Bihar News
Lalu Yadav: 'प्रधानमंत्री मोदी मखाना खाकर...', लालू का PM पर तंज; बोले- वो 350 दिन बिहारी भूंजा खाएंगे
राज्य ब्यूरो, पटना। केंद्र सरकार मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा कर चुकी है। उसका उल्लेख करते हुए सोमवार को भागलपुर की अपनी जनसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मखाना और किसानों की प्रशंसा करते हुए कहा था कि वे स्वयं इस सुपरफूड का सेवन करते हैं। प्रधानमंत्री ने दिन भी बता दिए।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) ने उस बात को लपक लिया है। इंटरनेट मीडिया 'एक्स' पर पोस्ट कर उन्होंने खूब कटाक्ष किया। लालू ने लिखा कि अबकी बार तो हमारे प्रश्नों पर प्रधानमंत्री ने वर्ष में 300 दिन ही मखाना खाने की बात कही है। अगली बार 350 दिन वे बिहारी भूंजा खाएंगे। 100 दिन भागलपुरी सिल्क पहनेंगे।
'गंगा मैया में डुबकी लगाएंगे'उन्होंने आगे लिखा, मोदी छठ मइया का व्रत करेंगे। गंगा मैया में डुबकी लगाएंगे। जानकी मैया के मंदिर जाएंगे। बिहार से बचपन का रिश्ता स्थापित करेंगे। मधुबनी पेंटिंग्स का गमछा या कुर्ता पहनेंगे।
भोजपुरी, मगही, अंगिका, बज्जिका, सुरजापुरी और मैथिली भाषा की दो-चार उधारी पंक्तियों से संबोधन की शुरुआत करेंगे। जननायक कर्पूरी ठाकुर, लोकनायक जयप्रकाश नारायण और अन्य महापुरुषों से संबंध बताएंगे।
तेजस्वी ने भाजपा को बताया आरक्षण-खोर, यूजर्स ने सुनाई खरी-खोटीबिहार सरकार और विशेषकर भाजपा पर आक्षेप लगाते समय विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बोल अतिशय आक्रामक हो जाते हैं। इंटरनेट मीडिया एक्स पर पोस्ट कर उन्होंने भाजपा को आरक्षण चोर तक की संज्ञा दे दी है। हालांकि, इस पोस्ट पर यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रियाओंं से उनकी खूब लानत-मलामत की है।
तेजस्वी बता रहे कि "जैसे आदमखोर लोग होता है, आदमखोर का मतलब जानते हैं ना, वैसे ही भाजपा आरक्षण खोर है और आरक्षण चोर है"।
इसके अलावा वे कह रहे कि "हमारे 17 महीनों के अल्प कार्यकाल में हमने जाति आधारित गणना कराई और अनुसूचित जाति-आदिवासियों समेत पिछड़े और अति-पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 65 प्रतिशत तक किया। हालांकि, भाजपा सरकार ने इसे संविधान की नौंवी अनुसूची में न डालते हुए उल्टा मामले को केस में फंसा दिया।"
परिणाम यह हुआ कि हमारे द्वारा की गई 35,0000 प्रक्रियाधीन नौकरियों में आरक्षण लागू नहीं हो पाया। इससे अनुसूचित जाति-आदिवासी, पिछड़े-अति पिछड़े वर्ग के लगभग 50,000 युवाओं का सीधा नुकसान हो रहा है, इसलिए इस बार हम सब को एकजुट होकर इस बार के चुनाव में भाजपा व राजग-रूपी आरक्षण चोरों को जमकर सबक सिखाना है।
यूजर्स ने क्या लिखा?मोहम्मद आदिल नामक यूजर ने लिखा है कि "इसी अल्प कार्यकाल में आपने बिहार के छात्रों का भविष्य बर्बाद कर दिया और अब गर्व कर रहे हैं।"
भूपेंद्र त्रिपाठी ने लिखा है कि "योग्यता के बलबूते पर आप 100 प्रतिशत नौकरी ले जाओ, कोई नहीं रोक रहा।"
ये भी पढ़ें- Bihar Politics: नित्यानंद राय ने कह दी लालू के दिल पर चोट लगने वाली बात, क्या RJD करेगी बर्दाशत?
ये भी पढ़ें- Bihar Politics: 'बिहार और बिहारियों की गजब...', पीएम के भाषण के बाद क्या बोले तेजस्वी यादव? जमकर किया कटाक्ष
Bihar: सवर्ण-ओबीसी, किस जाति के कितने मंत्री? चुनाव से पहले NDA ने यूं ही नहीं खेला 'मास्टर स्ट्रोक'
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) से पहले बुधवार को नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार (Nitish Cabinet Expansion) हुआ। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सात विधायकों ने राजभवन के राजेन्द्र मंडप में मंत्री पद की शपथ ली। करीब 25 मिनट तक चले समारोह में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां ने नए मंत्रियों को शपथ दिलायी।
मंत्री पद की शपथ लेने वाले विधायकों में संजय सरावगी, डॉ. सुनील कुमार, जीवेश कुमार, राजू कुमार सिंह, मोतीलाल प्रसाद, कृष्ण कुमार मंटू और विजय कुमार मंडल शामिल हैं।
इनमें संजय सरावगी और जीवेश कुमार ने मैथिली में शपथ ली। नए मंत्रियों में वैश्य से दो, राजपूत, भूमिहार, कुर्मी, कुशवाहा एवं निषाद जाति से एक-एक मंत्री शामिल हैं।
चुनाव से पहले एनडीए का विपक्ष पर 'मास्टर स्ट्रोक'पिछले 11 महीने से नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार टल रहा था, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा कोटे के सात नए मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल कर एनडीए ने विपक्षी दलों पर 'मास्टर स्ट्रोक' का दांव खेला है, क्योंकि जिन सात मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है। उसमें सामाजिक समीकरण को भी भाजपा ने साधने का काम किया है।
मंत्री पद की शपथ लेने वाले सभी विधायक बिहार के अलग-अलग क्षेत्रों से भी आते हैं। ऐसे में उन क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व के तौर अगर किसी को मंत्री बनने का मौका मिलता है तो निश्चित तौर पर इसका असर बिहार विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिलेगा। भाजपा ने मिथिलांचल क्षेत्र के महत्व को समझते हुए इस इलाके से दो विधायकों को मंत्री बनाया है।
कौन-किस जाति से?इसमें संजय सरावगी वैश्य समाज से तो जीवेश कुमार भूमिहार जाति से हैं। वहीं, भाजपा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले बिहारशरीफ के विधायक डॉ. सुनील कुमार (कुशवाहा), सारण जिले के अमनौर से विधायक कृष्ण कुमार मंटू (कुर्मी), अररिया जिले के सिकटी से विधायक विजय कुमार मंडल (निषाद), साहेबगंज के विधायक राजू कुमार सिंह (राजपूत) और रीगा के विधायक मोती लाल प्रसाद (वैश्य) को मंत्रिमंडल में शामिल कर अत्यंत पिछड़ा व पिछड़ा वर्ग के अलावा सवर्ण जातियों को भी साधा है।
दिलीप जायसवाल ने दिया इस्तीफामंत्रिमंडल विस्तार से पहले नीतीश सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। भाजपा के सूत्रों ने बताया कि एक व्यक्ति, एक पद के सिद्धांत के तहत डा.दिलीप जायसवाल ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। अब दिलीप जायसवाल सिर्फ बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर बने रहेंगे।
शपथ ग्रहण समारोह में ये रहे मौजूदमुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, संसदीय कार्य एवं जल संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा, स्वास्थ्य व कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय, सूचना व जन संपर्क मंत्री महेश्वर हजारी, नगर विकास एवं आवास मंत्री नितिन नवीन, विज्ञान, प्रावैधिकी व तकनीकी शिक्षा मंत्री सुमित कुमार सिंह, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री नीरज कुमार सिंह मौजूद रहे।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री जनक राम,पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु देवी, परिवहन मंत्री शीला मंडल, ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा. दिलीप जायसवाल, सांसद डा. संजय जासवाल व राधामोहन सिंह समेत अन्य विधायक एवं विधान पार्षद समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।
ये भी पढ़ें- Bihar Cabinet Expansion: नीतीश कैबिनेट का विस्तार, BJP के 7 विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ
ये भी पढ़ें- Vijay Mandal Minister: विजय मंडल को मंत्री बनाने की INSIDE STORY? बहुत दूर की सोच रहे नीतीश कुमार
Bihar Cabinet Expansion: नीतीश कैबिनेट का विस्तार, BJP के 7 विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ
डिजिटल डेस्क, पटना। नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार (Bihar Cabinet Expansion) हो गया है। 7 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। इसी के साथ बिहार में 36 मंत्रियों का कोटा भी पूरा हो गया है। खास बात यह है कि विधानसभा चुनाव से पहले किए गए मंत्रिमंडल विस्तार में जदयू के एक भी विधायक को मंत्री पद नहीं मिला। सभी 7 विधायक बीजेपी के हैं।
कौन-कौन बना मंत्री?- संजय सरावगी (दरभंगा से बीजेपी विधायक)
- सुनील कुमार (बिहारशरीफ से बीजेपी विधायक)
- जीवेश कुमार (जाले से बीजेपी विधायक)
- राजू सिंह (साहेबगंज से बीजेपी विधायक)
- मोती लाल प्रसाद (रीगा से बीजेपी विधायक)
- कृष्ण कुमार मंटू (अमनौर से बीजेपी विधायक)
- विजय मंडल (सिकटी से बीजेपी विधायक)
दरभंगा विधानसभा से विधायक संजय सरावगी को नीतीश कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है। दरभंगा से नवंबर 2010, 2015 और 2020 में उन्हें लगातार सफलता मिली। संजय सरावगी वर्तमान में प्राक्कलन समिति के सभापति हैं। इसके साथ ही दो-दो कॉलेज में शासी निकाय अध्यक्ष और दो-दो विश्वविद्यालय में अभिषद सदस्य हैं। यहां क्लिक कर उनके बारे में विस्तार से जानिए
सुनील कुमार-बिहारशरीफ से बीजेपी विधायक सुनील कुमार को भी नीतीश कैबिनेट में जगह मिली है। उनकी छवि एक ईमानदार नेता की रही है। डॉ. सुनील कुमार बिहार विधानसभा के चार बार सदस्य रह चुके हैं। यहां क्लिक कर उनके बारे में विस्तार से जानिए
जीवेश कुमार-जीवेश कुमार जाले विधानसभा से बीजेपी के विधायक हैं। उन्हें 2015 पहली बार जाले विधानसभा से टिकट मिला और वे कमल निशान से निर्वाचित हुए। पार्टी ने उन्हें 2016 प्रदेश प्रवक्ता की जिम्मेदारी दी। इसके बाद 2020 में जाले विधानसभा से दूसरी बार भाजपा से विधायक बने और राज्य सरकार में मंत्री बने। यहां क्लिक कर उनके बारे में विस्तार से जानिए
मोतीलाल प्रसाद-रीगा से बीजेपी विझायक मोतीलाल प्रसाद भी नीतीश कैबिनेट में मंत्री बनाए गए हैं। उनका जन्म 2 जुलाई 1961 को हुआ था। मोतीलाल बीजेपी में सीनियर लीडर हैं। कार्यकर्ताओं में उनकी अच्छी-खासी पैठ है। वह दो बार विधायक रह चुके हैं। यहां क्लिक कर उनके बारे में विस्तार से जानिए
कृष्ण कुमार मंटू-अमनौर से बीजेपी विधायक कृष्ण कुमार मंटू पर नीतीश ने भरोसा जताया है। उन्हें कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है। मंटू ने 2010 और 2020 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। वहीं, 2015 में उनको हार का सामना करना पड़ा। यहां क्लिक कर उनके बारे में विस्तार से जानिए
विजय मंडल-पांच बार के विधायक विजय कुमार मंडल को भी दूसरी बार मंत्री बनाया गया है। विधायक विजय कुमार मंडल को अपने पिता व क्षेत्र के कद्दावर नेता नंदकेश्वर मंडल से राजनीतिक विरासत मिली। यहां क्लिक कर उनके बारे में विस्तार से जानिए
राजू सिंह-साहेबगंज से बीजेपी विधायक राजू सिंह को मंत्री बनाया गया है। बिहार विधानसभा के इस साल होने वाले चुनाव में यह महत्वपूर्ण फैक्टर होगा। यह इसलिए भी कि राजू सिंह चार दलों से अपनी राजनीतिक पारी खेल चुके हैं। यहां क्लिक कर उनके बारे में विस्तार से जानिए
मंत्रिमंडल विस्तार से पहले बिहार की राजनीति में क्या-क्या हुआ?इससे पहले, बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जयसवाल ने कहा, "आज शाम 4 बजे राज्यपाल राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह के लिए सहमत हो गए हैं। बीजेपी के कोटे से सात मंत्रियों के शपथ लेंगे। हमारी राज्य इकाई की बैठक 4 मार्च को होगी, जहां हमारी पार्टी के नए अध्यक्ष (बिहार के) का चुनाव किया जाएगा।"
#WATCH | Patna | Bihar BJP president Dilip Jaiswal says, "Today, at 4 pm, the governor has agreed to the oath-taking ceremony at Raj Bhavan. Seven ministers, all from the BJP's quota, are expected to take the oath. A meeting of our state unit will be held on March 4, where the… pic.twitter.com/1UaQCaqUMI
— ANI (@ANI) February 26, 2025#WATCH | Bihar BJP leaders hold a meeting at the party office in Patna ahead of State Cabinet expansion today pic.twitter.com/M3L205sdx5
— ANI (@ANI) February 26, 2025मंत्रिमंडल विस्तार से पहले बीजेपी ने की बैठकबिहार भाजपा नेताओं ने आज राज्य मंत्रिमंडल विस्तार से पहले पटना में पार्टी कार्यालय में बैठक की।
सीएम नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और बीजेपी के राज्य प्रमुख जयसवाल के आवासों पर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गईं। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने कथित तौर पर नए मंत्रियों की अंतिम सूची को मंजूरी दे दी।
#WATCH | Patna | Ahead of Bihar Cabinet expansion today, BJP MLA Vijay Kumar Mandal says, "I got a phone call from the party to be present at the party office here today." pic.twitter.com/3CHM3ohQBa
— ANI (@ANI) February 26, 2025दिलीप जायसवाल ने मंत्री पद से दिया इस्तीफादूसरी ओर, बिहार के राजस्व मंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जयसवाल ने पार्टी की 'एक व्यक्ति, एक पद' नीति का हवाला देते हुए अपने मंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा की है।
जयसवाल ने बताया, "मैं राजस्व मंत्री के पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं। 'एक व्यक्ति, एक पद' वह सिद्धांत है जिस पर पार्टी काम करती है। मैं आभारी हूं कि केंद्रीय नेतृत्व ने मुझे पार्टी की राज्य इकाई की जिम्मेदारी दी है।"
बता दें कि जायसवाल को 18 जनवरी को भाजपा का बिहार प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
ये भी पढ़ें- बिहार में अचानक बढ़ी सियासी सरगर्मी, BJP प्रदेश अध्यक्ष का मंत्री पद से इस्तीफा; कैबिनेट विस्तार की अटकलें
Bihar News: पटना में अखिल भारतीय अर्धसैनिक सेवा संगीत, नृत्य और लघु नाट्य प्रतियोगिता की शुरुआत
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सचिवालय स्पोर्ट्स फाउंडेशन के तत्वावधान में केंद्रीय सिविल सेवा सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा बोर्ड, भारत सरकार के मार्गदर्शन में 'अखिल भारतीय अर्धसैनिक सेवा संगीत, नृत्य एवं लघु नाट्य प्रतियोगिता 2024-25' का आज भव्य शुरुआत हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ अपराह्न 5:30 बजे उर्जा ऑडिटोरियम, राजवंशी नगर, पटना में हुआ, जब मुख्य अतिथि बिहार के मुख्य-सचिव अमृतलाल मीणा, विशिष्ट अतिथि के रूप में बिहार के विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, आयोजन समिति के अध्यक्ष-सह-सचिव, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग प्रणव कुमार, आयोजन समिति के सचिव वित्त विभाग के विशेष सचिव राहुल कुमार जी और अन्य गणमान्य का पुष्पगुच्छ से स्वागत कर के किया गया।
इसके बाद विभिन्न राज्यों से प्रतिभागियों द्वारा मार्च पास्ट करके झाँकी निकाला गया। बारी-बारी से मंच से गुज़रते हुए उन्होंने अपनी कलात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन किया। सबसे पहले भुवनेश्वर की टीम मंच से झांकी निकालते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज की। दूसरी टीम छत्तीसगढ़ की थी जो मंच से गुजरी। तीसरी टीम सेंट्रल सेक्रेटेरियट की थी और उसके बाद दिल्ली एनसीआर की टीम थी। इसी तरह से क्रमशः हर राज्य से आये टीमों ने बारी बारी से मंच से गुजरते हुए उपस्थित गणमान्य अतिथियों और दर्शकों का अभिवादन किया।
6:30 बजे सभागार के अंदर मंच पर पर दीप प्रज्वलन के साथ सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ हुआ। पुस्तक विमोचन के पश्चात अतिथियों ने अपने विचार व्यक्त किए। विशिष्ट अतिथि के रूप में बिहार के विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत ने उपस्थित प्रतिभागियों और दर्शकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इतनी संख्या में आप लोग विभिन्न राज्यों से यहाँ आए हैं यह गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि बिहार ही अकेला राज्य है जहाँ उगते सूरज के साथ ही डूबते हुए सूरज को भी अर्घ्य दिया जाता है। आप लोग जब अपने घर -राज्य जाएंगे तो आपके साथ बिहार की अच्छी यादें होनी चाहिए। एक तरह से आप लोग बिहार के ब्रांड एंबेसिडर के तौर पर यहाँ से जाएंगे और यहां की अच्छी छवि देश के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचाएंगे।
आयोजन समिति के अध्यक्ष-सह-सचिव, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग प्रणव कुमार उपस्थित सभा में उपस्थित संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग का बिहार की धरती पर स्वागत है। आपलोग समय निकालकर कला-संस्कृति के क्षेत्र में अपनी महती भूमिका अदा कर रहे हैं यह गर्व विषय है। आप लोगों का जोश देखते ही बनता है। इसी से पता चलता है कि आप लोग कितनी तैयारी के साथ इस प्रतियोगिता में भागीदारी करने के लिए आए हैं। बिहार सरकार की तरफ से आपका स्वागत करते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है। आप लोग पूरे मनसे इस प्रतियोगिता में हिस्सा लीजिये।आप लोग को बहुत बहुत स्वागत और आभार है
इसके बाद मुंबई, महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात की टीमों ने भी अपने-अपने राज्य के पारंपरिक लोक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
Bihar Politics: नीतीश कुमार की JDU को बड़ा झटका, तारिक अनवर की तरह ललन भी MLC बनते-बनते रह गए
राज्य ब्यूरो, पटना। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर की तरह जदयू के ललन प्रसाद विधान परिषद का सदस्य बनते-बनते रह गए। जून 2020 में तारिक अनवर को कांग्रेस ने विधान परिषद के लिए नामित किया था, लेकिन नामांकन पत्र दाखिल करने के एक दिन पहले बताया गया कि तारिक का आवासीय पता नई दिल्ली का है।
विधान परिषद की सदस्यता के लिए संबंधित राज्य का स्थायी पता होना जरूरी होता है। कांग्रेस ने आनन फानन में उम्मीदवार बदला।
तारिक की जगह वरिष्ठ कांग्रेसी डॉ. समीर कुमार सिंह को विधान परिषद का सदस्य बनाया गया। हालांकि, इस घटना के ठीक चार साल बाद 2024 में तारिक अनवर कटिहार से लोक सभा के लिए निर्वाचित हो गए।
सुनील कुमार की सदस्यता रद होने के बाद ललन को बनाया उम्मीदवारराजद सदस्य सुनील कुमार सिंह की विधान परिषद की सदस्यता रद करने के कारण होने वाले उपचुनाव में जदयू ने पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता ललन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया।
कार्यकर्ताओं के बीच खुशी की लहर दौड़ गई थी। प्रसाद ने नौ जनवरी को नामांकन किया। अंत तक वे इकलौते उम्मीदवार रह गए।
नीतीश कुमार और ललन प्रसाद। फाइल फोटो
परिणाम घोषित करने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक16 जनवरी को नाम वापस लेने की अंतिम तिथि थी। उसी दिन उन्हें निर्विरोध निर्वाचित हो जाना था, लेकिन उसके एक दिन पहले ही सुप्रीम कोट की ओर से परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी गई।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनील कुमार सिंह की परिषद की सदस्यता फिर से बहाल कर दिया। चुनाव आयोग की उस अधिसूचना को भी रद कर दिया, जिसके माध्यम से उपचुनाव की घोषणा की गई थी। अब ललन प्रसाद को नए चुनाव का इंतजार करना होगा।
विधान परिषद में सुनील की सदस्यता बहाली को राजद ने बताया सच्चाई की जीतविधान परिषद में डॉ. सुनील कुमार सिंह की सदस्यता बहाली को राजद ने सच्चाई की जीत बताया है। बिहार राजद के प्रधान महासचिव रणविजय साहू, विधायक मो. कामरान, प्रदेश मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव, चित्तरंजन गगन, एजाज अहमद, विनय यादव, सुदय यादव आदि ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि सच परेशान हो सकता है, लेकिन विचलित नहीं।
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से यह सिद्ध हो गया है। धैर्य, साहस और आत्मबल से सुनील ने डबल इंजन सरकार को बता दिया कि जो सच की राह पर होता है, उसे जीत अवश्य मिलती है।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से लोगों का न्यायपालिका पर विश्वास और मजबूत होगा। उल्लेखनीय है कि सुनील राजद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष हैं।
ये भी पढ़ें- बिहार में अचानक बढ़ी सियासी सरगर्मी, BJP प्रदेश अध्यक्ष का मंत्री पद से इस्तीफा; 7 मंत्री लेंगे शपथ
ये भी पढ़ें- Bihar Politics: 'एक झूठ बोलने वाले मुख्यमंत्री...', चिराग पासवान ने किसका लिया नाम? PM Modi की कर दी तारीफ
Bihar Politics: 'एक झूठ बोलने वाले मुख्यमंत्री...', चिराग पासवान ने किसका लिया नाम? PM Modi की कर दी तारीफ
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News: लाक जनशक्ति पार्टी-रामविलास के अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के झूठ बोलने के विपक्ष के आरोप लगाने पर पलटवार किया है। चिराग ने विपक्ष से सवाल किया कि प्रधानमंत्री ने क्या झूठ बोला है, यह बताएं। आजकल विपक्ष की आदत बन गई है कि झूठ बोलना और भाग जाना।
चिराग पासवान ने बिना नाम लिए अरविंद केजरीवाल पर बोला हमलाचिराग ने कहा कि एक झूठ बोलने वाले मुख्यमंत्री दिल्ली में थे, जो बड़े-बड़े वादे कर के आए थे, उनके साथ देश की जनता ने क्या किया? जनता ने 10 साल के बाद दिल्ली की सत्ता से उन्हें बाहर कर दिया। इसी तरीके से अगर देश में कोई झूठ बोलता है तो लोकतंत्र में इतनी ताकत है कि उस व्यक्ति को अगले चुनाव में जनत अपना फैसला सुना देगी।
चिराग पासवान ने पीएम मोदी की जमकर कर दी तारीफचिराग ने कहा कि आज की तारीख में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वादे, उनके वादों को पूरा करने की गारंटी है और यही कारण है कि आज तीसरी बार वे सत्ता में आए हैं।
Bihar Weather Today: बिहार में महाशिवरात्रि पर बिगड़ने वाला है मौसम, 20 जिलों के लोग रहें सावधान
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News: बिहार में महाशिवरात्रि के अवसर पर मौसम बिगड़ने का अलर्ट जारी किया गया है। 20 जिलों के लोगों को सावधान रहने के लिए कहा गया है। वहीं श्रद्धालु के यह बारिश शुभ मानी जा रही है। कुछ जगहों पर बिजली गिरने का भी अलर्ट जारी किया गया है।
अगले 24 घंटे में 20 जिलों में बारिश का अलर्टपूर्वोत्तर असाम व इसके आसपास चक्रवाती परिसंचरण का क्षेत्र बना हुआ है। इनके प्रभाव से अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर पश्चिम भागों के पूर्वी व पश्चिम चंपारण, सीवान, सारण, गोपालगंज, उत्तर पूर्व भागों के सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार व दक्षिण पश्चिम भाग के बक्सर, रोहतास , भभुआ, रोहतास, अरवल के एक या दो स्थानों पर हल्की वर्षा संभव है।
पटना सहित शेष भागों में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगेपटना सहित शेष भागों का मौसम शुष्क बने होने के साथ कुछ स्थानों पर आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। जबकि एक मार्च को पटना समेत दक्षिणी भागों में हल्की वर्षा के आसार है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार तीन से चार दिनों के दौरान तापमान में दो से चार डिग्री की वृद्धि की संभावना है।
प्रदेश का अधिकतम तापमान 26-29.8 डिग्री सेल्सियस के बीच जबकि न्यूनतम तापमान 11.5 डिग्री सेल्यियस से 18.7 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहा। पटना का न्यूनतम तापमान 16.6 डिग्री सेल्सियस जबकि 11.5 डिग्री सेल्सियस के साथ बांका व अगवानपुर सहरसा में सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया।
पटना का अधिकतम तापमान 28.4 डिग्री सेल्सियस व 30.5 डिग्री सेल्सियस के साथ खगड़िया में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
पटना व आसपास इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ मौस्म आमतौर पर सामान्य बना रहा। सुबह-शाम हल्की ठंड का प्रभाव बना रहेगा।
Road Accident: बिहार में सड़क हादसों का कहर, नौ लोगों की मौत; 15 घायल
जागरण टीम, पटना। बिहार के विभिन्न जिलों में अलग-अलग सड़क दुघर्टनाओं में दंपती समेत नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि 13 लोग घायल हो गए।
मृतकों में सीतामढ़ी के तीन, सुपौल और सारण के दो-दो, कैमूर व औरंगाबाद के एक-एक लोग शामिल है। घायलों का उपचार अस्पताल में चल रहा है।
सीतामढ़ी जिले के ठीकहा गांव के पास एनएच-527 सी पर सोमवार की रात दो बाइकों की टक्कर में तीन युवकों की मौत हो गई। जबकि दो युवक घायल हो गए।
वहीं सुपौल जिले में भवानीपुर उत्तर के वार्ड नंबर 15 में सोमवार रात तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने बाइक में टक्कर मार दी। इसमें दो की मृत्यु हो गई। दुर्घटना के बाद स्कार्पियो चालक गाड़ी छोड़ भाग गया।
सारण में हुई यह घटनासारण जिले में भूटान के जयगांव से प्रयागराज कुम्भ स्नान के लिए अपनी कार से निकले दंपती की सड़क हादसे में मौत हो गई, जबकि पिछली सीट पर बैठीं उनकी दोनों पुत्रियों को मामूली चोटें आईं।
मंगलवार को कैमूर के लहुरबारी गांव के समीप एनएच 30 पर आगे चल रही बस के अचानक ब्रेक लगाने के कारण पीछे से आ रही टाटा मैजिक की टक्कर हो गई।
इससे उसमें सवार दरभंगा निवासी महिला की मौत हो गई। जबकि 13 यात्री घायल हुए। आठ को गंभीर चोट लगी है, जिन्हें अस्पताल पहुंचाया गया।
क्या बोले मोहनियां थानाध्यक्ष?
मोहनियां थानाध्यक्ष प्रियेश प्रियदर्शी ने बताया कि दरभंगा से टाटा मैजिक से 20 श्रद्धालु कुम्भ स्नान करने प्रयागराज जा रहे थे।
औरंगाबाद जिले में जीटी रोड किनारे रतनुआं पेट्रोल पंप के पास ओवरब्रिज पर मंगलवार को एक तेज गति कंटेनर ने खड़े ट्रक में टक्कर मार दी।
इसमें कंटेनर की केबिन में बाईं ओर बैठे सहचालक की मौत हो गई। उसकी पहचान उत्तरप्रदेश के उधमपुर के बुधौली फरीदपुर बरेली निवासी 20 वर्षीय अर¨वद कुमार के रूप में की गई है।
महाकुम्भ से लौट रही स्कॉर्पियो में हाइवा ने मारी टक्कर- महाकुम्भ से स्नान कर घर लौट रहे श्रद्धालुओं की स्कॉर्पियो और हाइवा में सोमवार की रात टक्कर हो गई। इसमें दो महिलाओं समेत तीन लोगों की मौत हो गई।
- घटना यूपी के सुल्तानपुर जनपद में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर हुई। यहां स्कार्पियो में पीछे से हाइवा ने टक्कर मार दी।
- मृतकों में हरसिद्धि प्रखंड के सोनवर्षा निवासी स्व. यमुनाकांत पांडेय के पुत्र सत्येंद्र पांडेय (52), उनकी पत्नी मधुबाला देवी (48) और मठलोहियार वार्ड संख्या 12 निवासी रवींद्र तिवारी की पत्नी रीता देवी शामिल हैं।
- रवींद्र तिवारी सत्येंद्र पांडेय के सगे साला हैं। उनका भी पैर टूट गया है। वे बिहार पुलिस में दारोगा हैं। उनकी पदस्थापना गोपालगंज में है। हादसे के घायलों का उपचार निजी अस्पताल में चल रहा है।
- सत्येंद्र पांडेय के बड़े पुत्र मधुरेश पांडेय ने बताया कि शवों को घर लाया जा रहा है। इसके बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा।
यह भी पढ़ें-
भ्रष्टाचार के मामलों की निगरानी करेगा अब विजिलेंस ब्यूरो, नीतीश सरकार ने जारी किया नया ऑर्डर
अब 5 घंटे में बिहार के किसी भी कोने से पहुंच जाएंगे पटना! नीतीश सरकार ने बनाया धांसू प्लान, टारगेट सेट
राज्य ब्यूरो, पटना। सड़क संपर्क के संदर्भ में सरकार ने एक लक्ष्य निर्धारित किया है। बिहार के किसी कोने से भी राजधानी पटना तक पांच घंटे में पहुंच जाने का।
पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा तो इस समय को घटाकर साढ़े तीन घंटा करने की मंशा रखते हैं। बहरहाल पांच घंटे के लक्ष्य के साथ सरकार हर गांव-गली तक पक्की सड़क बनाने का उपक्रम कर रही।
इसी क्रम में नहरों के कच्चे तटों पर पक्की सड़कें बनाई जा रहीं। चौथे कृषि रोड-मैप की समाप्ति तक नहरों के सभी कच्चे तटों पर पक्की सड़कें बना दी जाएंगी। कुछ जगह तो निर्माण कार्य पूरा भी हो चुका है।
वित्तीय वर्ष 2028-29 तक चौथा कृषि रोड-मैप प्रभावी है। तब तक सभी कच्चे तटों का पक्की सड़क में कायातंरण हो जाएगा। इस पर कुल 7115 करोड़ का खर्च अनुमानित है।
वस्तुत: कृषि उत्पादों मेंं आत्मनिर्भरता और किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से यह रोड-मैप बनाया गया है। कृषि उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराकर ही किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है।
नहरों का संपर्क सीधे खेतों से होता है। ऐसे में अगर वे पक्की होंगी तो किसानोंं को बड़ा लाभ होगा। स्थानीय नागरिकों के लिए आवागमन अपेक्षाकृत सुलभ होगा और नहरों की देखरेख में जल संसाधन विभाग के अभियंताओं व अधिकारियों को सुविधा होगी।
बहरहाल कच्चे तटों को पक्का करने का दायित्व ग्रामीण कार्य विभाग को मिला है, लेकिन काम शुरू करने से पहले उसे जल संसाधन विभाग से अनुमति लेनी होगी।
पहले चरण में तिरहुत मुख्य नहर, कोरियारी मुख्य नहर, तेलहारा भाखा नहर, उदेरास्थान बायां मुख्य नहर व नतौल भाखा नहर के कच्चे सेवा-पथ को पक्का किया जा रहा।
इसकी कुल लंबाई लगभग 188 किलोमीटर है और इस पर कुल व्यय 376 करोड़ रुपये अनुमानित है। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से दूसरे सेवा-पथों पर काम शुरू होगा।
प्रति वर्ष होने वाले काम के लिए अलग-अलग अनुशंसा लेनी होगी। इसे साथ ही वर्तमान में अनुमानित लागत में आठ प्रतिशत की दर से प्रति वर्ष की वृद्धि होती जाएगी।
कुल 5023 में से 1854 किलोमीटर पक्का सेवा-पथबिहार में 200 क्यूसेक जलस्राव से अधिक क्षमता वाली नहरों की लंबाई लगभग 5023 किलोमीटर है। इनमें से 1854 किलोमीटर पर पक्का सेवा-पथ है।
अभी लगभग 175 किलोमीटर कच्चे तटों का पक्कीकरण हो रहा है। उसके बाद लगभग 2994 किलोमीटर सेवा-पथ कच्चा रह जाता है, जिस पर पक्की सड़क का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग को कराना है।
सेवा-पथ के पक्कीकरण पर अनुमानित व्यय (करोड़ रुपये)वित्तीय वर्ष : अनुमानित राशि
- 2023-24 : 15.00
- 2024-25 : 1000
- 2025-26 : 1600
- 2026-27 : 1600
- 2027-28 : 1500
- 2028-29 : 1400
यह भी पढ़ें-
Bihar: नीतीश सरकार ने दी बड़ी सौगात, 17000 करोड़ से संवरेंगी 11251 सड़कें; 37 जिलों की बदलेगी सूरत
मोतिहारी में इस जगह बनेगी सड़क, मुख्यमंत्री ने भी दी हरी झंडी; 42 करोड़ रुपये होंगे खर्च
Bihar News: भ्रष्टाचार के मामलों की निगरानी करेगा अब विजिलेंस ब्यूरो, नीतीश सरकार ने जारी किया नया ऑर्डर
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के विभिन्न जिलों में निगरानी थानों से अलग दर्ज भ्रष्टाचार के जो मामले होंगे उनकी मानीटरिंग अब विजिलेंस ब्यूरो करेगा।
निगरानी विभाग ने इसे लेकर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में दर्ज सभी मामलों की जिलावार सूची मांगी है। निगरानी विभाग से जुड़े मामलों की समीक्षा को लेकर हुई बैठक में विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने इस संबंध में दिशा निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के तहत दर्ज सभी मामलों का अनुश्रवण निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के स्तर पर करने के संबंध में मुख्य सचिव का आदेश प्राप्त कर सभी संबंधितों को सूचित करने की कार्यवाही की जाए।
बैठक में इस मुद्दे पर दिया गया जोरबैठक में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो एवं स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसवीयू) में दर्ज मामलों में सजा दिलाने पर जोर रहा।
इसको लेकर अपर मुख्य सचिव ने इकाइयों की अभियोजन शाखा को सक्रिय करते हुए लगातार फालोअप करने के निर्देश दिए।
बैठक में भ्रष्टाचारियों की संपत्ति जब्त करने के लिए मामलों की सुनवाई एक निश्चित बेंच से कराने का प्रस्ताव आया। चौधरी ने पटना हाइकोर्ट के निबंधक से पत्राचार कर अनुरोध किए जाने का आश्वासन दिया।
उन्होंने विशेष लोक अभियोजकों को निर्देश दिया कि जिन मामलों में बहस की कार्रवाई पूरी हो चुकी है, उन मामलों में मार्च के अंत तक निर्णय प्राप्त करने की कोशिश होनी चाहिए।
बैठक में दी गई यह भी जानकारी- बैठक में कई विशेष लोक अभियोजकों ने जानकारी दी कि उनके पास अन्य मामलों का भी प्रभार होने से निगरानी मामलों पर असर पड़ रहा है।
- इस पर अपर मुख्य सचिव ने संबंधित अभियोजकों को संबंधित डीएम को पत्र लिख कर समस्या स्पष्ट करने का निर्देश दिया।
- निगरानी की बैठक में विशेष निगरानी इकाई के एडीजी पंकज दराद ने बताया कि इकाई में दर्ज कुल 25 वादों में प्रथम अभियोग पत्र वर्ष 2009 में दाखिल किए गए लेकिन दुर्भाग्यवश आज तक एक भी वाद में निर्णय प्राप्त नहीं किया जा सका।
- निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के डीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने निगरानी ब्यूरो में दर्ज मामलों में 31 मार्च 2025 का लक्ष्य निर्धारित करते हुए अधिक से अधिक संख्या में वादों का निष्पादन कराने का आदेश दिया।
उधर, मुजफ्फरपुर में डाक विभाग के केंद्रीय अनुमंडल में कार्यरत मेल ओवरसियर शिवशंकर पंडित को सीबीआइ ने 10 हजार रुपये घूस लेते पीएनटी चौक स्थित कार्यालय से गिरफ्तार किया है।
सीबीआइ क्राइम ब्रांच की टीम उसे पटना ले जाकर पूछताछ कर रही है। गिरफ्तार मेल ओवरसियर सरैया के चकना का शाखा डाकपाल परमानंद कुमार घूस में 10 हजार रुपये ले रहा था।
इसके पहले एक लाख रुपये ले चुका था। सीबीआइ के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, चकना डाक शाखा के डाकपाल परमानंद को अवैध उगाही करने में कुछ दिनों पहले टर्मिनेट कर दिया।
टर्मिनेशन तोड़ने के एवज में एक लाख रुपये रिश्वत ली। मेल ओवरसियर का लालच बढ़ता गया। उसने शाखा डाकपाल से 10 हजार रुपये की और डिमांड की। उन्होंने इसकी जानकारी सीबीआइ को दी।
जांच में मामला सही निकला। सोमवार को उसे 10 हजार रुपये लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार करने के बाद मेल ओवरसियर पर क्या विभागीय कार्रवाई हुई, इस संबंध में डाक अधीक्षक शंभू राय को काल की गई, लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया।
यह भी पढ़ें-
कैबिनेट बैठक में 240 विकास योजनाओं को मिली मंजूरी, भर्ती को लेकर भी नीतीश सरकार ने की बड़ी घोषणा
'लाडले' नीतीश ही लीड करेंगे तो NDA करे घोषणा, क्या निशांत की ये डिमांड और पिछले चुनाव की कसर होगी पूरी?
राज्य ब्यूरो, पटना। सक्रिय राजनीति से दूरी बनाए रखने के बावजूद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के पुत्र निशांत कुमार (Nishant Kumar) इन दिनों सियासी गलियारों में लगातार चर्चा का विषय बने हुए हैं।
इसी क्रम में मंगलवार को उन्होंने कहा कि एनडीए (NDA) और जदयू (JDU) को भी चाहिए कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) लड़ने की घोषणा करे।
यह भी बताए कि न सिर्फ नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव होगा, उनके नेतृत्व में ही अगली सरकार भी बनेगी। कुमार ने सरकार के विकास कार्यों की भी प्रशंसा की।
निशांत का 2 महीने में 3 बार मीडिया से सामनाबता दें कि पिछले दो महीने के भीतर मंगलवार को निशांत (Nishant Kumar Entry In Bihar Politics) तीसरी बार मीडिया के सामने आए। हर बार उन्होंने राज्य के विकास के लिए नीतीश कुमार को वोट देने की अपील की।
उन्होंने युवाओं और सभी आयु वर्ग के लोगों से अपील की कि वे विधानसभा चुनाव में एनडीए के पक्ष में वोट करें। निशांत ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू की सीटें कुछ कम हो गई थीं। सिर्फ 43 सीटें मिली थीं।
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद नीतीश कुमार ने राज्य के विकास के लिए काम किया। इस बार विधानसभा सीटों की संख्या में वृद्धि होनी चाहिए। उन्होंने एनडीए की एकजुटता की चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की सराहना करने और उन्हें बिहार की जनता का 'लाडला' मुख्यमंत्री बताए जाने के सवाल पर भी उन्होंने अपना रिएक्शन दिया।
निशांत कुमार ने कहा- मेरे पिता ने अच्छा काम किया है। निशांत ने जदयू कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे आम लोगों के बीच जाएं। सरकार की उपलब्धियों के बारे में उन्हें जानकारी दें।
जरूरी सवाल फिर टाल गए निशांतहालांकि, इस दौरान वे खुद चुनाव लड़ने के प्रश्न को एक बार फिर टाल गए। पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) के राजद (RJD) में शामिल होने के प्रस्ताव पर निशांत ने कहा- जनता के दरबार में जाते हैं।
देखते हैं कि जनता क्या कहती है। क्या आप जनता के कहने पर राजनीति में आएंगे? निशांत कुमार (Nishant Kumar In Politics) ने इस प्रश्न का हां या ना में उत्तर नहीं दिया।
यह भी पढ़ें
Bihar News: नीतीश के बेटे निशांत ने 'सबसे बड़े सवाल' पर दिया रिएक्शन, पिता के लिए NDA से कर दी ये मांग
Bihar Politics: चुनाव से पहले पारस को लगा बड़ा झटका, कद्दावर नेता ने छोड़ दिया साथ; JDU की बढ़ी ताकत
कैबिनेट बैठक में 240 विकास योजनाओं को मिली मंजूरी, भर्ती को लेकर भी नीतीश सरकार ने की बड़ी घोषणा
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार सरकार प्रदेश को विकास पर 50 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। यह राशि मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा में घोषित विकास योजनाओं पर खर्च होगी।
मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में दक्षिण बिहार में प्रगति यात्रा से जुड़ी 120 घोषणाओं को स्वीकृति दी गई। जिन पर 30 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। बैठक में कुल 146 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए।
मंत्रिमंडल की बैठक समाप्त होने के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने घोषणाओं के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मंगलवार को हुई बैठक में पथ निर्माण से जुड़ी 64, जल संसाधन की 16, उर्जा, राजस्व व स्वास्थ्य से जुड़ी पांच-पांच योजनाओं के अलावा पर्यावरण वन, लघु जल संसाधन, अल्पसंख्यक कल्याण, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग और उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की एक-एक खेल और पर्यटन की चार-चार व उद्योग की दो योजनाएं शामिल हैं।
डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार मिलाकर प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने 430 योजनाओं की घोषणा की।
इनमें से 190 योजनाएं विभाग के स्तर पर स्वीकृत की गई जबकि 240 योजनाओं की स्वीकृति मंत्रिमंडल के द्वारा दी गई।
उत्तर बिहार के लिए मुख्यमंत्री ने यात्रा के दौरान 187 नई योजनाओं की घोषणा की थी जिनके लिए 20 हजार करोड़ रुपये पूर्व की मंत्रिमंडल की बैठक में स्वीकृत किए जा चुके हैं।
दक्षिण बिहार के लिए 243 योजनाओं की घोषणा हुई उनमें 123 विभाग के स्तर पर पूर्व में ही स्वीकृत की जा चुकी है। जबकि 120 योजनाओं की स्वीकृति आज मंत्रिमंडल ने दी।
इस प्रकार मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन पर कुल 50 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
कैबिनेट के निर्णय- इसके पूर्व की बैठक में स्वीकृत हुए थे 20 हजार करोड़, आज स्वीकृत हुए 30 हजार करोड़
- उत्तर बिहार की 187 योजनाओं के लिए पूर्व में स्वीकृत हो चुके हैं 20 हजार करोड़ रुपये
- दक्षिण बिहार की 243 योजनाओं पर खर्च होगी 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि
- आधारभूत संरचना विकास से लेकर जन समुदाय की योजनाओं पर सरकार का सर्वाधिक जोर
- प्रदेश में खोले जाएंगे सात नए मेडिकल कालेज
- राज्य में नौ नए डिग्री कालेजों की स्थापना होगी
- खेल विकास को 14 स्पोट्र्स कांप्लेक्स बनेंगे
- 24 धार्मिक स्थलों का विकास किया जाएगा
- नौ नए विद्युत ग्रिडों का निर्माण भी कराया जाएगा
- नदियों की उड़ाही की छह योजनाएं हुई स्वीकृत
- उद्योगों के विस्तार की आठ योजनाओं पर मुहर
- प्रदेश में सात नए अटल कला भवन बनेंगे
- करीब 185 सड़क-पुल की योजनाएं भी मंजूर
बिहार क्लीनिकल स्टैब्लिशमेंट (रजिस्ट्रेशन एंड रेग्यूलेशन) एक्ट के तहत अब 1-40 बेड वाले निजी अस्पतालों को निबंधन से छूट मिलेगी। जबकि 40 से अधिक बेड वाले अस्पतालों का निबंधन पांच वर्षों के लिए होगा।
अभी यह निबंधन एक साल के लिए होता था। मंत्रिमंडल ने इसके लिए 2013 की नियमावली में संशोधन किया है। नए नियमों के अनुसार निबंधन के लिए आवेदन देने के दस दिनों के अंदर संबंधित अस्पताल को डाक या इलेक्ट्रानिक विधि से संबंधित अस्पातल को निबंधन की जानकारी देनी होगी।
1-40 बेड छोड़ सभी प्रकार के अस्पतालों के लिए यह नियम प्रभावी होगा। जिन क्लीनिक या अस्पताल का संचालन केंद्र सरकार निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं हो रहा है उन्हें निबंधन नहीं दिया जाएगा।
3921 नए पद होंगे सृजित 2857 प्रधानाध्यापक होंगे नियुक्तमंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग एवं मंत्रिमंडल विभागों के प्रस्ताव पर विमर्श के बाद 3921 नए पद सृजन का प्रस्ताव स्वीकृत किया है।
सिद्धार्थ ने बताया कि राजकीय, राजकीयकृत, प्रोजेक्ट कन्या माध्यमिक, उच्च माध्यमिक स्कूलों में प्राचार्य व प्रधानाध्यापक के 1539 पदों को प्रत्यर्पित करते हुए कार्यरत कुल 1318 पदों का मरणशील घोषित कर इनके स्थान पर उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रधानाध्यापक नियमावली के अधीन प्रधानाध्यापक के 2857 पद सृजित किए हैं।
सभी थानों में सृजित सहायक उर्दू अनुवादक पदों को प्रत्यर्पित करते हुए 1064 नए पद सृजन का प्रस्ताव स्वीकृत किया है।
इनमें कलेक्ट्रेट के उर्दू भाषा कोषांग के लिए 38 पद, अनुमंडल कार्यालय के लिए 101 पद, प्रखंड कार्यालयों के लिए 534 पद तथा अंचल कार्यालयों के लिए 391 पद शामिल हैं।
यह भी पढ़ें-
नीतीश के बेटे निशांत ने 'सबसे बड़े सवाल' पर दिया रिएक्शन, पिता के लिए NDA से कर दी ये मांग
PM Modi के बाद अब CM नीतीश की बारी, जून तक 25 हजार किसानों को मिलेगी एक और खुशखबरी; हो गया एलान
3 दिन बाद NDA में हलचल बढ़ाने को तैयार 'हम', क्या चुनावी साल में 7 के आंकड़े पार कर पाएंगे जीतन राम मांझी?
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के लिए चुनावी वर्ष में राजनीतिक दलों के बीच अपनी ताकत दिखाने की मुहिम शुरू हो गई है। फिलहाल सबसे बड़ी रस्साकसी गठबंधनों के अंदर ही है, अधिक सीटें पाने की।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में अपना प्रभाव दिखाने के लिए हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक एवं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी 28 फरवरी को गांधी मैदान में दलित समागम रैली कर रहे हैं।
पार्टी का दावा है कि रैली में पिछड़ी-अति पिछड़ी जातियों के एक लाख लोग आएंगे। दलित समागम के बहाने मांझी यह दिखाना चाह रहे हैं कि विधानसभा के पिछले चुनाव की तुलना में उनकी पार्टी का जनाधार बढ़ा है। \
ऐसे में उनकी पार्टी पिछली बार मिली सात सीटों से संतुष्ट नहीं होने वाली। इस बार कम से कम 20 सीटों पर दावा किया जा रहा है।
राजग में अभी पांच सहयोगी दल हैं। इनमें भाजपा और जदयू की हिस्सेदारी सबसे बड़ी है। दोनों दलों के पिछले रिकार्ड देखें तो 243 में कम से कम 200 सीटें यह दोनों दल अपने पास जरूर रखना चाहेंगे।
ऐसे में बाकी की 43 सीटों पर ही मांझी की हम, चिराग पासवान की लोजपा (आर) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा की दावेदारी मानी जा रही है।
इसमें चिराग का दावा सबसे बड़ा है, क्योंकि उनके पास अभी पांच वर्तमान सांसद हैं। हालांकि विधानसभा सीटों के मामले में वह शून्य पर हैं जबकि हम के पास चार सीटें हैं। उपेंद्र कुशवाहा का दल नया है।
हम के दलित समागम में सीएम-डिप्टी सीएम भी होंगे शामिल- हम के दलित समागम में राजग नेताओं का भी जुटान होगा। हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्य सरकार में मंत्री डा. संतोष सुमन ने मंगलवार को बताया कि दलित समागम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल होंगे।
- इसके अलावा उपमुख्यमंत्री समेत राजग के सभी घटक दलों को भी रैली में आने का आग्रह किया गया है। उन्होंने इस बात से इन्कार किया कि यह समागम शक्ति प्रदर्शन है।
- उन्होंने कहा कि चुनाव आने वाला है , ऐसे में गरीब-पिछड़ों को राजनीतिक रूप से सक्रिय बना कर एनडीए को मजबूत बनाने के उद्देश्य यह काम किया जा रहा है।
- समागम में गरीब दलित जनता की भागीदारी और संख्या हम को मजबूती देगी। समाज के पिछड़े गरीब लोग समागम में अपने अधिकारों की बात करेंगे। अपने प्रतिनिधित्व की बात करेंगे।
यह भी पढ़ें-
राजनीतिक संगत से बनती-बिगड़ती मांझी की धार्मिक मान्यताएं, हिंदू धर्म पर उठा चुके हैं सवाल
'अगर किसी को पेट में दर्द हो रहा...', कुंभ में स्नान के बाद मांझी का बयान, मोदी-योगी का भी लिया नाम
Bihar Politics: चुनाव से पहले पारस को लगा बड़ा झटका, कद्दावर नेता ने छोड़ दिया साथ; JDU की बढ़ी ताकत
राज्य ब्यूरो, पटना। रालोजपा के वरिष्ठ नेता चंदन सिंह ने मंगलवार को जदयू की सदस्यता ग्रहण की। जदयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित मिलन समारोह में जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलायी।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि चंदन सिंह के पार्टी में आने से रोहतास जिला सहित उसके आसपास के क्षेत्रों में पार्टी के संगठन को मजबूती मिलेगी।
वह न्याय के साथ विकास की धारा को मजबूती देने में अपना अहम योगदान करेंगे। इस मौके पर जदयू के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार, प्रदेश महासचिव वासुदेव कुशवाहा व पार्टी के कई अन्य नेता भी मौजूद थे।
जदयू ने नव मनोनीत जिला संगठन प्रभारियों की सूची जारी की- जदयू ने मंगलवार को अपने नव मनोनीत जिला संगठन प्रभारियों की सूची जारी की। मनोरंजन गिरि को पटना का जिला प्रभारी तथा जितेंद्र पटेल काे बाढ़ संगठन जिला का जिम्मा दिया गया है।
- जदयू द्वारा जारी सूची के अनुसार भरत पटेल को बगहा, राणा रंधीर सिंह को पश्चिम चंपारण, सुबोध कुमार सिंह को पूर्वी चंपारण, दीपक पटेल को शिवहर, हरिद्वार पटेल को सीतामढ़ी का प्रभारी बनाया गया है।
- वहीं, केदार भंडारी को दरभंगा, रामबाबू कुशवाहा को सुपौल, ईश्वर मंडल को मधुबनी, इरशाद अली आजाद को अररिया, पवन मिश्रा को किशनगंज, सुनील कुमार को पूर्णिया की जिम्मेदारी मिली है।
- चंदन पटेल को कटिहार,अशोक कुमार बादल को मधेपुरा, भगवान चौधरी को सहरसा, राबिन कुमार को मुजफ्फरपुर, राम बाबू रमण को गोपालगंज, प्रमोद पटेल को सिवान का प्रभारी बनाया गया है।
रणविजय कुमार को सारण, कौशल किशोर कुशवाहा को वैशाली, भूमिपाल राय को समस्तीपुर, डा. रामप्रवेश पासवान को बेगूसराय, मनोज ऋषि को खगड़िया, प्रहलाद सरकार को भागलपुर का प्रभारी बनाया गया है।
संजय राम को बांका, अंजनी कुमार को मुंगेर, राजेश कुशवाहा को लखीसराय व शेखपुरा, अरुण कुमार वर्मा को नवादा, ललन महतो को नालंदा व बिहार शरीफ, राज किशोर दांगी को भोजपुर की जिम्मेदारी मिली है।
अभिषेक पटेल को बक्सर, परशुराम तांती को कैमूर, अशोक प्रजापति को रोहतास, प्रभात रंजन उर्फ दीपक सिंह को अरवल व जहानाबाद, बिंदा चंद्रवंशी को औरंगाबाद, अरुण कुशवाहा को गया तथा संतोष सहनी को जमुई संगठन जिला का प्रभारी बनाया गया है।
विधान परिषद की कार्रवाई के सफल संचालन पर सहमतिबिहार विधान मंडल का बजट सत्र 28 फरवरी से शुरू होगा। विधान परिषद का यह 209वां सत्र होगा। मंगलवार को हुई सर्वदलीय बैठक में इसके सफल संचालन पर सहमति बनी।
बैठक की अध्यक्षता विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने की। उन्होंने सम्मानित सभी सदस्यों से सदन के संचालन मेंं सार्थक सहयोग की अपेक्षा जताई।
बैठक में उप सभापति प्रो. राम वचन राय, संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक संजय कुमार सिंह, विरोधी दल के मुख्य सचेतक अब्दुल बारी सिद्दिकी, सत्तारूढ़ दल की सचेतक रीना देवी, विधान पार्षद डॉ. नवल किशोर यादव, प्रो. संजय कुमार सिंह के साथ बिहार विधान परिषद के सचिव अखिलेश कुमार झा उपस्थित रहे।
यह भी पढ़ें-
पशुपति पारस कितनी सीटों पर लड़ेंगे चुनाव? खुद कर दिया एलान; चिराग की बढ़ाएंगे टेंशन
लोजपा के अतीत को याद कर NDA और महागठबंधन में कन्फ्यूजन, समझें पूरा सियासी समीकरण
President Droupadi Murmu: बिहार आईं राष्ट्रपति मुर्मु, CM नीतीश बोले- जब मैं मुख्यमंत्री बना था तो...
जागरण संवाददाता, पटना। पटना पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पीएमसीएच के शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति के अलावा मौके पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंत्री जेपी नड्डा, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, सांसद रविशंकर प्रसाद आदि उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम में ब्रिटेन-अमेरिका और अन्य देशों के चार सौ समेत पांच हजार पूर्ववर्ती छात्र-छात्राएं शामिल हो रहे हैं। इस मौके पर सीएम नीतीश ने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री बना था तब केवल 6 मेडिकल कॉलेज थे, अभी दोगुना हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि पहले शाम में ही लोग घर में बंद हो जाते थे अब रात 12-1 बजे तक आराम से घूमते हैं, लड़की हो या लड़का सभी देर रात तक घूमते हैं। पीएमसीएच के साथ-साथ आईजीएमएस का भी विकास हो रहा है।
समाज को मिलेगा लाभ- राष्ट्रपतिदूसरी तरफ, राष्ट्रपति ने कहा कि जो अस्वस्थ होते हैं उनके लिए दवाई गंगा के जल की तरह होती है। बगैर स्वस्थ शरीर के कोई विकास कार्य किया जाना संभव नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि पीएमसीएच के एल्युमिनाई बेहतर नेटवर्क बना सकते हैं, जिसमें रिसर्च पर चर्चा कर सकते हैं। इसका लाभ समाज को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि एआई और रोबोटिक्स उपचार को सटीक बनता है आधुनिक तकनीक उपचार को सटीक बनाता है, डॉक्टर हमेशा तकनीक को अपनाने के लिए तैयार रहें।
नोट- इस खबर को लगातार अपडेट किया जा रहा है। हम अपने सभी पाठकों को पल-पल की खबरों से अपडेट करते हैं। हम लेटेस्ट और ब्रेकिंग न्यूज को तुरंत ही आप तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रारंभिक रूप से प्राप्त जानकारी के माध्यम से हम इस समाचार को निरंतर अपडेट कर रहे हैं। ताजा ब्रेकिंग न्यूज़ और अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए जागरण के साथ।
यह भी पढ़ें-
बिहार में 5 लाख किसानों की होने वाली है बल्ले-बल्ले! नीतीश सरकार ने दी नई जानकारी
नीतीश के बेटे निशांत ने 'सबसे बड़े सवाल' पर दिया रिएक्शन, पिता के लिए NDA से कर दी ये मांग
Bihar Farmers: बिहार में 5 लाख किसानों की होने वाली है बल्ले-बल्ले! नीतीश सरकार ने दी नई जानकारी
राज्य ब्यूरो, पटना। नए वित्तीय वर्ष में सरकार प्रसंस्कृत किस्म की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए पांच लाख किसानों को अनुदान देगी।
यह अनुदान बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन सहकारी संघ (वेजफेड) के माध्यम से दी जाएगी। इसके लिए सहकारिता विभाग की ओर से प्रस्तावित बजट में प्रविधान किया गया है।
प्रस्ताव के अनुसार, प्रखंड स्तर पर गठित प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समितियों के माध्यम से राज्य में सब्जी उत्पादक किसानों को उनके उत्पाद का लाभकारी मूल्य दिलाने तथा ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण एवं ताजी सब्जी उचित मूल्य पर उपलब्ध करने को और प्राथमिकता दी जाएगी।
सब्जी उत्पादकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा- प्रसंस्कृत किस्म के आलू एवं टमाटर की खेती के लिए बीज/पौधे का वितरण वेजफेड के माध्यम से होगा। जिला स्तर पर मास्टर ट्रेनर द्वारा सब्जी उत्पादकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
- सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार के मुताबिक बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन सहकारी संघ के तहत सब्जी मंडी भी तैयार किया जा रहा है।
- सब्जी उत्पादक किसानों को उनके उत्पाद का लाभकारी मूल्य दिलाने तथा ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण एवं ताजी सब्जी उचित मूल्य पर उपलब्ध करने का कार्य किया जा रहा है।
इसके साथ-साथ सब्जी उत्पादक किसानों को पूर्व में प्रसंस्कृत किस्म के आलू एवं टमाटर की खेती के लिए बीज/ पौधे का वितरण कराया जा रहा है।
इसमें हरित सब्जी संघ, पटना, तिरहुत सब्जी संघ, मोतिहारी एवं मिथिला सब्जी संघ, दरभंगा से मदद ली जा रही है।
किसानों के बीच आलू की खेती के लिए बीज का वितरण हेतु 73 प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समितियों में कुल 7 लाख 91 हजार 73 किलोग्राम आलू की आपूर्ति की गयी।
प्रसंस्कृत किस्म के टमाटर की खेती के लिए पौधे के वितरण देतु 19 प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समितियों में कुल 4 लाख 79 हजार 200 पौधे की आपूर्ति की गयी।
किसानों ने उर्वरक की किल्लत एवं उत्पादन में कमी पर जताई चिंताउधर, चांद प्रखंड में कृषि से जुड़ी समस्याओं को लेकर मंगलवार को गोंई पंचायत के जिगिना गांव में दैनिक जागरण के तत्वावधान में किसान संवाद का आयोजन किया गया।
इसमें किसानों ने खेती करने एवं फसल उत्पादन करने में यूरिया एवं अन्य उर्वरकों की किल्लत व उत्पादन में कमी आने पर चिंता प्रकट की।
किसानों ने कहा कि चांद प्रखंड में सिंचाई की व्यवस्था में किसी तरह का सुधार नहीं किया गया है। पिछले 40 साल से पुरानी सिंचाई की व्यवस्था और खराब हो गई है।
किसानों ने बिहार सरकार से हर खेत तक पानी पहुंचाने के वादे को पूरा करने की मांग की। किसानों ने कहा कि प्रखंड में 80 प्रतिशत खेत में नहरों के पानी से सिंचाई नहीं हो पाती है।
किसान संवाद में शामिल वयरी गांव के अमित रंजन सिंह ने कहा कि लगातार फसल उत्पादन घटने की शिकायत आ रही है। पिछले वर्ष धान फसल का उत्पादन कम हुआ है।
फसल उत्पादन कम होने से किसानों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है। पिछले साल से उर्वरक की किल्लत से किसानों को नुकसान हो रहा है।
सिहोंरिया गांव के निवासी लल्लन शर्मा ने कहा कि धान एवं गेंहू की पैदावार लगातार घटने से छोटे किसानों की कमर टूट गई है।
किसानों को उत्तम बीज एवं कीटनाशक दवा समय से नहीं मिल पाती है। कृषि विभाग किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं देता है।
यह भी पढ़ें-
PM Modi के बाद अब CM नीतीश की बारी, जून तक 25 हजार किसानों को मिलेगी एक और खुशखबरी; हो गया एलान
बिहार के इन किसानों की बल्ले-बल्ले, सीधे बैंक अकाउंट में आएंगे पैसे; ये दस्तावेज जरूरी
Expressway: बिहार के दो बड़े एक्सप्रेसवे को लेकर आ गया नया अपडेट, 13 जिलों में होने जा रहा यह काम
राज्य ब्यूरो, पटना। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने पिछले दिनों पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे और गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे के एलायनमेंट को अपनी अनुमति प्रदान की थी। अब इन दोनों प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण व डीपीआर की प्रक्रिया आगे बढ़नी है।
एनएचएआई से मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार इन दोनों प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण व डीपीआर तैयार किए जाने की प्रक्रिया साथ-साथ चलेगी। इन दोनों परियाेजनाओं के लिए 13 जिलों में जमीन का अधिग्रहण किया जाना है।
अब इस पर है तैयारएनएचएआई के संबंधित अधिकारी ने कहा कि दोनों एक्सप्रेस वे का निर्माण ग्रीन फील्ड प्राेजेक्ट के तहत किया जाना है। इसलिए जमीन अधिग्रहण तो बड़े स्तर पर होना है।
पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 282 किमी है। इस एक्सप्रेस वे के लिए 90 मीटर चौड़ाई में जमीन का अधिग्रहण होना है।
इसके तहत वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा व मधेपुरा जिले में जमीन का अधिग्रहण होना है। लक्ष्य यह है कि अगले छह माह के अंदर इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का काम पूरा हो जाए।
योजना यह है कि जमीन अधिग्रहण और प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर बनाए जाने का काम साथ-साथ चले। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को डीपीआर कंसलटेंट के लिए निविदा करनी है।
वहीं, गोरखपुर -सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे की लंबाई 568 किमी है और बिहार में इसके तहत 417 किमी सड़क का निर्माण कराया जाना है।
इस प्रोजेक्ट के एलायनमेंट के तहत पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया एवं किशनगंज जिले में जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इस प्राेजेक्ट के लिए 100 मीटर चौड़ाई में जमीन का अधिग्रहण होगा।
काला के गठन के लिए संबंधित जिलों को लिखा जा रहाजिन जिलों से दोनों एक्सप्रेस वे गुजर रहे उनके जिलाधिकारियों काे कंपीटेंट आथिरिटी आफ लैंड एक्वजीशन (काला) के गठन के लिए लिखा जा रहा।
सड़क प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण व मुआवजा वितरण की मानीटरिंग काला के माध्यम से ही की जाती है। जमीन की प्रकृति किस तरह की है इस बारे में भी काला की ही रिपोर्ट पर मुआवजा की दर तय होती है।
इन दो परियोजनाओं के लिए इन जिलों में जमीन अधिग्रहण- वैशाली
- समस्तीपुर
- दरभंगा
- सहरसा
- मधेपुरा
- पश्चिमी चंपारण
- पूर्वी चंपारण
- शिवहर
- सीतामढ़ी
- मधुबनी
- सुपौल
- अररिया
- किशनगंज
भैरोगंज में संबंधित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण जर्जर सड़क की मरम्मत नहीं हो रही है। जिसके कारण वाहन चालक एवं राहगीरों को आने-जाने में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। हालांकि
सरकार के द्वारा गांव के नगर से जोड़ने एवं मुख्य सड़क से संपर्क सड़कों को जोड़ने की योजना लगातार चल रहा है। इस पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
इससे लोगों को राहत मिल सके, लेकिन सड़कों के निर्माण का कार्य जिस तरह से किया जाता है, उस हिसाब से इसके रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया जाता है।
इससे सड़कों के टूटने का खतरा बना रहता है। दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है। बेलवा से त्रिभौनी जानेवाली मुख्य सड़क पर भी कुछ ऐसा ही हाल है।
लगभग चार किलोमीटर लंबी यह सड़क बेलवा से त्रिभौनी होते हुए सीधे भैरोगंज को जोड़ती है। इसका लाभ बरवा, त्रिभौनी, तोनवा लक्ष्मीपुर, खरहट ,भैरोगंज गांव इत्यादि दर्जनों गांव के ग्रामीणों को होता है।
यह भी पढ़ें-
आरा में बनने जा रहीं 71 नई सड़कें, नीतीश सरकार ने दी मंजूरी; 100 करोड़ रुपये किए जाएंगे खर्च
Bihar News: नीतीश के बेटे निशांत ने 'सबसे बड़े सवाल' पर दिया रिएक्शन, पिता के लिए NDA से कर दी ये मांग
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार (Nitish Kumar Son Nishant Kumar) आज एक बार फिर से मीडिया के सामने आए और कई सवालों के जवाब दिए। निशांत कुमार इस बार मीडिया के सामने पिता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए फिल्डिंग करते दिखे।
नीतीश कुमार को सीएम का चेहरा घोषित करे NDA?निशांत कुमार ने आने वाले विधानसभा चुनाव में सीएम नीतीश कुमार के लिए वोट करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मैं सभी कार्यकर्ताओं से भी आग्रह करता हूं कि वे बिहार के सीएम नीतीश कुमार की सभी नीतियों को लोगों के बीच ले जाएं। एनडीए को यह भी घोषणा करनी चाहिए कि नीतीश कुमार सीएम का चेहरा हैं। बिहार में उनके नेतृत्व में फिर से सरकार बननी चाहिए।
चुनाव लड़ने के सवाल पर बोले-चलो, चलो रेहालांकि, मीडिया ने जब बड़ा सवाल किया तो वह एक बार फिर से टालते दिखे। दरअसल, मीडिया ने पूछा कि क्या आप राजनीति में सक्रिय होंगे तो इसपर निशांत कुमार ने कहा कि चलो, चलो रे। फिर मीडिया ने पूछा कि क्या आप इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं? निशांत इस प्रश्न का उत्तर दिए बिना आगे बढ़ गए। हालांकि, फिर वह मीडिया के आग्रह पर रुककर अगले सवाल का जवाब देने लगे।
उन्होंने लोगों से अपील की कि वे 2025 के विधानसभा चुनाव में एनडीए को वोट दें। नीतीश कुमार को फिर मुख्यमंत्री बनाएं। नई दिल्ली से लौटने के क्रम में निशांत शुक्रवार को हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
सीएम नीतीश ने अपनी पत्नी मंजू सिन्हा ने दी श्रद्धांजलिमुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को अपनी धर्मपत्नी मंजू सिन्हा की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। राजधानी के कंकड़बाग स्थित स्व. मंजू सिन्हा स्मृति पार्क में उनकी प्रतिमा पर उन्होंने माल्यार्पण किया। बता दें कि नीतीश कुमार की पत्नी का निधन साल 2007 में हो गया था। अपनी पत्नी के निधन पर नीतीश कुमार फूट-फूटकर रोए थे।
बता दें कि 1973 में नीतीश कुमार का विवाह मंजू कुमारी सिन्हा से हुआ था। मंजू कुमारी पटना में एक स्कूल में अध्यापिका थीं। दोनों को सिर्फ एक बेटा निशांत कुमार हैं जो बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान-मेसरा से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैं।
ये भी पढ़ें
PM Modi के बिहार दौरे के बाद NDA में बढ़ेगी राजनीतिक सरगर्मी, नीतीश कैबिनेट को मिलेंगे 6 नए मंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ आलोचकों पर साधा निशाना, बोले- 'गुलामी की मानसिकता में फंसे लोग...'
IIT पटना में हैदराबाद के छात्र ने किया सुसाइड, हाथ की नस काटने के बाद बिल्डिंग की छत से नीचे कूदा
संवाद सूत्र, बिहटा (पटना)। Patna News: बिहार की राजधानी पटना के बिहटा के अमहरा स्थित आईआईटी पटना के कैंपस में आंध्र प्रदेश के एक छात्र ने बिल्डिंग की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली है। घटना के बाद से आईआईटी कैंपस में कोहराम मच गया।
लोगों ने आनन-फानन में जख्मी छात्र को उठाकर बिहटा के एनएसएमसीएच अस्पताल में भर्ती भी करवाया। जहां इलाज के दौरान छात्र की मौत हो गई।
आंध्र प्रदेश का रहने वाला था मृतक छात्रजानकारी के अनुसार, जख्मी छात्र की पहचान आईआईटी के बीएस मैथेमेटिक्स एवं कंप्यूटर साइंस थर्ड ईयर के छात्र राहुल लावेरी के रूप में हुई है।
छात्र राहुल आंध्रप्रदेश के हैदराबाद का निवासी बताया जा रहा है। घटना के बाद कॉलेज में कोहराम मच गया है। घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय पुलिस की टीम एवं आईआईटी निदेशक प्रो. टीएन सिंह सहित समस्त फैकल्टी मौके पर पहुंचे।
तनाव में था छात्रमिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार को आईआईटी पटना कैंपस में एक बिल्डिंग की छत से कूदने वाला छात्रा राहुल लावरी पिछले कुछ दिनों से तनाव में था। वह यहां कंप्यूटर एंड मैथमेटिक्स डिपार्मेंट में थर्ड ईयर में पढ़ाई कर रहा था।
बताया जा रहा है कि बिल्डिंग की छत से कूदने से पहले राहुल ने अपने हाथ की नस काट ली थी। इसके बाद वह छत पर गया और नीचे कूद गया। छात्र के नीचे कूदते ही मौके पर अफरातफरी जैसा माहौल बन गया।
छात्र ने अस्पताल में तोड़ दिया दमइसके बाद स्थानीय लोग उसे तुरंत इलाज के लिए बिहटा के एक निजी अस्पताल ले गए और भर्ती कराया। छात्र ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इधर, इस घटना को लेकर आईआईटी प्रशासन ने अभी कुछ भी स्पष्ट बोलने से इनकार किया है।
वहीं, आईआईटी थाना प्रभारी विवेक कुमार ने बताया कि कैंपस से सूचना मिली है कि एक छात्र ने आत्महत्या कर ली है। कुमार ने छात्र की मौत होने की पुष्टि करते हुए यह भी बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। बता दें कि देश में आए दिन अब बड़े-बड़े संस्थानों में भी छात्र सुसाइड करने लगे हैं जो कि आने वाले जेनरेशन के लिए चिंता का विषय है।
ये भी पढ़ें
Jamui News: लोन रिकवरी एजेंट से शादी रचाने के मामले में नया मोड़, अब कोर्ट ने ले लिया ये फैसला
Dhanbad News: रांची-पटना जन शताब्दी एक्सप्रेस पर बरसाए ताबड़तोड़ पत्थर, खिड़की का शीशा चकनाचूर
Bihar Politics: बिस्कोमान वाले सुनील सिंह ने मार ली बाजी, JDU को लगा झटका; सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में अपनी विधान पार्षद की सदस्यता गंवा चुके राजद नेता सुनील सिंह को सुप्रीम कोर्ट से मंगलवार को बड़ी राहत मिली है।
सर्वोच्च न्यायालय ने सुनील सिंह की सदस्यता बहाल करने का आदेश भी दे दिया है। कोर्ट ने धारा 142 का इस्तेमाल करते हुए यह आदेश जारी किया है। इसके साथ ही कोर्ट की ओर से आचार समिति की जारी अधिसूचना भी रद कर दिया है।
सुनील सिंह पर नीतीश कुमार की मिमिक्री करने का आरोपबता दें कि राजद नेता सुनील सिंह पर विधानमंडल के सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद-विवाद के समय नीतीश कुमार की मिमिक्री करने के आरोप लगा था।
इस आरोप के बाद जदयू एमएलसी की शिकायत पर मामले की जांच के लिए एक समिति बनाई गई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में सुनील सिंह को नीतीश कुमार की मिमिक्री करने की बात कही और इसे अनुशासनहीनता माना था।
26 जुलाई को सुनील सिंह की सदस्यता रद करने की घोषणा हुई थीइसके बाद समिति की अनुशंसा पर विधान परिषद के सभापति ने 26 जुलाई को सुनील सिंह की सदस्यता रद करने की घोषणा की थी।
सदस्यता रद होने के बाद राजद नेता सुनील सिंह ने इसे नीतीश कुमार का तालिबानी शासन करार दिया था और इसे उनके खिलाफ बोलने वाले को डराने वाला निर्णय भी बताया था।
सुनील सिंह ने मामले को सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौतीसदस्यता रद होने के बाद इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। दूसरी ओर सुनील सिंह ने आचार समिति के सभापति से लिखित में मांगा था कि उन्हें बताया जाए कि उनका (सुनील सिंह का) दोष क्या है और उन्हें किस मामले में दंडित किया जा रहा है। सिंह के इस सवाल के जवाब में उन्हें कोई भी साक्ष्य, तथ्य या सबूत नहीं दिया गया था।
सुनील सिंह की राजनीतिक पहचान के साथ ही उनकी एक पहचान यह भी है कि बिस्कोमान के अध्यक्ष के साथ ही राजद सुप्रीमो लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई भी कहे जाते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनील सिंह को ऐसे बयान न देने की दी चेतावनीइधर, मंगलवार को शीर्ष अदालत ने इस मामले में कहा कि जुलाई 2024 से सुनील कुमार सिंह की ओर से गुजारे गए निष्कासन की अवधि को ही निलंबन माना जाएगा।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बिहार विधान परिषद में आरजेडी एमएलसी सुनील कुमार सिंह की सीट के लिए उपचुनाव की घोषणा करने वाली चुनाव आयोग की अधिसूचना को खारिज भी कर दिया।
इतना ही नहीं; कोर्ट ने इसके साथ राजद नेता सुनील सिंह को भी भविष्य में इस तरह के बयान देने से बचने की चेतावनी दी।
यह भी पढ़ें
Bihar Politics: 'कांग्रेस ऊंट.. हम गिलहरी..', Pappu Yadav ने क्यों कह दिया ऐसा? लालू यादव पर भी बोले
Bihar Politics: सरकार बनते ही प्रशांत किशोर इन 5 बड़े कामों को करेंगे पूरा, भरी सभा में कर दिया एलान
Pages
