Dainik Jagran
'बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए', अशोक चौधरी की कविता पर उबाल; नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद छा गई शांति
राज्य ब्यूरो, पटना। ग्रामीण कार्य मंत्री डॉ. अशोक चौधरी के फेसबुक पर री-पोस्ट की गई कविता से पैदा हुआ विवाद दिनभर उबलकर शाम तक शांत हो गया। इस दौरान जदयू के कुछ नेताओं ने आरोप लगाया कि यह कविता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर केंद्रीत है।
कविता की चर्चा इतनी तेज हुई कि चौधरी मुख्यमंत्री निवास बुला लिए गए। वहां से निकले तो उन्होंने अपने फेसबुक पर मुख्यमंत्री के साथ वाला एक फोटो पोस्ट किया। लिखा-आज की तस्वीर। गीत का मुखरा भी लिखा-कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना।
चौधरी ने मंगलवार को मॉर्निंग मोटिवेशन टैग के साथ एक कविता पोस्ट की। विवाद होने पर बताया कि यह कविता उनके मित्र की पत्नी की है। मित्र ने भेजा था। हमें अच्छी लगी। री-पोस्ट कर दिया।
क्या है कविता?कविता है:- बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए। एक दो बार समझाने से यदि कोई नहीं समझ रहा है तो सामने वाले को समझाना छोड़ दीजिए। बच्चे बड़े होने पर वो खुद के निर्णय लेने लगे तो उनके पीछे लगना छोड़ दीजिए। गिने चुने लोगों से अपने विचार मिलते हैं, यदि एक दो से नहीं मिलते तो उन्हें छोड़ दीजिए.....। चौधरी ने कहा कि नीतीश और वे एक दूसरे को प्यार करते हैं। बाकी लोगों की वे परवाह नहीं करते।
कविता पढ़ने के बाद कुछ पत्रकार जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री नीरज कुमार के पास पहुंचे।कहा कि फेसबुक की यह कविता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर इशारा करती है।नीरज ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि नीतीश कुमार के व्यक्तित्व पर कोई छद्म रूप से प्रहार नहीं कर सकता है। सीधा प्रहार करे और जवाब सुनने के लिए भी तैयार रहे। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार वे ग्लोबल थिंकर हैं।क्लाइमेट लीडर हैं। बीते 19 साल से राज्य के मुख्यमंत्री हैं। विकास पुरुष हैं। इतने दिनों तक सरकार चलाने के बाद भी राज्य में सत्ता विरोधी रूझान नहीं है।
चौधरी गए मुख्यमंत्री निवासइन्हीं चर्चाओं के बीच डॉ. अशोक चौधरी दोपहर मुख्यमंत्री निवास गए तो प्रचारित हुआ कि उन्हें तलब किया गया है। मुलाकात का विवरण चौधरी ने ही पत्रकारों को दिया। उन्होंने कहा कि वह प्रतिदिन मुख्यमंत्री निवास आते-जाते रहते हैं। कल भी दिन भर मुख्यमंत्री के साथ थे। उनके कहने का आशय यही था कि उनके मुख्यमंत्री निवास जाने से कविता प्रकरण का कोई संबंध नहीं है। जहां तक कविता का प्रश्न है, वह सामान्य है। उन बच्चों पर है, जो अभिभावक की बात नहीं मानते हैं।
2025 में फिर से नीतीश का लक्ष्यचौधरी ने कहा- नीतीश हमारे मानस पिता हैं। उन्होंने मुझे सम्मान दिया। वे देश के पहले अनुसूचित जाति के नेता हैं जिन्हें बिना किसी सदन का सदस्य रहे दो बार मंत्री बनाया गया। दाएं-बाएं नहीं, हमारा लक्ष्य साफ है। 2025 में नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री बनाना है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग ज्ञानी होते हैं। उन्हें कविता में मुख्यमंत्री के प्रति दूसरा भाव नजर आ रहा है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। हम लक्ष्य पर केंद्रीत होकर काम करते हैं।
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Patna News: पेपर लीक मास्टरमाइंड का संहार करती दिखेंगी मां दुर्गा, माटी के लाल थीम पर सजेगा आनंदपुरी पूजा पंडाल
जागरण संवाददाता, पटना। दुर्गापूजा के मौके पर चौक-चौराहों पर बन रहे पूजा पंडाल लोगों को आकर्षित करेगा। पटना के बोरिंग रोड स्थित आनंदपुरी पूजा पंडाल इस बार माटी के लाल थीम पर बन रहा है।
श्री विजय वाहिनी दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि इसमें किसान और कुम्हार के जीवन को दर्शाया जाएगा। राक्षस के जरिए आम जीवन की समस्याओं को बताया जाएगा। राक्षस को परीक्षा पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड के रूप में दिखेगा। जिसका संहार मां दुर्गा करते नजर आएंगी।
पंडाल में मां दुर्गा, लक्ष्मी, मां सरस्वती, गणेश और कार्तिक की प्रतिमा राक्षसों का संहार करते नहीं, बल्कि किसान और कुम्हारों की मदद करती दिखेंगी। राक्षस के रूप में बेरोजगारी को दूर करने और स्वरोजगार, खेती किसानी को बढ़ावा देने का संदेश देंगे।
इस वर्ष भगवान गणेश किसान का हल पकड़ कर खेत जोतते नजर आएंगे। मां लक्ष्मी किसान की मदद करते दिखेंगी। कार्तिक और मां सरस्वती कुम्हार के मटका बनाने में सहयोग करती दिखेंगी। मां का आशीर्वाद स्वरोजगार और अन्न उपजाने वाले श्रम जीवियों को मिलता दिखेगी।
भव्य होगा दुर्गापूजा का पंडाल2017 से हिमगिरी चौराहे पर बैठने वाली मां दुर्गा की प्रतिमा व पूजा पंडाल लोगों को आकर्षित करता रहा है। पूजा पंडाल इस बार 12 सौ वर्ग फीट का होगा। पंडाल की ऊंचाई लगभग 45 तो चौड़ाई 40 फीट की होगी। मां की प्रतिमा 15-18 फीट की होगी।
इसे पश्चिम बंगाल के मूर्तिकार बनाने में लगे हैं। पूजन को लेकर लगभग 20-25 लाख का बजट होगा। इस बार बन रहा पंडाल कई मामलों में अनूठा होगा।
छेद वाले मटके चारों ओर फैलाएंगे प्रकाशदुर्गापूजा समिति आनंदपुरी हिमगिरी चौराहे पर 42 वर्षों से नवरात्र में पूजा हो रही है। पूजा समिति की स्थापना 1982 में की गई थी।
पहले बोरिंग कैनाल रोड पंचमुखी मंदिर के बगल में प्रतिमा स्थापित होती थी। बाद में हिमगिरी चौराहे के पास प्रतिमा स्थापित कर पूजन हो रहा है। गली को सजाने के लिए 10 हजार मटकों का प्रयोग होगा। छेद वाले मटके चारों ओर प्रकाश देंगे।
बोरिंग कैनाल रोड से आनंदपुरी पूजा पंडाल तक चार सौ मीटर लंबी गली की साज-सजावट भव्य होगी। आनंदपुरी में हर साल कुछ विशिष्ट थीम पर सजावट की जाती है।
भंडारे का होगा आयोजनतीन से आठ अक्टूबर के बीच शाम सात बजे से नौ बजे तक प्रतिदिन विशाल भंडारे का आयोजन होगा। सप्तमी तिथि को खीर, अष्टमी तिथि को केसरिया हलवा का भोग मां दुर्गा को लगेगा।
भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण होगा। नवमी तिथि को कन्या पूजन के बाद खिचड़ी का भोग लगा कर श्रद्धालुओं के बीच बांटा जाएगा। दसवीं तिथि को विशाल भंडारे का आयोजन होगा।
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जागरण संवाददाता, पटना। पटना विद्युत आपूर्ति प्रतिष्ठान ने दुर्गा पूजा पैकेज टैरिफ जारी कर दिया है। पूजा समारोह की शुरुआत से अंत तक एकमुश्त राशि देनी है। एक किलोवाट लोड का कनेक्शन लेने पर 2049 रुपये देना पड़ेगा। पांच किलोवाट पर 7507 रुपये, दस किलोवाट पर 12576 रुपये, 20 किलोवाट लोड पर 22716 रुपये जमा करना पड़ेगा। विद्युत टैरिफ केे हिसाब से दुर्गा पूजा पैकेज तैयार किया गया है।
पेसू महाप्रबंधक श्रीराम सिंह दुर्गा पूजा पैकेज के अनुसार, प्रत्येक पूजा पंडालों को बिजली कनेक्शन देना सुनिश्चत किया है। सभी अभियंताओं को निर्देश दिया है कि पूजा पंडालों से संपर्क पर अस्थाई बिजली कनेक्शन का आवेदन भ्रवाएं।
बिना कनेक्शन के किसी भी पंडाल में बिजली आपूर्ति नहीं दी जाएगी। पूजा के दौरान सुरक्षित, निर्बाध एवं सुचारू रूप से बिजली उपलब्ध कराना सुनिश्चत कराएं।
महाप्रबधक ने निर्देश में कहा है कि सभी दुर्गा पूजा पंडालों को इंडियन इलेक्ट्रीशिटी रूल 1995 के मानकाें के अनुसार विद्युत सुरक्षा संबंधी मानकों का अनुपालन करते हुए रखरखाव सुनिचित किया जाए।
तीन शिफ्ट में नियंत्रण कक्ष की व्यवस्था की जाए। सभी 33केवी, 11केवी और एलटी लाइन का रखरखाव दुर्गा पूजा केे पूर्व पूर्ण कराया जाए। सुरक्षित एवं निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति हो, तार टूटने की कोई संभावना न हो।
लोड (किलोवाट में) राशि (रुपये में) एक 2024 दो 2990 तीन 4004 चार 5018 पांच 7507 छह 8521 सात 9535 आठ 10549 नौ 11562 दस 12576 1517646
20 22716 25 27786 30 32855 35 37925 40 42995 50 53134 60 63273 70 73413 80 83552 90 93692 100 103831ये भी पढ़ें- Bihar Jamin Jamabandi: रजिस्ट्री के लिए जमाबंदी चाहिए या नहीं? सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार
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राज्य ब्यूरो, पटना। जमीन के निबंधन (Bihar Land Registry) में जमाबंदी की अनिवार्यता के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई होगी। मामले में कोर्ट निर्णय करेगा कि रजिस्ट्री में जमाबंदी की अनिवार्यता रहेगी या नहीं।
दरअसल, राज्य सरकार ने जमीन विवाद के बढ़ते मामलों को देखते हुए शहरी क्षेत्र के अपार्टमेंट और फ्लैट को छोड़ कर सभी इलाकों में जमीन के निबंधन के लिए विक्रेता के नाम से संबंधित प्लाट की जमाबंदी होना अनिवार्य कर दिया था।
इस जमाबंदी का उल्लेख नए डीड में भी किया जाता है।
हाइकोर्ट के आदेश पर 21 फरवरी 2024 को यह नियम लागू किया गया था, लेकिन 21 मई 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के निर्णय पर स्टे लगा दिया, जिससे फिर पुरानी व्यवस्था बहाल हो गई। आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मसले पर कोई निर्णय लिए जाने की उम्मीद लगाई जा रही है। फैसला किसी भी वक्त आ सकता है।
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राज्य ब्यूरो, पटना। अक्टूबर के पहले हफ्ते में जदयू अपने 'मिशन 2025' को विस्तार देगा। जदयू प्रदेश कार्यालय में जदयू की राज्य कार्यकारिणी की बैठक होगी। अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) को लेकर बैठक में कई प्रस्ताव लिए जाएंगे।
हाल ही में जदयू ने अपने प्रदेश पदाधिकारियों व विधानसभा प्रभारियों की एक संयुक्त बैठक की थी। इसके बाद अब राज्य कार्यकारिणी के सदस्यों की बैठक की जा रही। संभव है कि इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी संबोधन हो। इस दौरान मुख्य रूप से यह तय किया जाना है जदयू किन मुद्दों के साथ आने वाले विधानसभा चुनाव में लोगों के बीच जाएगा।
नीतीश कुमार को लेकर आएगा प्रस्तावजदयू सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पार्टी के स्तर पर यह प्रस्ताव भी लिया जाना है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। नीतीश कुमार को इस बात के लिए अधिकृत किए जाने का प्रस्ताव भी लिया जाएगा कि विधानसभा चुनाव से संबंधित सभी तरह के निर्णय उनके स्तर पर लिए जाएंगे।
पार्टी की योजना है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जदयू की उपस्थिति बड़े स्तर पर दिखे। इसके तहत यह देखा जाना है कि किन-किन क्षेत्रों में पार्टी के पदाधिकारियोें के नेतृत्व में वॉट्सएप ग्रुप काम कर रहे। उनसे कितने लोग जुड़े हैं और नियमित रूप से उनका संवाद कितना है।
डिजिटल मोड में दिखेगी नीतीश कुमार की पार्टीनीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में जो काम हुए हैं उसके बारे में लोगों को डिजिटल मोड में बताए जाने की योजना पर भी चर्चा होगी। विधानसभा प्रभारियों को किस तरह से अपने-अपने प्रभार क्षेत्र में सक्रियता रखनी है उस पर भी बैठक में चर्चा होगी।
जदयू का इस बात पर विशेष रूप से जोर रहेगा कि युवाओं के बीच उसकी पैठ अधिक हो। इस क्रम में विस्तार से उन्हें यह नियमित रूप से बताने की योजना भी बनेगी कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में कितनी संख्या में लोगों को नौकरी मिली व उद्यमिता की दिशा में काम हुए। हर जिले के लिए अलग-अलग डाटाबैंक पर भी काम होना है।
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Ashok Choudhary: 'कोई आपको न पूछे तो दिल पर लेना छोड़ दीजिए', आखिर अशोक चौधरी ने किसपर कसा तंज? मचा घमासान
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार में मंत्री और सीएम नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले अशोक चौधरी के नए बयान ने पूरे बिहार की राजनीति में खलबली मचा दी है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम कई सारी बातें कहीं हैं। जिसको देखकर माना जा रहा है कि उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से नीतीश कुमार पर तंज कसा है।
अशोक चौधरी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि एक दो बार समझाने से यदि कोई नहीं समझ रहा है तो सामने वाले को समझाना, छोड़ दीजिए. बच्चे बड़े होने पर वो ख़ुद के निर्णय लेने लगे तो उनके पीछे लगना, छोड़ दीजिए।गिने चुने लोगों से अपने विचार मिलते हैं, यदि एक दो से नहीं मिलते तो उन्हें, छोड़ दीजिए।
क्षमता में बहुत फर्क पड़ रहा है तो खुद से अपेक्षा करना, छोड़ दीजिए- अशोक चौधरीचौधरी ने आगे लिखा कि एक उम्र के बाद कोई आपको न पूछे या कोई पीठ पीछे आपके बारे में गलत कह रहा है तो दिल पर लेना, छोड़ दीजिए। अपने हाथ कुछ नहीं, ये अनुभव आने पर भविष्य की चिंता करना, छोड़ दीजिए। यदि इच्छा और क्षमता में बहुत फर्क पड़ रहा है तो खुद से अपेक्षा करना, छोड़ दीजिए।
हर किसी का पद, कद, मद, सब अलग है इसलिए तुलना करना, छोड़ दीजिए। बढ़ती उम्र में जीवन का आनंद लीजिए, रोज जमा खर्च की चिंता करना, छोड़ दीजिए। उम्मीदें होंगी तो सदमे भी बहुत होंगे, यदि सुकून से रहना है तो उम्मीदें करना, छोड दीजिए।
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दो RPF जवानों की हत्या का आरोपी मारा गया, UP STF ने किया ढेर; पटना से भाई को भी उठाया
जागरण टीम, पटना/गाजीपुर। पुलिस मुठभेड़ में आरपीएफ जवानों की हत्या का आरोपित फुलवारीशरीफ का जाहिद मारा गया।
उत्तर प्रदेश के गमहर थाना क्षेत्र में आरपीएफ के दो जवानों की हत्या के सनसनीखेज मामले में यूपी एसटीएफ की नोयडा यूनिट और गाजीपुर पुलिस के साथ मुठभेड़ में एक बदमाश गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसकी इलाज के क्रम में मौत हो गई।
मरने वाले की पहचान पटना के फुलवारी शरीफ मंसूर मोहल्ला निवासी मुस्तफा के पूत्र जाहिद के रूप में हुई। इसके मुठभेड़ में मारे जाने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम मंगलवार की मध्य रात्र फुलवारी शरीफ थाना पहुंची और फुलवारी शरीफ थाना पुलिस के सहयोग से मुस्तफा के घर गई।
भाई को गहमर थाना लेकर गई पुलिसजहां से पुलिस जाहिद के छोटे भाई पींटू को अपने साथ लेकर गमहर थाना चली गई है। जाहिद के पिता मुस्तफा और मां साजिदा खातून ने बताया कि बेटे उसका अपराध से कोई लेना देना नहीं था और ना ही उस पर कोई अपराधिक मामला किसी भी थाना में दर्ज है।
उसे रविवार की शाम तक फुलवारी शरीफ में देखा गया है, उसके बाद उसका कोई अतापता नहीं चला और अचानक से सूचना मिली कि उसकी पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई है।
परिजनों का कहना है कि उस पर किसी भी थाना में कोई अपराधिक मामला दर्ज नहीं था। जबकि पुलिस का कहना है कि उसपर एक लाख का इनाम घोषित था।
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Bihar Jamin Survey: आसान भाषा में 'कैथी लिपि' के बारे में पढ़ें यहां, अमीन ने खुद बताई अंदर की एक-एक बात
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Land Survey 2024: बिहार सरकार के द्वारा कराए जा रहे भूमि सर्वे में उर्दू व कैथी लिपि में लिखे गए दस्तावेज परेशानी और विवाद के कारण बन रहे हैं। स्थिति यह बनी हुई है कि भूमि सर्वे में लगे अधिकतर कर्मचारियों को उर्दू व कैथी लिपि का ज्ञान नहीं है और रैयत भी अब इस लिपि को पढ़ने में असमर्थ हैं।
ऐसी जमीन के दस्तावेज में लिखे गये तथ्यों को जानकारी पाना एक बड़ी समस्या बन गयी है। वर्तमान में क्षेत्र में इसकी जानकार भी कम है। क्षेत्र में इक्का-दुक्का जो इसके जानकार रह गये हैं ये भी काफी वृद्ध हो गये हैं।
कागज पुराना होने के कारण जमीन के दस्तावेज पढ़ने में वे भी असमर्थ है। ऐसे में जमीन सर्वे के दौरान उर्दू व कैथी के जानकार बन कई लोग मोटा पैसा लेकर अनुवाद कर रहे हैं। ये भविष्य में बड़े विवाद के कारण बन सकते हैं। वहीं, दूसरी तरफ पूर्व में दर्ज जमीन तो लिखवा लिए हैं, लेकिन उसका दाखिल खारिज नहीं हुआ है।
कागज भी मिल नहीं रहा है, इसको लेकर लोग रिकार्ड रूम में रोज चक्कर लगा रहे हैं। खासकर भूमि सर्वे के दौरान कैथी लिपि अनुवाद को लेकर रैयत इधर-उधर चक्कर लगा रहे हैं। काफी परेशानी हो रही है।
सबसे पहले कैथी लिपि के बारे में जानिएबता दें कि पुरानी कैथी लिपि में खतियान होने से इसे पढ़ पाना कठिन हो रहा है। ऐतिहासिक ब्राह्मी लिपि कैथी को कायथी या कायस्थी भी कहा जाता है। इसका उपयोग 600 ईसवी से शुरू होने का अनुमान है। देश में मुस्लिम शासकों के काल में कायस्थ समुदाय के लोग कैथी में ही जमीन से जुड़े दस्तावेज लिखते थे।
इनके अलावा, मुस्लिम उर्दू-फारसी में लिखते थे। इस तरह अंग्रेज शासनकाल से लेकर आजादी के बाद भी जमीनी दस्तावेज लेखन कैथी में चलता रहा। कैथी लिपि में अक्षरों के ऊपर शिरोरेखा नहीं होती है। इसमें सभी अक्षर एक साथ लिखे जाते हैं। इसमें हर्स्व ''इ'' और दीर्घ ''ऊ'' की मात्रा भी नहीं लगाई जाती।
इसमें संयुक्त अक्षर जैसे– ऋ, क्ष, त्र, ज्ञ, श्र आदि का प्रयोग नहीं किया जाता है। इतना ही नहीं, शब्द या वाक्य भी नहीं बनाया जाता है, इसीलिए आज इसे पढ़ने में कठिनाई आती है।
कैथी लिपि की विशेषताएं- यह लिपि दाएं से बाएं लिखी जाती है।
- कैथी लिपि में विभिन्न चिन्हों का प्रयोग किया जाता है।
- यह लिपि मुख्य रूप से सरकारी दस्तावेजों, पत्रों और व्यावसायिक लेखन में प्रयोग की जाती थी।
कैथी लिपि में लिखे दस्तावेज
कैथी लिपि का महत्व- कैथी लिपि भारत की सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- यह लिपि भारत के इतिहास और साहित्य को समझने में मदद करती है।
- कैथी लिपि का अध्ययन भाषाविज्ञान और इतिहास के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है।
आजकल, कैथी लिपि का प्रयोग बहुत कम होता है, और इसकी जगह देवनागरी लिपि और रोमन लिपि ने ले ली है।
कई लोगों के दस्तावेज पर कैथी लिपी में लिखे अक्षर मिट गएधनंजय कुमार झा नाम के जमीन के एक हिस्सेदार ने बताया कि उनके पिता, दादा और परदादा के नाम पर बने जमीन के कागज में भी सारे रिकॉर्ड कैथी लिपी में लिखे हैं। कुछ दस्तावेज पर तो लिखे अक्षर मिटने लगे हैं, जिससे अब प्रशिक्षित अमीन को भी पढ़ने में परेशानी होगी।
अनुवादक ने बढ़ा दी फीस, दलालों की कट रही चांदीखगड़िया जिला के रहने वाले 60 वर्षीय धनंजय कुमार झा ने कहा कि जब सर्वे शुरू हुआ है तो कई परेशानी सामने आ रही है। दस्तावेज कैथी लिपि में है और देवनागरी में अनुवाद करने वाला नहीं मिल रहा है। पूरे जिले में कैथी लिपि जानकार ढूंढने से भी नहीं मिल रहे हैं। पहले अनुवाद के लिए प्रति पेज 300 से 400 रुपये मांगते थे, लेकिन अचानक से जबसे सरकार ने जमीन सर्वे करने का एलान किया तब से एक खतियान के अनुवाद के 15 से 20 हजार रुपये की मांग कर रहे हैं।
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जागरण संवाददाता, पटना। प्रमंडलीय आयुक्त मयंक वरवड़े ने कहा है कि दुर्गापूजा पंडाल की ऊंचाई 40 फीट से ज्यादा नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने प्रतिमा भी 20 फीट से ज्यादा ऊंची नहीं रखने का निर्देश दिया है।
आयुक्त सोमवार को दुर्गापूजा एवं दशहरा को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई प्रमंडलस्तरीय बैठक में अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
बैठक में आइजी गरिमा मलिक, शाहाबाद डीआइजी समेत सभी छह जिलों, पटना, नालंदा, भोजपुर, बक्सर, रोहतास एवं कैमूर के डीएम, एसपी-एसएसपी, नगर आयुक्त एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
भीड़ पर ड्रोन से नजर रखने का निर्देशआयुक्त एवं आइजी ने सुदृढ़ विधि-व्यवस्था, निर्बाध यातायात, सीसीटीवी से निगरानी के अलावा भीड़ पर ड्रोन से नजर रखने का निर्देश दिया।
त्योहार के दौरान किसी भी प्रकार का मेला, सांस्कृतिक कार्यक्रम, रावण वध, जुलूस, विसर्जन आदि का आयोजन जिला प्रशासन की पूर्व अनुमति के बिना नहीं किया जाएगा। विशेष सतर्कता बरतने, भीड़-प्रबंधन, यातायात तथा अचूक सुरक्षा-व्यवस्था का निर्देश दिया।
आयुक्त व आइजी ने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर दंडाधिकारियों व पुलिस पदाधिकारियों को तैनात रखें। डीएम-एसपी स्वयं भ्रमणशील रहकर क्षेत्र का जायजा लेते रहें। अफवाहों का त्वरित खंडन करें।
आपात स्थिति से निपटने को तैयार रखें क्यूआरटीइस वर्ष नवरात्र तीन अक्टूबर को शुरू होगा। सप्तमी 10, महाअष्टमी एवं महानवमी 11 एवं दशहरा 12 अक्टूबर को है। दुर्गापूजा के बाद 31 अक्टूबर को दीपावली तथा 7-8 नवंबर को छठ पूजा है। इन सब पर्व-त्योहारों के मद्देनजर सुदृढ़ प्रशासनिक तैयारी सुनिश्चित रखें। पूजा पंडालों में सीसीटीवी व वीडियोग्राफी अनिवार्य है।
अग्निशमन की ठोस व्यवस्था आयोजकों को करनी होगी। अस्थायी विद्युत कनेक्शन लेना होगा। आपत्तिजनक स्लोगन, कार्टून आदि पर रोक है। प्रतिमा का विसर्जन अस्थायी तालाब में ही किया जाएगा। आतीशबाजी एवं डीजे पर पूर्णत: रोक है।
पूजा समितियों से 20-20 सक्रिय कार्यकर्ताओं की सूची मोबाइल नंबर के साथ तैयार करें। साफ-सफाई, रोशनी, आपात चिकित्सा व्यवस्था समेत अन्य बिंदुओं पर भी आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देशित किया।
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Veena Devi Family: सांसद वीणा देवी के परिवार में कौन-कौन हैं, मृतक बेटे छोटू सिंह क्या करते थे? यहां पढ़िए सबकुछ
डिजिटल डेस्क, पटना। Veena Devi Son Death: बिहार के मुजफ्फरपुर के जैतपुर थाना क्षेत्र के पोखरैरा इलाके में सोमवार की शाम सड़क हादसे में वैशाली सांसद वीणा देवी के 36 वर्षीय पुत्र राहुल राज उर्फ छोटू सिंह की मौत हो गई। घटना के बाद पूरे परिवार में कोहराम मच गया। रात में ही शव का पोस्टमार्टम किया गया। इसके बाद शव को पैतृक गांव दाह संस्कार के लिए ले जाया गया है।
तो आइए आपलोगों को बताते हैं कि सांसद वीणा देवी के परिवार में कितने सदस्य हैं? मृतक छोटू सिंह कितने नंबर के बेटे थे। वीणा देवी के पति क्या करते हैं?
चार संतानों में सबसे बड़े थे छोटूवैशाली की सांसद वीणा देवी की चार संतानों में छोटू सिंह सबसे बड़े थे। उनसे छोटी दो बेटियां निशि और कोमल सिंह है। सबसे छोटे पुत्र शुभम घर से बाहर है। छोटू की शादी वर्ष 2013 में निरूपमा सिंह से शादी हुई थी। निरूपमा सिंह पिछले दो बार से जिला परिषद की उपाध्यक्ष है। वहीं वीणा देवी के पति दिनेश प्रसाद सिंह विधान पार्षद हैं।
धार्मिक प्रवृति के थे मृतक छोटू सिंह, व्यवसाय संभालने की ली थी जिम्मेदारीपरिवार के सबसे बड़े पुत्र होने के बावजूद छोटू सिंह को राजनीति में अधिक रुचि नहीं थी। वह धार्मिक प्रवृत्ति के थे। वह नवरात्र में कलश स्थापना को लेकर तैयारी कर रहे थे। नौ कलश स्थापित कर वह स्वयं पूजा करते थे। राहुल सिंह व छोटू सिंह परिवार का व्यवसाय संभाल रहे थे। इन्हें शुरू से ही बिजनेस और धार्मिक कार्यों के प्रति खूब रुचि रही थी।
छोटू सिंह की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल'पापाजी आप सबकुछ कर सकते हैं, मेरे छोटू को ला दीजिए' छोटू सिंह की पत्नी एवं जिला परिषद उपाध्यक्ष निरूपमा सिंह पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उसके चीत्कार से पूरा आवास गमगीन होता रहा। पापाजी, आप सबकुछ कर सकते हैं, मेरे छोटू को ला दीजिए। अब हम कैसे रहेंगे।
परिवार से जुड़ी महिलाओं द्वारा उन्हें शांत कराती रहीं। बेटे को खोने के दुख को बहू का विलाप विलाप करतीं पत्नी निरुपमा सिंह जागरण चार संतानों में सबसे बड़े थे छोटू मुजफ्फरपुर : वैशाली की सांसद वीणा देवी की चार संतानों में छोटू सिंह सबसे बड़े थे। उनसे छोटी दो बेटियां निशि और कोमल सिंह है। सबसे छोटे पुत्र शुभम घर से बाहर है।
एमएलसी दिनेश प्रसाद सिंह के आवास पर नेताओं का लगा तांताहादसे में पुत्र की मौत के बाद शोकाकुल एमएलसी दिनेश प्रसाद सिंह के आवास पर देर रात सांत्वना देने और ढांढस बंधाने वालों का तांता लगा रहा। लोजपा के सांसद राजेश कुमार वर्मा, शांभवी संभालती रहीं।
दादी से मिलने गए थे छोटूशायद मौत ने ही बुलाया था जो आज राहुल राज उर्फ छोटू सिंह घर से निकले। पिछले चार दिनों से वह घर से बाहर नहीं निकले थे। सोमवार को दादी से मिलने पारू के दाउदपुर गांव जाने की बात कहकर निकले, मगर लौट नहीं सके। उनकी जगह खबर आई, छोटू नहीं रहे।
जवान बेटे की मौत की खबर ने भगवानपुर स्थित वैशाली सांसद वीणा देवी और एमएलसी दिनेश प्रसाद सिंह समेत पूरे परिवार को अंदर तक हिला दिया। एमएलसी ने कहा, शाम आठ बजे के आसपास थाना से फोन आया। कहा, बताने वाले बात नहीं है। कई बार पूछने पर बताया कि छोटू सिंह की सड़क हादसे मौत हो गई।
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राज्य ब्यूरो, पटना। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल ने बताया कि जहरीली शराब से 266 मौतें दर्ज की गईं जिनमें अंतिम जांच के बाद 156 की मौत की पुष्टि की गई है।
इनमें सारण में सर्वाधिक 75, पूर्वी चंपारण में 55 और गोपालगंज में 33 मौतें दर्ज की गई हैं। इसके अलावा नालंदा में 12, नवादा में 11, औरंगाबाद में आठ, गया में छह मौतें दर्ज की गई हैं। इस साल अप्रैल से अभी तक शराब से एक भी मौत रिपोर्ट नहीं हुई है।
8.43 लाख केस, निष्पादन को जल्द होगा बदलावराज्य में अब तक शराबबंदी अधिनियम के तहत आठ लाख 43 हजार से अधिक उत्पाद अभियोग दर्ज किए गए हैं। इस में दौरान 12 लाख 79 लाख अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि जबकि तीन करोड़ 46 लाख लीटर शराब बरामद की गई है।
अगस्त माह तक 71 हजार से अधिक वाहनों की नीलामी की गई है। मद्यनिषेध अधिनियम के तहत 507 भवनों को सात करोड़ की जुर्माना राशि लेकर मुक्त किया गया है।
सचिव ने बताया कि लंबित कांडों के निष्पादन के लिए विशेष न्यायालयों की व्यवस्था की गई है। केस निष्पादन की गति को बढ़ाने के लिए जल्द ही कुछ बदलाव लाने की तैयारी है। इसके लिए कोर्ट के निर्देश का इंतजार किया जा रहा है।
मांझी बड़े नेता हैं तो बड़े नेता से बात करें : सदाशराबबंदी पर लगातार हमलावर रहे केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी को राज्य के मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के मंत्री रत्नेश सदा ने बड़े नेता से बात करने की सलाह दी है। सोमवार को प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों ने मंत्री से सवाल किया कि मांझी लगातार कह रहे हैं कि दलित और गरीब ही शराब पीने के जुर्म में पकड़े जा रहे हैं।
बड़े अधिकारी और पैसे वालों को कोई नहीं पकड़ता। इसपर मंत्री ने कहा कि जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में केंद्रीय मंत्री हैं। वह बड़े नेता हैं, तो इस मुद्दे पर उन्हें बड़े नेता से बात करनी चाहिए।
मंत्री ने कहा कि घर में कौन क्या करता है, यह व्यक्तिगत मामला है। इसमें ताक-झांक नहीं की जा सकती। हां, अगर कोई भी व्यक्ति चाहे वह अधिकारी हो या कोई और जो भी शराब पीता हुआ पकड़ा जाता है, तो उसपर कार्रवाई होती है। आगे भी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि वह शराबबंदी को लेकर सामाजिक जागरूता अभियान चला रहे हैं। अभी पांच जिलों में अभियान चला है, इसे पूरे बिहार में चलाया जाएगा।
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Bihar Weather Today: बिहार के 12 जिलों में मूसलाधार बारिश का अलर्ट, जितिया व्रती को मिलेगी राहत; पढ़ें आज का मौसम
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Ka Mausam Aaj: बिहार में आज एक बार फिर से मौसम बदलने वाला है। आज 12 जिलों में जमकर बारिश होने की संभावना जताई गई। इस भारी बारिश से जितिया करने वाली महिलाओं को राहत मिलेगी। बीते 24 घंटे में उमस से लोगों का बुरा हाल हो गया था। इस दौरान मेघ गर्जन, वज्रपात को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।
बिहार के 12 जिलों में मूसलाधार बारिश का अलर्टबिहार के सीतामढ़ी, मधुबनी, अररिया, किशनगंज, सुपौल, गया, औरंगाबाद, जहानाबाद, बांका, जमुई, मुंगेर, लखीसराय में कुछ जगहों पर मूसलाधार बारिश, मेघ गर्जन और वज्रपात का अलर्ट जारी किया गया है।
सोमवार को उमस से लोगों का बुरा हाल रहामौसम विभाग के अनुसार दक्षिण पश्चिम मानसून का 17 सितंबर को पश्विमी राजस्थान व कच्छ से लाैटने की संभावना थी लेकिन इसमें छह दिन देर लगी है। ऐसे में प्रदेश में मानसून अपने मानक से दो से तीन देर से लौटेगी। सोमवार को पटना सहित आसपास इलाकों में दिन में तीखी धूप निकलने के कारण धूप से लोगों का बुरा हाल बना रहा।
सोमवार को पटना के अधिकतम तापमान में सामान्य से चार डिग्री की वृद्धि होने से 36.0 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। जबकि 39.5 डिग्री सेल्सियस के साथ बेगूसराय में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
प्रमुख शहरों का तापमान
शहर अधिकतम न्यूनतम
पटना 36.0 29.4
गया 35.7 27.5
भागलपुर 36.1 29.6
मुजफ्फरपुर 35.0 29.1
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Bihar Jobs 2024: नीतीश सरकार ने फिर निकाली बंपर भर्ती, 16500 रुपये होगा मासिक वेतन; जानें डिटेल
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में नवस्थापित एवं उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नियत वेतनमान पर 6,421 सहायकों की नियुक्ति होगी। मासिक वेतन 16,500 रुपये होगा। इसमें 500 रुपये का वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा। यह नियुक्ति नियोजन इकाइयों के माध्यम से होगी।
शिक्षा विभाग ने विद्यालय सहायकों के पद सृजन की जानकारी सोमवार को महालेखाकार को दी है। इसके साथ ही 6,421 नवस्थापित एवं उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में एक-एक विद्यालय सहायक की बहाली का रास्ता साफ हो गया है। इस पर मंत्रिमंडल की स्वीकृति पहले ही मिल चुकी है।
शिक्षा विभाग के मुताबिक, 6421 नवस्थापित एवं उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नियत वेतन पर प्रति विद्यालय एक सहायक के पद सृजित करने की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
ये पद राज्य के राजकीयकृत माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक एवं प्रोजेक्ट विद्यालयों में लिपिक एवं अनुसेवक के मरणशील पद प्रत्यर्पित करते हुए सृजित किए गए हैं।
किस जिले में कितने पद?पटना में 210, नालंदा में 149, भोजपुर में 147, बक्सर में 88, रोहतास में 166, कैमूर में 121, गया में 258, जहानाबाद में 59, अरवल में 33, नवादा में 142, औरंगाबाद में 140, मुजफ्फरपुर में 305, सीतामढ़ी में 184, शिवहर में 44, वैशाली में 232, पूर्वी चंपारण में 341, पश्चिमी चंपारण में 277, सारण में 240, सिवान में 226, गोपलगंज में 185, दरभंगा में 268 पद सृजित किए गए हैं।
वहीं, मधुबनी में 296, समस्तीपुर में 318, सहरसा में 121, सुपौल में 144, मधेपुरा में 131, पूर्णिया में 208, अररिया में 186, किशनगंज में 117, कटिहार में 202, भागलपुर में 174, बांका में 130, मुंगेर में 65, शेखपुरा में 36, लखीसराय में 75, जमुई में 130, खगड़िया में 96 एवं बेगूसराय जिले के लिए 177 पद सृजित किए गए हैं।
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Bihar Politics: 'लालू यादव आदतन भ्रष्टाचारी...', RJD सुप्रीमो पर मंगल पांडेय का तीखा हमला; याद दिलाया नब्बे का दशक
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के स्वास्थ्य एवं कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने लालू यादव पर भ्रष्टाचार को लेकर तीखा हमला बोला है। मंगल पांडेय ने कहा है कि राजद प्रमुख लालू यादव आदतन भ्रष्टाचारी हैं।
चारा घोटाले में आरोपित होने के लालू यादव ने बाद भ्रष्टाचार के हाथी पर चढ़कर 30 जुलाई 1997 को अपनी पहली जेल यात्रा की थी।
उन्होंने कहा कि लालू यादव चारा घोटाले के बाद भी भ्रष्टाचार करने से बाज नहीं आए। लैंड फॉर जाब स्कैम और बेनामी सम्पत्तियों का जखीरा खड़ा करना उनके आदतन भ्रष्टाचारी होने का ही प्रमाण है।
पांडेय ने कहा कि चारा घोटाले में अकेले लालू यादव ही जेल नहीं गए बल्कि उनके तत्कालीन मंत्रिमंडल के कई मंत्रियों व उनके विधायकों को भी जेल यात्रा करनी पड़ी थी।
उन्होंने कहा कि विद्यासागर निषाद, चंद्रदेव प्रसाद वर्मा, भोला राम तूफानी, आर के राणा आदि कुछ ऐसे नाम हैं, जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता है।
केवल मंत्री, विधायक ही नहीं, आइएएस अधिकारियों बेक जूलियस, सजल चक्रवर्ती, अरुमुगम, फूलचंद सिंह, महेश प्रसाद और एसएन दुबे जैसों को ट्रेजरी से अवैध राशि निकासी के आरोप में ही वर्षों जेल में रहना पड़ा था।
जमीन सर्वे पर गलतबयानी कर रहे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष : उमेशजदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने सोमवार को कहा कि लोगों में भ्रम फैलाने की नीयत से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जमीन सर्वे पर गलतबयानी कर रहे।
विपक्ष के ऐसे बयान बहादुर नेताओं से प्रदेश की जनता को सतर्क रहने की जरूरत है। जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कानून व्यवस्था से संबंधित ज्यादातर घटनाएं भूमि विवाद में होती है। इसे सुलझाने की दिशा में नीतीश कुमार की सरकार प्रयासरत रही है।
आंकड़े साफ-साफ बताते हैं कि पहले 60 फीसद से अधिक हत्याएं भूमि विवाद में होती थी जो अब घटकर 49 फीसद हो गयी है। यह राज्य सरकार के प्रभावी प्रयास का नतीजा है।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जनता की सहूलियत के लिए राज्य सरकार ने जमीन सर्वे कराने का निर्णय लिया है। यह जनता के हित में लिया गया कदम है। इससे जमीनी विवाद कम हाेंगे। न्यायालय में लंबित मामलों की संख्या में कमी आएगी।
भूमि संबंधी प्रमाणिक आंकड़े रहने से सरकार को कृषि, सिंचाई व विकास से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वन मे मदद मिलेगी।
श्याम रजक जदयू के राष्ट्रीय महासचिव बनेपूर्व मंत्री श्याम रजक को जदयू का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया है। हाल ही में उन्हाेंने राजद को छोड़ जदयू की सदस्यता ग्रहण की थी। लंबी अवधि तक श्याम रजक राजद के भी राष्ट्रीय महासचिव रहे हैं। अरुण कुमार को जदयू ने झारखंड जदयू का सह प्रभारी नियुक्त किया है।
इस आशय की जानकारी जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आफाक अहमद खान ने दी। वहीं, जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने खगड़िया जिला निवासी मनीष कुमार को जदयू मीडिया सेल का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। नए दायित्व के लिए प्रदेश अध्यक्ष ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।
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IAS संजीव और पूर्व विधायक गुलाब की मुश्किलें बढ़ी, ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग में दर्ज किया एक और मामला
राज्य ब्यूरो, पटना। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव की मुश्किलें बढ़ सकती है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पूर्व से मनी लांड्रिंग मामले में संजीव और गुलाब यादव की जांच कर रही है।
ईडी की अनुशंसा के बाद विशेष निगरानी इकाई ने भी आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करते हुए अपनी जांच शुरू कर दी है।
दिल्ली में करोड़ों की संपत्ति का मामलाइस बीच प्रवर्तन निदेशालय ने संजीव हंस के खिलाफ मनी लांड्रिंग का एक अन्य नया मामला दर्ज किया है। नए मामले के दायरे में हंस की दिल्ली के आनंद लोक वाली करोड़ों रुपये मूल्य संपत्ति और द्वारिका वाला आवास भी आया है।
ईडी ने 21 ठिकानों पर मारा था छापासूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, संजीव और गुलाब यादव के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने जुलाई महीने में मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज करने के बाद इनके अलग-अलग 21 ठिकानों पर छापा मारा था।
छापामारी में करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज के साथ नकद, महंगी घडिय़ां जब्त की गई थी। बाद में ईडी ने इस मामले में हंस से जुड़े लोगों के मोहाली, पुणे, मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, नोएडा में भी दबिश दी थी।
मोटे निवेश के खुलासे के बाद दर्ज हुई थी FIRसंपत्ति में मोटा निवेश मिलने की जानकारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) से संजीव और गुलाब के साथ ही अन्य पर प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा की थी।
ईडी की अनुशंसा के बाद एसवीयू ने 14 सितंबर को हंस, गुलाब समेत 14 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर अपनी जांच शुरू की।
नए सिरे से दर्ज किया गया मामलासूत्र बताते हैं कि एसवीयू की जांच में नए तथ्य सामने आने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने नए सिरे से संजीव हंस के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया है।
चर्चा है कि नया मामला दर्ज करने के बाद अब ईडी संजीव के साथ ही उनकी पत्नी, रिश्तेदारों को पूछताछ की नोटिस देकर बुला सकते हैं।
पूछताछ के दौरान इनसे संजीव की द्वारिका और आनंदलोक की करोड़ों की संपत्ति और अन्य निवेश से जुड़ी जानकारियां मांगी जा सकती हैं। फिलहाल, नया मामला दर्ज करने के बाद ईडी इसमें और जानकारियां जुटा रही है।
Bihar RERA: डिफॉल्टर बिल्डरों पर बिहार रेरा की बड़ी कार्रवाई, संपत्ति नीलाम कर ग्राहकों को लौटाएगा पैसा
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar RERA News लंबे समय से अटके और डिफॉल्टर घोषित किए जा चुके रियल इस्टेट प्रोजेक्ट में ग्राहकों की फंसी राशि वापस करने को लेकर बिहार रेरा ने बड़ी पहल की है। बिहार रेरा ऐसे मामलों में दोषी बिल्डर की तमाम संपत्तियों की पहचान करते हुए उनका मूल्यांकन कराएगा। इसके बाद इन संपत्तियों की नीलामी कर आवंटियों के बीच निश्चित अनुपात में उसका वितरण सुनिश्चित किया जाएगा।
इसको लेकर बिहार रेरा ने विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। अभी तक ऐसी डिफॉल्टर या बंद पड़ी रियल इस्टेट परियोजनाओं के आवंटियों की राशि लौटाने के लिए जिला प्रशासन की कार्रवाई का इंतजार करना पड़ता था, मगर अब रेरा अपने स्तर से यह कार्रवाई कर सकेगा।
क्या कहती है रेरा की नई एसओपी?एसओपी के अनुसार, डिफॉल्टर प्रमोटर या बिल्डर की परिसंपत्तियों का पता लगाने के लिए रेरा निबंधन के समय दी गई जानकारी के आधार पर कंपनी, निदेशक व भागीदारों की पहचान करते हुए उनकी संपत्ति का विवरण तैयार करेगा। इसके लिए आयकर विभाग, संबंधित बैंक और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को पत्र लिख कर कंपनी से जुड़ी जमा राशि, सरकारी प्रतिभूतियां, ऋण, शेयर, बांड पेपर आदि का पता लगाया जाएगा।
इसके साथ ही डीएम से अचल संपत्तियों का ब्योरा और जिला परिवहन पदाधिकारियों से उन संस्थाओं के नाम पर वाहनों का विवरण मांगा जाएगा। समाचार पत्र में सार्वजनिक नोटिस देकर भी जानकारी ली जाएगी।
जानकारी मिलने के बाद दूसरे चरण में संपत्तियों का मूल्यांकन करते हुए उनकी जब्ती व बिक्री कर राशि वसूली जाएगी। इसके लिए संबंधित प्रमोटर या उस परियोजना से लाभान्वित हो रहे पार्टनर, फर्म, ट्रस्ट आदि के बैंक खाते को फ्रीज कर जब्त किया जाएगा। फिर प्रमोटरों की चल-अचल संपत्तियों की नीलामी कर पैसे जमा किये जाएंगे।
इसके बाद रेरा में शिकायत दर्ज कराने वाले परियोजना से जुड़े आवंटियों को किस्तों में राशि का भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा प्राधिकरण में शिकायत दर्ज नहीं कराने वाले अन्य आवंटियों की पहचान के लिए सार्वजनिक सूचना जारी की जाएगी। ऐसे मामले में आवंटियों को भुगतान साक्ष्य के साथ दावा पेश करना होगा।
नीलामी से मिलने वाली राशि की पहली किस्त से परियोजना के शिकायतकर्ता आवंटियों को केवल मूल राशि ही वितरित की जाएगी। यह बुकिंग के लिए आवंटियों द्वारा प्रमोटर को भुगतान की गई वास्तविक राशि होगी। यदि शिकायतकर्ता आवंटियों के बीच वितरण के बाद एकत्रित राशि बचती है, तो दूसरी किस्त में आनुपातिक रूप से ब्याज का भुगतान किया जाएगा। मुआवजा राशि के वितरण पर निर्णय प्राधिकरण द्वारा अलग से लिया जाएगा।
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BPSC Bharti: 24 विभागों में लेवल नौ के 678 और सात के 1279 पदों पर होगी भर्ती, www.bpsc.bih.nic.in पर करें आवेदन
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने एकीकृत 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा की अधिसूचना सोमवार को जारी कर दी है। बिहार सरकार के 24 विभागों में लेवल नौ और सात के 1957 पदों के लिए 28 सितंबर से ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। सचिव सह परीक्षा नियंत्रक सत्य प्रकाश शर्मा ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन के लिए लिंक आयोग की वेबसाइट (www.bpsc.bih.nic.in) पर 18 अक्टूबर तक रहेगा।
उन्होंने बताया कि प्रारंभिक लिखित परीक्षा नवंबर तीसरे या चौथे सप्ताह में संभावित है। लेवल नौ के 678 व सात के एक हजार 279 पद चिह्नित हैं। पदों की संख्या में वृद्धि भी हो सकती है। ऑनलाइन आवेदन करने से पहले अभ्यर्थी सभी वांछित प्रमाण पत्र व दस्तावेज उपलब्ध करा लें। आवेदन के साथ सभी वांछित प्रमाण पत्र को अपलोड करना अनिवार्य है।
बीपीएससी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के लिए यह रिकॉर्ड रिक्ति है। आयोग का कहना है कि ब रिक्ति को देखते हुए रिकॉर्ड आवेदन की संभावना है। पांच लाख से अधिक आवेदन प्राप्त होने की स्थिति में एक से अधिक पाली या तिथि में परीक्षा आयोजित की जाएगी। एक से अधिक सेट से भी परीक्षा आयोजित की जा सकती है।
एक से अधिक पाली व तिथि तथा सेट से परीक्षा आयोजित किए जाने की स्थिति में प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम नॉर्मलाइजेशन विधि से जारी किया जाएगा।
दिव्यांग के 67 व स्वतंत्रता सेनानी के स्वजन के लिए 35 सीटें आरक्षितआयोग की अधिसूचना के अनुसार बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के 12 पदों सहित 1957 रिक्तियों में 672 महिला (पिछड़े वर्ग की महिला सहित), 35 स्वतंत्रता सेनानी के पोता-पोती व नाती-नतिनी तथा 67 सीटें दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए चिह्नित हैं। इन पदों पर आवेदन के लिए स्नातक व समकक्ष परीक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
आवेदन में उत्तीर्णता संबंधी पूर्ण सूचना देना अनिवार्य है। 65 प्रतिशत आरक्षण सीमा पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय प्रभावित होगा। प्रक्रिया 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा के आधार पर प्रारंभ की गई है।
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Bihar Bhumi: जमीन सर्वे की हर समस्या होगी दूर, आपके दरवाजे आएगी नीतीश सरकार; भूमि सुधार मंत्री का एलान
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Land Survey 2024 बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने भरोसा दिया है कि विशेष भूमि सर्वेक्षण से जुड़ी परेशानी दूर करने के लिए सरकार रैयतों के दरवाजे पर जाएगी।
सोमवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि लोग परेशान न हों। अकारण अंचल कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाएं। सभी कागजात ऑनलाइन उपलब्ध हैं। इससे भी अगर समस्या का निदान नहीं हुआ तो, हमारे अधिकारी और कर्मचारी रैयतों के दरवाजे पर जाएंगे।
मंत्री ने कहा कि किसी नीतीश सरकार ने एक सौ तीस साल बाद पहली बार भूमि सर्वेक्षण कराने का साहस किया है। जटिल विषय है, इसलिए कुछ लोगों को कठिनाई हो सकती है।
हर परेशानी होगी दूरउन्होंने कहा कि हमारी सरकार विशेष भूमि सर्वेक्षण कराने और रैयतों की कठिनाइयों को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है। मैं जनता की समस्या के समाधान के लिए हमेशा उपलब्ध हूं। लोग मेरे आवास और कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। भ्रष्टाचार की शिकायताें पर तुरंत कार्रवाई हो रही है।
दाखिल-खारिज के 94% मामले निष्पादित, फिर भी 53 हजार लंबितपटना जिले में दाखिल-खारिज के 53 हजार से ज्यादा मामले जिला में लंबित हैं। इनमें 32 हजार से अधिक मामले ऐसे हैं, जो 75 दिनों से अधिक समय से अटके पड़े हैं।
डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने अंचलाधिकारियों को इन मामलों का तेजी से निष्पादन करने को कहा है। उन्होंने हिदायत दी है कि लापरवाही बरतने वाले कार्रवाई के घेरे में आएंगे।
डीएम सोमवार को समाहरणालय सभागार में राजस्व मामलों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने ई-म्यूटेशन, परिमार्जन, भूअर्जन, भूमि विवाद निराकरण, अतिक्रमण हटाने, नापीवाद, सीमांकन आदि की प्रगति का जायजा लिया।
उन्होंने कहा कि किसी भी अंचल में दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन का निर्धारित समय-सीमा के बाद एक भी आवेदन लंबित नहीं रहनी चाहिए।
डीसीएलआर को डीएम ने कहा कि आपको हर सप्ताह कम से कम एक अंचल का निरीक्षण करना है। कर्मचारीवार विस्तृत समीक्षा करें। बीते 15 दिनों में पटना जिला में निष्पादित किए गए वादों की संख्या लगभग 5,868 है। यह प्रशंसनीय है।
उन्होंने कहा कि सुस्ती और लापरवाही बरतने वाले दोषी अधिकारियों को चिह्नित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने 90 दिन से अधिक समय से अतिक्रमण के लंबित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने को कहा। सबसे पुराने मामले की समीक्षा जिलास्तरीय टीम करेगी।
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Bihar Bhumi Survey: कागजात हैं पर गायब है जमीन, 52 हजार एकड़ भूमि के लिए चकरा रहा अधिकारियों का माथा
Bihar Registry News: जमीन-फ्लैट की रजिस्ट्री कराना होगा और भी आसान, ATM की तरह मशीन से मिलेगा ई-स्टाम्प
राज्य ब्यूरो, पटना। जमीन-फ्लैट के निबंधन (Bihar Land Flat Registry) आदि में इस्तेमाल होने वाले ई-स्टाम्प की किल्लत जल्द दूर होगी। इसके लिए लंबी लाइन में भी नहीं लगना होगा। निबंधन विभाग ई-स्टाम्प की सहज उपलब्धता को लेकर नई पहल कर रहा है। अभी जिस तरह एटीएम से मनचाही राशि निकाली जा सकती है, उसी तरह आने वाले समय में आवश्यकतानुसार राशि का ई-स्टाम्प भी निकाला जा सकेगा।
मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल ने सोमवार को सूचना भवन के संवाद कक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभाग के द्वारा निबंधन कार्यालय में स्टाम्प वेंडिंग मशीन लगाए जाने की योजना है।
इस कियोस्क मशीन के माध्यम से एटीएम की तरह स्वत: ई-स्टाम्प प्राप्त किया जा सकेगा। देश में पहली बार बिहार में इस तरह की सुविधा दी जाएगी। जल्द ही निबंधन विभाग पटना में पहली मशीन लगाकर इसका ट्रायल करेगा, इसके बाद अन्य जिलों में सुविधा का विस्तार होगा।
वर्तमान में विभागीय सॉफ्टवेयर के माध्यम से सभी निबंधन कार्यालयों में ई-स्टाम्प की बिक्री को-आपरेटिव बैंक के माध्यम से की जा रही है। इसके अलावा फ्रैंकिंग मशीन के माध्यम से एक हजार रुपये मूल्य तक के गैर न्यायिक स्टाम्प की बिक्री की जा रही है। पटना हाई कोर्ट सहित 40 व्यवहार न्यायालयों में भी फ्रैंकिंग मशीन से ई-कोर्ट फीस की बिक्री की जा रही है।
586 पदों पर जल्द होगी बहाली:निबंधन विभाग ने 586 पदों पर नियुक्ति को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से बिहार कर्मचारी चयन आयोग एवं बिहार लोक सेवा आयोग को अधियाचना भेजी है।
इसके तहत अवर निबंधक व संयुक्त अवर निबंधक के रिक्त 11 पदों पर नियुक्ति होनी है। इसके अलावा निम्नवर्गीय लिपिक के 409 और कार्यालय परिचारी के 177 पदों पर नियुक्ति प्रस्तावित है।
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Bihar Bhumi Survey: कागजात हैं पर गायब है जमीन, 52 हजार एकड़ भूमि के लिए चकरा रहा अधिकारियों का माथा
राज्य ब्यूरो, पटना। विशेष भूमि सर्वेक्षण में अपनी जमीन का रिकार्ड ठीक करने के लिए रैयत कागजात खोज रहे हैं। लेकिन, इस मामले में सरकार का हाल कुछ अधिक बुरा है। सरकार के पास कागजात तो हैं, लेकिन जमीन नहीं मिल रही है।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल के अनुसार, अब तक की खोजबीन से पता चल रहा है कि राज्य सरकार की करीब 52 हजार एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा है। वैसे, मंत्री का दावा आंशिक अतिक्रमण की ओर इशारा करता है। सच यह है कि अभी सरकार अपनी जमीन का भी हिसाब ठीक नहीं कर पा रही है।
पिछले महीने मंत्री के स्तर पर विभागीय कामकाज और खास कर सर्वे की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक हुई थी। उसमें सरकारी जमीन के बारे में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया गया था। उसके मुताबिक, राज्य के 45 हजार 859 मौजों में से करीब 1952 में उपलब्ध सरकारी जमीन का विवरण ही अबतक ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज किया गया है।
बैठक में उपस्थित अपर समाहर्ताओं को कहा गया कि वे जल्द से जल्द सरकारी जमीन की एंट्री ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज करें। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दें। इसमें सुस्ती करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों पर अनुशासनिक कार्रवाई होगी।
भूमि सुधार विभाग ने सभी विभागों को किया था आगाहइससे पहले राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सरकार के सभी विभागों को पत्र लिख कर आगाह किया था कि वह अपने विभाग की जमीन का म्युटेशन करा लें। अगर उस पर अवैध कब्जा है तो अंचल कार्यालय में शिकायत करें। प्रशासन की मदद से अवैध कब्जा से जमीन मुक्त कराकर बाउंड्री करा लें।
सर्वे में बाधक बन सकता है अवैध कब्जाइस पत्र पर सभी विभागों ने बराबर ध्यान नहीं दिया। नतीजा यह है कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा बना हुआ है। यह सर्वे में बाधक भी बन सकता है।
शिक्षा, जल संसाधन, स्वास्थ्य आदि विभागों की जमीन पर अधिक अवैध कब्जा है। सरकार ऐसी शिकायतों की भी जांच कर रही है, जिसके अनुसार अवैध कब्जेदारों के नाम सरकारी जमीन की जमाबंदी भी कायम हो चुकी है।
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