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Bihar Dhan Kharid: बिहार में धान खरीद शुरू, किसानों को 2300 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा MSP; सभी DM को निर्देश
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में शुक्रवार से न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीद की शुरुआत हो गई। अभी उत्तर बिहार के जिलों में ही धान खरीद का सरकारी निर्देश है। सबसे पहले धान की खरीद उन जिलों में शुरू होगी जहां धान की कटनी आरंभ हो चुकी है। 17 प्रतिशत नमी के आधार पर पैक्सों एवं व्यापार मंडलों द्वारा कृषि विभाग के पोर्टल पर निबंधित किसानों से धान खरीद की जाएगी।
15 नवंबर से राज्य के शेष जिलों में धान खरीद आरंभ होगी। सरकार द्वारा धान खरीद की अंतिम तिथि 15 फरवरी, 2025 तय की गई है। इस वर्ष 45 लाख टन धान और 30 लाख टन उसना चावल की खरीद का लक्ष्य रखा गया है।
बिहार सरकार ने बिचौलिये और धान खरीद में गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने का आदेश जिलाधिकारियों को दिया है। प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी के नेतृत्व में जिला टास्क फोर्स तैनात किया गया है।
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की ओर बताया गया कि पैक्सों एवं व्यापार मंडलों में धान बेचने आने वाले किसानों की सुविधाओं का खासा ध्यान रखने का निर्देश जिलाधिकारियों को दिया गया है। रैयत किसान (जमीन मालिक) से अधिकतम 250 क्विंटल और बटाईदार किसान से 100 क्विंटल धान खरीद होगी।
धान के अनुमानित उत्पादन के अनुसार ही धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य रखें : नीतीशमुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को धान अधिप्राप्ति को ले समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि धान के अनुमानित उत्पादन के अनुसार ही धान अधिप्राप्ति का जिलावार लक्ष्य निर्धारित करें। धान अधिप्राप्ति कार्य में गड़बड़ करने वालों पर भी नजर रखी जाए। अधिप्राप्ति का काम तेजी से और बेहतर ढंग से हो ताकि किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो।
मुख्यमंत्री आवास स्थित संकल्प कक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव डा. एन सरवन कुमार ने एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के अंतर्गत धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य, धान अधिप्राप्ति की प्रस्तावित अवधि व अधिप्राप्ति के लक्ष्य के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सामान्य ग्रेड के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है। धान अधिप्राप्ति की प्रस्तावित अवधि एक नवंबर से 15 फरवरी तक रखा गया है।
चरणबद्ध तरीके से धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया शुरू की गयी है। इस वर्ष धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य 45 लाख मीट्रिक टन रखा गया है। राज्य में उसना चावल मिलों की संख्या अब बढ़कर 360 हो गयी है। सहकारिता विभाग के सचिव धर्मेंद्र सिंह ने धान अधिप्राप्ति की कार्य योजना के संबंध में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में राज्य के 19 जिलों में एक नवंबर से धान अधिप्राप्ति का काम आरंभ गया है। वहीं शेष बचे जिलों में 15 नवंबर से धान अधिप्राप्ति का काम आरंभ होगा। मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में सहकारिता मंत्री डा. प्रेम कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा, मु्ख्यमंत्री के प्रधान सचिव डा. एस सिद्धार्थ, सचिव अनुपम कुमार व विशेष कार्य अधिकारी गोपाल सिंह भी मौजूद थे।
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Bihar News: बक्सर सांसद के खिलाफ कोर्ट में मामला दर्ज, लोकसभा प्रत्याशी रहे मिथलेश तिवारी ने लगाए गंभीर आरोप
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार भाजपा के महामंत्री और लोकसभा चुनाव में बक्सर संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी रहे मिथिलेश तिवारी ने पटना की एक अदालत में बक्सर के सांसद सुधाकर सिंह के खिलाफ आधारहीन और असत्य कथन कहने का आरोप लगाते हुए एक परिवाद पत्र दायर किया है।
पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में अधिवक्ता राधेश कुमार शर्मा द्वारा दर्ज कराए गए परिवाद पत्र संख्या 13659/2024 में भाजपा के महामंत्री तिवारी ने कहा है कि बक्सर के सांसद ने गलतबयानी कर मेरे खिलाफ गलत बात कही है, जो आपराधिक मानहानि का अपराध है।
इंटरव्यू में सुधाकर सिंह ने कही थी ये बातउन्होंने कहा कि सुधाकर सिंह ने 29.10.2024 को एक ऑनलाइन चैनल पर एक इंटरव्यू में कहा कि बक्सर में मैंने 12 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी है। इस दौरान उन्होंने मेरे खिलाफ असंसदीय, असत्य, अपमानजनक और आधारहीन आरोपों का भी प्रयोग किया है।
इससे पहले भी मैंने अधिवक्ता राधेश कुमार शर्मा के माध्यम से 1.10.2024 को ही कानूनी नोटिस देकर एक सप्ताह के भीतर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का समय दिया था।
दिनांक 5.10.2024 को सांसद को मेरे अधिवक्ता द्वारा भेजी गई लीगल नोटिस मिल गई, इसके बावजूद उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया। तत्पश्चात मैनें पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में परिवाद पत्र दायर किया है।
इंटरव्यू का साक्ष्य भी कोर्ट के सामने प्रस्तुत कियातिवारी ने बक्सर सांसद के इस इंटरव्यू की सीडी भी न्यायालय के समक्ष उपलब्ध करवाया है। उन्होंने कहा है कि इस तरह का झूठा बयान एक सांसद का होगा, ये न्यायालय को तय करना है।
इनकी नीयत केवल मेरी मानहानि का ही नहीं बल्कि झूठे आरोपों से बक्सर में मेरे परिवार, मेरे शुभचिंतकों को भी स्थानीय लोगों की नजरों में गिराने और जांच एजेंसियों की नजरों में झूठे मुकदमों में फंसाने की है।
उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कहा है कि सभी दस्तावेजी साक्ष्य, सी.डी मैंने न्यायालय को उपलब्ध करा दिया है और आशा है कि न्यायालय के द्वारा आरोपी के खिलाफ अवश्य दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
धान के अनुमानित उत्पादन के अनुसार ही धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य रखें : नीतीशमुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को धान अधिप्राप्ति को ले समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि धान के अनुमानित उत्पादन के अनुसार ही धान अधिप्राप्ति का जिलावार लक्ष्य निर्धारित करें।
धान अधिप्राप्ति कार्य में गड़बड़ करने वालों पर भी नजर रखी जाए। अधिप्राप्ति का काम तेजी से और बेहतर ढंग से हो ताकि किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो।
मुख्यमंत्री आवास स्थित संकल्प कक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव डॉ. एन सरवन कुमार ने एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के अंतर्गत धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य, धान अधिप्राप्ति की प्रस्तावित अवधि व अधिप्राप्ति के लक्ष्य के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सामान्य ग्रेड के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है। धान अधिप्राप्ति की प्रस्तावित अवधि एक नवंबर से 15 फरवरी तक रखा गया है। चरणबद्ध तरीके से धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया शुरू की गयी है। इस वर्ष धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य 45 लाख मीट्रिक टन रखा गया है।
राज्य में उसना चावल मिलों की संख्या अब बढ़कर 360 हो गयी है। सहकारिता विभाग के सचिव धर्मेंद्र सिंह ने धान अधिप्राप्ति की कार्य योजना के संबंध में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में राज्य के 19 जिलों में एक नवंबर से धान अधिप्राप्ति का काम आरंभ गया है। वहीं शेष बचे जिलों में 15 नवंबर से धान अधिप्राप्ति का काम आरंभ होगा।
मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा, मु्ख्यमंत्री के प्रधान सचिव डा. एस सिद्धार्थ, सचिव अनुपम कुमार व विशेष कार्य अधिकारी गोपाल सिंह भी मौजूद थे।
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राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 6,061 प्रधान अध्यापकों एवं प्राथमिक विद्यालयों में 37,943 प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति जल्द होगी। सरकारी उच्च माध्यमिक के विद्यालयों में प्रधान अध्यापकों एवं प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा ली गयी परीक्षा के नतीजे जल्द घोषित होने वाले हैं।
उम्मीद की जा रही है कि छठ पूजा के बाद बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से प्रधान अध्यापक तथा प्रधान शिक्षक परीक्षा के परिणाम जारी किया जाएगा।
बता दें कि राज्य के उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधान अध्यापकों की नियुक्ति के लिए बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा गत 28 जून को परीक्षा ली गयी थी। उसके अगले दिन 29 जून प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आयोग ने परीक्षा ली थी।
दोनों ही परीक्षा के नतीजे तैयार हैं, बस परीक्षाफल की घोषणा को लेकर कुछ औपचारिकताएं बाकी हैं। प्रधान शिक्षकों के पहले 40,247 पद थे, जो घटकर अब 37,943 हो गए हैं। राज्य में सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में पहली बार प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति होने जा रही है।
शिक्षकों का पहले पदस्थापन होगा, फिर सत्यापनराज्य में सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों के होने वाले स्थानांतरण और पदस्थापन को लेकर शिक्षा विभाग ने जो कार्य नीति बनाई है, उसके अनुसार शिक्षकों का पहले आवंटित विद्यालयों में पदस्थापन होगा। इसके बाद शिक्षकों का बायोमीट्रिक आधारित आधार का सत्यापन किया जाएगा। इसके साथ ही शिक्षकों के अंगूठे का निशान एवं फोटो, जो आनलाइन परीक्षा के दौरान लिए गए थे, का भी सत्यापन किया जाएगा।
यह कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। उसके बाद शिक्षकों की ई-सर्विस बुक संधारण की कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी। इससे संबंधित निर्देश शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को जल्द दिया जाएगा। शिक्षा विभाग के मुताबिक सभी सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की आवश्यकता को देखते हुए पदस्थापन व स्थानांतरण की नीति अपनायी जाएगी। सभी शिक्षकों और कर्मचारियों के ई-सर्विस बुक खोले जाएंगे। इससे शिक्षकों और कर्मचारियों का सेवा इतिहास ऑनलाइन हो जाएगा।
इसके मद्देनजर विद्यालय अध्यपकों एवं सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों को खास तौर पर निर्देश दिया गया है कि वे स्वयं आश्वस्त हो लें कि बिहार लोक सेवा आयोग एवं बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में आवेदन करते समय अपलोड किए गए सभी शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्र सही है।
हालांकि, विद्यालय अध्यापकों एवं सक्षमता परीक्षा पास नियोजित शिक्षकों के अतिरिक्त शेष कार्यरत शिक्षकों, जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिए गए निर्देश के अनुसार सभी कोटि के शिक्षकों और कर्मचारियों का ई-सर्विस बुक खोला जाएगा। पुस्तकालयाध्यक्षों एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों से प्राप्त सभी शैक्षिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्रों का भी सत्यापन किया जाएगा।
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Bihar By Election: बेलागंज में सर्वाधिक और रामगढ़ में सबसे कम प्रत्याशी, चारों सीट पर 38 उम्मीदवार आजमा रहे किस्मत
राज्य ब्यूरो, पटना। विधायकों के सांसद निर्वाचित हो जाने के कारण बिहार में विधानसभा की चार सीटों (तरारी, रामगढ़, बेलागंज, इमामगंज) पर उप चुनाव हो रहा। बहरहाल उन चारों क्षेत्रों में जीत के लिए जोर लगाने वाले कुल 38 रणबांकुरे रह गए हैं। सर्वाधिक 14 प्रत्याशी बेलागंज में हैं और सबसे कम पांच रामगढ़ में।
अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित इमामगंज में नौ और तरारी के मैदान में 10 प्रत्याशी हैं। नामांकन वापसी के अंतिम दिन बुधवार को कुल छह प्रत्याशियों ने अपना नाम वापस लिया। तरारी के चार और रामगढ़ के दो प्रत्याशी रहे। बेलागंज और इमामगंज में एक भी प्रत्याशी ने नाम वापस नहीं लिया।
इसी के साथ विधानसभा के चारों क्षेत्रों के प्रत्याशी स्पष्ट हो गए। इन चारों सीटों के लिए 13 नवंबर को मतदान होना है। मतगणना 23 नवंबर को होगी। पिछली बार इनमें से तीन सीटों पर महागठबंधन विजयी रहा था। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के खाते में एकमात्र इमामगंज की सीट गई थी।
तरारी में कुल 14 नामांकन थे, जिनमें तीन महिलाओं के आवेदन थे। उनमें से दो ने नाम वापस ले लिया है। सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी की नीलू देवी और निर्दलीय चंद्रकांता देवी। उनके अलावा निर्दलीय अजीत राय और संजय कुमार शर्मा ने नाम वापस लिया है।
रामगढ़ के सात प्रत्याशियों में एकमात्र महिला है। वहां सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी के घुरेलाल राजभर और निर्दलीय विनीत मौर्य ने नामांकन वापस लिया है। नामांकन-पत्रों की छंटनी के बाद बेलागंज और इमामगंज में क्रमश: 14 और नौ प्रत्याशी बचे थे, जो यथावत रह गए हैं।
मात्र पांच महिलाएंकुल 38 प्रत्याशियों में मात्र पांच महिलाएं हैं। उनमें तीन दलीय हैं और दो निर्दलीय। रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में एक भी महिला प्रत्याशी नहीं। इमामगंज और बेलागंज में दो-दो महिला प्रत्याशी हैं। उनमें एक-एक दलीय हैं और एक-एक निर्दलीय। तरारी में एकमात्र महिला जन सुराज पार्टी की प्रत्याशी है।
क्षेत्रवार प्रत्याशी- तरारी : राजू यादव (भाकपा माले), विशाल प्रशांत (भाजपा), सिकंदर कुमार (बसपा), उपेंद्र सहनी (राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी), किरण सिंह (जन सुराज पार्टी), नारायण सिंह (वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल) के साथ निर्दलीय रमेश चंद्र रवि, राजू यादव, राजेंद्र कुमार पाठक, लालू प्रसाद यादव।
- रामगढ़ : अजीत कुमार सिंह (राजद), अशोक कुमार सिंह (भाजपा), सतीश कुमार सिंह यादव (बसपा), राज कुमार राम (राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी), सुशील कुमार सिंह (जन सुराज पार्टी)
- बेलागंज : मनोरमा देवी (जदयू), विश्वनाथ कुमार सिंह (राजद), अभिषेक कुमार (राष्ट्रीय जनतांत्रिक मोर्चा), तरवेज आलम (नेशनल रोडमैप पार्टी), मंजय कुमार (किसान संघर्ष समिति), मुन्ना कुमार (समाजवादी लोक परिषद), मोहम्मद अमजद (जन सुराज पार्टी), जामिल अली हसन (एआइएमआइएम), के साथ निर्दलीय काशी प्रसाद, चंदन कुमार, तनवीर खां, प्रियंका कुमारी, लालू यादव, विश्नवाथ यादव।
- इमामगंज : रौशन कुमार (राजद), कंचन पासवान (एआइएमआइएम), जितेंद्र पासवान (जन सुराज पार्टी), दीपा कुमारी (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा), नीलम कुमारी (स्वाधीनता पार्टी), प्रभात निरंजन (पीपल्स पार्टी आफ इंडिया), विश्वास मांझी (आजाद समाज पार्टी) के साथ निर्दलीय आयुष कुमार, मुकेश कुमार।
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डिजिटल डेस्क, पटना। दीपावली पर बिहार का मौसम शुष्क बना रहा। अब धीरे-धीरे ठंड की एंट्री होगी। सुबह में हल्की धुंध रहेगी। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, सर्दी आने में अभी थोड़ा वक्त लगेगा। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के बाद ठंड में वृद्धि होगी। अब पछुआ हवा के कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट आएगी।
दो दिन पहले कुछ जिलों में हल्की वर्षा भी दर्ज की गई। इसकी वजह से कुछ जगहों पर ठंड का अहसास होने लगा है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले पांच दिनों तक मौसम में कोई विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। इसके अलावा, बिहार के किसी भी जिले में आज वर्षा होने की संभावना नहीं है।
वहीं, दो दिनों बाद सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा और पूर्णिया में मौसम बिगड़ सकता है। 3 नवंबर को इन जिलों में कुछ जगहों वर्षा हो सकती है। इसके अलावा, इसी दिन भागलपुर, जमुई और बांका में भी बूंदाबांदी के आसार हैं।
सुबह-शाम गर्म कपड़ा पहनकर ही निकलें बाहरमौसम में बदलाव के साथ बीमारी का प्रभाव बढ़ा है। इसकी वजह से अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। सर्दी-खांसी व बुखार के मरीज सर्वाधिक आ रहे हैं। विशेषज्ञ की सलाह है कि सुबह व शाम जब भी घर से निकलें तो शरीर पर गर्म कपड़ा रहना चाहिए। सदर अस्पताल में औसतन 800 से 1000 बीच मरीज आते हैं।
इनमें से चार से पांच सौ मौसमी बीमारी के मरीज हैं। एसकेएमसीएच की अधीक्षक डा. कुमारी विभा ने कहा कि उनके यहां एक हजार से डेढ़ हजार के बीच मरीज आ रहे हैं। इसमें से 500 से 600 के बीच मौसमी बीमारी के मरीज हैं।
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. एनके चौधरी ने कहा कि सर्दी, जुकाम और बुखार के मरीजों में 20-25 प्रतिशत बढ़ोतरी हो गई है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह मौसम ज्यादा नुकसानदायक है। ओपीडी में सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार से ग्रसित मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है।
मौसम में बदलाव, रखें स्वास्थ्य का ध्यानएसकेएमसीएच मेडिसिन विभाग के वरीय चिकित्सक डा.एके दास ने कहा कि मौसम बदलने से अचानक ठंड ने लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। ऐसे में सतर्क रहना जरूरी है। सुबह-शाम गर्म कपडे़ पहनने की शुरुआत कर देनी चाहिए, ताकि बीमारियों से बचा जा सके।
इन दिनों वायरल, टायफाइड, खांसी, जुकाम, एलर्जी, पेट में दर्द, दस्त आदि बीमारी की संभावना बढ़ जाती है। ठंड के बढ़ने के साथ ही वायु में नमी आने लगती है। हल्की नम वायु के साथ धुएं व धूल के कण भी सांस नली में चले जाते हैं। जो सांस नली में जम जाते हैं तथा फेफड़ों को प्रभावित करते हैं।
इस स्थिति को ब्रोनक्राइटस कहते हैं। इसमें मरीजको छाती में जकड़न, नजला खांसी, बलगम का आना, सांस फूलना, आदि समस्या होने लगती है, इसलिए सावधानी जरूरी है।
इस तरह करें बचाव- रात में एसी व कुलर को को बंद करके सोना चाहिए
- सुबह व शाम गुनगुना पानी का सेवन करें
- कोल्ड ड्रिंक व आइसक्रीम का सेवन नहीं करें
- अगर सर्दी-खांसी-बुखार हो तो अपने मन से दवा का सेवन नहीं करना चाहिए
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Sharda Sinha New Song: एम्स में भर्ती शारदा सिन्हा को चिंता अपने श्रोताओं की, छठ पर वहीं से जारी किया गीत
जागरण संवाददाता, पटना। Sharda Sinha Chhath Puja Song विवाह का अवसर हो या छठ महापर्व, पद्मभूषण बिहार कोकिला शारदा के गीत बिन जैसे अधूरा हो। गांव-शहर कहीं भी हो, घर-घर उनके गीत गूंजते हैं। बलमुआ कइसे तेजब हो छोटी ननदी..., में ननद-भाभी की मीठी नोंकझोंक हो या 'अगे माई हरदी हरदिया दूभ पातर ना...," ये गीत लोक की संस्कृति बन चुके हैं। और, छठ की तो बात ही निराली है। दीपावली आते ही हर तरफ छठ के गीत। कांच ही बांस के बहंगिया...हो या रुनकी-झुनकी बेटी मांगिला..., लोगों में ये रच-बस चुके हैं।
जहां लोगों का उन गीतों से इतना स्नेह हो, वे उन्हीं शारदा सिन्हा के स्वास्थ्य लाभ की कामना कर रहे हैं। वे इस समय एम्स, दिल्ली में भर्ती हैं। हाल ही में उनके पति ब्रजकिशोर सिन्हा का निधन हुआ है, पर आम जन के प्रति प्यार जैसे उनकी प्राथमिकता। सो, उन्होंने इस हालत में भी छठ पूजन के लिए गीत जारी किया है।
यूट्यूब चैनल पर गीत जारीउनके आधिकारिक यूट्यूब चैनल से जारी गीत दुखवा मिटाई छठी मइया... रउए आसरा हमार... सबके पुरवेली मनसा.. हमरो सुनलीं पुकार... जारी किया है। शारदा सिन्हा के पुत्र अंशुमन सिन्हा ने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट जारी करते हुए लिखा है कि अपने स्वास्थ्य की इस लड़ाई के बीच ही मां ने इच्छा जताई कि उनके द्वारा गाए गाने को उनके श्रोताओं तक पहुंचाया जाए। ऐसे में गीत का ऑडियो जारी कर दिया गया है।
गीत हृदय नारायण झा ने लिखा है। तबीयत खराब होने के कारण गीत का वीडियो शूट नहीं हो पाया।
शारदा सिन्हा के बारे में जानिए
शारदा सिन्हा को संगीत के क्षेत्र में अनेक सम्मान मिले हैं। 2015 में बिहार सरकार से पुरस्कार, 2000 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 2006 में राष्ट्रीय अहिल्या देवी पुरस्कार, 1991 में पद्मश्री व 2018 में पद्मभूषण सम्मान मिल चुका है। छठ गीतों के अलावा शारदा सिन्हा ने कई फिल्मों के लिए भी गीत गाए हैं।
उन्होंने पहली बार 1978 में उगअ हो सूरज देव भइल अरघ केर बेर..रिकार्ड किया था। इससे लोगों ने बहुत पसंद किया था। राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म 'हम आपके हैं कौन' के गीत कहे तोहसे सजना ये तोहरी सजानियां... जबर्दस्त लोकप्रिय हुआ था। आज की पीढ़ी भी इस गीत को गुनगुनाती है।
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राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के 15 नए राजमार्गों पर भी अब बिहार पुलिस गश्ती करेगी। पहले चरण में सर्वाधिक दुर्घटना वाले चार राष्ट्रीय राजमार्गों पर 23 गश्ती वाहनों को उतारा गया था। दूसरे चरण के बाद अब राजमार्गों पर गश्ती वाहनों की संख्या 61 हो गई। यह गश्ती वाहन अत्याधुनिक कैमरे और स्पीड गन से भी लैस हैं, जो यातायात नियमों के उल्लंघन पर चालान भी काटेंगे।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को 38 गश्ती वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन गश्ती वाहनों के जरिए कुल 1790 किमी सड़क की निगरानी की जाएगी।
प्रत्येक 50 किमी पर गश्ती वाहनों को तैनात किया जा रहा है। जिन राजमार्गों पर गश्ती वाहन तैनात होंगे उनमें पटना-औरंगाबाद, पटना भागलपुर, पटना- सीतामढ़ी, वरियापुर-जमुई, पटना-गया, सारण-वैशाली, शेखपुरा-बांका, सारण-सिवान, वैशाली-समस्तीपुर, मधुबनी- जोगबनी आदि सड़कें शामिल हैं। इन गश्ती वाहनों को डायल-112 सेवा से भी जोड़ा गया है, ताकि आपातकाल के समय तुरंत मदद पहुंचाई जा सके।
आज 1 अणे मार्ग से सड़क सुरक्षा एवं निर्बाध यातायात व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण हेतु 38 राजमार्ग गश्ती वाहनों का लोकार्पण किया। इन राष्ट्रीय राजमार्ग गश्ती वाहनों को इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम के डायल-112 से सम्बद्ध किया गया है ताकि आपातकालीन परिस्थिति में ये वाहन अविलंब घटनास्थल… pic.twitter.com/vDFe8W8qwa
— Nitish Kumar (@NitishKumar) October 30, 2024दुर्घटना में 44 प्रतिशत मौत एनएच पर:पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, सड़क दुर्घटनाओं में हुई मृत्यु की सर्वाधिक 44 प्रतिशत घटनाएं राष्ट्रीय राजमार्गों पर रिकार्ड की गई है। एनएच पर सड़क सुरक्षा सुनिश्चित कराने को लेकर ही वाहन गश्ती की व्यवस्था की जा रही है। राजमार्ग गश्ती योजना के तहत कुल 1560 मानव बल की स्वीकृति भी दी गई है।
पहले चरण में सर्वाधिक दुर्घटना वाले एनएच-28 (छपरा-बेतिया-लौरिया-बगहा), एनएच-30 (पटना-बख्तियारपुर), एनएच-31 (बरौनी-मुजफ्फरपुर-पिपराकोठी) और एनएच-57 (मुजफ्फरपुर-दरभंगा-पूर्णिया) पर कुल 1125 किमी में 23 वाहन गश्ती में लगाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने 38 राजमार्ग गश्ती वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना कियामुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को एक अणे मार्ग से सड़क सुरक्षा एवं निर्बाध यातायात व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण हेतु 38 राजमार्ग गश्ती वाहनों का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उन गश्ती वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने राजमार्ग गश्ती वाहनों के लोकार्पण के पूर्व उसका निरीक्षण किया और उसकी कार्य प्रणाली के संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली।
इन राष्ट्रीय राजमार्ग गश्ती वाहनों को इमरजेंसी रिस्पांस स्पोर्ट सिस्टम के डायल-112 के संबद्ध किया गया है ताकि आपातकालीन परिस्थिति में इन वाहनों को घटनास्थल पर अविलंब भेजा जा सके। साथ ही प्रभावी कार्रवाई हेतु इस पर लगे उपकरणों के माध्यम से वाहन अथवा नियंत्रण कक्ष से केंद्रीयकृत समाधान का प्रविधानकिया गया है। इस कार्यक्रम की शुरुआत में पुलिस महानिदेशक आलोक राज ने मुख्यमंत्री को हरित पौधा भेंटकर स्वागत किया।
इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, गृह विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी, परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक (स्पेशल ब्रांच) सुनील कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक (यातायात) सुधांशु कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, गृह विभाग के सचिव प्रणव कुमार और राज्य परिवहन आयुक्त नवीन कुमार सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
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RCP Singh New Party: नीतीश के करीबी रहे आरसीपी सिंह ने बनाई नई पार्टी, 140 सीटों पर 'खेल' की तैयारी
एजेंसी, पटना। RCP Singh New Party बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के करीबी रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने नई पार्टी का एलान कर दिया है। उनकी पार्टी का नाम 'आप सबकी आवाज' (Aap Sab Ki Awaaz Party) है। गुरुवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने यह जानकारी दी। पत्रकारों से बात करते हुए आरसीपी सिंह ने कहा कि उन्होंने लॉन्च के लिए 31 दिसंबर तो इसलिए चुना, क्योंकि आज दीपावली के अलावा सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती भी है।
आरसीपी सिंह ने जदयू के साथ अपने संबंधों पर कुछ नहीं कहा। बता दें कि एक समय वह जदयू के अध्यक्ष थे, लेकिन फिर नीतीश कुमार से नाराजगी के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी।
#WATCH | Patna, Bihar: Former Union Minister RCP Singh says "I have named my party Aap Sab Ki Awaaz' (ASA). the party symbol will be a rectangular flag which will have green at the top, yellow in the middle and blue at the bottom. The yellow colour in the middle will be painted… pic.twitter.com/moE6Ub5Z97
— ANI (@ANI) October 31, 2024विधानसभा चुनाव लड़ेगी आरसीपी सिंह की पार्टीआरपीसी सिंह ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में उतरेगी। उनके पास पहले से ही 243 में से 140 सीटों के लिए संभावित उम्मीदवार हैं।
आरसीपी सिंह ने राज्य में बहुप्रचारित शराबबंदी कानून और सरकारी शिक्षा संस्थानों में गिरावट का जिक्र करते हुए परोक्ष रूप से सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा।
आरसीपी सिंह के बारे में जानिएआरसीपी सिंह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा से ही आते हैं। वह उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी थे और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर वह पहली बार तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार के संपर्क में आए थे।
2005 में बिहार में सत्ता संभालने के बाद नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को अपने प्रमुख सचिव के रूप में बिहार आने के लिए राजी किया। नीतीश कुमार आरसीपी सिंह के प्रशासनिक कौशल से काफी प्रभावित थे।
नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह के रिश्ते बिगड़ेफिर 2010 में आरसीपी सिंह ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली और जदयू में शामिल हो गए। इसके बाद लगातार दो बार उन्हें राज्यसभा भेजा गया। वहीं, 2021 में नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह के बीच खटास पैदा हो गई। दरअसल, 2021 में आरसीपी सिंह नरेंद्र मोदी कैबिनेट में शामिल हुए थे, यह बात नीतीश कुमार को रास नहीं आई। नीतीश कुमार को तब तक संदेह हो गया था कि उनका शिष्य तोड़फोड़ की योजना बना रहा था।
पार्टी अध्यक्ष बनने के कुछ महीनों के भीतर आरसीपी सिंह को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटना पड़ा और उन्हें मंत्री पद तक छोड़ना पड़ा। उस समय तक जदयू कार्यकर्ताओं में यह अफवाह फैल गई थी कि सिंह भाजपा के कहने पर विभाजन की साजिश रच रहे हैं और उन्हें वित्तीय हेराफेरी के आरोपों पर कारण बताओ नोटिस दिया गया था, जिसके कारण उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ी।
एक साल बाद आरसीपी भाजपा में शामिल हो गए। उस दौरान नीतीश कुमार भी एनडीए में नहीं थे। हालांकि, नीतीश कुमार ने एक साल बाद फिर से गठबंधन करने का फैसला किया। वहीं, अब नीतीश कुमार की जदयू भाजपा की महत्वपूर्ण सहयोगी है। गौरतलब है कि बीजेपी लोकसभा में बहुमत से दूर है।
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NEET 2024 स्ट्रे वैकेंसी राउंड के लिए सीट अलॉटमेंट जारी, MBBS कोर्स में 5 नवंबर तक नामांकन
जागरण संवाददाता, पटना। मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-2024 (NEET 2024) में काउंसलिंग के लिए स्ट्रे वैकेंसी राउंड की प्रोविजनल सीट आवंटित कर दी है। अभ्यर्थी अपना आवंटन पत्र वेबसाइट से अपलोड कर संबंधित कॉलेज में काउंसलिंग के लिए उपस्थित होंगे। पांच नवंबर तक अभ्यर्थी काउंसलिंग में शामिल हो सकते हैं।
अभ्यर्थियों ने एमएमसी को ईमेल से जानकारी दी है कि आवंटित कॉलेजों तक पहुंच के लिए ट्रेनों में टिकट नहीं मिल रहे हैं। वहीं, हवाई जहाज के टिकट काफी महंगा है। दीपावली और छठ पर्व को लेकर ट्रेनों में नोरूम की स्थिति बनी हुई है। यह एमबीबीएस में नामांकन के लिए काउंसिलिंग का अंतिम राउंड है। इस कारण कालेजों में अभ्यर्थी को उपस्थित होना अनिवार्य है।
सामान्य श्रेणी का की क्लोजिंग रैंक 25,050 रही:एमएमसी के अनुसार, केंद्रीय कोटे की 15 प्रतिशत सीटों पर एमबीबीएस कोर्स में नामांकन के लिए सामान्य श्रेणी की क्लोजिंग रैंक 25,050, ईडब्ल्यूएस की 28,836, ओबीसी की 25,079, एससी की 1,37,759 तथा एसटी की 1,68,640 क्लोजिंग रैंक है। एम्स में सामान्य श्रेणी की क्लोजिंग रैंक 19,454, ईडब्ल्यूएस की 22,472, एससी की 1,05,492 एवं एसटी की 1,45,910 क्लोजिंग रैंक है।
15 प्रतिशत ऑल इंडिया कोटे में नागालैंड मेडिकल कालेज कोहिमा, अंडमान एंड निकोबार आयलैंड इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज पोर्ट ब्लेयर, गवर्नमेंट मेडिकल कालेज चुराचांदपुर, मणिपुर तथा एम्स में मदुरै आखिरी च्वाइस रहा।
बीडीएस की क्लोजिंग रैंक 7,15,63 रही:बीडीएस कोर्स में केंद्रीय कोटे की 15 प्रतिशत सीटों के लिए क्लोजिंग रैंक 71,563, ईडब्ल्यूएस की 82,194, ओबीसी की 73,804, एससी का 2,21,758 एवं एसटी की 3,25,552 क्लोजिंग रैंक रही। बीएससी नर्सिंग कोर्स में सामान्य श्रेणी की क्लोजिंग रैंक 1,28,348, ईडब्ल्यूएस की 1,54,724, ओबीसी की 1,52,159, एससी की 2,97,331 तथा एसटी की 4,41,394 क्लोजिंग रैंक रही।
फार्मेसी व कृषि में अब 10 तक नामांकनबिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (बीसीईसीईबी) ने बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगाता परीक्षा 2024 के आधार पर फार्मेसी, बीएससी, कृषि की 50 प्रतिशत सीटों पर नामांकन तिथि को बढ़ा दिया है। 30 अक्टूबर से बढ़कार अब 10 नवंबर तक कर दिया गया है। विस्तृत जानकारी वेबसाइट पर अपलोड है।
सहायक अभियंता की परीक्षा 18 व 19 कोबिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने सहायक अभियंता (असैनिक व यांत्रिक) परीक्षा की तिथि जारी कर दिया है। सचिव सह परीक्षा नियंत्रक सत्यप्रकाश शर्मा ने बताया कि परीक्षा का आयोजन 18 व 19 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा। विस्तृत जानकारी वेबसाइट पर अपलोड है।
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बिहार पुलिस शर्मसार! शराब के नशे में हवलदार ने ब्यूटी पार्लर संचालिका से की छेड़खानी, अब पीसेगा चक्की!
जागरण संवाददाता, पटना। शराब के नशे में बिहार पुलिस के हवलदार को ब्यूटी पार्लर संचालिका से छेड़खानी करना महंगा पड़ा। महिला की शिकायत पर एसकेपुरी थाने की पुलिस ने आरोपित हवलदार इंद्र बहादुर भंडारी (42) को गिरफ्तार कर लिया। वह रांची के डोरंडा का रहने वाला है।
उसकी तैनाती पटना के बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस एक (गोरखा बटालियन) में है। थानेदार पंकज कुमार ने बताया कि महिला की शिकायत पर आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। ब्रेथ एनलाइजर जांच में उसके शराब पीने की पुष्टि हुई।
बताया जाता है कि मंगलवार को आरोपित हवलदार धनतेरस पर खरीदारी करने बोरिंग रोड आया था। इस दौरान जमुना अपार्टमेंट गली में एक महिला ब्यूटी पार्लर बंद कर घर लौट रही थी। तभी हवलदार ने बाइक उसके नजदीक से निकाली और महिला को छूते हुए आगे बढ़ गया।
महिला ने विरोध जताया तो वह अनाप-शनाप कहने लगे। कुछ देर बाद वह दोस्त को बाइक पर बिठा कर आया और कहने लगा कि उसकी पहुंच डीआइजी तक है। वह उसे (महिला) को बर्बाद कर सकता है। इतना सुनते ही महिला शोर मचाने लगी और पुलिस को खबर कर दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर हवलदार और उसके साथी काे पकड़ लिया। छानबीन के बाद हवलदार के साथी को थाने से मुक्त कर दिया गया।
पटना से पिस्टल खरीदकर गोवा ले जा रहा तस्कर गिरफ्तारपटना से पिस्टल लेकर गोवा जा रहे तस्कर को राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने गोरखपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर पांच-छह से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार विनय हेब्बल डेकोरेशन का काम करता था। वह गोवा का रहने वाला है। विनय स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रहा था। उसके पास से तीन पिस्टल बरामद हुईं। पुलिस ने उसे न्यायालय में प्रस्तुत किया, जहां से जेल भेज दिया गया है।
गोरखपुर के रेल एसपी संदीप कुमार मीना ने बताया कि बुधवार की भोर में स्टेशन पर रूटीन में संदिग्ध लोगों और वस्तुओं की जांच कर रहे थे। प्लेटफार्म नंबर पांच-छह के पूर्वी तरफ अंतिम छोर पर संदिग्ध हालत में मिले युवक के बैग की तलाशी ली तो उसके पास तीन पिस्टल मिली। उसकी पहचान विनय हेब्बल निवासी पोंडा, थाना मेस्तवाड़ा कुर्ती, गोवा के रूप में हुई।
उसने बताया कि तीन पिस्टल 80 हजार रुपये में खरीदी है। वह अपने दोस्त अमिर और इरफान के लिए पिस्टल लेने आया था। 10 हजार रुपये अतिरिक्त देने पर तीसरी मिल गई। गोवा में काम करने वाले बिहार के मजदूर ने पटना से पिस्टल दिलवाने के लिए बात कराई थी।
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बिहार पॉलिटिक्स की बड़ी खबर; नीतीश कुमार होंगे 'शॉक'! लालू यादव ने चुनाव से पहले कर दिया 'खेला'
राज्य ब्यूरो, पटना। सर्व लोकहित समाज पार्टी ने उपचुनाव वाले चारों विधानसभा क्षेत्रों में बिना शर्त महागठबंधन के समर्थन की घोषणा की है। बुधवार को राजद के प्रदेश कार्यालय में प्रेस-वार्ता कर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रो. विजय बहादुर मौर्य ने इसकी घोषणा की। उनकी इस पहल को प्रशंसनीय बताते हुए राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह इससे सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्ष शक्तियों को मजबूती मिलेगी।
जगदानंद ने कहा कि सरकार के स्तर से उन्माद को बढ़ावा दिया जाना उचित नहीं। इस तरह देश को कमजोर किया जा रहा है। लालू प्रसाद यादव ने अपने विचारों और कार्यों से सभी वर्गों को एकजुट रखा और देश की गंगा-जामुनी संस्कृति की मजबूती के लिए कार्य करने की प्रेरणा दी।
'चाहे कितना भी कष्ट सहना पड़ा हो...'उन्होंने यह भी कहा कि चाहे जितना भी कष्ट सहना पड़ा हो, लेकिन लालू कभी उन्माद और विद्वेष पैदा करने वाली शक्तियों के सामने नहीं झुके। प्रेस-वार्ता में उदय नारायण चौधरी, एजाज अहमद आदि उपस्थित रहे।
'भाजपा से सटोगे, तो...'प्रदेश मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि 'भाजपा में सटोगे, तो आरक्षण से कटोगे'। यह बात सभी पिछड़ा, अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति, आदिवासी और अल्पसंख्यक समाज के लोगों को याद रखनी चाहिए। लड़ाई बड़ी है और यह तब तक चलेगी, जब तक देश से सांपद्रायिक शक्तियों को जड़ से उखाड़ नहीं दिया जाता।
सर्व लोकहित समाज पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिनेश कुमार मौर्य के साथ पार्टी के दर्जनों नेताओं-कार्यकर्ताओं ने महागठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार-प्रसार और चुनाव अभियान चलाने का संकल्प लिया।
अपहरण के मामले में बिहार टॉप-थ्री राज्यों में : चित्तरंजनमधेपुरा जिला में स्कूल बस से आठ वर्षीय छात्र मयंक के अपहरण पर राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने गहरी चिंता प्रकट की है। मंगलवार को बयान जारी कर उन्होंने कहा कि अपहरण जैसी आपराधिक घटनाएं भी अब बिहार के लिए सामान्य बात हो गई है। आपराधिक घटनाओं पर नियंत्रण सरकार के बूते से बाहर हो चुका है। एनसीआरबी की रिपोर्ट बता रही कि अपहरण के मामले में बिहार टॉप-थ्री राज्यों में हैं।
उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के बाद बिहार का स्थान है। तीनों भाजपा व राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन द्वारा शासित राज्य हैं। आंकड़ों से उन्होंने अपने आरोप को पुष्ट किया है। राष्ट्रीय स्तर पर अपहरण का प्रतिशत 7.8 है, जबकि बिहार में यह 9.4 प्रतिशत है।
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नीतीश कुमार की ये डिमांड पूरी करेंगे PM मोदी? 2025 के चुनाव से पहले Bihar CM का मास्टर स्ट्रोक
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार ने नीति आयोग की प्रथम सलाहकार बैठक में बिहार की विकास दर को बरकरार रखने के लिए केंद्र से अतिरिक्त सहायता की मांग की है। बुधवार को पूर्वोदय राज्यों बिहार, आंध्र प्रदेश, झारखंड, ओडिशा और पश्चिमी बंगाल के विकास के लिए व्यापक योजना दृष्टिकोण का प्रारूप तैयार करने के लिए प्रथम सलाहकार समिति की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चन्द ने की।
केंद्र की ओर से आयोजित बैठक में बिहार की विकास दर की चर्चा की गई। अभी बिहार की विकास दर सात प्रतिशत के करीब है। जो कि राष्ट्रीय औसत से अधिक है। इस वृद्धि दर को बनाए रखने के लिए बिहार ने विशेष केंद्रीय सहायता का अनुरोध किया।
बैठक में बिहार की ओर से शामिल हुए प्रदेश के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में उच्च विद्यालयों की स्थापना के लिए केंद्रीय सहायता की मांग भी की। उन्होंने बताया कि राज्य में 16 नए मेडिकल कालेज स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें पांच वर्षों में 1500 से अधिक डाक्टरों की नियुक्ति की जाएगी।
इसके साथ ही मुख्य सचिव ने दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गया और भागलपुर में मेट्रो परियोजनाओं के लिए भी केंद्र से सहायता का अनुरोध किया। उन्होंने पूर्णिया और भागलपुर एयरपोर्ट के लिए निर्माण का भी प्रस्ताव दिया। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत 12 सड़क परियोजनाओं में से गया की सड़कों के टेंडर को शीघ्रता से अंतिम रूप देने का अनुरोध किया।
मुख्य सचिव मीणा ने बांधों के निर्माण, पुरानी नहरों के पुनर्जीवन, बांधों की ऊंचाई बढ़ाने और नदियों से गाद हटाने में सहायता का भी अनुरोध किया। साथ ही बाढ़ की समस्या के स्थायी समाधान के लिए सहयोग की मांग की है।
5500 और पैक्सों में स्थापित होंगे कृषि यंत्र बैंकसहकारिता मंत्री डा. प्रेम कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को नाबार्ड के प्रतिनिधियों के साथ पैक्सों का बहुद्देश्यीय विकास को लेकर बैठक हुई। इस बैठक में 2025 तक सभी पैक्सों का कंप्यूटराइजेशन कार्य पूरा करने पर सहमति बनी। साथ ही राज्य के 5500 पैक्सों में कृषि यंत्र बैंक स्थापित करने पर विचार किया गया। इसके लिए मंत्री ने प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया। बैठक में मंत्री प्रेम कुमार ने मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना का ज्यादा से ज्यादा विस्तार पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि इस योजना से अब तक 2978 पैक्सों में कृषि यंत्र बैंक स्थापित किया जा चुका है। इन बैंकों में कृषि यंत्रों की संख्या 15,497 है जिस पर 341.46 करोड़ रुपये खर्च हो चुका है। उन्होंने राज्य के शेष बचे 5500 पैक्सों को भी इस योजना से जोड़ने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना का मुख्य उद्देश्य पैक्सों में कृषि बैंक स्थापित करना है, जिसके माध्यम से लघु एवं सीमांत किसानों की आधुनिक कृषि उपकरणों का लाभ मिल सके।
इस बैठक में राज्य में 92 किसान उत्पादक संघ के निबंधन होने की जानकारी दी गई। प्रत्येक पैक्स को कृषि यंत्र क्रय करने हेतु 50 प्रतिशत ऋण (ब्याज सहित) एवं 50 प्रतिशत अनुदान के रूप में कुल 15 लाख रुपये दिया जा रहा है। बैठक में सचिव धर्मेन्द्र सिंह, सचिव, नाबार्ड मुख्य महाप्रबंधक केबी सिन्हा, अपर निबंधक प्रभात कुमार, उपनिदेशक श्वेता कुजुर, संयुक्त निबंधक कामेश्वर ठाकुर समेत अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।
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Mukesh Sahani: मुकेश सहनी ने नीतीश कुमार को दिया ओपन चैलेंज, CM योगी का नाम लेकर दे दी नसीहत
राज्य ब्यूरो, पटना। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर निशाना साधते हुए कहा है कि राज्य में अपराध की घटनाएं निरंतर बढ़ रही हैं परंतु मुख्यमंत्री को इससे कोई मतलब नहीं। वे विधानसभा चुनाव में 225 सीट जीतने की रणनीति बनाने में जुटे हैं।
सहनी बुधवार को मुजफ्फरपुर के हथौड़ी थाना क्षेत्र के डीहजीवर गांव गए जहां उन्होंने जहरीली शराब से हुई असमय मौत के शिकार श्याम सहनी, मुकेश सहनी और इलाजरत विरोधी सहनी के स्वजनों से मुलाकात की।
'लोग जहरीली शराब पीकर मकर रहे हैं...'इसके बाद उन्होंने स्थानीय मीडिया से कहा कि राज्य में अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं। लोग जहरीली शराब पीकर मर रहे हैं और पुलिस प्रशासन और सरकार आंख मूंदे हुए है। बिहार में पटना के बाद सबसे अधिक आपराधिक घटनाएं मुजफ्फरपुर में हो रही हैं और यहां के एसपी शराब बेचवा रहे हैं।
उन्होंने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए उन्हें अपनी अंतरात्मा जगाने को कहा। उन्होंने चैलेंज देते हुए कहा कि अगर नीतीश कुमार इतना अच्छा काम कर रहे हैं तो अकेले लड़ कर देख ले पता चल जाएगा। सहनी ने पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश का हवाला देते हुए कहा कि अपराध काम करने के लिए यूपी की पॉलिसी को नीतीश सरकार को अपनाना चाहिए।
लालू-राबड़ी-तेजस्वी ने की कामना, जमगग रहे सबका घर-आंगनराजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, पूर्व उप मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने हर आम-ओ-खास के घर-आंगन के जगमग रहने की कामना की है। बुधवार को बयान जारी कर उन्होंने सभी नागरिकों को दीपावली की हार्दिक शुभकामना देते हुए कहा कि सबके घर में खुशहाली आए, श्रीलक्ष्मी-गणेण से हमारी यही प्रार्थना है। आपसी भाईचारा, पारस्परिक प्रेम और सद्भाव का दीपक निरंतर जलता रहे।
देश और प्रदेश उन्नति के मार्ग पर सतत अग्रसर हों, ऐसा एक-दूसरे के साथ-सहयोग से ही संभव है। इस ज्योति-पर्व पर हमें समन्वय व सद्भाव का संकल्प लेना है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता प्रो. मनोज कुमार झा, राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव, राज्यसभा सदस्य संजय यादव, प्रदेश के प्रधान महासचिव रणविजय साहू आदि ने भी शुभकामनाएं दी हैं।
सम्राट-मंगल ने दीं दीपावली की शुभकामनाएंउप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने देश व प्रदेशवासियों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। बुधवार को बयान जारी कर सम्राट ने कहा कि यह ज्योति-पर्व भारत के लिए 500 वर्ष बाद आने वाला सांस्कृतिक विजय-पर्व भी है। इस ऐतिहासिक अवसर पर अयोध्या में 25 लाख दीप जलाए जाएंगे। इसके साथ ही माता सीता की धरती सीतामढ़ी और गुरु विश्वामित्र की भूमि बक्सर सहित पूरे बिहार में अंधकार पर प्रकाश की विजय का यह उत्सव हम सब मिलकर मनाएंगे।
मंगल पाण्डेय की शुभकामना है कि सुख-शांति व समृद्धि का प्रकाश हर घर में फैलें। आज देश व प्रदेश की एनडीए सरकारें समाज के अंतिम पायदान पर खड़े आमजन के जीवन में समृद्धि की रोशनी बिखेरने के लिए प्रतिबद्ध हैं। गरीब कल्याण व किसान हितैषी योजनाओं से आम लोगों के जीवन में खुशहाली आ रही है।
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राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics News यह भी संयोग ही है कि आप जैसी मंशा रखें, वैसा ही प्रतीक-चिह्न आवंटित हो जाए। बिहार में परिवर्तन का शंखनाद कर चुके जन सुराज पार्टी (जन सुराज पार्टी) के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) का सर्वाधिक फोकस शिक्षा और रोजगार पर है।
इसी वादे के साथ बिहार में उपचुनाव वाले चारों विधानसभा क्षेत्रों (तरारी, रामगढ़, बेलागंज, इमामगंज) में जसुपा के प्रत्याशी उतरे हैं। अब निर्वाचन आयोग द्वारा उन्हें चुनाव-चिह्न के रूप में स्कूल बैग (Jan Suraaj Party Symbol) आवंटित किया गया है। जसुपा के चारों प्रत्याशी अब इसी चुनाव-चिह्न पर वोट मांगेंगे।
उल्लेखनीय है कि पिछले दो वर्षों से बिहार की पदयात्रा कर रहे पीके ने इस वर्ष दो अक्टूबर को जन सुराज को राजनीतिक दल के रूप में परिवर्तित किए जाने की सार्वजनिक घोषणा की थी।
शिक्षा और रोजगार पर फोकसउसी अवसर पर उन्होंने घोषणा की थी कि उनका संकल्प बिहार को देश के शीर्ष 10 राज्यों में सम्मिलित करने का है। इसके लिए शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में व्यापक कार्य की आवश्यकता है, जिसके लिए जसुपा प्रतिबद्ध है।
दुर्गावती व रामगढ़ के कई स्थानों पर जन सुराज की की सभारामगढ़ विधानसभा उपचुनाव (Ramgarh By-Election 2024) को लेकर जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर लगातार जन संवाद के माध्यम से जनता को उनके अधिकारों और वोट की ताकत के प्रति जागरूक कर रहे हैं। इसी क्रम में बुधवार को प्रशांत किशोर ने दुर्गावती रामगढ़ व नुआंव प्रखंड का दौरा किया।
प्रशांत किशोर ने आधा दर्जन जनसभाओं को संबोधित कर सरकार पर निशाना साधा। प्रशांत किशोर ने यज्ञशाला मैदान (कल्याणपुर) दुर्गावती, एस.एन. सिंह इंग्लिश स्कूल (रामगढ़), बड्ढा मैदान अकोल्ही, नुआंव, रामगढ़ के मध्य विद्यालय मैदान सदुल्लहपुर, डरवन और सिसौड़ा गांव की सभा में लोगों के साथ संवाद किया।
जमीन सर्वे के नाम पर भ्रष्टाचारशाम को जी.बी. होटल देवकली मोहनियां में लोगों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि बिहार में जमीन के सर्वे (Bihar Jamin Survey) के नाम पर भ्रष्टाचार फैलाया गया। जनता से रिश्वत वसूली गई। यदि जनता अपने वोट के अधिकार से इसे नहीं रोकेगी तो यह सर्वे दोबारा शुरू हो सकता है।
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Chhath Puja 2024: नीतीश सरकार ने लॉन्च किया छठ टूर पैकेज, नहाय-खाय से पारण तक की छटा देखेंगे पर्यटक
राज्य ब्यूरो, पटना। लोक आस्था के महापर्व छठ की छटा अब देश-विदेश के पर्यटक करीब से देख-जान सकेंगे। पर्यटन विभाग ने छठ टूर पैकेज लॉन्च किया है, जिसमें नहाय खाय से लेकर पारण तक की परंपरा और संस्कृति से लोग रूबरू हो सकेंगे। पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने बताया कि छठ की महिमा को देश-विदेश के सभी श्रद्धालुओं तक पहुंचाने के लिए छठ को पर्यटन उत्सव का रूप दिया जा रहा है। पर्यटन विभाग पहली बार विशेष टूर पैकेज बनाकर देश-विदेश के पर्यटकों को आमंत्रित कर रहा है।
बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम महापर्व को लेकर दो तरह के टूर पैकेज लेकर आया है। पहला पैकेज तीन दिन- दो रात जबकि दूसरा पैकेज चार दिन-तीन रात का है। इस टूर पैकेज में पटना में पर्यटकों वातानुकूलित वाहन से दर्शनीय स्थलों का दर्शन भी कराया जाएगा।
उनको होटल में आवासन, खाना, चाय-काफी की सुविधा, यात्रा के दौरान टूर गाइड सेवा, छठ पूजा के दौरान पूजा करने वाले परिवारों से मिलना, यात्रा कार्यक्रम के अनुसार सभी स्मारक टिकट, क्रूज/नाव की सवारी, टूर प्रबंधन के साथ 24 घंटे मोबाइल संपर्क आदि सुविधाएं दी जाएगी। बिहार राज्य पर्यटन निगम की वेबसाइट पर टूर पैकेज की पूरी जानकारी और विवरणी उपलब्ध है।
पूजा वाले घर जाकर प्रसाद ग्रहण करेंगे पर्यटक:छठ पैकेज में पहले दिन पटना आगमन पर उनका अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। नहाय खाय के पर गाइड के साथ पूजा वाले घर में ले जाया जाएगा जहां प्रसाद के रूप में सात्विक भोजन ग्रहण करने की परंपरा है। उस दिन रिवर क्रूज के माध्यम से शाम को गंगा घाट भ्रमण और पटना रिवर फ्रंट की यात्रा कराई जाएगी। दूसरे दिन खरना पर गाइड के द्वारा पवित्र गंगा नदी में स्नान के लिए ले जाया जाएगा।
स्नान के बाद पटना शहर का भ्रमण कराया जाएगा। इसमें बिहार संग्रहालय, गोल घर, सभ्यता द्वार, गांधी प्रतिमा, बुद्ध स्मृति पार्क, खादी माल जैसे महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा। इसके बाद फिर पूजा वाले घर में खरना का प्रसाद दिया जाएगा।
छठ का बाजार देखेंगे, चखेंगे बिहार का स्वाद:तीसरे दिन पर्यटकों को पर्यटन विभाग के गाइड स्थानीय बाजार का भ्रमण कराएंगे जहां छठ पूजा में उपयोग में आने वाले सामान (फल, सब्जी, पूजा का सामान) की खरीदारी होती है। इसके बाद गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज की जन्मस्थल पटना साहिब तख्त श्री हरिमंदिर साहिब गुरुद्वारा और प्रकाश पुंज का भ्रमण कराया जाएगा। शाम को क्रूज के माध्यम से संध्या अर्घ्य का दर्शन कराया जाएगा।
पूजा के उपरांत पारण के दिन अहले सुबह क्रूज के माध्यम से पर्यटकों को गंगा घाट ले जाया जाएगा जहां लाखों श्रद्धालु लोग/भक्त सूर्य देव के उगने की प्रतीक्षा कर रहे होते हैं। वहां पूजन परंपरा देखने के बाद स्थानीय बाजार का भ्रमण और बिहार के व्यंजन खाजा और अनरसा का स्वाद चखाकर पर्यटकों को विदाई दी जाएगी।
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राज्य ब्यूरो, पटना। नीतीश सरकार ने संविदा पर नियोजित कनीय अभियंताओं के मानेदय में भारी वृद्धि की है। अब उन्हें प्रतिमाह 34 हजार की जगह 60 हजार रुपये मिलेंगे। जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वेतन वृद्धि तत्काल प्रभाव से लागूू हो गई है। यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से कनीय अभियंताओं को दीपावली एवं छठ का उपहार है।
उन्होंने कहा कि कनीय अभियंताओं की ओर से मानदेय में वृद्धि की मांग की जा रही थी। यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संज्ञान में आया तो उन्होंने इसमें वृद्धि का आदेश दिया।
चौधरी ने बताया कि राज्य के सभी विभागों के कनीय अभियंताओं का नोडल विभाग जल संसाधन ही है। मानदेय वृद्धि की अधिसूचना भी जल संसाधन विभाग से ही जारी हुई है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर विकास आयुक्त की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। समिति को मानदेय को तार्किक बनाने और वृद्धि की राशि तय करने की जवाबदेही दी गई थी। समिति ने 60 हजार रुपये मासिक मानदेय की अनुशंसा की।
सरकार ने समीक्षा के बाद इसे स्वीकार कर लिया। सरकार के सभी विभागों में संविदा पर नियुक्त कनीय अभियंताओं की संख्या करीब दो हजार है। इससे पहले 2019 में इनके मानदेय में वृद्धि की गई थी। राज्य में संविदा पर कनीय अभियंताओं की नियुक्ति की शुरुआत 2009 में हुई। राज्य तकनीकी सेवा आयोग की ओर से कनीय अभियंताओं की नियुक्ति के लिए आयोजित पहली परीक्षा में नियोजित कनीय अभियंता भी शामिल हुए थे। यह परीक्षा 2019 में हुई थी। इसका परिणाम भी निकला, लेकिन मामला अदालत में चला गया।
कनीय अभियंताओं के संगठन ने सुप्रीम कोर्ट तक नियमित नियुक्ति की लड़़ाई लड़ी। इसी चार अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने के भीतर योग्य उम्मीदवारों की सूची प्रकाशित करने का आदेश बिहार तकनीकी सेवा आयोग को दिया है। इस आदेश के आधार पर जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख मुख्यालय मिथिलेश कुमार दिनकर ने शीघ्र परीक्षाफल निकालने का आग्रह आयोग से किया है।
शशिभूषण प्रसाद सिंह अन्य एवं बिहार सरकार एवं अन्य मामले में सुप्रीम के चार अक्टूबर के आदेश का अनुपालन होने पर बड़ी संख्या में संविदा नियोजित कनीय अभियंताओं की सेवा नियुमित हो जाएगी। अभियंता प्रमुख ने पत्र में यह भी लिखा है कि अनुशंसा मिलते ही नियुक्ति शुरू हो जाएगी। क्योंकि विभिन्न विभागों की ओर से पहले ही अधियाचना भेजी जा चुकी है। पत्र में यह भी कहा गया है कि लंबे समय से नियुक्ति नहीं होने के कारण सभी कार्य विभागों में कनीय अभियंताओं की घोर कमी है और इससे विकास कार्य भी प्रभावित हो रहा है।
भूमि सर्वेक्षण के संविदा कर्मियों का मानदेय 10 हजार तक बढ़ाविकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति की अनुशंसा पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में संविदा पर कार्यरत कर्मियों का मानदेय बढ़ा दिया गया है। विभाग की निदेशक जे प्रियदर्शिनी के आदेश से बुधवार को आदेश जारी हो गया है। यह एक अगस्त 2024 से प्रभावी होगा।
आदेश के अनुसार, विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी को अब 55 के बदले 65 हजार रुपया प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। विशेष सर्वेक्षण कानूनगो के मानदेय में आठ हजार रुपये की मासिक वृद्धि हुई है।अब उन्हें 40 हजार रुपया मिलेगा। विशेष सर्वेक्षण अमीन का मानदेय 27 से 35, विशेष सर्वेक्षण अमीन का 25 से 30, अमीन एवं सर्वेयर का 18 सेे 25 और संविदा मोहर्रिर का मानदेय 21 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपया कर दिया गया है।
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जेईई मेन में समान स्कोर के लिए टाइब्रेकर का नियम बदला, 300 परफेक्ट स्कोर पर मिलेगी ऑल इंडिया में पहली रैंक
जागरण संवाददाता, पटना। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) जेईई-मेन जनवरी सत्र के लिए 22 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करेगा। पहले ही दिन 20 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। ओबीसी और ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को पहले दिन आवेदन में खासी परेशानी का सामना करना पड़ा है।
अभ्यर्थियों ने बताया कि उनसे सर्टिफिकेट आइडी एवं इश्यू डेट के साथ-साथ प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारी का नाम भी मांगा है। इसके बगैर आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। आवेदन से पूर्व सर्टिफिकेट बनवाना ही होगा, बगैर सर्टिफिकेट इस बार आवेदन संभव नहीं होगा। यह व्यवस्था पहली बार की गई है।
अब तक ऐसी थी व्यवस्थाअबतक अभ्यर्थी सिर्फ अपनी श्रेणी भर देते थे। अभ्यर्थियों ने एनटीए से इसके लिए अतिरिक्त समय की मांग की है। जाति प्रमाण पत्र बनने में तीन से चार सप्ताह का समय लगता है। एनटीए द्वारा जारी सूचना बुलेटिन के अनुसार जेईई मेन में इस बार समान स्कोर होने पर रैंक की वरीयता देने के नियम में भी बदलाव किया गया है।
दो अभ्यर्थियों का स्कोर समान होगा तो आल इंडिया रैंक में इस बार विषयवार वरीयता दी जाएगी। सर्वप्रथम गणित में प्राप्त अंक, उसके बाद फिजिक्स तथा इसमें भी समान होने पर केमिस्ट्री में प्राप्त अंक के आधार पर वरीयता निर्धारित की जाएगी।
तीनों विषयों में समान अंक होने पर गणित के कम ऋणात्मक स्कोर, उसके बाद फिजिक्स के कम ऋणात्मक स्कोर तथा उसके बाद केमिस्ट्री के कम ऋणात्मक स्कोर को वरीयता में प्राथमिकता दी जाएगी।
बीएसइबी सुपर-50 के लिए आवेदन आज से, होगी जेईई व नीट की तैयारीबिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसइबी) इंजीनियरिंग (जेइइ मेन) तथा मेडिकल (नीट यूजी) की तैयारी के लिए आवासीय कोचिंग की सुविधा मुहैया करायेगी। इसके लिए बोर्ड ने बीएसइबी सुपर-50 बनाया है। सुपर-50 के लिए आवेदन प्रक्रिया 30 अक्तूबर से शुरू हो जायेगी। आवेदन की अंतिम तिथि 15 नवंबर निर्धारित की गई है।
इसमें बीएसइबी, सीबीएसई, आइसीएसई या अन्य बोर्ड के 10वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स जो 11वीं में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के प्लस टू विद्यालयों में एडमिशन लेने के लिए इच्छुक हों, वे आवेदन कर सकते हैं।
सभी इच्छुक छात्र वेबसाइट https://coaching.biharboardonline.com/index पर जाकर आवासीय शिक्षण के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए शुल्क 100 रुपये निर्धारित किया गया है। आवेदन करने वाले छात्रों का चयन लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार के आधार पर किया जायेगा।
आवासीय कोचिंग में प्रत्येक माह दो बार ओएमआर टेस्ट या ऑनलाइन टेस्ट लिया जाएगा। प्रतिदिन पढ़ाई के अलावा डाउट क्लास की व्यवस्था होगी। पटना के सरकारी स्कूल में प्लस टू में नामांकन की व्यवस्था की जाएगी। छात्रावास में लड़कियों व लड़कों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जाएगी।
आवासीय शिक्षण के लिए कोटा, हैदराबाद, दिल्ली, कोलकाता इत्यादि प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों में पूर्व में पढ़ाने वाले शिक्षकों द्वारा जेइइ मेन व नीट यूजी का विशेष शिक्षण दिया जायेगा।
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जागरण संवाददाता, पटना। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) ने इंजीनियरिंग (जेईई मेन) तथा मेडिकल (नीट यूजी) की तैयारी के लिए आवासीय कोचिंग की सुविधा मुहैया करायेगा। इसके लिए बोर्ड ने बीएसईबी सुपर-50 बनाया है। सुपर-50 के लिए आवेदन प्रक्रिया 30 अक्तूबर से शुरू हो जाएगी। आवेदन की अंतिम तिथि 15 नवंबर निर्धारित की गई है।
इसमें बीएसईबी, सीबीएसई, आईसीएसई या अन्य बोर्ड के 10वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स जो 11वीं में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के प्लस टू विद्यालयों में एडमिशन लेने के लिए इच्छुक हों, वे आवेदन कर सकते हैं। सभी इच्छुक छात्र वेबसाइट https://coaching.biharboardonline.com/index पर जाकर आवासीय शिक्षण के लिए आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन के लिए शुल्क 100 रुपये निर्धारित किया गया है। आवेदन करने वाले छात्रों का चयन लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार के आधार पर किया जायेगा। आवासीय कोचिंग में प्रत्येक माह दो बार ओएमआर टेस्ट या ऑनलाइन टेस्ट लिया जाएगा। प्रतिदिन पढ़ाई के अलावा डाउट क्लास की व्यवस्था होगी। पटना के सरकारी स्कूल में प्लस टू में नामांकन की व्यवस्था की जाएगी। छात्रावास में लड़कियों व लड़कों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जाएगी।
आवासीय शिक्षण के लिए कोटा, हैदराबाद, दिल्ली, कोलकाता इत्यादि प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों में पूर्व में पढ़ाने वाले शिक्षकों द्वारा जेइइ मेन व नीट यूजी का विशेष शिक्षण दिया जायेगा। 2025 में एडमिशन लेने वाले छात्र 2027 के जेईई मेन व नीट में शामिल होंगे।
राज्य के नौ प्रमंडलीय जिलों में गैर आवासीय कोचिंग की मिलेगी सुविधाबिहार बोर्ड की ओर से राज्य के नौ प्रमंडलीय जिलों पटना, मुजफ्फरपुर, छपरा, दरभंगा, सहरसा, पूर्णियां, भागलपुर, गया एवं मुंगेर में भी जेइइ मेन तथा नीट यूजी की तैयारी करायी जीयेगी। यहां पर मुफ्त में कोचिंग की व्यवस्था होगी लेकिन प्रमंडलों में आवासीय सुविधा नहीं होगी। इसमें शामिल होने के लिए 30 अक्टूबर से 15 नवंबर तक आवेदन किए जाएंगे। इसके लिए किसी भी बोर्ड से 10वीं किया हो, लेकिन 2025 में 11वीं में बिहार बोर्ड में एडमिशन लेने वाले विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं।
गैर आवासीय कोचिंग में शामिल प्रत्येक विद्यार्थी को प्रति माह एक हजार रुपये की छात्रवृत्ति दी जाएगी। छात्र अपने घर के पास रहते हुए अपने जिले के शिक्षण संस्थानों में स्थित समिति के क्षेत्रीय कार्यालय में जेइइ व नीट की तैयारी कर सकते हैं। तैयारी के लिए 50 लड़कों व 50 लड़कियों का चयन किया जाएगा। विद्यार्थी आवेदन करते समय अपनी सुविधानुसार नौ जिलों में से किसी एक का चयन कर सकते हैं।
इन विद्यालयों में चयन के बाद होगी पढ़ाई- पटना : राजकीय बालक उच्च माध्यमिक विद्यालय, लाल बहादुर शास्त्री नगर पटना
- मुजफ्फरपुर : बीबी कालेजिएट मोतीझील
- छपरा : विश्वेश्वरी सेमिनरी उच्च माध्यमिक विद्यालय, म्यूनिसिपल चौक
- दरभंगा : जिला स्कूल लहेरियासराय
- सहरसा : जिला स्कूल समाहरणालय रोड
- पूर्णिया : जिला स्कूल, भट्टा बाजार
- भागलपुर : जगलाल उच्च विद्यालय
- मुंगेर : जिला स्कूल छोटी केलावाड़ी
- गया : हरिदास सेमिनरी प्लस टू स्कूल
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ITI में निर्धारित शुल्क से अधिक राशि लेने वाले संचालकों पर होगी कार्रवाई, नीतीश सरकार का अहम फैसला
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सरकारी और गैर-सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में छात्र-छात्राओं के लिए निर्धारित शुल्क से अधिक राशि लेने पर कार्रवाई होगी। इसके लिए श्रम संसाधन विभाग ने सभी जिलों के श्रमाधीक्षकों को निर्देश दिया है। विभाग की ओर से परीक्षा शुल्क से लेकर पंजीयन शुल्क तक निर्धारित कर दिया गया है। ऐसा छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों की शिकायत पर हुआ है।
नेशनल काउंसिल ऑफ वोकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी) से मान्यता प्राप्त संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पंजीयन शुल्क के तौर पर कोई राशि नहीं देनी होगी। स्टेट काउंसिल आफ वोकेशनल ट्रेनिंग (एससीवीटी) से मान्यता प्राप्त सरकारी आईटीआई में पढ़ने वाले सामान्य श्रेणी के छात्र-छात्राओं को पंजीयन शुल्क के रूप में 100 रुपये देने होंगे।
एससी-एसटी के लिए यह राशि मात्र 50 रुपये होगी। राज्य में 151 सरकारी आइटीआइ हैं। इसमें 113 सामान्य तो 38 महिला आईटीआई हैं। इनके अलावा 1227 निजी आइटीआइ हैं।
सामान्य श्रेणी के छात्रों को प्रतिमाह 40 रुपये प्रशिक्षण शुल्कश्रम संसाधन विभाग के आदेश के अनुसार, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले सामान्य श्रेणी के छात्र-छात्राओं को प्रतिमाह प्रशिक्षण शुल्क 40 रुपये लिया जाएगा। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं को प्रतिमाह प्रशिक्षण शुल्क 20 रुपये प्रति माह तय किया गया है। यदि कोई सरकारी या निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान द्वारा ज्यादा प्रशिक्षण शुल्क लिया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ITI में प्रायोगिक र सैद्धांतिक परीक्षा शुल्क कितना?स्टेट काउंसिल ऑफ वोकेशनल ट्रेनिंग (एससीवीटी) से मान्यता प्राप्त औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में प्रायोगिक और सैद्धांतिक परीक्षा शुल्क प्रति छात्र-छात्रा के लिए 200 रुपये तय किया गया है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं से परीक्षा शुल्क भी 200 रुपये लिए जाएंगे।
नेशनल काउंसिल ऑफ वोकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी) से मान्यता प्राप्त औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रायोगिक परीक्षा शुल्क के रूप में सभी कोटि के छात्र-छात्राओं से 200 रुपये लिये जाएंगे, लेकिन सैद्धांतिक परीक्षा शुल्क के रूप में प्रत्येक छात्र 213 रुपये जमा लिए जाएंगे। इस राशि पर जीएसटी अलग से लगेगा। बता दें कि सभी 151 सरकारी आइटीआइ में 32 हजार 772 सीट स्वीकृत हैं। इसके विरुद्ध सत्र 2023-24 में 26 हजार 628 छात्र-छात्राओं का नामांकन हुआ है।
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राज्य ब्यूरो,पटना। राज्य के विश्वविद्यालयों को स्नातक तथा स्नातकोत्तर संकाय की किसी भी परीक्षा संचालन के बाद 30 दिनों के भीतर उसका परिणाम घोषित करना होगा।इस संबंध में शिक्षा विभाग ने सभी कुलसचिवों को हिदायत देते हुए परीक्षा कैलेंडर का ससमय अनुपालन करने को कहा है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कहा है कि परीक्षाफल में देरीहोने पर विद्यार्थियों को कई तरह की दिक्कतें होती हैं। इसलिए विभाग द्वारा जारी परीक्षा कैलेंडर का अनुपालन सुनिश्चित होना चाहिए।
शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों को उपलब्ध कराए गए कैलेंडर में परीक्षा कराने से लेकर उसका परिणाम घोषित करने तक अवधि तय कर दी है। परीक्षा समय पर हो और रिजल्ट भी समय पर जारी किया जाए, इस पर शिक्षा विभाग भी निगाह रखेगा।
विभाग के कैलेंडर में वर्ष 2025 तक के स्नातक, स्नातकोत्तर और व्यावसायिक संकाय की होनेवाली परीक्षाओं का ब्योरा दिया है। इसके मुताबिक स्नातकोत्तर के तीसरा सेमेस्टर की परीक्षा 15 नवंबर से 30 दिसंबर तक संचालित कराना आवश्यक है। इस निर्धारित अवधि में विश्वविद्यालय अपनी सुविधा से परीक्षा की तारीख तय कर सकता है।
अगस्त से बढ़ी थी राज्य सरकार की दखलअंदाजीवहीं इससे पहले अगस्त में बिहार सरकार विश्वविद्यालयों के हर खाते की जांच करने का आदेश दिया था। जो वर्षों से बैंक खातों में बिना किसी उपयोग की राशि जमा पड़ी है। इसमें सर्वाधिक राशि पीएल एकांउट में थी। शिक्षा विभाग के मुताबिक, विश्वविद्यालयों के पीएल एकांउट में दो हजार करोड़ रुपये जमा हैं।
ये हैं बिहार के प्रमुख विश्वविद्यालय- पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना
- बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर
- भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा
- जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा
- कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा
- ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा
- मगध विश्वविद्यालय, गया
- नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय, नालंदा
- पटना विश्वविद्यालय, पटना
- राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, पटना
- तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर
- वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा
पटना विश्वविद्यालय भारत के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है, जिसकी स्थापना 1 अक्टूबर 1917 को हुई थी। यह विश्वविद्यालय बिहार की राजधानी पटना में स्थित है, और इसका परिसर शहर के अशोक राजपथ के दोनों ओर गंगा नदी के किनारे फैला हुआ है।
इसके अंतर्गत 13 महाविद्यालय हैं, जिनमें पटना साइंस कॉलेज, पटना कॉलेज, वाणिज्य महाविद्यालय, पटना चिकित्सा महाविद्यालय, और लॉ कॉलेज पटना शामिल हैं। विश्वविद्यालय का मिशन समाज के कमजोर वर्गों को साक्षरता के स्वीकार्य स्तर प्राप्त करने और वंचित लोगों को कौशल प्रदान करने के लिए है।
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