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Bihar Bhumi Survey: जमीन के दाखिल-खारिज में नहीं होगी कोई दिक्कत, नीतीश सरकार ने निकाल ली 'ट्रिक'
राज्य ब्यूरो, पटना। सरकार ने विशेष भूमि सर्वेक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा है कि दाखिल-खारिज मामलों के निष्पादन में पिछड़े अंचलों में विशेष अंचलाधिकारी तैनात होंगे।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डा. दिलीप कुमार जायसवाल ने सोमवार को यहां कहा कि भूमि सर्वेक्षण समय पर पूरा होगा और किसी को परेशानी भी नहीं होगी।
विभाग का विशेष अंचलाधिकारी तैनात करने का निर्णय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से 28 सितंबर को बुलाई गई समीक्षा बैठक का परिणाम है।
उसमें मुख्यमंत्री ने कहा था कि सर्वे के लिए दाखिल-खारिज, परिमार्जन एवं अभिलेखों के दुरूस्त करने का कार्य समानांतर तरीके से चलते रहना चाहिए।
डॉ. जायसवाल ने कहा कि भूधारी निश्चिंत रहे। किसी कारण से अगर किन्हीं की जमीन का सर्वे नहीं हो पाया तो उनके घर पदाधिकारियों को भेज कर सर्वे कराया जाएगा।
हम विश्वास दिलाते हैं कि किसी को परेशानी नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि दाखिल-खारिज मामलों के निष्पादन में पिछड़े अंचलों की पहचान कर ली गई है।
विभाग की पिछली समीक्षा बैठक में भी यह मामला उठा था। यह तथ्य सामने आया कि कुछ अंचलों में दाखिल-खारिज के मामले निष्पादित कम किए जाते हैं।
उसकी तुलना में आवेदनों की अस्वीकृति अधिक होती है। समीक्षा में पाया गया कि सीतामढ़ी जिले के सुप्पी अंचल में करीब 48 प्रतिशत आवेदन अस्वीकृत कर दिए गए।
पटना के पंडारक में अस्वीकृति के मामले 44 प्रतिशत है। बेगूसराय के साम्हो अखा कुरहा में आवेदनों की अस्वीकृति का प्रतिशत 40 था।
दाखिल-खारिज के लिए अधिकतम समय सीमा 75 दिन तय की गई है। इस समय सीमा के समाप्त होने के बाद रोहतास के सदर अंचल में 7018, पटना सदर में 6748 एवं पटना जिला के संपतचक में 6428 आवेदन लंबित पाए गए।
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Chirag Paswan: झारखंड के सियासत में चिराग की एंट्री! BJP की बढ़ेगी मुश्किलें; चाचा पारस को दे डाला ऐसा चैलेंज
राज्य ब्यूरो, पटना। लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा है कि झारखंड विधानसभा का चुनाव लड़ने के बारे में अंतिम निर्णय चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद ही लिया जाएगा। इस समय भाजपा हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव में व्यस्त है। सीटों के बारे में उनसे कोई बातचीत नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि हम कोई भी निर्णय पार्टी की झारखंड इकाई की अनुशंसा पर करेंगे। सोमवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में चिराग ने कहा कि एनडीए घटक के रूप में या स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का निर्णय राज्य इकाई पर निर्भर है। इस संदर्भ में राज्य इकाई की अनुशंसा पर केंद्रीय संसदीय बोर्ड विचार करेगी।
बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के दौरे पर चिरागचिराग उत्तर बिहार के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के दौरे पर आए हैं। उन्होंने कहा कि नेपाल में अत्यधिक वर्षा के कारण अप्रत्याशित बाढ़ आई है। केंद्र और राज्य सरकार सतर्क होकर बाढ़ पर नजर रख रही है। बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना और उनके बीच राहत कार्य चलाना इस समय सबसे जरूरी है।
कहा- बाढ़ के हालात पर पीएम मोदी को देंगे रिपोर्टचिराग ने कहा कि वह भी बाढ़ की स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री को रिपोर्ट देंगे। चिराग ने संकेत दिया कि रालोजपा के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस से उनके संबंध सामान्य नहीं हुए हैं।
विस चुनाव पर चाचा पारस एलान पर कहा- हां, लड़ लेंएनडीए से सम्मानजनक समझौता न होने पर विधानसभा की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की पारस की घोषणा पर चिराग की टिप्पणी थी- हां, लड़ लें। सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ लें।
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Bihar Sand And Soil: मिट्टी, गिट्टी और बालू पर सरकार की 'टेढ़ी' नजर, अब लपेटे में आएंगे कई विभाग
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश सरकार राज्य मुख्यालय से लेकर जिलों तक अनेक प्रकार के निर्माण कराती रही है। वर्तमान में भी निर्माण से जुड़ी अनेक योजनाएं चल रही हैं। निर्माणों में व्यापक पैमाने पर लघु खनिज जैसे मिट्टी, गिट्टी और बालू का उपयोग होता है।
कार्य विभागों को निर्देश है कि लघु खनिजों की खरीद वैध स्रोतों से होगी। लेकिन, कार्य विभाग इसका पालन नहीं कर रहे। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच का निर्णय लिया है। सरकार ने यह पहल खान एवं भू-तत्व विभाग के आग्रह पर की है।
खान एवं भू-तत्व विभाग को अंदेशा है कि विभिन्न कार्य विभागों को निर्माण कार्य के लिए जिन लघु खनिजों की आपूर्ति होती है उसके चालान में गड़बड़ी होती है। कई बार फर्जी चालान के मामले पकड़े भी गए हैं।
यह गड़बड़ी संवेदक या खनिज आपूर्ति ठेकेदार के स्तर पर होती है। जिसकी वजह से प्रदेश सरकार को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता है, क्योंकि नियमों के तहत विभागों को खनिजों के इस्तेमाल के एवज में खान एवं भू-तत्व विभाग को रायल्टी और मालिकाना टैक्स चुकाना होता है।
विभाग ने अपनी आशंका हाल ही में हुई मुख्य सचिव की बैठक में भी उठाई थी। जिसके बाद मुख्य सचिव ने इसकी जांच के निर्देश दिए थे। मुख्य सचिव के निर्देश के आलोक में खान एवं भू-तत्व विभाग ने आठ कार्य विभाग यथा जल संसाधन, पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, नगर विकास एवं आवास विभाग, लघु जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण और भवन निर्माण को पत्र देकर बालू और गिट्टी का अलग-अलग चालान देने को कहा है।
विभाग वर्षवार चालान संख्या, लघु खनिज की मात्रा की जानकारी देंगे। विभाग अपने स्तर पर चालान का मिलान विभाग से जारी चालान से करेगा।
गड़बड़ी पाए जाने पर बकायदा विभाग को लघु खनिज आपूर्ति करने वाले संवेदक से जुर्माना वसूला जाएगा। साथ ही दंडात्मक कार्रवाई भी होगी।
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Bihar Flood: बिहार में तबाही मचा रहा नेपाल का पानी, नदियों के 7 तटबंध तबाह; नीतीश सरकार ने केंद्र से मांगी मदद
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Flood: नेपाल में भारी बारिश के कारण बिहार में अलग-अलग स्थानों पर सात जगह तटबंध टूटें हैं। ऐसी स्थिति गंडक में 21 वर्ष और कोसी में 56 वर्ष बाद अत्यधिक पानी के दबाव के कारण सामने आया है।
जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने बताया कि पहली बार पूरे नेपाल के जल ग्रहण क्षेत्र में अत्यधिक बारिश होने के कारण उत्तर बिहार की नदियों में रिकार्ड पानी आया है। वर्षों बाद 2024 में कई नदियों ने अपने जलस्तर का रिकार्ड बनाया है।
तटबंधों को अधिक मजबूत और ऊंचा बनाएंगे: चौधरीविजय चौधरी ने कहा है कि भविष्य में तटबंधों को और मजबूत एवं ऊंचा किया जाएगा। इस बार के अप्रत्याशित पानी को ध्यान में रखकर ही आगे की योजना बनायी जाएगी।
पानी कई तटबंधों को अप्रत्याशित रूप से ओवरटॉप कर गया। उन्होंने कहा कि बीते 72 घंटे हमारे लिए बड़ी चुनौतियों से भरा रहा है। आगे कई दिनों तक ऐसी स्थिति बनी रहेगी।
क्षतिग्रस्त तटबंधों की युद्धस्तर पर मरम्मतमंत्री चौधरी ने बताया कि अत्यधिक जलस्राव के कारण सात स्थानों पर तटबंध क्षतिग्रस्त हुए हैं। क्षतिग्रस्त तटबंधों की युद्धस्तर पर मरम्मत की जा रही है। इसके अलावा, कई अन्य संवेदनशील स्थल हैं; जहां भारी दबाव की स्थिति उत्पन्न हुई है।
क्षेत्रीय इंजीनियरों को सख्त हिदायतमंत्री ने बताया कि जल संसाधन विभाग ने सभी संवेदनशील और अति संवेदनशील स्थलों की निगरानी के लिए 106 इंजीनियरों की टीम मैदान में उतारा है। अब तटबंध कहीं क्षतिग्रस्त ना हो इसके लिए सभी क्षेत्रीय इंजीनियरों को सख्त हिदायत दी गई है और उनसे कहा गया है कि इस दबाव को काफी गंभीरता से लेते हुए उसकी तत्काल मरम्मत करें।
नदियों में अत्यधिक सिल्ट आने से खराब हुई स्थितिजल संसाधन मंत्री ने कहा कि नदियों में अत्यधिक सिल्ट आने के कारण स्थिति खराब हुई है। इसके कारण कई जगह नदियों का जलस्तर तटबंधों को ओवर टाप कर गया है। सीतामढ़ी में तो सात-आठ किलोमीटर तक पानी तटबंध के ऊपर से बहता रहा।
विभाग के प्रधान सचिव संतोष मल्ल, अपर सचिव नवीन कुमार, अभियंता प्रमुख, बाढ़ नियंत्रण मनोज रमण एवं अभियंता प्रमुख एन के झा सहित विभाग के वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
बाढ़ प्रबंधन योजना के लिए मदद करे केंद्रमंत्री ने बाढ़ प्रबंधन योजना के लिए केंद्र से मदद मांगी है और बिहार की पुरानी मांग को फिर से दोहराया है।
उन्होंने कहा कि इस बार के अप्रत्याशित जलस्राव ने हमारी मांग को पुख्ता किया है। बिहार ने केंद्र से गंडक, कोसी व बागमती पर एक-एक बराज की मांग भी केंद्र से की है।
पटना में कुरियर कंपनी के जरिए शराब की होम डिलीवरी! उत्पाद टीम ने किया भंडाफोड़; हजारों बोतल दारू संग 3 गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार में शराबबंदी लागू है, लेकिन अवैध शराब की तस्करी करने वाले धंधेबाज बाज नहीं आ रहे हैं। आए दिन किसी न किसी जिले नई-नई तरकीब से शराब तस्करी किए जाने की खबरें आती रहती हैं।
ताजा मामला राजधानी पटना में सामने आया है। पटना में उत्पाद विभाग की टीम ने कुरियर कंपनी के बैग में शराब की बोतलें डालकर दूसरों राज्यों से पटना पहुंचाने वाले गिरोह का भंडाफाेड़ किया है।
उत्पाद टीम ने शराब के साथ तीन आरोपी तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार तस्करों में हाजीपुर निवासी संतोष कुमार, बिहटा निवासी नंदन कुमार और नालंदा निवासी प्रीतम कुमार शामिल हैं।
सहायक उत्पाद आयुक्त ने बताया कि आरोपित शराब लाकर पटना के जगदेव पथ स्थित सरस्वती विहार कॉलोनी में रखते थे। गोदाम को सील कर दिया गया है।
ऐसे दबोचे गए सभी तस्करजानकारी के मुताबिक, उत्पाद विभाग की टीम को सूचना मिली थी कि एक इनोवा कार से अवैध शराब की बड़ी खेप लाई जा रही है।
उत्पाद विभाग की टीम ने पीछा करना शुरू किया तो, कार सरस्वती विहार कॉलोनी स्थित गोदाम के पास रुकी और उसमें सवार युवक कुरियर कंपनी का बैग निकाल कर अंदर ले जाने लगे।
इसी दौरान, उत्पाद टीम ने तस्करों के खिलाफ धावा बोल दिया। उत्पाद टीम ने उक्त इनोवा कार से 2,051 बोतल विदेशी शराब जब्त की है।
लंबे समय से कर रहे थे अवैध शराब का काला धंधाउत्पाद टीम की पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वे कुरियर कंपनी के नाम पर शराब लेकर दूसरे राज्यों से यहां आते थे। इसके बाद छोटे तस्कर शराब के माध्यम से शराब की होम डिलीवरी करते थे। यह धंधा लंबे समय से चल रहा था।
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Health News: बच्चों को वायरल बुखार, सर्दी-जुकाम, खांसी और दस्त से कैसे बचाएं? विशेषज्ञ से जानें जरूरी टिप्स
जागरण संवाददाता, पटना। तापमान में अचानक तेजी से उतार-चढ़ाव होने पर वायरल बुखार, सर्दी-जुकाम व खांसी तो वर्षा व गर्मी में वायरल-बैक्टीरियल दस्त सामान्य रोग हैं। ऐसे में बच्चों को न तो खुद से न ही तुरंत डॉक्टरों को एंटीबायोटिक दवाएं देनी चाहिए।
आइजीआइएमएस में सीनियर रेजिडेंसी के दौरान बहुत से ऐसे बच्चे आए, जिनमें कई एंटीबायोटिक के लिए प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी थी। फ्लू या वायरल हो तो खुद से पैरासिटामोल भी न दें। बुखार का चार्ट बनाकर डॉक्टर के पास जाएं, ताकि वे सही डोज में इसे प्रिस्क्राइब कर सकें।
कम खुराक होने पर बुखार नहीं उतरता तो अभिभावकों के दबाव में डाक्टर आइब्यूजेसिक या मेफ्टाल के साथ पैरासिटामोल का कांबिनेशन देते हैं, जो सही नहीं है।
इसी प्रकार यदि तेज बुखार, म्यूकस या खून के साथ दस्त हों तभी एंटीबायोटिक दी जानी चाहिए। अन्यथा जिंक, ओआरएस व प्रोबायोटिक से ही 90 प्रतिशत बच्चे दो से तीन दिन में स्वस्थ हो जाते हैं।
ये बातें रविवार को दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम हेलो डाक्टर में गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल के शिशु आइसीयू की विशेषज्ञ डा. पूजा मिश्रा ने पाठकों के सवालों के जवाब में कहीं।
दो वर्ष के बच्चे को बार-बार सर्दी हो जाती है : अर्चना
छोटे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ऐसे में अचानक ठंडा-गर्म होने से वे फ्लू की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में खासकर रात में उन्हें मोटे सूती कपड़े व मोजे पहनाकर रखना चाहिए।
बच्चा छह माह से अधिक का है तो दाल का पानी, सब्जी का सूप, फलों का जूस आदि दें। यदि बच्चा कैंसर, नेफ्रोटिक सिंड्रोम या टीबी जैसे रोगों से ग्रसित हो तो छह माह से पांच वर्ष तक उन्हें फ्लू की वैक्सीन की सुरक्षा दें।
बच्चे को बार-बार बुखार साथ में जी मिचलाता है, खाना नहीं खाता: मुकेश मिश्रा
स्कूल आदि में बच्चे एक-दूसरे से वायरल की चपेट में आते हैं। ऐसे में उन्हें खांसते-छींकते समय मुंह-नाक ढंकने का तरीका सिखाएं। भीड़भाड़ वाली जगहों में ले जाने से बचें। खाने में एंटीआक्सीडेंट प्रचुरता वाले फलों की मात्रा बढ़ाएं।
बुखार का चार्ट बनाकर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें। बच्चे बाहर का खाते हैं, घर का नहीं तो उसी प्लेट की सुंदरता, रोटी में डिजायन बनाकर दें, बाहर का न दें क्योंकि उसकी कम मात्रा ही बच्चों का पेट भर देती है। हर तीन से छह माह में कीड़े की दवा दें।
छह माह के बच्चे को बार-बार सर्दी-खांसी होती है: आशुतोष कुमार
मौसम में बदलाव के समय बच्चे को ढंक कर रखें। रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए लगातार विटामिन डी का ड्राप दें।
मां के दूध के साथ दाल का पानी, फलों को जूस, मांड व अन्य तरल पदार्थ दें। मल्टी विटामिन की जरूरत नहीं है।
नेजल ड्राप तभी डालें जब बच्चा नाक बंद होने के कारण ठीक से दूध न पी पाए या सो नहीं पाए। हल्की-फुल्की सर्दी में इसका प्रयोग नहीं करें।
बच्ची के पेट में दर्द, पीठ में निकल रहे दाने: निशू
पेट में कीड़े, पेट दर्द, बाहर का थोड़ा भी खाना खाने से दर्द हो सकता है। इसके लिए बच्ची को खाने के पहले व शौच के बाद साबुन से हाथ धोने की आदत डलवाएं, फल या सब्जियों का सेवन अच्छे से धोकर करें व घर का गर्म खाना ही खिलाएं।
गर्मी में पीठ में दाने जो शरीर में नहीं फैल रहे वे घमौरियां हैं, जो अधिक पसीने के कारण होती है। शरीर को खुला रखें, कपड़े सूती व हल्के पहनाएं, कोई मुलायम पाउडर लगाएं लेकिन वहां तेल नहीं लगाएं। यदि बच्चे को रैसेज हो रहे हैं तो वहां पाउडर का प्रयोग नहीं करें।
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Sand Mafia: 50 से अधिक बालू माफिया की लिस्ट तैयार, आरा-गया-पटना से उठाए गए कई नाम; तड़ीपार करने की तैयारी
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश के बालू माफियाओं की आर्थिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए इनके खिलाफ तीनतरफा कार्रवाई हो रही है। एक ओर बिहार पुलिस खान एवं भू-तत्व विभाग के साथ मिलकर अवैध बालू-गिट्टी के कारोबार पर अंकुश के लिए अपनी कार्रवाइयों को अंजाम दे रही है।
वहीं, दूसरी ओर प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) और आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) भी बालू माफिया के खिलाफ अपनी गतिविधियां तेजी से बढ़ा रही हैं। इसी कड़ी में अब दर्जन भर जिलों के बालू माफिया को तड़ी पार या जिलाबदर करने की योजना बन रही है।
आर्थिक अपराध इकाई विगत कुछ वर्षो से बालू के अवैध कारोबार के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। खान व भू-तत्व विभाग के कुछ अफसरों पर भी इसी कड़ी में पूर्व में कार्रवाई की गई है। अब आर्थिक अपराध इकाई ने राज्य के दर्जन भर जिलों के 50 से अधिक बालू माफिया को सूचीबद्ध किया है।
सूत्रों की मानें तो जिलावार इन बालू माफिया पर आर्थिक अपराध इकाई बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। इन्हें तड़ी पार या जिलाबदर करने की पूरी तैयारी हो चुकी है। इकाई ने इस संबंध में संबंधित जिलों से प्रस्ताव मांगा है।
इन जिलों के बालू माफियाओं का नाम शामिलईओयू की ओर से जिन जिलों को इस संबंध में निर्देश भेजे गए हैं, उनमें भोजपुर, औरंगाबाद के नौ-नौ, पटना के 13, रोहतास, सारण के आठ-आठ, बांका और गया के तीन से चार बालू माफिया के नाम शामिल हैं।
इन सभी पर अवैध तरीके से बालू खनन कर टैक्स चोरी के आरोप हैं। जिलों से प्रस्ताव मिलते ही इन्हें जिलाबदर करने की कार्रवाई प्रारंभ हो जाएगी। बता दें कि बालू के अवैध खनन मामले में ईडी ने आदित्य मल्टीकाम, ब्राडसंस के 10 पूर्व निदेशकों पर कार्रवाई की है।
पुंज सिंह और अजय सिंह पर ईडी ने कसा शिकंजाइन दो प्रमुख कंपनियों की वजह से सरकार को करीब पांच सौ करोड़ से अधिक के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है। बीते एक सप्ताह में बालू सिंडिकेट में शामिल पुंज सिंह और अजय सिंह पर ईडी ने कार्रवाई करते हुए इन्हें अपनी गिरफ्त में लिया है।
पूर्व में बालू के सिंडिकेट में राधा चरण सेठ, जगनारायण सिंह, अशोक कुमार, सतीश सिंह समेत अन्य पर ईडी कार्रवाई कर चुकी है।
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राज्य ब्यूरो, पटना। जन सुराज को राजनीतिक दल की काया देने से पहले रविवार को प्रशांत किशोर (पीके) ने कई मुद्दों पर बेझिझक अपनी राय रखी। 2015 की तुलना में आज के नीतीश कुमार को बिल्कुल ही अलग बताते हुए उन्होंने बिहार की व्यवस्था के बेपटरी हो जाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त चार अधिकारी सरकार बनकर बिहार को चला रहे और मुख्यमंत्री का जनमत से कोई वास्ता नहीं। जन सुराज का संकल्प बिहार में सत्ता परिवर्तन का है।
बिहार की बर्बादी में कांग्रेस और भाजपा का बराबर का योगदान है। लालू प्रसाद की गोद में बैठकर कांग्रेस जैसे बिहार में बर्बाद हो गई, वैसे ही नीतीश की चाह में भाजपा भी मिट जाएगी।
जन सुराज का नेतृत्व योग्य से योग्यतम लोगों के हाथ में होगा- पीकेपदयात्रा को अनवरत जारी रखने की प्रतिबद्धता के साथ प्रशांत किशोर ने दावा किया कि जन सुराज का नेतृत्व योग्य से योग्यतम लोगों के हाथ में होगा। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने स्पष्ट किया कि जन सुराज देश का पहला ऐसा दल होगा, जो अपने संविधान में राइट टु रिकॉल का प्रविधान कर रहा है।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि ऐसा सत्ता के मद में पथभ्रष्ट होने की आशंका को निर्मूल करने के उद्देश्य से किया जा रहा। किसी भी मंडल के एक तिहाई संस्थापक सदस्य अगर जन-प्रतिनिधि के प्रति शिकायत करते हैं तो बहुमत लेकर उसे वापस बुला लिया जाएगा। प्रत्याशी बनाते समय जन सुराज इसके लिए बजाप्ता शपथ-पत्र लेगा।
तेजस्वी यादव को पीके ने बताया अदूरदर्शीनीतीश कुमार को उन्होंने सत्ता के लिए समझौतावादी और तेजस्वी यादव को अदूरदर्शी बताया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को पहचान विहीन बताया और कांग्रेस किसी गिनती में ही नहीं।
पीके के अनुसार, एकमात्र विकल्प जन सुराज है। सत्ता में आने के बाद जन सुराज शराबबंदी को समाप्त कर शिक्षा व्यवस्था में सुधार और पलायन रोकने की योजनाओं पर आगे बढ़ेगा। इसी के साथ उन्होंने दावा किया कि विधानसभा का अगला चुनाव ट्रिपल एस (शराबबंदी, सर्वे, स्मार्ट मीटर) पर लड़ा जाएगा।
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जागरण टीम, पटना। नेपाल में लगातार वर्षा से बिहार में नदियों ने रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। दरभंगा जिले के किरतपुर प्रखंड के भुभोल गांव के समीप कोसी नदी का पश्चिमी तटबंध करीब 10 मीटर की दूरी में रविवार की देर रात टूट गया।
तटबंध टूटने के बाद सोमवार की सुबह 10 बजे तक उसका दायरा बढ़कर चार सौ मीटर हो गया है। इससे किरतपुर, कुशेश्वरस्थान पूर्वी, घनश्यामपुर प्रखंड की करीब चार लाख आबादी बाढ़ की चपेट में आ गई है।
इसके अलावा, उत्तर बिहार में रविवार को छह अन्य तटबंध भी टूट गए। इनमें सीतामढ़ी के तीन, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण और शिवहर में एक-एक शामिल हैं। पश्चिम चंपारण में एक सुरक्षा बांध भी ध्वस्त हो गया।
सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है, जबकि हजारों एकड़ में लगी फसल डूब गई है। लाखों की आबादी प्रभावित है और हजारों की संख्या में लोग सुरक्षित स्थान की तलाश में पलायन कर रहे हैं। वाल्मीकिनगर बराज से 3.61 लाख व मधुबनी में कोसी बराज से 6.68 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
जोगबनी स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर पानी लगने से छह घंटे ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा। इस बीच पूर्व बिहार, कोसी व सीमांचल में रविवार को पांच लोग डूब गए। विदित हो कि नदियों के जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए 20 जिलों में अलर्ट जारी है। दरभंगा में कोसी बांध में कई जगह रिसाव हो रहा है।
खगड़िया में उफान पर कोसी और बागमतीखगड़िया में कोसी और बागमती उफान पर हैं। दोनों नदी का तेजी से बढ़ना जारी है। अभी जलस्तर में और अधिक वृद्धि होगी। कोसी बराज से कल सुबह छह बजे छोड़ा गया पानी आज शाम तक पहुंचाने की संभावना है। उसके बाद स्थिति और भयावह हो सकती है।
अभी खगड़िया के बलतारा में कोसी सुबह छह बजे खतरे के निशान से 1.35 मीटर ऊपर बह रही थी। जबकि खगड़िया के संतोष जलद्वार के पास बागमती खतरे के निशान से 1.99 मीटर ऊपर थी।
कोसी किनारे बसे गांधीनगर गांव को बेलदौर सीओ सुबह में ही रवाना हो चुके हैं। यहां के लोगों को गांव खाली करने को कहा गया है। लेकिन लोग गांव खाली नहीं कर रहे हैं।
अंचल प्रशासन की ओर से यहां चार नाव दी गई है। वैसे रात भर गांधीनगर भीता पर तीन आपदा मित्र पहरा देते रहे। ताकि स्थिति विषम होने पर ग्रामीणों को तुरंत अलर्ट किया जाए।
तरियानी छपरा थाने में घुसा बाढ़ का पानी, सड़क पर तेज बहाव जारीशिवहर में तटबंध टूटने के बाद तरियानी छपरा के इलाकों में तबाही मच गया है। बाढ़ का पानी तरियानी छपरा थाने में घुस गया है। वहीं मुख्य पथ पर पानी का तेज बहाव जारी है।
तरियानी छपरा, मोतनाजे, कुंडल, सोगरा अदलपुर, सोनबरसा, डुमरा, नुनौरा, औरा, मलिकाना सहित दर्जनों गांवों के सैकड़ों घरों में पांच फीट पानी बह रहा है। तरियानी छपरा मुख्य पथ में तीन फीट पानी का बहाव जारी है। कई स्कूल, सामुदायिक भवन में भी पानी घुस गया है।
तरियानी प्रखंड के 16 में से 12 पंचायतों में खेतों में लगी तमाम फसलें बाढ़ के पानी में डूब गई है। उधर, पिपराही प्रखंड के दोस्तिया, पिपराही पुनर्वास, कटैया, खैरा पहाड़ी, अदौरी व बराही जगदीश, पिपराही प्रखंड की मीनापुर बलहा, हरपुर, तरियानी प्रखंड की मोहारी, मझौरा, धर्मपुर सहित कई गांवों में बाढ़ का पानी बरकरार है।
बाढ़ का पानी लगातार नए इलाकों में फैल रहा है। जबकि लोग तटबंध सहित ऊंचे स्थलों पर पलायन करने को मजबूर है। पीड़ितों की रात तटबंधों पर गुजरी है।
देर रात डीएम विवेक रंजन मैत्रेय, एसपी शैलेश कुमार सिन्हा, एसडीओ अविनाश कुणाल व एसडीपीओ अनिल कुमार सहित प्रशासनिक टीम ने आधी रात बात प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया।
तत्काल बाढ़ पीड़ितों के लिए चार स्थानों पर सामुदायिक किचेन शुरू किया गया है। पीड़ितों के बीच सूखी खाद्य सामग्री का वितरण किया जा रहा है।
इधर जल संसाधन विभाग के बागमती प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता विनय कुमार ने बताया कि छह में से चार स्थानों पर रिसाव पर काबू पा लिया गया है। जलस्तर में गिरावट आई है। हालांकि नदी अब भी लाल निशान 61.28 मीटर से 1.70 मीटर ऊपर बह रही है। सुबह जलस्तर 62.98 मीटर दर्ज किया गया है।
सीतामढ़ी शहर तक पहुंचा पानीबगहा शहर में पानी घुस गया है, वहीं सीतामढ़ी शहर तक पानी पहुंच गया है। सीतामढ़ी के बेलसंड प्रखंड के मधकौल में बागमती का तटबंध 80 फीट में टूट गया है। इससे करीब एक लाख की आबादी प्रभावित है। बेलसंड में बागमती का बायां तटबंध रात करीब साढ़े आठ बजे टूट गया। यहां सुबह से ही रिसाव हो रहा था।
इसी जिले में बागमती का दाहिना तटबंध बलुआ पंचायत के खरौउवा गांव के समीप रात नौ बजे टूट गया। बागमती परियोजना के सहायक अभियंता का कहना है कि 12 साल बाद इतना पानी बागमती में आया है।
देर रात पानी में फंसे डीएम- एसपी, ट्रैक्टर पर बैठाकर निकाला गयासीतामढ़ी के बेलसंड में बागमती नदी का तटबंध रविवार दोपहर से रात के 9:00 बजे तक तीन जगह पर टूटने से बाढ़ के हालात भयावाह हो गए। देर रात डीएम रिची पांडे एवं एसपी मनोज कुमार तिवारी पानी में घिर गए थे।
डीएम एसपी के सरकारी वाहन बाढ़ के पानी में फंसे रह गए जिससे दोनों अधिकारी को ट्रैक्टर पर बैठाकर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया गया। बाढ़ का पानी बेलसंड शहर में प्रवेश कर गया है। लोग ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं।
बागमती नदी का पानी बैरगनिया, बेलसंड और रुन्नीसैदपुर प्रखंड में भीषण तबाही मचा रहा है। करीब 5 लाख लोग बाढ़ के पानी से प्रभावित हुए हैं। डीपीआरओ कमल सिंह ने बताया कि देर रात में डीएम एसपी बेल्ट अंचल कार्यालय में अपनी गाड़ी खड़ी करके बाढ़ से घिरे लोगों की मदद में पहुंचे हुए थे।
अचानक बाढ़ का पानी तेजी से फैलता हुआ शहर में प्रवेश कर गया। जिससे दोनों अधिकारी पानी में घिर गए। उन्हें ट्रैक्टर पर बैठाकर सुरक्षित स्थान पर लाया गया। लेकिन, उनकी गाड़ियां वही फंसी रह गई।
पश्चिम चंपारण के बगहा-एक प्रखंड में रजवटिया-रतवल बांध गंडक के पानी के दबाव में खैरटवा गांव के पास टूट गया। इससे करीब 30 हजार की आबादी प्रभावित है। सिकटा प्रखंड के बलरामपुर में ओरिया नदी का सुरक्षा बांध ध्वस्त हो गया।
शिवहर में छह हजार से अधिक आबादी प्रभावितवहीं, शिवहर में रविवार की रात तरियानी छपरा स्थित बागमती का तटबंध मध्य विद्यालय के पास 20 फीट में टूट गया। तरियानी प्रखंड में तीन जगहों पर तथा इसके अलावा बेलवा में सुरक्षा तटबंध में रिसाव हो रहा है। जिले में 20 गांवों में छह हजार से अधिक आबादी प्रभावित हो गई है।
यहां बागमती के कहर से 25 हजार एकड़ फसल डूब गई है। पूर्वी चंपारण की फुलवार उत्तरी पंचायत में दुधौरा नदी का दायां तटबंध करीब 15 फीट में टूट गया है। वहीं, जिले के घोड़ासहन प्रखंड टेका पुल के पास बना डायवर्सन ध्वस्त हो गया।
बगहा में 40 गांवों की 30 हजार आबादी प्रभावित है, 10 हजार एकड़ में फसल डूब गई है। मधुबनी में 25 गांव में पानी फैल गया है। यहां लगभग 1.5 लाख आबादी प्रभावित है। करीब 15 हजार एकड़ में फसल डूब गई है। दरभंगा में 100 से अधिक गांवों में एक लाख से अधिक आबादी प्रभावित है।
बेतिया में करीब 50 हजार की आबादी प्रभावितबेतिया में करीब 50 हजार की आबादी प्रभावित है। करीब 20 हजार एकड़ की फसल प्रभावित है। पूर्वी चंपारण में बाढ़ का आंशिक प्रभाव है। गंडक बराज से तीन बजे तक तीन लाख, 61 हजार 400 क्यूसेक, जबकि कोसी बराज से सुबह 10 बजे 6.68 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
इधर, मधुबनी में कमला बलान खतरे के निशान से दो मीटर 22 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। शिवहर में बागमती लाल निशान से 2.12 मीटर और दरभंगा में कमला खतरे के निशान से दो मीटर 52.2 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। पश्चिम चंपारण के गंडक खतरे के निशान से 88.79 मीटर पार कर 90.10 मीटर पर बह रही है।
पटना में गांधीघाट पर गंगा रविवार की शाम खतरे के निशान के ऊपर बहने लगी है। इधर, भागलपुर को कहलगांव से जोड़ने वाले पुल का एप्रोच स्लैब बाढ़ के पानी के दबाव के कारण रविवार को तीन सेंटीमीटर धंस गया। इससे पुल और स्लैब के बीच दरार हो गई है।
यह पुल पकड़तल्ला के समीप एनएच 80 पर कुआ नदी पर बना है। यह बिहार को झारखंड से जोड़ता है। हालांकि, अभी इससे होकर आवागमन पर रोक नहीं लगाई गई है। वहीं, अररिया जिले में बकरा नदी पर बना बांध ककोड़वा और डेहटी मीरभाग में करीब 60 फीट टूट गया है।
बांका में भी बाढ़ से तबाहीवहीं, बांका जिले में रामचुआ नहर के दो फीट टूटने से 50 एकड़ खेत में धान की फसल डूब गई। सुपौल स्थित कोसी बराज पर रविवार की रात आठ बजे 3,31,385 क्यूसेक जलस्राव रिकॉर्ड किया गया गया। जिले के सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के कुसहा गांव में सुरक्षा बांध टूटने से 600 से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं।
सहरसा जिले के नवहट्टा और महिषी प्रखंड में तटबंध के अंदर ग्रामीण कार्य विभाग की 50 से अधिक सड़कों का अस्तित्व कोसी ने मिटा दिया है। इस इलाके में शायद ही कोई ऐसी सड़क बची है, जिस पर पांच फुट पानी नहीं बह रहा है। कोसी बराज के सभी 56 गेट खुले हुए हैं।
खगड़िया में कोसी और बागमती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। वहीं, गोपालगंज जिले के सदर प्रखंड के अलावा मांझा, बरौली, सिधवलिया व बैकुंठपुर प्रखंड के निचले इलाके के 20 गांवों में गंडक नदी का पानी प्रवेश कर गया है।
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Bihar Weather Today: बिहार के 5 जिलों में बारिश और वज्रपात को लेकर अलर्ट, पढ़ें आज कहां-कैसा रहेगा मौसम
जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी समेत प्रदेश में बीते तीन-चार दिनों के दौरान अत्यधिक वर्षा होने से मौसम सामान्य बना रहा। प्रदेश के ऊपर धनुषाकार ट्रफ लाइन व चक्रवातीय परिसंचरण के कारण वर्षा में तेजी आई थी। हालांकि, अब मानसून के विदाई का समय आ गया है।
एक जून से 30 सितंबर तक मानसून का समय माना जाता है। प्रदेश में अभी मानसून की वापसी में समय लगेगा। इस कारण कहीं पर हल्की तो कहीं पर बूंदाबांदी की स्थिति बनी रहेगी।
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, पटना सहित प्रदेश में बादलों की आवाजाही बने होने के कारण कुछ स्थानों पर गरज-तड़क के साथ हल्की व मध्यम दर्जे की वर्षा के आसार हैं। पूर्वी व पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण में हल्की वर्षा और मेघ गर्जन के साथ वज्रपात को लेकर चेतावनी जारी की गई है।
पटना का अधिकतम तापमान 31.5 डिग्री सेल्सियस किया गया दर्जबीते दिनों में हुई वर्षा से प्रदेश में वर्षा की स्थिति सामान्य के आसपास बना हुआ है। पहले जहां 28 फीसद कमी बताई जा रही थी, वहीं अब 19 फीसद कम वर्षा की स्थिति है। एक जून से 29 सितंबर तक प्रदेश में 987.9 मिमी वर्षा की जगह 798.0 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
रविवार को पटना सहित आसपास इलाकों में बादलों की आवाजाही बने होने के कारण कुछ जगहों पर बूदांबादी से मौसम सामान्य बना रहा है। बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के अलग-अलग भागों में मध्यम से भारी वर्षा दर्ज की गई। सीतामढ़ी के ढेंगराघाट में सर्वाधिक वर्षा 135.0 मिमी दर्ज किया गया।
पटना का अधिकतम तापमान 31.5 डिग्री सेल्सियस जबकि 35.0 डिग्री सेल्सियस के साथ मधुबनी में सर्वाधिक तापमान दर्ज किया गया।
इन जगहों पर दर्ज की गई वर्षा- सीतामढ़ी के सोनबरसा में 123.6 मिमी
- पूर्वी चंपारण के पीपराकोठी में 121.4 व ढाका में 115.6 मिमी
- दरभंगा के हायाघाट में 80.6 मिमी
- मधुबनी के जयनगर में 76.6 मिमी
- खगड़िया के गोगरी में 73.2 मिमी
- रोहतास के राजपुर में 72.0 मिमी
- सीतामढ़ी के बेलसंड में 71.0 मिमी
- रोहतास के इंद्रपुरी में 65.4 मिमी
- शिवहर के डुमरी में 60.4 मिमी
- मुंगेर के धरहरा में 59.0 मिमी
- भोजपुर के पीरो में 58.2 मिमी
- मधुबनी के माधवपुर में 56.2 मिमी
- भोजपुर के चरपोखरी में 52.6 मिमी
- खगड़िया के बलतारा में 50.2 मिमी
- भोजपुर के गरहनी में 49.8 मिमी वर्षा
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Bihar Flood: जल प्रलय से निपटने पानी में उतरी NDRF 11 टीम, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद ने संभाला मोर्चा
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के कई जिलों में भारी बारिश के कारण बाढ़ एवं आपदा की स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार की पैनी नजर बनी हुई है। किसी भी आपदा से निपटने के लिए तत्काल एनडीआरएफ की 11 टीम तैयार है। जनता को हर संभव सहायता दी जाएगी।
एनडीआरएफ के साथ राजकीय अतिथिशाला में समीक्षा बैठक के बाद रविवार को प्रेसवार्ता से उक्त बातें केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कही।
उन्होंने कहा कि बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। एनडीआरएफ की 11 टीम अभी चम्पारण, पूर्वी बिहार सहित विभिन्न जिलों में तैनात है।
इसके अलावा, बिहटा में तीन, वाराणसी में तीन और झारखंड में दो टीम को आरक्षित रखा गया है। यही नहीं, पुरी और पश्चिम बंगाल के एनडीआरएफ टीम को भी रिजर्व रखा गया है ताकि जरूरत पड़ने पर बिहार बुलाया जा सके।
उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ की तरफ से पूरी तैयारी की गई है। प्रश्न पर कहा कि राज्य सरकार ने मांग की तो हवाई सेवा की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
लालू-तेजस्वी को सहानुभूति नहींप्रश्न पर कहा कि बाढ़ के अलावा कोविड में भी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार से बाहर चले गए थे। लालू यादव हों या तेजस्वी यादव, उनको बिहार के लोगों या बाढ़ जैसी समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने कहा कि लालू राज में ही बाढ़ राहत घोटाला हुआ था। दूध का घोटाला हुआ था। तब दूध के अभाव में बच्चों की मौत हो गई थी। महिलाओं की मौत हो गई थी।
प्रशांत किशोर द्वारा बिहार में भाजपा को नेतृत्व विहीन बताए जाने पर नित्यानंद ने कहा कि भाजपा में बूथ स्तर से ही नेतृत्वकर्ता हैं। पीके जो आज दिवास्वप्न देख रहे हैं, उन्हें समय आने पर सब पता चल जाएगा।
Bihar Flood: बगहा, सीतामढ़ी और शिवहर में तटबंध हुए तबाह, बाढ़ की जद में लाखों की आबादी; घरों में घुस रहा पानी
राज्य ब्यूरो, पटना। गंडक में उफान के कारण पश्चिमी चंपारण जिले के बगहा-एक प्रखंड में नदी के बाएं किनारे अवस्थित चंपारण तटबंध टूट गया। जल संसाधन विभाग के इंजीनियर व कर्मी तटबंध की मरम्मत में जुटे हुए हैं।
इस संबंध में जानकारी देते हुए विभाग के अपर सचिव नवीन ने बताया कि तटबंध की निगरानी व जिला प्रशासन से समन्वय में बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, बगहा पर कमी-कोताही का आरोप है। इस आरोप में कार्यपालक अभियंता निशिकांत कुमार को निलंबित कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि गंडक और कोसी के निम्न प्रवाह क्षेत्र में जल-स्तर में लगातार वृद्धि हो रही। दोनोंं नदियों के तटबंधों पर सीपेज व पाइपिंग को चिह्नित कर सुरक्षात्मक कार्य कराया जा रहा है।
सीतामढ़ी और शिवहर जिला में बागमती के दोनों तटबंधों पर 20 जगह सीपेज व रेनकट को समय रहते दुरुस्त किया गया। सीतामढ़ी में बेलसंड प्रखंड अंतर्गत मधकौल गांव के निकट बागमती का दाया तटबंध 35 मीटर की लंबाई में क्षतिग्रस्त हुआ है। उसे दुरुस्त कराया जा रहा।
इसके अलावा, पूर्वी-पश्चिमी कोसी तटबंध पर निर्मित अपेक्षाकृत कम ऊंचाई वाले स्परों पर डावेल बनाकर ओवर टापिंग को रोका गया है। पश्चिमी कोसी तटबंध पर 50 मीटर की लंबाई में डावेल बनाया भी जा रहा है।
रजवटिया-रतवल बांध टूटा, कई गांवों का आवागमन ठपपश्चिमी चंपारण के बगहा-एक प्रखंड के रजवटिया- रतवल बांध पानी के दबाव में रविवार की दोपहर बाद खैरटवा गांव के पास टूट गया। जिससे लगभग 30 हजार की आबादी का संपर्क कट गया है।
तटबंध टूटने की वजह से गंडक नदी का पानी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहा है। किसान और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। लोगों ने जल संसाधन विभाग के अभियंताओं पर उदासीनता का आरोप लगाया है।
किसान व लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि केवल बालू भरी बोरियां इधर से उधर अभियंता करवाते रहे। बांध की दरार की पड़ताल नहीं की, जिसका यह परिणाम हुआ है। गंडक नदी जलस्तर में वृद्धि के साथ बांध को तोड़ दिया है। बांध टूटने से आवागमन बंद है।
बता दें कि बांध का निर्माण क्षेत्र को बचाने के लिए किया गया था। विभागीय उदासीनता के कारण बांध टूट कर फसलों को नुकसान कर रहा है। जल संसाधन विभाग टूटे हुए बांध पर नजर रखे हुए हैं।
शिवहर में टूटा बागमती नदी का तटबंधबागमती नदी में आए उफान के बाद रविवार रात तरियानी छपरा में तटबंध टूट गया है। इसके साथ ही तरियानी के इलाकों में बाढ़ का संकट गहरा गया है। बाढ़ का पानी तेजी से रिहायशी इलाकों में फैल रहा है। लोगों में भगदड़ की स्थिति है।
तरियानी छपरा में दो स्थानों व कुंडल गांव में एक स्थान पर तटबंध में रिसाव आ गया था। दिनभर की मशक्कत के बावजूद तरियानी छपरा स्कूल के पास रविवार की शाम साढ़े सात बजे 20 फीट में तटबंध ध्वस्त हो गया है। तरियानी छपरा थानाध्यक्ष रोहित कुमार के नेतृत्व में पुलिस व एसडीआरएफ की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुट गई है।
सीतामढ़ी के सौली में भी टूटा बागमती नदी का बायां तटबंधसीतामढ़ी के बेलसंड में बागमती नदी का बायां तटबंध रविवार रात करीब साढ़े आठ बजे टूट गया। घटनास्थल के निकट सुबह से ही पानी का रिसाव हो रहा था, जिसे रोकने का अथक प्रयास ग्रामीणों द्वारा किया गया; लेकिन अंततः बांध टूट गया।
बांध टूटने से पानी तेजी से गांव में फैल रहा है। इसके पूर्व मधकौल गांव के निकट बागमती नदी का बायां तटबंध टूट चुका था।
बागमती नदी का तटबंध के टूटने से बेलसंड और परसौनी प्रखंड के कई गांवों पर खतरा मंडराने लाग है। एक ही दिन में तटबंध का टूट जाना ग्रामीणाें में दहशत का माहौल है। लाेग रतजगा कर रहे हैं, ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं।
बागमती का पानी सौली, रुपौली, ओलीपुर, कन्हौली गांव होते हुए बेलसंड एवं परसौनी में भी फैलाव बढ़ सकता है। बेलसंड के भटौलिया, पताही एवं परसौनी के सिरखौली एवं परसौनी खिरोधर में भी पानी का फैलाव धीरे-धीरे बढ़ सकता है।
बता दें कि बागमती नदी का बायां तटबंध सौली में मरम्मत विगत कई वर्षों से मरम्मत नहीं हुई है। यही तटबंध आगे जाकर दिन में एक बजकर 42 मिनट पर मधकौल में भी टूटा है। पूर्व में भी यह तटबंध कई बार टूट चुका है।
बागमती के दाहिना तटबंध की बलुआ पंचायत के खरौउवा गांव के समीप बागमती का दायां तटबंध नौ बजे टूट गया है। स्थानीय मुखिया नवीन कुमार ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शाम से ही वहां रिसाव हो रहा था।
बागमती प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता रवींद कुमार ने बताया कि वह शिवहर डिविजन में है। शिवहर प्रमंडल के कोई अधिकारी वहां पहुंचे ही नहीं उसको बचाने के लिए। ग्रामीणों के लाख प्रयास के बावजूद उसको बचाया नहीं जा सका।
तटबंध टूटने से बलुआ, तिलकताजपुर, सिरखिरिया, वासुदेव विशनपुर, महेशाफड़कपुर पंचायत की 50 हजार बाढ़ की चपेट में आने की संभावना है।
परसौनी के कोरा, रमनी, भुल्ली के तटबंध पर दिन से ही रिसाव जारी है। ग्रामीण सैकड़ों की संख्या में उसकी मरम्त में जुटे हुए हैं। बावजूद अब तक रिसाव बंद नहीं हुआ है। उसमें बढ़ोत्तरी ही जारी है। प्रशासनिक स्तर पर रिसाव रोकने का प्रयास कहीं कुछ दिखाई नहीं पड़ रहा है। साथ ही हरपुर, धनकौल, मीनापुर बलहा में भी रिसाव जारी है।
अगर यही स्थिति रही तो रात में तटबंध का टूटना निश्चित है। लोगों ने बताया कि बेलसंड सीओ प्रिंस प्रकाश और पिपराढ़ी सीओ अनु प्रिया से बात करने पर उन्होंने मानव बल की कमी की बताई। उन्होंने ग्रामीणों को अपने स्तर से रिसाव को रोकने की सलाह दी।
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'नीतीश के सियासत की आखिरी कील है ट्रिपल S', Prashant Kishor का बड़ा दावा, कहा- RJD कमजोर, हमारी लड़ाई NDA से
राज्य ब्यूरो, पटना। जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) ने दो अक्टूबर को दल बनने से पहले पटना स्थित जन सुराज कैंप के एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। प्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि जन सुराज अभियान दो अक्टूबर को एक राजनीतिक दल बनने जा रहा है।
दल का स्थापना कार्यक्रम पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में दोपहर दो बजे होगा। इस कार्यक्रम में जन सुराज से जुड़े बिहार भर के लोग आ रहे हैं।
प्रशांत ने बताया कि दो अक्टूबर को पार्टी की स्थापना के दिन जन सुराज के नेता यानी अध्यक्ष, नेतृत्व परिषद और पार्टी के संविधान की घोषणा भी की जाएगी।
उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि वो न तो इस दल के नेता होंगे और नहीं नेतृत्व परिषद में शामिल होंगे। प्रशांत के मुताबिक वो पहले की तरह ही दल बनने के बाद भी बिहार की पदयात्रा करते रहेंगे।
उन्होंने ये भी बताया कि दल बनने के बाद अगले साल की शुरुआत में फरवरी-मार्च के महीने में पटना के गांधी मैदान से जन सुराज बिहार के समग्र विकास के लिए अपना ब्लूप्रिंट जारी करेगा।
उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को बताया जाएगा कैसे बिहार भी देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो सकता है। बिहार के हर एक पंचायत का अलग-अलग घोषणापत्र भी जारी किया जाएगा।
बिहार भाजपा अध्यक्ष को 10 लोग भी नहीं जानतेप्रशांत किशोर ने बीजेपी पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि अगर बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को किसी गांव में खड़ा कर दिया जाए, तो उन्हें 10 लोग भी नहीं पहचान पाएंगे।
उन्होंने कहा कि यह वही बीजेपी है, जो खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करती है, लेकिन बिहार में उसकी स्थिति दयनीय है।
उन्होंने कहा कि बिहार में बीजेपी के पास खुद का कोई मजबूत चेहरा नहीं है। नीतीश कुमार के साथ सरकार बनाकर बीजेपी खुद को डुबो रही है।
पीके ने कहा कि आज बीजेपी के पास बिहार में कोई स्पष्ट नेतृत्व नहीं है, इसीलिए उन्होंने 43 विधायकों के साथ नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाए रखा है।
प्रशांत किशोर ने इसे बीजेपी की बड़ी रणनीतिक गलती बताया और दावा किया कि इसका खामियाजा पार्टी को अगले चुनावों में भुगतना पड़ेगा।
नीतीश के सियासत की आखिरी कील साबित होगा ट्रिपल Sमुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि ट्रिपल S यानी - शराबबंदी, सर्वे (जमीन) और स्मार्ट मीटर नीतीश कुमार के राजनीतिक जीवन की "आखिरी कील" है।
शराबबंदी सिर्फ कागजों में है। जमीनी हकीकत यह है कि शराब की दुकानों को बंद कर दिया गया है, लेकिन होम डिलीवरी धड़ल्ले से चल रही है। जन सुराज शुरू से ही शराबबंदी के खिलाफ रहा है। हम मानते हैं कि इससे आने वाले राजस्व से राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में लगाया जा सकता है।- प्रशांत किशोर
झगड़े और संघर्ष का कारण बना जमीन सर्वेउन्होंने जमीन सर्वे के मुद्दे पर कहा कि यह सर्वे गांवों में झगड़े और संघर्ष की वजह बन रहा है। नीतीश सरकार द्वारा किया गया जमीन सर्वे अगले छह महीने में हर घर और गांव में झगड़े का कारण बनेगा, और हाल की घटनाओं ने यह साबित भी कर दिया है।
स्मार्ट मीटर पर उठाया सवालस्मार्ट मीटर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने बताया कि जिन उपभोक्ताओं ने स्मार्ट मीटर का उपयोग शुरू किया है, वे अब इसके खिलाफ हो गए हैं, क्योंकि उनके बिजली बिल में भारी बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा, लोगों के मन में यह धारणा बन गई है कि स्मार्ट मीटर के जरिए उनके बिलों में छेड़छाड़ की जा रही है।
आरजेडी की कोई ताकत नहीं बची: पीकेप्रशांत किशोर ने राजद पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि 2005 के बाद से आरजेडी की कोई ताकत नहीं बची है। राजद और उनके गठबंधन को पिछले कई चुनावों में सफलता नहीं मिली है। उन्होंने कहा "महागठबंधन की एकमात्र जीत भी नीतीश कुमार के चेहरे पर हुई थी, न कि आरजेडी के नाम पर।"
एनडीए से होगा हमारा मुकाबला, राजद बेहद कमोजरउन्होंने कहा कि इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और एनडीए ने 176 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बना रखी है, जबकि आरजेडी के पास मात्र 50 सीटों पर प्रभाव है।
उन्होंने दावा किया कि हमारा मुकाबला 176 सीटों वाले एनडीए से है, न कि कमजोर हो चुकी आरजेडी से है। उन्होंने यह भी बताया कि लालू यादव अपने दम पर सिर्फ एक बार चुनाव जीत पाए थे।
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Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने स्मार्ट मीटर को लेकर CM नीतीश के खिलाफ छेड़ी जंग, चुन-चुनकर दागे मुश्किल सवाल
राज्य ब्यूरो, पटना। स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर को लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच राज्य में कलह बढ़ती जा रही है। एक ओर विपक्ष स्मार्ट मीटर को ले सरकार पर हमलावर है तो वहीं सरकार इसका बचाव करने में जुटी है। इसी कड़ी में राज्य के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रविवार को एक बार फिर सरकार को घेरा।
तेजस्वी यादव ने अपने एक्स पर एक पोस्ट डाल कहा कि देशभर में सबसे कम प्रति व्यक्ति आय वाले राज्य में स्मार्ट मीटर लगा बिजली दरों को दोगुना कर एवं सबसे महंगी बिजली बेच नीतीश-भाजपा सरकार बिहारवासियों पर अत्याचार कर रही है। स्मार्ट मीटर के नाम पर हो रही सरकारी लूट से हर बिहारवासी त्रस्त है।
नए मीटर से लोगों का बिजली बिल डेढ़ से दो गुना बढ़ा: तेजस्वीउन्होंने पूछा कि बिहार के लगभग शत-प्रतिशत उपभोक्ताओं का ऐसा क्यों मानना है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद उनका बिजली बिल दोगुना या डेढ़ गुणा बढ़ा है? पूरे बिहार से शिकायतें आ रही हैं कि बिजली का बिल डबल हो गया है। सरकार बताए कि ऐसा क्यों हो रहा है?
हर महीने करोड़ों क वसूली कर रही सरकार: तेजस्वीउन्होंने आगे कहा कि स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी होने के कारण अगर यह मान लिया जाए कि हर घर से केवल ₹100 का ही फर्जीवाडा हो रहा है तो, नीतीश सरकार बिहार भर के उपभोक्ताओं से हर महीने हजारों करोड़ रुपए की अवैध राशि वसूल रही है।
स्मार्ट मीटर मुद्दा हर घर का मुद्दाउन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर मुद्दा हर घर से जुड़ा हुआ है और हर घर से स्मार्ट मीटर के विरुद्ध आवाज आ रही है। स्मार्ट मीटर के नाम पर बिजली कंपनियों, अधिकारियों और सत्तारूढ़ नेताओं की जो मिलीभगत है उसे तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा बिहार इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेट्री कमीशन और सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के गजट में स्मार्ट मीटर लगाने की कोई बाध्यता नहीं है तो, फिर सरकार किसके फायदे के लिए ऐसा कर रही है?
Bihar Flood: बिहार में जल प्रलय जैसे हालात! इन बराजों से छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी, 20 जिलों में तबाही का अलर्ट
जागरण टीम, पटना। नेपाल में हो रही भारी वर्षा के कारण बिहार में नदियों के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। स्थिति को देखते हुए राज्य के 20 जिले में अलर्ट जारी किया गया है।
इनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली, शिवहर, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, खगड़िया, भागलपुर शामिल हैं।
24 घंटे और तीन पाली में अगले 72 घंटों के लिए पटना स्थित मुख्यालय में वॉर-रूम सक्रिय है। नदियां और ऊफनाईं तो, बिहार के उत्तरी और मध्य परिक्षेत्र पर आफत गुजरेगी।
वाल्मीकिनगर बराज से छोड़ा गया 4 लाख 74 हजार क्यूसेक पानीपश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकिनगर बराज से शनिवार को चार लाख 74 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे दियारा क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बराज के सभी 36 फाटक उठा दिए गए हैं।
नेपाल के नारायणघाट से छोड़ा गया 6 लाख क्यूसेक पानीउधर, नेपाल के नारायणघाट से भी छह लाख 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, इससे पहाड़ी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। पश्चिमी चंपारण के गौनाहा प्रखंड के 200 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है।
कोसी बराज से भी छोड़ा गया 6 लाख क्यूसेक पानीशनिवार की रात 10 बजे तक कोसी बराज से छह लाख एक हजार 600 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। 1968 के बाद सबसे ज्यादा पानी एक दिन में छोड़ा गया है। 1968 में पांच अक्टूबर को 7.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।
कोसी क्षेत्र में पड़ने वाले मधुबनी के प्रखंड क्षेत्रों में स्थिति गंभीर हो गई है। पानी तेजी से बढ़ रहा है। कई जगहों पर घरों में पानी प्रवेश करना शुरू हो गया है। शाम तक जहां हल्का पानी था, वहां कमर से ज्यादा पानी हो गया है।
अत्यधिक जलस्राव को देखते हुए नेपाल प्रशासन ने कोसी बराज होकर आवाजाही पर रोक लगा दी है। मुख्य अभियंता ई, वरुण कुमार ने बताया कि फिलहाल कोसी बांध और बराज पर कोई खतरा नहीं है। तटबंध पर पूरी निगरानी बरती जा रही है।
नरकटियागंज में उफान पर पहाड़ी नदियांपश्चिम चंपारण के नरकटियागंज में पंडई, मनियारी, हरबोड़ा, बिरहा, गांगुली, कटहा सहित दर्जन भर नदियां उफान पर हैं।
मधुबनी से सटे कोसी बराज से शाम तक 5.79 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। लौकही में तिलयुगा नदी के डगमारा में डायवर्जन के ऊपरी पुल पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है।
शिवहर व सुपौल में भी रौद्र रूप दिखा रही नदियांशिवहर में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। सीतामढ़ी में भी बागमती, लालबकेया, झीम व रातो नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है।
सुपौल के छातापुर में सुरसर, गैड़ा व मिरचैया आदि नदियों में भी बाढ़ आ गई है, जिससे सैकड़ों एकड़ में लगी फसल जलमग्न हो गई है। सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड में बांध टूटने से कई घरों में पानी प्रवेश कर गया है।
सुपौल के डीएम कौशल कुमार का कहना है कि तटबंध के अंदर के लोगों को सुरक्षित स्थान जाने के लिए अलर्ट कर दिया गया है।
किशनगंज और अररिया में भी जल-प्रलय जैसे हालातकिशनगंज और अररिया से गुजरने वाली महानंदा, मेची, कनकई, रतुआ, नूना, परमान, पनार, बकरा आदि नदियों में भी बाढ़ आ गई है। नेशनल हाइवे 327ई अररिया-बहादुरगंज मार्ग पर कनकई नदी का पानी एक से डेढ़ फीट तक बह रहा है।
गोपालगंज जिले में वाल्मीकिनगर बराज से अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है।
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Bihar Education News: पटना के 117 निजी स्कूलों की मान्यता पर मंडरा रहा खतरा, शिक्षा विभाग ने दिया फाइनल अल्टीमेटम
जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी के 117 निजी स्कूलों की मान्यता पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द करने के साथ बोर्ड से उनकी संबद्धता रद्द कराई जा सकती है।
मामला ई शिक्षाकोष पोर्टल पर आधार कार्ड नंबर के साथ नामांकित छात्रों की संख्या की प्रविष्टि करने से जुड़ा है। इसमें शहरी क्षेत्र के सबसे ज्यादा 76 स्कूल शामिल हैं।
उन्हें दो दिनों में प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया गया है। ऐसा नहीं करने पर स्कूलों के ऊपर कार्रवाई तय मानी जा रही है। जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने सभी स्कूलों के निदेशक और प्राचार्य को इस संबंध में पत्र लिखा है।
पत्र में कहा गया है कि सभी निजी स्कूलों के निदेशकों व प्राचार्यों को 12 अगस्त को पत्र भेजकर नामांकित बच्चों का वर्गवार आधार संख्या के साथ ई शिक्षाकोष पोर्टल पर सूचना प्रविष्टि का निर्देश दिया गया था, लेकिन विभागीय निर्देश के बावजूद अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की प्रविष्टि पोर्टल पर अपलोड करना शुरू नहीं की गई है। यह सरकारी निर्देश का पूरी तरह उल्लंघन है जो बेहद खेदजनक है। इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।
एक अक्टूबर से रद्द करने की कार्रवाई की जाएगीस्कूलों की सूची संलग्न करते हुए डीईओ ने कहा है कि जो विद्यालय 30 सितंबर से प्रविष्टि शुरू नहीं करेंगे तो बिहार राज्य बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली के नियम 11 के उपनियम के अंतर्गत निजी स्कूलों की प्रस्वीकृति दी गई है, उसे एक अक्टूबर से रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।
इतना ही नहीं जिन विद्यालयों को सीबीएसई, आइसीएसई बोर्ड से मान्यता मिली है, संबंधित बोर्ड को संबद्धता रद्द करने की अनुशंसा की जाएगी। इसलिए यथाशीघ्र पोर्टल पर बच्चों से संबंधित सूचना की एंट्री कराना सुनिश्चित करें।
सबसे ज्यादा सदर प्रखंड में 76 जबकि फुलवारीशरीफ एवं नौबतपुर में पांच-पांच स्कूल इस सूची में शामिल हैं। अन्य प्रखंडों में इनकी संख्या एक से चार के बीच है।
पटना के थानों में DIG राजीव मिश्रा के औचक निरीक्षण से हड़कंप, गर्दनीबाग थानेदार और SDPO को लगाई फटकार
जागरण संवाददाता, पटना। डीआइजी सह एसएसपी राजीव मिश्रा शनिवार सुबह राजधानी पटना के शहरी क्षेत्र में मार्निंग पेट्रोलिंग और थानों का निरीक्षण करने पहुंच गए। गर्दनीबाग थाना से शुरूआत करते हुए बेउर, जक्कनपुर, गांधी मैदान, कोतवाली और गांधी मैदान ट्रैफिक थाना पहुंचे।
गर्दनीबाग थाने में उन्हें ओडी अफसर को छोड़कर अन्य पुलिस पदाधिकारी नजर नहीं आए। उन्होंने गर्दनीबाग थानेदार को मौके पर बुलाया और बाकी के पदाधिकारी में कौन कहां है? इसके बारे में पूछा। डीआईजी ने फटकार लगाते हुए गर्दनीबाग थानेदार से स्पष्टीकरण मांगा।
अटल पथ पर भी किया निरीक्षणजब वह अटल पथ पर पहुंचे तो वहां चार की जगह महज एक पुलिसकर्मी मिले। वाहन जांच में लापरवाही और थानों में ड्यूटी के प्रति सुधार लाने का निर्देश दिया गया है।
एसएसपी ने बताया कि सुबह शहरी क्षेत्र में थानों के साथ कुछ स्थानों पर पेट्रोलिंग का निरीक्षण किया गया। कोतवाली, जक्कनपुर सहित अन्य थानों में पुलिस बल के साथ पदाधिकारी भी मिले। पार्क और संवेदनशील इलाकों में मार्निंग पेट्रोलिंग भी हो रहा था।
उन्होंने बताया कि गर्दनीबाग थाने में सिर्फ एक पुलिस पदाधिकारी जो ओडी अफसर के रूप में थे, वहां मौजूद मिले। जबकि कम से कम तीन चार और पदाधिकारी को मौजूद होना चाहिए था।
अटल पथ पर जांच में लापरवाही पर मांगा निर्देशउन्होंने बताया कि अटल पथ पर भी वाहन जांच का निर्देश दिया गया है। वाहन जांच के दौरान पुलिस को पूरी तैयारी के साथ होना चाहिए। हो सकता है कि वाहन जांच के दौरान किसी अपराधी से आमना-सामना हो जाए। अटल पथ पर वाहन जांच के दौरान सिर्फ एक पुलिसकर्मी मिले, जबकि उनकी संख्या चार होनी चाहिए थी।
उन्होंने बताया कि वाहन जांच के दौरान इस तरह की लापरवाही कैसे हुई? स्पष्टीकरण मांगा गया है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई भी होगी। गश्ती और वाहन जांच को लेकर सभी एसडीपीओ को दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
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Bihar Flood Alert: बिहार में बाढ़ के बीच नित्यानंद ने लोगों को दिया आश्वसन, बोले- नेपाल से आने वाले पानी पर बनी है नजर
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में भारी बारिश एवं बाढ़ की तैयारियों को लेकर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि आपदा से बचाने की मुक्कमल तैयारी है। एनडीआरएफ की टीम सतर्क है।
राहत एवं बचाव कार्य को लेकर केंद्र सरकार एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हर संभव मदद के लिए तत्पर हैं। नेपाल से आने वाले पानी पर केंद्रीय टीम की भी नजर बनी हुई है।
नित्यानंद राय ने आगे कहा कि बिहार सरकार तत्परता के साथ स्थिति को निपटने में जुटी है। एनडीआरएफ की 11 टीमें लगाई गई हैं। आठ और टीम रिजर्व रखा गया है। एनडीआरएफ हर परिस्थिति में बिहार में बाढ़ से प्रभावित लोगों को रेस्क्यू करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ और एनडीआरएफ साथ मिलकर काम कर रही हैं। बिहार के लोगों को इस आपदा से चिंता करने के जरूरत नहीं है। बाढ़ नियंत्रण के लिए साढ़े ग्यारह हजार करोड़ रुपये पहली बार मिला है।
लालू पर पलटवारबाढ़ तैयारियों को लेकर राजद के कटाक्ष पर नित्यानंद ने कहा कि उस समय का दूध घोटाला करने वाली पार्टी के नेता लालू यादव और उनके पुत्र अभी दुबई का दौरा कर रहे हैं यानी उन्हें बिहार से कोई मतलब नहीं है।
विपक्ष को लेकर किए गए प्रश्न पर नित्यानंद ने कहा कि बिहार में बाढ़ की स्थिति को लेकर ना लालू चिंता करें और ना ही तेजस्वी। लालू की सरकार में बाढ़ जैसी आपदा के समय दूध का घोटाला हुआ था। कई बच्चो को दूध नहीं मिला जिसके कारण मौत हो गई थी। उस वक्त कई अधिकारी जेल गए थे। उस समय के कई नेता अभी भी हैं।
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Durga Puja 2024: दुर्गा पूजा में पंडाल रखने वालों को क्या-क्या नहीं करना है? आ गया प्रशासन का नया ऑर्डर, पढ़ें डिटेल
संवाद सहयोगी, दानापुर। दुर्गा पूजा को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सजग है। पूजा को लेकर दानापुर थाना में शांति समिति की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार भारद्वाज ने की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम मातृशक्ति का आराधना और पूजा करते हैं। इसमें शुद्धता व पवित्रता का ध्यान रखते हैं।
उन्होंने अपील की कि पूजा के दौरान शुद्धता और पवित्रता बनाए रखें। आपके सहयोग के लिए प्रशासन तैयार रहेगा। उन्होने कहा कि डीजे पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। इसके लिए डीजे वालो से भी पांच लाख रुपये का बॉन्ड भरवाया जायेगा। पंडाल में सुरक्षा की पूरी व्यवस्था रखे।
उन्होंने कहा कि पंडाल के सामने लोग लाईट व साउंडबॉक्स आदि लगा देते है। जिससे जाम की समस्या हो जाती है। उसका ध्यान रखें, पंडाल के सामने वैसी व्यवस्था नहीं होगी।
पूजा और विसर्जन के जुलुस में भक्ति गीत बजाने का निर्देशथानाध्यक्ष ने आगे कहा कि पूजा और विसर्जन के दौरान किसी भी तरह की राजनीतिक गीत और उसकी कुछ झांकी प्रस्ततु नहीं किया जायेगा। पूजा और विसर्जन के जुलुस में भक्ति गीत बजने चाहिए।
पंडालों में सीसीटीवी और अग्निशमन यत्र रखना जरूरी है। उन्होने कहा कि अगर किसी भी पूजा पंडाल व विसर्जन वाली मार्ग पर कोई समस्या या कोई अन्य समस्या हो तो पहले सूचित कर दें ताकि उनका निदान किया जा सके।
बैठक में पूजा समिति के लोगों ने कई सुझाव दिए। थानाध्यक्ष ने कहा कि पुलिस को आप सहयोग करें पुलिस आपके साथ है। अफवाह फैलाने वालों से सावधान रहें।
बैठक में बलदेव मेहता पार्षद रिक्की वालिया, बिनोद कुमार, पार्षद नंदलाल राय, पूर्व पार्षद मासूम अली समेत विभिन्न पूजा समिति व शांति समिति के लोग उपस्थित थे।
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Bihar Flood Alert: बिहार में बाढ़ से हाल बेहाल, कई घर पानी में समाए; रेलवे ट्रैक पर पानी चढ़ने से ट्रेनें कैंसिल
जागरण टीम, पटना। बिहार में भारी के बाद लगभग सभी नदियों में उफान आ गया है। नेपाल में भी भारी वर्षा के कारण आज (29 सितंबर 2024) सुबह पांच बजे कोसी बराज, वीरपुर से 6,61,295 क्यूसेक जलस्राव हुआ है, जो 1968 के बाद सर्वाधिक है। तटबंधों की सुरक्षा के लिए जल संसाधन विभाग की टीमें दिन-रात तत्पर हैं।
अररिया में भी बाढ़ की भयावह स्थितिपलासी प्रखंड में बकरा नदी पर मनरेगा से बना बांध ककोड़वा और डेहटी मीरभाग के समीप कुछ हिस्से में देर रात टूट गया। डेहटी मीरभाग में लगभग 60 फीट ताे ककोड़वा में 10-15 फीट बांध टूटा है।
इसके कारण दक्षिण डेहटी और भिखा पंचायत में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। पानी आने से दक्षिण डेहटी पंचायत ज्यादा प्रभावित हुआ है।
इधर बकरा, नूना, परमान और कनकई नदी में पानी घटने की रफ्तार बहुत सुस्त है। बाढ़ प्रभावित सिकटी, पलासी, जोकीहाट, कुर्साकांटा और फारबिसगंज प्रखंड क्षेत्रों में स्थिति अभी भी यथावत है।
बाढ़ से दो दर्जन से अधिक पंचायत प्रभावित है। बाढ़ नियंत्रण विभाग के सहायक अभियंता कमल कुमार ने बताया कि नदी का पानी घट-बढ़ रहा है। पलासी में बकरा नदी पर मनरेगा से बना बांध दो जगहों पर टूटा है। फिलहाल वहां तक जाने का रास्ता नहीं होने के कारण मरम्मत कार्य शुरू नहीं हुआ है।
इधर, घर-आंगन में पानी आने से लोग अपने स्वजन या फिर ऊंचे स्थलों पर शरण ले रहे हैं। प्रशासन के द्वारा सारी व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है।
बांका में रामचुआ नहर टूटने से 50 एकड़ खेत में धान फसल प्रभावितबांका जिला के शंभूगंज प्रखंड में रामचुआ नहर बारिश के पानी के दबाव में टूटने से लगभग 50 एकड़ खेत में लगे धान फसल प्रभावित होने की संभावना है। किसान खेत से पानी निकालने में जुटे हैं। अगर खेत से पानी नहीं निकला तो धान फसल क्षति होने की संभावना है।
रामचुआ नहर बदुआ नदी से जुड़ा है। इससे रामचुआ एवं छत्रहार पंचायत के गोयड़ा, बालाची, सहरोय सहित अन्य गांव के किसानों के खेत प्रभावित होने का अनुमान है।
किसान रविन्द्र सिंह ने कहा कि लगातार तीन दिनाें की बारिश के कारण पानी के दवाब के कारण नहर एक जगह टूट गई है। इस कारण नहर से पानी खेत की तरफ बह रहा है।
दरभंगा जिले में कोसी व कमला बलान के जलस्तर में तेजी से वृद्धिदरभंगा में कोसी व कमला बलान के जलस्तर में वृद्धि से दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान पूर्वी, किरतपुर, घनश्यामपुर व गौड़ाबौराम प्रखंड क्षेत्र के खेत खलिहान में तेजी से पानी फैल रहा है। कुशेश्वरस्थान पूर्वी अभी खेतों में लगी फसल सुरक्षित है।
जलस्तर में वृद्धि जारी रही तो फसल डूबने की स्थिति हो जाएगी। किरतपुर प्रखंड क्षेत्र के चार पंचायत के एक दर्जन गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।
गौड़ाबौराम प्रखंड में रहिटोल जाने वाली सड़क पर कमला नदी का पानी चढ़ गया है। रहिटोल के चतरा गांव के लगभग पांच सौ घरों के लोगों का आवागमन बाधित हो गया है। अब नाव ही सहारा है।
घनश्यामपुर में कमला नदी की जलस्तर में वृद्धि से दोनों तटबंध के बीच बसे बाउर, नवटोलिया, बैजनाथपुर, कनकी मुसहरी, कैथाही, पुनर्वास टोला, लगमा मुसहरी, जमरी डीह टोल आदि गांव की सभी सड़कें पानी में डूब गई हैं।
जोगबनी स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर लगा पानी, ट्रेन को किया गया रद्दनेपाल भूभाग के पानी का असर अब रेलवे के परिचालन पर भी दिखने लगा है। भारत के जोगबनी सीमा से सटे नेपाल में हुई भारी बारिश का पानी जोगबनी के टिकुलिया बस्ती में शनिवार की देर संध्या से प्रवेश करने लगा है। जिसका असर रेलवे ट्रैक पर दिख रहा है। पानी रेलवे ट्रैक पर जमा हो गया है।
इस कारण जोगबनी से खुलने वाली सभी ट्रेनों को अगले आदेश तक के लिए रद्द किया गया है। फिलहाल सभी ट्रेनों का परिचालन रविवार सुबह से फारबिसगंज से हो रहा है। विदित हो कि नेपाल से सटे भारतीय क्षेत्र में जोगबनी अंतिम रेलवे स्टेशन है। जहां से कटिहार के लिए सीधी रेल का परिचालन होता है।
बराज पर घटा दबाव, तटबंध के भीतर कहर ढा रही कोसीनेपाल में कोसी और अन्य नदियों के जल ग्रहण क्षेत्र में हुई भारी वर्षा के कारण उफनाई नदियों का जलस्तर सामान्य होने की ओर बढ़ रहा है। सुपौल जिला स्थित कोसी बाराज पर जलश्राव घटाव की स्थिति में है।
हालांकि, यहां अब भी सुबह 9:00 बजे तक 6.28 लाख और 10 बजे 6.12 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज दर्ज किया गया। कोसी बराज से करीब 50 मीटर दूर नेपाल स्थित वराह क्षेत्र में सुबह नौ बजे जलश्राव 2.90 लाख क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया है।
कोसी बराज से निकली यह अपार जलराशि तेजी से सहरसा होते हुए खगड़िया की ओर बढ़ रही है। इसके चलते कोसी तटबंध के भीतर करीब 300 गांवों में बाढ़ की स्थिति बन गई है।
लोग सुरक्षित स्थान की ओर पलायन कर रहे हैं। कई लोगों ने कोसी तटबंध के ऊपर माल मवेशी के साथ डेरा डाल रखा है। जो लोग तटबंध के भीतर ही किसी ऊंचे स्थल की ओर चले गए थे, उनके लिए खतरा बढ़ गया है।
कोसी नदी इन ऊंचे स्थलों का भी कटाव कर रही है। तटबंध के भीतर कई जगहों पर सुरक्षा बांध के टूट जाने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। घर डूब गए हैं। सैकड़ों एकड़ में लगी फसलें जलमग्न हो चुकी हैं। यहां
नाव के लिए मारामारी मची है। जिन लोगों के पास अपनी नाव है, वे माल मवेशी रखकर सुरक्षित स्थान की ओर निकल पड़े हैं। सहरसा में तटबंध के 74 किलोमीटर पर डुमरा के समीप स्पर कटने से करीब 50 घर पानी में डूब गए हैं।
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