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Bihar News: बिहार के वाहन चालकों की तो निकल पड़ी! CM नीतीश ने निकाल दी गजब की योजना, मिलेंगी ये बड़ी सुविधाएं
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार सरकार ने सड़क सुरक्षा और वाहन दुर्घटनाओं में कमी लाने के इरादे से राज्य के व्यावसायिक वाहन चालकों को बीमा, स्वास्थ्य जांच और उनकी कार्य कुशलता में वृद्धि के लिए मुख्यमंत्री वाहन चालक कल्याण योजना 2024 स्वीकृत की है।
मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई।
व्यावसायिक वाहन चालकों को मिलेगी यूनिक आईडीमंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि मुख्यमंत्री वाहन चालक कल्याण योजना से ट्रक, बस, टैक्सी जैसे वाहन चलाने वाले व्यावसायिक वाहन चालकों और उनके परिवार को काफी लाभ होगा।
इन चालकों को विशेष पहचान नंबर (यूनिक आइडी) दी जाएगी। योजना के तहत प्रत्येक जिले में व्यावसायिक वाहन चालकों के लिए आधारभूत सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इस मद में प्रत्येक जिले में 25-25 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।
चालकों को इन योजनाओं से भी जोड़ा जाएगाइसके अलावा, चालकों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से जोड़ दिया जाएगा। दुर्घटना की स्थिति में इन्हें और इनके परिवार को बीमा राशि का लाभ मिल सकेगा। वाहन चालकों को नेत्र जांच की सुविधा मिलेगी। इसके लिए सभी जिलों में शिविर लगाए जाएंगे।
मिलेगा भारी वाहन चलाने का प्रशिक्षणभारी वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन्हें सड़क सुरक्षा और दुर्घटनाओं से कैसे बचे इसके प्रति जागरूक किया जाएगा। इतना ही नहीं चालकों को पोशाक भी दी जाएगी। पोशाक के लिए एक मुश्त एक वर्ष के लिए दो हजार दिए जाएंगे।
योजना के अंतर्गत वाहनों पर जो भी खर्च आएगा, उसका वहन सड़क सुरक्षा निधि से किया जाएगा। एक वर्ष में योजना पर करीब 34 करोड़ जबकि पांच वर्ष में यह राशि बढ़कर 90.40 करोड़ हो जाएगी।
लाभ लेने के लिए कराना होगा निबंधनवाहन चालकों को इस योजना के लिए पहले निबंधन कराना होगा। निबंधन के वक्त उन्हें एक फार्म दिया जाएगा, जिसमें उन्हें अपने पूर्ण विवरण के साथ परिवार का ब्योरा भी देना होगा।
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Mukesh Sahani: मुकेश सहनी चले प्रशांत किशोर की राह, गांधी के चंपारण से शुरू की यात्रा, बताया कैसे झुकती है दुनिया
राज्य ब्यूरो, पटना। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने महात्मा गांधी की कर्मस्थली चंपारण से निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा 3.0 की मंगलवार को शुरुआत की है।
सरकार बनाओ अधिकार पाओ के नारा के साथ शुरू हुई यह यात्रा विभिन्न चरणों में अगले साल दो अक्तूबर तक चलेगी।
आज यात्रा की शुरुआत के मौके सहनी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जिसके पास ताकत होती है, दुनिया उसके समाने झुकती है। यह हमारी ताकत है।
हमारे अधिकार का हो रहा हननसहनी ने कहा कि सरकार द्वारा हमारे अधिकार को हनन किया जा रहा है, इसलिए हम मजबूती से महागठबंधन की सरकार बनाएंगे। जिसमें हमारी भी सहभागिता होगी।
उन्होंने कहा कि आज तक हमें हमारा अधिकार नहीं मिला है। आजकल पैसे के दम पर राजनीति हो रही है। पैसे के दम पर चुनाव लड़े और जीते जा रहे हैं। हम गरीब, पिछड़े के लोग हैं। जब तक हम जमीन पर मजबूत नहीं होंगे चुनाव नही जीत सकेंगे।
ज्यादा सीट पर लडेंगे चुनाव और जीतेंगेउन्होंने कहा कि चंपारण की धरती पर हम काफी मजबूत हैं । यहां अगले विधानसभा में हम ज्यादा सीट जीतेंगे। हम ज्यादा से ज्यादा सीट पर चुनाव लडे़ेंगे और जीतेंगे।
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विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। राजनीति में कुछ भी निश्चित नहीं। बिहार का मिजाज तो वैसे भी फिरंट रहता है। बारंबार के पुराने प्रयोगों से वह बिदक जाता है तो, नए दावे से मुंह फेर लेने में भी नहीं हिचकता।
इसका प्रमाण पिछले वर्षों में बनते-बिगड़ते रहे राजनीतिक दल हैं। अब बारी जन सुराज की है, जो आज अभियान का चोला उतार राजनीतिक दल की काया में समा जाएगा।
बिहार के लिए इसे एकमात्र विकल्प बता रहे सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) का दावा है कि इसकी रीति-नीति राजनीति को जिम्मेदार बनाने वाली होगी। इसी आधार पर जन सुराज की सफलता और स्थायित्व का दावा है।
2 दशक, दर्जनभर दल; 4 तो कुशवाहा ने ही बना डालीपिछले दो दशक में बिहार में लगभग एक दर्जन राजनीतिक दल अस्तित्व मेंं आए। इनमें से सर्वाधिक चार पार्टियों का गठन तो अकेले उपेंद्र कुशवाहा ने कर दिया। इसके बाद भी उनकी अपनी राजनीति डगमगाती रही है।
लोकसभा में तीन सदस्य और केंद्र में मंत्री का पद उनकी अब तक की सर्वोत्तम उपलब्धि है। दलों के गठन में उनका मुकाबला एकमात्र पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि कर रहे। अब तक वे तीन दल बना चुके हैं, लेकिन हाथ हासिल कुछ नहीं।
इस मायने में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक जीतन राम मांझी होशियार कहे जा सकते हैं। मात्र एक सांसद और चार विधायकों के दम पर केंद्र और राज्य की सत्ता में हिस्सेदारी का उन्हें स्वर्णिम सुख है।
हम की यह उपलब्धि राजनेताओं को पार्टियों में विघटन, नए दल के गठन और परिवार को प्रश्रय देने के लिए प्रेरित करती है।
पीके के दावे में कितना दमपीके का दावा है कि ऐसी उपलब्धि व उपाय के लिए जन सुराज मेंं गुंजाइश ही नहीं। यह प्लुरल्स पार्टी जैसे बेतुकों प्रयोगों में भी विश्वास नहीं रखता। अगर यही होता तो, पिछले दो वर्षों से वे पदयात्रा नहीं कर रहे होते, जो विधानसभा चुनाव के बाद भी अनवरत जारी रहेगी।
जन सुराज जनता की इच्छा-अपेक्षा की परिणति है और यह दृष्टि-पत्र (विजन डाक्यूमेंट) से संचालित होगा। यह दृष्टि-पत्र अगले दस वर्षाें में बिहार को विकसित राज्योंं की श्रेणी में लाने वाला होगा।
पहला अध्यक्ष अनुसूचित जाति सेआधिकारिक दावा है कि एक करोड़ संस्थापक सदस्य मिलकर जन सुराज का गठन कर रहे। गांधी जयंती पर बुधवार को पटना के वेटनरी कॉलेज प्रांगण में नए दल, अध्यक्ष व संचालन समिति की घोषणा के लिए मंच तैयार हो चुका है।
एक वर्ष की पदावधि वाला पहला अध्यक्ष अनुसूचित जाति से होगा। पार्टी के संदर्भ मेंं किसी भी निर्णय के लिए अधिकृत संचालन समिति मेंं 25 सदस्य होंगे।
दलों का दलदल- जनता दल से अलग होकर 2000 में रामविलास ने लोजपा का गठन किया, जो 2021 में दो फांक हो गई। एक धड़े का नेतृत्व चिराग पासवान कर रहे और दूसरे का पशुपति पारस।
- 2001 में नागमणि ने राजद को तोड़ राजद (लोकतांत्रिक) का गठन किया। 2004 में वह भाजपा में समा गया। 2015 में उनकी बनाई समरस समाज पार्टी 2017 में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी में जा मिली। 2021 में उन्होंने राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी बनाई। कागज में यह आज भी कायम है।
- जदयू से अलग होकर उपेंद्र कुशवाहा ने 2007 मेंं राष्ट्रीय समता पार्टी बनाई। 2009 में वह जदयू में विलीन हो गई। जदयू से दोबारा अलग होकर उन्होंने 2013 में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का गठन किया। वह भी 2021 में जदयू में समा गई। 2023 में जदयू से तीसरी बार अलग होकर कुशवाहा ने राष्ट्रीय लोक जनता दल का गठन किया और उसके बाद राष्ट्रीय लोक मोर्चा का।
- जदयू से बगावत कर 2015 में जीतन राम मांझी ने हम का गठन किया।
- राजद से बेदखल होने के बाद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने जन अधिकार पार्टी बनाई। इसी वर्ष कांग्रेस में उसका विलय हो चुका है।
- 2018 में मुकेश सहनी ने विकासशील इंसान पार्टी बनाई।
- 2020 में पुष्पम प्रिया चौधरी ने प्लुरल्स पार्टी का गठन किया था। करारी हार के बाद नेता नजर नहीं आ रहे। अलबत्ता पार्टी बनी हुई है।
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राज्य ब्यूरो, पटना। भाजपा के प्रयासों के बावजूद लोजपा (रा.) के अध्यक्ष चिराग पासवान और रालोजपा अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस के बीच का विवाद समाप्त होता नजर नहीं आ रहा है।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान इन दिनों बिहार में हैं। वे बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का भ्रमण कर रहे हैं। अपने कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं। उन्हें भरोसा दे रहे हैं कि एनडीए में उपेक्षा हुई तो मंत्री पद छोड़ने में देरी नहीं होगी।
सोमवार को यहां आयोजित लोजपा के अनुसूचित जाति-जनजाति प्रकोष्ठ की बैठक में चिराग ने दो टूक कहा कि वह अपनी और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उनके पिता रामविलास पासवान ने भी मंत्री पद छोड़ने में देरी नहीं की थी।
चाहे किसी भी गठबंधन में रहूं, किसी भी मंत्री पद पर रहूं, जिस दिन मुझे लगा कि संविधान और आरक्षण के साथ खिलवाड़ हो रहा है, मंत्री पद को लात मार दूंगा। जैसे मेरे पिता ने एक मिनट में मंत्री पद त्याग दिया था, उसी तरह एक मिनट में मंत्री पद त्याग दूंगा।- चिराग पासवान
चाचा को भी दिया चैलेंज- सभी सीटों पर लड़ लें चुनावइस यात्रा के दौरान चिराग की तल्खी अपने चाचा और रालोजपा अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस के प्रति भी नजर आई। एक प्रश्न पूछा गया था कि पारस राज्य विधानसभा की सभी 243 सीटों पर लड़ने का दावा कर रहे हैं। चिराग ने कहा-लड़ लें। सभी सीटों पर लड़ लें।
भाजपा के साथ तालमेल गड़बड़ का डरअसल में चिराग को लग रहा है कि झारखंड विधानसभा के चुनाव में भाजपा उनकी पार्टी से तालमेल नहीं करेगी। उनके लिए बुरी सूचना यह है कि सांकेतिक रूप में ही सही झारखंड में भाजपा-जदयू के बीच समझौता होने जा रहा है।
चिराग ने कहा कि हम भाजपा से बातचीत का प्रयास कर रहे हैं। पार्टी की झारखंड इकाई अगर स्वतंत्र ढंग से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव देती है तो, हम उस पर भी विचार करेंगे।
कहीं चाचा न बिगाड़ दें खेलचिराग को ये सूचनाएं भी परेशान कर रही हैं कि केंद्र सरकार पशुपति कुमार पारस को महत्वपूर्ण पद देने जा रही है। पद मंत्री स्तर का होगा। अगर ऐसा होता है तो पारस का वजन बढ़ेगा।
पारस को पद मिलने से लाेजपा के मूल कार्यकर्ताओं के बीच संदेश जाएगा कि विधानसभा चुनाव के समय भी पारस को कुछ सीटें मिल सकती हैं। पारस को पद मिलने की संभावना के आधार पर ही उनके लोगों का मनोबल बढ़ गया है। चिराग निराश कार्यकर्ता उनके आसपास भीड़ बढ़ा रहे हैं।
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Bihar Flood: बिहार में बाढ़ से तबाह हुए किसान! तीन लाख हेक्टेयर फसल तहस-नहस, गुणा-भाग करने में जुटा विभाग
राज्य ब्यूरो, पटना। बाढ़ से फसलों को हुई क्षति के आकलन के लिए मंगलवार को कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने एक सप्ताह में नुकसान के आकलन का निर्देश दिया।
आकलन के बाद वैकल्पिक फसलों के बीज वितरण से लेकर अन्य सभी विकल्पों पर विचार किया जाएगा। प्रारंभिक आकलन के अनुसार तीन लाख हेक्टेयर से अधिक रकबा में फसलों की पूर्ण या आंशिक क्षति हुई है।
पांडेय ने बताया कि बीज नि:शुल्क दिया जाएगा। इसके अलावा किसानों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। निर्देश दिया कि फसलोंं की क्षति से संबंधित रिपोर्ट से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी अवगत कराया जाए।
19 जिलों के 92 प्रखंड बाढ़ से प्रभावितमंत्री ने बताया कि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, 19 जिलों के 92 प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। कुल 673 पंचायतों में लगभग 2,24,597 हेक्टेयर रकबा में फसल की क्षति हुई है। इसके अलावा, 91,817 हेक्टेयर में फसलों की क्षति 33 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है।
ड्रोन से होगा कीटनाशकों का छिड़कावपांडेय ने कहा कि बाढ़ का पानी उतर जाने के बाद फसलों को रोग-व्याधि हो सकती है। किसानों को आवश्यक सलाह के साथ कीटनाशकों की उपलब्धता बनाए रखने का निर्देश है। आवश्यकता पड़ने पर ड्रोन से दवाओं-कीटनाशकों का छिड़काव कराया जाएगा।
उर्वरकों की कालाबाजारी और मूल्य वृद्धि पर रोक के निर्देशअधिकारियों को मंत्री ने रबी मौसम में उर्वरकों की कालाबाजारी और मूल्य वृद्धि पर रोक के लिए आवश्यक उपाय करने को कहा। बैठक में उद्यान एवं कृषि यांत्रीकरण से संबंधित योजनाओं की भी समीक्षा की गई।
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त्योहारों को लेकर बिहार पुलिस की व्यवस्था चकाचक, सादी वर्दी में तैनात रहेंगे जवान; CCTV और ड्रोन से होगी निगरानी
राज्य ब्यूरो, पटना। तीन अक्टूबर से शुरू हो रही दुर्गा पूजा, इसके बाद दीपावली और छठ के दौरान राज्य में सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था रहेगी। पूजा पंडालों के साथ ही शहर के सभी इलाकों में पुलिस के जवान सादी वर्दी में तैनात रहेंगे।
पूजा पंडालों के आसपास ड्रोन से भी निरीरानी की जाएगी। जिलाधिकारी स्वयं प्रत्येक पूजा पंडालों का निरीक्षण करेंगे और जो कमियां इस दौरान पाई जाएंगी उन्हें दूर करने के उपाय किए जाएंगे।
मुख्य सचिव की पुलिस अधिकारियों के साथ बैठकराज्य के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा और पुलिस महानिदेशक आलोक राज के साथ ही गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद चौधरी ने सभी जिलों के डीएम और एसपी के साथ पूजा के दौरान सुरक्षा तैयारियों को लेकर संवाद किया।
मुख्य सचिव ने कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात को देखते हुए कहा बाढ़ के बावजूद पूजा पंडाल बनाए जा सकते हैं जिलों के विधि पदाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि यहां सुरक्षा की समुचित प्रबंध रहे।
सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से होगी निगरानीपंडालों में सीसीटीवी की व्यवस्था भी पूजा प्रबंधन करने और पंडालों के आसपास ड्रोन निगरानी रखने के निर्देश भी जिलों को दिए गए। मीणा ने कहा कि पूजा के दौरान अममून रात में भी जोर से म्यूजिक बजता है, कई स्थानों पर डीजे और डांस के प्रबंध भी किए जाते हैं।
पुलिस-प्रशासन सुनिश्चित करें कि नियमों के तहत संगीत या नृत्य की व्यवस्था रहे, ताकि आमजन और विशेषकर बच्चों और बीमार लोगों को परेशानी न होने पाए।
सादी वर्दी में तैनात रहेंगे जवानमुख्य सचिव ने जिलों के आरक्षी अधीक्षकों को निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्र में पूजा पंडालों के नजदीक और संवेदनशील स्थानों पर सादी वर्दी में पुलिस जवानों की प्रतिनियुक्ति करें, ताकि अवांछित गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
गांधी मैदान के साथ ही अन्य जिलों में रावण वध के दौरान भी समुचित सुरक्षा प्रबंध और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए समुचित उपाय करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए। बैठक में सभी जिलों के डीएम और एसपी के साथ ही अन्य पदाधिकारी भी शामिल रहे।
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Bihar Flood: 'सरकार को पहले ही नींद जाग जाना चाहिए था', मीसा भारती ने नीतीश सरकार के बाढ़ प्रबंधन पर उठाए सवाल
एएनआई, पटना। बिहार में कोसी, गंडक, बागमती और पहाड़ी नदियां तबाही मचा रही हैं। उत्तर बिहार में चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। कोसी बराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं, बराज से छह लाख क्यूसेक से भी अधिक पानी छोड़ा जा चुका है। वाल्मीकिनगर और कमला बलान से भी लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। चारों तरफ सिर्फ तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है।
बाढ़ से मची तबाही को लेकर राजद सांसद और लालू यादव की बेटी मीसा भारती ने नीतीश सरकार के बाढ़ प्रबंधन पर सवाल उठाए हैं।
बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिल रही मददमीसा भारती का कहना है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने राज्य में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने में बहुत देर कर दी है। सरकार को पहले ही जाग जाना चाहिए था और तैयारी करनी चाहिए थी।
अपने संसदीय क्षेत्र पाटलिपुत्र का जिक्र करते हुए कहा कि पाटलिपुत्र के मनेर और धानापुर में बाढ़ का पानी तबाही मचा रहा है, लेकिन लोगों को प्रशासन से पर्याप्त मदद नहीं मिली।
पहले ही तैयारी कर लेनी चाहिए थीमीसा भारती ने कहा कि कोसी बैराज खुलने के बाद दरभंगा के बहुत से लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि जब हमें पता है कि उत्तर बिहार में हर साल बाढ़ आती है तो बिहार सरकार और आपदा विभाग को इसकी तैयारी पहले कर लेनी चाहिए थी।
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Bihar Politics: बिहार में स्मार्ट मीटर के खिलाफ कांग्रेस का आंदोलन, 16 अक्टूबर को होगा राज्यस्तरीय धरना
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार कांग्रेस ने सोमवार को राज्य के सभी जिलों में प्रेसवार्ता कर बिजली के स्मार्ट मीटर के विरुद्ध राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है।
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी मोहन प्रकाश व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह के आह्वान पर पर्यवेक्षकों को जिलों में जाकर प्रेस कांफ्रेंस कर आंदोलन का आगाज किया।
नेताओं ने कहा कि गरीब जनता पर स्मार्ट मीटर योजना थोपकर राज्य सरकार अदानी को फायदा पहुंचाने का कुत्सित प्रयास कर रही है। जनता को परेशान करने के लिए जबरन इसे उनके घरों में लगाया जा रहा है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की संयुक्त लूट योजना है। अब प्रखंड से लेकर जिला मुख्यालयों तक इस मुद्दे पर कांग्रेसजन जनता की लड़ाई लड़ेंगे।
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी ने कहा कि इस बड़े आंदोलन के आगाज के साथ दो अक्टूबर गांधी जयंती से लेकर एक सप्ताह तक कांग्रेसजन रैली, हड़ताल, विरोध प्रदर्शन और धरना प्रदर्शन करेंगे। 16 अक्टूबर को स्मार्ट मीटर योजना के विरुद्ध राज्यस्तरीय धरना और प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा।
इंदिरा फेलोशिप की टीम ने शुरू की शक्ति अभियानबिहार विधान परिषद में कांग्रेस दल के नेता मदन मोहन झा ने सोमवार को इंदिरा फेलोशिप की "शक्ति अभियान" की शुरुआत की।
कांग्रेस प्रदेश मुख्याल सदाकत आश्रम में झा ने प्रेसवार्ता में कहा कि महिलाओं की जनसंख्या हमारे देश में आधी है, लेकिन राजनीतिक भागीदारी में उनकी उपस्थिति अभी भी सीमित है।
कांग्रेस पार्टी और विशेष रूप से राहुल गांधी के नेतृत्व में ''शक्ति अभियान'' यह सुनिश्चित करेगा कि महिलाओं को राजनीतिक क्षेत्र में उचित प्रतिनिधित्व और अवसर मिले।
इस अवसर पर इंदिरा फेलोशिप बिहार कार्डिनेटर रिचा सिंह, सहित दर्जनों इंदिरा फेलोशिप की महिलाएं उपस्थित थीं।
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Bihar News: IIT Patna और ट्रिपल आईटी शुरू करेगा संयुक्त हाइब्रिड कोर्स, ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से होगी पढ़ाई
जागरण संवाददाता, पटना। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ( IIT), पटना और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपल-आइटी) रांची ने मिलकर एमटेक, एमबीए और एमसीए कार्यक्रमों को संयुक्त रूप से शुरू करने के लिए सोमवार को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। कोर्स हाइब्रिड मोड में होंगे। विद्यार्थी संयुक्त रूप से ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से दोनों कैंपस में पढ़ाई कर सकेंगे।
आईआईटी पटना के निदेशक प्रो. टीएन सिंह ने कहा कि ट्रिपल आइटी, रांची के साथ हमारी साझेदारी और माइक्रोटेक एजुकेशनल सोसाइटी का समर्थन छात्रों को लचीले और नवीनतम उद्योग प्रवृत्तियों के अनुरूप एमटेक, एमबीए और एमसीए उपाधि प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगा।
ट्रिपल आईटी, रांची के निदेशक प्रो. राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि संयुक्त कार्यक्रम छात्रों को अत्याधुनिक क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करने और उद्योगों में उच्च मांग वाले कौशल विकसित करने के लिए प्रेरित करेगा। आईआईटी पटना के साथ यह साझेदारी हमारे संस्थानों के बीच अकादमिक सहयोग को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। मौके पर डीए एकेडमिक प्रो एके ठाकुर, डीन रिसोर्सेज डा. एनके तोमर, डा. दिनेश कोटानि, डा. सत्येन्द्र कुमार आदि मौजूद थे।
Patna News: पटना से बिहटा जाने वाले लोगों के लिए खुशखबरी, एलिवेटेड रोड के निर्माण की बड़ी समस्या हो गई दूर
जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: पटना -दानापुर -बिहटा एलिवेटेड रोड के निर्माण में आ रही समस्या अब दूर हो गई है। अधिवक्ता विपिन कुमार की ओर से दायर याचिका पर मुख्य न्यायाधीश न्यायाधीश के विनोद चन्द्रन एवं न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने सुनवाई की।
सोमवार को रेलवे की ओर से पटना हाई कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया कि पटना के जिला भू अर्जन अधिकारी ने रेलवे को पैसा स्थानांतरित कर दिया है। रेलवे ने इस एलिवेटेड रोड के निर्माण में आ रही 25 प्रतिशत संरचना को खाली कर दानापुर बिहटा एलिवेटेड कारीडोर को दे दिया है। जबकि बाकि 75 प्रतिशत संरचना को हटाने के लिए निविदा जारी की गई है।
उनका कहना था कि पहली बार 54 करोड़, दूसरी बार 24 करोड़ और अंत में 19 करोड़ 24 लाख 13 हजार रुपये हाजीपुर स्थित पूर्व मध्य रेलवे को स्थानांतरित किया गया हैं। एलिवेटेड रोड के निर्माण में रेलवे की ओर से उठाई गई आपत्तियों को देखते हुये 98 करोड़ 24 लाख 13 हजार रुपये का भुगतान कर दिया गया है। कोर्ट ने रेलवे को अगली सुनवाई पर प्रगति रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है । अगली सुनवाई 13 दिसम्बर को होगी।
Darbhanga AIIMS Update: इस कंपनी को मिली दरभंगा एम्स बनाने की जिम्मदारी, 2.25 लाख वर्ग मीटर में होगा निर्माण
राज्य ब्यूरो, पटना। Darbhanga Aiims Latest News: केंद्र सरकार ने दरभंगा में एम्स निर्माण का जिम्मा एनबीसीसी लि. की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एचएससीसी इंडिया लिमिटेड सौंप दिया है। देश की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में शामिल एम्स दरभंगा के निर्माण के लिए फिलहाल 1261 करोड़ रुपये का बजट उपबंध किया गया है, लेकिन इसमें वृद्धि की संभावना है।
राज्य सरकार ने बिहार के दूसरे एम्स के लिए केंद्र सरकार को दरभंगा में 188 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई है। आवंटित जमीन में से 2.25 लाख वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में एम्स के भवनों का निर्माण होगा। इस पूरी परियोजना को 36 वर्ष यानी तीन वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार दरभंगा एम्स का लक्ष्य कम लागत पर विशाल जनसंख्या को उच्च गुणवत्ता पूर्ण चिकित्सा शिक्षा और देखभाल सेवाएं मुहैया कराना है। एम्स दरभंगा को अत्याधुनिक स्वास्थ्य देखभाल संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा।
यहां एक पूर्णत: सुसज्जित देखभाल अस्पताल, एक मेडिकल कालेज, एक आयुष अस्पताल, तथा डाक्टरों और कर्मचारियों के साथ ही अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए आवास के साथ हास्टल की सुविधा भी होगी। विभाग के अनुसार एम्स दरभंगा भारत सरकार की संपूर्ण देश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों का नेटवर्क स्थापित करने वाली पहल का हिस्सा है।
जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच और गुणवत्ता में वृद्धि करना है। यहां बता दें कि वर्ष 2019 में घोषित एम्स दरभंगा, बिहार में एक प्रमुख चिकित्सा संस्थान के रूप में कार्य करेगा।
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बिहार के बेरोजगारों के लिए अच्छी खबर, मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना से मिल रहा कमाने का मौका; ऐसे करें आवेदन
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के 11वें चरण की समय अवधि में विस्तार किया गया है। आवेदन की तिथि 27 सितंबर को समाप्त हो गई थी जिसे अब 15 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है। परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और परिवहन सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए योजना के 11वें चरण की समयावधि में विस्तार किया गया है।
दरअसल, मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत 11वें चरण में शेष बचे 12500 लक्ष्य के विरुद्ध जिलावार रिक्ति निकाली गई है। इनमें मुजफ्फरपुर में सर्वाधिक 1008 रिक्तियां हैं। इसके अलावा सारण में 829, पूर्वी चंपारण में 824, मधुबनी में 820, पश्चिमी चंपारण में 743, दरभंगा में 710, पटना में 657, वैशाली में 548, सिवान में 503 और बांका में 480 रिक्तियां हैं।
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत चरणवार अब तक कुल 44 हजार 754 लाभुकों को अनुदान देकर रोजगार से जोड़ा गया है। योजना के तहत शतप्रतिशत आवेदन प्राप्त करने की दिशा में कार्रवाई करने के लिए सभी जिलों के जिला पदाधिकारी को निर्देश दिया है। किसी कारणवश जो इच्छुक आवेदक आवेदन करने से वंचित रहे गए थे उन्हें आवेदन करने का एक और मौका दिया गया है।
रिक्ति के अनुसार पंचायतों में लिये जायेंगे आवेदनविभाग के अनुसर, आवेदन केवल उन्हीं पंचायतों के लिए होंगे, जहां रिक्ति है। साथ ही जिस कोटि की रिक्ति उपलब्ध है उसी कोटि के लिए आवेदन स्वीकार्य होंगे। इस संबंध में जिला पदाधिकारियों द्वारा पंचायतवार एवं कोटिवार रिक्ति की सूची जारी की जायेगी। वैसे पंचायत या वैसी कोटि के लिए आवेदन प्राप्त होता है, जहां रिक्ति नहीं है तो वैसे आवेदन स्वतः अमान्य हो जाएंगे। योजना के तहत सामान्य, ई रिक्शा एवं एंबुलेंस की खरीद पर अनुदान दिया जाता है।
कौन कर सकते हैं आवेदनइस योजना के तहत प्रति पंचायत 7 योग्य लाभुकों का चयन किया जा रहा है। 4 अनुसूचित जाति-जनजाति एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के सदस्य को वाहन की खरीद पर अनुदान का लाभ दिया जा रहा है। इस योजना के तहत सामान्य, ई रिक्शा एवं एंबुलेंस की खरीद पर अनुदान दिया जाता है।
मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत 4 सीटर से लेकर 10 सीटर तक के नए सवारी वाहन एवं एम्बुलेंस की खरीद पर अनुदान दिया जाता है। अनुदान की राशि वाहन के खरीद मूल के 50 प्रतिशत तक की राशि अथवा अधिकतम 1 लाख रुपये होगी। एंबुलेंस के क्रय की स्थिति में अधिकतम 2 लाख रुपये अनुदान दिया जाएगा।
आवेदन करने की जानकारी- आवेदन करने की अंतिम तिथि - 15 अक्टूबर 2024 तक।
- प्रखंड स्तर पर आवेदनों के आधार पर पंचायतवार एवं कोटिवार -वरीयता सूची का निर्माण - 16 से 18 अक्टूबर
- चयन सूची का प्रकाशन- 24 अक्टूबर
- आपति आमंत्रण- 25 अक्टूबर से 4 नवम्बर तक
- आपत्ति निराकरण- 5 नवंबर
- अंतिम चयनित सूची का प्रकाशन- 11 नवंबर
- प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा चयनित लाभुकों को चयन पत्र का तामिला- 12 नवंबर से 19 नवंबर तक।
- वाहन खरीद के बाद चयनित लाभुक द्वारा अनुदान प्राप्ति हेतु आवेदन समर्पित करना - 20 नवंबर से।
- अनुदान की राशि सीएफएमएस के माध्यम से लाभुक के खाता में भुगतान करना- आवेदन प्राप्ति के सात दिनों के अंदर।
Bihar Flood News Live: बिहार में बाढ़ से कहां-कहां मच रही तबाही? देखें भयावह तस्वीरें; कमला बलान से पानी ओवरफ्लो
जागरण टीम, पटना/ दरभंगा/भागलपुर। Bihar News: दरभंगा जिले में बाढ़ की स्थिति मंगलवार को भी गंभीर बनी रही। कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड से होकर गुजरने वाले कोसी और कमला नदी के जलस्तर में सोमवार की रात मामूली कमी हुई। लेकिन, मंगलवार की अहले सुबह से जलस्तर में फिर वृद्धि शुरू हो गई है।
बताया जा रहा है कि कमला बलान नदी के पूर्वी तटबंध के ऊपर से भिंडुआ पंचायत के गोबराही गांव के सामने लगभग एक किलोमीटर की दूरी में पानी ओवरफ्लो होकर बह रही है, जिससे कोसी व कमला बलान के जलस्तर फिर से वृद्धि होने लगी है। जलस्तर में वृद्धि से निचले इलाकों में बसे लोगों को अब घर छोड़कर पलायन करने की संभावना बनती जा रही है। बाढ़ प्रभावित चारों पंचायत में प्रभावित लोगों को समस्या जस की तस बनी हुई है।
घनश्यामपुर कमला नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण दोनों तटबंध के बीच में बसे आधा दर्जन गांव पांचवें में दिन भी पानी से घिरे हुए हैं। किरतपुर प्रखंड से गुजरने वाली कोसी, कमला एवं गेहुआ नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। कोसी के पश्चिमी तटबंध के टूट जाने से क्षेत्र के पांच लाख से अधिक आबादी के बीच अभी अफरातफरी बनी हुई है।
मधुबनी में कमला बलान ओवर फ्लो
बैरिया में पीडी रिंग बांध 20 फीट बहा, एक दर्जन गांवों में फैला पानीबेतिया जिले के बैरिया प्रखंड के घोडहिया गांव के पास सोमवार की रात पीडी रिंग बांध करीब 20 फीट के आसपास बह गया। बांध के ध्वस्त होने से एक दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। आधी रात को गांव में बाढ़ का पानी पहुंचा तो ग्रामीण दहशत में आ गए।
पीडी रिंग बांध के ध्वस्त होने से पानी का दबाव चंपारण प्रबंध पर अधिक हो गया है। हालांकि बांध के ध्वस्त होने की सूचना मिलते ही अधिकारियों की टीम पहुंची हुई है। राहत एवं बचाव का कार्य चल रहा है। जिन गांवों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है वहां के लोगों को सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचने के लिए एसडीआरएफ की टीम बुलाई गई है।
बेतिया जिले के बैरिया प्रखंड में बाढ़ से बिगड़े हालात
सहरसा के कई गांवों में बाढ़ के पानी घुसने से हालात बुरे होते जा रहे हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
सहरसा में पश्चिम कोसी तटबंध टूटने के बाद अचानक बेघर हुए लोग
खगड़िया में नाव डूबी, एक लापताअलौली प्रखंड अंतर्गत बनर झूला घाट हथवन में सोमवार को कोसी नदी में एक छोटी नाव डूब गई। नाव पर चार लोग सवार थे। सभी लोग कोसी का पानी बढ़ने के बाद हाथवन भरैण बासा से नाव पर सवार होकर अपने गांव हथवन लौट रहे थे। 60 वर्षीय जोगी यादव लापता हैं। शेष तीन लोग बाहर निकलने में सफल रहे। अलौली थाना अध्यक्ष समरेंद्र कुमार ने घटना की पुष्टि की है। एसडीआरएफ की टीम वहां पहुंच चुकी है।
खगड़िया के हथवन में बाढ़ में डूबी नाव
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Bihar News: बिहार के वाहन चालक ध्यान दें..., आज से दिखेगा ट्रैफिक का रियल टाइम अपडेट, इस एप से मिलेगी जानकारी
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: राज्य के सभी जिलों में अब यातायात से जुड़ी लाइव जानकारी अपडेट की जाएगी। आपके शहर में कौन सी सड़क कहां जाम है, कौन सी सड़क वीआइपी मूवमेंट या धरना-प्रदर्शन के कारण बाधित है, यह सारी जानकारियां वाहन चालकों को मैपल एप पर आनलाइन मिलेगी। बिहार पुलिस और मैप माई इंडिया पिछले एक पखवारे से इस सुविधा का ट्रायल कर रहा था जिसे एक अक्टूबर से लागू कर दिया जाएगा। बिहार चौथा राज्य है, जहां इस तरह की सुविधा दी जाएगी।
इस सुविधा का लाभ लेने के लिए मैपल एप डाउनलोड करना होगा। इसी एप पर सभी जिलों के शहरी और ग्रामीण सड़कों से जुड़ी जानकारी रियल टाइम अपडेट की जाएगी। मैपल एप पर तीन माध्यमों से यातायात से जुड़ी सूचनाएं अपडेट की जाएंगी।
कंपनी के बेस मैप पर तो पहले से कई जानकारियां होंगी ही, इसके अलावा पुलिस की टीम भी लगातार जानकारियां अपडेट करेंगी। इसके लिए जिलास्तर पर वाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है। इसके अलावा आम जनता भी एप पर तस्वीर के माध्यम से दुर्घटना या जाम जैसी जानकारी अपडेट कर सकेगी।
यह सूचनाएं मिलेंगी :- सड़क पर जलजमाव, डायवर्जन, ट्रैफिक लाइट की विफलता आदि।
- विरोध-प्रदर्शन, वीआइपी मूवमेंट, दुर्घटना आदि की सूचना।
- ब्लैकस्पाट, खतरनाक मोड़, गति-अवरोधक की जानकारी।
- अस्पताल, पेट्रोल पंप, पार्किंग, सीसीटीवी कैमरे आदि की जानकारी।
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Bihar News: पटना हाईकोर्ट के जज का रुका 10 महीने का वेतन, तो अब सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को दिया बड़ा आदेश
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar News: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश रुद्र प्रकाश मिश्रा के पिछले दस माह से बकाए वेतन लाभ देने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायाधीश जेबी पारदीवाला एवं न्यायाधीश मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि किसी भी न्यायाधीश से बिना वेतन के काम करने की उम्मीद नहीं की जा सकती।
न्यायाधीश मिश्रा के वकील ने कोर्ट को बताया कि 4 नवंबर, 2023 को उनकी नियुक्ति के बाद से उनका वेतन सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खाता नहीं होने के कारण जारी नहीं किया गया है।
इसलिए राज्य सरकार सभी लंबित वेतन और बकाया का भुगतान करे तथा एक अस्थायी सामान्य भविष्य निधि खाता खोले। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि मुद्दा सुलझा लिया जाएगा और उन्होंने मामले पर शुक्रवार को सुनवाई करने का अनुरोध किया।
हालांकि, कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि न्यायाधीश मिश्रा को बिना देरी के एक अस्थायी जीपीएफ खाता खोल सभी लंबित वेतन और बकाया का भुगतान करे।
Bihar Weather Today: बिहार में बारिश से कब मिलेगी राहत? मौसम विभाग ने दी नई जानकारी ; बाढ़ को लेकर भी ताजा अपडेट
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News: बिहार में मूसलाधार बारिश से जल्द राहत मिलने वाली है। बारिश के रुकने से बाढ़ पीड़ितों को भी राहत मिलेगी। हालांकि,नेपाल में लगातार बारिश होने के चलते बिहार में फिलहाल बाढ़ खतरा बना हुआ है।
10 या 11 अक्टूबर से मानसून का जाना लगभग तय11 अक्टूबर से मानसून बिहार से लौट जाएगा जिससे लोगों को भारी बारिश से राहत मिल जाएगी। हालांकि, दिवाली के आसापास हल्की बारिश हो सकती है। जिससे ठंड का आगमन होगा।
इस बार मानसून में 20 फीसदी से कम हुई बारिशराजधानी समेत प्रदेश में पिछले तीन से चार दिनों में झमाझम बारिश हुई। इसके बावजूद सामान्य से 20 फीसद कम वर्षा मानसून सीजन में दर्ज हुई। एक जून से 30 सितंबर तक प्रदेश में 798.3 मिमी वर्षा हुई, जबकि सामान्य 992.2 मिमी होनी चाहिए।
30 सितंबर तक मानसून के जाने का मानक समयमौसम विभाग के अनुसार अधिकारिक तौर पर 30 सितंबर तक मानसून के बिहार से जाने का मानक समय है। लेकिन इस बार 11 अक्टूबर तक बिहार से मानसून की रवानगी होगी। मानसून सीजन के दौरान प्रदेश के चार जिले ऐसे रहे, जहां पर सामान्य से अधिक वर्षा हुई।
पटना सहित 12 जिलों में 53-26 प्रतिशत कम वर्षा हुई। वहीं, छह जिलों में वर्षा की स्थिति सामान्य के आसपास बनी रही, जबकि शेष जिलों में सामान्य से नीचे रहा।
भागलपुर में बढ़ रहा गंगा का जलस्तरसोमवार को दिन के दो बजे तक स्थिर था जलस्तर उसके बाद बढ़ने लगा- मुंगेर और पटना में बढ़ रही गंगा - फिलहाल भागलपुर में फिर से बाढ़ का संकट नहींसंवाद सहयोगी, जागरण : भागलपुर : गंगा का जलस्तर भागलपुर में भी बढ़ने लगा है। सोमवार को दिन के दो बजे तक जलस्तर स्थिर था।
सुबह छह बजे गंगा का जलस्तर 33.03 मीटर पर था। जबकि छह बजे शाम में जलस्तर बढ़कर 33.07 मीटर हो गया। अर्थात चार घंटा दो बजे से शाम छह बजे तक चार घंटे में चार सेंटी मीटर गंगा का जलस्तर बढ़ गया। डीइओसी (डिस्टिक इमरजेंसी आपरेशन सेंटर) मुंगेर के अनुसार पटना और मुंगेर में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। हालांकि, बढ़ने की रफ्तार धीमी है।
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Bihar News: जीविका दीदियों की बल्ले-बल्ले! नीतीश सरकार ने जारी किए 5 अरब रुपये, 34 लाख महिलाओं तक पहुंचेगा लाभ
राज्य ब्यूरो, पटना। नीतीश सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए प्रथम किस्त के रूप में सवा पांच सौ करोड़ रुपये का आवंटन जारी कर दी है। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में संचालित जीविका के हजारों स्वयं सहायता समूहों को इससे लाभ होगा।
इसमें 60:40 के तहत केंद्रांश के रूप में 31369.58 लाख रुपये (तीन अरब तेरह करोड़ उनहत्तर लाख अंठावन हजार रुपये) एवं राज्यांश के रूप में 20913.05 लाख रुपये (दो अरब नौ करोड़ तेरह लाख पांच हजार रुपये) उपलब्ध कराई गई है।
इस राशि का उपयोग समूहों द्वारा कृषि, पशुपालन, हस्तशिल्प, लघु उद्योग, और अन्य जीविकोपार्जन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही, इन गतिविधियों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और परिवारों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में भी मदद मिलेगी। विशेष रूप से, ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ उनके उत्पादों को बेहतर मूल्य प्राप्त होगा।
वर्तमान में जीविका के तहत, विभिन्न जिलों में 10 लाख 63 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। कुल समूह में एक करोड़ 34 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं।
महिलाओं को उनके व्यवसायिक कौशल को निखारने के लिए प्रशिक्षण एवं वित्तीय सहायता दी जा रही हैं। इन समूहों के माध्यम से महिलाएं ना केवल आर्थिक रूप से सक्षम हो रही हैं, बल्कि सामुदायिक विकास में भी सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं। यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
IPS Sudhir Porika: आईपीएस सुधीर पोरिका को मिली क्लीनचिट, DSP को वेतन वृद्धि देने पर रोक
राज्य ब्यूरो, पटना। बालू के अवैध खनन मामले में एक और पुलिस अधिकारी को राहत मिल गई है। औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी और 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी सुधीर कुमार पोरिका को क्लीनचिट देते हुए विभागीय कार्यवाही समाप्त कर दी गई है।
गृह विभाग ने इसका संकल्प भी जारी कर दिया है। सुधीर पोरिका फिलहाल विशेष शाखा में एसपी के पद पर हैं। सुधीर कुमार पोरिका पर बालू के अवैध उत्खनन एवं परिवहन में संलिप्त रहने और संदिग्ध आचरण से संबंधित आरोप थे।
आर्थिक अपराध इकाई की रिपोर्ट के बाद इस मामले में जुलाई, 2021 में उन्हें निलंबित कर विभागीय कार्यवाही शुरू की गई थी। सितंबर, 2023 में प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में जांच अधिकारी ने पोरिका के विरुद्ध छह आरोपों में तीन अप्रमाणित जबकि तीन आंशिक रूप से प्रमाणित होने का मंतव्य दिया।
इस पर विभाग ने पोरिका से लिखित बयान समर्पित करने को कहा मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसके बाद विभाग ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएसएसी) को परामर्श के लिए पत्र लिखा। विभागीय पत्र के आलोक में यूपीएससी ने अगस्त में परामर्श दिया कि सुधीर कुमार पोरिका के खिलाफ लगाए गए आरोपों को अभिलेखों पर मौजूद साक्ष्यों के आधार पर सिद्ध नहीं किया जा सका।
इस मामले में तभी न्याय होगा जब उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को त्याग दिया जाए और उन्हें दोषमुक्त घोषित कर दिया जाए। इसके बाद उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया गया है।
डीएसपी रघुनाथ सिंह को वेतनवृद्धि पर रोक का दंडगृह विभाग ने प्रसारित वीडियो के तीन साल पुराने मामले में मोहनिया के तत्कालीन अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को पांच वर्षों के लिए कालमान वेतन में निम्नतर प्रकम से अवनति का दंड दिया है। इस दौरान अधिकारी को वार्षिक वेतनवृद्धियों का लाभ नहीं मिलेगा। अवनति की अवधि के बाद भविष्य की वेतनवृद्धियां अनुमान्य होंगी। इससे जुड़ा संकल्प भी जारी कर दिया गया है।
Bihar Flood: कोसी नदी पर बनेगा नया बराज, बाढ़ की त्रासदी से मुक्त होगा उत्तर बिहार, केंद्रीय मंत्री ने दिया भरोसा
राज्य ब्यूरो, पटना। नेपाल से आने वाले अप्रत्याशित जल प्रवाह को रोकने के लिए कोसी नदी पर नया बराज बनेगा। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सोमवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से भेंटकर इस संबंध में उनसे आग्रह किया है।
उन्होंने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से मांग की कि कोसी नदी पर उच्च क्षमता वाले बराज के निर्माण की दिशा में आवश्यक कार्रवाई की जाए। चौधरी की मांग पर केंद्रीय मंत्री ने भरोसा दिया है कि नया बराज बनाने के लिए शीघ्र ही डीपीआर बनाने की पहल होगी।
चौधरी ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि कोसी की बाढ़ से लोगों की रक्षा के लिए नेपाली क्षेत्र में जो बांध 1962 में बना और चालू हुआ था, तब इसकी आयु मात्र 25 वर्ष बतायी गई थी। इसलिए भी नए बराज की जरूरत है और वह भी भारतीय सीमा के भीतर।
उन्होंने बिहार में कोसी, बागमती, गंडक और उत्तर बिहार की अन्य नदियों की बाढ़ से उत्पन्न कठिन परिस्थितियों से केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया। बिहार के 20 जिलों में जानमाल, मवेशी, मकान एवं संपत्ति की बाढ़ से रक्षा बड़ी चुनौती बन गई है।
उप मुख्यमंत्री कहा कि कोसी नदी पर नए बराज के निर्माण से बाढ़ की समस्या का विश्वसनीय समाधान होगा। इससे विद्युत उत्पादन, मत्स्य पालन, सिंचाई एवं पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य तेजी से चलाए जाएं: पारसराष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने सोमवार को कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों मे राहत कार्य तेजी से चलाए जाएं।
उन्होंने कहा कि कोसी बराज से नेपाल के द्वारा छह लाख क्यूसेक से भी अधिक पानी छोड़े जाने के कारण खगड़िया के अलौली विधानसभा अन्तर्गत उनके गृह पंचायत शहरबन्नी एवं अन्य पंचायत चैराखेड़ा, आनन्दपुर मारन, दमहा खैरी खुटहा, बहौरवा पंचायत बाढ़ से पुरी तरह से बाढ़ के पानी से प्रभावित हो चुका है।
खगड़िया जिला के अन्य प्रखण्ड के कई पंचायत पहले से ही गंगा में जल स्तर की वृद्धि के कारण बुरी तरह से प्रभावित है।
पारस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से खगड़िया जिला के अलौली विधानसभा सहित अन्य प्रखण्डों के सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के परेशानी को देखते हुए राज्य प्रशासन एवं खगड़िया जिला के स्थानीय प्रशासन को राहत एवं बचाव के कार्य को तेज करने को ले निर्देशित करने का आग्रह किया है।
उन्होंने सभी बाढ़ प्रभावित पंचायतों में परिचालन को लेकर समुचित संख्या में नाव की व्यवस्था, सुखा राहत सामग्री की व्यवस्था तथा खाने पीने का इंतजाम करने हेतू समुचित संख्या में सामुदायिक किचेन खोलने, स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल कैंप लगाने, पशुओं के लिए चारा की व्यवस्था करने बाढ़ से हुए विस्थापित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर ठहराने को लेकर शेल्टर होम की व्यवस्था कराने का आग्रह किया है।
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नीतीश सरकार ने प्राइमरी शिक्षकों को कर दिया खुश! वेतन के लिए स्वीकृत किए 51.21 अरब रुपये
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में प्रारंभिक शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए 51 अरब, 21 करोड़ 62 लाख 80 हजार नौ सौ रुपये की राशि स्वीकृति के साथ ही विमुक्त कर दी गयी है।
इस राशि से उन प्रारंभिक शिक्षकों के वेतनादि का भुगतान होगा, जो समग्र शिक्षा अभियान योजना के तहत कार्यरत हैं। इस बाबत शिक्षा विभाग द्वारा महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) को विधिवत जानकारी दी गयी है।
इसके मुताबिक, पंचायतीराज संस्था, नगर निकाय संस्था के अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों एवं उत्क्रमित मध्य विद्यालयों में जिला संवर्ग के स्नातक प्रशिक्षित वेतनमान के शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापकों, जो समग्र शिक्षा अभियान से आच्छादित हैं, को वर्तमान वित्तीय वर्ष हेतु वेतन भुगतान किया जाना है।
53 अरब 45 करोड़ की राशि स्वीकृतवित्तीय वर्ष 2024-25 में विभिन्न स्वीकृत्यादेशों द्वारा 53 अरब 45 करोड़ 93 लाख 55 हजार 562 रुपये की स्वीकृति एवं विमुक्ति प्रदान की गयी है। यह राशि बिहार शिक्षा परियोजना परिषद को उपलब्ध करा दी गयी है।
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा राशि जिलावार उपलब्ध कराते हुए समग्र शिक्षा अभियान मद से आच्छादित शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापकों का अगस्त, 2024 तक का वेतन भुगतान किया गया।
समग्र शिक्षा अभियान (राज्य स्कीम) अंतर्गत शिक्षकों को ससमय वेतन उपलब्ध कराने हेतु समग्र शिक्षा अभियान योजना अंतर्गत 51 अरब 21 करोड़ 62 लाख 80 हजार नौ सौ रुपये की राशि स्वीकृति के साथ ही विमुक्ति का प्रस्ताव है।
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