Dainik Jagran
Bihar News: पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहीं महिलाएं, इस क्षेत्र में की पंजाब और हरियाणा की बराबरी
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार की महिलाएं भी अब पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सभी क्षेत्रों में काम कर रही हैं। घर की चारदीवारी के अंदर रहकर परिवार और बच्चों को संभालने वाली महिलाओं ने बदलते वक्त के साथ अपना दायरा भी बढ़ाया है। आज प्रदेश की महिलाएं घर के साथ ही खेती और पशुपालन जैसे कार्यों के लिए भी आगे आ रही हैं।
कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन के साथ ही प्रदेश सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ लेने में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। सबसे ज्यादा भागीदारी जीविका समूह से जुड़ी आबादी की है। प्रदेश में 38 लाख से ज्यादा महिलाएं सरकार की कृषि और पशुपालन से संबंधित योजनाओं का लाभ ले रही हैं।
38 लाख से अधिक महिलाएं बनीं निबंधित किसानपंजाब-हरियाणा जैसे राज्यों की तरह बिहार की महिलाएं भी अब परिवार चलाने के साथ-साथ खेती, पशुपालन एवं मत्स्य पालन का कमान संभालने लगी हैं। कृषि एवं ग्रामीण विकास विभाग के आंकड़े इसके प्रमाण हैं।
सरकार के रिकॉर्ड के अनुसार 38 लाख से अधिक परिवार से जुड़ी महिलाएं जीविका समूह के साथ कृषि एवं पशुपालन से संबंधित योजनाओं का डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से लाभ ले रही हैं। ये महिलाएं घर चलाने के साथ ही घर का खर्च चलाने में भी सक्षम हैं।
पशुपालन से जुड़ीं 9 लाख महिलाएंइसमें पशुपालन से लगभग नौ लाख महिलाएं जुड़ी हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के साथ ही नलकूप योजना, बीज मसाले एवं सहजन योजना, राज्य योजना अंतर्गत सब्जी विकास योजना, प्याज भंडारण संरचना, मखाना भंडार गृह निर्माण, शीतगृह निर्माण सहित कई योजनाओं में महिलाएं सीधे अनुदान का लाभ ले रहीं हैं।
पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चल रहीं महिलाएंजलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम, हाल ही में शुरू की गई ड्रोन दीदी योजना, वर्षा आधारित कृषि योजनाओं और पौधा संरक्षण एवं उपादान समेत बिहार राज्य जैविक मिशन अंतर्गत चल रही योजनाओं में पुरुष किसानों के कंधे से कंधा मिलाकर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहीं हैं।
बागवानी में भी बढ़ी भागीदारीयही नहीं, बागवानी विकास कार्यक्रमों के साथ उद्ययानिक फसलों की व्यवसायिक खेती को बढावा देने से संबंधित योजना में राज्य योजना अंतर्गत मखाना विकास योजना, मधुमक्खी पालन एवं मधु उत्पादन कार्यक्रम योजना, मुख्यमंत्री बागवानी मिशन अंतर्गत आम विकास योजना समेत अन्य योजनाओं में आधी आबादी की भागीदारी लगातार तेजी से बढ़ रही है। महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि इस कदम से महिलाएं आत्म निर्भर भी बन रहीं हैं।
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जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather: राज्य के मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है। राजधानी में देर रात हल्की वर्षा हुई। रविवार को भी प्रदेश के दक्षिण-पश्चिम भाग में हल्की वर्षा के आसार हैं। इसके साथ ही ठंड एवं धुंध भी काफी बढ़ गई। अगले तीन दिनों तक पूरे प्रदेश में घने कोहरे के आसार हैं। मौसम विज्ञानियों ने लोगों को सावधान किया है कि ठंड से बचने का प्रयास करें। इसके साथ ही बुजुर्गों को धूप निकलने के बाद ही घर से बाहर निकलने की सलाह दी गई है।
पश्चिम विक्षोभ का असर- मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी संजय कुमार का कहना है कि देश के पश्चिमी भाग में पश्चिम विक्षोभ का दौर शुरू हो गया है। उसका असर अब बिहार पर पड़ने लगा है। यही कारण रहा कि शनिवार को पूरे प्रदेश में बादल छाए रहे।
- रविवार तक प्रदेश के दक्षिणी एवं पश्चिमी भाग में हल्की वर्षा हो सकती है। राज्य में वर्षा के बाद तापमान में गिरावट आ सकती है। साथ ही ठंड में वृद्धि का अनुमान है।
मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानियों का कहा है एक जनवरी को एक पश्चिमी विक्षोभ के हिमालय से टकराने की उम्मीद है। उसके बाद फिर तीन जनवरी को भी दूसरा पश्चिमी विक्षोभ हिमालय से टकराएगा। उससे देश के मैदानी भागों में ठंड काफी बढ़ सकती है। बिहार पर भी इसका असर पड़ने की संभावना है।
सबसे ठंडा रहा पूसासमस्तीपुर जिले के पूसा में सर्वाधिक ठंड रही। वहां पर न्यूनतम तापमान 9.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं खगड़िया, राजगीर एवं किशनगंज राज्य का सर्वाधिक गर्म स्थान रहा। यहां पर अधिकतम तापमान 28.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
राजधानी में अधिकतम तापमान 24.7 एवं न्यूनतम तापमान 14.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। राजधानी के वातावरण में आर्द्रता 88 प्रतिशत रिकार्ड की गई।
प्रदेश के प्रमुख शहरों के मौसम का हाल- पटना- पटना में आज अधिकतम तापमान 26 और न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।
- मुजफ्फरपुर- मुजफ्फरपुर में आज अधिकतम तापमान 23 और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।
- भागलपुर- भागलपुर में आज अधिकतम तापमान 26 और न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।
शनिवार को प्रदेश के कई जिलों में अचानक मौसम में बदलाव देखने को मिला। दिन के लगभग दस बजे तक हल्की धूप थी, लेकिन इसके बाद हल्की बूंदाबांदी शुरू हो गई और आसमान में बादल छा गए। कुछ ही देर बाद हल्की वर्षा हुई और हवा भी चलने लगी, इससे ठंड बढ़ गई।
वर्षा होने के बाद सूर्यदेव भी बादलों में छिप गए और धूप नहीं निकली। पूरे दिन हल्की वर्षा और बूंदाबांदी होती रही। इसके चलते लोगों को ठंड का अधिक एहसास हुआ।
शनिवार को दिन में तापमान 16-18 डिग्री तक रहा। मौसम को देख लोगों ने अनुमान लगाया कि रात में तापमान और नीचे गिरेगा। बता दें कि अब तक जिले में ठंड का असर बहुत अधिक नहीं था।
सुबह-शाम और रात में ही ठंड का एहसास हो रहा था। पूरे दिन धूप निकलने के चलते तापमान भी सामान्य था, लेकिन शनिवार की सुबह अचानक बदले मौसम से ठंड बढ़ गई।
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संजीव हंस के करीबी अभियंता सुनील यादव के 4 ठिकानों पर ED का छापा, कई अहम कागजात जब्त; जांच में जुटी टीम
राज्य ब्यूरो, पटना। भ्रष्टाचार के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार में एक और बड़ी कार्रवाई की है। इस बार बिहार पुल निर्माण निगम के अभियंता रहे सुनील यादव के पटना, गया और बोधगया के चार ठिकानों पर छापेमारी की गई है।
सुनील यादव को भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे आइएएस अधिकारी संजीव हंस का करीबी बताया जा रहा है। संजीव हंस बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के एमडी भी रह चुके हैं।
जानकारी के अनुसार, ईडी की टीम ने पटना के जगदेव पथ के मकान के साथ सगुना मोड़ पर दीपश्री प्रोपर्टी नामक कंपनी के कार्यालय में छापामारी हुई।
वहीं गया के गोदावरी इलाके में आवास के साथ बोधगया स्थित तथागत होटल में भी छापामारी की गई। कार्रवाई कई घंटों तक चली। इस दौरान वहां मौजूद लोगों से सुनील के बारे में पूछताछ की गई।
सूत्रों के अनुसार, पटना में मौजूद कंस्ट्रक्शन कंपनी और बोधगया के तथागत होटल के मालिक सुनील कुमार हैं। इन दोनों में इन्होंने अपनी काली कमाई का बड़ा हिस्सा निवेश किया है।
जब संजीव हंस पुल निर्माण निगम के एमडी थे तभी सुनील कुमार की उनसे साठगांठ हुई। इससे जुड़े कई कागजात छापेमारी के दौरान ईडी ने बरामद किए हैं, जिनका सत्यापन किया जा रहा है।
सिंघला कंपनी से थी साठ-गांठ, पहुंचता था कमीशन- सूत्रों के अनुसार, भ्रष्टाचार के मामले में अभी जेल में बंद सिंघला कंपनी के पूर्व कर्मचारी सुरेश प्रसाद सिंघल और उनके बेटे समेत अन्य परिजनों से इंजीनियर सुनील कुमार के व्यावसायिक लेनदेन थे।
- आरोप है कि सेटिंग के जरिये उसने गलत तरीके से कई टेंडर को मैनेज किया था। आरोप है कि कमीशन का हिस्सा तत्कालीन एमडी संजीव हंस तक भी पहुंचता था। जांच में इसका खुलासा होने के बाद ही ईडी ने इंजीनियर सुनील के ठिकानों पर छापामारी की है।
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) इंजीनियर सुनील कुमार के खिलाफ कुछ वर्ष पहले आय से अधिक संपत्ति के मामले में डीए का केस कर चुकी है।
इसमें सरकारी पद के दुरुपयोग के मामले में कार्रवाई हुई थी। बताया जाता है कि सुनील करीब दो वर्ष तक निलंबित भी रहे थे लेकिन बाद में उसे राहत मिल गई और वे फिर से सेवा में बहाल हो गए। पिछले वर्ष ही सुनील सेवानिवृत हुए हैं।
जानकारी हो कि कुछ वर्ष पहले भी अभियंता के घर पर ईडी की कार्रवाई हुई थी। लेकिन उक्त स्थानों और आसपास दिनभर चर्चा का बाजार गर्म रहा।
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Bihar News: निर्माण के साथ राजनीतिक गठजोड़ को भी मजबूत बनाता है 'बालू', बड़े-बड़े नेता हो गए मालामाल
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार की राजनीति में बालू ऐसा विषय है, जिसके बारे में विचार करते समय दलीय सीमाएं टूट जाती हैं। वाम दलों को छोड़ दें तो चुनावों में जीत हासिल करने वाली कोई ऐसी पार्टी नहीं है, जिसके नेता बालू के प्रयत्क्ष कारोबार से नहीं जुड़े हों।
यह जुड़ाव दलों के दस्तावेजों में लिखित रूप में भले ही दर्ज न हो, लेकिन ED और आयकर जैसी केंद्रीय एजेंसियों के रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है।
एनडीए के घटक लोजपा (रा) के प्रदेश संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हुलास पांडेय के ठिकानों पर शुक्रवार को ED का छापा पड़ा। इससे पहले राजद के सुभाष यादव, अरुण यादव, भाजपा के जीवन कुमार और जदयू के राधाचरण सेठ बालू के सिलसिले में ED या आयकर अथवा दोनों एजेंसियों के जांच के दायरे में आ चुके हैं।
इन दोनों एजेंसियों से बचे नेता-कार्यकर्ता बालू से जुड़े मुकदमों में अभियुक्त बनाए गए हैं। अवैध बालू खनन के मामले में दर्ज मामलों की संख्या पांच हजार से अधिक होगी।
ED और आयकर विभाग ने इन नेताओं पर लिया एक्शन- बालू कारोबार से जुड़े सुभाष यादव राजद के प्रिय हैं। बार-बार हार के बावजूद उन्हें लोकसभा और विधानसभा चुनावों में उम्मीदवार बनाया जाता है। 2024 के लोकसभा चुनाव में हार के साल भर के भीतर ही उन्हें झारखंड के कोडरमा से राजद उम्मीदवार बनाया गया था, लेकिन यहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। संभव है कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्हें एक और अवसर दिया जाए।
- भोजपुर के कई और राजद नेता बालू के सिलसिले में जेल की यात्रा करते रहते हैं। इन सब पर भी ED और आयकर के छापे पड़ चुके हैं। स्थानीय क्षेत्र प्राधिकार से जदयू के विधान परिषद सदस्य राधाचरण सेठ अपने पुत्र के साथ जेल की यात्रा कर चुके हैं। इन पर भी इडी और आयकर की बराबर नजर रहती है।
- भाजपा कोटे से जनक राम 2020 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी एनडीए सरकार में खनन मंत्री थे। उस समय उनके ओएसडी मृत्युंजय कुमार उनके भाई धनंजय कुमार और आप्त सचिव से जुड़ी एक महिला के ठिकानों पर नवंबर 2021 में विजिलेंस का छापा पड़ा था। इसमें लाखों की नकदी मिली थी। माना गया कि मंत्री के ओएसडी ने बालू के अवैध कारोबारियों से मोटी कमाई की थी।
- अप्रैल 2023 में जदयू के तत्कालीन प्रवक्ता मंजीत कुमार सिंह ने जनक राम पर सीधा आरोप लगाया था। हालांकि, अब समीकरण बदल गए हैं। नीतीश की सरकार में भाजपा शामिल है। जदयू के प्रवक्ता भाजपा पर आरोप नहीं लगा रहे हैं। जनक राम भी अभी नीतीश सरकार में अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री हैं।
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नए ट्रैफिक नियम का तोड़ना पड़ गया महंगा, टोल टैक्स से बचने के लिए हुई एक गलती; लगा 2500 रुपये का जुर्माना
जागरण संवाददाता, पटना सिटी। गांधी सेतु और एनएच-30 पर जीरो माइल से लेकर अनीसाबाद और फुलवारीशरीफ क्षेत्र में लगने वाले जाम पर नियंत्रण पाने के लिए उत्तर बिहार से आने वाले ट्रकों समेत अन्य भारी वाहनों को बिहटा की ओर जाने से जीरो माइल से पूरब टोल प्लाजा की ओर मुड़ना है।
इस नए यातायात नियम अनुसार भारी वाहनों को टोल पार कर फतुहा पुल के नीचे से बिहटा-दनियावां सड़क होकर बिहटा-सरमेरा सड़क से नौबतपुर या जहानाबाद की ओर जाना है। टोल टैक्स देने से बचने के लिए भारी वाहनों के चालक नियम का उल्लंघन कर रहे हैं।
हर दिन जाम लगने के साथ ही दुर्घटना की संभावना बढ़ीटोल से (पश्चिम की ओर) पहले ही एनएच पार कर करमलीचक और पेट्रोप पंप कट से दक्षिण के रास्ते बैरिया बस स्टैंड रोड, पटना-मसौढ़ी रोड से बेलदारीचक की ओर वाहनों का परिचालन होने लगा है। इस कारण टोल से पहले एनएच पर हर दिन जाम लगने के साथ ही दुर्घटना की संभावना बढ़ गयी है।
टोल टैक्स से बचने के लिए टोल से पहले ही कट से निकलने के दौरान एनएच पर हर दिन लग रहे जाम की सूचना पाकर शुक्रवार को पहुंचे ट्रैफिक डीएसपी अनिल कुमार ने ट्रक चालकों को चेताया। इस दौरान उन्होंने एनएच किनारे खड़े किए गए 25 ट्रकों पर 25-25 सौ रुपए जुर्माना लगाया।
दोनों कट पर पुलिस कर्मी की तैनातीडीएसपी यातायात ने कहा कि केवल करमलीचक क्षेत्र के गोदाम और घर वालों को ही इस मार्ग से भारी वाहन गुजारने की इजाजत है। सभी तरह के तरह के भारी वाहनों को टोल पार करके फतुहा आरओबी के नीचे से होते हुए ही बिहटा की ओर जाना है। इस नियम का उल्लंघन करने वाले चालकों पर कार्रवाई की जाएगी।
इसके लिए दोनों कट पर पुलिस कर्मी की तैनाती कर दी गई है। वहीं ट्रक चालकों ने कहा कि टोल पार कर बिहटा जाने में लगभग पंद्रह किलोमीटर अधिक चलना पड़ता है। साथ ही दस चक्का से अधिक वाले वाहनों को 620 रुपए टोल टैक्स देना पड़ता है। उन्होंने कहा कि लागू नया नियम उनके लिए नुकसानदेह साबित हो रहा है।
अवैध 24 सौ सीएफटी बालू-ट्रक जब्त 10 लाख जुर्मानाउधर, भोजपुर जिले में शुक्रवार को अवैध बलुया स्टाक के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया। इस दौरान चांदी थाना क्षेत्र में 2400 सीएफटी आलू का अवैध स्टाक पकड़ा गया।
खनन इंस्पेक्टर के द्वारा इस मामले में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। दूसरी तरफ इमादपुर थाना क्षेत्र में अवैध बालू लदा एक ट्रक को जब्त किया गया है। उसपर भी प्राथमिकी दर्ज करते हुए 10 लाख रुपये का जुर्माना किया गया है।
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BPSC Bihar Board 12th Admit Card: इंटर वार्षिक प्रायोगिक परीक्षा का एडमिट कार्ड जारी, 9 जनवरी तक कर सकेंगे डाउनलोड
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, इंटर वार्षिक प्रायोगिक परीक्षा 2025 का एडमिट कार्ड जारी हो गया है। प्रायोगिक परीक्षा का एडमिट कार्ड 9 जनवरी तक समिति की वेबसाइट http://seniorsecondary.biharboardonline.com पर अपलोड रहेगा। प्रायोगिक परीक्षा 10 से 20 जनवरी तक निर्धारित परीक्षा केंद्र पर होगी।
परीक्षा समिति ने कहा है कि सभी शिक्षण संस्थान प्रायोगिक विषयों की परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों का एडमिट कार्ड उपलब्ध कराएंगे। संस्थान अपने यूजर आइडी से एडमिट कार्ड डाउनलोड कर अपने हस्ताक्षर एवं मुहर के साथ परीक्षार्थियों को देंगे।
परीक्षार्थी अपने शिक्षण संस्थान के प्रधान से एडमिट कार्ड प्राप्त करेंगे। यह एडमिट कार्ड सेंटअप परीक्षा में सफल विद्यार्थियों के लिए मान्य है।
दिव्यांग परीक्षार्थियों के लिए लेखक की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी से संपर्क करना होगा। परीक्षा समिति ने कहा है कि दिव्यांग परीक्षार्थियों को जो स्वयं लिखने में असर्मथ हैं, उनके अनुरोध के आधार पर श्रुतिलेखक उपलब्ध कराया कराया जाएगा। इसके अतिरिक्त दिव्यांग अभ्यर्थी अपना श्रुतिलेखक भी ला सकते हैं।
श्रुतिलेखक की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए दिव्यांजन को परीक्षा प्रारंभ होने के एक सप्ताह पूर्व संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन देना होगा। समिति ने कहा है कि एडमिट कार्ड डाउनलोड करने में किसी प्रकार की असुविधा हो तो हेल्पलाइन नंबर 0612-2230039 पर संपर्क कर सकते हैं।
ये केवल प्रायोगिक परीक्षा का एडमिट कार्ड है। मुख्य परीक्षा का एडमिट कार्ड बाद में जारी किया जाएगा।
फरवरी में होगी परीक्षा- बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इंटर मीडिएट और मैट्रिक परीक्षा 2025 का शेड्यूल जारी कर दिया है। इस बार यूपी, सीबीएसई समेत अन्य राज्यों के शेड्यूल के बाद बिहार बोर्ड ने परीक्षा का शेड्यूल जारी किया है।
- बोर्ड द्वारा मैट्रिक परीक्षा का आयोजन 17 से 25 फरवरी तक किया जाएगा। इंटर की परीक्षा एक फरवरी से शुरू होगी और 15 फरवरी तक चलेगी। वहीं परीक्षा का आयोजन दो पालियों में होगा।
- इंटरमीडिएट की वार्षिक परीक्षा में कुल 12,89,601 विद्यार्थी और मैट्रिक की वार्षिक परीक्षा में कुल 15,81,079 विद्यार्थी शामिल होंगे।
पिछले साल 15 से 23 फरवरी तक हुआ परीक्षा का आयोजन
पिछले साल बिहार बोर्ड ने बीएसईबी 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं का आयोजन 15 से 23 फरवरी 2024 के बीच किया था। परीक्षा में कुल 16 लाख छात्र- छात्राएं परीक्षा में शामिल हुए थे। बिहार बोर्ड कक्षा 12वीं का परिणाम 23 मार्च 2024 को जारी किया गया था।वहीं बिहार 10वीं के परिणाम 31 मार्च 2024 को जारी किए गए थे।
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Patna News: पटना में यहां चलेगा बुलडोजर, खड़े रहेंगे अधिकारी; कई लोगों के उजड़ेंगे घर
संवाद सूत्र, खुसरूपुर (पटना)। Patna News: पटना के खुशरूपुर में अनुमंडल पदाधिकारी ने बांसटाल चौराहा से स्टेशन गुमटी तक सड़क के दोनों ओर अतिक्रमण हटाने को लेकर आदेश पारित किया है। सड़क की मापी कर अंचल अमीन ने अतिक्रमण की पुष्टि करते हुए अपना प्रतिवेदन समर्पित किया था।
एसडीओ ने खुसरूपुर अंचल पदाधिकारी उत्तम राहुल को दंडाधिकारी के रूप में अधिकार दिया है तथा सीओ को स्थानीय थानाध्यक्ष अंकिता कुमारी से समन्वय कर विधि व्यवस्था कायम रखने का निर्देश दिया है।
वहीं, नगर पंचायत के कार्यपालक अधिकारी दीपक झा को ट्रैक्टर, जेसीबी और बुलडोजर आदि को उपलब्ध करने की जिम्मेदारी दी गई है।
जिला पुलिस की ओर से पर्याप्त संख्या में जवानों की प्रतिनियुक्ति की गई है। जिलाधिकारी एवं वरीय आरक्षी अधीक्षक को सूचित किया जा चुका है।
नवादा के चातर गांव में चला बुलडोजरनवादा के नरहट प्रखंड के चातर गांव में अनावाद बिहार सरकार की भूमि पर अवैध कब्जा के खिलाफ प्रशासन का बुलडोजर चला है। सीओ मनीष कुमार, इंस्पेक्टर सह थानाध्यक्ष उमाशंकर सिंह और मजिस्ट्रेट श्रम पर्वतन पदाधिकारी चंदन कुमार के द्वारा की गई कार्रवाई में अतिक्रमण वाले लगभग सात डिसमिल अवैध कब्जा वाले सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है।
सीओ ने बताया कि मन्दिर के समीप बिहार सरकार की भूमि को अतिक्रमण कर उस जगह पर ईंट से घेराबंदी कर करकट डालकर अतिक्रमण किया गया था। ग्रामीण अखिलेश सिंह, अर्जून सिंह, चांदो यादव समेत सैंकड़ों ग्रामीण का हस्ताक्षर युक्त आवेदन देकर अतिक्रमण के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी गई थी।
अतिक्रमण से ग्रामीण काफी नाराज थे। शिकायत के आलोक में अतिक्रमण करने वाले को नोटिस भेज कर अतिक्रमण हटाने के लिए बोला गया था। नोटिस की कार्रवाई के बाद भी अतिक्रमण को नहीं हटाने पर विशेष पुलिस बल के सहयोग से जेसीबी मशीन से अतिक्रमण मुक्त की कार्रवाई की गई। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से ग्रामीण खुश हैं वहीं अतिक्रमण करने वाले लोगों में डर है।
अतिक्रमण कैसे हटाया जाता है- अतिक्रमण की पहचान: संबंधित अधिकारी अतिक्रमण की पहचान करते हैं और इसकी रिपोर्ट तैयार करते हैं।
- नोटिस जारी करना: अतिक्रमणकारी को नोटिस जारी किया जाता है, जिसमें उन्हें अतिक्रमण हटाने के लिए कहा जाता है।
- समय सीमा निर्धारित करना: नोटिस में अतिक्रमण हटाने के लिए एक समय सीमा निर्धारित की जाती है।
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राज्य ब्यूरो, पटना। चुनावी वर्ष में पहली बार राज्य के बुनकरों को जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों से वित्तीय मदद मिलेगी। अभी तक इन बैंकों से बुनकरों को कार्यशील पूंजी नहीं मिलती थी। बुनकरों को राष्ट्रीयकृत बैंकों से ऋण के लिए भरोसा जीतना पड़ता था तब ऋण मिल पाता था।
यहां तक कि बहुत-सा बुनकर तो महाजनी कर्ज में फंस जाते थे। लेकिन, अब सहकारिता विभाग ने सभी जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को अपने कार्य क्षेत्र में बुनकरों को ऋण देने का निर्देश दिया है। इसके लिए जिलों में कार्यरत निबंधित बुनकर सहयोग समितियों से प्रस्ताव लेने को कहा है।
उत्पादों को प्रोत्साहन देने को प्राथमिकता- राज्य के जिन बुनकर समितियों के उत्पाद गुणवत्तापूर्ण है और निर्यात के अनुरूप है। उन उत्पादों को निर्यात के लिए प्रोत्साहन और प्राथमिकता मिलेगा।
- भागलपुर की सिल्क साड़ी हो या महफिल-ए-कालीन, औरंगाबाद के दरी एवं कालीन, सतरंगी चादर, कंबल एवं ऊनी वस्त्र जैसे उत्पादों को निर्यात के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। ऐसे उत्पादों के बारे में अन्य राज्यों प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
सहकारिता विभाग के मुताबिक राज्य और केंद्र सरकार की ओर से बुनकरों के लिए चलायी जा रही योजनाओं का कितना लाभ मिल रहा है? इसकी रिपोर्ट सभी जिलों से मांगी गई है।
साथ ही बुनकर समितियों में चुनाव कराने की तैयारी हो रही है। इसके लिए विभाग की ओर से सभी जिला सहकारिता पदाधिकारियों को अविलंब सभी अवक्रमित बुनकर सहयोग समितियों से निर्वाचन प्रस्ताव लेने को कहा गया है, ताकि बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार को चुनाव का प्रस्ताव भेजा जा सके।
3,166 महिला ग्राम संगठन को जागरूक करने के लिए जीविका ने बनाई योजनागया में जीविका जिला परियोजना समन्वयन इकाई में ग्राम संगठन स्तर पर महिला संवाद कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु शुक्रवार को मोहड़ा , मोहनपुर, बाराचट्टी एवं फतेहपुर प्रखंड के परियोजना कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया। चार जनवरी तक सात बैच में आठ प्रखंड कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
महिला संवाद कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी देना और उनकी सामुदायिक विकास से जुड़ी इच्छाओं और आकांक्षाओं को समझना है।
यह कार्यक्रम 15 जनवरी से संचालित होगा। 24 प्रखंडों के सभी पंचायतों में यह संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जहां 3166 महिला ग्राम संगठनों के माध्यम से महिलाओं को जागरूक किया जाएगा। प्रत्येक ग्राम संगठन में टीवी स्क्रीन से लैस संवाद रथ के माध्यम से योजनाओं की जानकारी प्रदान की जाएगी।
इस प्रक्रिया में, विशेष बैठकों में पूछे गए प्रश्नों के आधार पर महिलाओं की सामुदायिक विकास से संबंधित अपेक्षाओं और सुझावों का संकलन किया जाएगा।
इस पहल से महिलाओं को न केवल सरकारी योजनाओं की जानकारी मिलेगी बल्कि सरकार को महिलाओं की भागीदारी एवं आकांक्षों की जानकारी से सामुदायिक विकास के लिए योजनाओं के बेहतर संचालन में मदद मिलेगी।
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नए साल में बिहार में होगी बंपर भर्ती, स्कूलों सहायकों के 6 हजार से ज्यादा पदों पर नियुक्ति की तैयारी
Bihar Job: नए साल में बिहार में होगी बंपर भर्ती, स्कूल सहायकों के 6 हजार से ज्यादा पदों पर नियुक्ति की तैयारी
राज्य ब्यूरो, पटना। शिक्षा विभाग की ओर से नये साल में राज्य में नवस्थापित एवं उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 6,421 विद्यालय सहायकों की नियुक्ति की तैयारी की जा रही है। प्रत्येक विद्यालय सहायक का 16,500 रुपये मासिक नियत वेतन तय किया गया है और इसमें 500 रुपये का वार्षिक वेतन वृद्धि करने को सहमति दी गई है। विद्यालय सहायकों की नियुक्ति नियोजन इकाइयों के माध्यम से होगी।
शिक्षा विभाग के मुताबिक उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 6,421 विद्यालय सहायकों के पद सृजन किया जा चुका है। इसके बारे में सितंबर में ही महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) को जानकारी दी जा चुकी है।
प्रत्येक नवस्थापित एवं उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में एक-एक विद्यालय सहायक की नियुक्ति संबंधी प्रस्ताव को वित्त विभाग से भी सहमति मिल चुकी है, जबकि इस पर कैबिनेट की स्वीकृति पहले ही मिल चुकी है।
विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि विद्यालय सहायक के पद राजकीयकृत माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक और प्रोजेक्ट विद्यालयों में लिपिक एवं अनुसेवक के मरणशील पद प्रत्यर्पित करते हुए सृजित किए गए हैं।
इससे संबंधित संकल्प में विद्यालय सहायक के नियोजन की प्रक्रिया, अर्हता, सेवाशर्त, अनुशासनिक कार्रवाई निर्धारित है। उसके अनुरूप ही नवसृजित पदों पर कार्रवाई की जाएगी।
किस जिले में कितने विद्यालय सहायकों की होगी नियुक्ति- पटना में 210 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- नालंदा में 149 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- भोजपुर में 147 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- बक्सर में 88 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- रोहतास में 166 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- कैमूर में 121 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- गया में 258 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- जहानाबाद में 59 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- अरवल में 33 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- नवादा में 142 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- औरंगाबाद में 140 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- मुजफ्फरपुर में 305 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- सीतामढ़ी में 184 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- शिवहर में 44 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- वैशाली में 232 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- पूर्वी चंपारण में 341 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- पश्चिमी चंपारण में 277 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- सारण में 240 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- सिवान में 226 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- गोपलगंज में 185 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- दरभंगा में 268 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- मधुबनी में 296 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- समस्तीपुर में 318 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- सहरसा में 121 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- सुपौल में 144 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- मधेपुरा में 131 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- पूर्णिया में 208 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- अररिया में 186 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- किशनगंज में 117 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- कटिहार में 202 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- भागलपुर में 174 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- बांका में 130 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- मुंगेर में 65 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- शेखपुरा में 36 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- लखीसराय में 75 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- जमुई में 130 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- खगड़िया में 96 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
- बेगूसराय में 177 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।
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Bihar News: घर की छत पर करें फल-फूल और सब्जी की खेती, नीतीश सरकार देगी सब्सिडी
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश के चार शहर में कम कीमत में पौधों समेत गमलों की आपूर्ति कर कृषि विभाग अपार्टमेंट की छत और निजी घरों की छत पर फल-फूल एवं सब्जियों की खेती के लिए लोगों को प्रेरित करेगा। कृषि मंत्री मंगल पांडेय की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
मीठापुर स्थित कृषि भवन में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में मंत्री ने चालू वित्तीय वर्ष में राज्य में चलाई जा रही विभिन्न कृषि योजनाओं की समीक्षा की और संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
पहले चरण में इन जिले के लोगों को मिलेगा लाभ- पहले चरण में योजना का लाभ राजधानी के पटना सदर, दानापुर, फुलवारी एवं खगौल तथा भागलपुर, गया एवं मुजफ्फरपुर जिले के शहरी क्षेत्र के लोगों को मिलेगा।
- इस योजना में ऐसे व्यक्ति जिनके पास अपना घर हो अथवा अपार्टमेंट में फ्लैट हो या फिर जिसके छत पर 300 वर्ग फीट जगह हो लाभ उठा सकते हैं।
- वहीं, स्वयं का मकान होने की स्थिति में छत पर 300 वर्ग फीट खाली स्थल जो किसी भी हस्तक्षेप से स्वतंत्र हो तथा अपार्टमेंट की स्थिती में अपार्टमेंट की पंजीकृत सोसाईटी से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने पर इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है।
योजना में प्रति इकाई 300 वर्ग फीट का इकाई लागत 48 हजार 574 एवं अनुदान 75 प्रतिशत अर्थात 36430.50 तथा शेष 12143.50 रुपये लाभार्थी द्वारा देय होगा।
इन योजनाओं की भी हुई समीक्षाकृषि मंत्री ने समीक्षा बैठक में नलकूप योजना, बीज मसाले एवं सहजन योजना, राज्य योजना अंतर्गत सब्जी विकास योजना तथा प्याज भंडारण संरचना औऱ मखाना भंडार गृह निर्माण सहित कई योजनाओं की भी समीक्षा की।
जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम, हाल ही में शुरू की गई ड्रोन दीदी योजना, वर्षा आधारित कृषि योजनाओं और पौधा संरक्षण एवं उपादान समेत बिहार राज्य जैविक मिशन अंतर्गत चल रही योजनाओं के प्रगति की भी जानकारी ली।
कृषि मंत्री ने पदाधिकारियों से चालू वित्तीय वर्ष में चलाई जा रही बागवानी विकास कार्यक्रमों के प्रगति की अद्यतन जानकारी ली। कृषि विभाग द्वारा राज्य में चल रही उद्ययानिक फसलों की व्यवसायिक खेती को बढावा देने से संबंधित योजना में राज्य योजना अंतर्गत मखाना विकास योजना, मधुमक्खी पालन एवं मधु उत्पादन कार्यक्रम योजना, मुख्यमंत्री बागवानी मिशन अंतर्गत आम विकास योजना समेत अन्य योजनाओं की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि राज्य के हर किसानों तक कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को पहुंचाना हमारा लक्ष्य है, ताकि हकिसान खुशहाल और समृद्ध बन सके।
उन्होंने राज्य स्कीम मद से छत पर बागवानी अंतर्गत गमलों एवं फार्मिंग बेड योजना पर विशेष जोर देते हुए कहा कि शहरी क्षेत्रों में घर के छत पर फल, फूल एवं सब्जी की उपज को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाई जा रही इस योजना की जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाई जाए।
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BPSC Protest: ये हैं बीपीएससी परीक्षार्थियों की 4 प्रमुख मांगें, खान सर को लेकर भी कह दी बड़ी बात
जागरण संवाददाता, पटना। BPSC Student Protest: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की एकीकृत 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के दोबारा आयोजन को लेकर गर्दनीबाग धरना स्थल पर नौवें दिन भी अभ्यर्थी अडिग रहे। वहीं, आयोग ने स्पष्ट कर दिया कि बापू परीक्षा परिसर की रद परीक्षा चार जनवरी को पटना स्थिति विभिन्न केंद्रों पर आयोजित की जाएगी।
शुक्रवार को धरनार्थियों को समर्थन देने के लिए खान सर और रहमान सर भी पहुंचे। लगभग तीन घंटे तक दोनों छात्रों की मांगों को जायज बताते हुए बीपीएससी को आड़े हाथ लिया। कुछ छात्रों ने कहा कि बाहरी दखल से अभ्यर्थियों के सत्याग्रह पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
कई शिक्षक श्रेय लेने के लिए धरना स्थल की परिक्रमा कर रहे हैं। खान जी धरना स्थल से जाने लगे तो कुछ छात्रों ने उनके विरुद्ध नारेबाजी की। अभ्यर्थियों का कहना है कि उनकी मांगों को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाए। शाश्वत शेखर का कहना है कि कुछ शिक्षक धरना स्थल को अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए कर रहे हैं।
बीपीएससी अभ्यर्थियों की प्रमुख मांगें- एकीकृत 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा को रद कर नए सिरे से आयोजन किया जाए
- प्रश्न पत्र की तैयारी से लेकर परीक्षा आयोजित कराने की पूरी प्रक्रिया की गहन जांच हो
- प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए एसओपी बने, ताकि छात्रों को अनावश्यक परेशानी नहीं हो
- अज्ञात लोगों के विरुद्ध किए गए एफआइआर में परीक्षार्थियों का नाम शामिल नहीं किया जाए
अभ्यर्थियों का कहना है कि नौ दिन बाद भी आयोग या प्रशासन की ओर से वार्ता की पहल नहीं की गई है। छात्रों के धैर्य की परीक्षा ली जा रही है।
वहीं, बीपीएससी मार्च के लिए अभ्यर्थी धरना स्थल से नहीं निकलें, इसके लिए प्रमुख गेटों को बंद कर आने-जाने वालों पर पुलिस नजर रख रही थी।
काफी संख्या में पुलिस बल मौजूद थे। एमएलसी वंशीधर ब्रजवासी भी गीत-संगीत मंडली के साथ पहुंचे थे, लेकिन मंडली को निराश हाथ लगी। बगैर प्रस्तुति के ही लौटना पड़ा।
वंशीधर ब्रजवासी ने कहा कि अभ्यर्थियों की मांग जायज है। बीपीएससी को इनसे बातचीत की पहल करनी चाहिए।
समान अवसर को ध्यान में रखकर विचार करे आयोगअभ्यर्थियों का कहना है कि बापू परीक्षा परिसर में अभ्यर्थियों की संख्या 12 हजार से अधिक है। एक केंद्र पर सामान्य तौर पर 500-600 अभ्यर्थियों की परीक्षा होती है।
बापू परीक्षा परिसर 20 से अधिक केंद्रों के बराबर है। अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग डैशबोर्ड पर लिंक जारी कर परीक्षार्थियों का पक्ष जान लें। उसके आधार पर निर्णय सभी को स्वीकार होगा।
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राज्य ब्यूरो, पटना। नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के उद्देश्य से औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाने को ले अलग-अलग जिले से उद्योग विभाग को 11 हजार, 104 एकड़ जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव पहुंच गया है। जमीन अधिग्रहण को ले आगे कार्रवाई को यह प्रस्ताव आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार के पास आ गया है।
अकेले पटना जिले में 245.61 एकड़ जमीन का अधिग्रहण नए औद्योगिक क्षेत्र के लिए किया जाएगा। वहीं बियाडा के पास अभी 1407 एकड़ जमीन औद्योगिक इकाइयों के लिए उपलब्ध है। प्रदेश में सबसे ज्यादा जमीन का अधिग्रहण वैशाली जिले में किया जाएगा।
14 जिलों में प्रस्तावित जमीन की जांच पूरीउद्योग विभाग से मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार (आइडीए) द्वारा अब तक 14 जिलों में प्रस्तावित जमीन की समीक्षा व जांच कर ली गई है। इसके तहत 376.11 सरकारी भूमि तथा 1380.42 एकड़ रैयती जमीन को उपयुक्त पाया गया है। वहीं आइडीए ने 14 जिलों में प्रस्तावित 531.32 एकड़ सरकारी जमीन तथा 583.51 एकड़ रैयती जमीन को औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाने को ले अनुपयुक्त पाया है।
24 जिलों की जमीन की समीक्षा का मामला प्रक्रिया मेंआइडीए को 24 जिलों में जो जमीन उपलब्ध कराई गई है उसकी समीक्षा की जा रही है। समीक्षा का कार्य पूरा होने के बाद जमीन अधिग्रहण का कार्य किया जाएगा।
वैशाली से सबसे अधिक 1321.64 एकड़ जमीन का प्रस्तावउद्योग विभाग को जिलों से औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाने को ले जमीन उपलब्धता के बारे में जो प्रस्ताव मिले हैं उनमें सबसे अधिक 1321.64 एकड़ का प्रस्ताव वैशाली से मिला है। दूसरे नंबर पर 991.225 एकड़ जमीन का प्रस्ताव बेगूसराय जिले से आया है। तीसरे नंबर पर भागलपुर है जहां 833.50 एकड़ का प्रस्ताव है। इसके बाद प्रदेश के अन्य जिलों का नंबर है।
जिलों से उद्योग विभाग को इस तरह से मिले जमीन के प्रस्तावअररिया -44.515 एकड़, अरवल-25 , औरंगाबाद- 441.79, बांका-234.10, भोजपुर-150, बक्सर-43.07, दरभंगा- 791, पूर्वी चंपारण-536, गया-100, गोपालगंज-39.60, जमुई-101.40।
जहानाबाद- 284.42, कैमूर- 68, कटिहार- 126, 47, खगड़िया- 59, किशनगंज- 77, लखीसराय-100, मधेपुरा-622, मधुबनी- 425, मुंगेर-120, मुजफ्फरपुर 313, नालंदा- 191।
नवादा- 374, पूर्णिया-280, रोहतास- 78, सहरसा- 104, समस्तीपुर- 294, सारण-25.57, शेखपुरा- 127, शिवहर-287, सीतामढ़ी- 502, सिवान- 167, सुपौल-597 व पश्चिमी चंपारण 252 एकड़।
जमीन अधिग्रहण का कार्य पूरा होने के बाद प्रदेश में नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की जाएगी। इससे प्रदेश में रोजगार के नए साधन निर्मित होंगे। साथ ही निवेश भी बढे़गा।
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Bihar News: धनरुआ में युवक की हत्या से बवाल, आरोपित समेत 10 लोगों का घर फूंका; भारी पुलिस बल तैनात
जागरण संवाददाता, पटना। पटना जिले के धनरुआ थाना क्षेत्र के जोधीचक गांव में प्रतिशोध में एक युवक की शनिवार सुबह गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या से आक्रोशित लोगों ने आरोपित समेत दस लोगों के घरों को आग के हवाले कर दिया। घटना की सूचना के बाद धनरुआ समेत आठ थानों की पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गांव में कैंप कर रही है, वहीं घटना के बाद पूरा गांव खाली हो गया है।
मृत युवक की पहचान गांव के ही धीरेंद्र पासवान (35 वर्ष) के रूप में हुई है। बताया जाता है कि सुबह करीब 7 से 8 बजे बीच धीरेंद्र कहीं से गांव वापस आ रहा था। गांव पहुंचते ही दो बाइक पर सवार अपराधियों ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी।
10 दिन पहले ही जेल से बाहर आयाधीरेंद्र दस दिन पूर्व ही जेल से बाहर आया था। गांव के ही जन वितरण प्रणाली विक्रेता खुबल यादव की हत्या के मामले में धीरेंद्र जेल गया था। वर्ष 2022 में खुबल यादव की हत्या हुई थी। बताया जा रहा है कि इसी हत्या के प्रतिशोध में धीरेंद्र पासवान की हत्या की गई है। धीरेंद्र की हत्या का आरोप खुबल यादव के पुत्र विकास पर लगा है।
हत्या की सूचना से आक्रोशित धीरेंद्र के परिवार वालों ने विकास के घर पर हमला कर दिया और घर को आग के हवाले कर दिया। विकास के घर के साथ ही आसपास के दस लोगों के घरों में भी आग लगा दी । स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बुलाई गई है। गांव में स्थिति तनावपूर्ण बनी है।
प्रारंभिक जानकारी के आधार पर खबर बनाई गई है। खबर पर अपडेट जारी है...
Bihar Doctors Transfer: 10 सिविल सर्जन और 147 डॉक्टरों का ट्रांसफर, अविनाश को पटना; राजाराम को गया CS का जिम्मा
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: बिहार सरकार ने 10 सिविल सर्जन समेत 147 डॉक्टरों के तबादले कर दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग में अपर निदेशक स्वास्थ्य सेवाओं के पद पर पदस्थापित डॉ. अविनाश कुमार सिंह को पटना का सिविल सर्जन नियुक्त किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने तबादले की अधिसूचना जारी कर दी है।अधिसूचना के मुताबिक डॉ. अमृत किशोर को जमुई का सिविल सर्जन बनाया गया है।
इन सिविल सर्जनों का हुआ ट्रांसफरडॉ. रमेंद्र कुमार को खगड़िया, डॉ. अखिलेश कुमार सीतामढ़ी, डॉ. शिव कुमार प्रसाद चकवर्ती बक्सर, डॉ. हरेंद्र कुमार को मधुबनी, डॉ. राजाराम प्रसाद को गया का सिविल सर्जन बनाया गया है। इनके साथ ही डॉ. चंद्रेश्वरी रजक को कैमूर, डॉ. रवि भूषण को मोतिहारी, डॉ. विनोद कुमार को औरंगाबाद का सिविल सर्जन बनाया गया है। डॉ. सुरेश प्रसाद मुजफ्फरपुर में क्षेत्रीय उप निदेशक (आरडीडी) बनाए गए हैं।
कई जिलों में नए आरडीडी भी नियुक्तडॉ. मिथिलेश्वर पूर्णिया के आरडीडी नियुक्त किए गए हैं। जबकि डॉ. अरुण कुमार सारण (प्रतिरक्षण) आरडीडी, डॉ. हेमंत कुमार आरडीडी (प्रतिरक्षण) गया, डॉ. शंकर रजक आरडीडी क्रय, मुजफ्फरपुर बनाए गए हैं। डॉ. नरेश कुमार को सदर अस्पताल गुरु गोविंद सिंह का अधीक्षक बनाया गया है।
डॉ. अनिल कुमार को स्वास्थ्य विभाग में अपर निदेशक स्वास्थ्य सेवाओं का पद दिया गया है। इन डॉक्टरों के अलावा सामान्य एवं विशेषज्ञ डाक्टर जो अध्ययन या ट्यूटर की टेन्योर अवधि समाप्त होने के बाद प्रतीक्षा में थे वैसे 83 और आयुष प्रक्षेत्र के आठ डाक्टरों का तबादला किया है।
बता दें कि सिविल सर्जन एक महत्वपूर्ण पद होता है जो जिला स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की देखरेख और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होता है।
सिविल सर्जन का क्या काम होता है?- जिला स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की देखरेख करना।
- जिले के सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों का प्रबंधन करना।
- स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए कार्य करना।
- जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के विकास के लिए योजनाएं बनाना और उनका क्रियान्वयन करना।
- जिले में महामारी और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का नियंत्रण करना।
- जिले के स्वास्थ्य कर्मचारियों के प्रशिक्षण और विकास के लिए कार्य करना।
- जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था करना।
- जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी और मूल्यांकन करना।
- जिले में स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित शिकायतों का निपटान करना।
- जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के विकास के लिए अन्य विभागों और संगठनों के साथ समन्वय करना।
Bihar Pharmacy College: फार्मेसी के 5 कॉलेजों में नौकरी पाने का सुनहरा मौका, स्वास्थ्य विभाग ने निकाला विज्ञापन
जागरण संवाददाता, पटना। शिक्षकों की कमी के कारण अब प्रदेश के पांचों सरकारी फार्मेसी चिकित्सा संस्थानों में पढ़ाई की गुणवत्ता प्रभावित नहीं होगी। नियमित नियुक्ति में समय को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पटना, बांका, रोहतास, सिवान व नालंदा फार्मेसी संस्थानों में 13-13 अतिथि सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग द्वारा प्रति क्लास मानदेय पर इनकी नियुक्ति होगी।
फार्मेसी चिकित्सा संस्थानों में अतिथि शिक्षक के लिए 8 जनवरी तक फार्मास्यूटिक्स, फार्मास्युटिकल केमेस्टी एंड एनालिसिस, फार्माकोग्नॉसी व फार्माकोलॉजी में एम-फार्मा की डिग्री के साथ दो वर्ष का शैक्षणिक अनुभव रखने वाले इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
शिक्षकों की कमी से पढ़ाई पर असरबताते चलें कि दैनिक जागरण में 18 दिसंबर को अटेंडेंस पटना में बना सुदूर जिलों में करते परीक्षक का कार्य शीर्षक से खबर प्रकाशित हुई थी। इसमें पांचों सरकारी संस्थानों में शिक्षकों की कमी, उस पर उनसे तमाम दूसरे कार्य लिए जाने का उल्लेख था।
इसके साथ ही छात्रों की शैक्षणिक-व्यवहारिक पढ़ाई बाधित होने की समस्या को प्रमुखता देते हुए खबर प्रकाशित की गई थी।डिप्लोमा फार्मासिस्ट ऑर्गेनाइजेशन छात्र संघ के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने पत्र लिखकर दैनिक जागरण का सभी छात्र-छात्राओं की ओर से आभार जताया है।
6 दिसंबर के विभाग के पत्र से सामने आई बदहाली- चिकित्सा संस्थानों में पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने के लिए सरकार ने ऑनलाइन बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम की व्यवस्था की, लेकिन इसकी निगरानी की व्यवस्था नहीं की।
- नतीजा संविदा पर कार्यरत सहायक प्रोफेसर पटना स्थित संस्थान में सुबह 7 से आठ बजे अटेंडेंस लगाकर औरंगाबाद, मुंगेर, किशनगंज, समस्तीपुर, बेतिया, नालंदा, शेखुपरा, सारण, सिवान, वैशाली, गया समेत तमाम जिलों में स्थित निजी फार्मेसी कालेजों में वाह्य परीक्षक का कार्य करते थे।
- छात्र अभिमन्यु सिंह के 13 नवंबर को प्राप्त शिकायती पत्र के आलोक में 6 दिसंबर को स्वास्थ्य विभाग की विशेष कार्य पदाधिकारी रेणु कुमारी ने राजकीय फार्मेसी संस्थान पटना के प्राचार्य को पत्र लिखा।
- इसमें सभी सहायक प्राध्यापकों की मार्च से अगस्त तक की ऑनलाइन बायोमेट्रिक अटेंडेंस की सत्यापित प्रतिलिपि उपलब्ध कराने को कहा था।
विभाग को बताया गया कि फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के मानक के अनुसार छात्रों की संख्या के आधार पर प्रत्येक संस्थान में 27 शिक्षकों की जरूरत है, लेकिन अभी छह से सात संविदाकर्मी ही सेवा दे रहे हैं।
कुछ न कहकर भी अधिकारियों ने बच्चों को बिना पढ़ाए ही फर्जी तरीके से उनकी 75 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कर सेंटअप रिपोर्ट डी-फार्मा परीक्षा बोर्ड, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय व बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय को भेजने की बात मान ली।
इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने नियमित नियुक्ति के पूर्व क्लासेस के अनुसार अतिथि शिक्षकों की बहाली पर सहमति बनी और विज्ञापन निकाल दिया गया।
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राज्य ब्यूरो, पटना। भारतीय जनता पार्टी द्वारा गांधी मैदान के बापू सभागार में अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मशताब्दी वर्ष के अवसर पर 'मैं अटल रहूंगा' कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें भोजपुरी गायिका देवी के भी बुलाया गया। इस दौरान देवी के 'ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम' भजन पर विवाद शुरू हो गया।
अब इस पूरे मामले में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन की प्रतिक्रिया सामने आई है। शाहनवाज हुसैन ने कहा कि भजन का विरोध करने वाले भाजपा के लोग नहीं हो सकते हैं।
विरोध करने वाले भाजपा के नहींपूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मशताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था। मंच के नीचे भीड़ में चंद (20-25) लोगों ने ही विरोध किया था।
- शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मैं अच्छी तरह जानता हूं कि लोकगायिका देवी के भजन का विरोध करने वाले भाजपा के लोग नहीं थे। सभागार में बैठे सभी लोग पूरे मनोयोग से भजन सुन रहे थे।
- इस दौरान विरोध करने वालों को मैंने रोका ही नहीं, बल्कि शांत भी कराया। फिर भी बिहार की धरती पर जो हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण था।
- शाहनवाज ने कहा कि बिहार की धरती पर बापू का विरोध कोई स्वीकार नहीं कर सकता। देवी को किसी ने माफी मांगने के लिए बाध्य नहीं किया। उन्होंने स्वयं अपनी ओर से माफी मांगी।
उल्लेखनीय है कि शाहनवाज हुसैन वाजपेयी कैबिनेट के सबसे युवा मंत्री थे। वहीं, वाजपेयी सरकार में संचार, सामाजिक न्याय एवं मानव संसाधन राज्य मंत्री रहे संजय पासवान ने कहा कि भजन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन अस्वीकार्य है। हम गांधी, लोहिया, आंबेडकर और दीनदयाल की विचारधाराओं को आत्मसात करने वाली दुनिया में हैं।
दरअसल, कार्यक्रम में लोक गायिका देवी ने बापू के प्रिय भजन ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम गाना शुरू किया तो सभागार में कुछ लोगों ने इसका प्रतिरोध किया। विरोध करने वाले लोगों ने कहा कि गाने की ये सही पंक्तियां नहीं हैं।
इसको लेकर देवी अपनी बातें रख रही थीं, पर शोरगुल में कोई सुनने को तैयार नहीं था। तब आयोजकों ने मामले को शांत कराया। इस बीच देवी ने भारत माता की जय और अटल बिहारी वाजपेयी अमर रहें के नारे लगाए। वहीं लोगों ने सभागार में खड़े होकर जय श्रीराम के नारे लगाए।
देवी ने माफी मांगी- देवी ने कहा कि भगवान हम सभी के हैं और उनका उद्देश्य केवल राम को याद करना था। उन्होंने भारतीय संस्कृति में वसुधैव कुटुंबकम का उल्लेख करते हुए कहा कि हिंदू ही हैं, जो सभी को स्वयं में समाहित करते हैं।
- भजन से किसी की भावना आहत हुई हो तो वे माफी मांगती हैं। इसके बाद भी कई लोग असंतुष्ट होकर जय श्रीराम के नारे लगाते हुए सभागार से बाहर निकल गए।
इसके बाद देवी ने शारदा सिन्हा को याद करते हुए छठ गीत गाया और वहां से चली गईं। आयोजकों ने कुछ लोगों के शोरगुल पर मामले को शांत कराते हुए कहा कि हम सभी भारत मां की संतान हैं।
इस तरह से अपना परिचय नहीं देते हैं। देवी ने कहा कि सम्मान समारोह में उन्हें गाने के लिए बुलाया गया था। उन्हें क्या पता था कि जो गीत गाए उस पर इतना हंगामा होगा।
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Bihar News: आयुर्वेदिक दवाओं की खरीद में गड़बड़ी, 156 की लिस्ट में खरीदारी हुई महज 25 की
जागरण संवाददाता, पटना। प्रदेश में आयुष चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए 10 वर्षों बाद होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक व यूनानी दवाओं की खरीद प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन अब तक जिलों में सिर्फ होम्योपैथिक की दवाएं ही पहुंची हैं। आयुर्वेदिक-यूनानी दवाओं की खरीदारी के लिए राज्य आयुष समिति के कार्यपालक निदेशक का इंतजार है। वहीं राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में तीन वर्ष बाद टेंडर फाइनल हुआ, लेकिन अब तक अस्पताल में करीब 25 दवाएं ही पहुंची हैं।
राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में आवश्यक दवा सूची 220 की है और अस्पताल में पूर्व से करीब 156 तरह की दवाएं दी जाती रही हैं। वर्तमान में फार्मेसी में बने करीब 20 तरह के चूर्ण-टैबलेट के अलावा जो दवाएं आई हैं, उनकी एंट्री कर वितरण को पहुंचाई जा रही हैं।
- तिब्बी कॉलेज के अधीक्षक हकीम शाहनवाज अख्तर व पूर्व में प्राचार्य-अधीक्षक के प्रभार में रहे हकीम तनवीर ने बताया कि खरीद प्रक्रिया पूरी कर दवा वितरण शुरू कर दिया गया है।
- राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के उपाधीक्षक डॉ. अरुण कुमार सिंह ने बताया कि आवश्यक दवा सूची में से जिन दवाओं की अस्पताल में ज्यादा खपत है, उनमें से 25 दवाएं अस्पताल पहुंच चुकी हैं।
- रोगियों के बीच उनका वितरण शुरू कराया गया है। दुष्प्रभाव रहित होने के कारण गठिया-जोड़ दर्द, चर्म रोग, स्त्री-शिशु समेत तमाम जटिल रोगों के उपचार के लिए बड़ी संख्या में लोग आयुष चिकित्सा पद्धतियों को अपना रहे हैं।
राजकीय आयुर्वेदिक व यूनानी कॉलेजों में प्रतिदिन औसतन ओपीडी 400 से अधिक की हो गई है। आलम यह है कि सालभर इन अस्पतालों में दवा की कमी बनी रहती है। इसे देखते हुए राज्य आयुष समिति ने सभी संस्थानों के लिए एकसाथ दवा खरीद कर निर्णय लिया था, लेकिन अब तक वह पूरी नहीं हो सकी।
दवा सूची कम करने पर भी नहीं हुई खरीदारीप्रदेश में आयुष डॉक्टरों की नियुक्ति के बाद राज्य आयुष समिति ने छह माह पूर्व दवा खरीदारी की प्रक्रिया शुरू की थी। प्रदेश में दस वर्ष बाद नजदीकी सरकारी अस्पतालों में आयुष यानी यूनानी, आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धतियों से इलाज सुविधा के साथ मुफ्त दवा वितरण की पहल की गई है।
केंद्र सरकार की आवश्यक दवा सूची काफी बड़ी होने के कारण इनकी संख्या कम कर अधिक खपत वाली दवाओं की मात्रा बढ़ाने का निर्णय भी लिया गया।
दो माह से यह फाइल सिर्फ स्वीकृति के लिए फंसी पड़ी है। होम्योपैथिक की दवाएं अस्पताल तक पहुंच गईं, लेकिन आयुर्वेद व यूनानी दवाओं की खरीद पर अबतक टेंडर प्रक्रिया तक नहीं शुरू हुई है।
राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. धनंजय शर्मा ने बताया कि जल्द ही आयुर्वेदिक-यूनानी दवाओं की खरीदारी कर अस्पतालों में उनका वितरण सुनिश्चित कराया जाएगा।
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राज्य ब्यूरो, पटना। ED Raid on Hulas Pandey: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए लोजपा नेता व सुनील पांडे के भाई हुलास पांडेय के पटना में दो समेत तीन अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ दबिश दी है।
अब तक की कार्रवाई में प्रवर्तन निदेशालय को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और अन्य महत्वपूर्ण सबूत मिलने की बात सामने आ रही है। समाचार लिखे जाने तक प्रवर्तन निदेशालय की यह कार्रवाई जारी है। बता दें कि बालू खनन मामले में बिहार के कई बाहुबलियों के खिलाफ ईडी की जांच चल रही है। ईडी महत्वपूर्ण दस्तावेज जुटाने में लग गई है।
बालू खनन बिहार की कानून व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही है जिसमें पुलिस वाले जान तक गंवा रहे हैं।
बालू के अवैध खनन मामले में हुई तलाशीसूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ईडी ने हुलास पांडेय के खिलाफ यह कार्रवाई मनी लांड्रिंग व बालू के अवैध खनन मामले में की है। सूत्र के मुताबिक है प्रवर्तन निदेशालय बालू के अवैध खनन और सरकार को करोड़ों का राजस्व नुकसान पहुँचाने के मामले में लगातार कार्रवाई करती रही है।
इसी कड़ी में ईडी की अलग अलग टीमों ने शुक्रवार को हुलस के पटना में दो जबकि बंगलूरू में एक स्थान पर एक साथ सर्च ऑपरेशन शुरू किया। बालू के अवैध व्यापार मेंलव में ईडी अब तक करीब दर्जन भर लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है। इस मामले के कई आरोपित तो जेल में भी हैं।
अब इस मामले में लोजपा नेता हुलास का नाम भी आया है। फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई अब भी चल रही है। अन्य विवरण की प्रतीक्षा है।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भारत सरकार की एक प्रमुख एजेंसी है, जो आर्थिक अपराधों की जांच और उन पर कार्रवाई करने के लिए जिम्मेदार है।
ईडी के मुख्य काम हैं:- मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) की जांच करना।
- विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत अपराधों की जांच करना।
- आर्थिक अपराधों की जांच करना, जैसे कि कर चोरी, बैंक धोखाधड़ी, और अन्य आर्थिक अपराध।
- आर्थिक अपराधों के मामलों में अदालत में मामला दर्ज करना और अभियोजन चलाना।
- आर्थिक अपराधों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए नीतियों और कानूनों का मसौदा तैयार करना।
- अन्य देशों के साथ आर्थिक अपराधों की जांच और अभियोजन में सहयोग करना।
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Bihar News: सरकार के इस बड़े फैसले से मिलेगी हाइड्रोसील मरीजों को राहत, फ्री में करवा सकेंगे सर्जरी
जागरण संवाददाता, पटना। स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक सह फाइलेरिया के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने हाइड्रोसील रोगियों के लिए राहत की खबर दी है। हाइड्रोसील के 80 प्रतिशत मरीज फाइलेरिया से संक्रमित होते हैं। अब ये मरीज आयुष्यमान योजना के तहत फ्री में सर्जरी करा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में जनवरी 2024 तक फाइलेरिया संक्रमण के कारण 17 हजार 390 ऐसे हाइड्रोसील के मरीज थे जिनकी सर्जरी नहीं हुई थी। 30 नवंबर तक इनमें से 7 हजार 380 का ऑपरेशन हो चुका है। शेष लोगों की सर्जरी जल्द से जल्द कराने के लिए पंचायत से जिला स्तर तक सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
- डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने बताया कि आयुष्मान कार्डधारी संबद्ध सरकारी-निजी अस्पतालों में इसके जरिए सर्जरी करा सकते हैं।
- रोगियों को परेशानी नहीं हो इसलिए संबद्ध निजी अस्पतालों से अपील की गई है कि वे राज्य फाइलेरिया नियंत्रण कार्यालय को इसकी सूचना देकर फाइलेरिया संक्रमित हाइड्रोसील मरीजों का ऑपरेशन करें।
- जनवरी में चिह्नित रोगियों का पुनरीक्षण किया जा रहा है ताकि सभी पात्र रोगियों को समय पर उपचार मिल सके।
- इससे हाइड्रोसील रोगियों की सही संख्या पता चलने के साथ ऑपरेशन प्रक्रिया भी सुचारू रूप से संचालित करने में मदद मिलेगी।
बताते चलें कि गुरुवार को दैनिक जागरण ने सर्जरी की धीमी गति की समस्या को प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मार्च तक हरहाल में सभी मरीजों की सर्जरी का लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया है।
फाइलेरिया के कारण 80 प्रतिशत को होती यह समस्याडॉ. परमेश्वर प्रसाद ने बताया कि इस रोग के 80 प्रतिशत मरीज फाइलेरिया संक्रमित होते हैं। सरकार ने मार्च तक इन सभी की सर्जरी की निशुल्क सर्जरी कराने के लिए पीएचसी, अनुमंडल, रेफरल, जिला अस्पतालों से लेकर मेडिकल कॉलेजों तक में कैंप मोड में व्यवस्था की है।
स्वास्थ्यकर्मियों, आशा कार्यकर्ता व स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से मरीजों को सर्जरी के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
इस पहल का सबसे ज्यादा लाभ उन लोगों को हो रहा है जो आर्थिक तंगी के कारण सर्जरी नहीं करा पाते व इस शर्मनाक स्थिति से जूझने को विवश हैं।
इस पहल के तहत कई विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। मरीजों को अस्पताल लाने व घर पहुंचाने की निशुल्क एंबुलेंस सुविधा दी जा रही है। सर्जरी के बाद पोस्ट-आपरेटिव केयर के लिए दवाएं मुफ्त दी जाती हैं।
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BPSC Protest: 'गिर जाएगी सरकार', छात्रों पर लाठीचार्ज के बाद पीके का बड़ा बयान; गरमाई बिहार की सियासत
जागरण संवाददाता, पटना। बीपीएससी अभ्यर्थियों को भड़काने के आरोप में लाठीचार्ज के बाद सचिवालय थाना पुलिस के हत्थे चढ़े शिक्षक रोहित प्रियदर्शी को कोर्ट में पेश कर गुरुवार को जेल भेज दिया गया। वह स्वयं भी बीपीएससी अभ्यर्थी हैं। उसके अलावा एक और शिक्षक पर नामजद एवं ढाई सौ अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी की गई है। कई कोचिंग संचालक भी पुलिस के रडार पर हैं।
गर्दनीबाग थानेदार संजीव कुमार ने उनकी सूची तैयार कर वरीय पदाधिकारियों को सौंप दी है। उन कोचिंग संचालकों पर निगरानी रखी जा रही है। सचिवालय डीएसपी डॉ. अनु कुमार ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि अन्य आरोपितों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।
उड़ा दी फर्जी सूचनाबीपीएससी अभ्यर्थियों द्वारा एनआइटी मोड़ पर धरना-प्रदर्शन किए जाने की सूचना पर पुलिस गुरुवार की सुबह से ही चौकस थी। कहा जा रहा था कि अभ्यर्थियों का झुंड गंगा घाट घूमने के बहाने जुटने वाला है और मोड़ पर धरना दिया जाएगा।
हालांकि, शाम तक यह सूचना अफवाह साबित हुई। बावजूद इसके पुलिस ने अशोक राजपथ इलाके में चौकसी बढ़ा दी है। अधिसंख्य कोचिंग संस्थानों का संचालन इसी इलाके और आसपास के मोहल्ले में हो रहा है, जिन पर पुलिस की पैनी नजर है।
मोबाइल नंबरों से होगी पहचानअभ्यर्थियों को भड़काने के आरोपितों के मोबाइल नंबर भी पुलिस को मिले हैं। सचिवालय थाने में दर्ज प्राथमिकी के तहत उन संदिग्ध मोबाइल नंबरों के धारकों की पहचान की जा रही है।
गर्दनीबाग धरनास्थल पर आने-जाने वाले लोगों की वीडियोग्राफी भी कराई जा रही है। सीसीटीवी कैमरों से भी प्रदर्शनकारियों की निगरानी करने की व्यवस्था की जा रही है।
पीके ने धरनास्थल पर जाकर छात्रों से की मुलाकात- जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने गुरुवार की देर शाम गर्दनीबाग स्थित धरनास्थल पर जाकर बीपीएससी अभ्यर्थियों से मुलाकात की। उन्होंने छात्रों के बीच घोषणा की कि वे शुक्रवार दोपहर एक बजे छात्रों के साथ मार्च करेंगे, जिसमें वे सबसे आगे रहेंगे।
- पीके ने बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) छात्रों को भरोसा दिलाया कि अब कोई उन पर लाठीचार्ज नहीं करेगा और अगर ऐसा हुआ तो सरकार गिर जाएगी।
- अगर पुलिस ने फिर से छात्रों पर लाठीचार्ज किया तो सबसे पहले वे ही लाठी खाएंगे।
- उल्लेखनीय है कि बीपीएससी की 70वीं बैच की परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाकर रद करने की मांग कर रहे हैं।
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा रद करने की मांग को लेकर आंदोलनरत छात्रों पर लाठीचार्ज की निंदा हर विपक्षी दल कर रहा है। विपक्ष के कई नेताओं ने आंदोलन करने वाले छात्रों से मुलाकात भी की है।
इसी कड़ी में राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और संसद सदस्य प्रियंका गांधी भी बीपीएससी छात्रों के समर्थन में खड़ी हो गई हैं। दोनों नेताओं ने गुरुवार को एक्स पर पोस्ट डालकर बिहार में हुई इस घटना की निंदा की है।
छात्रों के समर्थन में राहुल गांधी- राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में कहा कि उन्होंने संसद में कहा था कि जिस तरह एकलव्य का अंगूठा कटवाया गया था, उसी तरह पेपर लीक करवाकर युवाओं का अंगूठा काटा जाता है। इसका ताजा उदाहरण बिहार है।
- बीपीएससी अभ्यर्थी पेपर लीक के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, परीक्षा रद करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन एनडीए की की सरकार अपनी नाकामी को छुपाने के लिए उल्टा छात्रों पर ही लाठीचार्ज करवा रही है।
- राहुल गांधी ने घटना को शर्मनाक और निंदनीय बताते हुए कहा कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम उनके साथ हैं और उन्हें न्याय दिलाने के लिए लड़ेंगे।
- प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपनी पोस्ट में लिखा कि हाथ जोड़ रहे युवाओं पर इस तरह लाठी चलाना क्रूरता की पराकाष्ठा है। भाजपा राज में रोजगार मांगने वाले युवाओं को लाठियों से पीटा जाता है।
- यूपी हो, बिहार हो या मध्य प्रदेश युवा अगर अपनी आवाज उठाते हैं तो उनके साथ बर्बरता की जाती है।
- दुनिया के सबसे युवा देश के नौजवानों का भविष्य क्या होगा, यह सोचना और उसके लिए नीतियां बनाना सरकारों का काम है।
- प्रियंका ने कहा कि भाजपा के पास सिर्फ कुर्सी बचाने का विजन है। जो मांगेगा रोजगार, उस पर होगा अत्याचार।
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