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Patna Airport: यूनिटी मॉल के निर्माण पर लगी रोक,पटना एयरपोर्ट के विस्तारीकरण बना वजह
राज्य ब्यूरो, पटना। पटना एयरपोर्ट के विस्तारीकरण योजना के तहत केंद्र सरकार से मिली राशि से बनने वाले यूनिटी मॉल के निर्माण पर फिलहाल रोक लग गयी है। यूनिटी मॉल का निर्माण 212.68 करोड़ की लागत से होना है। राज्य कैबिनेट ने इस राशि के खर्च को प्रशासनिक स्वीकृति भी प्रदान कर रखी है। पटना हवाई अड्डे के पास उद्योग विभाग की जमीन पर इसका निर्माण किया जा रहा था, लेकिन अब इस पर रोक लगा दी गई है। उद्योग विभाग जल्द ही इसके लिए कोई और जगह निर्धारित कर सकता है।
क्या है योजनायूनिटी मॉल केंद्र सरकार की योजना है। इसके तहत केंद्र सरकार को 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराना है। यह स्कीम फॉर स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेट फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट 2023-24 के पार्ट -6 का हिस्सा है। केंद्र सरकार ने इस 212.68 करोड़ रुपए की परियोजना के लिए 106.34 करोड़ रुपए उपलब्ध करा दिए हैं।
यूनिटी मॉल में क्या होगा?यूनिटी मॉल में देश के सभी राज्यों के लिए अलग-अलग कार्नर होंगे जहां उन राज्यों के प्रमुख उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। अभी इस तरह की व्यवस्था नहीं है कि देश के अलग-अलग राज्यों के उत्पाद एक जगह बिक्री के लिए उपलब्ध हों। इसके अतिरिक्त वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के अंतर्गत जो उत्पाद तैयार होंगे उन्हें यहां रखा जाएगा।
हस्तशिल्प और स्टार्टअप को भी फायदाहस्तशिल्प, हस्तकरघा, स्टार्टअप तथा अन्य उत्पादों की प्रदर्शनी व बिक्री भी यहां पर की जा सकेगी। मॉल के संचालन को लेकर बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण को एजेंसी बनाया गया है। इसके निर्माण का जिम्मा आधारभूत संरचना विकास प्राधिकरण (आयडा) के पास है।
नई जगह पर निर्माण संभवइसी वर्ष फरवरी में राज्य कैबिनेट ने यूनिटी मॉल के निर्माण के लिए 212.68 करोड़ रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की थी। इसके साथ 106.34 करोड़ रुपए बिहार आकस्मिकता निधि से निकासी को मंजूरी दी थी। पटना हवाई अड्डे के विस्तारीकरण योजना के तहत अब यह संभव है कि अब इसका निर्माण एयरपोर्ट के समीप नहीं हो सकेगा।
अब उद्योग विभाग इसके लिए किसी दूसरे स्थान की तलाश करेगा। पटना एयरपोर्ट में विस्तारीकरण योजना के तहत कार पार्किंग, काउंटर, नए एयरोब्रिज सहित कई अन्य निर्माण कार्य कराए जाने हैं। अगले साल मार्च-अप्रैल तक इसके पूरा होने का लक्ष्य है। इस बीच में यूनिटी मॉल के लिए भी नई जगह निर्धारित की जा सकती है।
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PM Awas Yojana शहरी की राशि हुई दोगुना, एक साल में एक लाख आवास बनाने का भी लक्ष्य
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के तहत शहरी निकायों में अगले पांच वर्षों तक हर साल करीब एक लाख आवास के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए राज्य सरकार से मिलने वाली सहायता राशि भी दोगुनी हो गई है। राज्य सरकार योजना के तहत आवास निर्माण (बीएलसी) और साझेदारी में बनने वाले किफायती आवास (एएचपी) घटक के तहत प्रति आवासीय इकाई के लाभुकों को अब एक-एक लाख रुपये देगी।
सालाना एक हजार करोड़ रुपये का बढ़ेगा खर्चपहले लाभार्थी आधारित आवास योजना में राज्य सरकार द्वारा लाभुकों को प्रति आवासीय इकाई 50 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती थी। नई व्यवस्था के बाद योजना पर राज्य सरकार का सालाना एक हजार करोड़ रुपये का खर्च बढ़ेगा। राज्य कैबिनेट से मंजूरी के बाद सभी शहरी निकायों में इसे तेजी से लागू करने का निर्देश नगर विकास एवं आवास विभाग ने दिया है।
केंद्र सरकार प्रति आवासीय इकाई डेढ़ लाख रुपये का अनुदान देती हैविभागीय जानकारी के अनुसार, योजना के तहत केंद्र सरकार पात्र परिवार को आवास निर्माण के लिए प्रति आवासीय इकाई डेढ़ लाख रुपये का अनुदान देती है। अब राज्य सरकार भी केंद्रांश के आनुपातिक एक लाख रुपये प्रति आवासीय इकाई की सहायता देगी। लाभार्थी आधारित आवास स्कीम में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को उनकी जमीन पर आवास बनाने के लिए अनुदान दिया जाता है। वहीं, साझेदारी में किफायती आवास के तहत सरकार या निजी एजेंसियों द्वारा शहरी गरीबों के लिए आवास का निर्माण कर उसका आवंटन दिया जाता है।
होम लोन पर 1.80 लाख का मिलेगा अनुदानयोजना के तहत अगर आर्थिक रूप से कमजोर या निम्न-मध्यम वर्ग आय के लाभुक होम लोन पर घर खरीदते हैं तो उन्हें ऋण ब्याज के अनुदान के रूप में अधिकतम एक लाख 80 हजार रुपये मिलेंगे। इसके लिए मिशन अवधि के दौरान लाभुकों को योजना के पोर्टल पर निबंधन कराना होगा। यह अनुदान केंद्र सरकार की ओर से मिलेगा।
इसके अलावा आवास निर्माण में नई तकनीक का उपयोग करने वाली परियोजनाओं में प्रति इकाई 30 वर्गमीटर कॉरपेट एरिया के लिए केंद्र सरकार द्वारा 1,000 रुपये प्रति वर्गमीटर अतिरिक्त अनुदान प्रदान किया जाएगा।
इसके अलावा किफायती रेंटल आवास योजना के अंतर्गत सार्वजनिक एवं निजी संस्थाओं द्वारा नई तकनीक या वैकल्पिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर किफायती आवास बनाने पर केंद्र सरकार द्वारा 3000 रुपये प्रति वर्ग मीटर (10-60 वर्ग मीटर/इकाई) की दर से राशि दिये जाने का प्रविधान है। ऐसी परियोजनाओं में राज्य सरकार भी 2000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से राशि देगी।
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Patna News: दो अंचलाधिकारी पर एक्शन, पटना DM ने एक माह का दिया अल्टीमेटम; पढ़ें पूरा मामला
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जागरण संवाददाता, पटना। लोक शिकायत के मामले में लापरवाही पर जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने एक बार फिर कार्रवाई की है। उन्होंने पालीगंज और दानापुर के अंचल अधिकारी पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही स्पष्टीकरण भी मांगा है।
समाहरणालय स्थित अपने कक्ष में शनिवार को उन्होंने कुल 24 मामलों की सुनवाई कर 10 का मौके पर ही निष्पादन किया। शेष 14 मामलों में अंतरिम आदेश पारित किया।
अतिक्रमण हटाने की शिकायत पर नहीं की कार्रवाईदूसरा परिवाद पटना नगर निगम के वार्ड तीन रूपसपुर (दानापुर) के श्यामदेव चौधरी का था। उनकी शिकायत सबजपुरा सबरीनगर में सरकारी जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराने एवं रास्ते के अवरोध को दूर कराने के संबंध में था। उन्होंने सात मई को ही परिवाद दायर किया था, लेकिन पांच महीने से वह सीओ के पास लंबित पड़ा है।
उन्होंने शिथिलता और लापरवाही के साथ भ्रामक एवं अस्पष्ट प्रतिवेदन देने, लोक शिकायत के मामलों में असंवेदनशीलता प्रदर्शित करने को लेकर सीओ पर पांच हजार जुर्माना लगाया। साथ ही एक माह के अंदर नियमानुसार परिवाद का निवारण करने का निर्देश दिया।
अटका पड़ा था जमाबंदी ऑनलाइन करने का मामला एक मामलापालीगंज अंचल के कल्याणपुर निवासी ब्रह्मदेव सिंह से जुड़ा था। परिवादी ने अपने पिता के नाम से कायम जमाबंदी को आनलाइन पोर्टल पर डिजिटाइज करने के संबंध में 12 मार्च को ही परिवाद दाखिल किया था। सुनवाई में जिलाधिकारी ने पाया कि पालीगंज सीओ ने इस मामले में यथोचित कार्रवाई नहीं की है।
उनका प्रतिवेदन भी भ्रामक, अस्पष्ट एवं असंतोषजनक है। लगभग सात महीने से परिवाद उनके स्तर पर ही लंबित है। इसको देखते हुए उन्होंने सीओ पर पांच हजार जुर्माना लगाने के साथ उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा।
गांधी मैदान में दिखेगी पुष्पा-2 की झलकरविवार को गांधी मैदान में साउथ के अभिनेता अल्लू अर्जुन और रश्मिका मंदाना अपनी फिल्म पुष्पा-2 का ट्रेलर रिलीज करने पहुंच रहे हैं। शाम पांच बजे से रात आठ बजे तक चलने वाले इस कार्यक्रम को लेकर शनिवार की देर रात स्टेज सेटअप तैयार किया जा रहा था।
अभिनेता और दर्शकों की भीड़ को देखते हुए गांधी मैदान में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। गांधी मैदान में 450 पुलिसकर्मियों के साथ नौ डीएसपी की तैनाती की गई है। पुलिसकर्मी दोपहर बाद से ही गांधी मैदान को सुरक्षा को घेरे में लेंगे। वहीं, एयरपोर्ट के बाहर भी अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई हैं।
यात्री और आयोजकों को छोड़कर किसी बाहरी को अंदर नहीं जाने दिया जाएगा। इसके साथ ही शाम के समय दर्शकों की भीड़ को देखते हुए जरूरत पड़ने पर जेपी गोलंबर के पास कुछ देर के लिए रूट डायवर्जन भी किया जा सकता है।
वहीं डीआइजी सह एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि गांधी मैदान में प्रर्याप्त बल और पुलिस पदाधिकारियों को तैनात किया गया है। रात करीब दस बजे तक स्टेज सेटअप और बैरिकेडिंग किया जा रहा था। फिल्म के अभिनेता शाम छह बजे गांधी मैदान पहुंचेंगे। वह पटना एयरपोर्ट से सीधे गांधी मैदान आयेंगे।
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Bihar Weather Today: घने कोहरे को लेकर 12 जिलों में जारी हुआ ऑरेंज अलर्ट, पछुआ हवा से बिहार भर में बढ़ेगी ठंड
जागरण सवाददाता, पटना। राजधानी समेत प्रदेश में पछुआ के प्रवाह से मौसम में बदलाव हो रहा है। मौसम शुष्क होने के साथ तापमान में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार तराई वाले इलाकों के 12 जिलों के पूर्वी व पश्विम चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल और अररिया जिले में सुबह के समय बहुत घना कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
वहीं, 13 जिलों के सारण, वैशाली, समस्तीपुर, मधेपुरा, पूर्णिया, बक्सर, भोजपुर, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर और कटिहार जिले में मध्यम दर्जे के कोहरा छाए रहने के कारण यलो अलर्ट जारी किया गया। पटना समेत अन्य जिलों में सुबह के समय धुंध व हल्के कोहरे का प्रभाव जारी रहेगा।
25 जिलों के न्यूनतम तापमान में दर्ज की गई गिरावटअगले दो से तीन दिनों के दौरान तापमान में धीरे-धीरे गिरावट का पूर्वानुमान है। बीते 24 घंटों के दौरान पटना सहित 25 जिलों के न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई।
पटना के न्यूनतम तापमान में 1.4 डिग्री गिरावट के साथ 18.5 डिग्री सेल्सियस जबकि 12.9 डिग्री सेल्सियस के साथ बांका में प्रदेश का सर्वाधिक न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। शनिवार को पटना के अधिकतम तापमान में 1.2 डिग्री गिरावट के साथ 28.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
पटन व आसपास इलाकों में सुबह के समय हल्के कोहरे का प्रभाव बना रहा। दिन में धूप निकलने के साथ मौसम सामान्य बना रहा।
ठंड बढ़ने के साथ ही गर्म कपड़ों की सजने लगी दुकानेंअरवल जिले में दो-तीन दिनों के अंदर अधिकतम और न्यूनतम तापमान का पारा 2 से 3 डिग्री सेल्सियस नीचे गिर गया है। गूगल वेदर के अनुसार, मंगलवार तक जिले का न्यूनतम तापमान गिरकर 16 डिग्री सेल्सियस पर आ जाएगा।
जिले में पछुआ हवा भी चलने लगी है, जिसके कारण ठंड का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। शनिवार को अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिरकर 28 डिग्री सेल्सियस हो गया जबकि न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
इतना ही नहीं, अब कुहासा का भी असर अब दिखने लगा है इसके साथ ही धूप के तेवर भी कम होने लगे। सुबह और शाम में गुलाबी ठंड का अहसास होने लगा है। इस वजह से गर्म कपड़ों की जरूरत महसूस होने लगी है। ठंड आते ही बाजार गर्म कपड़ों की दुकानें सजने लगी और खरीदार भी अपने मन मुताबिक खरीदारी तेज कर दिए है।
जैसे जैसे तापमान गिरेगा वैसे वैसे ऊनी कपड़ों की मांग भी बढ़ेगी। लग्न व ठंड को लेकर शहर के छोटी बड़ी दुकानें गर्म कपड़ों के सेल में जुट गयी है। फुटपाथी दुकानों में भी अधिकतर गर्म कपड़े दिखाई दे रहे है।
नामी गिरामी ब्रांडों के शोरूमों में भी ऊनी कोर्ट, जैकेट, स्वेटर व कंबल मंगाये गये है। लग्न को लेकर कपड़ों के बाजार में भीड़ बढ़ी है दुकानों पर स्वेटर, जैकेट, इनर, मफलर की मांग बढ़ गयी है। नन्हें बच्चों के गर्म कपड़े की बिक्री में तेजी आयी है।
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बिहार में रद्द होगा 133 चालकों का लाइसेंस, 5500 से अधिक ड्राइवरों पर एक्शन की भी तैयारी; पढ़ें पूरा मामला
जागरण संवाददाता, पटना। चालान कटने के बाद भी बार बार यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों की पहचान कर अब उनके लाइसेंस को सस्पेंड करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
बीते छह माह में ऐसे 5591 वाहन चालकों की पहचान की गई, जिनके खिलाफ पांच बार से अधिक चालान हो चुका है। यातायात पुलिस ने ऐसे चालकों की सूची तैयार जिला परिवहन पदाधिकारी को भेजी है। साथ ही लाइसेंस को सस्पेंड की अनुशंसा की गई है। वहीं, 133 व्यक्तियों के लाइसेंस को निरस्त करने का प्रस्ताव भेजा गया है।
उक्त जानकारी यातायात एसपी अपराजित लोहान ने दी हैं। उन्होंने बताया कि यातायात पुलिस द्वारा लगातार समन की कार्रवाई की जाती है।
उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य लोगों को जागरूक करना और यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित कराना है। लेकिन, पिछले छह माह में देखा गया कि कई ऐसे वाहन चालक जिन पर समन की कार्रवाई के बाद भी बार बार यातायात नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। उसी गलती को बार बार दोहराया जा रहा है।
ऐसे में 5591 लोगों की पहचान की गई। इन पर पांच से अधिक बार चालान हो चुका है। इन लोगों की सूची बनाकर इनके लाइसेंस का सस्पेंड करने की अनुशंसा की गई है। साथ ही ऐसे 133 लोग, जिनके खिलाफ छह माह में 20 बार से अधिक चालान हुआ है उनके लाइसेंस कैंसिल करने की अनुशंसा की गई है।
खुद के साथ राहगीरों की जान खतरे मेंबीते छह माह में जिन लोगों का 20 बार से अधिक चालान हुआ, उसमें अधिकांश ओवर स्पीड, गलत दिशा या ट्रिपलिंग में है।
यातायात पुलिस की मानें तो वाहन चालक अगर बार बार नियम तोड़ रहा हैं तो खुद के साथ राहगीरों की जान भी खतरे में डाल रहा है। ओवर स्पीड और गलत दिशा में वाहन चलाने की वजह से पूर्व में कई दुर्घटनाएं भी हो चुकी है।
ट्रैफिक सिपाही से मारपीट में ऑटो चालक के विरुद्ध हुई प्राथमिकीबक्सर में ऑटो चालकों की मनमानी का नतीजा है कि अब वे ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों पर भी हाथ उठाने से गुरेज नहीं करते। ताजा मामला नगर थाना क्षेत्र के सिंडिकेट चौक का है, जहां गलत लेन से जा रहे ऑटो चालक को सही लेन पर चलने के लिए कहने पर ऑटो चालक ने ट्रैफिक सिपाही के साथ मारपीट की है।
इस मामले में घटना के शिकार सिपाही के बयान पर नगर थाना में प्राथमिकी कराई गई है। थानाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा ने बताया कि मारपीट की यह वारदात मंगलवार की है। तब सिंडिकेट पर एक होटल के उद्घाटन समारोह में कई वीआइपी का आगमन होना था।
ऐसे में यातायात नियंत्रण के लिए यातायात के सिपाही शंकर कुमार सिंडिकेट चौक पर पूरी मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रहे थे तथा दोनों लेन से कतार में वाहनों को निकाल रहे थे।
इस बीच पुलिस की गश्ती गाड़ी को दूसरे लेन से होकर तेजी से निकलते देखकर एक ऑटो चालक अपने लेन से हटकर दूसरी लेन से निकालने का प्रयास करने लगा। उसे मना करने पर चालक अड़ गया और गाली-गलौज करते हुए आन ड्यूटी सिपाही से मारपीट करने लगा।
उसके इस कृत्य में ऑटो में सवार उसके परिवार की कुछ महिलाएं भी शामिल हो गईं और सिपाही को मारने लगीं, जिसका स्थानीय लोगों ने वीडियो बनाते हुए इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दिया। मामले में सिपाही के बयान पर प्राथमिकी करते हुए ऑटो चालक की पहचान का प्रयास किया जा रहा है।
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Patna News: पटना में एक साथ 58 स्थानों पर वाहन जांच, हुड़दंगियों में मचा हड़कंप; स्कूटी से 18 लाख नकद बरामद
जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: जिले के मध्य एवं पूर्वी क्षेत्रों में लगातार हो रहीं वारदातों के मद्देनजर शुक्रवार की रात एक साथ 58 स्थानों पर सघन वाहन जांच अभियान चलाया गया। इस दौरान रात करीब साढ़े आठ बजे सचिवालय थाने की पुलिस ने भिखारी ठाकुर पुल के पास स्कूटी से 18 लाख रुपये नकद बरामद किए। स्कूटी चालक रोहन कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
उसने पुलिस को बताया कि जमीन की बिक्री से उसे ये रकम प्राप्त हुई। हालांकि, पुलिस को उसका जवाब संतोषजनक नहीं मिला। रुपये जब्त करने के साथ आयकर विभाग को सूचित किया गया है ताकि रोहन की आय का स्रोत पता चल सके। उसकी पृष्ठभूमि भी खंगाली जा रही है। रोहन गर्दनीबाग का निवासी बताया जाता है। सिटी एसपी मध्य स्वीटी सहरावत ने बताया कि रुपये कहां से आए, इस बाबत पूरी छानबीन की जा रही है।
हुड़दंगियों में मचा हड़कंपहाल के दिनों में एसएसपी राजीव मिश्रा को शिकायत मिल रही थी कि रात साढ़े आठ से साढ़े नौ बजे के बीच जब सड़कों पर वाहनों का दबाव कम होता है, तब बाइक सवार मनचलों की टोली हुड़दंग करती है। इस वक्त मोबाइल छिनतई की वारदातें भी अधिक होती हैं। यही कारण रहा कि एसएसपी ने उक्त अवधि में एक घंटे तक शहर की नाकाबंदी करने का आदेश दिया। इससे बाइक सवार हुड़दंगियों में हड़कंप मच गया।
अटल पथ, जेपी गंगा पथ, जीपीओ फ्लाइओवर, चिरैयाटांड पुल, नेहरू पथ समेत अन्य रास्तों पर बाइक सवार पुलिस को चकमा देकर भागने के फिराक में लगे रहे, लेकिन उन्हें निकलने का रास्ता नहीं मिला। पुलिस को देखते ही उनकी बाइक की रफ्तार पर ब्रेक लग गया। कुछ जगह पुलिसकर्मियों ने बाइकर्स को चेतावनी देकर छोड़ दिया तो कहीं उन पर जुर्माना भी लगाया गया।
सड़क पर दिखे सिपाही से लेकर एसपीअभियान के दौरान सिपाही से लेकर एसपी तक सड़क पर खड़े नजर आए। सिटी एसपी मध्य आर ब्लाक पर कमान संभाल रही थीं तो सिटी एसपी पूर्वी पटना सिटी इलाके में थे। सभी थानेदार और एसडीपीओ चेकिंग प्वाइंट पर मुस्तैद रहे। वाहनों की डिक्की खोल कर जांच की जा रही थी। उनसे पूछा जा रहा था कि वे कहां से आ रहे हैं और कहां जा रहे हैं। कदम-कदम पर भारी संख्या में पुलिस बल को देख कर आम लोग सोच में पड़ गए थे। एसएसपी ने बताया कि समय और स्थान बदलकर जांच अभियान जारी रहेगा।
Smart Meter: बिहार में स्मार्ट मीटर लगाने वालों की बल्ले-बल्ले, होने वाला है बड़ा फायदा; रखा गया प्रस्ताव
राज्य ब्यूरो, पटना। आने वाले नए वर्ष में स्मार्ट प्रीपेड मीटर के उपभोक्ताओं को कई तरह के नए लाभ उपलब्ध हो सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि लोड बढ़ने पर लगने वाली पेनाल्टी से उन्हें मुक्ति मिल सकती है। बिजली कंपनी के स्तर पर इस आशय का प्रस्ताव बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग को भेजा गया था। संभव है नए साल में इस पर निर्णय हो जाए।
पहले छह महीने की थी रियायत अब इसे एक साल करने का प्रस्तावस्मार्ट प्रीपेड मीटर के उपभोक्ताओं की समस्या यह है कि उन्हें पता नहीं चलता कि उनका बैलेंस इतनी तेजी से कैसे खत्म हो रहा। इस संबंध मंं बिजली कंपनी ने जब पूरे मामले को खंगाला तो यह बात सामने आयी कि उपभोक्ताओं द्वारा जब बिजली का उपभोग किया जाता है तब उन्हें यह ख्याल नहीं रहता कि वह कितनी यूनिट का उपभोग कर चुके हैं।
ऐसे में उनके तय लोड से अधिक यूनिट के उपभोग पर उनका लोड बढ़ जाता है। ऐसे में उन्हें पेनाल्टी देना पड़ जाता है। पेनाल्टी की राशि बैलेंस से कट जाती है। उपभोक्ताओं की इस समस्या को ध्यान में रख बिजली कंपनी ने उन्हें छह माह तक लोड बढ़ने पर ली जाने वाली पेनाल्टी से मुक्त किया था।
अब जब बड़े स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जा रहा तो इस तरह की समस्या कुछ अधिक सामने आएगी। इस बात को ध्यान में रख बिजली कंपनी ने लोड पर बढ़ने वाली पेनाल्टी को एक साल तक नहीं लेने का प्रस्ताव बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग को दे रखा है। अगले साल इस पर विधिवत निर्णय होना है।
25 पैसे प्रति यूनिट का लाभ दिए जाने का भी प्रस्तावयह भी संभव है कि अगले वर्ष से स्मार्ट प्रीपेड मीटर के उपभोक्ताओं को पोस्ट पेड मीटर वालों की तुलना में प्रति यूनिट 25 पैसे की दर से कम भुगतान करना पड़े। बिजली कंपनी के इस प्रस्ताव पर भी अगले वर्ष बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग द्वारा निर्णय किया जाना है। यदि ऐसी सुविधा मिलती है तो यह बिहारे के बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर होगी।
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कई टीचरों की सैलरी पर लगेगी रोक! विश्वविद्यालयों के कर्मियों पर भी होगा एक्शन, पढ़ लें IAS Siddharth का नया निर्देश
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के विश्वविद्यालयों में कार्यरत जिन शिक्षकों का वेतन सत्यापन नहीं हुआ है और सूचनाएं शिक्षा विभाग के पे-रौल मैनेजमेंट पोर्ट पर अपलोड नहीं हुईं हैं, उन शिक्षकों के वेतन भुगतान पर रोक लगेगी। वहीं ऐसे मामलों में विश्वविद्यालयों के जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी।
इस संबंध में उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी कुलसचिवों को निर्देश दिया है। इतना ही नहीं, राज्य के विश्वविद्यालयों में व्याप्त समस्याओं का निराकरण के लिए अब शिक्षा विभाग संबंधित अफसरों से हर माह सीधे बात करेगा। इस संवाद में विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों, वित्तीय परामर्शियों एवं वित्त पदाधिकारियों की भागीदारी होगी।
संवाद बैठक में शामिल होने का आदेशइसे लेकर विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ की ओर से विश्वविद्यालयों को तैयारी के साथ संवाद बैठक में शामिल होने को कहा है।
मासिक संवाद बैठक के एजेंडे में बजट, आवंटन एवं उपयोगिता प्रमाण-पत्र के तहत पे रौल मैनेजमेंट पोर्टल पर सभी सूचनाओं को अपलोड किया जाना, पे-रौल मैनेजमेंट पोर्टल का पे-स्लीप बनाने के लिए उपयोग, पे-रौल मैनेजमेंट पोर्टल द्वारा कुछ शिक्षक एवं कर्मियों का भुगतान नहीं होने का कारण समेत अन्य विषयों को शामिल किया गया है।
बैठक का एजेंडा भी तयशिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों, वित्तीय परामर्शियों एवं वित्त पदाधिकारियों के साथ होने वाली बैठक का एजेंडा भी तय कर दिया है।
इसमें बजट, आवंटन एवं उपयोगिता प्रमाण-पत्र के तहत पे रौल मैनेजमेंट पोर्टल पर सभी सूचनाओं को अपलोड किया जाना शामिल है।
विभाग ने कुलसचिवों से पूछा है कि विश्वविद्यालयों को दिए गए विकास मद में राशि की वास्तविक व्यय की स्थिति के बारे में सूचना दें क्योंकि वित्तीय वर्ष के आठ माह बीत रहे हैं। खर्च की गई राशि संबंधी उपयोगिता प्रमाण पत्र क्यों नहीं अभी तक उपलब्ध कराया गया।
शिक्षा विभाग ने किया जांच टीम का गठनउधर, एक अन्य मामले की बात करें तो मधुबनी में कई निजी स्कूलों की मनमानी व लापरवाही लगातार सामने आ रही है। नया मामला ट्रेंड शिक्षकों से संबंधित फर्जीवाड़े से है। इसको लेकर शिक्षा विभाग में आवेदन दिया गया है कि गलत जानकारी निजी स्कूल के द्वारा दिया गया है। इ
सी आवेदन के आलोक में शिक्षा विभाग जांच टीम का भी गठन कर रह रही है। मालूम हो कि डाटा अपलोड के समय या विभाग को जानकारी देते समय कई स्कूल संचालक किसी ट्रेंड शिक्षक का नाम दे देते हैं लेकिन वास्तविकता में कुछ बड़े निजी स्कूलों को छोड़ दिया तो कई स्कूलों में ट्रेंड शिक्षक नहीं हैं।
ऐसे में जांच होने से कई निजी स्कूलों का पोल खुल सकता है। लोगों ने भी मांग किया है कि सरकारी स्कूलों की तरह निजी स्कूलों की भी समय समय पर जांच होनी चाहिए।
डीपीओ समग्र शिक्षा अभियान शुभम कसोधन ने बताया कि कुछ स्कूलों को लेकर शिकायत की गयी है जिसके आलोक में मामले की जांच की जाएगी। इसमें अगर किसी साइबर कैफे वाले की मिलीभगत पायी जाती है तो उसपर भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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Bihar Liquor Ban: शराबबंदी से अधिकारियों और पुलिस को हो रहा फायदा, पटना हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी
जागरण संवाददाता, पटना। पटना हाईकोर्ट ने राज्य में शराबबंदी को लेकर तल्ख टिप्पणी की है। एक पुलिस निरीक्षक के खिलाफ जारी किए गए पदावनति (डिमोशन) आदेश को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि राज्य में शराबबंदी कानून गलत दिशा में जा रही है।
न्यायाधीश पूर्णेंदु सिंह ने की सुनवाईमुकेश कुमार पासवान की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश पूर्णेंदु सिंह ने कहा कि शराबबंदी ने बिहार में शराब और अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी के एक नए अपराध को प्रभावी ढंग से बढ़ावा दिया है । बिहार शराबबंदी और उत्पाद शुल्क अधिनियम, 2016 को राज्य सरकार ने जीवन स्तर और सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार लाने के अपने संवैधानिक कर्तव्य को पूरा करने के महान उद्देश्य से लागू किया था। लेकिन कई कारणों से यह गलत दिशा में जा रही है।
शराबबंदी से पुलिस और अधिकारियों को फायदाकोर्ट ने कहा कि पुलिस, आबकारी, राज्य वाणिज्यिक कर और परिवहन विभाग के अधिकारी इस शराबबंदी का स्वागत करते हैं, क्योंकि उनके लिए यह बड़ा वित्तीय लाभ है। शराब तस्करी में शामिल सरगनाओं या सिंडिकेट संचालकों के खिलाफ बहुत कम मामले दर्ज किए जाते हैं। मोटे तौर पर, ये राज्य के गरीब लोग हैं जो इस अधिनियम का खामियाजा भुगत रहे हैं। कोर्ट ने 24-पृष्ठ के फैसले में यह भी कहा कि मद्य निषेध कानून के कठोर प्रविधान पुलिस के लिए सुविधाजनक उपकरण बन गए हैं, जो अक्सर तस्करों के साथ मिलीभगत करके काम करते हैं।
मुकेश पासवान से जुड़े मामले पर सुनवाईदरअसल, पटना बाइपास थाने के एसएचओ के रूप में कार्यरत मुकेश कुमार पासवान को थाने से लगभग 500 मीटर की दूरी पर एक छापे के दौरान विदेशी शराब पाए जाने के बाद राज्य के आबकारी अधिकारियों द्वारा निलंबित कर दिया गया था। विभागीय जांच के दौरान बचाव प्रस्तुत करने और अपनी बेगुनाही का दावा करने के बावजूद 24 नवंबर, 2020 को राज्य सरकार द्वारा जारी एक सामान्य निर्देश के अनुपालन में पासवान को पदावनत कर दिया गया। राज्य सरकार का यह निर्देश किसी भी पुलिस अधिकारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई को अनिवार्य बनाता है, जिसके कार्य क्षेत्र में शराब बरामद होती है।
हाईकोर्ट ने पाया कि सजा का यह रूप पूर्व निर्धारित है, जिससे पूरी विभागीय कार्यवाही औपचारिकता बन गई है। नतीजतन, अदालत ने न केवल सजा के आदेश को रद्द कर दिया, बल्कि याचिकाकर्ता के खिलाफ शुरू की गई पूरी विभागीय कार्यवाही को भी रद्द करने का निर्देश दिया।
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Patna: NMCH के ICU में भर्ती युवक की मौत के बाद अज्ञात लोगों ने निकाली आंख, जांच में जुटी पुलिस
जागरण संवाददाता, पटना सिटी। नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सर्जिकल आईसीयू से बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। ICU में बेड नंबर 19 पर भर्ती युवक की मौत के बाद किसी ने उसकी आंख निकाल ली। सुबह जब परिजन युवक का शव लेने के लिए पहुंचे तो वो हैरान गए। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ICU से निकाली मृतक की आंखनालंदा के चिकसौरा थाना क्षेत्र के हूरारी गांव निवासी 28 वर्षीय फंटूस कुमार की मृत्यु 15 नवंबर को रात 8 बजकर 55 मिनट पर हो गई थी। युवक की मौत के बाद परिजन आइसीयू में ही उसका शव को छोड़कर रात 12 बजे सोने के लिए बाहर चले गए। शनिवार की सुबह 5 बजे परिजन आइसीयू में आए तो मरीज की बाई आंख किसी ने निकाल ली थी। मरीज के बेड पर आंख निकालने वाला ब्लेड भी पुलिस को मिला है। मौके पर पहुंचकर पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।
गोली लगने से घायल हुआ था युवकमृतक फंटूस के पिता दिलीप प्रसाद ने बताया कि फंटूस कुमार को आपसी विवाद में 14 नवंबर को नालंदा में गोली मारकर जख्मी कर दिया गया था। उसे इलाज के लिए यहां भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई। वहीं मौत के बाद किसी ने उसकी आंख निकाल ली। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है।
Patna AIIMS Director: हटाए गए एम्स पटना के निदेशक डॉ. जीके पाल के कैट से भी नहीं मिली राहत
जागरण संवाददाता, पटना। एम्स पटना के निदेशक सह सीईओ व गोरखपुर एम्स के प्रभारी डॉ. जीके पाल को कैट (सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल)से कोई राहत नहीं मिली। डॉ. जीके पाल ने अपने बेटे डॉ. औरो प्रकाश पाल को गैर क्रीमी लेयर ओबीसी प्रमाणपत्र पर गोरखपुर एम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में पोस्ट ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम में नामांकन कराया था। मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले उनसे गोरखपुर एम्स का प्रभार छीना और बाद में एम्स पटना से हटा कर मंत्रालय से सम्बद्ध कर दिया।
कैट की दो सदस्यीय बेंच ने सुनाया फैसलाइस मामले में डॉ. जीके पाल ने एम्स को स्वायत्तशासी निकाय बताते हुए उसके कर्मचारियों के सरकारी नहीं होने व नियुक्ति पत्र की शर्तों के उल्लंघन मामले में न्याय की गुहार लगाई थी। कैट की दो सदस्यीय बेंच जिसमें न्यायाधीश राजवीर सिंह वर्मा व प्रशासनिक विशेष कुमार राजेश चंद्र सदस्य थे, इस मामले की सुनवाई की। दोनों सदस्यों ने यह कहते हुए याचिका अस्वीकृत कर दी कि यह पूरी तरह से प्रशासनिक आदेश है।
जांच के बाद लिया गया निर्णयस्वास्थ्य मंत्रालय ने शिकायत की एक समिति से जांच कराई व रिपोर्ट भेजकर निदेशक का पक्ष मिलने के बाद निर्णय लिया। ऐसे में न तो यह प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन है और न ही सेवा शर्तों के अनुसार न्यूनतम तीन वर्ष तक नहीं हटाने का। अब सात जनवरी 2025 को हाईकोर्ट में न्यायाधीश एचपी सिंह इसकी सुनवाई करेंगे। अग्रिम नोटिस स्वीकार कर ली गई है और चार सप्ताह में निजी प्रतिवादी को नोटिस का जवाब दाखिल करना है।
अंतरिम राहत की मांगडॉ. गोपाल कृष्ण पाल ने कैट से अंतरिम राहत की मांग करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को उनका पद वापस करने का आदेश देने की मांग की थी। उनके अधिवक्ता ने कहा कि उनकी नियुक्ति तीन वर्ष, जिसे पांच वर्ष तक या अधिकतम आयु तक बढ़ाए जाने की बात थी। आवेदक को इसकी अनुमति नहीं देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय से सम्बद्ध कर दिया गया जो कि उसका उल्लंघन है। उन्हें पद से हटाया जाना दंडात्मक प्रकृति का है।
बेटे की गलती पर पिता को सजा क्यों?एक अज्ञात शिकायत कि उन्होंने प्रभारी निदेशक रहते हुए गैर क्रीमी लेयर ओबीसी प्रमाणपत्र पर बेटे को एम्स गोरखपुर में भर्ती कराया। नामांकन की अनुमति समिति ने दी थी और प्रमाणपत्र जांच के बाद उनके पुत्र ने नामांकन रद्द करा और जुर्माना राशि भर दी थी। मान लिया जाए कि उनका बेटा गलत प्रमाणपत्र का लाभ लेने का दोषी है भी तो उन्हें दंडित नहीं किया जाना चाहिए। वैसे भी एम्स के कर्मचारी सरकारी नौकर नहीं हैं, इसलिए उन पर मलाईदार प्रमाणपत्र लागू करने का नियम मान्य नहीं है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में रिपोर्ट करें डॉ. जीके पालवहीं, एम्स प्रबंधन के अधिवक्ता ने कहा कि यह न तो समयूपर्व स्थानांतरण का मामला है और न ही निष्कासन का। डॉ. जीके पाल को सिर्फ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में रिपोर्ट करने को कहा गया है। यह निर्णय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री के अनुमोदन से सक्षम प्राधिकारी ने लिया है और इसमें कोई विधिक त्रुटि नहीं है। मंत्री के अनुमोदन पर शासन के हित में यह आदेश दिया गया।
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Bihar Weather Today: बिहार के 20 जिलों में बिगड़ने वाला है मौसम, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी; सावधान रहने की अपील
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News: राजधानी पटना समेत प्रदेश में तेज पछुआ हवा के प्रवाह ने मौसम को बदल दिया है। बीते 24 घंटों के दौरान पटना सहित प्रदेश के अधिसंख्य भागों के अधिकतम व न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। पटना सहित 30 जिलों के तापमान में गिरावट आने से ठंड में वृद्धि हुई है।
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, 12 जिलों के पूर्वी व पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, दरभंगा, सुपौल, अररिया, किशनगंज में बहुत घना कोहरे को लेकर औरेंज अलर्ट, जबकि सारण, वैशाली, समस्तीपुर, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया व कटिहार में घना कोहरे को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।
पटना सहित अन्य जिलों में सुबह के समय हल्के दर्जे का कोहरा व धुंध का प्रभाव बना रहेगा। आने वाले चार दिनों के दौरान पछुआ के प्रवाह से तापमान में दो से तीन डिग्री गिरावट की संभावना है। सुबह के समय कोहरा व दिन में धूप निकलने से मौसम सामान्य बना रहेगा।
सिवान में ठंड की दस्तकसिवान जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में शुक्रवार को मौसम ने पहली बार लोगों को ठंड का एहसास कराया। इस दौरान लोग अल सुबह से पूरे दिन ठंड महसूस करते रहे। अल सुबह से करीब 12 बजे तक आसमान में कोहरा छाया रहा है।
हालांकि दोपहर बाद धूप बादलों से बाहर निकली लेकिन वह लोगों को ठंड से निजात नहीं दिला पाई । ग्रामीण क्षेत्र से जिला मुख्यालय आने वाले कई लोग गर्म कपड़े पहन आते-जाते दिखाई दिए। इस बीच शुक्रवार को अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि एक दिन पूर्व अधिकतम 31 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम 18 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा था।
इस प्रकार न्यूनतम तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की गिरावट हुई। इसके बाद लोगों में चर्चा होने लगी कि अब ठंड का मौसम धीरे-धीरे अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। वहीं संध्या होते फिर से लोगों को कहरे का एहसास होने लगा था।
मधेपुरा में मौसम का बदला मिजाजजिले में मौसम ने अपना करवट बदल लिया है। आलम यह है कि शाम को जहां ठंड का एहसास होने लगा है। वहीं सुबह घने कोहरे ने वाहन चालकों की परेशानी बढ़ा दी है। जिले का न्यूनतम पारा गिरकर 16 डिग्री सेल्सियस से नीचे आ गया है। मौसम में आये इस बदलाव के कारण लोग बीमार भी पड़ रहे हैं।
मौसम विभाग ने जिले के कुछ इलाकों में शनिवार को घना कोहरा छाए रहने का अलर्ट जारी किया है। धुंध की चादर में लिपटी हुई मिली सुबह मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार 16 नवंबर को भी जिले में मध्यम से घना स्तर का कोहरा (कुहासा) छाए रहने की आशंका है।
वाहन चालकों से गाड़ी चलाते समय सावधानी बरतने की अपील की गई है। मुख्यालय समेत आसपास के इलाकों में भी सुबह के समय धुंध की हल्की चादर दिखेगी। आनेवाले दिनों में कोहरे के और घने होने की आशंका है। मौसम वैज्ञानिक अशोक कुमार पंडित ने बताया कि सुबह और शाम में सापेक्षिक आर्द्रता की मात्रा शत-प्रतिशत रहने के कारण कोहरा का असर गहराने लगा है। सुबह में काफी देर तक धुंध रह सकता है।
अगले दो-तीन दिन बाद तापमान गिरने से रात और अधिक सर्द होने का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार यहां अभी मौसम का शुष्क दौर जारी रहेगा। रात गहराते गहराते मौसम का पारा गिरने की संभावना है। हवा 10 किलोमीटर प्रति घंटा से चल सकती है।
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Jamui News: पीएम मोदी के जमुई दौरे से गदगद हुए चिराग पासवान, कहा- मेरे प्रधानमंत्री...
डिजिटल डेस्क, पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आयोजित जनजातीय गौरव दिवस समारोह में हिस्सा लेने के लिए बिहार के जमुई पहुंचे। इस दौरान उन्होंने 6640 करोड़ रुपये की परियोजना का भी शिलान्यास किया। पीएम मोदी के दौरे के बाद केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने इस दिन को अपने लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि कार्तिक पूर्णिमा, गुरु पर्व के मौके पर पीएम का मेरे क्षेत्र में आए।
5 साल में तीसरी बार जुमई का दौरा#WATCH Patna, Bihar | Union Minister Chirag Paswan says, "Today is a very important day for me. On such an auspicious day, the PM has once again visited my parliamentary constituency from where I have represented for 10 years and which is being represented today by Arun Bharti.… pic.twitter.com/oV8OTUfUDE
— ANI (@ANI) November 15, 2024चिराग पासवान ने कहा कि 10 वर्षों तक मैने जमुई का प्रतिनिधित्व किया है और जिसका प्रतिनिधित्व आज अरुण भारती कर रहे हैं. जमुई की गिनती बिहार के पिछड़े जिलों में होती है। लंबे समय तक कोई भी प्रधानमंत्री वहां नहीं जाता था। पीएम मोदी 5 साल में 3 बार वहां आए हैं। केवल 7 महीने में ही पीएम मोदी का ये दूसरा दौरा है। पीएम मोदी की सराहना करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि ये मोदी की गारंटी है, जिसने जनता का विश्वास बढ़ाया है।
लंबे समय से हो रही थी एम्स की मांगचिराग पासवान ने कहा कि दरभंगा में लंबे समय से एम्स की मांग की जा रही थी, जिसे पीएम मोदी ने पूरा किया। 13 नवंबर को पीएम मोदी ने 1700 करोड़ की लागत से बनने वाले दरभंगा एम्स और 10 करोड़ की लागत से बनने वाले रामनगर-रोसड़ा एनएच 527 का शिलान्यास किया। इसके साथ ही पीएम ने 389 करोड़ की लागत से निर्मित काकरघाटी-शीशो बाइपास रेलवे लाइन, झंझारपुर-लोकहा बाजार रेलखंड के गेज परिवर्तन के साथ ट्रेन सेवा का भी शुभारंभ किया।
बिरसा मुंडा की जयंती पर दी 6640 करोड़ रुपये की सौगातजनजातीय गौरव दिवस समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे पीएम मोदी ने अपने कार्यक्रम में बिहार की जनता को 6640 करोड़ रुपये की सौगात दी। पीएम ने 6640 करोड़ रुपये की लागत की योजनाओं का शिलान्यास किया। इसके साथ ही पीएम प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) के तहत 11000 आवासों के गृह प्रवेश में शामिल हुए। वह आदिवासी इलाकों में स्वास्थ्य देखभाल बढ़ाने के लिए पीएम जनमन के तहत शुरू 23 मोबाइल मेडिकल यूनिट और धरती एबीए जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत अतिरिक्त 30 एमएमयू का भी उद्घाटन किया।
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BPSC TRE 3 Result 2024:बीपीएससी ने तृतीय शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के प्राथमिक और मध्य विद्यालय का परिणाम जारी किया
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार में तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा के रिजल्ट का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर है। बीपीएससी ने तृतीय शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के प्राथमिक और मध्य विद्यालय का परिणाम जारी कर दिया है।
19 जुलाई से 22 जुलाई तक विद्यालय अध्यापक के पदों पर नियुक्ति हेतु लिखित (वस्तुनिष्ठ) प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन किया गया था। 19 जुलाई को शिक्षा विभाग, बिहार के अधीन मध्य विद्यालयों में वर्ग 6 से 8 के कुल 06 विषयों के विद्यालय अध्यापक के पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गयी थी। उक्त परीक्षा में विषयवार उपस्थित अभ्यर्थियों, रिक्तियों एवं सफल अभ्यर्थियों की संख्या जारी कर दी गई है।
20 जुलाई को को शिक्षा विभाग, बिहार एवं अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, बिहार के अधीन प्राथमिक विद्यालयों में वर्ग 1 से 5 के अन्तर्गत कुल 03 विषयों के विद्यालय अध्यापक के पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गयी थी। उक्त परीक्षा में विषयवार उपस्थित अभ्यर्थियों, रिक्तियों एवं सफल अभ्यर्थियों की संख्या जारी कर दी गई है।
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Patna Marathon: एक दिसंबर को दौड़ेगा पटना, 10 हजार धावक होंगे शामिल; डीएम और आईजी ने बनाया प्लान
प्रमंडलीय आयुक्त ने की पटना मैराथन की तैयारियों की समीक्षाजागरण संवाददाता, पटना: नशामुक्ति के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए एक दिसंबर को पटना मैराथन का आयोजन किया गया है। मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की ओर से आयोजित मैराथन में अधिक से अधिक संख्या में लोगों से सहभागिता का आह्वान प्रमंडलीय आयुक्त मयंक वरवड़े ने किया है। आयुक्त कार्यालय में शुक्रवार को वे पटना मैराथन समिति की बैठक में तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। आइजी गरिमा मलिक की मौजूदगी में हुई बैठक में जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा, नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने उन्हें तैयारियों से अवगत कराया।
राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के धावक होंगे शामिल:स्टेेट बैंक प्रायोजित मैराथन के संबंध में उत्पाद आयुक्त रजनीश कुमार सिंह ने विभिन्न बिंदुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इसमें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के धावक भाग लेंगे। प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि इस मैराथन का मूल उद्देश्य नशामुक्ति के प्रति आमजन को जागरूक एवं संवेदनशील करना है। नशामुक्ति के लिए नियमित तौर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। मैराथन एक तो नशे से दूर रहने का संदेश देगा तो दूसरी ओर लोगों को फिटनेस के प्रति भी प्रेरित करेगा। उन्होंने नौजवानों सहित आम जनता से हर प्रकार के नशे से दूर रहने का आह्वान किया। उन्होंने मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन, जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य, नगर निगम, परिवहन, यातायात, पीएचईडी, विद्युत, अग्निशमन, आपदा प्रबंधन, विधि-व्यवस्था सहित सभी संलग्न पदाधिकारियों को कार्ययोजना के अनुसार अपनी जिम्मेदारी निभाने का निर्देश दिया।
चार श्रेणियों में होगी प्रतियोगितामैराथन चार श्रेणियों में होगा। फुल मैराथन 42 किमी, हाफ मैराथन 21 किमी के साथ 10 किमी और पांच किलोमीटर वर्ग में दौड़ हाेगा। इसमें करीब 10 हजार प्रतिभागी शामिल होंगे। मैराथन में पांच सौ, हाफ मैराथन में दो हजार, 10 किमी दौड़ में तीन हजार तथा पांच किमी दौड़ में 45 सौ प्रतिभागी शामिल होंगे। गांधी मैदान से शुरू होकर निर्धारित दूरी के अनुसार जेपी गंगा पथ, खास महाल दीघा दीयारा होते हुए वापसी गांधी मैदान में संपन्न होगा। चारों श्रेणी में दौड़ की शुरुआत का समय क्रमश: सुबह 5.00 बजे, 5.30 बजे, 6.30 बजे तथा 7.30 बजे है।
इसमें शामिल होने के लिए 23 नवंबर तक प्रतिभागी www.biharmarathon.com पर निबंधन करा सकते हैं। इथियोपिया, केन्या, श्रीलंका सहित कई देशों के नामी-गिरामी धावकों नेे इसके लिए निबंधन कराया है।
आयुक्त ने कहा कि मैराथन की सभी व्यवस्था मानक के अनुरूप होनी चाहिए। गांधी मैदान के अंदर और बाहर आवश्यकतानुसार बैरिकेडिंग की जाएगी। नगर निगम द्वारा पब्लिक एड्रेस सिस्टम की समुचित व्यवस्था की जाएगी। गांधी मैदान के साथ ही मैराथन मार्ग में पर्याप्त संख्या में एंबुलेंस के साथ मेडिकल टीम तैनात रहेगी। ट्रैफिक प्लान भी तैयार किया जाएगा। आयुक्त ने मार्ग की पूरी तरह से साफ-सफाई का निर्देश दिया।
Bihar Teacher News: सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों को कैसे बांटा जाएगा नियुक्ति पत्र? अब नई जानकारी आई सामने
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Niyojit Teacher News: राज्य में सक्षमता परीक्षा में उत्तीर्ण और काउंसलिंग करा चुके एक लाख 40 हजार शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने की तैयारी तेज हो गई है। इस बीच शिक्षा विभाग ने प्रत्येक जिले में मुख्यालय से एक-एक अफसर की तैनाती की है जिनकी निगरानी में प्रखंड मुख्यालय स्तर पर शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे। इस नियुक्ति के बाद संबंधित शिक्षक विशिष्ट अध्यापक का दर्जा प्राप्त करेंगे और सरकारी सेवक बन जाएंगे। इन्हें बिहार लोक सेवा आयोग से नियुक्त शिक्षकों की तरह सरकारी सुविधाएं मिलेंगी।
इन अफसरों की हुई जिलेवार तैनातीशिक्षा सचिव बैधनाथ यादव को समस्तीपुर, माध्यमिक शिक्षा निदेशक योगेन्द्र सिंह को जहानाबाद, मध्याह्न भोजन निदेशक विनायक मिश्र को दरभंगा, पाठ्य पुस्तक निगम के प्रबंध निदेशक अभय कुमार झा को पूर्णियां, अपर सचिव संजय कुमार को मधुबनी, उच्च शिक्षा
निदेशक रेखा कुमारी को गोपालगंज, जन शिक्षा निदेशक अनिल कुमार को सारण व सुनील कुमार को सिवान, उपनिदेशक जावेद अहसन अंसारी को खगड़िया, ओएसडी विनिता को अरवल, संयुक्त सचिव अमरेश कुमार मिश्र को भागलपुर, संजु कुमारी को सुपौल, उप सचिव शाहजहां को मुंगेर, अजीत शरण को बक्सर, अमित कुमार पुष्पक को नवादा, संजय कुमार सिन्हा को किशनगंज, ओएसडी मुकेश कुमार रंजन को औरंगाबाद में तैनाती हुई।
इसके अलावा विशेष निदेशक सचिन्द्र कुमार को बांका, संयुक्त निदेशक अमर कुमार को अररिया, उपनिदेशक नसीम अहमद को कटिहार, डा.दीपक कुमार सिंह को सहरसा, अब्दुस सलाम अंसारी को बेगूसराय, अमर भूषण को लखीसराय, उर्मिला कुमारी को पटना, नीरज कुमार को पूर्वी चंपारण, संजय कुमार चौधरी को शेखपुरा, नरेन्द्र कुमार को पश्चिम चंपारण, दिवेश कुमार चौधरी को रोहतास, डा.सत्येन्द्र नारायण सिन्हा को मधेपुरा, अवकाश रक्षित पदाधिकारी (मुख्यालय) आभा रानी को जमुई और शिवनाथ प्रसाद को नालंदा जिले में तैनात किए गए हैं।
सक्षमता परीक्षा के उद्देश्य:
- शिक्षकों की योग्यता और क्षमता का मूल्यांकन करना
- सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार करना
- शिक्षा प्रणाली में सुधार करने के लिए आवश्यक कदम उठाना
सक्षमता परीक्षा के लिए योग्यता:
- उम्मीदवार को सरकारी स्कूल में नियोजित शिक्षक होना चाहिए
- उम्मीदवार को शिक्षक भर्ती परीक्षा में नहीं बैठा होना चाहिए
- शिक्षक का नाम और पता
- पद का नाम और स्कूल का नाम
- नियुक्ति की तिथि और अवधि
- वेतन और भत्ते
- सेवा की शर्तें
1. सरकारी सेवक के रूप में मान्यता
2. विशिष्ट अध्यापक का दर्जा
3. सरकारी सुविधाएं और लाभ
4. सेवा की सुरक्षा और स्थायित्व
नियुक्ति पत्र प्राप्त करने के लिए आवश्यक शर्तें:
1. सक्षमता परीक्षा में उत्तीर्ण होना
2. काउंसलिंग पूरी करना
3. आवश्यक दस्तावेजों का सत्यापन
Bihar Niyojit Shikshak : नियोजित शिक्षकों पर मेहरबान नीतीश सरकार, पोस्टिंग को लेकर कर दिया बड़ा एलान
Patna News: स्वास्थ्य विभाग के फर्जी पत्र पर संबद्धता लेने वाले कॉलेज पर गिरी गाज, 5 अन्य के भी आवेदन अस्वीकृत
जितेंद्र कुमार, पटना। बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय ने बी. फार्मा और डी. फार्मा में नामांकन के लिए एक निजी कॉलेज की औपबंधिक संबद्धता रद्द कर दी है। कॉलेज की ओर से प्रस्तुत स्वास्थ्य विभाग का अनापत्ति पत्र फर्जी पाया गया है। यह कार्रवाई लोक सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के बाद की गई।
फर्जी अनापत्ति पत्र का मामला सामने आने के बाद सतर्क हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने पांच कॉलेजों की ओर से संबद्धता के लिए दिए गए आवेदनों को भी अस्वीकृत कर दिया। इनके आवेदनों में संलग्न स्वास्थ्य विभाग के अनापत्ति पत्र भी फर्जी पाए गए।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन की संबद्धता रद्दफर्जीवाड़ा कर विश्वविद्यालय से संबद्धता पाने वाला संस्थान पटना जिले के दुल्हिन बाजार प्रखंड के काब स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन है। इस कॉलेज को जीवन ज्योति एजुकेशन एंड वेलफेयर ट्रस्ट के सचिव द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज के आधार पर बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2023-24 में नामांकन के लिए औपबंधिक संबद्धता दी थी।
रजिस्ट्रार ने भी किए हस्ताक्षरअधिकृत जानकारी के अनुसार, इस प्रकरण में बड़ी बात यह है कि काब स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन के अधूरे आवेदन पर ही संचिका बढ़ी और रजिस्ट्रार ने हस्ताक्षर भी कर दिया। लोक सूचना पदाधिकारी ने औपबंधिक संबद्धता जारी करने के पूर्व आवेदन की जांच, टिप्पणी और संबद्धता का प्रस्ताव देने वाले कर्मचारी और पदाधिकारी की मांगी गई सूची उपलब्ध नहीं कराई है।
विश्वविद्यालय के लोक सूचना पदाधिकारी सह वित्त पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार पांडेय ने सूचना दी है कि स्वास्थ्य विभाग के फर्जी अनापत्ति पत्र वाले पांच अन्य संस्थानों के आवेदन भी अस्वीकृत कर दिए गए हैं।
इन संस्थानों के आवेदन हुए अस्वीकृत- वैशाली जिले के पटेढ़ी बलसर में एक्जाल्ट कॉलेज आफ फार्मेसी
- औरंगाबाद जिले के सरथुआ मोड़ स्थित प्रभु कैलाश कॉलेज ऑफ फार्मेसी
- पटना के गौरीचक कंसारी स्थित लालती देवी कॉलेज ऑफ फार्मेसी
- सिवान के जीरादेई स्थित प्रतीक कॉलेज ऑफ एजुकेशन
- पूर्वी चंपारण का सेमरा स्थित चंपारण इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन
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स्वास्थ्य विभाग में निजी कॉलेजों की संबद्धता के लिए अलग-अलग प्रशाखा है। फार्मेसी कॉलेजों की संबद्धता संबंधित अनापत्ति के संबंध में कार्यपालक पदाधिकारी रेणु कुमारी के कार्यालय से सूचना मांगी गई। इस पर स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक सह लोक सूचना पदाधिकारी अलका सिन्हा ने जानकारी दी कि स्वास्थ्य विभाग के ज्ञापांक 17/ एफ-1-09/2023/322 (27) दिनांक 02 नवंबर 2023 का पत्र फर्जी है।
इस पत्र से किसी संस्थान को संबद्धता के लिए अनापत्ति नहीं दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने कुल छह कॉलेजों के अनापत्ति प्रमाणपत्र के फर्जी होने की लिखित सूचना विश्वविद्यालय के कुलसचिव को दी थी।
संबद्धता के लिए आए आवेदन को खुद देखेंगे रजिस्टारबिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय पटना के रजिस्ट्रार विमलेश कुमार झा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के फर्जी अनापत्ति पत्र के साथ फार्मेसी कॉलेज की संबद्धता के लिए प्रस्तुत किए गए अधूरे आवेदनों को स्वयं देखेंगे। एक संस्थान की संबद्धता फर्जी पत्र के कारण रद की गई है। इसी क्रम में पांच अन्य कालेजों का आवेदन फर्जी अनापत्ति पत्र के कारण अस्वीकृत किए गए हैं। जब तक संचिका नहीं देख लेंगे, अधूरे आवेदन पर संबद्धता के लिए प्रस्ताव को आगे बढ़ाने वाले कर्मचारी और पदाधिकारी की संलिप्तता के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।
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Bihar News: गया-डोभी NH पर डिवाइडर से टकराकर पलटी बस, दो श्रद्धालुओं की मौत, 28 घायल
संवाद सहयोगी, मसौढ़ी (पटना)। गया जिले के बेलागंज के वाजिदपुर से पटना गंगा स्नान करने जा रहे श्रद्धालुओं से भरी बस गुरुवार की शाम पटना-गया-डोभी एनएच-22 के किनारे तारेगना मठ के समीप डिवाइडर से टकराकर पलट गई। जिससे दो की मौके पर ही मौत हो गई और 28 घायल हो गए।
दो को गंभीर स्थिति में प्राथमिक उपचार के बाद पटना के पीएमसीएच व गया के एनएमसीएच भेज दिया गया। मामूली रूप से घायल अन्य लोगों का उपचार अनुमंडलीय अस्पताल में कराया गया।
कई लोगों ने आसपास के निजी अस्पतालों में मरहमपट्टी कराई। इनके बारे में पुलिस को जानकारी नहीं है। मृत श्रद्धालुओं की पहचान बेलागंज बाजिदपुर निवासी स्वर्गीय लालधारी यादव के पुत्र हृदय कुमार (23) और स्वर्गीय रामभजन यादव के पुत्र तुलसी यादव (53) के रूप में हुई।
बुरी तरह घायल बाजिदपुर निवासी कमलेश कुमार को पीएमसीएच एवं जर्नादन प्रसाद के पुत्र निरंजन कुमार को गया के एनएमसीएच भेजा गया।
एसडीओ अमित कुमार ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त बस में 32 यात्री सवार थे। दुर्घटना के बाद फरार चालक की तलाश की जा रही है। पुलिस ने बस जब्त कर ली है।
बताया गया कि श्रद्धालुओं ने वाजिदपुर से दो बसें आरक्षित की थीं और शाम चार बजे वहां से पटना के लिए प्रस्थान किए थे।
रास्ते विरंची पुल के बाद 50 से अधिक श्रद्धालुओं को ले जा रही बस के चालक ने अचानक गति बढ़ा दी और कुछ ही दूर आगे बढ़ने पर तारेगना मठ के समीप अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराकर पलट गई।
श्रद्धालुओं ने चालक पर शराब के नशे में होने का लगाया आरोप- गया के चाकंद के मधेश कुमार ने बताया कि उनका समूह दो बसों में सवार था। वह जिस बस में थे, उसका चालक शुरू से तेज गति में चला रहा था।
- वह दूसरी बस से आगे निकलकर विरंची के पास पहुंच गया और बस रोककर शराब पीने चला गया। इसी बीच दूसरी बस पीछे से आई और आगे निकल गई।
- थोड़ी देर बाद जब चालक शराब पीकर लौटा और अपने पीछे की बस के आगे निकल जाने की बात सुनी तो उसने गति और तेज कर दी। इसी कारण अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गया। दुर्घटना के बाद चालक फरार हो गया।
एनएच-22 का डिवाइडर तारेगना मठ के सामने दो भागों में बंटा है और लगभग तीन फीट तिरछा है। उसके बीच से सड़क गुजरी है।
बताया जाता है कि गया की ओर से आने पर तारेगना मठ के सामने डिवाइडर पूरब की ओर थोडा धंसा है जबकि उसके बाद का डिवाइडर थोड़ा पश्चिम दिशा में धंसा हुआ है।
आशंका है कि इसी कारणवश तारेगना मठ के सामने रास्ते के बाद के डिवाडर में बस के अगले चक्के का दाहिना चक्का जा टकराया और बस पलट गई।
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Bihar Land Dispute: बिहार में भूमि विवाद कैसे घटेंगे? आपराधिक मामलों को लेकर ACS ने 'चिट्ठी' लिखकर सुझाया फॉर्मूला
राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने कहा है कि भूमि विवाद में हिंसा रोकने के लिए पुलिस भारतीय न्याय संहिता के तहत आपराधिक मामला दायर करे। विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने गुरुवार को गृह विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिख कर कहा है कि वे इस संबंध में थाना स्तर पर प्रभावकारी कार्रवाई का निर्देश दें।
उन्होंने कहा कि भूमि विवाद के निबटारे के लिए इस समय भी अंचल स्तर पर साप्ताहिक बैठक होती है। उसमें थाना प्रभारी भी होते हैं। लेकिन, जमीन से जुड़े आपराधिक मामलों में कार्रवाई नहीं होती है। सिंह ने कहा कि जमीन विवाद के दो पहलू हैं। राजस्व से जुड़े पहलू पर अंचल स्तर पर कार्रवाई होती है।
मगर, आपराधिक मामलों में कारगर कार्रवाई नहीं होने के कारण विवाद का निदान नहीं हो पाता है।अपर मुख्य सचिव ने कहा कि अन्य आपराधिक मामलों की तरह जमीन विवाद से जुड़े मामलों में कार्रवाई के लिए भारतीय न्याय संहिता-2023 में प्रविधान किए गए हैं।
संहिता की धारा 329 में आपराधिक अतिचार एवं गृह अतिचार को परिभाषित किया गया है। इस धारा के तहत कोई व्यक्ति बिना अनुमति के किसी अन्य व्यक्ति की संपत्ति में प्रवेश करता है, वहां रहता है और ऐसा करने के पीछे उसका उद्देश्य मालिक को धमकाना, अपमानित करना या अन्य अपराध करना होता है तो इस धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है।
यह धारा उस हालत में भी लागू है जब कोई व्यक्ति कानूनी रूप में किसी संपत्ति में प्रवेश करता है और बाद में अवैध रूप से उसमें रहने लगता है। पत्र में इस धारा और उप धाराओं का का हवाला देते हुए कहा गया है कि पुलिस इसके तहत कार्रवाई करे।
ऐसे रुक सकती है हिंसा- पत्र में धारा 126 के प्रयोग की भी सलाह दी गई है। कहा गया है कि लोक शांति भंग होने तथा अपराध को रोकने के लिए कार्रवाई नहीं की जा रही है।
- जमीन के स्वामित्व विवाद पर दोनों पक्ष हथियार लेकर जुटते हैं। जमीन पर बलपूर्वक कब्जा करना चाहते हैं। हत्या तक की आशंका रहती है। ऐसी स्थिति में धारा 126 के तहत कार्रवाई कर हिंसा रोकी जा सकती है। ऐसे व्यक्तियों की तत्काल गिरफ्तारी की जा सकती है।
- गिरफ्तार व्यक्ति से तीन साल का बंध पत्र भरवाया जा सकता है। अगर वह बंध पत्र को तोड़ता है तो उसे सजा हो सकती है।
- पत्र में कहा गया है कि जमीन विवाद में कमजोर पक्ष को मजबूत पक्ष की ओर से धमकी देने के मामले थाने की डायरी में दर्ज नहीं होते हैं। कमजोर पक्ष को सुरक्षा भी नहीं दी जाती है।
- जमीन विवाद के अधिसंख्य मामलों में यह पाया जाता है कि बलशाली लोग कमजोर की जमीन पर बलपूर्वक कब्जा कर लेते हैं। इन मामलों में कमजोर लोगों की उपेक्षा की जाती है।
- कमजोर तबके से पुलिस यह अपेक्षा करती है कि वह सक्षम न्यायालय से अपना स्वामित्व सिद्ध कराए। इन मामलों में अपेक्षित यह है कि थाने में वाद दर्ज कर तथ्य का अनुसंधान किया जाए और दोषी पक्ष पर कार्रवाई की जाए।
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BIHAR NEWS: कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, कई शहरों से तस्वीरें आईं सामने
जागरण टीम, पटना/शिवहर/ गया। Kartik Purnima Ganga Snan: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बिहार के अलग-अलग शहरों में गंगा घाटों पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। यह एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जिसे कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
इस दिन लोग गंगा नदी में स्नान करते हैं और पुण्य की प्राप्ति करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन लोग विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं, जिनमें गंगा स्नान, पूजा-अर्चना, और दान करना शामिल है। यह त्योहार हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे पूरे भारत में मनाया जाता है।
पटना घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़
पटना में गंगा घाट पर उमड़ा जनसैलाबकार्तिक पूर्णिमा के मौके पर शुक्रवार को अनुमंडल अंतर्गत गंगा की धारा में हजारों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगा दान-पुण्य किया। घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ स्नान के लिए उमड़ने लगी। इसमें ग्रामीण इलाकों से आए लोग खास महिलाओं की संख्या अत्यधिक थी। अशोक राजपथ तथा संपर्क पथों पर भोर से जाम लगा रहा।
अनुमंडल क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों की हजारों की तादाद में महिला-पुरुष स्नान के लिए गंगा घाटों पर जमा हुए थे।
घाटों पर जमे ओझा-गुणी पूरे दिन लोगों की झाड़-फूंक करने में व्यस्त नजर आए। सूर्योदय के पूर्व से ही स्नान करने के लिए गंगा के तट पर भीड़ जमा होने लगी। पंडित अवध बिहारी पांडे ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा का हिन्दू धर्म ग्रंथों में महत्वपूर्ण स्थान है। कार्तिक पूर्णिमा को स्नान करने से अंजाने में हुए पाप धुल जाते हैं।
पटना के घाट पर उमड़ा जनसैलाब
स्नान के लिए सर्वाधिक भीड़ गायघाट, महावीर घाट, भद्रघाट व खाजेकलां घाट, कंगन घाट, किला घाट, पीरदमरिया घाट, दीदारगंज घाट में दिखा।
स्नान के बाद भक्तों ने शक्ति पीठ बड़ी पटनदेवी व छोटी पटनदेवी, अगमकुआं शीतला माता मंदिर समेत अन्य मंदिरों में पहुंच कर पूजा अर्चना की। संध्या बेला में श्रद्धालुओं ने मां गंगा की आरती करेंगे। गंगा स्नान के बाद भक्तों ने नदी की धारा में दीप दान किया। गंगा की आरती के बाद भक्त गंगा को प्रदूषण मुक्त करने का संकल्प लेंगे।