आधार पर फार्मासिस्ट की नियुक्तिमंत्रिमंडल ने फार्मासिस्ट नियुक्ति नियमावली 2014 में संशोधन कर दिया है। इसके स्थान पर नियमावली 2024 स्वीकृत की गई है। नई नियमावली में किए गए प्रविधानों के तहत फार्मासिस्ट में सीधी नियुक्ति की अधिकतम आयु सीमा 18 वर्ष होगी।
इसमें आरक्षण के प्रविधान लागू होंगे। सरकार रिक्तियों के आधार पर विज्ञापन निकालेगी और लिखित परीक्षा एवं अनुभव के आधार पर पात्र उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा। लिखित परीक्षा 75 अंकों की होगी। जबकि अनुभव के लिए 25 ग्रेस अंक दिए जाएंगे।
प्रतिवर्ष अनुभव के लिए ग्रेस अंक पांच निर्धारित किए गए हैं।दो सौ के बदले मिलेगा 15 हजार प्रतिमाह विशेष भत्तामंत्रिमंडल ने बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष की अनुपस्थिति में वरिष्ठतम सदस्य को प्रशासनिक कर्तव्यों के प्रभार की स्थिति में मिलने वाले दो सौ रुपये प्रतिमाह विशेष वेतन को बढ़ाने का का निर्णय लिया है। अब वरिष्ठतम सदस्य को प्रशासनिक कर्तव्यों के प्रभार धारण करने की अवधि में 200 रुपये के स्थान पर 15,000 रुपये प्रति माह विशेष वेतन मिलेगा।
अन्य निर्णय- बापू टावर के संचालन, रखरखाव एवं अनुश्रवण के लिए 1.63 करोड़ के वार्षिक व्यय पर निदेशक संग्रहालय बापू टावर पटना के कार्यालय का गठन सहित कुल 20 पदों के सृजन की स्वीकृति।
- सदर अस्पताल बांका की चिकित्सा पदाधिकारी डा. नादरा फातिमा को लगातार अनुपस्थित रहने के आरोप में सेवा से बर्खास्त करने का निर्णय।
- लोग स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के तहत कार्य निरीक्षक संवर्ग की कर्मियों के प्रबंधन, नियुक्ति तथा सेवा शर्त विनियमन के लिए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण क्षेत्रीय कार्य निरीक्षक संवर्ग भर्ती एवं सेवा शर्त नियमावली 2024 स्वीकृत।
- मोकामा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के लिए 33 पदों के सृजन की स्वीकृति। चालू वित्तीय वर्ष में 1.25 करोड़ और अगले वित्तीय वर्ष में 2.39 करोड़ प्रतिवर्ष की राशि व्यय की भी स्वीकृति।-पैक्स चुनाव के लिए 18.64 करोड़ रुपये किए गए स्वीकृत।
- बिहार तकनीकी सेवा आयोग को प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करने के लिए छह करोड़ देने का निर्णय।- दरभंगा जिले के बिरौल अनुमंडल व्यवहार न्यायालय में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय की स्थापना के लिए जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश के एक पद के सृजन की स्वीकृति।
- बाक्स के लिएकोसी-मेंची नदी जोड़ योजना के लिए राशिकोसी-मेंची नदी जोड़ योजना के अंतर्गत फेज-2 के तहत सर्वेक्षण एवं अन्वेषण कार्य सहित कार्यकारी विस्तृत योजना प्रतिवेदन तैयार करने के सरकार ने 14.16 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं।
- फेज-1 से होने वाले कामों के लिए 2.78 करोड़ पहले ही स्वीकृत किए जा चुके हैं। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार होने के बाद कोसी-मेंची परियोजना का कार्यान्वयन कराया जाएगा। इसके पूर्ण होने से सीमांचल क्षेत्र के अररिया, किशनगंज, पूर्णिया व कटिहार के 2.51 लाख हेक्टेयर खेतों तक सिंचाई का पानी पहुंचेगा।
- राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण, जल शक्ति मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए कोसी-मेंची अंतरराज्यीय लिंक परियोजना के विस्तृत योजना प्रतिवेदन के तहत इसकी प्रथम पुनरीक्षित राशि 62.82.32 करोड़ है। स्पेशल कैटेगरी के तहत इस परियोजना को 90 प्रतिशत केंद्रांश एवं 10 प्रतिशत राज्यांश के फंडिंग पैटर्न पर स्वीकृति के लिए जल शक्ति मंत्रालय से अनुरोध किया गया है।
- सिद्धार्थ के अनुसार इस योजना के फेज-1 के तहत मुख्य नहर, शाखा नहर, वितरणी व इससे संबंधित संरचना के कार्य होने हैं, जबकि फेज-2 में उपवितरणियों, लघु नहरों व उप नहरों (5 घनसेक तक) के कार्यों को शामिल किया गया है।
- इसी प्रकार कर्मनाशा नदी पर पंप नहर योजना इस साल दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस परियोजना के लिए संशोधित व पुनरीक्षित राशि 89.95 करोड़ मंजूर की गई है।
- निकृष पंप नहर योजना के अंतर्गत कर्मनाशा नदी के जल को चौसा शाखा नहर से रामपुर वितरणी के 9.50 किलोमीटर पर पंप द्वारा लिफ्ट कर पानी उपलब्ध कराना है। इससे 2786.10 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।
- इसी प्रकार कुंडघाट जलाशय योजना जुलाई 2025 तक तैयार होगी। योजना पर अब 270.32 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। पहले इस योजना के लिए 185.22 करोड़ रुपये स्वीकृत थे।
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