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Bihar Weather Today: बिहार में कब से पड़ेगी कड़ाके की ठंड? IMD ने दी ताजा जानकारी, पढ़ें आज कहां कैसा रहेगा मौसम
जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी समेत प्रदेश के मौसम में बदलाव के आसार हैं। पुरवा हवा की जगह पछुआ हवा के प्रभाव से न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे गिरावट आने के साथ ठंड में वृद्धि संभव है। मौसम शुष्क बने रहने के साथ पटना सहित कुछ जिलों में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे।
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार सोमवार को पटना सहित प्रदेश के अधिकतम व न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। पटना समेत 21 जिलों के न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है।
पटना का न्यूनतम तापमान 0.6 डिग्री गिरावट के साथ 22.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि 17.8 डिग्री सेल्सियस के साथ डेहरी में प्रदेश का सर्वाधिक न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया।
वहीं, पटना समेत 18 जिलों के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। पटना का अधिकतम तापमान 30.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि 34.1 डिग्री सेल्सियस के साथ मधुबनी में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
पुरवा के कारण पटना सहित आसपास इलाकों में आंशिक बादल छाए रहने के साथ सुबह के समय कुछ स्थानों पर धुंध का प्रभाव बना रहा।
प्रमुख शहरों के तापमान में गिरावट शहर गिरावट तापमान पटना 0.6 22.5 भागलपुर 0.2 21.6 मुजफ्फरपुर 0.5 22.0 बक्सर 0.5 20.3 वैशाली 0.9 20.3 मोतिहारी 0.4 18.2 किशनगंज 0.6 18.4 मौसम ने ली करवट, सुबह शाम ठंड का होने लगा अहसासछठ पर्व के बाद मौसम ने अचानक करवट ले ली है। रात के समय पारा लुढ़कने लगा है। इस कारण सुबह शाम ठंड का अहसास दिखने लगा है। हल्की ठंड शुरू होने से सुबह में कुहासा भी छाने लगा है। सबसे ज्यादा कुहासा ग्रामीण इलाकों में देखने को मिल रहा है। मौसम में आए बदलाव का असर परिवहन पर पड़ा है।
कुहासा छाए रहने के कारण वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई है। सड़क मार्ग पर लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुहासा के बीच से होकर लोग आ जा रहे हैं। लोग अपने वाहनों के हेड लाइट को जलाकर अपने गंतव्य की ओर जाते दिखे। इस बार गर्मी ने अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए।
दशहरे से शुरू होने वाली ठंडी छठ पर्व तक भी नही आ सकी। छठ के बाद से अचानक मौसम बदलने लगा और ठंड का एहसास होने लगा। मौसम में बदलाव के कारण बीमारियां भी बढ़ रही हैं। खांसी, जुकाम और वायरल के मरीजों की संख्या दिघवारा सीएचसी अस्पताल में बढोतरी देखी गई।
बदलते मौसम में एहतियात बरतना जरूरीडॉ. रोशन कुमार दिघवारा सीएचसी प्रभारी डाक्टर रोशन कुमार ने बताया कि बीमारी से बचने के लिए तरल पदार्थ का अधिक सेवन करें। बुखार में डाक्टर की सलाह के बिना अन्य काेई दवाई न लें।
यदि डेंगू के लक्षण नजर आएं तुरंत डॉक्टर से मिलें। इसके अलावा अस्थमा के मरीजों को बदलते मौसम के कारण स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देना चाहिए। ऐसे मौसम में एहतियात जरूर बरतनी चाहिए।
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Bihar Politics: PK के आने से बिहार उपचुनाव कैसे हुआ दिलचस्प, RJD-JDU को सता रहा किस बात का डर?
अरविंद शर्मा, नई दिल्ली। Bihar by polls लोकसभा चुनाव के बाद बिहार में चार सीटों पर हो रहे उपचुनाव का कोई सटीक पूर्वानुमान नहीं है। प्रशांत किशोर (पीके) की नई पार्टी जन सुराज ने बिहार में किसी चुनाव को लगभग दो दशक बाद पहली बार त्रिकोणीय बना दिया है। प्रचार की शैली और गठबंधनों की बेचैनी बता रही कि परिणाम बड़ा संदेश दे सकता है। जातीय समीकरण में उलट-पलट के सहारे सत्ता की सियासत पर असर डाल सकता है।
पीके के लिए अग्निपरीक्षा है ये उपचुनावचुनावी रणनीति को पीछे छोड़कर राजनीति के क्षेत्र में कदम रखने वाले पीके के लिए भी यह उपचुनाव बड़ी अग्निपरीक्षा की तरह है। साथ ही तीन दशकों से बिहार की सत्ता में गहराई तक जड़ जमाकर बैठे दोनों बड़े गठबंधनों (राजग और महागठबंधन) के लिए भी यह मुश्किल घड़ी है, क्योंकि जन सुराज का प्रयास दोनों गठबंधनों के कोर वोटरों में सेंधमारी कर अपना रास्ता बनाने का है।
जाहिर है, परिणाम ही बताएगा कि अगले वर्ष होने वाले विधानसभा के आम चुनाव के पहले सियासत की कैसी बिसात बिछेगी? राजद, जदयू एवं भाजपा के कोर वोटर कितना एकजुट रह पाएंगे? पीके किसी परिवर्तन के वाहक बनेंगे या खुद परिवर्तित होकर फिर से पारिश्रमिक लेकर राजनेताओं की कुंडली बांचने लग जाएंगे?
सेमीफाइनल साबित होगा ये उपचुनावफिलहाल इतना साफ है कि इस उपचुनाव से बिहार की सत्ता में कोई परिवर्तन नहीं होने जा रहा है, किंतु आम चुनाव से एक वर्ष पहले हो रहे इस सियासी संघर्ष को सेमीफाइनल की तरह माना जा रहा है। उपचुनाव के परिणाम की तरह भविष्य की संभावनाओं के भी तीन कोण होंगे।
सवर्ण राजनीति हाशिये परबिहार में पिछले चार दशक से भी ज्यादा समय से सवर्ण राजनीति हाशिये पर है। लालू प्रसाद के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने माय (यादव-मुस्लिम) समीकरण के सहारे भाजपा को अपने बूते बिहार की सत्ता से अभी तक वंचित रखा है। इसी तरह नीतीश कुमार के जदयू ने अन्य पिछड़ी जातियों को गोलबंद कर भाजपा एवं राजद की राजनीति को संतुलित करके रखा है। भाजपा को अपने कोर वोटरों के साथ-साथ नीतीश कुमार की पिछड़े वर्ग में पैठ का भी सहारा है। केंद्र में सरकार के साथ खड़े होने से नीतीश कुमार के वोट बैंक में एकजुटता आई है।
जन सुराज दे सकती झटकालोकसभा चुनाव में भी जदयू का प्रदर्शन अन्य की तुलना में बेहतर रही है। पिछली बार की तरह जदयू पर चिराग पासवान जैसा ग्रहण भी नहीं है। सबके अपने-अपने वोट बैंक और अपने-अपने समीकरण हैं। किंतु जन सुराज की धीरे-धीरे मजबूत होती रणनीति से पहली बार लग रहा कि बिहार की राजनीति में कुछ होने जा रहा है।
लालू की राजनीति को लग सकता झटकापीके का प्रदर्शन अगर ठीक रहा तो लालू के परिवारवाद की राजनीति को भी झटका लग सकता है।बहरहाल, तीनों ताकतों की सघन परीक्षा होनी है। परिणाम बताएगा कि लालू यादव का वोट बैंक तेजस्वी यादव में कितना ट्रांसफर हो सका है। यह भी कि लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार का लगभग बिखर चुका लवकुश समीकरण फिर एकजुट हो सकता है या नहीं और प्रशांत किशोर के लिए तो यह उपचुनाव का परिणाम करो या मरो की स्थिति लेकर आएगा।
लगभग दो वर्षों से बिहार के गांव-गांव में पैदल घूमकर पीके ने दो अक्टूबर को अपनी पार्टी की नींव रखी है। पहले दिन ही दावा किया था कि उपचुनाव में ही सबका सफाया कर देंगे। अब दावा नहीं, दिखाने की बारी है। जीते तो सिकंदर और नहीं तो..।
NIA Raids: बांग्लादेशी अल-कायदा मामले में एनआईए की बड़ी कार्रवाई, 9 ठिकानों पर छापेमारी
राज्य ब्यूरो, पटना। बांग्लादेशी आतंकी समूह अल-कायदा से जुड़े देशविरोधी मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को बिहार के सिवान समेत नौ ठिकानों पर छापेमारी की। बिहार के अलावा जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम राज्यों में एनआईए की टीमों ने तलाशी ली। इसमें विस्तृत बैंकिंग लेनदेन, मोबाइल फोन सहित डिजिटल उपकरण और आतंकी फंडिंग गतिविधियों से संबंधित अन्य सबूत एवं आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं।
एनआईए की टीम ने सोमवार की सुबह पांच बजे सिवान के सराय थाना क्षेत्र के पुरानी किला पोखरा मोहल्ले में एक सब्जी विक्रेता के घर को खंगाला। इस दौरान सब्जी विक्रेता अख्तर अली और उनके दोनों पुत्र सुहैल अली एवं आमिर अली से गहन पूछताछ की गई। घर से एक मोबाइल को भी जब्त किया गया। पांच घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ के बाद जब एनआइए की पांच सदस्यीय टीम सब्जी विक्रेता के घर से बाहर निकली।
एनआईए की जांच के अनुसार, जिन संदिग्धों के परिसरों पर छापे मारे गए, वे बांग्लादेश स्थित अल-कायदा नेटवर्क के समर्थक हैं। यह तलाशी पिछले साल बांग्लादेश स्थित अल-कायदा के गुर्गों द्वारा रची गई साजिश के पर्दाफाश से जुड़ी है। पिछले साल नवंबर में, एनआईए ने चार बांग्लादेशी नागरिकों सहित पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था, जिनकी पहचान मो. सोजिब मियां, मुन्ना खालिद अंसारी उर्फ मुन्ना खान, अजरुल इस्लाम उर्फ जहांगीर और अब्दुल लतीफ उर्फ मोमिनुल अंसारी के रूप में हुई थी। पांचवां आरोपी फरीद भारतीय नागरिक था।
एनआईए की जांच से पता चला है कि आरोपियों ने गुप्त रूप से अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए जाली दस्तावेज खरीदे थे। वे भारत में मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने, अल-कायदा की हिंसक विचारधारा को फैलाने, धन इकट्ठा करने और इन फंडों को अल-कायदा को हस्तांतरित करने में सक्रिय रूप से शामिल थे।
हिमाचल व जम्मू से लेन-देन के सबूत, खाता फ्रीजसिवान: पुलिस सूत्रों के अनुसार, पिता के साथ शहर के सब्जी मंडी में कारोबार करने वाले सुहैल अली का बैंक खाता छह माह पहले ही फ्रिज किया जा चुका है। खाते में हिमाचल प्रदेश व जम्मू कश्मीर से लेनदेन के प्रमाण मिले थे, जिनमें से कुछ को एनआइए ने संदिग्ध माना है। सुहैल ने पूछताछ में इस लेनदेन को सब्जी व फल खरीद से संबंधित बताया था। अख्तर के दूसरे बेटे आमिर अली की शहर के तेलहट्टा बाजार में कपड़े की दुकान है।
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Navodaya Vidyalaya: नवोदय विद्यालय में कक्षा 9वीं और 11वीं में नामांकन के लिए आवेदन तिथि बढ़ी, अब ये है लास्ट डेट
जागरण संवाददाता, पटना। नवोदय विद्यालय समिति (एनवीएस) ने शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए जवाहर नवोदय विद्यालयों (जेएनवी) में नौ वीं और 11 वीं में नामांकन के लिए आयोजित होने वाले लेटरल एंट्री सेलेक्शन टेस्ट 2025 के लिए आवेदन तिथि बढ़ा दी है। अब उम्मीदवार 19 नवंबर तक आवेदन कर सकते हैं।
इच्छुक और योग्य उम्मीदवार वेबसाइट https://cbseitms.nic.in/2024/nvsxi_11/ पर जाकर ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया पूरी कर सकते है। यदि किसी उम्मीदवार को आवेदन पत्र में किसी प्रकार का सुधार करना हो, तो इसके लिए एक सुधार विंडो खोली जाएगी। परीक्षा आठ फरवरी 2025 को आयोजित होगी।
नौवीं व 11वीं में नामांकन के लिए अलग-अलग योग्यताकक्षा नौ वीं के लिए उम्मीदवार को उस जिले का निवासी होना चाहिए, जहां से वह प्रवेश के लिए आवेदन कर रहा है। उम्मीदवार को शैक्षणिक सत्र 2024-25 के दौरान उस जिले के किसी सरकारी या सरकारी मान्यता प्राप्त स्कूल में आठवीं कक्षा की पढ़ाई करते रहना होना चाहिए, जहां जवाहर नवोदय विद्यालय स्थित है और प्रवेश की मांग की जा रही है।
जिन उम्मीदवारों का जन्म एक मई 2010 से 31 जुलाई 2012 (दोनों दिन सम्मिलित) के बीच हुआ हो, वे नौवीं कक्षा में आवेदन करने के योग्य होंगे। 11 वीं कक्षा में नामांकन लेने के लिए उम्मीदवार का जन्म एक जून 2008 से 31 जुलाई 2010 (दोनों दिन सम्मिलित) के बीच हुआ होना चाहिए।
उम्मीदवारों को शैक्षणिक सत्र 2024-25 के दौरान किसी सरकारी या मान्यता प्राप्त स्कूल में 10 वीं की पढ़ाई करते रहना होना चाहिए। सत्र 2024-25 से पहले कक्षा 10 वीं उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवार पात्र नहीं होंगे।
बच्चे उठाएंगे फिल्मों का आनंद, जानेंगे कला की बारीकियांबाल दिवस के मौके पर शहर के सिने पोलिस व सिटी सेंटर स्थित आई नाक्स सिनेमा हॉल में बाल फिल्मों की प्रस्तुति का आनंद बच्चे उठाएंगे। कला संस्कृति एवं युवा विभाग के बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम लिमिटेड की ओर से 14 नवंबर को बाल फिल्म महोत्सव व कार्यशाला का आयोजन होगा। फिल्म का आनंद उठाने के साथ कार्यशाला में कला की बारीकियों से बच्चों को अवगत कराया जाएगा।
फिल्म उत्सव के दौरान 10 फिल्म प्रस्तुत की जाएगी। इस दौरान कुंगफू पांडा, डिसेबल मी फार, द वाइल्ड रोबोट, पाव पेट्रौल, श्रीकांत, अप्पू , छोटा भीम, बुधिया सिंह, नील बट्टे सन्नाटा व मोटू पतलू है। फिल्म का आनंद वर्ग पांच से लेकर आठ तक के बच्चे भाग ले सेकेंगे।
अपने पसंद की फिल्मों का चयन करने को लेकर कला संस्कृति एवं युवा विभाग के वेबसाइट https://state.bihar.gov.in/yac पर उपलब्ध क्यू आर कोड को स्कैन कर गूगल लिंक पर क्लिक कर बच्चे अपना पंजीकरण करा सकते हैं। फिल्म का आनंद उठाने के लिए बच्चों को अपने विद्यालय का परिचय पत्र साथ लाना आवश्यक होगा।
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Bihar Politics: 'तेजस्वी बैठेंगे एक नंबर की कुर्सी पर और दूसरे नंबर की कुर्सी...', सहनी ने कर दी कमिटमेंट
राज्य ब्यूरो, पटना। विकासशील इंसान पार्टी प्रमुख और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) ने कहा है कि यदि बिहार में नंबर एक की कुर्मी पर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) बैठेंगे तो दूसरे नंबर की कुर्सी पिछड़ों की होगी। सहनी सोमवार को रामगढ़ में महागठबंधन उम्मीदवार अजीत सिंह के पक्ष में प्रचार कर रहे थे। उनके साथ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी मंच पर मौजूद थे।
सहनी ने कहा कि सही अर्थों में यह उपचुनाव टेस्ट मैच है। पार्टी अपने मकसद को लेकर लगातार संघर्ष कर रही है। पार्टी ने यह तय है कि हम गरीबों, पिछड़ों, दलितों के अधिकार लेकर ही दम लेंगे।
'हमारी लड़ाई जारी रहेगी'उन्होंने कहा कि आज सिर्फ मतलब की राजनीति हो रही है। हमलोग भीम राव अंबेडकर के संविधान को मानने वाले लोग हैं। उन्होंने दोहराया कि मेरी पार्टी की शुरुआत से लड़ाई निषाद आरक्षण की रही है। अपनी इस मांग को लेकर आगे भी हमारी लड़ाई जारी रहेगी और हम यह अधिकार लेकर रहेंगे।
उन्होंने कहा कि अगर हमारी सरकार बनी तो तय है कि गरीबों, पिछड़ों के कल्याण का काम होगा और गरीबों को उसका अधिकार मिलेगा। आज देश और प्रदेश की स्थिति क्या है सबको पता है। पूरे प्रदेश में कानून की धज्जियां उड़ रही हैं, लेकिन कोई देखने और सुनने वाला नहीं है। उन्होंने एक बार फिर दावा किया कि महागठबंधन उप चुनाव की चारों सीट जीत रहा है।
केंद्र में बैठी है तानाशाह सरकार, जिसका जनता से नहीं कोई लेना-देना: सहनीमुकेश सहनी ने रविवार को झारखंड चुनाव के प्रथम चरण के प्रचार अभियान के अंतिम दिन न केवल केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा, बल्कि प्रदेश की हेमंत सरकार की जमकर सराहना भी की। चतरा और लातेहार विधानसभा के बालूमाथ में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए सहनी ने कहा कि केंद्र की तानाशाह सरकार को जनता से कोई मतलब नहीं है। इसे न संविधान पर भरोसा है और न ही इसको सामाजिक न्याय से कोई मतलब है।
'गरीबों की हेमंत सरकार को...'सहनी ने कहा कि हमलोग सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने वाले लोग हैं और हमारी विचारधारा एक है। भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले तो गरीबों की हेमंत सरकार को गिराने का प्रयास किया, जब ऐसा नहीं हुआ तो आदिवासी मुख्यमंत्री को गलत आरोप में जेल भेज दिया, जबकि प्रदेश सरकार ने यहां गरीबों और महिलाओं के लिए कई कल्याण के काम किए हैं।
उन्होंने दावा किया की झारखंड में फिर से महागठबंधन की सरकार बनेगी। उन्होंने लोगों से चतरा में राजद प्रत्याशी और लातेहार से झामुमो प्रत्याशी को विजई बनाने की अपील की। उनके साथ कार्यक्रम में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी उपस्थित रहे।
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Pashupati Paras: पशुपति पारस का NDA से मोहभंग, जल्द करेंगे अलग होने की घोषणा! चिराग बड़ी वजह
राज्य ब्यूरो, पटना। सरकारी बंगले से बेदखल होने जा रहे राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) का राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से मोहभंग हो गया है। वे जल्द ही एनडीए से अलग होने की घोषणा करेंगे।
लंबी राजनीतिक पारी खेल चुके पारस भले ही अच्छा-खासा सियासी अनुभव रखते हों, लेकिन अब भतीजा चिराग पासवान (Chirag Paswan) उनके राजनीतिक दांव-पेंच पर बिहार से लेकर दिल्ली की राजनीति में उन पर भारी पड़ रहा है। यही वजह है कि हाल के दिनों में पारस की एनडीए में पूछ घटी है। इससे वे अंदर ही अंदर घूटन महसूस कर रहे हैं।
अलग रास्ता अख्तियार करेंगे पारस?रालोजपा के वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक, पशुपति कुमार पारस के सलाहकारों ने भी उन्हें सुझाव दिया है कि एनडीए की बैठक में उन्हें नहीं बुलाना और अब पार्टी कार्यालय को सरकारी भवन से खाली कराना, साफ संकेत है कि अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए में रहते हुए राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी की दुर्गति कहीं लोकसभा चुनाव जैसी न हो जाए, इसलिए अब पार्टी और पारस को एनडीए से लाइन बदल कर आगे का रास्ता अख्तियार करना चाहिए।
इसी महीने लेंगे बड़ा फैसलाइस सुझाव पर पिछले दिनों पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व सांसद सूरजभान सिंह के आवास पर हुई कोर कमेटी की बैठक में भी सहमति बनी थी। पारस भी मन बना चुके हैं कि देर-सबेर उन्हें दिल्ली का सरकारी आवास भी खाली करना पड़ेगा, इसलिए पारस इसी माह एनडीए से अलग होने की घोषणा करेंगे।
क्यों नाराज हैं पशुपति पारस?बता दें कि बीते दिनों राजधानी पटना में एनडीए नेताओं की बैठक हुई थी। इस बैठक की अध्यक्षता सीएम नीतीश कुमार ने की। हैरानी की बात है कि बैठक में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को बुलावा भी नहीं गया। साफ तौर पर पशुपति पारस को अनदेखा किया गया। वहीं, अब उनको अपने सरकारी बंगले से भी बोरिया-बिस्तर समेटना होगा। उनके आवास से दफ्तर को खाली करने के लिए धीरे-धीरे सामान भी हटाना शुरू हो गया है।
रालोजपा नेताओं ने राज्य सरकार से पशुपति पारस को नया आवास आवंटित करने की गुहार लगाई है। पार्टी नेता श्रवण अग्रवाल ने कहा कि RLJP और पशुपति पारस ने बिहार में एनडीए को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है, इसके बावजूद हमारे साथ ऐसा हो रहा है। बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के कहने पर हमारी पार्टी ने लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ा था, लेकिन हमें बदले में क्या मिला?
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Bihar News: प्रसव के बाद माताओं की मौत की सूचना देने पर सरकार देगी 1000 रुपये, इस टोल फ्री नंबर पर दें जानकारी
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: संस्थागत प्रसव के दौरान और उसके बाद माताओं को किसी प्रकार की शारीरिक परेशानियों का सामना न करना पड़े इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सुमन कार्यक्रम प्रारंभ किया है। सुमन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं एवं माताओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित कराना है।
उन्हें गर्भावस्था से लेकर प्रसव के बीच कोई परेशानी न हो और विपरीत परिस्थिति में मातृ मृत्यु की ससमय एवं सटीक रिपोर्टिंग हो सके। इस कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य रिपोर्टिंग व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त बनाना है।
प्रसव के दौरान माताओं की मौत पर सूचक को 1000 रुपये दी जाएगीअब सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रसव के दौरान माता की विपरीत परिस्थिति में मृत्यु हो जाती है तो इसकी सूचना देने पर सूचक को हजार रुपये की राशि दी जाएगी। समुदाय स्तर पर माता की मौत होने की सूचना टोल फ्री नंबर 104 पर दी जा सकेगी।
मातृ स्वास्थ्य की राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डा सरिता के अनुसार मातृ मृत्यु के 24 घंटे के अंदर स्थानीय पीएचसी में सूचना देने पर आशा कार्यकर्ता को भी 200 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। गर्भावस्था से लेकर प्रसव के 42 दिनों तक महिला की मृत्यु होने पर ही इसे मातृ मृत्यु में शामिल किया जाता है।
सुमन कार्यक्रम के तहत प्रसव के छह माह तक आवश्यकतानुसार बीमार माता और शिशु को मुफ्त इलाज की सुविधा की व्यवस्था भी की गई है। मातृ मृत्यु की ससमय एवं सटीक रिपोर्टिंग होने से आगे की रणनीति बनाने में सहायता मिलती है। इसके लिए रिपोर्टिंग पर लगातार बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुमन कार्यक्रम के तहत शत-प्रतिशत मातृ मृत्यु दर की रिपोर्टिंग का लक्ष्य रखा गया है।
हर दिन घर जाकर हाल-चाल लेंगी आशा (Asha:Accredited Social Health Activist)बताया कि प्रसव के बाद छह महीने तक बीमार प्रसूती व उसके नवजात शिशु को निश्शुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेगी। सुमन के तहत प्रसव के बाद आवश्यकतानुसार बीमार जच्चा और बच्चा को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग लगातार उनकी देखरेख करेगा। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी आशा भी घर जाकर उनका स्वास्थ्य देखेंगी।
वर्तमान स्थिति की जानकारी स्थानीय पीएचसी को देंगी। इन सेवाओं का शत-प्रतिशत लाभ लोगों को मिले इस बात का पूरा ख्याल रखा जाएगा। कार्यक्रम के तहत रेफरल सुविधाओं को और भी मजबूत किया जाएगा। इसके लिए किसी भी महत्वपूर्ण मामले में एक घंटे के भीतर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने की गुंजाइश के साथ रेफरल सेवाओं का आश्वासन दिया जाएगा। जिसमें लाभार्थी को घर से अस्पताल तक पहुंचने के लिए एम्बुलेंस की भी सुविधा शामिल है। सिजेरियन प्रसव पर भी निश्शुल्क स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
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Bihar Politics: अब क्या करेंगे चिराग के चाचा पशुपति पारस? 13 नवंबर तक करना होगा यह काम नहीं तो होगा एक्शन
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Today: एनडीए की सहयोगी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) को बुधवार तक सरकारी बंगला से अपना बोरिया-बिस्तर समेटना पड़ेगा नहीं तो राज्य सरकार हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार एक्शन ले सकती है। रालोजपा के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस के निर्देश पर सरकारी आवास से दफ्तर खाली करने हेतु धीरे-धीरे सामान हटाया जा रहा है।
इस बीच पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल, महासचिव अम्बिका प्रसाद बिनू और दलित सेना के अध्यक्ष घनश्याम कुमार दाहा ने सोमवार को पत्रकार सम्मेलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से रालोजपा कार्यालय हेतु नया सरकारी आवास आवंटित करने की गुहार लगाई।
एनडीए का साथ दिया लेकिन बदले में क्या मिला?श्रवण अग्रवाल ने पत्रकारों से कहा कि हमारी पार्टी और इसके अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने निरंतर एनडीए को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के आश्वासन पर हमारी पार्टी ने राज्य में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा।
साथ ही, एनडीए में ही बने रहने का फैसला लिया। पक्ष में प्रचार किया। लेकिन, बदले में क्या मिला? केवल अपमान। एनडीए द्वारा हमारी पार्टी को चिराग पासवान के दबाव पर कमजोर किया जा रहा है। रालोजपा और लोजपा (रामविलास) को चुनाव आयोग से राज्य में एकसमान दर्जा प्राप्त है।
आयोग में मूल पार्टी लोजपा का मामला लंबित है। फिर भी हमारी पार्टी का राज्य कार्यालय से बेदखल किया जा रहा है। यह भवन निर्माण विभाग द्वारा नाइंसाफी है। रालोजपा कार्यालय का आवंटन रद कर उसे चिराग की पार्टी लोजपा (रामविलास) को आवंटित करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
पटना उच्च न्यायालय ने 13 नवंबर तक खाली करने का दिया था निर्देशउन्होंने कहा कि पटना उच्च न्यायालय ने 29 अक्टूबर को अपने फैसले में रालोजपा का वर्तमान कार्यालय को 13 नवंबर तक खाली करने का आदेश दिया है। साथ ही न्यायालय ने भवन निर्माण विभाग को दो सप्ताह के भीतर रालोजपा को अलग से कार्यालय आवंटित करने का भी निर्देश दिया है जिसके आलोक में हमारी पार्टी ने 30 अक्टूबर को ही कार्यालय आवंटन हेतु अनुरोध पत्र विभाग को दिया है जिस पर अब तक किसी तरह का ध्यान नहीं दिया गया है।
एक व्हीलर रोड का बंगला अब चिराग की पार्टी का कार्यालय और आवासपटना में जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट के पास स्थित एक व्हीलर रोड का आवास अब लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का नया ठिकाना होगा। भवन निर्माण विभाग ने इस बंगले को चिराग पासवान की पार्टी को आठ जुलाई 2024 को ही आवंटित कर दिया था, परंतु मामला कोर्ट में होने की वजह से चिराग पासवान इस बंगले में नहीं जा पाए थे। कोर्ट ने राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष जिनके कब्जे में यह बंगला था उन्हें 13 नवंबर तक बंगला खाली करने का आदेश दिया था।
कोर्ट के आदेश के आलोक में सोमवार से रालोजपा ने इसे खाली करने का काम शुरू कर दिया था। संभावना जताई गई है कि बंगला पूरी तरह से खाली होने के बाद चिराग इसमें अपनी पार्टी का ठिकाना बनाएंगे।
कौन हैं पशुपति पारसपशुपति कुमार पारस भारतीय राजनीतिज्ञ और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के अध्यक्ष हैं। वे बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं और पहले लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में रह चुके हैं। उन्होंने रामविलास पासवान के नेतृत्व में काम किया और बाद में रालोजपा की स्थापना की।
Bihar Teacher News: सक्षमता पास शिक्षकों के लिए खुशखबरी, शिक्षा मंत्री ने कर दिया बड़ा एलान
जागरण संवाददाता, पटना। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि राज्य में शिक्षा की स्थिति बेहतर हो रही है। बीपीएससी (BPSC) द्वारा नए शिक्षक बहाल किए जा रहे हैं। अब सक्षमता पास शिक्षक सरकारी सेवक हो जाएंगे। उन्होंने ये बातें शिक्षा विभाग द्वारा ज्ञान भवन में आयोजित देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के जयंती (शिक्षा दिवस) समारोह का उद्घाटन करते हुए कही। इससे पहले किलकारी के बच्चों ने राज्य गीत गाया।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद ने देश में शिक्षा की बेहतरी के लिए बहुत काम किया। आज राज्य सरकार इन्हीं के नीति पर शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही है। उन्होंने कुछ आकड़े पेश करते हुए कहा कि वर्ष 2005 में शिक्षा पर 25 हजार करोड़ रुपये खर्च हो रहा था। आज यह 60 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। स्कूलों में सभी तरह के संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, आज स्थिति यह है कि ड्रॉप आउट वाले बच्चों की संख्या एक प्रतिशत तक पहुंच गई है। हर पंचायत में प्लस टू स्कूल खोले गए हैं। ताकि बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने दूर नहीं जाना पड़े। महिलाओं का साक्षरता दर 74 प्रतिशत तक पहुंच गया है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार अच्छा काम कर रही हैं।
निजी स्कूलों को करना होगा आधार सीडिंगशिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रत्येक निजी स्कूलों को ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर बच्चों का आधार अपलोड करना है। निजी स्कूलों में आरटीई के तहत 25 प्रतिशत बच्चों का नामांकन कराना अनिवार्य है। जहां निजी स्कूलाें को बकाया राशि मामला है उनको भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में पाठ्य पुस्तक को पहुंचा दिया गया है। अब शिक्षकों का दायित्व है कि वे बच्चों को शिक्षित करें और अच्छा समाज का निर्माण करें।
उन्होंने बच्चों को इंटरनेट मीडिया से दूर रहने की सलाह दी और कहा कि बच्चों को किताब पढ़ने पर अधिक ध्यान देना चाहिए। शिक्षा मंत्री आस्ट्रेलिया का जिक्र करते हुए कहा कि वहां पर बच्चों को इंटरनेट मीडिया से दूर रखने के लिए शोध किया जा रहा है। उन्होंने किलकारी के बच्चों को द्वारा किए जा रहे कार्य की सरहाना की।
खेल को दिया जाएगा बढ़ावाशिक्षा मंत्री ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों के फिजिकल पर ध्याना होगा। स्कूल स्तर पर खेल को बढ़ावा दिया जाएगा। जिससे बच्चे पढ़ाई के अलावा के खेल के क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकें। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद शिक्षकों को ईमानदारी से शिक्षा के क्षेत्र में काम करने का संकल्प दिलाया।
शिक्षा में सुधार के लिए सभी की भागीदारी आवश्यक: डॉ. एस. सिद्धार्थशिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. एस सिद्धार्थ ने कहा कि राज्य में शिक्षा के गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। इसमें और सुधार हो इसके लिए सभी की भागीदारी आवश्यक है। शिक्षक अच्छे समाज का निर्माण कर सकते हैं। आज जो बच्चे पढ़ रहे वे कल कहीं न कहीं अच्छे पदों पर होंगे। शिक्षक पूरी जवाबदेही से काम करें और अपनी जवाबदेही समझे। शिक्षक का धर्म होता है बच्चों को अच्छी शिक्षा देना। शिक्षा देने के लिए हमेशा उत्साहित रहें। धन्यवाद ज्ञापन शिक्षा सचिव वैद्यानाथ यादव ने किया। समारोह में जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार शिक्षा विभाग के तमाम पदाधिकारी मौजूद रहे।
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Patna: महिला एशियन हॉकी के उद्घाटन मैच में रोमांच की सारी हदें पार, जापान-दक्षिण कोरिया के बीच मुकाबला हुआ टाई
अक्षय पांडेय, पटना। राजगीर खेल अकादमी में महिला एशियन हाकी चैंपियनशिप के उद्घाटन मुकाबले ने रोमांच की सभी हदें पार कर दीं। भोजपुरी गीतों पर थिरकते खेल प्रेमियों के बीच जापान बनाम दक्षिण कोरिया का मुकाबला बराबरी पर छूटा। दोनों टीमों ने 2-2 गोल किया। जापान की कप्तान तनाका साकी प्लेयर आफ द मैच रहीं। दोनों टीमों के राष्ट्रगान की गूंज के साथ मुकाबले की शुरुआत हुई।
मुकाबले ने रोमांच की सारी हदें की पारमैच का पहला गोल जापान की कप्तान तनाका साकी ने मैच के पांचवें मिनट में दागा। उन्होंने फील्ड से गोलकर अपनी टीम को 1-0 से आगे कर दिया। दूसरा गोल दक्षिण कोरिया के खाते में गया। 12वें मिनट में पार्क मिह्यांग ने पेनाल्टी कार्नर का लाभ लेते हुए अपनी टीम को बराबरी पर ला दिया। इसके बाद जापान ने फिर बढ़त बना ली।
35वें मिनट में ओशिमा नात्सुमी ने पेनल्टी कार्नर से गोलकर मैच 2-1 पर ला दिया। एक समय जापान को लग रहा था कि मुकाबला उसके नाम हो जाएगा, लेकिन दक्षिण कोरिया ने ऐसा नहीं होने दिया। मैच के अंतिम समय में 57वें मिनट में ली युजिन ने फील्ड गोलकर मुकाबले को बराबरी पर ला दिया।
ओपनिंग सेरेमनी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
दूसरा और तीसरा मैच भी आजबता दें कि 2.30 बजे से चाईना और थाईलैंड के बीच मुकाबला खेला जा रहा है। वहीं भारत और मलेशिया के बीच मुकाबला 4 बजकर 45 मिनट पर खेला जाएगा। आयोजन को लेकर सुरक्षा बेहद कड़ी है। वहीं फाइनल मैच 20 नवंबर को खेला जाएगा।
नीतीश कुमार के हाथों हुई ओपनिंग सेरेमनीबता दें कि नीतीश कुमार के हाथों ओपनिंग सेरेमनी किया गया। इस दौरान नीतीश कुमार ने मैदान में लोगों का अभिवादन करते नजर आए।
बता दें कि महिला एशियन हॉकी चैंपियनशिप एक अंतरराष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिता है जिसमें एशिया की शीर्ष छह महिला हॉकी टीमें भाग लेती हैं। यह प्रतियोगिता हर दो साल में आयोजित की जाती है और इसका उद्देश्य एशिया की सर्वश्रेष्ठ महिला हॉकी टीम का पता लगाना है।
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सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम खोलेगा किसानों की आय का रास्ता, महज 375 रुपये में हो जाएगा ये काम
जागरण संवाददाता, पटना। फसल का उत्पादन तो लगभग सभी किसान करते हैं। उत्पादित फसलों को बेचकर किसान अपना जीवन यापन करते हैं, लेकिन बीज का उत्पादन कर किसान अपनी आय और बढ़ा सकते हैं। प्रदेश के किसान बिहार राज्य बीज निगम के सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम (बीज उत्पादन योजना) से जुड़कर बीज उत्पादक बनकर आर्थिक रूप से और भी समृद्ध हो सकते हैं।
सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम से कैसे जुड़ें किसान:सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम से जुड़ने के लिए किसानों को बिहार राज्य बीज निगम के वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के बाद किसानों को बिहार राज्य बिज निगम के क्षेत्रीय कार्यालय कुदरा (कैमुर), शेरघाटी (गया), हाजीपुर (वैशलाी), बेगूसराय और भागलपुर के क्षेत्रीय कार्यालय के प्रबंधक से संपर्क कर आधार बीज ले सकते हैं।
किसानों को मिलेगा आधार बीज:बीज उत्पादक बनने के लिए किसानों को आधार बीज दिया जाएगा। गेहूं के बीज के साथ-साथ किसान अरहर, मरुआ, बाजरा, ज्वार, कोदो, चीना, सावा, कउनी का बीज उत्पादक बन सकते हैं। 2833 किसान बीज बिहार राज्य बीज निगम के सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम से जुड़कर बीज का उत्पादन कर रहे हैं। मोटे अनाज के बीज उत्पादन पर किसानों को तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल अनुदान भी दिया जा रहा है।
375 रुपये लगेगा क्षेत्र निरीक्षण शुल्क:प्रति हेक्टेयर किसानों को 375 रुपये निरीक्षण शुल्क देना होगा। 25 रुपये निबंधन शुल्क देना होगा। सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम के लिए कम से कम एक गांव में 10 हेक्टेयर खेती में सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम की शुरुआत करनी होगी। उपज होने के बाद बीज के अंकुरण की जांच राजकीय बीज विश्लेषण प्रयोगशाला में की जाएगी। यहां से पास होने के बाद किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर पहला भुगतना किया जाएगा।
प्रोसेसिंग में होगी बीज की साफ-सफाई:बीज के जांच के बाद बीज की प्रोसेसिंग बसोका (बिहार राज्य बीज और जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी) के देखरेख में की जाएगी। जहां बीज की साफ-सफाई होगी और एक साइज के बीज को अलग किया जाएगा। प्रासेस किए गए बीज पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 20 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा। प्रोसेस के बाद अंडर साइज बीज किसानों को वापस दे दिए जाएंगे। एक साइज वाले बीज को निगम अपने पास रख लेगा।
फसल लगाने से लेकर कटने तक निरीक्षण:फसल लगने से लेकर कटने तक बसोका (बिहार राज्य बीज और जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी) के इंस्पेक्टर विभिन्न अवस्थाओं में फसल के निरीक्षण के लिए आएंगे। बीज की प्रति बोरी के लिए किसानों को 25 रुपये दिए जाएंगे। किसानों को अपने खेत से संग्रहण केंद्र तक बीज पहुंचाना होगा।
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Bihar By Election: क्या टल जाएगा बिहार का उपचुनाव? आ गया सुप्रीम कोर्ट का फैसला; PK की पार्टी ने डाली थी याचिका
पीटीआई, दिल्ली/पटना। Bihar Upchunav 2024: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज को बड़ा झटका देते हुए उपचुनाव को टालने वाली याचिका को खारिज कर दी। बता दें कि बिहार में 13 नवंबर को चार सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। बता दें कि बिहार की रामगढ़, इमामगंज, बेलागंज और तरारी सीट पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।
क्या थी जनसुराज पार्टी की मांगजन सुराज पार्टी की ओर से दाखिल की गई याचिका में बिहार में छठ पूजा का हवाला देते हुए बिहार में भी उपचुनाव की तारीख को 13 से बढ़कर 20 नवंबर किए जाने की मांग की थी। जन सुराज पार्टी ने चुनाव आयोग द्वारा बिहार में उपचुनावों की तारीख आगे नहीं बढ़ाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दाखिल की थी।
याचिका पर जजों और वकीलों के बीच हुई बहसन्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि निर्धारित उपचुनावों में हस्तक्षेप करने के लिए बहुत देरी हो चुकी है। शीर्ष अदालत ने इसे नीतिगत मुद्दा बताते हुए कहा कि अदालतों को ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और कहा कि बिहार उपचुनाव के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं।
पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अन्य राजनीतिक दलों को कोई समस्या नहीं है। केवल आपको समस्या है। आप एक नए राजनीतिक दल हैं, आपको इन जिग-जैग को जानने की जरूरत है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बिहार में छठ पूजा जितना महत्वपूर्ण कोई अन्य त्योहार नहीं है।
पार्टी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और केरल में चुनाव की तारीखें धार्मिक आयोजनों के आधार पर चुनाव आयोग द्वारा आगे बढ़ा दी गईं, जबकि बिहार चुनावों में छठ पूजा त्योहार के बावजूद इसी तरह का व्यवहार नहीं देखा गया।
आज शाम इन सीटों पर थम जाएगा चुनाव प्रचारबिहार विधानसभा की चार सीटों तरारी, रामगढ़, इमामगंज एवं बेलागंज में उपचुनाव प्रचार का शोर आज यानी सोमवार की शाम थम जाएगा। इससे पहले विभिन्न दलों के दिग्गजों ने अंतिम चरण के चुनाव प्रचार में ताकत झोंक दी है। नेता हर तरह से समीकरण बनाने में जुट गए हैं। गौर हो कि लगभग एक वर्ष बाद संभावित विधानसभा चुनाव से पहले इन चार सीटों पर उपचुनाव की नौबत विधायकों के सांसद चुन लिए जाने के कारण बनी है। इस बार इन सीटों पर मुकाबला दिलचस्प होने वाला है।
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JEE Advanced 2025: साल 2023 में 12वीं पास करने वाले छात्रों के लिए एक और मौका, पात्रता में किया गया बड़ा बदलाव
जागरण संवाददाता, पटना। जेईई मेन 2025 (JEE Main 2025) के लिए आवेदन प्रक्रिया चल रही है। जेईई एडवांस्ड 2025 (JEE Advanced 2025) की पात्रता में परिवर्तन होने से परीक्षा में वर्ष 2023 में 12वीं किए अभ्यर्थियों को एक और मौका मिल गया है। इस कारण इस बार आवेदन की संख्या में काफी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
गत वर्ष भी रिकॉर्ड 11.79 लाख आवेदन आए थे। इस बार यह आंकड़ा 14 लाख से ज्यादा होने के अनुमान है। अब तक जेईई एडवांस्ड में शामिल होने की अधिकतम संख्या दो थी, लेकिन 2025 से यह संख्या बढ़ाकर तीन कर दी गयी है। इस कारण 2023 में इंटर सफल अभ्यर्थी जेईई मेन में शामिल होंगे। आवेदन की अंतिम तिथि 22 नवंबर है। अब तक 3.50 लाख से अधिक आवेदन आ चुके है।
बिहार में बढ़ा एक केंद्र, अब बिहारशरीफ में भी केंद्रनेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने इस बार परीक्षा के शहरों की संख्या कम कर दी है। बीते साल 2024 में जहां भारत के 300 शहरों में परीक्षा आयोजित की गयी थी, वहीं 2025 में 284 शहरों में ही ये परीक्षा आयोजित की जाएगी। 2024 में भारत के बाहर 23 देशों के 24 शहरों में परीक्षा आयोजित की गयी थी, जबकि इस बार 13 देश के 15 शहरों में ही परीक्षा आयोजित की जाएगी।
इस बार बिहार के 11 शहरों में परीक्षा केंद्र बनाये जाएंगे। पिछले साथ 10 शहरों में परीक्षा आयोजित की गयी थी। इस बार 11 शहरों में परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इनमें पटना, औरंगाबाद, भागलपुर, दरभंगा, गया, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, आरा, समस्तीपुर, बिहारशरीफ व रोहतास शामिल है। पिछले साल 2024 में बिहारशरीफ में परीक्षा केंद्र नहीं थे, लेकिन 2025 में जेईई मेन के पहले चरण की परीक्षा बिहारशरीफ में होगी।
विदेश में भी बदलाव, म्युनिख व अबुधाबी में केंद्रएनटीए ने विदेशी परीक्षा केंद्रों में भी बदलाव किया है। साल 2025 में भारत के अलावा 13 देश के 15 शहरों में परीक्षा केंद्र बनाये जा रहे हैं। बीते साल से 10 देश और नौ शहर इसमें कम हैं। इस साल बहरीन के मनामा, इंडोनेशिया के वेस्ट जावा, कुवैत के कुवैत सिटी, मलेशिया के कुआलालंपुर, जर्मनी के म्यूनिख, नेपाल के काठमांडू, संयुक्त अरब अमीरात के दुबई, नाइजीरिया के लागोस, कतर के दोहा, सऊदी अरब के रियाद, सिंगापुर के सिंगापुरसिटी, अबूधाबी, ओमान के मस्कट, व शारजाह और युएसए के वाशिंगटन डीसी शहरों में परीक्षा केंद्र बनाया गया है।
साल 2023 में बने 23 देश के 24 शहरों में से श्रीलंका के कोलंबो, आस्ट्रेलिया के कैनबरा, आस्ट्रिया के वियना, ब्राज़ील के ब्रासीलिया, कनाडा के ओटावा, हांगकांग, मारीशस के पोर्ट लुइस, रूस के मास्को, दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन, थाईलैंड के बैंकॉक, वियतनाम के हनोई शहरों में परीक्षा केंद्र बने थे, जिन्हें हटा दिया गया है। अब 2025 में इंडोनेशिया के जकार्ता की जगह वेस्ट जावा में परीक्षा केंद्र बनाया गया है। इसके अतिरिक्त, यूएई के अबूधाबी और जर्मनी के म्युनिख को नया जोड़ा गया है।
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Bihar Weather: 4 दिन बाद बिगड़ने वाला है मौसम, IMD ने ठंड को लेकर जारी किया नया अपडेट; लोगों से सावधान रहने की अपील
जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी समेत प्रदेश के मौसम में तीन से चार दिनों के बाद यानी 14 नवंबर से बदलाव देखने को मिलेगा। इस दौरान पछुआ के प्रवाह से न्यूनतम तापमान में गिरावट आने से ठंड में वृद्धि की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार इस वर्ष ला नीना के प्रभाव से ठंड में वृद्धि की संभावना है।
हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं होने के मौसम समान्य बना हुआ है। तीन से चार दिनों के दौरान प्रदेश की हवा में बदलाव आने के साथ सुबह के समय धुंध से राहत मिलने के आसार हैं।
इन दिनों बंगाल की खाड़ी से नम पुरवा हवा के कारण न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक होने के साथ मौसम में कोई विशेष बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार बीते पांच वर्षों के दौरान इस वर्ष नवंबर में मौसम सामान्य है। जबकि बीते वर्ष नवंबर के प्रथम सप्ताह से ही ठंड का अहसास लोगों को होने लगा था।
खगड़िया में दर्ज हुआ सबसे अधिक तापमानन्यूनतम तापमान भी 10-15 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ था। जबकि इस बार नवंबर में न्यूनतम तापमान 19-23 डिग्री सेल्सियस के आसपास है। रविवार को पटना का अधिकतम तापमान 31.0 डिग्री सेल्सियस व 33.5 डिग्री सेल्सियस के साथ खगड़िया में प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
पटना का न्यूनतम तापमान 23.1 डिग्री सेल्सियस व 17.5 डिग्री सेल्सियस के साथ डेहरी में प्रदेश का सर्वाधिक न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। रविवार को पटना सहित आसपास इलाकों का मौसम दिन में धूप निकलने से सामान्य बना रहा।
बदलते मौसम में शिशुओं को निमोनिया का खतरा अधिकसर्दी के मौसम में बच्चों को निमोनिया का अधिक खतरा होता है। इसलिए इस मौसम में बच्चों को निमोनिया से बचाव पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार बच्चों में होने वाली मौतों में निमोनिया एक प्रमुख कारण है।
सरकार ने निमोनिया से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण में पीसीवी टीके को शामिल किया है। यह टीका निमोनिया से बचाव में काफी असरदार है। सिविल सर्जन डा. वीरेंद्र प्रसाद ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कहा कि बदलते मौसम में शिशुओं की बेहतर देखभाल जरूरी है।
इस मौसम में शिशुओं में निमोनिया होने का खतरा अधिक हो जाता है। निमोनिया एक संक्रामक रोग है जो एक या दोनों फेफड़ों के वायु के थैलों को द्रव या मवाद से भरकर उसमें सूजन पैदा करता है। इससे बलगम वाली खांसी, बुखार, ठंड लगना और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
निमोनिया साधारण से जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए इस मौसम में शिशुओं को ठंड से बचाना चाहिए। इससे बचाव के लिए पीसीवी का टीका बच्चे को जरूर लगवाना चाहिए।
शिशुओं व 65 वर्ष उम्र से अधिक व्यक्तियों को खतराआमतौर पर निमोनिया से शिशुओं, बच्चों एवं 65 वर्ष से ऊपर आयु वाले लोगों या कमजोर प्रतिरोधक प्रणाली वाले लोगों को अधिक खतरा होता है। यह एक संक्रामक रोग है जो छींकने या खांसने से फैल सकता है। सर्दी के मौसम के शुरुआत से ही बच्चों में निमोनिया एवं ठंड से जुडी अन्य बीमारियों में बढ़ोतरी होने लगती है।
सीएस ने बताया कि पीसीवी वैक्सीन बच्चों को निमोनिया से बचाने में सहायक होता है। इसे सरकार की ओर से नियमित टीकाकरण में शामिल किया गया है।
इसे तीन खुराकों में दिया जाता है तथा यह बच्चों को निमोनिया से बचाने में अहम भूमिका अदा करता है। सीएस ने बताया धुम्रपान से परहेज, स्वस्थ एवं संतुलित जीवन शैली तथा साफ सफाई का ध्यान रख निमोनिया से बचा जा सकता है। बस इसके लिए सतर्कता की जरूरत है।
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बिहार में सरकारी स्कूल से कट जाएंगे साढ़े 3 लाख से ज्यादा बच्चों के नाम, नहीं मिलेगा किसी योजना का लाभ; पढ़ लें कारण
जागरण संवाददाता, पटना। पटना जिले में एक साथ सरकारी एवं निजी दोनों ही विद्यालयों में नामांकन कराने वाले बच्चों की पहचान कर ली गई है।
जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार अब तक नौ हजार, 310 बच्चों को चिह्नित किया गया है, जिन्होंने सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए सरकारी स्कूल में नामांकन कराया है। जबकि वे निजी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं।
विभागीय स्तर पर आधार कार्ड के माध्यम ऐसे और बच्चों की पहचान की जा रही है। अब इन बच्चों का सरकारी स्कूल से नामांकन रद्द होगा। प्राप्त आकड़े के अनुसार पूरे राज्य में अब तक तीन लाख, 55 हजार, 700 बच्चों के दोहरे नामांकन पाए गए हैं।
इन योजनाओं से बच्चे होते लाभान्वितजिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार सरकारी स्कूलों में नामांकित बच्चों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जाता है। बिहार बोर्ड से मैट्रिक परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को 10-10 हजार रुपये की छात्रवृत्ति, इंटर उत्तीर्ण छात्राओं को मुख्यमंत्री कन्या योजना के तहत 25 -25 हजार रुपये छात्रवृति, इसके अलावा साइकिल और पोशाक योजना आदि शामिल है।
इन सभी योजनाओं की राशि विद्यार्थियों के खाते में डायरेक्ट बेनिफिशयल ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से की जाती है।
आधार कार्ड से होती है दोहरा नामांकन कराने वाले की पहचानजिला शिक्षा कार्यालय ने सभी निजी स्कूलों को नामांकित बच्चों के आधार कार्ड के साथ ई-शिक्षा पोर्टल पर पूरी जानकारी अपलोड करने का निर्देश दिया है, ताकि ऐसे बच्चों की पहचान की जा सके, जिन्होंने सरकारी एवं निजी दोनों ही स्कूलों में नामांकन लिया है।
होता यह है कि अभिभावक अपने बच्चों का नामांकन सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए सरकारी स्कूल में करा लेते हैं और पढ़ाई निजी स्कूलों में कराते हैं।
जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि आधार कार्ड के माध्यम से दोहरा नामांकन लेने वाले बच्चों की पहचान आसानी से की जा सकती है।
इसलिए सरकारी एवं निजी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों का आधार ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। जिन्होंने दोहरा नामांकन लिया है, उनका नाम सरकारी स्कूल से काटा जाएगा।
सोमवार से शहर के स्कूल में बजेगी घंटीछठ पूजा के अवकाश के बाद राजधानी के सरकारी एवं निजी स्कूलों में सोमवार से कक्षाएं प्रारंभ हो जाएंगी। निजी स्कूलों में 10 वीं और 12 वीं के विद्यार्थियों की प्री-बोर्ड परीक्षा की तैयारी पर फोकस किया जाएगा। प्री-बोर्ड परीक्षा को ध्यान में रखते हुए नवंबर माह तक पाठ्यक्रम पूरा कर लिया जाएगा।
सीबीएसई बोर्ड के अनुसार निजी स्कूलों में 10 वीं और 12 वीं की प्री-बोर्ड परीक्षा दिसंबर के दूसरे सप्ताह से आयोजित की जाएगी। वहीं, कक्षा एक से नौ वीं के विद्यार्थियों का सेंकेंड यूनिट टेस्ट भी दिसंबर में आयोजित होगा। स्कूली बच्चों के सेकेंड यूनिट टेस्ट के लिए सिलेबस पूरा करने पर शिक्षकों का जोर रहेगा।
निजी स्कूलों के संचालकों के अनुसार सेकेंड यूनिट टेस्ट का सिलेबस पूरा होने के बाद रीविजन क्लास शुरू कर दिया जाएगा। ईधर, जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि जिले के सभी सरकारी स्कूल सोमवार से पूर्व निर्धारित समय पर खुल जाएंगे। स्कूल निरीक्षक निरीक्षण करेंगे और जिला शिक्षा कार्यालय को रिपोर्ट करेंगे।
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सुधाकर सिंह बोले- 'लाठी से पिटवाएंगे', BJP नेता ने भी दे डाली चेतावनी; उपचुनाव के अंतिम दौर में माहौल गर्म
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में विधानसभा की चार सीटों (तरारी, रामगढ़, बेलागंज, इमामगंज) पर होने वाले उपचुनाव प्रचार के आखिरी दौर पहुंचते ही नेताओं के बोल बिगड़ने लगे हैं। सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्षी नेताओं की जुबान फिसलने लगी है।
दरअसल, राजद के बक्सर से सांसद सुधाकर सिंह की रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के चुनावी जनसभा में जुबान फिसल गई। सुधाकर ने गड़बड़ी करने वाले विरोधियों को चेतावनी देते हुए कहा था कि पिछली बार की तरह इसबार विरोधियों ने कोई गुंडई की तो छोड़ेंगे नहीं। तीन सौ बूथों पर हमारे लोग तैयार रहेंगे और गुंडई करने वालों को लाठी से पिटवाएंगे।
श्रम संसाधन मंत्री संतोष सिंह ने क्या दिया जवाबसांसद के बोल पर भाजपा नेताओं में जवाब देने की होड़ मच गई। विपक्षी दल के सांसद की चेतावनी को आड़े हाथों लेते हुए राज्य सरकार के श्रम संसाधन मंत्री संतोष सिंह ने दो कदम आगे बढ़कर चुनौती दे दी।
दोनों नेता स्थानीय होने के साथ एक ही समुदाय के जनप्रतिनिधि हैं। ऐसे में समर्थकों के बीच सांसद और मंत्री के वार-पलटवार के बाद कड़वाहट बढ़ गई है।
ललन सिंह ने भी दिया था ये बयानउधर, इससे पहले बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री ललन सिंह ने बिना नाम लिए जहानाबाद सांसद सुरेंद्र प्रसाद यादव को दानव बताया था।
कहा था कि बहुत दिनों तक आपलोगों ने बेलागंज में गुलामी सही है। अब दानव से बेलागंज को मुक्त कराना है। बेलागंज के बाबा कोटेश्वर स्थान में माथा टेककर इस दानव से मुक्ति दिलाएंगे।
उन्होंने कहा था कि बेलागंज को दानव से मुक्त कराने की जरूरत है। नीतीश कुमार के राज्य में किसी को डरने की जरूरत नहीं है। सीना ठोककर कहिए कि तुमको वोट नहीं देंगे, जो बिगाड़ना है बिगाड़ लो।
वहीं, जेडीयू प्रवक्ता व पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि बेलागंज की जनता पहले बाप का झोला ढोया है। अब बेटा का भी झोला ढोएगा क्या? इस बार ऐसा तीर चलाइए कि लालटेन चकनाचूर हो जाए। तभी लंपट राजनीत खत्म होगी।
उपचुनाव में सभी चार सीटों पर एनडीए जीत की ओर अग्रसर : राजीव रंजनउधर, जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने रविवार को यह दावा किया कि बिहार में जिन चार विधानसभा सीटों पर उप चुनाव हो रहा उनमें सभी पर एनडीए जीत की ओर अग्रसर है। एनडीए प्रत्याशियों को ऐतिहासिक विजय मिलेगी।
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि राजद सहित आईएनडीआईए के घटक दलों के झूठे वायदे को नकार कर लोग विकास, स्थायित्व, निरंतरता और सामाजिक सौैहार्द्र को केंद्र में रखने के साथ-साथ नीतीश सरकार की अनगिनत उपलब्धियों के आधार पर वोट करने जा रहे।
नीतीश कुमार के नेतृत्व में सड़कों, पुल, फ्लाईओवर के साथ-साथ राज्य में अन्य आधारभूत संरचनाओं का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। वहीं हर घर बिजली, पीने का पानी एवं शौैचालय जैसी बुनियादी आवश्यकताओं को भी सरकार ने पूरा किया है।
नौकरियों व रोजगार देने के सवाल पर नीतीश कुमार की सरकार ने अपने वायदे को अमलीजामा पहनाया। न्याय के साथ विकास का बिहार मॉडल सर्वश्रेष्ठ है।
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विवि में काम करने वाले शिक्षकों और कर्मियों की सैलरी को लेकर आया नया अपडेट, शिक्षा विभाग ने लिया बड़ा फैसला
राज्य ब्यूरो, पटना। शिक्षा विभाग विश्वविद्यालयों के शिक्षकों व कर्मियों के वेतन भुगतान के लिए नई व्यवस्था लागू कर रहा है। इसके तहत शिक्षा विभाग के पे-रौल मैनेजमेंट पोर्टल पर सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों का डाटा अपलोड करना अनिवार्य कर दिया गया है।
जिन शिक्षकों तथा कर्मियों का डाटा अभी तक विश्वविद्यालयों द्वारा पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया है उनके डाटा को सप्ताहभर में पोर्टल पर अपलोड करना है, ताकि अक्टूबर-नवंबर का वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जा सके।
इन शिक्षकों का बंद हो जाएगा वेतनडाटा अपलोड नहीं रहने पर संबंधित शिक्षकों व कर्मियों के वेतन भुगतान की राशि जारी नहीं की जाएगी। यानी, उन शिक्षकों का वेतन बंद हो जाएगा।
शिक्षा विभाग की ओर से राज्य के 15 विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को निर्देश दिया गया है कि पोर्टल पर शिक्षकों और कर्मचारियों का डाटा अपलोड करने के साथ ही उन शिक्षकों का वेतन सत्यापन भी आवश्यक है, जिनका वेतन सत्यापन नहीं हुआ है।
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
वित्तीय नियमों का अनुपालन करना जरूरीवित्तीय नियमों का अनुपालन करना जरूरी है। साथ ही जिन मदों में राशि उपलब्ध कराई गई है, उसका उपयोगिता प्रमाणपत्र सप्ताहभर में उपलब्ध करा दें।
जनवरी से शिक्षा विभाग के समर्थ पोर्टल पर प्रस्तावित बजट को अपलोड करना होगा। ऑनलाइन बजट पर ही विभाग स्वीकार करेगा। प्रत्येक विश्वविद्यालय नोडल पदाधिकारी की तैनाती करें, जिन्हें आनलाइन बजट संबंधी प्रशिक्षण दिया जा सके।
स्थानांतरण नीति को लेकर शिक्षकों में आक्रोशउधर, गया में शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए स्थानांतरण और पदस्थापना नीति को लेकर शिक्षकों में भारी आक्रोश है। टीईटी एवं एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट के जिलाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा कि तमाम पुरुष शिक्षकों के साथ सरकार लिंग के आधार पर भेदभाव कर रही है।
सरकार ने पूर्व में निकाले गए अपने ही आदेश की अवहेलना कर रही है। सरकार ने राज्यकर्मी का दर्जा के लिए शिक्षकों के सामने सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण होने की शर्त रखी थी।
परीक्षा के समय सरकार ने तीन जिलों का विकल्प मांगा था। जिसमें से एक जिला का आवंटन विभाग की तरफ से किया जाना था, लेकिन अब विभाग ने ही स्थानांतरण नीति में पुरुष शिक्षकों से 10 अनुमंडल देने का विकल्प मांगा गया है। जबकि बिहार में कोई भी ऐसा जिला नहीं है जिसमें 10 अनुमंडल हों।
ऐसी स्थिति में जिले से बाहर पदस्थापन करने की तैयारी विभाग के तरफ से की जा रही है। इस मौके पर संघ के जिला वरीय उपाध्यक्ष कृष्ण प्रकाश नंद, जिला संयोजक प्रमोद कुमार, जिला सचिव अबुल कलाम आजाद, मोहमद अली, जिला कोषाध्यक्ष मनीष कुमार, जिला संगठन मंत्री मुकेश कुमार यादव आदि उपस्थित थे।
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राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में जिन चार विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव हो रहा, वहां दलों और गठबंधन से अधिक राजनीतिक दिग्गजों की साख दांव पर है। विरासत को संभाल कर रखने की चुनौती प्राय: सभी चार सीटों पर है।
दिग्गजों का परिवारवाद कसौटी परउप चुनाव में राजनीतिक दिग्गजों की साख के साथ परिवारवाद भी कसौटी पर है। बात अलग-अलग सीटों की करें तो रामगढ़ विधानसभा में हो रहा उप चुनाव राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद की साख से जुड़ा है। वहां राजद से अधिक जगदानंद महत्वपूर्ण है। उनके पुत्र सुधाकर सिंह वहां से विधायक थे।
उनके सांसद बन जाने के बाद अब उनके छोटे पुत्र अजीत सिंह वहां से चुनाव लड़ रहे। इसलिए यहां मामला यह है कि जगदानंद फिर से रामगढ़ की सीट अपने पुत्र के लिए ले जाते हैं या नहीं। इसी तरह बेलागंज विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव का दृश्य है। कई दशकों से यह सीट राजद के सुरेंद्र यादव की रही।
उनके सांसद बन जाने के बाद उनके पुत्र इस सीट से राजद की टिकट पर चुनाव मैदान में है। यहां सुरेंद्र यादव की साख कसौटी पर है। वह यह सीट बरकरार रख पाने में कामयाब रहते हैं या नहीं यह बेलागंज के चुनाव के केंद्र में है।
इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में हो रहे उप चुनाव में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के साख की परीक्षा है। वहां से उनकी बहू दीपा मांझी एनडीए प्रत्याशी के रूप में हम की टिकट पर लड़ रहीं। इस सीट से जीतनराम मांझी को पूर्व में जीत हासिल हुई थी। उनके सांसद बन जाने के बाद यहां उप चुनाव हो रहा।
इसी तरह तरारी सीट पर सुनील पांडेय की साख लगी है। उनके पुत्र यहां से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे। सुनील पांडेय इस इलाके में पकड़ के लिए जाने जाते रहे हैं। विधायक भी रहे हैं।
पीके के लिए भी साख से जुड़ा है यह चुनावजिन चार सीटों पर उप चुनाव हो रहा उनमें सभी चार सीटों पर पीके यानी प्रशांत किशोर की साख की भी चर्चा हो रही। उनके दल जन सुराज को इस चुनाव में क्या हासिल होगा यह आगे का विषय है। पर अगर वह कहीं भी परिवार की साख खत्म करने में सफल हुए तो यह उनकी उपलब्धि होगी।
आईएनडीआईए की साख सीटों को बरकरार रखने कीआईएनडीआईए की बात करें तो इस उप चुनाव में तीन सीटें उनके पास रही है। तरारी से भाकपा (माले) के प्रत्याशी ने पिछले चुनाव में जीत हासिल की थी, बेलागंज से राजद जीतती रही, रामगढ़ सीट भी काफी समय से राजद के खाते में रही है। इसलिए इस चुनाव में उनकी चुनौती अपनी पुरानी साख को बरकरार रखने की भी है।
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गिट्टी कारोबारियों के लिए आ गया नीतीश सरकार का नया फरमान, अब इस बात का देना होगा हिसाब; पढ़ लें ताजा निर्देश
राज्य ब्यूरो, पटना। बालू के बाद अब गिट्टी के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए खान एवं भू-तत्व विभाग पुरानी व्यवस्था में कई बदलाव कर रहा है।
खान एवं भू-तत्व विभाग ने निर्णय लिया है कि अन्य राज्यों से गिट्टी मंगाने के पूर्व कारोबारी को इसकी पूर्व सूचना जिले के खनिज विकास पदाधिकारी को देनी होगी। इसके बाद भी अन्य राज्य से गिट्टी आयात की जाएगी और इसी के आधार पर जिले में इसे गंतव्य तक पहुंचाने के लिए चालान जारी किया जाएगा।
अभी केवल गया और शेखपुरा से हो रहा गिट्टी का खननप्रदेश में निर्माण कार्यो में प्रयुक्त होने वाले लघु खनिजों में शामिल गिट्टी की करीब 90 प्रतिशत आपूर्ति अन्य राज्य करते हैं। इसमें सर्वाधिक आपूर्ति झारखंड और पश्चिम बंगाल शामिल से होती है। जबकि राज्य में गिट्टी खनन केवल दो जिलों में ही हो रहा है। ये जिले हैं गया और शेखपुरा।
इन दोनों जिलों में खान एवं भूतत्व विभाग ने 104.5 एकड़ में खनन योजना की मंजूरी आठ अलग-अलग बंदोबस्तधारियों के बीच की है। विभाग के अनुसार इसमें से पांच की मंजूरी 2020 में पांच वर्षो के लिए दी गई थी। जिसकी मियाद 2025 में खत्म हो जाएगी। तीन की मंजूरी 2021 में दी गई जिसकी मियाद 2026 में समाप्त होगी।
जानकारी के अनुसार, 2017 के बाद गिट्टी खनन योजना को मंजूरी नहीं दी जा सकी है। कुल् आठ गिट्टी खनन फील्ड से राज्य सरकार को 2022-23 में 73.48 करोड़ और 2023-24 में 71.48 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त हुआ था।
अब सरकार ने इस राजस्व में वृद्धि के उपायों के साथ गिट्टी के अवैध खनन को नियंत्रित करने की दिशा में कवायद शुरू की है।
बिहार पहुंचते ही गिट्टी का किया जाएगा निरीक्षणनई व्यवस्था में खनिज विकास पदाधिकारी की अनुमति के बाद अन्य राज्यों से आने वाले गिट्टी के बिहार पहुंचते ही उसी दिन स्थल निरीक्षण किया जाएगा। साथ ही जहां इसे भंडार किया जाएगा उसकी जियो टैगिंग फोटो कारोबारी को विभागीय पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।
यह मात्रा कारोबारी की पहचान में शामिल हो जाएगी और इसी के आधार पर उसे उस गिट्टी को आगे तक पहुंचाने के लिए चालान जारी हो सकेंगे। कारोबारी को भंडारण स्थल पर सीसीटीवी कैमरा और धर्मकांटा अनिवार्य रूप से लगाना होगा।
सरकार का मानना है कि ऐसी व्यवस्था करने से लोगों को सहज ही गिट्टी मिल सकेगी। इसका अवैध कारोबार नियंत्रित होगा और राजस्व में भी वृद्धि होगी।
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Patna News: तबादले के बाद भी नहीं बदलेगा IO का लैपटॉप और स्मार्टफोन
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार पुलिस के सभी अनुसंधान पदाधिकारियों (आइओ) को लैपटॉप और स्मार्टफोन स्थाई रूप से मिलेगा। यानी तबादले के बाद भी लैपटॉप और स्मार्टफोन आइओ के पास ही रहेगा। यह व्यवस्था इसलिए की गई है, ताकि स्थानांतरण के बाद भी स्मार्टफोन और लैपटाप में एकत्रित किए गए साक्ष्यों और ट्रॉयल के दौरान गवाही आदि के काम में आवश्यकतानुसार इसका इस्तेमाल किया जा सके।
डिजिटल साक्ष्यों की बढ़ी महत्ता- तीन नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद डिजिटल साक्ष्यों की महत्ता बढ़ गई है।
- पुलिस जांच के साथ ही ट्रायल के दौरान भी आडियो-वीडियो साक्ष्य जरूरी हो गए हैं।
- पुलिस को छापेमारी या अपराध के बाद घटनास्थल का निरीक्षण करने के दौरान वीडियो बनाना है।
- इसके साथ ही अपराधियों और गवाहों के बयान भी आडियो-वीडियो रूप में रिकार्ड करने हैं।
इन सारी जरूरतों को देखते हुए ही राज्य सरकार ने पुलिस कांडों की जांच करने वाले सभी आइओ को लैपटॉप और स्मार्टफोन दिया जाना है। इसके लिए 190 करोड़ 63 लाख 20 हजार की राशि खर्च करने की स्वीकृति भी दे दी गई है। विभागीय जानकारी के अनुसार, आइओ को दिए जाने वाले लैपटॉप और स्मार्टफोन की खरीद पुलिस मुख्यालय के स्तर से नहीं होगी। सभी आइओ अपने स्तर से लैपटॉप और स्मार्टफोन खरीदेंगे।
1 जुलाई से लागू हुए नए आपराधिक कानून1 जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो गए हैं। इन कानूनों ने भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संहिता,1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह ली है।
बिल के आधार पर होगा भुगतानउपकरणों के खरीद बिल के आधार पर प्रतिपूर्ति राशि उन्हें मुख्यालय स्तर से उपलब्ध कराई जाएगी। लैपटॉप और स्मार्टफाने की विशिष्टियों व मानकों का निर्धारण पुलिस मुख्यालय के स्तर से किया जाएगा। लैपटॉप के लिए करीब 60 हजार, जबकि मोबाइल के लिए करीब 20 हजार रुपये दिए जाएंगे।
विभाग के अनुसार, यह सुविधा ऐसे आइओ को ही दी जाएगी जिनकी सेवा संपुष्ट हो गई हो या जिनकी अधिकतम आयु 55 वर्ष से अधिक न हो। इसके अलावा खरीदे जाने वाले लैपटॉप और स्मार्टफोन के रखरखाव एवं मेंटनेंस की जिम्मेदारी भी संबंधित आइओ की ही होगी। एक साल के बाद इस प्रणाली के कार्यान्वयन की समीक्षा के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा।
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