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Bihar Flood: बिहार में बाढ़ से तबाह हुए किसान! तीन लाख हेक्टेयर फसल तहस-नहस, गुणा-भाग करने में जुटा विभाग
राज्य ब्यूरो, पटना। बाढ़ से फसलों को हुई क्षति के आकलन के लिए मंगलवार को कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने एक सप्ताह में नुकसान के आकलन का निर्देश दिया।
आकलन के बाद वैकल्पिक फसलों के बीज वितरण से लेकर अन्य सभी विकल्पों पर विचार किया जाएगा। प्रारंभिक आकलन के अनुसार तीन लाख हेक्टेयर से अधिक रकबा में फसलों की पूर्ण या आंशिक क्षति हुई है।
पांडेय ने बताया कि बीज नि:शुल्क दिया जाएगा। इसके अलावा किसानों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। निर्देश दिया कि फसलोंं की क्षति से संबंधित रिपोर्ट से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी अवगत कराया जाए।
19 जिलों के 92 प्रखंड बाढ़ से प्रभावितमंत्री ने बताया कि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, 19 जिलों के 92 प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। कुल 673 पंचायतों में लगभग 2,24,597 हेक्टेयर रकबा में फसल की क्षति हुई है। इसके अलावा, 91,817 हेक्टेयर में फसलों की क्षति 33 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है।
ड्रोन से होगा कीटनाशकों का छिड़कावपांडेय ने कहा कि बाढ़ का पानी उतर जाने के बाद फसलों को रोग-व्याधि हो सकती है। किसानों को आवश्यक सलाह के साथ कीटनाशकों की उपलब्धता बनाए रखने का निर्देश है। आवश्यकता पड़ने पर ड्रोन से दवाओं-कीटनाशकों का छिड़काव कराया जाएगा।
उर्वरकों की कालाबाजारी और मूल्य वृद्धि पर रोक के निर्देशअधिकारियों को मंत्री ने रबी मौसम में उर्वरकों की कालाबाजारी और मूल्य वृद्धि पर रोक के लिए आवश्यक उपाय करने को कहा। बैठक में उद्यान एवं कृषि यांत्रीकरण से संबंधित योजनाओं की भी समीक्षा की गई।
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त्योहारों को लेकर बिहार पुलिस की व्यवस्था चकाचक, सादी वर्दी में तैनात रहेंगे जवान; CCTV और ड्रोन से होगी निगरानी
राज्य ब्यूरो, पटना। तीन अक्टूबर से शुरू हो रही दुर्गा पूजा, इसके बाद दीपावली और छठ के दौरान राज्य में सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था रहेगी। पूजा पंडालों के साथ ही शहर के सभी इलाकों में पुलिस के जवान सादी वर्दी में तैनात रहेंगे।
पूजा पंडालों के आसपास ड्रोन से भी निरीरानी की जाएगी। जिलाधिकारी स्वयं प्रत्येक पूजा पंडालों का निरीक्षण करेंगे और जो कमियां इस दौरान पाई जाएंगी उन्हें दूर करने के उपाय किए जाएंगे।
मुख्य सचिव की पुलिस अधिकारियों के साथ बैठकराज्य के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा और पुलिस महानिदेशक आलोक राज के साथ ही गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद चौधरी ने सभी जिलों के डीएम और एसपी के साथ पूजा के दौरान सुरक्षा तैयारियों को लेकर संवाद किया।
मुख्य सचिव ने कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात को देखते हुए कहा बाढ़ के बावजूद पूजा पंडाल बनाए जा सकते हैं जिलों के विधि पदाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि यहां सुरक्षा की समुचित प्रबंध रहे।
सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से होगी निगरानीपंडालों में सीसीटीवी की व्यवस्था भी पूजा प्रबंधन करने और पंडालों के आसपास ड्रोन निगरानी रखने के निर्देश भी जिलों को दिए गए। मीणा ने कहा कि पूजा के दौरान अममून रात में भी जोर से म्यूजिक बजता है, कई स्थानों पर डीजे और डांस के प्रबंध भी किए जाते हैं।
पुलिस-प्रशासन सुनिश्चित करें कि नियमों के तहत संगीत या नृत्य की व्यवस्था रहे, ताकि आमजन और विशेषकर बच्चों और बीमार लोगों को परेशानी न होने पाए।
सादी वर्दी में तैनात रहेंगे जवानमुख्य सचिव ने जिलों के आरक्षी अधीक्षकों को निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्र में पूजा पंडालों के नजदीक और संवेदनशील स्थानों पर सादी वर्दी में पुलिस जवानों की प्रतिनियुक्ति करें, ताकि अवांछित गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
गांधी मैदान के साथ ही अन्य जिलों में रावण वध के दौरान भी समुचित सुरक्षा प्रबंध और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए समुचित उपाय करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए। बैठक में सभी जिलों के डीएम और एसपी के साथ ही अन्य पदाधिकारी भी शामिल रहे।
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Bihar Flood: 'सरकार को पहले ही नींद जाग जाना चाहिए था', मीसा भारती ने नीतीश सरकार के बाढ़ प्रबंधन पर उठाए सवाल
एएनआई, पटना। बिहार में कोसी, गंडक, बागमती और पहाड़ी नदियां तबाही मचा रही हैं। उत्तर बिहार में चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। कोसी बराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं, बराज से छह लाख क्यूसेक से भी अधिक पानी छोड़ा जा चुका है। वाल्मीकिनगर और कमला बलान से भी लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। चारों तरफ सिर्फ तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है।
बाढ़ से मची तबाही को लेकर राजद सांसद और लालू यादव की बेटी मीसा भारती ने नीतीश सरकार के बाढ़ प्रबंधन पर सवाल उठाए हैं।
बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिल रही मददमीसा भारती का कहना है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने राज्य में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने में बहुत देर कर दी है। सरकार को पहले ही जाग जाना चाहिए था और तैयारी करनी चाहिए थी।
अपने संसदीय क्षेत्र पाटलिपुत्र का जिक्र करते हुए कहा कि पाटलिपुत्र के मनेर और धानापुर में बाढ़ का पानी तबाही मचा रहा है, लेकिन लोगों को प्रशासन से पर्याप्त मदद नहीं मिली।
पहले ही तैयारी कर लेनी चाहिए थीमीसा भारती ने कहा कि कोसी बैराज खुलने के बाद दरभंगा के बहुत से लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि जब हमें पता है कि उत्तर बिहार में हर साल बाढ़ आती है तो बिहार सरकार और आपदा विभाग को इसकी तैयारी पहले कर लेनी चाहिए थी।
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Bihar Politics: बिहार में स्मार्ट मीटर के खिलाफ कांग्रेस का आंदोलन, 16 अक्टूबर को होगा राज्यस्तरीय धरना
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार कांग्रेस ने सोमवार को राज्य के सभी जिलों में प्रेसवार्ता कर बिजली के स्मार्ट मीटर के विरुद्ध राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है।
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी मोहन प्रकाश व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह के आह्वान पर पर्यवेक्षकों को जिलों में जाकर प्रेस कांफ्रेंस कर आंदोलन का आगाज किया।
नेताओं ने कहा कि गरीब जनता पर स्मार्ट मीटर योजना थोपकर राज्य सरकार अदानी को फायदा पहुंचाने का कुत्सित प्रयास कर रही है। जनता को परेशान करने के लिए जबरन इसे उनके घरों में लगाया जा रहा है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की संयुक्त लूट योजना है। अब प्रखंड से लेकर जिला मुख्यालयों तक इस मुद्दे पर कांग्रेसजन जनता की लड़ाई लड़ेंगे।
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी ने कहा कि इस बड़े आंदोलन के आगाज के साथ दो अक्टूबर गांधी जयंती से लेकर एक सप्ताह तक कांग्रेसजन रैली, हड़ताल, विरोध प्रदर्शन और धरना प्रदर्शन करेंगे। 16 अक्टूबर को स्मार्ट मीटर योजना के विरुद्ध राज्यस्तरीय धरना और प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा।
इंदिरा फेलोशिप की टीम ने शुरू की शक्ति अभियानबिहार विधान परिषद में कांग्रेस दल के नेता मदन मोहन झा ने सोमवार को इंदिरा फेलोशिप की "शक्ति अभियान" की शुरुआत की।
कांग्रेस प्रदेश मुख्याल सदाकत आश्रम में झा ने प्रेसवार्ता में कहा कि महिलाओं की जनसंख्या हमारे देश में आधी है, लेकिन राजनीतिक भागीदारी में उनकी उपस्थिति अभी भी सीमित है।
कांग्रेस पार्टी और विशेष रूप से राहुल गांधी के नेतृत्व में ''शक्ति अभियान'' यह सुनिश्चित करेगा कि महिलाओं को राजनीतिक क्षेत्र में उचित प्रतिनिधित्व और अवसर मिले।
इस अवसर पर इंदिरा फेलोशिप बिहार कार्डिनेटर रिचा सिंह, सहित दर्जनों इंदिरा फेलोशिप की महिलाएं उपस्थित थीं।
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Bihar News: IIT Patna और ट्रिपल आईटी शुरू करेगा संयुक्त हाइब्रिड कोर्स, ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से होगी पढ़ाई
जागरण संवाददाता, पटना। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ( IIT), पटना और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपल-आइटी) रांची ने मिलकर एमटेक, एमबीए और एमसीए कार्यक्रमों को संयुक्त रूप से शुरू करने के लिए सोमवार को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। कोर्स हाइब्रिड मोड में होंगे। विद्यार्थी संयुक्त रूप से ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से दोनों कैंपस में पढ़ाई कर सकेंगे।
आईआईटी पटना के निदेशक प्रो. टीएन सिंह ने कहा कि ट्रिपल आइटी, रांची के साथ हमारी साझेदारी और माइक्रोटेक एजुकेशनल सोसाइटी का समर्थन छात्रों को लचीले और नवीनतम उद्योग प्रवृत्तियों के अनुरूप एमटेक, एमबीए और एमसीए उपाधि प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगा।
ट्रिपल आईटी, रांची के निदेशक प्रो. राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि संयुक्त कार्यक्रम छात्रों को अत्याधुनिक क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करने और उद्योगों में उच्च मांग वाले कौशल विकसित करने के लिए प्रेरित करेगा। आईआईटी पटना के साथ यह साझेदारी हमारे संस्थानों के बीच अकादमिक सहयोग को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। मौके पर डीए एकेडमिक प्रो एके ठाकुर, डीन रिसोर्सेज डा. एनके तोमर, डा. दिनेश कोटानि, डा. सत्येन्द्र कुमार आदि मौजूद थे।
Patna News: पटना से बिहटा जाने वाले लोगों के लिए खुशखबरी, एलिवेटेड रोड के निर्माण की बड़ी समस्या हो गई दूर
जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: पटना -दानापुर -बिहटा एलिवेटेड रोड के निर्माण में आ रही समस्या अब दूर हो गई है। अधिवक्ता विपिन कुमार की ओर से दायर याचिका पर मुख्य न्यायाधीश न्यायाधीश के विनोद चन्द्रन एवं न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने सुनवाई की।
सोमवार को रेलवे की ओर से पटना हाई कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया कि पटना के जिला भू अर्जन अधिकारी ने रेलवे को पैसा स्थानांतरित कर दिया है। रेलवे ने इस एलिवेटेड रोड के निर्माण में आ रही 25 प्रतिशत संरचना को खाली कर दानापुर बिहटा एलिवेटेड कारीडोर को दे दिया है। जबकि बाकि 75 प्रतिशत संरचना को हटाने के लिए निविदा जारी की गई है।
उनका कहना था कि पहली बार 54 करोड़, दूसरी बार 24 करोड़ और अंत में 19 करोड़ 24 लाख 13 हजार रुपये हाजीपुर स्थित पूर्व मध्य रेलवे को स्थानांतरित किया गया हैं। एलिवेटेड रोड के निर्माण में रेलवे की ओर से उठाई गई आपत्तियों को देखते हुये 98 करोड़ 24 लाख 13 हजार रुपये का भुगतान कर दिया गया है। कोर्ट ने रेलवे को अगली सुनवाई पर प्रगति रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है । अगली सुनवाई 13 दिसम्बर को होगी।
Darbhanga AIIMS Update: इस कंपनी को मिली दरभंगा एम्स बनाने की जिम्मदारी, 2.25 लाख वर्ग मीटर में होगा निर्माण
राज्य ब्यूरो, पटना। Darbhanga Aiims Latest News: केंद्र सरकार ने दरभंगा में एम्स निर्माण का जिम्मा एनबीसीसी लि. की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एचएससीसी इंडिया लिमिटेड सौंप दिया है। देश की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में शामिल एम्स दरभंगा के निर्माण के लिए फिलहाल 1261 करोड़ रुपये का बजट उपबंध किया गया है, लेकिन इसमें वृद्धि की संभावना है।
राज्य सरकार ने बिहार के दूसरे एम्स के लिए केंद्र सरकार को दरभंगा में 188 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई है। आवंटित जमीन में से 2.25 लाख वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में एम्स के भवनों का निर्माण होगा। इस पूरी परियोजना को 36 वर्ष यानी तीन वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार दरभंगा एम्स का लक्ष्य कम लागत पर विशाल जनसंख्या को उच्च गुणवत्ता पूर्ण चिकित्सा शिक्षा और देखभाल सेवाएं मुहैया कराना है। एम्स दरभंगा को अत्याधुनिक स्वास्थ्य देखभाल संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा।
यहां एक पूर्णत: सुसज्जित देखभाल अस्पताल, एक मेडिकल कालेज, एक आयुष अस्पताल, तथा डाक्टरों और कर्मचारियों के साथ ही अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए आवास के साथ हास्टल की सुविधा भी होगी। विभाग के अनुसार एम्स दरभंगा भारत सरकार की संपूर्ण देश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों का नेटवर्क स्थापित करने वाली पहल का हिस्सा है।
जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच और गुणवत्ता में वृद्धि करना है। यहां बता दें कि वर्ष 2019 में घोषित एम्स दरभंगा, बिहार में एक प्रमुख चिकित्सा संस्थान के रूप में कार्य करेगा।
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बिहार के बेरोजगारों के लिए अच्छी खबर, मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना से मिल रहा कमाने का मौका; ऐसे करें आवेदन
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के 11वें चरण की समय अवधि में विस्तार किया गया है। आवेदन की तिथि 27 सितंबर को समाप्त हो गई थी जिसे अब 15 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है। परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और परिवहन सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए योजना के 11वें चरण की समयावधि में विस्तार किया गया है।
दरअसल, मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत 11वें चरण में शेष बचे 12500 लक्ष्य के विरुद्ध जिलावार रिक्ति निकाली गई है। इनमें मुजफ्फरपुर में सर्वाधिक 1008 रिक्तियां हैं। इसके अलावा सारण में 829, पूर्वी चंपारण में 824, मधुबनी में 820, पश्चिमी चंपारण में 743, दरभंगा में 710, पटना में 657, वैशाली में 548, सिवान में 503 और बांका में 480 रिक्तियां हैं।
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत चरणवार अब तक कुल 44 हजार 754 लाभुकों को अनुदान देकर रोजगार से जोड़ा गया है। योजना के तहत शतप्रतिशत आवेदन प्राप्त करने की दिशा में कार्रवाई करने के लिए सभी जिलों के जिला पदाधिकारी को निर्देश दिया है। किसी कारणवश जो इच्छुक आवेदक आवेदन करने से वंचित रहे गए थे उन्हें आवेदन करने का एक और मौका दिया गया है।
रिक्ति के अनुसार पंचायतों में लिये जायेंगे आवेदनविभाग के अनुसर, आवेदन केवल उन्हीं पंचायतों के लिए होंगे, जहां रिक्ति है। साथ ही जिस कोटि की रिक्ति उपलब्ध है उसी कोटि के लिए आवेदन स्वीकार्य होंगे। इस संबंध में जिला पदाधिकारियों द्वारा पंचायतवार एवं कोटिवार रिक्ति की सूची जारी की जायेगी। वैसे पंचायत या वैसी कोटि के लिए आवेदन प्राप्त होता है, जहां रिक्ति नहीं है तो वैसे आवेदन स्वतः अमान्य हो जाएंगे। योजना के तहत सामान्य, ई रिक्शा एवं एंबुलेंस की खरीद पर अनुदान दिया जाता है।
कौन कर सकते हैं आवेदनइस योजना के तहत प्रति पंचायत 7 योग्य लाभुकों का चयन किया जा रहा है। 4 अनुसूचित जाति-जनजाति एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के सदस्य को वाहन की खरीद पर अनुदान का लाभ दिया जा रहा है। इस योजना के तहत सामान्य, ई रिक्शा एवं एंबुलेंस की खरीद पर अनुदान दिया जाता है।
मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत 4 सीटर से लेकर 10 सीटर तक के नए सवारी वाहन एवं एम्बुलेंस की खरीद पर अनुदान दिया जाता है। अनुदान की राशि वाहन के खरीद मूल के 50 प्रतिशत तक की राशि अथवा अधिकतम 1 लाख रुपये होगी। एंबुलेंस के क्रय की स्थिति में अधिकतम 2 लाख रुपये अनुदान दिया जाएगा।
आवेदन करने की जानकारी- आवेदन करने की अंतिम तिथि - 15 अक्टूबर 2024 तक।
- प्रखंड स्तर पर आवेदनों के आधार पर पंचायतवार एवं कोटिवार -वरीयता सूची का निर्माण - 16 से 18 अक्टूबर
- चयन सूची का प्रकाशन- 24 अक्टूबर
- आपति आमंत्रण- 25 अक्टूबर से 4 नवम्बर तक
- आपत्ति निराकरण- 5 नवंबर
- अंतिम चयनित सूची का प्रकाशन- 11 नवंबर
- प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा चयनित लाभुकों को चयन पत्र का तामिला- 12 नवंबर से 19 नवंबर तक।
- वाहन खरीद के बाद चयनित लाभुक द्वारा अनुदान प्राप्ति हेतु आवेदन समर्पित करना - 20 नवंबर से।
- अनुदान की राशि सीएफएमएस के माध्यम से लाभुक के खाता में भुगतान करना- आवेदन प्राप्ति के सात दिनों के अंदर।
Bihar Flood News Live: बिहार में बाढ़ से कहां-कहां मच रही तबाही? देखें भयावह तस्वीरें; कमला बलान से पानी ओवरफ्लो
जागरण टीम, पटना/ दरभंगा/भागलपुर। Bihar News: दरभंगा जिले में बाढ़ की स्थिति मंगलवार को भी गंभीर बनी रही। कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड से होकर गुजरने वाले कोसी और कमला नदी के जलस्तर में सोमवार की रात मामूली कमी हुई। लेकिन, मंगलवार की अहले सुबह से जलस्तर में फिर वृद्धि शुरू हो गई है।
बताया जा रहा है कि कमला बलान नदी के पूर्वी तटबंध के ऊपर से भिंडुआ पंचायत के गोबराही गांव के सामने लगभग एक किलोमीटर की दूरी में पानी ओवरफ्लो होकर बह रही है, जिससे कोसी व कमला बलान के जलस्तर फिर से वृद्धि होने लगी है। जलस्तर में वृद्धि से निचले इलाकों में बसे लोगों को अब घर छोड़कर पलायन करने की संभावना बनती जा रही है। बाढ़ प्रभावित चारों पंचायत में प्रभावित लोगों को समस्या जस की तस बनी हुई है।
घनश्यामपुर कमला नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण दोनों तटबंध के बीच में बसे आधा दर्जन गांव पांचवें में दिन भी पानी से घिरे हुए हैं। किरतपुर प्रखंड से गुजरने वाली कोसी, कमला एवं गेहुआ नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। कोसी के पश्चिमी तटबंध के टूट जाने से क्षेत्र के पांच लाख से अधिक आबादी के बीच अभी अफरातफरी बनी हुई है।
मधुबनी में कमला बलान ओवर फ्लो
बैरिया में पीडी रिंग बांध 20 फीट बहा, एक दर्जन गांवों में फैला पानीबेतिया जिले के बैरिया प्रखंड के घोडहिया गांव के पास सोमवार की रात पीडी रिंग बांध करीब 20 फीट के आसपास बह गया। बांध के ध्वस्त होने से एक दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। आधी रात को गांव में बाढ़ का पानी पहुंचा तो ग्रामीण दहशत में आ गए।
पीडी रिंग बांध के ध्वस्त होने से पानी का दबाव चंपारण प्रबंध पर अधिक हो गया है। हालांकि बांध के ध्वस्त होने की सूचना मिलते ही अधिकारियों की टीम पहुंची हुई है। राहत एवं बचाव का कार्य चल रहा है। जिन गांवों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है वहां के लोगों को सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचने के लिए एसडीआरएफ की टीम बुलाई गई है।
बेतिया जिले के बैरिया प्रखंड में बाढ़ से बिगड़े हालात
सहरसा के कई गांवों में बाढ़ के पानी घुसने से हालात बुरे होते जा रहे हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
सहरसा में पश्चिम कोसी तटबंध टूटने के बाद अचानक बेघर हुए लोग
खगड़िया में नाव डूबी, एक लापताअलौली प्रखंड अंतर्गत बनर झूला घाट हथवन में सोमवार को कोसी नदी में एक छोटी नाव डूब गई। नाव पर चार लोग सवार थे। सभी लोग कोसी का पानी बढ़ने के बाद हाथवन भरैण बासा से नाव पर सवार होकर अपने गांव हथवन लौट रहे थे। 60 वर्षीय जोगी यादव लापता हैं। शेष तीन लोग बाहर निकलने में सफल रहे। अलौली थाना अध्यक्ष समरेंद्र कुमार ने घटना की पुष्टि की है। एसडीआरएफ की टीम वहां पहुंच चुकी है।
खगड़िया के हथवन में बाढ़ में डूबी नाव
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Bihar News: बिहार के वाहन चालक ध्यान दें..., आज से दिखेगा ट्रैफिक का रियल टाइम अपडेट, इस एप से मिलेगी जानकारी
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: राज्य के सभी जिलों में अब यातायात से जुड़ी लाइव जानकारी अपडेट की जाएगी। आपके शहर में कौन सी सड़क कहां जाम है, कौन सी सड़क वीआइपी मूवमेंट या धरना-प्रदर्शन के कारण बाधित है, यह सारी जानकारियां वाहन चालकों को मैपल एप पर आनलाइन मिलेगी। बिहार पुलिस और मैप माई इंडिया पिछले एक पखवारे से इस सुविधा का ट्रायल कर रहा था जिसे एक अक्टूबर से लागू कर दिया जाएगा। बिहार चौथा राज्य है, जहां इस तरह की सुविधा दी जाएगी।
इस सुविधा का लाभ लेने के लिए मैपल एप डाउनलोड करना होगा। इसी एप पर सभी जिलों के शहरी और ग्रामीण सड़कों से जुड़ी जानकारी रियल टाइम अपडेट की जाएगी। मैपल एप पर तीन माध्यमों से यातायात से जुड़ी सूचनाएं अपडेट की जाएंगी।
कंपनी के बेस मैप पर तो पहले से कई जानकारियां होंगी ही, इसके अलावा पुलिस की टीम भी लगातार जानकारियां अपडेट करेंगी। इसके लिए जिलास्तर पर वाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है। इसके अलावा आम जनता भी एप पर तस्वीर के माध्यम से दुर्घटना या जाम जैसी जानकारी अपडेट कर सकेगी।
यह सूचनाएं मिलेंगी :- सड़क पर जलजमाव, डायवर्जन, ट्रैफिक लाइट की विफलता आदि।
- विरोध-प्रदर्शन, वीआइपी मूवमेंट, दुर्घटना आदि की सूचना।
- ब्लैकस्पाट, खतरनाक मोड़, गति-अवरोधक की जानकारी।
- अस्पताल, पेट्रोल पंप, पार्किंग, सीसीटीवी कैमरे आदि की जानकारी।
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जागरण संवाददाता, पटना। Bihar News: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश रुद्र प्रकाश मिश्रा के पिछले दस माह से बकाए वेतन लाभ देने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायाधीश जेबी पारदीवाला एवं न्यायाधीश मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि किसी भी न्यायाधीश से बिना वेतन के काम करने की उम्मीद नहीं की जा सकती।
न्यायाधीश मिश्रा के वकील ने कोर्ट को बताया कि 4 नवंबर, 2023 को उनकी नियुक्ति के बाद से उनका वेतन सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खाता नहीं होने के कारण जारी नहीं किया गया है।
इसलिए राज्य सरकार सभी लंबित वेतन और बकाया का भुगतान करे तथा एक अस्थायी सामान्य भविष्य निधि खाता खोले। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि मुद्दा सुलझा लिया जाएगा और उन्होंने मामले पर शुक्रवार को सुनवाई करने का अनुरोध किया।
हालांकि, कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि न्यायाधीश मिश्रा को बिना देरी के एक अस्थायी जीपीएफ खाता खोल सभी लंबित वेतन और बकाया का भुगतान करे।
Bihar Weather Today: बिहार में बारिश से कब मिलेगी राहत? मौसम विभाग ने दी नई जानकारी ; बाढ़ को लेकर भी ताजा अपडेट
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News: बिहार में मूसलाधार बारिश से जल्द राहत मिलने वाली है। बारिश के रुकने से बाढ़ पीड़ितों को भी राहत मिलेगी। हालांकि,नेपाल में लगातार बारिश होने के चलते बिहार में फिलहाल बाढ़ खतरा बना हुआ है।
10 या 11 अक्टूबर से मानसून का जाना लगभग तय11 अक्टूबर से मानसून बिहार से लौट जाएगा जिससे लोगों को भारी बारिश से राहत मिल जाएगी। हालांकि, दिवाली के आसापास हल्की बारिश हो सकती है। जिससे ठंड का आगमन होगा।
इस बार मानसून में 20 फीसदी से कम हुई बारिशराजधानी समेत प्रदेश में पिछले तीन से चार दिनों में झमाझम बारिश हुई। इसके बावजूद सामान्य से 20 फीसद कम वर्षा मानसून सीजन में दर्ज हुई। एक जून से 30 सितंबर तक प्रदेश में 798.3 मिमी वर्षा हुई, जबकि सामान्य 992.2 मिमी होनी चाहिए।
30 सितंबर तक मानसून के जाने का मानक समयमौसम विभाग के अनुसार अधिकारिक तौर पर 30 सितंबर तक मानसून के बिहार से जाने का मानक समय है। लेकिन इस बार 11 अक्टूबर तक बिहार से मानसून की रवानगी होगी। मानसून सीजन के दौरान प्रदेश के चार जिले ऐसे रहे, जहां पर सामान्य से अधिक वर्षा हुई।
पटना सहित 12 जिलों में 53-26 प्रतिशत कम वर्षा हुई। वहीं, छह जिलों में वर्षा की स्थिति सामान्य के आसपास बनी रही, जबकि शेष जिलों में सामान्य से नीचे रहा।
भागलपुर में बढ़ रहा गंगा का जलस्तरसोमवार को दिन के दो बजे तक स्थिर था जलस्तर उसके बाद बढ़ने लगा- मुंगेर और पटना में बढ़ रही गंगा - फिलहाल भागलपुर में फिर से बाढ़ का संकट नहींसंवाद सहयोगी, जागरण : भागलपुर : गंगा का जलस्तर भागलपुर में भी बढ़ने लगा है। सोमवार को दिन के दो बजे तक जलस्तर स्थिर था।
सुबह छह बजे गंगा का जलस्तर 33.03 मीटर पर था। जबकि छह बजे शाम में जलस्तर बढ़कर 33.07 मीटर हो गया। अर्थात चार घंटा दो बजे से शाम छह बजे तक चार घंटे में चार सेंटी मीटर गंगा का जलस्तर बढ़ गया। डीइओसी (डिस्टिक इमरजेंसी आपरेशन सेंटर) मुंगेर के अनुसार पटना और मुंगेर में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। हालांकि, बढ़ने की रफ्तार धीमी है।
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Bihar News: जीविका दीदियों की बल्ले-बल्ले! नीतीश सरकार ने जारी किए 5 अरब रुपये, 34 लाख महिलाओं तक पहुंचेगा लाभ
राज्य ब्यूरो, पटना। नीतीश सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए प्रथम किस्त के रूप में सवा पांच सौ करोड़ रुपये का आवंटन जारी कर दी है। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में संचालित जीविका के हजारों स्वयं सहायता समूहों को इससे लाभ होगा।
इसमें 60:40 के तहत केंद्रांश के रूप में 31369.58 लाख रुपये (तीन अरब तेरह करोड़ उनहत्तर लाख अंठावन हजार रुपये) एवं राज्यांश के रूप में 20913.05 लाख रुपये (दो अरब नौ करोड़ तेरह लाख पांच हजार रुपये) उपलब्ध कराई गई है।
इस राशि का उपयोग समूहों द्वारा कृषि, पशुपालन, हस्तशिल्प, लघु उद्योग, और अन्य जीविकोपार्जन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही, इन गतिविधियों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और परिवारों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में भी मदद मिलेगी। विशेष रूप से, ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ उनके उत्पादों को बेहतर मूल्य प्राप्त होगा।
वर्तमान में जीविका के तहत, विभिन्न जिलों में 10 लाख 63 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। कुल समूह में एक करोड़ 34 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं।
महिलाओं को उनके व्यवसायिक कौशल को निखारने के लिए प्रशिक्षण एवं वित्तीय सहायता दी जा रही हैं। इन समूहों के माध्यम से महिलाएं ना केवल आर्थिक रूप से सक्षम हो रही हैं, बल्कि सामुदायिक विकास में भी सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं। यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
IPS Sudhir Porika: आईपीएस सुधीर पोरिका को मिली क्लीनचिट, DSP को वेतन वृद्धि देने पर रोक
राज्य ब्यूरो, पटना। बालू के अवैध खनन मामले में एक और पुलिस अधिकारी को राहत मिल गई है। औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी और 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी सुधीर कुमार पोरिका को क्लीनचिट देते हुए विभागीय कार्यवाही समाप्त कर दी गई है।
गृह विभाग ने इसका संकल्प भी जारी कर दिया है। सुधीर पोरिका फिलहाल विशेष शाखा में एसपी के पद पर हैं। सुधीर कुमार पोरिका पर बालू के अवैध उत्खनन एवं परिवहन में संलिप्त रहने और संदिग्ध आचरण से संबंधित आरोप थे।
आर्थिक अपराध इकाई की रिपोर्ट के बाद इस मामले में जुलाई, 2021 में उन्हें निलंबित कर विभागीय कार्यवाही शुरू की गई थी। सितंबर, 2023 में प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में जांच अधिकारी ने पोरिका के विरुद्ध छह आरोपों में तीन अप्रमाणित जबकि तीन आंशिक रूप से प्रमाणित होने का मंतव्य दिया।
इस पर विभाग ने पोरिका से लिखित बयान समर्पित करने को कहा मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसके बाद विभाग ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएसएसी) को परामर्श के लिए पत्र लिखा। विभागीय पत्र के आलोक में यूपीएससी ने अगस्त में परामर्श दिया कि सुधीर कुमार पोरिका के खिलाफ लगाए गए आरोपों को अभिलेखों पर मौजूद साक्ष्यों के आधार पर सिद्ध नहीं किया जा सका।
इस मामले में तभी न्याय होगा जब उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को त्याग दिया जाए और उन्हें दोषमुक्त घोषित कर दिया जाए। इसके बाद उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया गया है।
डीएसपी रघुनाथ सिंह को वेतनवृद्धि पर रोक का दंडगृह विभाग ने प्रसारित वीडियो के तीन साल पुराने मामले में मोहनिया के तत्कालीन अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को पांच वर्षों के लिए कालमान वेतन में निम्नतर प्रकम से अवनति का दंड दिया है। इस दौरान अधिकारी को वार्षिक वेतनवृद्धियों का लाभ नहीं मिलेगा। अवनति की अवधि के बाद भविष्य की वेतनवृद्धियां अनुमान्य होंगी। इससे जुड़ा संकल्प भी जारी कर दिया गया है।
Bihar Flood: कोसी नदी पर बनेगा नया बराज, बाढ़ की त्रासदी से मुक्त होगा उत्तर बिहार, केंद्रीय मंत्री ने दिया भरोसा
राज्य ब्यूरो, पटना। नेपाल से आने वाले अप्रत्याशित जल प्रवाह को रोकने के लिए कोसी नदी पर नया बराज बनेगा। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सोमवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से भेंटकर इस संबंध में उनसे आग्रह किया है।
उन्होंने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से मांग की कि कोसी नदी पर उच्च क्षमता वाले बराज के निर्माण की दिशा में आवश्यक कार्रवाई की जाए। चौधरी की मांग पर केंद्रीय मंत्री ने भरोसा दिया है कि नया बराज बनाने के लिए शीघ्र ही डीपीआर बनाने की पहल होगी।
चौधरी ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि कोसी की बाढ़ से लोगों की रक्षा के लिए नेपाली क्षेत्र में जो बांध 1962 में बना और चालू हुआ था, तब इसकी आयु मात्र 25 वर्ष बतायी गई थी। इसलिए भी नए बराज की जरूरत है और वह भी भारतीय सीमा के भीतर।
उन्होंने बिहार में कोसी, बागमती, गंडक और उत्तर बिहार की अन्य नदियों की बाढ़ से उत्पन्न कठिन परिस्थितियों से केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया। बिहार के 20 जिलों में जानमाल, मवेशी, मकान एवं संपत्ति की बाढ़ से रक्षा बड़ी चुनौती बन गई है।
उप मुख्यमंत्री कहा कि कोसी नदी पर नए बराज के निर्माण से बाढ़ की समस्या का विश्वसनीय समाधान होगा। इससे विद्युत उत्पादन, मत्स्य पालन, सिंचाई एवं पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य तेजी से चलाए जाएं: पारसराष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने सोमवार को कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों मे राहत कार्य तेजी से चलाए जाएं।
उन्होंने कहा कि कोसी बराज से नेपाल के द्वारा छह लाख क्यूसेक से भी अधिक पानी छोड़े जाने के कारण खगड़िया के अलौली विधानसभा अन्तर्गत उनके गृह पंचायत शहरबन्नी एवं अन्य पंचायत चैराखेड़ा, आनन्दपुर मारन, दमहा खैरी खुटहा, बहौरवा पंचायत बाढ़ से पुरी तरह से बाढ़ के पानी से प्रभावित हो चुका है।
खगड़िया जिला के अन्य प्रखण्ड के कई पंचायत पहले से ही गंगा में जल स्तर की वृद्धि के कारण बुरी तरह से प्रभावित है।
पारस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से खगड़िया जिला के अलौली विधानसभा सहित अन्य प्रखण्डों के सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के परेशानी को देखते हुए राज्य प्रशासन एवं खगड़िया जिला के स्थानीय प्रशासन को राहत एवं बचाव के कार्य को तेज करने को ले निर्देशित करने का आग्रह किया है।
उन्होंने सभी बाढ़ प्रभावित पंचायतों में परिचालन को लेकर समुचित संख्या में नाव की व्यवस्था, सुखा राहत सामग्री की व्यवस्था तथा खाने पीने का इंतजाम करने हेतू समुचित संख्या में सामुदायिक किचेन खोलने, स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल कैंप लगाने, पशुओं के लिए चारा की व्यवस्था करने बाढ़ से हुए विस्थापित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर ठहराने को लेकर शेल्टर होम की व्यवस्था कराने का आग्रह किया है।
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नीतीश सरकार ने प्राइमरी शिक्षकों को कर दिया खुश! वेतन के लिए स्वीकृत किए 51.21 अरब रुपये
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में प्रारंभिक शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए 51 अरब, 21 करोड़ 62 लाख 80 हजार नौ सौ रुपये की राशि स्वीकृति के साथ ही विमुक्त कर दी गयी है।
इस राशि से उन प्रारंभिक शिक्षकों के वेतनादि का भुगतान होगा, जो समग्र शिक्षा अभियान योजना के तहत कार्यरत हैं। इस बाबत शिक्षा विभाग द्वारा महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) को विधिवत जानकारी दी गयी है।
इसके मुताबिक, पंचायतीराज संस्था, नगर निकाय संस्था के अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों एवं उत्क्रमित मध्य विद्यालयों में जिला संवर्ग के स्नातक प्रशिक्षित वेतनमान के शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापकों, जो समग्र शिक्षा अभियान से आच्छादित हैं, को वर्तमान वित्तीय वर्ष हेतु वेतन भुगतान किया जाना है।
53 अरब 45 करोड़ की राशि स्वीकृतवित्तीय वर्ष 2024-25 में विभिन्न स्वीकृत्यादेशों द्वारा 53 अरब 45 करोड़ 93 लाख 55 हजार 562 रुपये की स्वीकृति एवं विमुक्ति प्रदान की गयी है। यह राशि बिहार शिक्षा परियोजना परिषद को उपलब्ध करा दी गयी है।
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा राशि जिलावार उपलब्ध कराते हुए समग्र शिक्षा अभियान मद से आच्छादित शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापकों का अगस्त, 2024 तक का वेतन भुगतान किया गया।
समग्र शिक्षा अभियान (राज्य स्कीम) अंतर्गत शिक्षकों को ससमय वेतन उपलब्ध कराने हेतु समग्र शिक्षा अभियान योजना अंतर्गत 51 अरब 21 करोड़ 62 लाख 80 हजार नौ सौ रुपये की राशि स्वीकृति के साथ ही विमुक्ति का प्रस्ताव है।
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Bihar Bhumi Survey: जमीन के दाखिल-खारिज में नहीं होगी कोई दिक्कत, नीतीश सरकार ने निकाल ली 'ट्रिक'
राज्य ब्यूरो, पटना। सरकार ने विशेष भूमि सर्वेक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा है कि दाखिल-खारिज मामलों के निष्पादन में पिछड़े अंचलों में विशेष अंचलाधिकारी तैनात होंगे।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डा. दिलीप कुमार जायसवाल ने सोमवार को यहां कहा कि भूमि सर्वेक्षण समय पर पूरा होगा और किसी को परेशानी भी नहीं होगी।
विभाग का विशेष अंचलाधिकारी तैनात करने का निर्णय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से 28 सितंबर को बुलाई गई समीक्षा बैठक का परिणाम है।
उसमें मुख्यमंत्री ने कहा था कि सर्वे के लिए दाखिल-खारिज, परिमार्जन एवं अभिलेखों के दुरूस्त करने का कार्य समानांतर तरीके से चलते रहना चाहिए।
डॉ. जायसवाल ने कहा कि भूधारी निश्चिंत रहे। किसी कारण से अगर किन्हीं की जमीन का सर्वे नहीं हो पाया तो उनके घर पदाधिकारियों को भेज कर सर्वे कराया जाएगा।
हम विश्वास दिलाते हैं कि किसी को परेशानी नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि दाखिल-खारिज मामलों के निष्पादन में पिछड़े अंचलों की पहचान कर ली गई है।
विभाग की पिछली समीक्षा बैठक में भी यह मामला उठा था। यह तथ्य सामने आया कि कुछ अंचलों में दाखिल-खारिज के मामले निष्पादित कम किए जाते हैं।
उसकी तुलना में आवेदनों की अस्वीकृति अधिक होती है। समीक्षा में पाया गया कि सीतामढ़ी जिले के सुप्पी अंचल में करीब 48 प्रतिशत आवेदन अस्वीकृत कर दिए गए।
पटना के पंडारक में अस्वीकृति के मामले 44 प्रतिशत है। बेगूसराय के साम्हो अखा कुरहा में आवेदनों की अस्वीकृति का प्रतिशत 40 था।
दाखिल-खारिज के लिए अधिकतम समय सीमा 75 दिन तय की गई है। इस समय सीमा के समाप्त होने के बाद रोहतास के सदर अंचल में 7018, पटना सदर में 6748 एवं पटना जिला के संपतचक में 6428 आवेदन लंबित पाए गए।
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Chirag Paswan: झारखंड के सियासत में चिराग की एंट्री! BJP की बढ़ेगी मुश्किलें; चाचा पारस को दे डाला ऐसा चैलेंज
राज्य ब्यूरो, पटना। लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा है कि झारखंड विधानसभा का चुनाव लड़ने के बारे में अंतिम निर्णय चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद ही लिया जाएगा। इस समय भाजपा हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव में व्यस्त है। सीटों के बारे में उनसे कोई बातचीत नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि हम कोई भी निर्णय पार्टी की झारखंड इकाई की अनुशंसा पर करेंगे। सोमवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में चिराग ने कहा कि एनडीए घटक के रूप में या स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का निर्णय राज्य इकाई पर निर्भर है। इस संदर्भ में राज्य इकाई की अनुशंसा पर केंद्रीय संसदीय बोर्ड विचार करेगी।
बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के दौरे पर चिरागचिराग उत्तर बिहार के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के दौरे पर आए हैं। उन्होंने कहा कि नेपाल में अत्यधिक वर्षा के कारण अप्रत्याशित बाढ़ आई है। केंद्र और राज्य सरकार सतर्क होकर बाढ़ पर नजर रख रही है। बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना और उनके बीच राहत कार्य चलाना इस समय सबसे जरूरी है।
कहा- बाढ़ के हालात पर पीएम मोदी को देंगे रिपोर्टचिराग ने कहा कि वह भी बाढ़ की स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री को रिपोर्ट देंगे। चिराग ने संकेत दिया कि रालोजपा के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस से उनके संबंध सामान्य नहीं हुए हैं।
विस चुनाव पर चाचा पारस एलान पर कहा- हां, लड़ लेंएनडीए से सम्मानजनक समझौता न होने पर विधानसभा की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की पारस की घोषणा पर चिराग की टिप्पणी थी- हां, लड़ लें। सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ लें।
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Bihar Sand And Soil: मिट्टी, गिट्टी और बालू पर सरकार की 'टेढ़ी' नजर, अब लपेटे में आएंगे कई विभाग
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश सरकार राज्य मुख्यालय से लेकर जिलों तक अनेक प्रकार के निर्माण कराती रही है। वर्तमान में भी निर्माण से जुड़ी अनेक योजनाएं चल रही हैं। निर्माणों में व्यापक पैमाने पर लघु खनिज जैसे मिट्टी, गिट्टी और बालू का उपयोग होता है।
कार्य विभागों को निर्देश है कि लघु खनिजों की खरीद वैध स्रोतों से होगी। लेकिन, कार्य विभाग इसका पालन नहीं कर रहे। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच का निर्णय लिया है। सरकार ने यह पहल खान एवं भू-तत्व विभाग के आग्रह पर की है।
खान एवं भू-तत्व विभाग को अंदेशा है कि विभिन्न कार्य विभागों को निर्माण कार्य के लिए जिन लघु खनिजों की आपूर्ति होती है उसके चालान में गड़बड़ी होती है। कई बार फर्जी चालान के मामले पकड़े भी गए हैं।
यह गड़बड़ी संवेदक या खनिज आपूर्ति ठेकेदार के स्तर पर होती है। जिसकी वजह से प्रदेश सरकार को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता है, क्योंकि नियमों के तहत विभागों को खनिजों के इस्तेमाल के एवज में खान एवं भू-तत्व विभाग को रायल्टी और मालिकाना टैक्स चुकाना होता है।
विभाग ने अपनी आशंका हाल ही में हुई मुख्य सचिव की बैठक में भी उठाई थी। जिसके बाद मुख्य सचिव ने इसकी जांच के निर्देश दिए थे। मुख्य सचिव के निर्देश के आलोक में खान एवं भू-तत्व विभाग ने आठ कार्य विभाग यथा जल संसाधन, पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, नगर विकास एवं आवास विभाग, लघु जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण और भवन निर्माण को पत्र देकर बालू और गिट्टी का अलग-अलग चालान देने को कहा है।
विभाग वर्षवार चालान संख्या, लघु खनिज की मात्रा की जानकारी देंगे। विभाग अपने स्तर पर चालान का मिलान विभाग से जारी चालान से करेगा।
गड़बड़ी पाए जाने पर बकायदा विभाग को लघु खनिज आपूर्ति करने वाले संवेदक से जुर्माना वसूला जाएगा। साथ ही दंडात्मक कार्रवाई भी होगी।
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Bihar Flood: बिहार में तबाही मचा रहा नेपाल का पानी, नदियों के 7 तटबंध तबाह; नीतीश सरकार ने केंद्र से मांगी मदद
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Flood: नेपाल में भारी बारिश के कारण बिहार में अलग-अलग स्थानों पर सात जगह तटबंध टूटें हैं। ऐसी स्थिति गंडक में 21 वर्ष और कोसी में 56 वर्ष बाद अत्यधिक पानी के दबाव के कारण सामने आया है।
जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने बताया कि पहली बार पूरे नेपाल के जल ग्रहण क्षेत्र में अत्यधिक बारिश होने के कारण उत्तर बिहार की नदियों में रिकार्ड पानी आया है। वर्षों बाद 2024 में कई नदियों ने अपने जलस्तर का रिकार्ड बनाया है।
तटबंधों को अधिक मजबूत और ऊंचा बनाएंगे: चौधरीविजय चौधरी ने कहा है कि भविष्य में तटबंधों को और मजबूत एवं ऊंचा किया जाएगा। इस बार के अप्रत्याशित पानी को ध्यान में रखकर ही आगे की योजना बनायी जाएगी।
पानी कई तटबंधों को अप्रत्याशित रूप से ओवरटॉप कर गया। उन्होंने कहा कि बीते 72 घंटे हमारे लिए बड़ी चुनौतियों से भरा रहा है। आगे कई दिनों तक ऐसी स्थिति बनी रहेगी।
क्षतिग्रस्त तटबंधों की युद्धस्तर पर मरम्मतमंत्री चौधरी ने बताया कि अत्यधिक जलस्राव के कारण सात स्थानों पर तटबंध क्षतिग्रस्त हुए हैं। क्षतिग्रस्त तटबंधों की युद्धस्तर पर मरम्मत की जा रही है। इसके अलावा, कई अन्य संवेदनशील स्थल हैं; जहां भारी दबाव की स्थिति उत्पन्न हुई है।
क्षेत्रीय इंजीनियरों को सख्त हिदायतमंत्री ने बताया कि जल संसाधन विभाग ने सभी संवेदनशील और अति संवेदनशील स्थलों की निगरानी के लिए 106 इंजीनियरों की टीम मैदान में उतारा है। अब तटबंध कहीं क्षतिग्रस्त ना हो इसके लिए सभी क्षेत्रीय इंजीनियरों को सख्त हिदायत दी गई है और उनसे कहा गया है कि इस दबाव को काफी गंभीरता से लेते हुए उसकी तत्काल मरम्मत करें।
नदियों में अत्यधिक सिल्ट आने से खराब हुई स्थितिजल संसाधन मंत्री ने कहा कि नदियों में अत्यधिक सिल्ट आने के कारण स्थिति खराब हुई है। इसके कारण कई जगह नदियों का जलस्तर तटबंधों को ओवर टाप कर गया है। सीतामढ़ी में तो सात-आठ किलोमीटर तक पानी तटबंध के ऊपर से बहता रहा।
विभाग के प्रधान सचिव संतोष मल्ल, अपर सचिव नवीन कुमार, अभियंता प्रमुख, बाढ़ नियंत्रण मनोज रमण एवं अभियंता प्रमुख एन के झा सहित विभाग के वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
बाढ़ प्रबंधन योजना के लिए मदद करे केंद्रमंत्री ने बाढ़ प्रबंधन योजना के लिए केंद्र से मदद मांगी है और बिहार की पुरानी मांग को फिर से दोहराया है।
उन्होंने कहा कि इस बार के अप्रत्याशित जलस्राव ने हमारी मांग को पुख्ता किया है। बिहार ने केंद्र से गंडक, कोसी व बागमती पर एक-एक बराज की मांग भी केंद्र से की है।