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Updated: 10 hours 12 min ago

BPSC Protest: FIR के बाद भी पीछे नहीं हटे प्रशांत किशोर, अब नीतीश सरकार को दे दिया 2 दिनों का अल्टीमेटम

December 30, 2024 - 8:22pm

राज्य ब्यूरो, पटना। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) ने बीपीएससी अभ्यर्थियों की समस्या को लेकर सरकार को चेतावनी दी है।

उन्होंने सोमवार को प्रेसवार्ता कहा कि हम सरकार को दो दिन (48 घंटे) का समय दे रहे हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पटना से बाहर हैं, वह रात तक वापस आ जाएंगे।

पीके ने कहा कि सरकार के अधिकारियों को भी अभ्यर्थियों के साथ आज की बातचीत के बाद कुछ समय चाहिए। इसलिए हम बस 2 दिन का समय देंगे, जिसमें सरकार कुछ रास्ता निकाले बच्चों के भविष्य के लिए। इसके बाद हम दो जनवरी से धरना पर बैठ जाएंगे।

पांच सदस्यों की बनाई गई कमिटी

उल्लेखनीय है कि जन सुराज के आवाह्न पर रविवार को बीपीएससी अभ्यर्थियों की गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के समीप छात्र संसद लगाया था। इसके बाद पांच सदस्यों की कोर कमिटी बनाई गई थी। कमिटी के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा मुलाकात की।

अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव से मिलकर दोबारा परीक्षा की मांग रखी है और मुख्यमंत्री से भी मिलने की बात कही। वहां से लौटे छात्रों ने बताया कि मुख्य सचिव ने हमारी पांच मांगों को मानने से न इंकार किया और न ही हामी भरी। उन्होंने आश्वासन दिया है। जो भी फैसला लिया जाएगा, वह आपके हित में होगा।

पूर्व डीजी आरके मिश्रा भी अभ्यर्थियों के साथ मुख्य सचिव से मिले, उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया है कि जो भी घटनाएं घटी इन सभी पर जांच चल रही है।

राज्यपाल से मिले पप्पू यादव

दूसरी ओर, बीपीएससी अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज से नाराज पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने सोमवार को राज्यपाल से मिलकर छात्रों के समर्थन में छह सूत्री मांगों को ज्ञापन सौंपा।

बाद में उन्होंने मीडिया से कहा कि राज्यपाल ने डीएम और एसपी को बुलाया है। राज्यपाल ने बीपीएससी चेयरमैन से मेरे सामने बात की भी है। जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन मिला है।

इसके अलावा राज्यपाल ने सीएम से बात करने की भी बात कही है। उन्होंने प्रशांत किशोर को लेकर कहा उन्हें छात्र कभी भी माफ नहीं करेंगे और इन्हें बिहार से भगाना होगा।

पीके का लिया नाम

उन्होंने कहा कि पीके ने बच्चों को पिटवाने का काम किया है। आंदोलन को बेचने का काम किया है। वह छात्र की ताकत को नहीं जानते है।

उन्होंने कहा कि पूर्णिया में हाईकोर्ट के बेंच की स्थापना स्थापना हो, इस सिलसिले में राज्यपाल महोदय से आश्वासन मिला है। राज्यपाल महोदय से आग्रह किया है कि पटना हाईकोर्ट बिहार की दूसरी (खंडपीठ) न्यायपीठ की स्थापना पूर्णिया जिला मुख्यालय में स्थापित हो। उन्होंने बाद में मुख्य सचिव से भी मुलाकात की।

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Bihar Land Survey: 6 शहरों से शुरू होगा जमीन सर्वे का काम, आ गई नीतीश सरकार की नई डेडलाइन

December 30, 2024 - 6:44pm

राज्य ब्यूरो, पटना। भूमि सर्वेक्षण के दौरान रैयतों की कठिनाइयों को देखते हुए सरकार ने इसे जुलाई 2026 तक पूरा करने का नया लक्ष्य निर्धारित किया है। उस समय तक ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्रों का भी सर्वेक्षण हो जाएगा। शहरी क्षेत्रों का सर्वे भारत सरकार करा रही है। पहले चरण में दो लाख से कम आबादी वाले शहरों में होगा।

इसकी शुरुआत सोनपुर, तारापुर, बक्सर, बांका, राजगीर और डेहरी से होगी। यह जानकारी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सोमवार को दी। वे सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के संवाद कक्ष में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि अनुमंडलों में डीसीएलआर के 40-50 पदों पर बिहार राजस्व सेवा के अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि रैयतों को कोई परेशानी न हो। इसीलिए विशेष भूमि सर्वेक्षण में स्वघोषणा पत्र जमा करने की मियाद 30 से बढ़ाकर 180 दिन की गई है।

जारी किया गया है एक बुकलेट

उन्होंने कहा कि किश्तवार के लिए एक के बदले तीन महीने का समय निर्धारित किया गया है।दावा आपत्ति के निष्पादन की समय सीमा भी एक से बढ़ाकर दो महीने कर दी गई है। कैथी लिपि के खतियानों को पढ़ने के लिए विभाग की ओर से एक बुकलेट जारी किया गया है। इससे रैयतों को काफी सुविधा हो रही है।

उन्होंने कहा कि भूमि सर्वेक्षण पूरा होने के बाद भूमि विवाद समाप्त हो जाएगा। इस प्रक्रिया में बड़ी संख्या में नौकरी और रोजगार का भी सृजन हो रहा है। 14 हजार से अधिक लोग भूमि सर्वेक्षण में नियोजित हैं।

एक प्रश्न के उत्तर में अपर मुख्य सचिव ने कहा कि भूदान की जमीन की नए सिरे से जांच होगी।क्योंकि पहले की जांच रिपोर्ट में भूदान की जमीन का पूरा विवरण नहीं दिया गया है।

उन्होंने कहा कि विभाग की प्राय: सभी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं। जमाबंदी में सुधार के लिए परिमार्जन प्लस पोर्टल बनाया गया है। राज्य में भूमि सर्वेक्षण जुलाई 2026 तक पूरा हो जाएगा। राजस्व नक्शे की डोर स्टेप डिलीवरी हो रही है। दाखिल खाजिर याचिकाओं का निबटारा समय-सीमा में किया जा रहा है।

आवास के लिए जमीन
  • अपर मुख्य सचिव ने बताया कि सरकार 90 हजार भूमिहीन परिवारों को आवास के लिए पांच डिसमिल जमीन देने जा रही है। यह अभियान बसेरा -2 का हिस्सा है। अभियान-2 में इस अभियान के पहले चरण के छूटे हुए परिवारों के अलावा नए गृहविहीन परिवारों को सर्वेक्षण किया गया। ऐसे परिवारों की संख्या एक लाख 20 हजार 722 है।
  • इनमें 30 हजार 722 परिवारों को जमीन दे दी गई है। बचे हुए 90 हजार परिवारों को जमीन देने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि इन्हें समूह में बसाने की योजना है। सड़क, बिजली, पानी एवं अन्य जरूरी सुविधाओं का इंतजाम सरकार की ओर से किया जाएगा।
भू लगान मद से दो सौ 74 करोड़

वित्तीय वर्ष 2024-25 में परिमार्जन प्लस पोर्टल पर ऑनलाइन डिजिटाइज जमाबंदी पंजियों में त्रुटियों के निराकरण के लिए 10 लाख से अधिक आवेदन आए। इनमें चार लाख से अधिक का निबटारा किया गया।

परिमार्जन प्लस पोर्टल से संबंधित त्रुटियों के निराकरण हेतु प्राप्त कुल पांच लाख 46 हजार मामलों में से 47 हजार का निबटारा किया गया। इस साल अबतक भू लगान मद में सरकार के खजाने में दो सौ 74 करोड़ रुपया जमा हो चुका है।

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BPSC Protest: 'मुख्यमंत्री जी एक्शन लें', नीतीश को चिराग की चिट्ठी; बीपीएससी छात्रों से मुख्य सचिव की क्या हुई बात

December 30, 2024 - 6:38pm

डिजिटल डेस्क, पटना। पटना में रविवार को बीपीएससी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज हुआ था। इसके अगले दिन यानी कि सोमवार को 10 बीपीएससी अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल ने बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीना से मुलाकात की। इस दौरान, उन्होंने अपनी सारी चिंताओं के बारे में बातचीत की।

मुलाकात के बाद अभ्यर्थियों ने बताया कि चर्चा संतोषजनक रही। मुख्य सचिव ने उनकी समस्याओं को ध्यान से सुना। इसके साथ, मुख्य सचिव ने उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार कर रही है और जल्द ही कोई निर्णय लेगी।

मुख्य सचिव से मिला आश्वासन

प्रतिनिधिमंडल में शामिल अभ्यर्थियों में से एक बेतिया निवासी निखिल तिवारी ने कहा कि मुख्य सचिव के साथ बातचीत अच्छी रही। उन्होंने हमारी चिंताओं को गंभीरता से लिया और हमें आश्वासन दिया कि जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

दूसरी ओर, मीडिया से बात करते हुए अभ्यर्थियों ने कहा कि उनका अगला कदम सरकार के निर्णय पर निर्भर करेगा। मुजफ्फरपुर के एक अभ्यर्थी सुभाष कुमार ने कहा कि जब तक सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं देती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

सीएम नीतीश फिलहाल पटना से बाहर

कुमार ने आगे कहा कि सीएम नीतीश कुमार अभी पटना से बाहर हैं, इसलिए उनके लौटने के बाद ही कोई निर्णय लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अभी तक कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है।

उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव ने हमारी मांगों को सुना है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। सुभाष ने कहा कि जब तक सरकार कार्रवाई नहीं करती, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।

चिराग ने दी प्रतिक्रिया 

दूसरों ओर, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है। अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर उन्होंने लिखा कि बिहार के युवाओं और बीपीएससी अभ्यर्थियों के मुद्दों को लेकर एनडीए सरकार के प्रमुख सहयोगी होने के नाते मैंने बिहार सरकार और माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी से तुरंत हस्तक्षेप करने की अपील की है। 

चिराग ने आगे लिखा कि इसके परिणामस्वरूप सरकार की ओर से मुख्य सचिव (जो सरकार के सबसे बड़े अधिकारी होते हैं) ने अभ्यर्थियों और छात्रों के साथ संवाद की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

उन्होंने लिखा कि जल्द ही इस पहल के सार्थक परिणाम दिखेंगे। यह हमारी सरकार की सकारात्मक सोच और छात्रों के प्रति संवेदनशीलता का परिणाम है।

चिराग ने छात्रों से की अपील 
  • चिराग ने लिखा कि मैं अभ्यर्थियों से भी अपील करता हूं कि वे शांतिपूर्ण और रचनात्मक तरीके से अपनी बातों को सरकार के समक्ष रखें और किसी भी राजनीतिक व्यक्तियों के बहकावे में आने से बचें। यह मुद्दा पूर्ण रूपेण युवाओं के भविष्य और बिहार के विकास से जुड़ा है, जिसे राजनीति से ऊपर रखकर हल किया जाना चाहिए। 
  • हमारी पार्टी हर कदम पर युवाओं के साथ खड़ी है। कुछ राजनीतिक व्यक्ति और दल जो छात्रों को भटकाने का काम कर रहें है , ये गलत है। अपने राजनीतिक लाभ के लिए छात्रों का इस्तेमाल करना कतई उचित नहीं है। माननीय मुख्यमंत्री जी स्वयं इस मामले को लेकर सजग है, सरकार छात्रों की हर संभव मदद के लिए प्रयासरत है।
लाठीचार्ज को लेकर जताई नाराजगी

चिराग ने आगे लिखा कि पटना में हुए छात्रों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन के इस्तेमाल का मैं कभी समर्थक नहीं रहा, पुलिस को संयम बरतना चाहिए। छात्र अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे हैं तो उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से समझा कर उनकी समस्याओं के निदान के लिए प्रयास करना चाहिए।

न कि उनपर लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल करना चाहिए। मैंने मुख्यमंत्री जी से इस बात को भी कहा है कि ऐसे पुलिस अधिकारी जो ऐसे कार्यों में संलिप्त पाए जाते हैं, उनपर भी कानून कार्रवाई की जानी चाहिए।

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'अभी हमसे कंबल मांगे और हमसे ही...', छात्र और प्रशांत किशोर के बीच हुई तीखी बहस; वायरल वीडियो के बाद माहौल गर्म

December 30, 2024 - 2:25pm

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार की राजधानी पटना में इन दिनों जमकर बवाल मचा है। रविवार को बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) अभ्यर्थियों ने 70वीं प्रारंभिक परीक्षा रद करने को लेकर खूब प्रदर्शन किया। जेपी गोलंबर पर देर शाम छात्रों ने बैरिकेडिंग तोड़ आगे बढ़ने की कोशिश की।

इसके बाद, अभ्यर्थियों को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। वहीं, उनपर दो वाटर कैनन से पानी की बौछार भी की गई। बताया जा रहा है कि पुलिस की लाठी से सात-आठ छात्र भी जख्मी हो गए। वहीं, दर्जन भर प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। 

प्रदर्शन में पहुंचे प्रशांत किशोर

प्रदर्शन के दौरान छात्रों को जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर का भी साथ मिला। वह भी अभ्यर्थियों का सपोर्ट करने के लिए पहुंचे और मुख्यमंत्री आवास तक पैदल मार्च करने का निर्णय लिया गया। इस बीच, प्रशांत किशोर और छात्रों के बीच तीखी नोकझोंक भी हो गई।

छात्रों से हुई बहस

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें प्रशांत किशोर और छात्रों के बीच हुई बहस को दिखाया गया है। इसमें छात्र प्रशांत किशोर का विरोध करते हुए नजर आते हैं। इसपर प्रशांत किशोर कहते हैं कि कौन कौन यहां छात्र आए हैं? अभी नए नए नेता बने हैं।

इसपर छात्र जवाब देते हैं कि नेता आप हैं हम नहीं हैं। इसकी प्रतिक्रिया देते हुए पीके सख्त तेवर कहते हैं कि अभी कंबल हमसे मांगे हो और हमसे ही नेतागिरी कर रहे हो। वहीं, छात्र कहते हैं कि आप कंबल देकर धौंस दिखा रहे हैं क्या? 

दो कौड़ी के बाज़ारू लोग राजनीति को भी दुकानदारी समझ बैठे है। जैसे अपने पेड स्टाफ सह पेड कार्यकर्ताओं पर धौंस जमाते है वैसे ही जनता को समझ लिया है। इ बिहार है बाज़ारू बाबू- बीजेपी के पैसे से यहाँ वोट और मुद्दा नहीं बंटेगा pic.twitter.com/Wx0YGXNKPV

— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) December 30, 2024

राजद ने साधा निशाना
  • वहीं, छात्रों के साथ हुई प्रशांत किशोर की बहस क वीडियो को राजद ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है। वीडियो के साथ पार्टी ने लिखा है कि दो कौड़ी के बाजारों लोग राजनीति को भी दुकानदारी समझ बैठे हैं।
  • राजद ने आगे लिखा कि जैसे अपने पेड स्टाफ सह पेड कार्यकर्ताओं पर धौंस जमाते हैं, वैसे ही जनता को समझ लिया है। इ बिहार है बाजारू बाबू-बीजेपी के पैसे से यहां वोट और मुद्दा नहीं बंटेगा। 
  • इधर, प्रशांत किशोर पर पटना में प्रशासन ने भी एक्शन लिया है। प्रदर्शन व हंगामा मामले में प्रशांत किशोर, जनसुराज के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती समेत 21 को नामजद अभियुक्त बनाया गया है।
पप्पू यादव ने भी बोला हमला

दूसरी ओर, पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने भी प्रशांत किशोर का एक वीडियो शेयर करते हुए निशाना साधा है। अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो के साथ उन्होंने लिखा कि देखिए आंदोलनरत छात्रों का नया-नया नेता बने फर्जी रणनीतिकार कैसे गुंडों की भाषा में धमका रहा है।

पप्पू यादव ने आगे लिखा कि यह खुद नशे में चूर हैं, यह छात्रों का नशा उतारने का दावा कर रहे हैं! इन छात्रों को मोदी नीतीश जैसा हवा-हवाई न समझो, जो कुछ भी हुल दोगे चुप हो जाएंगे! ये फूंक देंगे हवा में उड़ जाओगे

देखिए आंदोलनरत छात्रों को नया-नया नेता बने

फर्जी रणनीतिकार कैसे गुंडों की भाषा में

धमका रहा है

यह खुद नशे में चूर हैं, यह छात्रों का नशा

उतारने का दावा कर रहे हैं! इन छात्रों को

मोदी नीतीश जैसा हवा-हवाई न समझो,जो कुछ भी हुल दोगे चुप हो जाएंगे! ये फूंक देंगे हवा में उड़ जाओगे pic.twitter.com/UeL2PoVhr6

— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) December 30, 2024

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BPSC Row Photos: बीपीएससी छात्रों का बिहार बंद-चक्काजाम, पटना से दरभंगा और आरा तक दिख रहा असर

December 30, 2024 - 1:56pm

जागरण टीम, पटना/आरा/दरभंगा। बिहार में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा रद करने की मांग को लेकर छात्रों ने अपना प्रदर्शन तेज कर दिया है। इस क्रम में बिहार बंद और चक्काजाम का एलान किया गया है। इसका थोड़ा बहुत असर भी राजधानी पटना, आरा और दरभंगा में देखने को मिला है। इसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं।

ऐसे में आइए जानते हैं कि बीपीएससी के छात्रों के एलान का कहां कितना असर हुआ है। इसके साथ ही अपनी कौन सी मांगों को लेकर छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं।

बता दें कि इस मामले में सरकार की ओर से बातचीत का दरवाजा खुला होने की बात प्रदेश के मुख्य सचिव पहले ही कह चुके हैं।

पटना की गलियों में घूमकर भी किया प्रदर्शन

राजधानी पटना में प्रदर्शनकारियों ने गलियों में घूमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया। इस दौरान अपने हाथों में झंडे-बैनर और पोस्टर लेकर प्रदर्शनकारी नारेबाजी कर रहे थे। आइसा की ओर से उसके कार्यकर्ताओं ने पटना विश्वविद्यालय के सामने चक्काजाम किया।

पटना विश्वविद्यालय के सामने आइसा का चक्काजाम।

बिहार में आज चक्काजाम, ये हैं मांगें
  • बीपीएससी की 70वीं CCE परीक्षा रद करने, अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज, पेपर लीक करने वाले माफियों की गिरफ्तारी और मृतक बीपीएससी अभ्यर्थी सोनू कुमार के स्वजन को मुआवजा देने की मांग छात्र कर रहे हैं।
  • इसे लेकर आइसा और इंकलाबी नौजवान छात्र संगठन के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सोमवार को जगह-जगह चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन किया है।
आरा में बस और ट्रेन रोकी
  • जानकारी के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने भोजपुर जिले के आरा में रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर प्लेटफार्म नंबर 1 पर 03376 बक्सर-पटना पैसेंजर को रोककर जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन के इंजन और ट्रैक पर खड़े होकर जमकर प्रदर्शन किया।
  • आरा-पटना-सासाराम मुख्य मार्ग को सरदार पटेल बस स्टैंड के पास बैराकेडिंग कर जाम किया गया है। इससे हाइवे पर ट्रैफिक काफी देर तक रुका रहा।

भोजपुर जिले के आरा में ट्रेन रोककर प्रदर्शन करते छात्र संगठनों के कार्यकर्ता।

सरकार बड़े दावे करती है: रंजन

बीपीएससी की 70वीं पीटी पटना समेत बिहार के अनेक केंद्रों पर पेपर लीक और घोर आपत्तिजनक अनियमितताओं के साथ संपन्न हुई है। परीक्षा रद करने की मांग की जा रही है। सरकार बड़े-बड़े दावे करती है पर एक परीक्षा ठीक ढंग से करा पाने में सफल नहीं है। लोकतांत्रिक मांगें उठाने पर जेल, फर्जी मुकदमे और बर्बर पुलिसिया दमन नियम बनते जा रहा है। याद करें कि इसी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन का विरोध कर रहे छात्र-छात्राओं पर भी लाठीचार्ज किया गया था। - शिव प्रकाश रंजन, अगिआंव विधायक और इंकलाबी नौजवान सभा के राज्य सचिव

इधर, आइसा-आरवाइए ने कहा है कि सूबे में शिक्षा और परीक्षा माफियाओं की गिरफ्त में है। समय पर डिग्री न मिलना, कॉलेज में शिक्षकों का न होना, परीक्षा में धांधली, पैसे पर बिकती नौकरी और डिग्री बिहार में आम चलन बनता जा रहा है। परंतु प्रदेश की सरकार इन माफियाओं पर लगाम लगाने की बजाय युवाओं पर लाठियां चला रही है।

मुजफ्फरपुर में सोनू ने ले ली थी अपनी जान

बता दें कि बीते दिनों मुजफ्फरपुर केंद्र पर BPSC-PT परीक्षा देने वाले पटना जिले के पालीगंज के सोनू कुमार नाम के छात्र ने इस तनाव में अपनी जान ले ली थी। आरोप है कि यह आत्महत्या नहीं, सांस्थानिक हत्या है।

इसे लेकर बीते रोज 29 दिसंबर को पूरे बिहार में युवाओं-अभ्यर्थियों ने मोमबत्ती जलाकर सोनू कुमार को श्रद्धांजलि दी थी। साथ ही उसके परिवार वालों को पांच करोड़ का मुआवजा देने की सरकार से मांग की थी। इसके अलावा 30 दिसंबर को चक्काजाम करने का एलान किया था।

छात्रों पर लाठीचार्ज के विरोध में दरभंगा में रोकी ट्रेन

इधर, दरभंगा में सोमवार 30 दिसंबर को पटना में बीएससी अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में छात्र संगठनों ने सुबह दरभंगा जंक्शन पर दिल्ली जाने वाली ट्रेन को रोककर विरोध-प्रदर्शन किया।

इंडिया गठबंधन से जुड़े विभिन्न छात्र संगठनों के आंदोलनकारियों ने 10 मिनट के लिए दिल्ली जाने वाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस बिहार संपर्क क्रांति को रोक दिया। प्रदर्शनकारी इंजन के सामने खड़े हो गए थे। वे लाठीचार्ज का विरोध करते हुए कहा कि सरकार को अभिलंब वार्ता करने की मांग कर रहे थे।

भाजपा नेता ने प्रशांत किशोर के खिलाफ की शिकायत

इधर, भाजपा नेता कृष्ण कुमार कल्लू ने रविवार की रात जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने के लिए गांधी मैदान थाने में शिकायत दर्ज कराई है।

उन्होंने प्रशांत किशोर पर बीपीएससी अभ्यार्थियों को भड़काने का आरोप लगाया है। थानेदार सीताराम प्रसाद ने बताया कि सनहा दर्ज कर लिया गया है। विधि सम्मत कार्रवाई की जारी है।

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Acharya Kishore Kunal: कोनहारा घाट पर पहुंचा आचार्य किशोर कुणाल का पार्थिव शरीर, थोड़ी देर में होगा अंतिम संस्कार

December 30, 2024 - 1:15pm

जागरण संवाददाता, पटना। Acharya Kishore Kunal Last Rites: महावीर मंदिर न्यास के सचिव और अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के संस्थापक आचार्य किशोर कुणाल का रविवार सुबह निधन हो गया। आचार्य किशोर को हार्ट अटैक के बाद इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। आचार्य का अंतिम संस्कार सोमवार यानी आज किया जाएगा।

किशोर कुणाल का अंतिम संस्कार उनके गृह जिले में किया जाएगा। इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को महावीर मंदिर परिसर में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। आचार्य किशोर कुणाल का पार्थिव शरीर महावीर मंदिर के लिए घर से निकल चुका है।

महावीर मंदिर के लिए निकली आचार्य किशोर कुणाल की शव यात्रा

पिता को कंधा देते शायन कुणाल

अंतिम दर्शन के लिए महावीर मंदिर में उमड़ी भीड़

कोनहारा घाट हाजीपुर अंतिम संस्कार के लिए पहुंचा आचार्य किशोर कुणाल का पार्थिव शरीर

कोनहारा घाट पर अंतिम दर्शन के लिए उमरा लोगों का हुजुम

सांस लेने में परेशानी के बाद लाया गया अस्पताल

महावीर वात्सल्य हार्ट हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि आचार्य को तीन दिनों से सर्दी-खांसी थी। ओपीडी परामर्श के आधार पर वे घर पर ही इसका उपचार करा रहे थे। शनिवार की रात लगभग 2 बजे तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल लाया गया।

नेबुलाइजेशन व दवा देने के बाद सुबह चार बजे तक उनकी हालत काफी हद तक सामान्य हो गई। सुबह पांच से छह बजे के करीब उन्होंने आराम करने के लिए कहा। 6 बजे के बाद अचानक उनकी हालत फिर खराब हो गई। 7 बजे के करीब उन्हें बेहोश देखकर डॉक्टरों ने लगातार कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) दिया, लेकिन उन्हें बचया नहीं जा सका।

रविवार को सुबह से शाम तक श्रद्धांजलि देने वालों का लगा रहा तांता

आचार्य किशोर कुणाल के निधन की सूचना मिलते ही राजधानीवासी हतप्रभ रह गए। किसी को विश्वास ही नहीं हुआ। सभी खबर की सत्यता जानने में जुट गए। थोड़ी देर में ही पता चल गया कि यह आचार्य किशोर कुणाल अब नहीं रहे। तब तक 9.30 बज चुका था।

उसके बाद उनके शव को महावीर वात्सल्य अस्पताल से सदाकत आश्रम स्थिति आवास पर लाया गया और लोगों के दर्शन के लिए रख दिया गया।

इसके साथ ही यहां पर उनका अंतिम दर्शन करने एवं श्रद्धांजलि देने वालों का सिलसिला शुरू हो गया। उस समय आचार्य किशोर कुणाल के समधी एवं मंत्री अशोक चौधरी एवं उनके स्वजनों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

उसके बाद महावीर वात्सल्य के पूर्व निदेशक डॉ. एसएस झा, डॉ. एसएन सिन्हा, वर्तमान निदेशक डॉ. प्रभात कुमार, महावीर कैंसर के अधीक्षक डॉ. एलबी सिंह सहित कई लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

वहीं, बिहार रेडक्रास के अध्यक्ष डॉ. बीबी सिन्हा, कबीरपंथी आश्रम के महंत ब्रजेश मुनि महाराज, बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश जैन, पूर्व अध्यक्ष उपेन्द्र नारायण विद्यार्थी, सियाकुंज बिहारी ठाकुरबाड़ी के महंत पं. नागेंद्र दास, महावीर आरोग्य के निदेशक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद, सांसद पप्पू यादव, विधान पार्षद संजय सिंह, पूर्व विधायक अनंत सिंह, जदयू नेता छोटू सिंह सहित कई लोगों ने श्रद्धांजलि दी।

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Acharya Kishore Kunal: 21 साल में नौकरी, फिर लिया वीआरएस; शानदार रहा किशोर कुणाल का IPS से आचार्य बनने तक का सफर

December 30, 2024 - 11:59am

जागरण संवाददाता, पटना। आचार्य किशोर कुणाल का बतौर आइपीएस अधिकारी शानदार करियर रहा है। विद्यार्थी जीवन से लेकर आइपीएस अधिकारी के रूप में कार्य करने तक अपने परिश्रम एवं ईमानदारी के लिए वे हमेशा याद किये जाते रहेंगे।

मुजफ्फरपुर में हुआ जन्म

आचार्य किशोर कुणाल का जन्म 1950 में मुजफ्फरपुर के बरुराज में हुआ था। अपने गांव के हाईस्कूल से ही उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की। उनकी प्रतिभा देखते हुए उन्हें छात्रवृत्ति प्रदान की गई।

कला में रुचि होने के कारण 1968 में उन्होंने पटना विश्वविद्यालय में सर्वोच्च अंक प्राप्त कर नामांकन लिया। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से ही इतिहास में ऑनर्स की परीक्षा पास की।

पहले प्रयास में मिली UPSC परीक्षा में सफलता
  • 1971 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी। उस समय उनकी आयु 21 वर्ष नहीं होने के कारण केवल आइपीएस की परीक्षा में शामिल हो पाए और उसमें वे सफल हो गए। 1972 में वे आइपीएस अधिकारी बन गए। उन्हें गुजरात कैडर मिला था और मेहसाणा में पहली पोस्टिंग हुई।
  • 1978 में वे बिहार आ गए और 1984 तक राज्य के विभिन्न जिलों में एसपी रहे। 1983 से 1984 तक वे पटना के एसएसपी रहे। उसी समय उन्होंने महावीर मंदिर के विकास कार्यों की योजना बनाई।

उन्होंने अपनी सेवा गृह मंत्रालय में भी दी थी। उसी दौरान उन्हें अयोध्या प्रकोष्ठ में ओएसडी नियुक्त किया गया था। उस समय वीपी सिंह देश के प्रधानमंत्री थे। उसके बाद प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर ने भी उन्हें अयोध्या के लिए ओएसडी बनाए रखा।

2001 में लिया वीआरएस

प्रधानमंत्री नरसिंह राव ने भी राम मंदिर के मामले में आचार्य किशोर कुणाल की सेवाएं लीं। उसके बाद वे अपनी सेवा सीआइएसएफ में नौ साल तक डीआइजी एवं आइजी के रूप में दी। वे मई 2001 में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली।

कड़क अधिकारी के रूप में हमेशा याद किए जाएंगे

आचार्य किशोर कुणाल एक कड़क आइपीएस अधिकारी के रूप में हमेशा याद किए जाएंगे। पटना में एसएसपी के रूप में उनके कार्य आज भी याद किए जाते हैं। एक वर्ष के कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई उल्लेखनीय कार्य किए थे। स्टेशन स्थित महावीर मंदिर एवं अन्य संस्थान उसी के परिणाम हैं।

धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष के रूप चलाया था अभियान

धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल ने बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के अध्यक्ष के रूप में मंदिरों में सुधार के लिए अभियान चलाया था। इस दौरान मंदिरों में संगत-पंगत चलाकर समाज में सुधार लाने के लिए उल्लेखनीय प्रयास किया था।

इस अभियान के दौरान पालीगंज मठ सहित कई मंदिरों में दलित पुजारी नियुक्त किए गए थे।

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Acharya Kishore Kunal: 'किशोर' यूं ही नहीं हो गए आचार्य कुणाल, हजारों छलकती आंखें बता रही थीं कहानी

December 30, 2024 - 11:25am

अश्विनी, पटना। अभी बहुत कुछ करना रह गया है। कभी-कभी लगता है कि कहीं यह सब मेरे साथ ही न चला जाए। कई श्लोक हैं, बहुत शोध के बाद इसे एकत्रित किया हूं। इसका अंग्रेजी में अनुवाद कराना है। अब स्वास्थ्य की वजह से चाहकर भी बहुत समय नहीं दे पाता हूं...।

एक साथ कई कार्यों में जुटे रहते थे

आचार्य किशोर कुणाल एक साथ कई कार्यों में जुटे थे। हर पल को जीते हुए समाज को कुछ देने की इच्छा को पूरा करते-करते वे इस दुनिया को अलविदा कहकर चले गए।

इसी वर्ष अप्रैल का महीना, दोपहर का समय था उनसे आवास पर मुलाकात हुई तो ढेर सारी बातें हुईं। वे अब स्मृतियां हैं। कभी दिल खोलकर हंसना, कभी चेहरे पर गंभीर भाव। अध्यात्म पर चर्चा करते हुए बताया कि कई श्लोक हैं, उसका अंग्रेजी अनुवाद जरूरी है। कोई अनुवादक मिल जाए, देखते हैं...। स्वयं तो कर रहा हूं, पर अब संभव नहीं हो पाता।

किताबों को बनाया दिनचर्या का हिस्सा

संस्कृत से अनुवाद में भाव इधर-उधर न हो जाए, इसका ध्यान रखना जरूरी है। गंभीर कार्य है...। कमरा पुस्तकों से भरा हुआ। बड़ी लाइब्रेरी बना रखी है, अच्छा लगता होगा।

चेहरे पर मुस्कान की एक हल्की रेखा, हां...यहां बैठकर बड़ा सुकून मिलता है। उनकी दिनचर्या का एक हिस्सा किताबें भी थीं। पुस्तकों में, शोध में, लेखन में रत कुणाल।

किशोर कुणाल का पा‍र्थिव शरीर देख बिलख उठीं उनकी पत्नी

आचार्य का व्यक्तित्व लोगों के लिए प्रेरणा

कुणाल यूं ही नहीं हो जाते। व्यक्तित्व कुछ समय भर की देन नहीं, अपितु निरंतर निखार ही किसी ‘किशोर’ को आचार्य किशोर कुणाल बना देता है। एक लक्ष्य तक पहुंचकर निश्चिंत हो जाना आसान है, पर स्वयं से आगे समाज के प्रति चिंतन एक ऐसी थाती बन जाती है, जिसे भुलाए नहीं भुलाया जा सकता।

आइपीएस अधिकारी के रूप में 1980 के दौर में ही यह नाम लोगों की जुबान पर आ चुका, पर जैसे नियति ने उनके लिए कोई और पथ तय कर रखे हों। आध्यात्मिक परिवेश में सामाजिक कार्य। पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर से धर्म-अध्यात्म की गूंज धीरे-धीरे हजारों रोगियों की सेवा में परिवर्तित होती हुई।

पिता आचार्य कुणाल किशोर के पार्थिव शरीर पास बैठा उनका बेटा शायन कुणाल

मंदिर से अस्पताल तक। सांस्कृतिक चेतना से स्वस्थ समाज निर्माण तक। अनगिनत कहानियां, उनसे जुड़ी हर किसी की यादें। उनके नहीं रहने की सूचना मिलते ही हजारों की संख्या में लोगों का पहुंचना। यह यूं ही नहीं, समाज से स्वयं को जोड़कर उन्होंने अर्जित किया, वे लोगों की छलकती आंखें बयां कर रही थीं।

देर रात अस्पताल में भर्ती हुए आचार्य

महावीर वात्सल्य हार्ट हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि आचार्य को गत तीन दिनों से सर्दी-खांसी थी। ओपीडी परामर्श के आधार पर वे घर पर ही इसका उपचार करा रहे थे। शनिवार की रात करीब दो बजे शरीर में ऑक्सीजन स्तर कम होने से जब उन्हें सांस लेने में परेशानी हुई तो स्वजन अस्पताल लेकर आए।

सभी विभागों के वरिष्ठ डॉक्टर उनके उपचार को पहुंच गए थे। नेबुलाइजेशन व दवा देने के बाद सुबह चार बजे तक उनकी हालत काफी हद तक सामान्य हो गई। सुबह पांच से छह के बीच उन्होंने खुद को ठीक महसूस होने की बात कहते हुए आराम करने की इच्छा जताई और स्वजन समेत सभी से घर जाकर आराम करने को कहा।

छह से सात बजे के बीच अचानक उनकी हालत खराब हुई तो डॉक्टर पहुंचे। उन्हें उठाने की कोशिश की गई, पर अचेत देख करीब डेढ़ घंटे तक डॉक्टर लगातार कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) देते रहे। इसका कोई फायदा नहीं हुआ। रविवार की सुबह आठ बजे मृत्यु की घोषणा कर दी गई।

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New Year के रंग में भंग डालने वालों पर पुलिस का एक्शन, जाना पड़ेगा जेल; घर से निकलने से पहले जान लें नियम

December 30, 2024 - 9:46am

जागरण संवाददाता, पटना। नववर्ष का जश्न मनाने को लेकर जहां शहर के तमाम होटलों में तैयारी चल रही है, वहीं पटना पुलिस ने भी अपनी रणनीति तय कर ली है। खलल डालने वाले सीधे जेल जाएंगे। ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए पुलिस लाइन और विभिन्न कार्यालयों में तैनात इंस्पेक्टर और जवानों की ड्यूटी लगाई गई है। दूसरी तरफ यातायात पुलिस भी मुस्तैद रहेगी।

ब्रेथ एनालाइजर से होगी जांच

चौक-चौराहों पर ब्रेथ एनालाइजर के साथ जवान मौजूद रहेंगे। पियक्कड़ों को पकड़ कर स्थानीय थाने के हवाले किया जाएगा। साथ ही पुलिस की पैनी नजर लहरिया कट बाइकर्स और झुंड में वाहन लेकर निकलने वालों पर रहेगी।

एसएसपी सह डीआइजी राजीव मिश्रा ने बताया कि पर्याप्त संख्या में बल की तैनाती की जाएगी। कई स्थानों पर बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों की जांच भी होगी। कार्यक्रम स्थलों के आसपास पुलिस बल की तैनाती रहेगी।

कैमरे से भी रखी जाएगी नजर

31 दिसंबर की रात में प्रमुख सड़कों और चौक-चौराहों पर होने वाली गतिविधियों पर आइसीसीसी के कैमरों से भी नजर रखी जाएगी। संदिग्ध आचरण दिखने पर कंट्रोल रूम से स्थानीय थाने को सूचित किया जाएगा।

इन जगहों पर रहेगी अतिरिक्त मुस्तैदी

पाली में डॉयल 112 के वाहन भी चौराहों पर तैनात रहेंगे। खास कर जेपी गंगा पथ, अटल पथ, डाकबंगला चौराहा, वीरचंद पटेल पथ, कारगिल चौक, जीपीओ फ्लाईओवर और प्रमुख होटलों के बाहर पुलिस की मुस्तैदी रहेगी। सचिवालय और हवाई अड्डा क्षेत्रों में भी अतिरिक्त बल तैनात किए जाएंगे।

रोको-टोको अभियान रहेगा जारी

नववर्ष की पूरी रात्रि में सिपाही से लेकर एसपी रैंक तक के अधिकारियों की ड्यूटी सड़क पर रहेगी। उन्हें रोको-टोको अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है।

सूत्रों की मानें तो शहर में 36 स्थानों को चिह्नित किया गया है, जहां बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों की जांच होगी। इस दौरान वाहनों के कागजात में त्रुटि पाए जाने पर जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।

नववर्ष पर जेपी गंगा पथ सहित अन्य पिकनिक स्पाट पर रहेगी कड़ी सुरक्षा

होटल के आस-पास भी पुलिस का पहरा

बताया जाता है कि बड़े होटलों के आसपास भी बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों की जांच होगी ताकि शराबियों और हुड़दंगियों को पकड़ा जा सके।

उद्यान में भी रहेगी विशेष व्यवस्था

हेमंत पाटिल ने बताया कि 2024 के अंतिम दिन उद्यान में भीड़ होने की संभावना है। इसको लेकर विशेष व्यवस्था रहेगी। अतिरिक्त काउंटर खुला रहेगा। विभिन्न स्थानों पर हेल्प डेस्क रहेगा। शिशु उद्यान के पास शिशु देखभाल कक्ष की स्थापना की गई है। दर्शकों की सुविधा के लिए कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है।

किसी भी आपात स्थिति में हेल्प लाइन नंबर 0612-2217758 पर संपर्क कर सकते हैं।

एक सप्ताह से दर्शकों की बढ़ गई संख्या
  • पिछले रविवार को 18599 दर्शक आए थे, जबकि इस रविवार को 22549 दर्शक आए।
  • क्रिसमस के दिन 20908 दर्शक, शनिवार को 17720 दर्शक चिड़ियाघर भ्रमण के लिए आए थे।

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BPSC Exam Protest: बीपीएससी की परीक्षा दोबारा कराने पर फैसला आज! सरकार तैयार, बस इस बात का इंतजार

December 30, 2024 - 9:16am

जागरण संवाददाता, पटना। गांधी मैदान में सात घंटे तक चले छात्र संसद में सभी एकमत थे कि बीपीएससी 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा रद करना ही प्रमुख मांग है। राज्य सरकार या बीपीएससी से पुनर्परीक्षा से कम पर बात नहीं होगी।

कुछ अभ्यर्थी दोपहर में ही मुख्यमंत्री आवास मार्च के लिए दबाव बना रहे थे, लेकिन प्रशांत किशोर ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री दिल्ली में हैं। इसके बाद मार्च टाल दिया गया। वहीं देर शाम जेपी गोलंबर पर बैरिकेडिंग तोड़ आगे बढ़ रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया।

प्रशासन से बातचीत के लिए प्रतिनिधिमंडल को शाम चार बजे बुलाया गया है। प्रतिनिधिमंडल का चयन कर लें। इसपर शिक्षक रमांशु ने मुख्यमंत्री के नाम तैयार पत्र को पढ़कर अभ्यर्थियों से उनका पक्ष जाना। सभी ने एक स्वर में कहा कि पुनर्परीक्षा ही एक मात्र विकल्प है।

शाम में प्रशांत किशोर के साथ अभ्यर्थी गांधी मैदान से निकलकर जेपी गोलंबर पर जमा हुए। इस दौरान जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारी वार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल को भेजकर सभी को लौट जाने की बात कही।

पुलिस ने प्रशांत किशोर को भी आगे बढ़ने से रोका। इसके बाद प्रशांत किशोर ने कहा कि मुख्य सचिव ने अभ्यर्थियों को वार्ता के लिए बुलाया है। यदि वार्ता में बात नहीं बनती है तो सोमवार को आगे के आंदोलन के लिए रणनीति बनाई जाएगी।

अभ्यर्थियों का आज भी रहेगा इंतजार

मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने कहा कि बीपीएससी अभ्यर्थियों ने उनसे मिलने का संदेश भेजा था। उनको यह बताया गया कि मुख्य सचिव से मिलने में कोई परेशानी नहीं है। जब चाहें वे आकर बातचीत कर सकते हैं। सरकार का दरवाजा खुला हुआ है। मिलने से कभी किसी ने उनको नहीं रोका है।

अभ्यर्थियों का संदेशा मिलने के बाद रविवार को कोई मिलने नहीं आया है। संभव है कि बीपीएससी अभ्यर्थियों का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को मिलने आए। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थी शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहें। किसी के बहकावे में आकर गलत निर्णय नहीं लें।

जिला प्रशासन की घोषणा का नहीं दिखा असर

गर्दनीबाग धरना स्थल पर 10 दिनों से अनशन कर रहे बीपीएससी अभ्यर्थियों का दल रविवार की दोपहर गांधी मैदान के बापू प्रतिमा के पास जमा हुआ। अभ्यर्थियों को जमा होते देख जिला प्रशासन की ओर माइक से घोषणा कराई जा रही थी कि गांधी मैदान के बापू प्रतिमा स्थल के आसपास के क्षेत्र को प्रतिबंधित कर दिया गया है।

यहां एकत्रित होने की अनुमति नहीं प्रदान की गई है। बावजूद इसके अभ्यर्थियों का उत्साह चरम पर था। दोपहर एक बजे के आसपास जनसुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर पहुंचे। इस दौरान दो गुट आपस में ही भिड़ गए। प्रशांत किशोर, शिक्षक व छात्र नेताओं ने उन्हें शांत कराया।

गांधी मैदान स्थित जेपी गोलंबर पर प्रदर्शनकारी बीपीएससी अभ्यर्थियों पर पुलिस ने किया वाटर कैनन का प्रयोग

पानी की बैछार और लाठीजार्च से दौरान कई अभ्यर्थी सड़क पर गिर गए। इसमें एक अभ्यर्थी बेहोश हो गया, जिसे बाद में अभ्यर्थियों और प्रशासन के सहयोग से अस्पताल में भर्ती कराया गया। लाठीचार्ज में कई अभ्यर्थी चोटिल हुए हैं। पानी की बौछार में भीगने की वजह से भी अभ्यर्थियों को ठंड से भी दो-चार होना पड़ा।

बीपीएससी अभ्यर्थी पर लाठीचार्ज करती पुलिस

अनुमति नहीं मिलने के बावजूद गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के पास रविवार शाम जनसुराज पार्टी के छात्र संसद के दौरान प्रदर्शन व हंगामा मामले में प्रशासन ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

प्रशांत किशोर, जनसुराज के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती समेत 21 को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। गांधी मैदान थाने में दर्ज प्राथमिकी में छह-सात सौ अज्ञात को भी आरोपित किया गया है। जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा है कि इनके खिलाफ कानून व्यवस्था भंग करने को लेकर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कांग्रेस ने की लाठीचार्ज की निंदा

बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा रद करने के लिए आंदोलन कर रहे छात्रों पर एक बार फिर लाठी चार्ज किया गया है। जिसके बाद कांग्रेस ने इसकी निंदा की है। बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने कहा है कि लाठी चार्ज किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है।

उन्होंने बयान जारी कर कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री को चाहिए कि वे बिहार लोक सेवा आयोग के अभ्यर्थियों से वार्ता करे। पुलिस बल का प्रयोग करना समस्या का समाधान नहीं, बार-बार लाठी चार्ज अनुचित है।

राजद की अपील

बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांगों का पूर्ण समर्थन करते हुए राजद ने सरकार से आग्रह किया है कि वह अपनी कथित जिद छोड़ प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) दोबारा कराए।

रविवार को बयान जारी कर पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बताया कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव मुख्यमंत्री को दो-दो बार पत्र लिखकर बीपीएससी 70 पीटी की पुनर्परीक्षा लेने का आग्रह कर चुके हैं।

चित्तरंजन ने कहा कि छात्रों के भविष्य के साथ राजद खिलवाड़ नहीं होने देगा। अभ्यर्थियों के साथ ऐसा व्यवहार आज तक कभी नहीं हुआ।

प्रशांत किशोर पर भड़के तेजस्वी यादव

छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के बाद तेजस्वी यादव ने प्रशांत किशोर पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग आंदोलन को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। हम चाहते तो हम भी 5 लाख लोगों की भीड़ एकत्र कर लेते। इस दौरान उन्होंने छात्रों के शांतिपूर्ण आंदोलन की शक्ति की भी बात कही।

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Bihar Weather: कड़ाके की ठंड के लिए रहें तैयार, नए साल से बदलेगा मौसम; IMD ने जारी किया अपडेट

December 30, 2024 - 8:10am

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather: बिहार सहित देशभर के मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है। ठंड और कोहरे के सितम के बीच हुई बारिश ने लोगों की परेशानी और बढ़ा दी है। मौसम विभाग के अनुसार, आज राजधानी पटना सहित प्रदेश का मौसम शुष्क बना रहेगा। 24 घंटे बाद तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस गिरावट की संभावना है।

कोहरे का कहर

सुबह के समय प्रदेश के अधिसंख्य भागों में हल्का कोहरा छाया रहेगा, जिसका असर लोगों पर भी पड़ेगा।

प्रदेश के प्रमुख शहरों के मौसम का हाल
  • पटना- पटना में आज अधिकतम तापमान 25और न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।
  • मुजफ्फरपुर- मुजफ्फरपुर में आज अधिकतम तापमान 33 और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।
  • भागलपुर- भागलपुर में आज अधिकतम तापमान 25 और न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।

कुदरा व आसपास के इलाके में इस बार के ठंड के मौसम में रविवार को पहली बार आकाश में कोहरा छाया रहा। इसका जनजीवन पर असर देखने को मिला। रविवार की भोर से शुरू हुए कोहरे का असर दिन चढ़ने तक कायम रहा। इसकी वजह से सुबह में दृश्यता कम रही, जिसके चलते वाहन चालकों को परेशानी हुई। सड़कों पर वाहन अपेक्षाकृत धीमी गति से रेंगते नजर आए।

कोहरे की वजह से नेशनल हाइवे जीटी रोड पर पचपोखरी मौजा के समीप एक ट्रक डायवर्सन वाल से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गया। संयोग रहा कि दुर्घटना में कोई चोटिल नहीं हुआ।

छोटी-मोटी दुर्घटनाएं अन्य जगहों पर भी हुईं। इससे पहले शनिवार की शाम और रात में हुई बूंदाबांदी से वातावरण में आद्रता बढ़ गई और लोगों ने ठिठुरन महसूस की। किसानों ने बताया कि हल्की बूंदाबांदी से गेहूं की फसल को कोई खास लाभ नहीं हुआ। हालांकि दलहन व तिलहन की पैरा की फसल को इससे थोड़ा फायदा पहुंचा है।

कई जिलों में सामान्य से अधिक तापमान

दिसंबर का अंतिम पखवाड़ा प्रतिवर्ष कड़ाके की ठंड, सूर्य ताप के गायब रहने और घना कुहासा छाए रहने के लिए जाना जाता है। परंतु, इस वर्ष इन सभी चीजों के अनुभव लोगों को नहीं हो रहे हैं।

स्थिति यह है कि विगत कई दिनों से अधिकतम तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री सेल्सियस तक अधिक दर्ज किया जा रहा है। रविवार को भी अधिकतम तापमान सामान्य से साढे पांच डिग्री ज्यादा 28 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान सामान्य से आठ डिग्री ज्यादा 17 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

गेहूं की फसल पर असर

इस परिस्थिति में फसलों खासकर गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका कृषि विज्ञानी जता रहे हैं। वहीं आम लोगों पर भी इसका प्रभाव साफ देखा जा रहा है। मौसम विभाग अगले चार दिन तक तापमान के सामान्य से अधिक रहने की संभावना जता रहा है।

कृषि विज्ञानी डॉ. रामकृपालु सिंह एवं किसान सलाहकार अनीश कुमार बताते हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण असमय वर्षा, गर्मी व ठंडी हो जा रही है। नवंबर से ही तापमान सामान्य से अधिक चल रहा था।

इधर, कुछ दिनों से तापमान सामान्य से काफी अधिक रह रहा है। न्यूनतम तापमान 9 डिग्री एवं अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहना चाहिए,जो गेहूं के फसल के अंकुरण एवं जर्मनेशन के लिए लाभदायक होता है। गेहूं में कुहासा नहीं लगने के कारण ज्यादा संख्या में पौधे से कल्ला नहीं निकल रहा है।

कुछ दिन और इसी तरह का मौसम रहा तो उत्पादन निश्चित रूप से प्रभावित होगा। फल के समय गेहूं का दाना छोटा होगा।

मौसम विभाग का अलर्ट

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के मौसम विभाग द्वारा अगले चार दिन के लिए मौसम पूर्वानुमान जारी किया गया है। मौसम विज्ञानी डॉ. अब्दुल सत्तार के अनुसार इस अवधि में आसमान में हल्के बादल देखे जा सकते हैं और मौसम शुष्क रहेगा। अधिकतम तापमान 27 से 28 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 14 से 15 डिग्री रह सकता है।

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BPSC Protest: पटना में छात्रों पर लाठीचार्ज, प्रशांत किशोर समेत 21 लोगों पर FIR दर्ज

December 29, 2024 - 11:43pm

जागरण संवाददाता, पटना। पटना के जेपी गोलंबर पर रविवार की देर शाम बैरिकेडिंग तोड़ सीएम आवास की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। दो वाटर कैनन से अभ्यर्थियों पर पानी की बौछार भी की गई।

पुलिस की लाठी से सात-आठ छात्र जख्मी हो गए। दर्जन भर प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। सिटी एसी स्वीटी सहरावत ने बताया कि जिला प्रशासन से अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन की अनुमति नहीं ली थी। गैरकानूनी ढंग से उन्होंने रास्ता रोक रखा था। इससे विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो रही थी।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर दर्ज किए मामले

दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी ने अभ्यर्थियों को वहां से हटने को कहा। कई बार चेतावनी दी गई, लेकिन वह सड़क से हटने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद पुलिस ने उन्हें लाठीचार्च कर हटा दिया। आदेश का उल्लंघन करने वाले प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी की जाएगी। बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा रद करने की मांग को लेकर बीपीएससी अभ्यर्थी लगातार आंदोलन कर रहे हैं।

वहीं, इस मामले को लेकर पुलिस ने प्रशांक किशोर सहित कई लोगों पर मामले दर्ज किए हैं। प्रशांत किशोर पर छात्रों को भड़काने का आरोप लगाया गया है।

इन लोगों पर मामले दर्ज 

1.मनोज भारती (अध्यक्ष जन सुराज पार्टी)

2.रह्मांशु मिश्रा, कोचिंग संचालक

3. निखिल मणि तिवारी

4. ⁠सुभाष कुमार ठाकुर

5. ⁠शुभम स्नेहिल

6. ⁠प्रशांत किशोर ( एवं 2 बाउंसर जो प्रशांत किशोर के साथ थे)

7. ⁠आनंद मिश्रा

8. ⁠आर के मिश्रा ( राकेश कुमार मिश्रा )

9. ⁠विष्णु कुमार

10. ⁠सुजीत कुमार (सुनामी कोचिंग)

सहित कुल 21 नामजद और 600–700 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

रविवार की सुबह वह गांधी मूर्ति के पास जुटने लगे। मुख्यमंत्री आवास तक पैदल मार्च करने का निर्णय लिया गया। शाम में जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर भी अभ्यर्थियों के समर्थन में पहुंचे। प्रशांत के वहां पहुंचने पर युवाओं ने उनके विरुद्ध खूब नारेबाजी की। युवाओं का कहना था कि वे अपने बूते आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे।

सीएम आवास की ओर जा रहे थे प्रदर्शनकारी

छात्रों के आंदोलन को किसी राजनेता के हाथ में नहीं जाने देंगे। इस बीच, मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने वार्ता की पेशकश की और अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल को मिलने के लिए बुलाया था, मगर वे जाने के लिए तैयार नहीं हुए। सीएम आवास की ओर पैदल मार्च जारी रखा। जेपी गोलंबर के पास बैरिकेडिंग की गई थी। वहां अभ्यर्थियों को पुलिस ने आगे-बढ़ने से रोक लिया।

लगभग ढाई घंटे तक पुलिस और प्रशासन के अधिकारी अभ्यर्थियों को वहां से हटने के लिए मान-मनौव्वल करते रहे। जेपी गोलंबर से जुड़ी सड़कों पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। तब अभ्यर्थियों को चेतावनी दी जाने लगी। इससे प्रदर्शनकारी उग्र हो गए, उन्होंने बैरिकेडिंग तोड़ दी। तब पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।

छात्रों ने लगाया परीक्षा में धांधली का आरोप 

मालूम हो कि 13 दिसंबर को बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा ली गई थी। राजधानी के बापू सभागार परीक्षा केंद्र पर धांधली का आरोप लगाकर परीक्षार्थियों ने बहिष्कार कर दिया था। इसके बाद इस केंद्र की परीक्षा रद कर दी गई थी। अब चार जनवरी को यह परीक्षा होनी है। 

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चिराग पासवान के करीबी नेता की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, बालू के मामले को लेकर पूछताछ करने की तैयारी में ED

December 29, 2024 - 8:27pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बालू के अवैध सिंडिकेट मामले में फंसे लोजपा (रामविलास) के प्रदेश संसदीय दल के अध्यक्ष और पूर्व विधान पार्षद हुलास पांडेय की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अपनी कार्रवाई के दौरान हुलास पांडेय के ठिकानों से जो दस्तावेज मिले थे, उसमें कई ऐसी कंपनियों के नाम सामने आए हैं जो अब तक चर्चा में नहीं थे। इनके साथ भी हुलास के रिश्ते थे। जिसके बाद अब ईडी लोजपा नेता से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में उन्हें समन भेज दिया गया है।

पटना में दो और बेंगलुरू में एक ठिकाने पर हुई थी छापामारी
  • शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय ने पटना में दो और बेंगलुरू में एक ठिकाने पर एक साथ दबिश दी। प्रवर्तन निदेशालय की यह कार्रवाई बालू के अवैध कारोबार और मनी लांड्रिंग मामले में की गई थी।
  • यहां से खनन गड़बड़ी से जुड़े 50 करोड़ मूल्य के दस्तावेज, हुलास पांडेय की हिस्सेदारी की बात सामने आई थी। कार्रवाई के दौरान कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद किए गए थे।
  • प्रवर्तन निदेशालय की अलग-अलग टीमों ने शुक्रवार को ही पांडेय के गोला रोड के एक्सप्रेशन शॉपिंग आर्केड स्थित फ्लैट और बोरिंग रोड स्थित कार्यालय के साथ ही बेंगलुरू में दबिश दी।
बालू सिंडिकेट से जुड़े कई लोगों के साथ हुलास के रिश्ते

बरामद दस्तावेजों की प्राथमिक पड़ताल में बालू सिंडिकेट के कई लोगों से लोजपा नेता के रिश्ते की बात सामने आई है। कई ऐसी कंपनियों के बारे में भी पता चला है जिनकी अब तक कहीं चर्चा भी नहीं थी।

इसके बाद हुलास पांडेय से पूछताछ का निर्णय लेते हुए निदेशालय ने उन्हें समन जारी किया है, ऐसा सूत्रों ने दावा किया है। संभावना जताई जा रही है कि अगले सप्ताह हुलास ईडी के समक्ष उसके सवालों के जवाब देने के लिए हाजिर होंगे।

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय बिहार की नदियों से होने वाले बालू के अवैध खनन मामले में लगातार अपनी कार्रवाई को अंजाम दे रहा है। इसी कड़ी में हुलास पांडेय के खिलाफ यह कार्रवाई की गई थी।

इससे पहले, कई बड़े नेताओं पर ईडी दबिश दे चुकी है। बालू के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के एमएलसी राधाचरण सेठ और उनके बेटे कन्हैया प्रसाद की गिरफ़्तारी भी हो चुकी है। हालांकि, फिलहाल दोनों जमानत पर जेल से बाहर आ चुके हैं।  

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CM ने पूछा- क्या मामला है? Kishore Kunal ने जवाब दिया- इसमें मत पड़िए...; वो हत्याकांड जिसने देश भर में मचाई हलचल

December 29, 2024 - 7:12pm

राज्य ब्यूरो, पटना। किशोर कुणाल का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं। सेवा चाहे भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी के रूप में हो या फिर समाज सेवा की उन्होंने हमेशा ही बेहतर देने के प्रयास किए। परंतु एक आइपीएस अफसर के रूप में उनकी छवि को उस दौर के बिहार के लोग भूले नहीं होंगे।

किशोर कुणाल के एक केस ने जहां उन्हें रातों-रात पटना से लेकर दिल्ली तक चर्चित कर दिया था। वहीं प्रदेश के राजनीतिक हलकों में खलबली तक मचा दी थी। वह केस था बॉबी हत्या कांड। असल में 11 मई 1983 को पटना के एक दैनिक समाचार पत्र ने श्वेता निशा उर्फ बॉबी हत्या कांड की खबर प्रकाशित की थी।

तमाम सबूत भी थे लेकिन दोषी कोई नहीं था

बॉबी विधानसभा में टाइपिस्ट के रूप में काम करती थी। सुंदर थी और उसके कई नेताओं के साथ अच्छे संपर्क भी थे। किशोर कुणाल उन दिनों पटना के एसपी हुआ करते थे। वह देख रहे थे कि वह एक ऐसा केस था जिसमें हत्या हुई थी, तमाम सबूत भी थे लेकिन दोषी कोई नहीं था।

स्वयं किशोर कुणाल ने अपनी पुस्तक दमन तक्षकों में इस केस की विस्तार से चर्चा की है। पटना से लेकर दिल्ली तक की राजनीति में उथल-पुथल मचा देने वाले श्वेता निशा उर्फ बॉबी हत्या कांड के बारे में जिसने भी सुना हिल कर रह गया।

उस दौर के समाचार पत्रों के पन्ने बॉबी हत्या कांड को लेकर हर रोज नए समाचार लेकर लोगों के बीच आ रहे थे।ऐसे ही समाचारों को आधार बनाकर बनाकर इस मामले में किशोर कुणाल के निर्देश पर एक यूडी केस दर्ज किया गया।

तब तक बॉबी की बॉडी दफनाई जा चुकी थी, बावजूद कुणाल ने दिलेरी दिखाते हुए कब्र खुदवा कर उसमें दफन बॉबी की लाश निकलवाई और उसे पोस्ट मार्टम के लिए भेजा। पोस्टमार्टम से कई खुलासे हुए। कई नाम भी उछले।

जगन्नाथ मिश्रा ने किया था कुणाल किशोर को फोन 
  • कुणाल ने अपनी किताब में लिखा है कि उस दौर में उनके कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का बर्ताव ऐसा था, मानो सच की खोज करना बड़ा अपराध है। इस मामले में जब जांच आगे बढ़ रही थी उस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्रा ने उन्हें फोन कर जानना चाहा कि मामला क्या है।
  • तब कुणाल का जवाब था आप चरित्र के मामले में अच्छे हैं, सर इसमें पड़ेंगे तो आग इतनी तेज है कि हाथ जल जाएंगे। इसके बाद आगे कुछ कहे डॉ. मिश्रा ने फोन कट कर दिया था। कुणाल की जांच में यह स्पष्ट हो गया था कि यह हत्या का मामला है न कि खुदकशी का।
  • जांच में आरोपियों के नाम भी थे, लेकिन तब के मुख्यमंत्री पर कुछ विधायकों ने जांच सीबीआइ सौंपने का दबाव बनाया और अंतत जगन्नाथ मिश्रा ने बॉबी हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंप दी।
महीनों तक मची रही खलबली

बहरहाल सीबीआइ ने अपनी जांच के क्रम में मामले के आरोपियों को अभयदान दे दिया। परंतु यह मामला ऐसा था, जिसने महीनों प्रदेश के साथ ही राज्य की राजनीति में खलबली मचाए रखी।

बॉबी हत्याकांड को लेकर चर्चाएं आज भी होती हैं इसके साथ ही कुणाल की कार्यशैली की भी चर्चा होती है। लेकिन अब कुणाल नहीं रहे। परंतु जब-जब चर्चित बॉबी हत्याकांड की बात होगी उनके नाम की चर्चा खुद-ब-खुद जुबान पर आ जाएगी।

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BPSC: परीक्षा रद करने की मांग को लेकर गांधी मैदान में जुटे छात्र, पुलिस ने किया लाठीचार्ज; सात-आठ स्टूडेंट जख्मी

December 29, 2024 - 6:39pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा पूरी तरह से रद करने और री एक्जाम की मांग को लेकर अभ्यर्थी पटना के गांधी मैदान में जुटे। अभ्यर्थी गांधी जी की प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठ गए। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर भी अभ्यर्थियों का साथ देने के लिए गांधी मैदान पहुंचे।

बैरिकेडिंग तोड़ आगे बढ़ने की कोशिश

इस बीच, यह भी जानकारी सामने आई कि जेपी गोलंबर पर रविवार की देर शाम बैरिकेडिंग तोड़ आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया।

इस दौरान दो वाटर कैनन से पानी की बौछार की गई। इस दौरान पुलिस की लाठी से सात-आठ छात्र जख्मी हो गए। दर्जन भर प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।

सिटी एसी स्वीटी सहरावत ने बताया कि जिला प्रशासन से अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन की अनुमति नहीं ली थी। गैरकानूनी ढंग से उन्होंने रास्ता रोक रखा था। इससे विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो रही थी। दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी ने अभ्यर्थियों को वहां से हटने को कहा।

कई बार चेतावनी दी गई, लेकिन वे सड़क से हटने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद पुलिस ने उन्हें उठाकर हटा दिया। आदेश का उल्लंघन करने वाले प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी की जाएगी।

बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा रद करने की मांग को लेकर बीपीएससी अभ्यर्थी लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इसी कड़ी में वे रविवार की सुबह से गांधी मूर्ति के पास जुटने लगे। शाम में जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर भी अभ्यर्थियों के समर्थन में पहुंचे और मुख्यमंत्री आवास तक पैदल मार्च करने का निर्णय लिया गया।

मुख्य सचिव वार्ता की पेशकश की

इस बीच, मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने वार्ता की पेशकश की थी और अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल को मिलने के लिए बुलाया था, मगर वे जाने के लिए तैयार नहीं हुए। पैदल मार्च को जारी रखा।

पुलिस ने अभ्यर्थियों की मंशा भांप ली थी और एहतियातन जेपी गोलंबर के पास बैरिकेडिंग की थी। वहां अभ्यर्थियों को पुलिस ने आगे-बढ़ने से रोक लिया। लगभग ढाई घंटे तक पुलिस और प्रशासन के अधिकारी अभ्यर्थियों को वहां से हटने के लिए मान-मनौव्वल करते रहे।

इस बीच, जेपी गोलंबर से जुड़ी सड़कों पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। तब अभ्यर्थियों को चेतावनी दी जाने लगी। इससे प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और उन्होंने बैरिकेडिंग तोड़ दी। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।

मौके पर सिटी एसपी मध्य के अलावा सिटी एसपी पूर्वी शुभांक मिश्रा समेत कई वरीय पदाधिकारी और सौ से अधिक सिपाही मौजूद थे। उन्होंने पहले पानी की बौछार की, फिर लाठियां चटका कर अभ्यर्थियों के झुंड को खदेड़ दिया।

बता दें कि 13 दिसंबर को बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा ली गई थी। राजधानी के बापू सभागार परीक्षा केंद्र पर धांधली का आरोप लगाकर परीक्षार्थियों ने बहिष्कार कर दिया था। 

इसके बाद इस केंद्र की परीक्षा रद कर दी गई है। 4 जनवरी को यह परीक्षा ली जानी है, लेकिन अभ्यर्थियों की मांग है कि पूरे बिहार की परीक्षा रद कर दोबारा ली जाए।

#WATCH | Bihar | BPSC aspirants continue their protest in Patna's Gandhi Maidan, demanding a re-exam to be held for the 70th BPSC prelims pic.twitter.com/a0iiVJK9PN

— ANI (@ANI) December 29, 2024 पीके के खिलाफ हुई नारेबाजी
  • स्वयं को बीपीएससी अभ्यर्थी बताने वाले हंगामेबाज युवाओं ने रविवार देर शाम जेपी गोलंबर पर जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) के विरुद्ध खूब नारेबाजी की। तब तक पीके वहां से निकल चुके थे। युवाओं का कहना था कि वे अपने बूते आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे।
  • छात्रों के इस आंदोलन को किसी राजनेता के हाथ में नहीं जाने देंगे। जेपी गोलंबर से पहले गांधी मैदान में आयोजित छात्र संसद से पीके के निकले के दौरान भी कुछ ऐसे ही विरोध प्रकट किया गया था। तब हाथापाई पर उतारू युवाओं के गुट को किसी तरह नियंत्रित किया गया।
  • इस बीच छात्रों के हुजूम के साथ पीके मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच कर चुके थे। उत्तेजना चरम पर पहुंच चुकी थी। हालांकि, काफिले को पुलिस-प्रशासन ने जेपी गोलंबर पर ही रोक लिया। वहां आंदोलनकारी छात्रों से पीके ने कहा कि सरकार ने बातचीत की पहल की है।
  • छात्रों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत सफल नहीं रही तो आंदोलन आगे बढ़ाया जाएगा। पीके की उपस्थिति से छात्र संसद में आश्चर्यजनक उत्तेजना की स्थिति थी।
  • हालांकि, प्रशासन ने छात्र संसद के आयोजन की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन पीके का कहना था कि इसके लिए पर्याप्त समय रहते प्रशासन को सूचित कर दिया गया था। सैकड़ों छात्रों की उपस्थिति के लिए गर्दनीबाग का धरनास्थल पर पर्याप्त नहीं।
गांधी मैदान सरकार का नहीं- पीके

पीके ने कहा कि गांधी मैदान सार्वजनिक स्थल है और वहां प्रति रोज हजारों लोग जुटते हैं। ऐसे में छात्र संसद के आयोजन पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। गांधी मैदान में बैठकर बात नहीं होगी तो क्या गर्दनीबाग के टेंट में छात्र बात करेंगे।

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि गांधी मैदान सरकार का नहीं है। हम यहां प्रदर्शन नहीं, बल्कि शांतिपूर्वक विचार-विमर्श कर रहे। छात्रों की बात सरकार नहीं सुन रही। बिहार में छात्रों का जीवन वर्षों से बर्बाद हो रहा है। इसलिए एक दिन नारा लगाने से कुछ नहीं होगा। इसके लिए लंबी लड़ाई लड़नी होगी और उसे अंजाम तक पहुंचाना होगा।

किसान आंदोलन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि किसान महीनों डेरा डाले रहे, तब जाकर कुछ सुनवाई हुई। पीके ने बिहार में डोमिसाइल नीति में बदलाव, पेपर लीक और नौकरियों में भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने की मांग की। अभ्यर्थियों से एकजुट रहने की अपील की।

बिहार लोकतंत्र की जननी है। नीतीश कुमार इसको लाठीतंत्र नहीं बना सकते। यह मात्र बीपीएससी अभ्यर्थियों की बात नहीं। बिहार में कोई भी प्रतियोगी परीक्षा बिना अनियमितता, पेपर-लीक, भष्ट्राचार के नहीं हो रही। इस समस्या को एक बार जड़ से समाप्त करना है।

शिक्षा जगत के लोगों व कोचिंग संचालकों के साथ बात हुई है। छात्रों के भविष्य को सरकार की लापरवाही, प्रशासन की कोताही व पुलिस की बर्बरता से बचाने के लिए निर्णायक आंदोलन की रणनीति बनेगी।

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Bihar News: कैमरे की नजर में ही होगा खनन, अगर बंद हुआ तो...;नीतीश सरकार के नए फरमान से उड़ी बालू तस्करों की नींद

December 29, 2024 - 2:22pm

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Illegal Sand Mining: प्रदेश में बालू के अवैध खनन और परिवहन को पूरी तरह से नियंत्रित करने के लिए खान एवं भू-तत्व विभाग ने जिलों के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की मदद लेने का निर्णय लिया है। अधिकांश जिलों में विभाग के यह कमांड और कंट्रोल सेंटर सक्रिय हो चुके हैं। इन केंद्रों से मॉनिटरिंग के लिए बकायदा नोडल कर्मचारी भी नियुक्त होंगे।

अवैध खनन रोकने के लिए फैसला

खान एवं भू-तत्व विभाग ने यह अनुभव किया है कि तमाम कोशिशों के बाद भी नदियों से अवैध खनन व परिवहन पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पा रही है, जबकि इस प्रकार की गैर कानूनी गतिविधियों पर अंकुश के लिए रोज नए उपाय किए जा रहे हैं।

इसके बाद अब विभाग ने फैसला किया है कि जिलों में बने कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, जिला नियंत्रण कक्ष और जिलों से बालू के अवैध खनन, परिवहन पर निगाह रखी जाएगी।

16 जिलों में शुरू हुआ खनन
  • विभाग ने अपने निर्णय से जिलों के खनिज विकास पदाधिकारियों को अवगत कराते हुए कहा है कि फिलहाल 16 जिले जहां से खनन प्रारंभ हुआ है वहां कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से अवैध खनन परिवहन की निगरानी होगी।
  • कमांड सेंटर में अलग से एक नोडल कर्मचारी प्रतिनियुक्त किया जाएगा, जो घाटों पर होने वाले खनन की निगरानी रखेगा और देखेगा कि जितनी अनुमति है उससे ज्यादा खनन या परिवहन तो नहीं हो रहा।
  • यहीं नहीं संबंधित कर्मचारी अपनी रिपोर्ट बनाकर प्रतिदिन राज्य मुख्यालय को भी प्रेषित करेगा। विभाग को उम्मीद है कि इस निर्णय से काफी हद तक बालू के अवैध खनन और परिवहन पर रोक लगाई जा सकेगी।
दो घंटे से अधिक समय तक बंद हुआ कैमरा तो चालान बंद होगा

खान एवं भू-तत्व विभाग ने यह निर्णय भी लिया है कि बालू घाटों पर लगाए गए कैमरे यदि दो घंटे या इससे अधिक समय तक बंद रहे तो चालान बनना बंद हो जाएगा ताकि बालू का खनन करते हुए अवैध परिवहन न किया जा सके। इस निर्णय की जानकारी भी सभी जिला खनन पदाधिकारियों को भेज दी गई है।

ED की रडार पर जिले के तीन बालू ठेकेदार

सोन में अवैध खनन व बालू खनन का ठेका लेने वाली कंपनी व ठेकेदारों के खिलाफ ईडी के द्वारा की जा रही कार्रवाई से जिले के बालू कारोबारियों में हड़कंप है। सोन के बालू के अवैध कारोबार और मनी लांड्रिंग के मामले में औरंगाबाद जिले के तीन कारोबारी ईडी के रडार पर हैं।

बताया जाता है कि तीनों के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी रहे नैयर हसनैन खान के द्वारा कार्रवाई को लेकर रिपोर्ट ईडी को भेजी गई थी। दो के खिलाफ तो थाना पुलिस ने भी एसपी को रिपोर्ट भेजी थी।

रिपोर्ट भेजने वाले एक थानाध्यक्ष ने बताया कि कारोबारी के खिलाफ पूरी रिपोर्ट एसपी को भेजी गई थी। हालांकि, रिपोर्ट पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अवैध खनन और स्टॉक का बालू बिना चालान के बेचने के मामले में जिले के दाउदनगर, ओबरा, बारुण, नबीनगर, बड़ेम, रिसियप थाना में करीब 12 प्राथमिकी वर्ष 2021 और 2022 में कराई गई थी।

सभी प्राथमिकी जिला खनन पदाधिकारी के द्वारा कराई गई थी। प्राथमिकी में सोन में बालू खनन का ठेका लिए आदित्य मल्टीकॉम कंपनी के मालिक, प्रबंधक और कर्मियों को आरोपित किया गया था। आरोपितों पर जिला खनन पदाधिकारी के द्वारा आरोप लगाया गया था कि बिना प्री-पेड चालान के भंडारित बालू को अवैध तरीके से प्रेषण कर दिया गया है।

यह मामला तब पकड़ा गया था जब पटना की टीम भंडारित बालू का भौतिक सत्यापन करने स्थल पर पहुंची थी। भंडारित स्थल पर बालू का भंडारण शून्य पाया था। इस मामले में जिला की पुलिस अपने स्तर से कोई कार्रवाई नहीं कर सकी। न किसी की गिरफ्तारी कर सकी और न किसी के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित कर सकी।

हालांकि, आदित्य माल्टीकॉम कंपनी से जुड़े जयनारायण सिंह समेत अन्य लोगों पर ईडी के द्वारा कार्रवाई की गई है। आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया है।

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Acharya Kishore Kunal Death: आचार्य किशोर कुणाल के निधन को CM ने बताया सामाजिक क्षति, मांझी बोले- मैं लिखकर...

December 29, 2024 - 12:49pm

जागरण संवाददाता, पटना। महावीर मंदिर न्यास के सचिव और अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के संस्थापक आचार्य किशोर कुणाल का रविवार सुबह हार्ट अटैक से निधन हो गया। दलितों और पिछड़ों के लिए कार्य करने वाले आचार्य किशोर कुणाल के निधन से लोगों को गहरा सदमा लगा है। सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी सहित प्रदेश के कई दिग्गज नेताओं ने उनके निधन पर दुख जताया है।

CM नीतीश कुमार ने जताया दुख

CM नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया में पोस्ट करके आचार्य किशोर कुणाल के निधन को प्रशासनिक और सामाजिक क्षति बताया। उन्होंने लिखा कि ' पूर्व IPS अधिकारी, बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के पूर्व अध्यक्ष और महावीर मंदिर न्यास समिति के संस्थापक सचिव आचार्य किशोर कुणाल जी का निधन दुःखद।

वे एक कुशल प्रशासक एवं संवेदनशील पदाधिकारी थे। उनके निधन से प्रशासनिक और सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना है।'

उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने दी श्रद्धांजलि

उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने लिखा कि 'महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव, बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष, राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य, पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल जी का हृदयाघात से आकस्मिक निधन हो जाने की दुःखद सूचना प्राप्त हुई है।

धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में उनकी कृतियों को हमेशा याद रखा जायेगा।

प्रभु श्रीराम दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा उनके शोकाकुल परिजनों एवं शुभचिंतकों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। ओम शांति!'

बिहार को लगा गहरा आघात

सम्राट चौधरी ने लिखा कि 'पटना महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष, पूर्व IPS अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल जी का हृदयाघात से निधन की खबर अत्यंत ही दुःखद है। किशोर कुणाल जी की धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में महती भूमिका रही है। उनकी विदाई से बिहार को गहरा आघात लगा है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। ओम शांति'

तेजस्वी यादव ने असामयिक निधन को बताया दुखद

तेजस्वी यादव ने लिखा कि 'पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष तथा पूर्व IPS आचार्य किशोर कुणाल जी के असामयिक निधन की खबर दुःखद है। आचार्य जी की शैक्षणिक, धार्मिक व सामाजिक क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। ओम शांति ओम!'

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने किशोर कुणाल के निधन को बताया देश के लिए अपूरणीय क्षति

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने समाजसेवी, महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं पूर्व आइपीएस अधिकारी किशोर कुणाल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। जायसवाल ने कहा किशोर कुणाल ने अपने जीवन को समाज सेवा और धार्मिक उत्थान के लिए समर्पित किया।

महावीर मंदिर ट्रस्ट के माध्यम से उनके द्वारा किए गए कार्य समाज और धर्म के क्षेत्र में मील का पत्थर हैं। उनके नेतृत्व में महावीर मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं रहा, बल्कि सामाजिक और शैक्षणिक कार्यों का एक प्रमुख केंद्र बन गया।

कुणाल का निधन न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके आदर्श और कार्य हमेशा प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति और उनके परिजनों को यह अपार दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।

मंत्री मंगल पांडेय ने जताया दुख

स्वास्थ्य एवं कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि महावीर मंदिर और राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल का निधन राज्य एवं देश के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। उनके निधन से पूरी तरह स्तब्ध हूं। देश ने एक महान विभूति को खो दिया। वो सामाजिक मूल्यों और कर्तव्यों के प्रति सजग रहने वाले एक ऐसे योद्धा थे, जिसने कभी हार नहीं मानी।

मैं उनके किए कार्यों को नमन करता हूं और उनके परिवार के प्रति सच्ची श्रद्धा व्यक्त करता हूं। हुए इस दुख की घड़ी में ईश्वर उनके परिजनों को पीड़ा सहने की असीम शक्ति प्रदान करे यही कामना करता हूं।

जीतन राम मांझी ने बताया बड़ी क्षति

जीतन राम मांझी आचार्य कुणाल किशोर के साथ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा कि'कुणाल किशोर जी का जाना मेरे लिए कितनी बड़ी क्षति है यह मैं लिखकर बयां नहीं कर सकता।

पिछले दिनों जब मैं अयोध्या गया था तो कुणाल साहब ने मुझे अयोध्या से ऐसे रू-बरू करवाया जैसे कोई अयोध्यावासी अपने शहर का इतिहास बता रहा हो। उनकी प्रशासनिक क्षमता और जनसेवा का सबसे बड़ा उदाहरण महावीर कैंसर संस्थान है, जहाँ की आत्मा किशोर कुणाल साहब में बसती थी।

वह हमेशा कहते थें “पद आज है चला जाएगा,पैसा है चला जाएगा पर आपके द्वारा किए गए कार्यों को जमाना याद रखेगा।”

ऐसे थें हमारे कुणाल साहब।'

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Acharya Kishore Kunal Profile: छोटे से गांव से तय किया बिहार रत्न तक का सफर, पढ़िए कौन हैं आचार्य किशोर कुणाल

December 29, 2024 - 11:56am

जागरण संवाददाता, पटना। महावीर मंदिर न्यास के सचिव और अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के संस्थापक आचार्य किशोर कुणाल का रविवार की सुबह हृदय गति रूकने के कारण निधन हो गया। 74 वर्षीय कुणाल देश के वीपी सिंह की सरकार के दौरान उन्हें केंद्र सरकार ने विश्व हिंदू परिषद और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के बीच मध्यस्थता के लिए विशेष अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया था।

मुजफ्फरपुर में हुआ जन्म

किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा मुजफ्फरपुर जिले के बरूराज गांव से हुई थी। बाद में उन्होंने 1970 में पटना विश्वविद्यालय से इतिहास और संस्कृत में स्नातक किया। उन्हें संस्कृत से गहरा लगाव था। स्नातक के साथ ही उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी थी। 1972 में गुजरात कैडर में भारतीय पुलिस सेवा आईपीएस अधिकारी बने थे। 1978 में वे अहमदाबाद के पुलिस उपायुक्त बने थे।

2001 में छोड़ी नौकरी

उनकी पहली पोस्टिंग गुजरात के आणंद जिले में हुई थी। उन्हें आणंद का एसपी बनाया गया था। 1978 में उन्हें अहमदाबाद का पुलिस उपायुक्त बनाया गया था। किशोर कुणाल 1983 में पटना के एसएसपी बने थे।

2001 में पुलिस सेवा से इस्तीफा दिया था। बाद में उन्होंने केएसडी संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा के कुलपति का पद संभाला था, वे साल 2004 तक इस पद पर रहे। बाद में बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के प्रशासक बन जातिवादी धार्मिक प्रथाओं में सुधार किया था।

उन्होंने इस दौरान धार्मिक न्यास बोर्ड में कई बदलाव किए। 10 मार्च 2016 को पद से इस्तीफा दे दिया था। किशोर कुणाल ने दमन तक्षकों का पुस्तक लिख प्रदेश के बाबी हत्याकांड का जिक्र किया था।

अस्पतालों की स्थापना

परोपकारी कार्य को लेकर पटना के हनुमान मंदिर के जरिए आचार्य किशोर कुणाल ने महावीर कैंसर संस्थान, महावीर आरोग्य संस्थान , महावीर नेत्रालय, महावीर वात्सल्य अस्पताल जैसे कई धर्मार्थ अस्पतालों की स्थापना की।

उन्होंने बड़े पैमाने पर परोपकारी कार्य किए। महावीर मंदिर में पहली बार 13 जून 1993 को एक पुजारी को नियुक्त किया था। धार्मिक धार्मिक न्यास बोर्ड के प्रशासक के रूप में उन्होंने बिहटा, पालीगंज, बोधगया, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, बेगुसराय और अन्य स्थानों पर कई प्रमुख मंदिरों में दलित पुजारियों की नियुक्ति की थी।

सांप्रदायिक सौहार्द्र के लिए किए प्रयास

अयोध्या के एक बहुत ही विवादास्पद मुद्दे पर हिंदू और मुस्लिम धार्मिक नेताओं के बीच बातचीत के नाजुक कार्य से भी वे जुड़े थे, फिर भी उन्होंने दोनों समूहों के साथ बहुत ही सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखे। इसके बाद उन्होंने विभिन्न धार्मिक मंचों से सांप्रदायिक सद्भाव का झंडा बुलंद किया।

दलित पुजारी को नियुक्त कर दिया था बड़ा संदेश
  • 13 जून,1993 को पटना हनुमान मंदिर में एक दलित पुजारी नियुक्त किया गया। बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के प्रशासक के रूप में उन्होंने बिहटा, पालीगंज, बोधगया, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, बेगुसराय और अन्य स्थानों पर कई प्रमुख मंदिरों में दलित पुजारियों की नियुक्ति की है।
  • उन्होंने बिहार के सभी मंदिरों में दलित ट्रस्टियों की नियुक्ति की है और उन्हें बड़े पैमाने पर मंदिर के मामलों के प्रबंधन से जोड़ा है। संगत (सामुदायिक प्रार्थना) और पंगत (सामुदायिक भोजन) के कार्यक्रमों के माध्यम से, उन्होंने बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में पुनर्जागरण लाया है।
  • सांप्रदायिक सौहार्द्र यद्यपि वे अयोध्या के एक बहुत ही विवादास्पद मुद्दे पर हिंदू और मुस्लिम धार्मिक नेताओं के बीच बातचीत के नाजुक कार्य से जुड़े थे, फिर भी उन्होंने दोनों समूहों के साथ बहुत ही सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखे।
  • इसके बाद उन्होंने विभिन्न धार्मिक मंचों से सांप्रदायिक सद्भाव का झंडा बुलंद किया। समाज के सभी वर्गों से उन्हें बहुत सम्मान प्राप्त है।
जागरण ने दिया था बिहार रत्न सम्मान 
  • सम्मान के प्रति सदा अनिकक्षा रखने वाले किशोर कुणाल को 2009 में जागरण समाचार पत्र समूह द्वारा 'बिहार रत्न' की उपाधि से सम्मानित किया गया।
  • 2008 में उन्हें भगवान महावीर फाउंडेशन, चेन्नई द्वारा प्रायोजित सामुदायिक और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में मानव प्रयास में उत्कृष्टता के लिए भारत के महामहिम राष्ट्रपति द्वारा 11वें महावीर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र और 5 लाख रुपये दिए जाते हैं।
  • 2006 में उन्हें समाज कल्याण समिति, बिहार, पटना द्वारा सामाजिक सेवा के लिए स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।
  • 1997 में उन्हें संस्कृत के प्रचार-प्रसार में उनकी सेवा के लिए पूर्व काशी नरेश डॉ. विभूति नारायण सिंह द्वारा श्रृंगेरी मठ, वाराणसी में सम्मानित किया गया था।
  • 1996 में उन्हें उनकी सामाजिक और सामुदायिक सेवाओं के लिए दूसरे विवेकानंद मेमोरियल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
लेखक की भूमिका में सदा रहे व्यस्त

व्यस्त सामाजिक जीवन के बावजूद आचार्य किशोर कुणाल ने लेखन को हमेशा सिर से लगाए रखा। उन्होंने कई पुस्तकों का लेखन किया। 'दलित देवो भव' एक महान कृति है, जिसे प्रकाशन विभाग, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दो खंडों में प्रकाशित किया गया है। उन्होंने अयोध्या रिविजिटेड नामक पुस्तक भी लिखी है।

पाठ्यक्रम आईपीएस में रहते हुए दिसंबर 1995 में यूएसए में 'क्राइसिस मैनेजमेंट कोर्स' और हैदराबाद स्थित एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ कॉलेज ऑफ इंडिया में टॉप मैनेजमेंट कोर्स सहित कई पाठ्यक्रमों में भाग लिया।

प्रवचन भी दिए

भारत और अमेरिका में भारतीय इतिहास, दर्शन, संस्कृत साहित्य और धर्मग्रंथों के कई विषयों पर प्रवचन दिए। वाल्मीकि रामायण पर भी उनकी विशेषज्ञता थी।

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New Year 2025: नए साल में घूमने के लिए परफेक्ट हैं पटना की ये जगहें, अभी से बना लीजिए जानें का प्लान

December 29, 2024 - 11:03am

मृत्युंजय मानी,पटना। नए साल में नए संकल्प के प्रति प्रतिबद्धता के साथ राजधानी एवं आसपास के क्षेत्रों में भरपूर उल्लास दिखाई देगा। संजय गांधी जैविक उद्यान, राजधानी वाटिका, ऐतिहासिक स्थल कुम्हरार, गोलघर पार्क, बिहार म्यूजियम, धार्मिक स्थल गुरुद्वारा, पटनदेवी, महावीर मंदिर सहित शहर के पार्क नववर्ष का स्वागत करने को तैयार हैं। नए पर्यटन स्थल के रूप में गंगा जेपी पथ पर भी खूब भीड़ होगी।

पटना पार्क प्रमंडल शहर के मोहल्लों में स्थित 74 पार्कों में प्रवेश शुल्क नहीं लेता है। वहीं राजधानी वाटिका के साथ-साथ शहर के 15 बड़े पार्कों में नववर्ष के प्रथम दिन सामान्य से अधिक शुल्क लगेगा। सात पार्कों में सामान्य दिनों की तरह प्रवेश शुल्क लगेगा।

शहीद वीर कुंअर सिंह पार्क, शिवाजी पार्क, अमृत पार्क वन एवं टू, एसकेपुरी, गांधी नगर पार्क, बहादुरपुर हाउसिंग कालोनी, एजी कालोनी, अटल पार्क, शास्त्रीनगर सीआइडी कालोनी पार्क आदि में अधिक शुल्क लगेगा। वहीं 31 दिसंबर तक सभी पार्कों में सामान्य शुल्क लगेंगे।

जेपी गंगा पथ बना पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र
  • जेपी गंगा पथ शहरवासियों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। जेपी सेतु गंगा सेतु से लेकर एलसीटी घाट तक दुकानें सजकर तैयार हो गई हैं। एलसीटी घाट से प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय तक कई स्थानों पर दुकानें सज गई हैं।
  • नववर्ष के प्रथम दिन गंगा किनारे लोगों की भीड़ उमड़ने की संभावना जताई जा रही है। सांझा उत्सव 31 दिसंबर को समाप्त हो जाएगा।
  • यह स्थल भी शहरवासियों को अपनी तरफ आकर्षित करेगा। नगर निगम की ओर से की गई लाइटिंग दीघा 93 घाट पर आकर्षक लग रही है। गांधीघाट सहित गंगा किनारे वाले भाग में शहरवासी जश्न मनाने के लिए जाते हैं साथ ही गंगा का दर्शन भी करते हैं।
चिड़ियाघर में वन्य प्राणियों के बीच जश्न
  • संजय गांधी जैविक उद्यान में 100 प्रजातियों के 1100 वन्य प्राणी और 15 हजार पेड़-पौधे के बीच शहरवासी जश्न मनाएंगे। इसे फूलों से सजाया गया है। यहां 2024 में नववर्ष के प्रथम दिन 27,334 दर्शक आए थे। दोनों गेट पर अतिरिक्त काउंटर खोले गए हैं। उस दिन नौकायन और शिशु उद्यान बंद रहेगा। जल उद्यान में 13 अलग प्रकार के फाउंटेन आकर्षण का केंद्र बनेंगे। पशुपालक वन्य प्राणियों के केजों के पास तैनात रहेंगे।
  • सुबह आठ बजे से प्रवेश मिलेगा, नए साल पर सुबह की सैर पर प्रतिबंध रहेगा। चिड़ियाघर में अतिरिक्त 12 काउंटर खुलेंगे, यह सुबह आठ से शाम पांच बजे तक खुला रहेगा। 100 कर्मी सुरक्षा दृष्टिकोण से तैनात किए गए हैं। जिला प्रशासन ने दंडाधिकारी भी तैनात किए हैं।
राजधानी वाटिका में जुड़े हैं तीन पार्क
  • इकोपार्क में बड़ा लान है, कैंटीन है, तालाब है और शिशु उद्यान है।
  • पारिस्थितिकी पार्क में नौकायान, लान, धर्म और ग्रह पर आधारित वन है।
  • नक्षत्र वन, राशि वन, गुरुवाटिका, बुद्ध वाटिका सहित कई वाटिका है, इसी पार्क से जुड़ा गुलाब गार्डेंन है।
  • इको पार्क और पारिस्थितिकी पार्क को जोड़ने के लिए भूमिगत रास्ता है।
  • एडवेंचर पार्क में घास का लान, झरना, स्केटिंग, एडवेंचर से जुड़ी कई प्रकार की गतिविधि की व्यवस्था की गई है।
  • नव वर्ष के प्रथम दिन एडवेंचर पार्क खुले रहेंगे, लेकिन गतिविधियां नहीं होंगी।
  • प्रवेश करने के लिए चार गेट खुले रहेंगे, भीड़ बढ़ने पर प्रवेश द्वार की संख्या में वृद्धि की तैयारी है।
बुद्धस्मृति पार्क की शांति लुभाएगी

बुद्ध स्मृति पार्क पटना जंक्शन के पास फ्रेजर रोड में 22 एकड़ में स्थित है। छह देशों से लाए गए बुद्ध अस्थि अवशेष 200 फीट ऊंचे बने पाटलिपुत्र करुणा स्तूप में रखा गया है। ध्यान केंद्र और संग्रहालय है। अंदर में प्रतिदिन संध्याकाल में साउंड एंड लेजर शो चलता है। इस पार्क में घास का रखरखाव अपनी तरफ आकर्षित करता है।

स्वतंत्रता संघर्ष की याद दिलाता है वीरकुंअर सिंह आजादी पार्क

वीरकुंअर सिंह आजादी पार्क आर.ब्लाक और जीपीओ गोलंबर के बीच में स्थित है। इस पार्क के मध्य में वीरकुंअर सिंह की प्रतिमा है। यह पार्क आजादी की लड़ाई की याद दिलाता है। इस पार्क में इंटरनेशनल स्तर के दो कोर्ट वाला बास्केट बाल ग्राउंड है। फुटबाल ग्राउंड है और क्रिकेट प्रशिक्षण केंद्र है। खूबसूरत तालाब में हंस लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।

बिहार म्यूजियम में रहती है भीड़

बिहार म्यूजियम में इस वर्ष नव वर्ष के प्रथम दिन सुबोध गुप्ता की कलाकृतियां आकर्षण का केंद्र रहेंगी। यहां पिछले वर्ष आठ हजार लोग आए थे। अंतरराष्ट्रीय स्तर की बाल दीर्घा बच्चों को आकर्षित करती है। हिस्ट्री गैलरी, लोककला गैलरी, यक्षणी की प्रतिमा आकर्षण का केंद्र रहेगी। सामान्य दिनों की तरह प्रवेश शुल्क लगेगा। पटना म्यूजियम लंबे समय से बंद है, इस कारण नववर्ष के प्रथम दिन भी बंद रहेगा।

सभ्यता द्वार देखने के लिए नि:शुल्क प्रवेश

नई दिल्ली के इंडिया गेट और मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया के तर्ज पर सभ्यता द्वार का दीदार पटनावासी कर सकते हैं। बापू सभागार कैंपस के पिछले भाग में है। गंगा नदी के तट पर इसका निर्माण किया गया है।

गंगा दूर चली गई हैं। सभ्यता द्वार 32 मीटर ऊंचा है। सभ्यता द्वार के शीर्ष पर अशोक स्तंभ दिखाई देता है। सूर्यास्त होते ही लाइटिंग से जंगम हो जाता है। बिहार से जुड़े चार महापुरूषों बौद्ध धर्म के प्रवर्तक महात्मा बुद्ध, जैन धर्म के 24वें तीर्थांकर भगवान महावीर, सम्राट अशोक और मेगास्थानीज की वाणी आकर्षित करती है।

कुम्हरार पार्क ने संजो रखा है इतिहास

कुम्हरार पार्क ने प्राचीन पटना के अवशेष को यह पार्क संजोकर रखा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण 1913 में प्राचीन शहर पाटलिपुत्र के अवशेषों की खुदाई शुरू की गई थी। 80 स्तंभ वाला एक हाल, सम्राट अशोक के समय बौद्धों के लिए बनाए गए सभा हाल आदि मिले हैं। नववर्ष के प्रथम दिन यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं।

गोलघर बना आकर्षण का केंद्र

गोलघर ऐतिहासिक इमारत है। एक समय में यह पटना शहर का सबसे ऊंची इमारत था। गंगा नदी का दृश्य दिखाई देता था। अब गंगा गोलघर से दूर चली गई। फिलहाल गोलघर के ऊपर चढ़ने पर अभी रोक है। गोलघर पार्क में जाकर गोलंघर के इमारत से दीदार हो सकते हैं। यहां भी पर्यटकों की खूब भीड़ रहती है।

बोर्ड कॉलोनी में हैं ऊर्जा पार्क

बिजली कंपनी ऊर्जा पार्क का संचालन करती है। यह पार्क पिकनिक स्पॉट बन गया है। इसमें एक छोटी सी झील है। फव्वारे सैलानियों को आकर्षित करते हैं। बच्चों का पार्क और लान को लोग काफी पसंद करते हैं। यह पार्क विद्युत बोर्ड कॉलोनी में स्थित है।

शहर के मोहल्लों के 106 पार्कों में भी होगी भीड़

शहर के मोहल्ले में 106 पार्क नववर्ष पर शहरवासियों के आने का इंतजार कर रहे हैं। फूलों से उन्हें सजाया गया है। पुनाईचक, कंकंड़बाग, एसके नगर, चितकोहरा, पुलिस कालोनी सहित शहर के विभिन्न क्षेत्रों में पार्क का निर्माण किया गया है। 74 पार्कों में कोई शुल्क नहीं लगेगा।

धार्मिक स्थलों पर उमड़ती है भीड़

तख्त श्री पटना साहिब गुरुद्वारा, पटनदेवी, पटना जंक्यान स्थित हनुमान मंदिर, राजवंशी नगर हनुमान मंदिर, जल्ला स्थित हनुमानमंदिर, दरभंगा हाउस काली मंदिर, बांसघाट काली मंदिर सहित कई धार्मिक स्थलों पर नए साल के पहले दिन लोगों की भीड़ उमड़ती है।

1 जनवरी को लगेगा अधिक प्रवेश शुल्क भ्रमण
  • चिड़ियाघर- वयस्क 100 रुपये व शिशु 50 रुपये
  • राजधानीवाटिका- वयस्क 50 रुपये व शिशु 25 रुपये
  • बुद्ध स्मृति पार्क-वयस्क 40 रुपये व शिशु 40 रुपये
  • वीरकुंअर सिंह आजादी पार्क- वयस्क 25 रुपये व शिशु 10 रुपये
  • बिहार म्यूजियम वयस्क 100 रुपये व शिशु 50 रुपये

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Acharya Kishore Kunal Death: पूर्व IPS अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल का हार्ट अटैक से निधन

December 29, 2024 - 9:09am

जागरण संवाददाता, पटना। साल 2024 की विदाई से पहले एक और बुरी खबर सामने आई है। पूर्व IPS आचार्य किशोर कुणाल का कार्डियक अरेस्ट की वजह से रविवार सुबह निधन हो गया। कार्डियक अरेस्ट के बाद उन्हें तुरंत महावीर वत्सला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। आचार्य किशोर कुणाल ने आईपीएस से त्याग-पत्र देकर समाज-सेवा के कार्यों को शुरू किया। उनका निधन प्रदेश के लिए बड़ी क्षति है।

मुजफ्फरपुर के रहने वाले थे पूर्व IPS

किशोर कुणाल मुजफ्फरपुर के बरूराज के रहने वाले थे। उनकी पहचान एक कड़क आईपीएस अधिकारी के रूप में होती थी। किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी बरुराज गांव में ही हुई। 

आचार्य किशोर कुणाल के शव को घर ले जाते हुए

निधन के बाद उनके शव को घर लाया गया, जहां लोग श्रद्धांजलि देने के लिए आ रहें हैं। अब तक मंत्री एवं समधी अशोक चौधरी, जमा खान, सुमित कुमार सिंह, विधान पार्षद संजय सिंह सहित कई लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। मिली जानकारी के अनुसार, आचार्य किशोर कुणाल का अंतिम संस्कार सोमवार को किया जाएगा। 

घर लाया गया आचार्य किशोर कुणाल का शव

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा, तेजस्वी यादव, लालू यादव, राबड़ी देवी, पप्पू यादव, तेज प्रताप यादव, जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार सहित प्रदेश के कई दिग्गज नेताओं ने आचार्य किशोर कुणाल के निधन पर दुख जताया है।

CM नीतीश कुमार ने बताया सामाजिक और प्रशासनिक क्षति

CM नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया में पोस्ट करके आचार्य किशोर कुणाल के निधन पर दुख जताया। उन्होंने लिखा कि ' पूर्व IPS अधिकारी, बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के पूर्व अध्यक्ष और महावीर मंदिर न्यास समिति के संस्थापक सचिव आचार्य किशोर कुणाल जी का निधन दुःखद। वे एक कुशल प्रशासक एवं संवेदनशील पदाधिकारी थे। उनके निधन से प्रशासनिक और सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना है।'

उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने जताया दुख

उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने लिखा कि 'महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव, बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष, राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य, पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल जी का हृदयाघात से आकस्मिक निधन हो जाने की दुःखद सूचना प्राप्त हुई है। धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में उनकी कृतियों को हमेशा याद रखा जायेगा।

प्रभु श्रीराम दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा उनके शोकाकुल परिजनों एवं शुभचिंतकों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।

ऊ शांति!'

सम्राट चौधरी ने जताया दुख

सम्राट चौधरी ने लिखा कि 'पटना महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष, पूर्व IPS अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल जी का हृदयाघात से निधन की खबर अत्यंत ही दुःखद है। किशोर कुणाल जी की धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में महती भूमिका रही है। उनकी विदाई से बिहार को गहरा आघात लगा है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।

ऊ शांति'

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