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Earthquake: भूकंप से डोली ब‍िहार की धरती, राज्य के सभी जिलों में महसूस किए गए झटके; घरों से बाहर निकले लोग

Dainik Jagran - February 28, 2025 - 4:38am

जागरण संवाददाता, पटना। शुक्रवार तड़के 2:36 बजे राजधानी पटना समेत उत्तर बिहार के सभी जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलाजी की वेबसाइट के अनुसार भूकंप का केंद्र नेपाल के लिस्टीकोट नामक स्थान से दो किमी दूर था।

अधिकांश लोगों के सोए होने के कारण अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई, परंतु झटके के कारण जो नींद से जागे वे वाट्सएप व फेसबुक पर एक दूसरे से भूकंप की पुष्टि करने लगे। वहीं कुछ लोग घर से बाहर भी निकल गए।

एक महिला ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि रात करीब 2 बजकर 38 मिनट पर भूकंप आया। हमलोग गहरी नींद में सोए थे कि अचानक बेड धंसने लगा फिर हमलोग जल्दबाजी में उठे और घर से बाहर निकल गए।

#WATCH | An earthquake with a magnitude of 5.5 on the Richter Scale hit Nepal at 2.36 IST today. Tremors were also felt in Samastipur, Bihar.

Suhani Yadav, a local says, "We were asleep when we suddenly felt the tremors. We were scared and rushed out of the house..." pic.twitter.com/bT5eAImnAn

— ANI (@ANI) February 28, 2025 रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.1 मापी गई

रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.1 मापी गई। इसका प्रभाव नेपाल व भारत के सीमावर्ती क्षेत्र पर पड़ा। कहीं से जान माल के नुकसान की सूचना नहीं है।

#WATCH | An earthquake with a magnitude of 5.5 on the Richter Scale hit Nepal at 2.36 IST today. Tremors were also felt in Samastipur, Bihar.

Suhani Yadav, a local says, "We were asleep when we suddenly felt the tremors. We were scared and rushed out of the house..." pic.twitter.com/bT5eAImnAn

— ANI (@ANI) February 28, 2025

इससे पहले 17 फरवरी को दिल्ली के ढाई घंटे बाद बिहार के सिवान में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तब रिक्टर स्केल पर तीव्रता चार मापी गई थी और भूकंप का केंद्र सिवान में धरती से 10 किमी नीचे था।

भूकंप की तीव्रता का प्रभाव
  • 0 से 1.9 सिर्फ सिस्मोग्राफ से ही पता चलता है।
  • 2 से 2.9 हल्का कंपन महसूस होता है।
  • 3 से 3.9 कोई ट्रक के नजदीक से गुजरने का एहसास।
  • 4 से 4.9 खिड़कियां टूटने की संभावना, फ्रेम गिर सकती है।
  • 5 से 5.9 फर्नीचर जैसा भारी सामान तक हिल सकता है।
  • 6 से 6.9 भवनों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है
  • 7 से 7.9 इमारतें गिर सकती है, जमीन के अंदर पाइप फट सकता है।
  • 8 से 8.9 इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।
  • 9 व उससे अधिक पूरी तबाही। समुद्र नजदीक हो तो सुनामी का खतरा।
7 जनवरी को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे

इसके पहले 7 जनवरी को बिहार के 9 जिले में एक ही दिन में तीन बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर पहली बार इसकी तीव्रता 7.1 आंकी गई थी। दूसरी बार 3.5 रही और तीसरी बार 3.1 आंकी गई थी।

भूकंप क्यों आता है?

बता दें कि पृथ्वी की 4 मुख्य प्लेट हैं, जिन्हें इनर कोर, आउटर कोर, मेंटल और क्रस्ट कहा जाता है। जानकारी के अनुसार, पृथ्वी के नीचे मौजूद प्लेट्स तेजी से घूमती रहती हैं, जिसके आपस में टकराने पर पृथ्वी की सतह के नीचे कंपन शुरू होता है।

जब ये प्लेट्स अपनी जगह से अचानक खिसकती हैं तो भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। इसती जितनी रफ्तार रहती है उतने तेजी से भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं।

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Bihar Land Survey: भूमि सर्वे करने वाले 900 कर्मचारियों ने दे दिया इस्तीफा, सामने आई बड़ी वजह

Dainik Jagran - February 27, 2025 - 9:40pm

जागरण टीम, पटना/मुजफ्फरपुर। भूमि सर्वेक्षण (Bihar Land Survey) की गति तेज करने के लिए राज्य के सभी प्रमंडलों का स्वतंत्र सर्वर गुरुवार से काम करने लगा है। इसके साथ ही दस्तावेजों की स्टोरेज की समस्या का अंत हो गया है। रैयतों को अब सर्वे निदेशालय के वेबसाइट पर जाकर अपनी स्वघोषणा एवं वंशावली को अपलोड करने में कोई परेशानी नहीं होगी।

सर्वे निदेशालय की तकनीकी शाखा के एक अधिकारी ने बताया कि निदेशालय की वेबसाइट के पेज पर यूजर्स को जिले के रूप नया विकल्प मिलेगा, जिसका चयन करने पर उनका आवेदन उनके जिले से संबंधित प्रमंडल के लिए आरक्षित डाटा स्टोर में चला जाएगा।

जमीन मालिकों को मिलेगी राहत!

सभी प्रमंडलों का आंतरिक लिंक अलग-अलग कर दिया गया है। यह व्यवस्था इसलिए की गई है, ताकि डिजिटाइज्ड एवं स्कैंड डाटा को सेव करने में कोई परेशानी नहीं हो।

भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक कमलेश कुमार सिंह ने गुरुवार को शास़्त्रीनगर स्थित सर्वे भवन में जूम के जरिए सभी 38 जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारियों से बात की। बातचीत का सार था कि सभी प्रमंडलों का सर्वर अलग किए जाने के बाद क्या अभी भी कोई तकनीकी समस्या बची हुई है?

24 घंटे के अंदर तकनीकी खामियों को दूर करने का निर्देश

बंदोबस्त पदाधिकारियों ने एक सुर में कहा कि सर्वर को प्रमंडल वार करने के बाद डाटा की प्रविष्टि/डिजिटाइजेशन और स्कैनिंग के काम में तेजी आई है। हालांकि, कई जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारियों ने अपलोड हुए दस्तावेजों के नहीं दिखने की शिकायत की। निदेशक ने कहा कि 24 घंटे के अंदर तकनीकी खामियों को दूर करें।

900 सर्वे कर्मचारियों ने दिया त्यागपत्र

सर्वे कर्मियों के त्यागपत्र और अनापत्ति के मुद्दे से निदेशालय को शीघ्र अवगत कराने का आदेश भी दिया गया। गया जिले में 42 और मधुबनी में 26 सर्वे कर्मियों ने त्यागपत्र दिया है।

सभी जिलों को मिलाकर ऐसे कर्मियों की संख्या करीब 900 है, जिन्होंने जूनियर इंजीनियर के पद पर चयन के बाद सर्वे कर्मी के पद से त्यागपत्र दे दिया है। इनकी नियुक्ति जुनियर इंजीनीयर के नियमित पद पर हो चुकी है।

अंचलों में शिविर लगाकर जमाबंदियों में किया जाएगा सुधार

विशेष भूमि सर्वेक्षण को लेकर जमाबंदियों में सुधार कर इसे डिजिटाइज्ड किया जाना है, लेकिन जमाबंदियों में त्रुटि होने के कारण इसमें परेशानी हो रही है। इसमें सुधार करने को लेकर अब अंचलों में विशेष शिविर का आयोजन किया जाएगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव ने सभी समाहर्ताओं को इससे अवगत कराया है।

उन्होंने कहा कि शिविर का आयोजन कर मूल जमाबंदी के डिजिटाइजेशन या इसमें आधार पर ऑनलाइन जमाबंदी को त्रुटिरहित करने के लिए कार्य को निश्चित समय के अंदर संपन्न कराया जाना है। इसे लेकर शिविर का आयोजन किया जाना आवश्यक है। विभाग की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है।

कहा गया है कि शिविर के आयोजन से लेकर संपूर्ण कार्य समाहर्ता के निर्देशन में किया जाएगा। इसका पर्यवेक्षण भी करना अनिवार्य है। हलका कर्मचारी द्वारा अपने ही हलके के अंतर्गत आने वाले सभी मौजा में सुधार किया जाएगा। शिविर की संख्या, अंचल, हलका और मौजा के साथ संबद्धता का निर्णय जिला स्तर पर लिया जाएगा।

जमाबंदी में सुधार का कार्य राजस्व कर्मचारी द्वारा विभाग की ओर से उपलब्ध कराए गए लैपटॉप से किया जाएगा। सभी जमाबंदी को डिजिटाइज्ड या उसके आधार पर ऑनलाइन जमाबंदी में त्रुटि का निराकरण मौजावार करना है। अगर परिमार्जन, परिमार्जन प्लस, दाखिल खारिज अथवा स्वत: संज्ञान होने पर अंचल अधिकारी द्वारा ऑनलाइन जमाबंदी में सुधार किया जा चुका है तो मूल जमाबंदी से मिलान करते हुए वैसे जमाबंदी में संशोधन नहीं करना है।

सभी डीसीएलआर करेंगे शिविर का भौतिक निरीक्षण:

सचिव ने कहा कि सभी डीसीएलआर द्वारा शिविर का भौतिक रूप से निरीक्षण किया जाएगा। अपर समाहर्ता प्रतिदिन वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपडेट रिपोर्ट लेगे। जमाबंदी में सुधार करने की पूरी जवाबदेही संबंधित राजस्व कर्मचारी और सीओ की होगी। सचिव ने अविलंब शिविर के आयोजन को लेकर कार्ययोजना कर अपडेट रिपोर्ट भेजने को कहा है।

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Bihar Budget Session: 3.15 लाख करोड़ पहुंच सकता है बजट का आकार, नीतीश सरकार देगी 2 लाख नौकरियां!

Dainik Jagran - February 27, 2025 - 9:26pm

राज्य ब्यूरो, पटना। इस बार बिहार का बजट तीन लाख करोड़ की सीमा को पार कर जाएगा। इसमें सर्वाधिक आवंटन स्थापना और प्रतिबद्ध व्यय के मद में होना है। इस मद में प्रतिवर्ष वृद्धि हो रही और इस कारण पूंजीगत व्यय की राशि उस अनुपात में नहीं बढ़ रही।

इस बार तो वेतन मद में ही प्रति माह लगभग 500 करोड़ की वृद्धि अनुमानित है। यह वृद्धि उन एक लाख के लगभग सरकारी सेवकों के कारण होनी है, जिनकी नियुक्ति पिछले महीनों में हुई है। आने वाले वर्षों में वेतन मद पर व्यय और बढ़ेगा, क्योंकि इस वर्ष दो लाख के लगभग पदों पर नियुक्ति संभावित है।

तीन मार्च को प्रस्तुत होगा बजट

वित्त विभाग का दायित्व संभाल रहे उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के लिए बजट प्रस्तुत करने का यह दूसरा अवसर होगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट विधान मंडल में तीन मार्च को प्रस्तुत होना है।

शिक्षा, ग्रामीण कार्य, पथ निर्माण, स्वास्थ्य, समाज कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के योजना मद में अधिक बजटीय प्रविधान हो सकता है। इस कारण बजट आकार के बढ़कर 3.15 लाख करोड़ तक पहुंच जाने का अनुमान है।

वेतन-पेंशन पर भी बढ़ेगा खर्च

इस बजट में वेतन-पेंशन आदि पर भी खर्च बढ़ना है। नौकरी और रोजगार पर सरकार का फोकस है। शिक्षा, पुलिस और इंजीनियरिंग क्षेत्र में नई नियुक्तियां हुई हैं। इस कारण वेतन मद में लगभग 12 हजार करोड़ अधिक का आवंटन हो सकता है।

अभी सरकार का वेतन बिल प्रतिवर्ष लगभग 40569 करोड़ रुपये है। इसमें नियमित सरकारी सेवकों के अलावा संविदा कर्मियों को होने वाला भुगतान भी सम्मिलित है। इसके अलावा 31796 करोड़ रुपये पेंशन मद में जा रहे। ब्याज और कर्ज अदायगी को जोड़कर यह राशि प्रतिवर्ष 115275 करोड़ रुपये है।

वर्ष प्रतिवर्ष इसमें वृद्धि हो रही। 10 वर्ष पहले यानी 2010-11 में यह राशि 22606.41 करोड़ रुपये थी। इस मद में बढ़ते आवंटन के कारण इस बार वार्षिक योजनाओं के लिए बजटीय आवंटन अपेक्षा के अनुरूप संभव नहीं है।

केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी और मिलने वाले अनुदान से पूंजीगत व्यय की स्थिति निर्धारित होती है। पथ निर्माण और सिंचाई सुविधा के साथ बाढ़ नियंत्रण के उद्देश्य से ढांचागत निर्माण का पहले से ही दबाव है। ऐसे में वार्षिक योजनाओं के लिए अतिरिक्त आवंटन बढ़ने की संभावना बहुत कम है।

चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) में वार्षिक योजनाओं के लिए बजट परिव्यय लगभग एक लाख करोड़ प्रस्तावित है।चालू वित्तीय वर्ष में केंद्रीय करों के हस्तांतरण से बिहार को 1.25 लाख करोड़ रुपये मिल रहे। लगभग एक लाख करोड़ रुपये मिल भी चुके हैं।

विकासात्मक कार्याें के साथ केंद्र प्रायोजित योजनाओं और राज्य योजनाओं का क्रियान्वयन इसी राशि के बूते हो रहा है। नए वित्तीय वर्ष में इसमें थोड़ी वृद्धि अनुमानित है, लेकिन वह समय से राजस्व की वसूली के आधार पर ही होगी।

आर्थिक समीक्षा में दिखेगी बिहार के विकास की झलक 

विधान मंडल में शुक्रवार को आर्थिक समीक्षा की रिपोर्ट प्रस्तुत होनी है। यह रिपोर्ट वित्तीय वर्ष 2023-24 की होगी। नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने से पहले तक बिहार में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी।

विकासात्मक प्रतिबद्धता व राजकोषीय अनुशासन के दृष्टिगत उन्होंने इसकी शुरुआत की। इस रिपोर्ट से वर्ष-प्रति-वर्ष विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ते-घटते बिहार का आकलन होता है। योजनाओं के निर्माण में भी यह सहायक होती है।

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बिहार में सस्ती होगी बिजली! केंद्र ने इस प्रोजेक्ट को दे दी हरी झंडी, हजारों नौकरियां भी मिलेंगी

Dainik Jagran - February 27, 2025 - 8:56pm

राज्य ब्यूरो, पटना। पीरपैंती में आठ सौ मेगावाट की तीन थर्मल पावर यूनिट पर 21,400 रुपए का निवेश होगा। इस थर्मल पावर स्टेशन के अस्तित्व में आने से बिजली की दर में आएगी और साथ ही दूसरे राज्यों पर निर्भरता कम होगी। यह पावर प्लांट प्रदेश में निजी क्षेत्र में सबसे बड़ा निवेश होगा।

इस प्रोजेक्ट के लिए बिहार राज्य बिजली उत्पादन कंपनी लिमिटेड को नोडल एजेंसी के रूप में चयनित किया गया है। यह परियोजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ऊर्जा नीति का नतीजा है। इस योजना पर काम शुरू होने के बाद बिहार निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाएगा।

ऊर्जा मंत्री बिजेेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि इस परियोजना से बिहार के लोगों को न सिर्फ गुणवत्तापूर्ण बिजली मिलेगी, बल्कि बिजली की दरों में भी कमी आएगी। यह राज्य के औद्योगिकीकरण में मील का पत्थर साबित होगा।

1020.60 एकड़ जमीन का अधिग्रहण

पीरपैंती में स्थापित होने वाली इस परियोजना के लिए 1020.60 एकड़ जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है। कोल लिंकेज कोल इंडिया लिमिटेड के तहत प्रस्तावित है। निविदा प्रबंधन एसबीआई कैपिटल मार्केट लिमिटेड, मुंबई द्वारा किया जा रहा।

मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने दी जानकारी

मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि पीरपैंती थर्मल पावर यूनिट के लिए कोयले का आवंटन पहले ही हो चुका है।

ऊर्जा सचिव पंकज कुमार पाल ने कहा कि पहले पीरपैंती में सौर ऊर्जा परियोजना प्रस्तावित थी, लेकिन तकनीकी सर्वेक्षण के बाद कोयला स्त्रोकत नजदीक रहने और जमीन की स्थिति देखते हुए थर्मल पावर प्लांट के प्रस्ताव को मंजूर किया गया।

इस परियोजना से न केवल बिजली की दर में कमी आएगी, बल्कि हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। औद्योगिक इकाईयों की स्थापना को बढ़ावा मिलेगा।

केंद्र ने टेंडर को दी मंजूरी

केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने टैरिफ पॉलिसी 2016 के तहत इस परियोजना की निविदा (टेंडर) को अपनी स्वीकृति प्रदान की है। केंद्र सरकार के बजट 2024 में इस परियोजना के लिए 21,400 करोड़ रुपए की घोषणा की गई थी।

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नीतीश के पास 2 नहीं 3 डिप्टी CM की चर्चा, विभागों के बंटवारे में 'खेला', विजय सिन्हा का 'डिमोशन'!

Dainik Jagran - February 27, 2025 - 7:09pm

राज्य ब्यूरो, पटना। नीतीश कैबिनेट (Nitish Cabinet Ministers Portfolio) में भाजपा कोटे के नए मंत्रियों के बीच गुरुवार को विभागों का बंटवारा हो गया। इसके साथ ही चार मंत्रियों को झटका लगा। ऐसे मंत्रियों में उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा, प्रेम कुमार, नीतीश मिश्रा के अतिरिक्त नितिन नवीन हैं।

पार्टी ने चार मंत्रियों का एक-एक विभाग कम किया, तो उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा का सबसे अहम विभाग छीनकर दूरगामी संदेश दिया है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) प्रमुख संतोष सुमन का कद भी मंत्रिमंडल विस्तार के भेंट चढ़ गया।

संतोष सुमन से छीना आपदा प्रबंधन एवं IT विभाग

संतोष से सरकार ने सबसे अहम विभाग आपदा प्रबंधन एवं सूचना प्रौद्योगिकी छीन लिया है। अब संतोष सुमन के पास एक मात्र विभाग लघु जल संसाधन रह गया है।

विजय सिन्हा को भी लगा जोर का झटका

वहीं, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा का सबसे अहम विभाग पथ निर्माण वापस लेकर पार्टी ने दूरगामी संदेश दिया है, जबकि विस्तार के बाद विभागों के फेर-बदल में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को कृषि की जगह विधि विभाग देकर पार्टी ने पांडेय का कद दोनों उपमुख्यमंत्री के समक्ष कर दिया है।

BJP कोटे के 2 मंत्रियों के पास दो-दो विभाग

अब भाजपा कोटे के तीन मंत्रियों के पास दो-दो विभाग का दायित्व रह गया है। इसमें सम्राट चौधरी के वित्त एवं वाणिज्यकर विभाग, विजय सिन्हा के पास कृषि के साथ खान एवं भूतत्व विभाग देकर पर कतर दिया।

विधानसभा चुनाव से पहले सिन्हा का राजनीतिक कद घटने एवं मंगल पांडेय को विधि विभाग का दायित्व देकर दो विभाग का मंत्री बनाए रखने की चर्चा भाजपा के अंदर जोरों पर है।

संजय सरावगी राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री, जीवेश को नगर विकास

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में बुधवार को शामिल भाजपा कोटे के सात मंत्रियों को विभाग दे दिया गया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल के त्याग पत्र से रिक्त राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री का पद संजय सरावगी को दिया गया है। इस फेरबदल में हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा कोटे के मंत्री संतोष कुमार सुमन का दो विभाग चला गया।

उनका आपदा प्रबंधन विभाग भाजपा के विजय कुमार मंडल के हिस्से चला गया। दूसरा विभाग, सूचना एवं प्रावैधिकी कृष्ण कुमार मंटू को दे दिया गया। नए मंत्रियों को दिए गए सात में से पांच विभाग वही हैं, जो मंत्रिमंडल के पिछले विस्तार में भाजपा को दिए गए थे। जीवेश कुमार राज्य के नए नगर विकास मंत्री बनाए गए हैं। यह विभाग पहले नीतिन नवीन के जिम्मे था।

कला संस्कृति मंत्री मोतीलाल प्रसाद को बनाया गया है। यह उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा के हवाले था। राजू कुमार सिंह को पर्यटन मंत्री बनाया गया है। यह नीतीश मिश्र से जिम्मे था। डॉ. सुनील कुमार पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री हैं। इससे पहले प्रेम कुमार इस विभाग के मंत्री थे।

इस बदलाव में जदयू कोटे के किसी मंत्री का विभाग नहीं बदला है। निर्दलीय सुमित कुमार सिंह के विभाग में भी कोई कटौती नहीं हुई है।

बदलाव के बाद इनके पास रह गए ये विभाग नाम विभाग विजय कुमार सिन्हा उपमुख्यमंत्री कृषि, खान एवं भूतत्व डॉ. प्रेम कुमार सहकारिता मंगल पांडेय स्वास्थ्य एवं विधि नीतीश मिश्रा उद्योग नीतीन नवीन पथ निर्माण संतोष सुमन लघु जल संसाधन नए मंत्रियों का विभाग नाम विभाग जिवेश कुमार नगर विकास एवं आवास संजय कुमार सरावगी राजस्व एवं भूमि सुधार डॉ. सुनील कुमार पर्यावरण राजू कुमार सिंह पर्यटन मोती लाल प्रसाद कला संस्कृति एवं युवा विजय कुमार मंडल आपदा प्रबंधन कृष्ण कुमार मंटू सूचना एवं प्रावैधिकी

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Patna Metro: पटना मेट्रो रेल डिपो भूमि अधिग्रहण मामले में नीतीश सरकार को राहत, जमीन मालिकों को झटका

Dainik Jagran - February 27, 2025 - 6:39pm

विधि संवाददाता, पटना। पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने गुरुवार को बहुप्रतीक्षित पटना मेट्रो डिपो (Patna Metro Depot) से जुड़े कानूनी विवाद पर अपना निर्णय सुनाते हुए राज्य सरकार को बड़ी राहत दी है।

न्यायालय ने रानीपुर और पहाड़ी मौजे के भू-स्वामियों की ओर से दायर की गई दर्जनों अपीलों को खारिज कर दिया, जिससे अब मेट्रो परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का रास्ता साफ हो गया है।

कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार और न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने इस मामले में निर्णय सुनाते हुए स्पष्ट कि पटना मेट्रो डिपो और टर्मिनल का निर्माण अपनी निर्धारित जगह पर ही होगा। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि राज्य सरकार अब अधिग्रहित भूमि के बदले बढ़ा हुआ मुआवजा देने के लिए बाध्य नहीं होगी।

खंडपीठ ने एकलपीठ के उस पूर्व आदेश को संशोधित कर दिया, जिसमें सरकार को अधिग्रहित जमीन के बदले भू-स्वामियों को 2014 में तय न्यूनतम सर्किल रेट को अद्यतन कर बढ़ी हुई मुआवजा राशि देने का निर्देश दिया गया था।

क्या है पूरा मामला?

पटना के बैरिया स्थित मेट्रो रेल टर्मिनल और डिपो निर्माण के लिए चिह्नित भूखंडों को लेकर विवाद उत्पन्न विवाद में स्थानीय भू-स्वामियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया था कि इस भूमि पर घनी बस्ती है और सरकार ने नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत पुनर्वास की कोई योजना नहीं बनाई है।

दिसंबर 2023 में न्यायाधीश अनिल कुमार सिन्हा की एकलपीठ ने भू-स्वामियों की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि व्यापक जनहित में मेट्रो यार्ड के स्थान को बदलना संभव नहीं है। हालांकि, कोर्ट ने सरकार को मुआवजा बढ़ाने का निर्देश दिया था।

इस निर्णय के विरुद्ध रंजीत कुमार, ललिता देवी समेत कई भू-स्वामियों ने दो जजों की खंडपीठ में अपील दायर कर अधिग्रहित भूमि को वापस करने की मांग की थी। उनका तर्क था कि इतने बड़े पैमाने पर सौ से अधिक परिवारों का पुनर्वास पटना शहर में संभव नहीं है।

पीके. शाही और अखिल सिब्बल ने रखी दलीलें

राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके. शाही और अधिवक्ता किंकर कुमार ने बहस करते हुए कोर्ट को बताया था कि निर्माण कार्य काफी आगे बढ़ चुका है और जिस डिपो के लिए अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है, उसके निर्माण में 100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च हो चुकी है। भू-स्वामियों का पक्ष सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता अखिल सिब्बल (कपिल सिब्बल के पुत्र) ने रखा।

याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उन्हें भूमि अधिग्रहण पर आपत्ति दर्ज कराने का मौका ही नहीं दिया गया। आरोप लगाया कि एक जून 2021 को प्रकाशित अखबारी नोटिस के आधार पर मात्र दो दिन में, यानी तीन जून 2021 तक, सभी आपत्तियां निपटा दी गईं, जो पूरी प्रक्रिया को संदेह के घेरे में लाता है।

इस निर्णय से पटना मेट्रो परियोजना को गति मिलने की आशा है, जबकि प्रभावित भू-स्वामियों को अब पहले दिए गए मुआवजे से ही संतोष करना होगा।

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Bihar Road Projects: बिहार में बिछेगा सड़कों का जाल, 10 जिलों का प्लान तैयार; करोड़ों रुपये होंगे खर्च

Dainik Jagran - February 27, 2025 - 6:26pm

राज्य ब्यूरो, पटना। नए वित्तीय वर्ष के बजट में सूबे में पथ निर्माण विभाग से जुड़ी योजनाओं के लिए मोटी राशि का प्रविधान तय है। इन योजनाओं में नए बाईपास, पुल, आरओबी व कुछ सड़कों का विस्तार शामिल है।

मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान पथ निर्माण विभाग से जुड़ी जिन योजनाओं की घोषणा की गयी थी उनके लिए राशि की मंजूरी भी कैबिनेट से हो चुकी है।

मंजूरी की अद्यतन रिपोर्ट

राज्य कैबिनेट ने 25 फरवरी को पथ निर्माण विभाग की जिन योजनाओं को अपनी मंजूरी प्रदान की है। उसमें मुंगेर में वासुदेवपुर चौराहा से आईटीसी पार्क होते हुए किला क्षेत्र पथ तक का 48.80 करोड़ रुपये से चौड़ीकरण। मुंगेर में ही बिहार योग विद्यालय से एनएच 333 बी तक रिंग रोड एवं पहुंच पथ का निर्माण 121 करोड़ रुपये की लागत से शामिल है।

इसके अलावा, सुल्तानगंज-तारापुर, संग्रामपुर-बेलहर -कटोरिया-चांदन पथ का चौड़ीकरण 534 करोड़ की लागत से, शेखपुरा जिले में 43.96 करोड़ रुपये की लागत से नेमदारगंज-रमजानपुर-कोनांद पथ का चौड़ीकरण, शेखपुरा में ही 42.10 करोड़ की लागत से तोशिया पहाड़ से मटोखर दह तक नए बाईपास का निर्माण, भागलपुर व बांका के बीच 239 करोड़ की लागत से भागलपुर-अमरपुर-बांका पथ का चौड़ीकरण होगा।

बांका में सुल्तानगंज-तारापुर-संग्रामपुर-बेलहर-कटोरिया-चांदन-दर्दमारा पथ का चौड़ीकरण 385 करोड़ की लागत से, बिहारशरीफ पथ प्रमंडल में 96.71 करोड़ की लागत से अस्थावां-सकसोहरा पथ का चौड़ीकरण, मुंगेर के तारापुर बाईपास पथ के लिए 47 करोड़, शेरघाटी में गया-परैया-गुरारू-कोईलवा मोड़ पथ के चौड़ीकरण के लिए 104 .72 करोड़, दरभंगा एम्स से फोर लेन पथ के लिए 338 कराेड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।

आरा में जीरो माईल से पातर सड़क के लिए 33 करोड़, नवादा में सकरी नदी पर आरसीसी पुल व पहुंच पथ के लिए 54 करोड़, रोहतास में रोहतासगढ़ से रेहल गढ़ चौरासन मंदुर के बीच सड़क के लिए 66 करोड़, आयराकोठा से अकोढ़ीगोला-अमरातालाब पथ के लिए 48 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है। इसके अतिरिक्त जिलों में बड़ी राशि की स्वीकृति केवल पथ निर्माण विभाग की सड़कों के लिए दी गई है।

अकेले पटना के लिए बड़ी राशि केवल रोड सेक्टर के लिए

रोड सेक्टर में अकेले पटना के लिए बड़ी राशि की मंजूरी कैबिनेट ने की है। सोहागी मोड़ से कंडाप तक सड़क के चौड़ीकरण के लिए 41 करोड़, खगौल-नेहरू पथ को अशोक राजपथ-रुपसपुर नहर पथ तक चार लेन में विकसित किए जाने को ले 71.38 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।

वहीं, गायघाट-कंगनघाट-दीदारगंज पथ के चौड़ीकरण के लिए 158 करोड़, पटना-गया-संपतचक बाजार से परसा बाजार तक सड़क के चौड़ीकरण के लिए 330 करोड़, बिहटा चौक से दानापुर पथ के चौड़ीकरण के लिए 182 करोड़ करोड़ रुपये की मंजूरी कैबिनेट ने प्रदान की है।

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Bihar Ministry Distribution: बिहार में नए मंत्रियों के विभागों का हुआ बंटवारा, किसे क्या मिला? पढ़ें लिस्ट

Dainik Jagran - February 27, 2025 - 4:31pm

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Cabinet Ministers Portfolio: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को अपने कैबिनेट मंत्रियों के विभाग का बंटवारा कर दिया। भाजपा कोटे के सात नए मंत्रियों को विभाग आवंटित कर दिए गए हैं। पूर्व मंत्रियों के विभाग बदल दिए गए हैं। नीतीश सरकार ने इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी है।

कई दिग्गजों से छीने गए विभाग

इस बार कई पुराने दिग्गजों से विभाग छीने भी गए हैं। बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा से पथ निर्माण विभाग छीनकर नीतीन नवीन को दे दिया गया है और नीतीन नवीन का विभाग (नगर,विकास-आवास) जिवेश कुमार को दे दिया गया। वहीं, मंगल पांडेय का कृषि विभाग डिप्टी सीएम विजय सिन्हा को दिया गया।

वहीं, संतोष सुमन से भी दो विभाग छीन लिया गया है, उनके पास केवल एक विभाग बचा है। वहीं दिलीप जायसवाल का राजस्व विभाग लेकर संजय सरावगी को दे दिया गया। प्रेम कुमार का विभाग छीनकर राजू सिंह और सुनील सिंह को दे दिया गया है।

यहां पढ़ें बिहार में मंत्रालय का बंटवारा
  • संजय सरावगी- राजस्व एवं भूमि सुधार
  • जीवेश कुमार मिश्रा - नगर, विकास एवं आवास
  • सुनील कुमार सिंह-पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन
  • राजू सिंह- पर्यटन मंत्रालय
  • मोतीलाल प्रसाद- कला, संस्कृति एवं युवा
  • कृष्ण कुमार मंटू- सूचना प्रावैधिकी
  • विजय मंडल-आपदा प्रबंधन
  • विजय सिन्हा (डिप्टी सीएम)- कृषि, खान-भूतत्व
  • डॉ. प्रेम कुमार- सहकारिता
  • मंगल पांडेय- स्वास्थ्य-विधि
  • नीतीश मिश्रा- उद्योग
  • नीतीन नवीन- पथ निर्माण
  • संतोष कुमार सुमन- लघु जल संसाधन

मांझी के बेटे संतोष सुमन से छीना गया विभाग

हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं नीतीश सरकार में मंत्री संतोष सुमन से कैबिनेट विस्तार के बाद उनके दो विभाग छीन लिए गए हैं। अब संतोष सुमन के पास सिर्फ एक विभाग रह गया है।

दो विभाग छीने जाने के बाद सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि भाजपा ने कैबिनेट विस्तार के बहाने जीतन राम मांझी को उनकी औकात बताई है।

मांझी सीट शेयरिंग को लेकर भाजपा पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे, कहीं उसी का खामियाजा तो उन्हें नहीं भुगतना पड़ा है।

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बिहार के इन जिलों में खुलेंगे 7 नए मेडिकल कॉलेज, नीतीश सरकार ने पास किया बजट

Dainik Jagran - February 27, 2025 - 4:20pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य की नीतीश कुमार सरकार का सर्वाधिक ध्यान प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने और गरीबों को अधिक से स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने पर है। इसी के मद्देनजर राज्य में नए मेडिकल कॉलेज अस्पतालों की स्थापना की दिशा में बड़ी घोषणाएं हुई हैं। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रगति यात्रा के दौरान महज दो माह में सात नए मेडिकल कॉलेज अस्पताल खोलने की घोषणा की और तत्काल बाद प्रस्तावों को स्वीकृति भी दे दी गई।

यही नहीं, प्रस्तावित मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए करीब 2800 करोड़ से अधिक का बजटीय प्रविधान भी कर दिया गया है। नव प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के निर्माण होने के बाद राज्य में एमबीबीएस की 700 से अधिक अतिरिक्त सीटें उपलब्ध हो जाएंगी। 

राज्य में जिन नए मेडिकल कॉलेज अस्पतालों का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है, उनमें राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जीएमसीएच) नवादा, जीएमसीएच जहानाबाद, जीएमसीएच बांका, जीएमसीएच औरंगाबाद, जीएमसीएच कैमूर, जीएमसीएच अररिया और जीएमसीएच खगड़िया शामिल हैं।

मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद मंत्रिमंडल ने फिलहाल हर जिले में 100-100 एमबीबीएस क्षमता वाले नए मेडिकल कॉलेज अस्पताल के निर्माण का प्रस्ताव स्वीकृत किया है।

हुलासगंज में बनेगा मेडिकल कॉलेज भवन, चार गांवों में स्थल निरीक्षण

वहीं दूसरी ओर गत 14 फरवरी को प्रगति यात्रा पर जहानाबाद आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिलेवासियों को बड़ी सौगात दी थी। सीएम ने जहानाबाद जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी, जिस पर अब काम भी शुरू हो गया है।

मेडिकल कॉलेज भवन के लिए स्थल चयन का कार्य प्रारंभ हो गया है। पटना से आई टीम ने जिले के हुलासगंज प्रखंड में चार जगहों पर स्थल निरीक्षण किया है, जिसमें केउला, कनौल, धवल बिगहा तथा बौरी गांव शामिल है। स्थल निरीक्षण कर इन जगहों की सूची विभाग को भेजी गई है।

मेडिकल कॉलेज भवन के लिए 20 से 25 एकड़ जमीन की जरूरत है। धवल बिगहा को छोड़कर अन्य तीन गांवों केउला, कनौल और बौरी में जरूरत से कहीं अधिक जमीन उपलब्ध है।

हुलासगंज के अंचलाधिकारी मोहम्मद शादाब आलम ने बताया कि केउला में 52 एकड़, कनौल में 70 एकड़, बौरी में 40 एकड़ और धवल बिगहा में 16 एकड़ सरकारी जमीन उपलब्ध है। कनौल में 70 एकड़ जमीन में से कुछ भूमि का बासगीत पर्चा भूमिहीनों को पहले निर्गत किया गया है।

बौरी गांव में सरकारी कुछ जमीन का एनओसी दूसरे निर्माण कार्य के लिए पहले दिया गया है। हालांकि इसके बावजूद दोनों जगह पर आवश्यकता से अधिक जमीन की उपलब्धता है। धवल बिगहा में जरूरत से चार एकड़ कम जमीन उपलब्ध है।

हालांकि पटना से आई टीम द्वारा सभी चार स्थानों की सूची भवन निर्माण के लिए बनाई गई है, जिसमें से किसी एक स्थान को चयनित किया जाएगा, जहां मेडिकल कॉलेज का भवन बनेगा।

जहानाबाद, गया और नालंदा तीन जिलों के लोग होंगे लाभान्वित

हुलासंगज प्रखंड का अधिकांश इलाका तीन जिलों की सीमा को स्पर्श करता है। हुलासगंज प्रखंड जहानाबाद जिला के अंतर्गत आता है। इससे गया और नालंदा जिला सटे हुए हैं।

जिन चार गांवों की सूची मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण के लिए भेजी गई है, वह जहानाबाद, गया और नालंदा का सीमावर्ती इलाका है। यहां मेडिकल कॉलेज खुलने से एक साथ तीन जिलों की बड़ी आबादी लाभान्वित होगी। अब देखने वाली बात होगी कि इन चार गांवों में से किसे मेडिकल कॉलेज का सौभाग्य प्राप्त होता है।

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Bihar Budget 2025: नीतीश सरकार महिलाओं को दे सकती है डायरेक्ट पैसे, इन लोगों की पेंशन भी बढ़ेगी!

Dainik Jagran - February 27, 2025 - 1:47pm

राज्य ब्यूरो, पटना। शुक्रवार से प्रारंभ बिहार विधानमंडल सत्र (Bihar Vidhan Mandal Session) में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) का एजेंडा नजर आएगा। नीतीश सरकार आम जन को आकर्षित करने के लिए क्या नया करने जा रही है, इसकी झलक दिखेगी।

दूसरी तरफ, विपक्ष अपने हाव-भाव से बता देगा कि चुनाव के मैदान में वह किन हथियारों से लैस होकर जाएगा।बेशक दोनों पक्ष आक्रामक रहेंगे और इसका प्रभाव सदन की कार्यवाही पर भी पड़ेगा। दोनों सदनों की बैठक 20 दिन के लिए निर्धारित है। शुक्रवार को राज्यपाल विधानमंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे।

मंत्रिमंडल की पूर्ण क्षमता के साथ नजर आएंगे CM नीतीश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहली बार अपने मंत्रिमंडल की पूर्ण क्षमता के साथ सदन में नजर आएंगे। नए मंत्री कुछ अधिक उत्साह दिखाएंगे। सत्तारूढ़ दल के कुछ सदस्यों की मायूसी भी सामने आएगी।

ये मंत्री बनने की उम्मीद में थे, बन नहीं पाए, लेकिन इनकी मायूसी सत्तारूढ़ दल को असहज नहीं होने देगी, क्योंकि सिर पर चुनाव है और टिकट का निर्णय एनडीए के घटक दलों के नेतृत्व को करना है, इसलिए विधायक यह नहीं चाहेंगे कि सदन में अपनी अप्रसन्नता प्रकट कर पैर पर कुल्हाड़ी मार लें।

पूर्ण बजट पेश करेगी सरकार
  • अक्टूबर-नवंबर में चुनाव है, इसलिए सरकार पूर्ण बजट पेश करने जा रही है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में कुछ नई घोषणाओं की भी संभावना है।
  • बुजुर्गों को दी जाने वाली पेंशन राशि में वृद्धि हो सकती है। महिलाओं को विशेष आर्थिक मदद की घोषणा भी हो सकती है।
  • वैसे, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रगति यात्रा में आधारभूत संरचना के निर्माण के क्षेत्र में 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक की नई योजनाओं की घोषणा की है। इनके लिए बजट में अतिरिक्त प्रविधान किया जा सकता है।
  • जाति आधारित गणना के आधार पर जिन 94 लाख गरीबों को दो-दो लाख रुपये देने का निर्णय लिया गया है, इस मद में भी अतिरिक्त राशि का प्रविधान किया जा सकता है।
रोजगार और नौकरी होगा बड़ा मुद्दा

विपक्ष नौकरी और रोजगार के अलावा आरक्षण का दायरा बढ़ाने के मुद्दे को उछालेगा। नौकरी और रोजगार के मोर्चे पर राज्य सरकार अपने वायदे के अनुसार काम कर रही है। विपक्ष अगर इसे मुद्दा बनाता है तो सरकार बताएगी कि अबतक कितने लोगों को नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराए गए हैं।

इस क्रम में सरकार अब तक दी गई और भविष्य में दी जाने वाली नौकरियों की चर्चा करेगी। रोजगार का आंकड़ा पेश करेगी। सत्ता से अलग होने के बाद राजद नियोजित ढंग से यह प्रचार कर रहा है कि नौकरियों और रोजगार के अतिरिक्त अवसरों के सृजन में उसकी भूमिका रही है।

एनडीए ने राजद के इस दावे की हवा निकालने के लिए लगातार प्रचार किया। अब यह विषय साफ हो गया है कि इन मामलों में राजद की निर्णायक भूमिका नहीं रही है।

आरक्षण का दायरा 65 प्रतिशत तक बढ़ाने के मामले में सरकार के पास बचाव का सुरक्षित रास्ता है कि इसे सुप्रीम कोर्ट ने रद किया है। इसमें बिहार सरकार की कोई भूमिका नहीं है। फिर भी विपक्ष नए तर्कों के साथ इस मुद्दे को उठाएगा। अपराध और भ्रष्टाचार के मुद्दे को राजद मुखर होकर उठाएगा।

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Patna News: दानापुर में महिला की चाकू से गोदकर हत्या, स्कूल से सटे खेत से मिला शव; इलाके में मचा हड़कंप

Dainik Jagran - February 27, 2025 - 12:09pm

जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: पटना जिले के दानापुर के शाहपुर थाना क्षेत्र के मध्य विद्यालय के निकट खेत में एक महिला का शव गुरुवार की सुबह पुलिस ने बरामद किया है। महिला की चाकू से गोद कर हत्या की गई है। मृतका की पहचान ज्योति उर्फ गुड़िया (35) पति धर्मेन्‍द्र कुमार के रूप में की गई है।

बताया जाता है कि ज्योति घरों में चौका बर्तन का काम करती थी। घटना की सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस हत्या के कारणों का पता लगा रही है।

डॉग स्क्वायर्ड व एफएसएल की टीम को घटना स्थल पर बुलाया गया है। पुलिस स्वजन से प्राथमिकी के लिए आवेदन का इंतजार कर रही है।

इस खबर को लगातार अपडेट किया जा रहा है। हम अपने सभी पाठकों को पल-पल की खबरों से अपडेट करते हैं। हम लेटेस्ट और ब्रेकिंग न्यूज को तुरंत आप तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रारंभिक रूप से प्राप्त जानकारी के माध्यम से हम इस समाचार को निरंतर अपडेट कर रहे हैं। ताजा ब्रेकिंग न्यूज और अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए जागरण के साथ।

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'लालू प्रसाद हमारे अंकल, लेकिन...', CM नीतीश के बेटे Nishant का बाउंसर; तेजस्वी भी रह जाएंगे हैरान

Dainik Jagran - February 27, 2025 - 8:25am

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार अब लगातार मीडिया के सामने आने लगे हैं।निशांत कुमार लगातार मुखर हो रहे हैं। अपने विरोधियों पर भी निशाना साधने में कोई चूक नहीं कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने इस बार लालू प्रसाद यादव पर कटाक्ष कर दिया। निशांत कुमार के इस जवाब से तेजस्वी यादव भी हैरान हो जाएंगे।

बुधवार को यहां मीडिया से बातचीत में उन्होंने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को अपना अंकल कहा, लेकिन साथ में उन्होंने 2005 से पहले का शासन याद दिला दिया। उन्होंने कहा कि 2005 से पहले बिहार की हालत बहुत खराब थी। लेकिन अब हमारे पिता के शासन में सबकुछ सुधर रहा है।

मेरे पिता ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली पर बहुत काम किया है: निशांत कुमार

निशांत ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और विकास के दूसरे मानकों पर मेरे पिता नीतीश कुमार ने बहुत काम किया है। आज हर क्षेत्र में राज्य विकास कर रहा है।

मेरे पिता अब भी फिट: निशांत कुमार

निशांत ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर प्रश्न करने वाले पर प्रहार किया। बोले-मेरे पिता फिट हैं। अभी उन्होंने राज्य के 38 जिलों की यात्रा की है। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मंच साझा किया। कहीं कोई परेशानी नजर आई क्या? उन्होंने कहा-पिताजी अगले पांच तक राज्य की सेवा करने के लिए फिट हैं। निशांत ने फिर अपने राजनीति में आने के प्रश्न को टाल दिया।

मेरे पिता ने 19 साल लगातार सेवा की

उन्होंने कहा कि राज्य की जनता निर्णय करती है। मेरे पिता ने 19 साल से लगातार सेवा की है। हम उम्मीद करते हैं कि उन्हें काम करने के लिए अगला पांच साल भी मिलेगा। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से जुड़े एक प्रश्न पर निशांत ने कहा कि वे हमारे अंकल हैं।

हमारे पिताजी के साथ वे आन्दोलन में रहे हैं। मेरे पिता निष्काम भाव से काम करते हैं। यह मुझे बहुत अच्छा लगता है।

निशांत ने शादी के सवाल को टाला

उन्होंने राजनीति में शामिल होने की तरह शादी करने से जुड़े प्रश्न को भी टाल दिया। एक दिन पहले निशांत ने कहा था कि एनडीए को यह घोषित करना चाहिए कि अगला चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा और उनके नेतृत्व में ही सरकार भी बनेगी।

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Bihar Weather Today: बिहार के 8 जिलों के लिए अलर्ट जारी, 28 फरवरी को बदलेगा मौसम का मिजाज

Dainik Jagran - February 27, 2025 - 7:32am

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News: पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव उत्तर पश्चिम भारत के ऊपर बना हुआ है। पूर्वोत्तर असम और इसके आसपास के क्षेत्रों पर ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण द्रोणिका के रूप में चिह्नित है। इनके प्रभाव से पटना सहित दक्षिणी भागों के मौसम में बदलाव की संभावना है। 

28 फरवरी को बिहार के 8 जिलों में बारिश के आसार

28 फरवरी को पटना सहित दक्षिणी भागों में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे।प्रदेश के आठ शहरों के कैमूर, औरंगाबाद, रोहतास, गया, नवादा, जमुई, भागलपुर व बांका जिले के कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा की संभावना है। जबकि प्रदेश के अन्य भागों का मौसम शुष्क बना रहेगा।

अधिकतम-न्यूनतम तापमान में 2 से 4 डिग्री की बढ़ोतरी

मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, अगले तीन से चार दिनों के दौरान प्रदेश के अधिकतम व न्यूनतम तापमान में दो से चार डिग्री क्रमिक वृद्धि का पूर्वानुमान है। बीते 24 घंटों के दौरान पटना सहित 17 शहरों के न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई।

पटना में मौसम का हाल

पटना का न्यूनतम तापमान 16.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि 10.4 डिग्री सेल्सियस के साथ जीरादेई (सिवान) में प्रदेश का सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। राजधानी का अधिकतम तापमान 28.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान 30.9 डिग्री सेल्सियस के साथ राजगीर में दर्ज किया गया। बुधवार को पटना सहित आसपास इलाकों में सुबह-शाम गुलाबी ठंड का प्रभाव बना रहा। धूप निकलने के साथ आंशिक रूप से बादल छाए रहने से मौसम सामान्य बना रहा।

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Dairy Cattle Insurance: दुधारू पशुओं का कराइए बीमा, 75 प्रतिशत खर्च उठाएगी नीतीश सरकार

Dainik Jagran - February 27, 2025 - 6:00am

जागरण संवाददाता, पटना। अगर आपके पास भी दुधारू पशु (Dairy Cattle Insurance Bihar) है और आप उसका बीमा कराना चाहते हैं तो खर्च की चिंता मत कीजिए। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के गव्य निदेशालय की ओर से दुधारू मवेशियों के लिए पशु बीमा की जा रही है।

बीमा का लाभ लेने के लिए आवेदक को बीमा के किस्त का सिर्फ 25 प्रतिशत ही भुगतान करना होगा जबकि 75 प्रतिशत भुगतान सरकार करेगी।

योजना का उद्देश्य:

इस योजना का उद्देश्य सभी वर्ग के पशुपालकों के दुधारू मवेशियों की बीमा कर गंभीर बीमारी जैसे लंपी त्वचा रोग, एचएसबीक्यू और अन्य कारणों से मृत्यु होने की स्थिति में पशुपालकों को होने वाले आर्थिक क्षति से आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार लाना है।

बीमा की अधिकतम राशि 60 हजार निर्धारित:

इस योजना में प्रति दुधारू मवेशी का अधिकतम मूल्य 60 हजार निर्धारित है। जिस पर 3.5 प्रतिशत की दर से बीमा की कुल राशि 2100 रुपये होंगे। इसमें राज्य सरकार द्वारा 75 प्रतिशत राशि 1575 रुपये अनुदान के रूप में दिया जाएगा। शेष 25 प्रतिशत राशि 525 रुपये बीमा कंपनी को पशुपालकों द्वारा भुगतान किया जाएगा।

चयन में प्राथमिकता:

योजना के तहत दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति के सदस्यों के दुधारू पशुओं का बीमा में वरीयता दिया जाएगा। इस योजना के तहत वैसे दुधारू मवेशियों का बीमा कराया जाएगा, जो स्वस्थ हो तथा पुश चिकित्सक द्वारा स्वास्थ्य प्रमाण पत्र निर्गत किया गया हो। योजना का कार्यान्वयन राज्य के सभी जिलों में जिला के जिला गव्य विकास पदाधिकारी द्वारा किया जाएगा।

एक वर्ष के लिए होगा बीमा:

बीमा कंपनी द्वारा दुधारू मवेशियों का बीमा एक वर्ष के लिए किया जाएगा। बीमा कंपनी द्वारा दुधारू मवेशियों में डाटा ईयर टैग लगाया जाएगा, जिसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लाभुक की होगी। योजना का लाभ लेने के लिए गव्य विकास निदेशाल की वेबसाइट dairy.bihar.gov.in पर ऑनलाइन करना होगा।

1. बीमा योजना का उद्देश्य

गंभीर बीमारियों से पशुपालकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना।

2. वित्तीय वितरण

सरकार 75% राशि देगी, जबकि 25% राशि पशुपालकों को अदा करनी होगी।

3. आवेदन प्रक्रिया और प्राथमिकता

आवेदन गव्य विकास निदेशालय की वेबसाइट पर होंगे, और दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति के सदस्य को प्राथमिकता मिलेगी।

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Bihar Cabinet: भाजपा कोटे के मंत्रियों में उत्तर बिहार का वर्चस्व, दक्षिण से 2 बड़े चेहरों ने संभाल रखा है मोर्चा

Dainik Jagran - February 26, 2025 - 10:50pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बुधवार को महाशिवरात्रि पर हुए मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा ने उत्तर बिहार के कोर वोट बैंक को विशेष प्राथमिकता दी है। पार्टी कोटे से दो उप मुख्यमंत्री समेत कुल 21 मंत्री हैं।

उनमें उत्तर बिहार से 15 तो दक्षिण बिहार से दो उप मुख्यमंत्री के साथ छह मंत्री हैं। लगभग 13 माह बाद हुए मंत्रिमंडल विस्तार में पार्टी ने यादव समुदाय को छोड़कर लगभग सभी जातियों को साधने का प्रयास किया है। पहली बार कुर्मी और कुशवाहा (कोईरी) के प्रति पार्टी नेतृत्व ने विशेष समर्पण दिखाई है।

दक्षिण बिहार से यह लोग मंत्री

दक्षिण बिहार से उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के अतिरिक्त प्रेम कुमार, संतोष सिंह एवं नितिन नवीन के बाद अब डॉ सुनील कुमार को मंत्री बनाया गया है।

उत्तर बिहार से मंगल पांडेय, रेणु देवी, नीतीश मिश्रा, सुरेन्द्र मेहता, जनक राम, केदार गुप्ता, कृष्णनंदन पासवान, नीरज कुमार सिंह, संजय सरावगी, जीवेश कुमार, राजू कुमार सिंह, मोतीलाल प्रसाद, कृष्ण कुमार मंटु, हरि सहनी, विजय कुमार मंडल मंत्री हैं।

चिराग ने नये मंत्रियों को बधाई दी
  • नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सभी नये मंत्रियों को बधाई दी।
  • पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेश भट्ट ने बताया कि राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल कार्यक्रम में शामिल हुआ और सभी नवनियुक्त मंत्रियों को बधाई दी।
शपथ ग्रहण समारोह में विकास पुरुष से लेकर जय श्रीराम के खूब लगे नारे

नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले सात नये मंत्रियों का शपथ ग्रहण का निर्धारित समय चार बजे अपराह्न था। लेकिन, राजभवन के बाहर राजेन्द्र चौक पर उनके समर्थकों और एनडीए के कार्यकर्ताओं व नेताओं की जुटान दोपहर ढाई बजे से ही शुरू हो गई थी।

उत्साह और उमंग में कार्यकर्ताओं द्वारा रह-रह कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिन्दाबाद, विकास पुरुष जिन्दाबाद... और जय श्रीराम के नारे भी लगा जा रहे थे।

आम दिनों में राजेन्द्र चौक का सीन शांत रहता है, किंतु बुधवार को यह चौक चमचमाती लग्जरी वाहनों, नेताओं की चमक-दमक और मीडिया कर्मियों की आपाधापी से गुलजार था।

बिहार पुलिस के सैकड़ों जवान भी राजेन्द्र चौक पर व्यवस्था को संभालने और भीड़ को अनुशासित रखने में जुटे थे।

जब एक अणे मार्ग से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कारकेड निकला और राजभवन परिसर में प्रवेश करने के लिए मेनगेट की ओर बढ़ा तब कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारों से उनका स्वागत किया।

फिर जब मुख्यमंत्री राजेन्द्र मंडप में प्रवेश किए तब भी प्रेक्षागृह में बैठे कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारे से उनका स्वागत किया।

इसके बाद जब राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां द्वारा मंच पर एक-एक कर मंत्रियों को शपथ दिलायी जा रही थी तब भी जयश्रीराम और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार... विकास पुरुष जिन्दाबाद... के नारे लगते रहे।

राजद ने मंत्रिमंडल विस्तार को बताया औचित्यहीन

राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार पर प्रतिक्रिया देते हुए राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने सरकार को पूर्णतया भाजपा की गिरफ्त में बताया है।

बुधवार को बयान जारी कर उन्होंने कहा कि कुछ महीनों के लिए मंत्रिमंडल विस्तार का कोई औचित्य नहीं था। जदयू की हिस्सेदारी को लेकर भाजपा के साथ तालमेल नहीं बैठाने के कारण ही नीतीश कुमार जब तक स्वतंत्र निर्णय लेने की स्थिति में थे, मंत्रिमंडल का विस्तार टालते रहे।

पिछले दिनों अपनी सभाओं में नीतीश ने महिला और मुसलमानों की खूब चर्चा की, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार में उसका ध्यान नहीं रखा गया। जदयू के आधार वोट में सेंधमारी के लिए नीतीश के स्वजातीय को भी भाजपा ने मंत्री बनाया है।

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Dilip Jaiswal Resign: सोशल मीडिया पर छाया दिलीप जायसवाल का रेजिग्नेशन लेटर, खोज निकाली 4 गलतियां

Dainik Jagran - February 26, 2025 - 9:02pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार (Bihar Cabinet Expansion) की चर्चा तो रही, लेकिन इंटरनेट मीडिया पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल का रेजिग्नेशन लेटर छाया रहा। यह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री के पद से डॉ. जायसवाल का त्याग पत्र था।

उन्होंने स्वलिखित त्याग पत्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेजा। यह तत्काल स्वीकृत हो गया। कुछ देर बाद ही उनका त्याग पत्र इंटरनेट मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर तैरने लगा।

रेजिग्नेशन लेटर में कई गलतियां

यूजर्स ने उनके त्याग पत्र में कुल चार गलतियां निकाल ली। पहली गलती यह कि उन्होंने बिहार को 'विहार' लिखा है। इसी तरह इस्तीफा (इस्तिफा), सूचित (सुचित) और कार्रवाई (कार्यवाही) लिखने में भी गलती की।

यूजर्स ने किया ट्रोल

यूजर्स ने उनके विरूद्ध प्रतिक्रियाएं दी, लेकिन कुछ ऐसे भी यूजर्स थे, जिन्होंने मंत्री के हौसले की प्रशंसा की। ऐसे लोगों का कहना था कि मंत्रियों के पास चिट्ठी-पत्री लिखने वाले ढेरों लोग होते हैं, मगर मंत्री जी ने किसी को कष्ट नहीं दिया। स्वयं पत्र लिखा और भेज दिया।

बीजेपी का चौथी पास “डॉक्टरेट”

ये साहब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं, बिहार सरकार में मंत्री भी थे। एक मेडिकल कॉलेज के मालिक भी है। बड़बोलेपन में इनका कोई मुकाबला नहीं। Entire Political Science पढ़ते हुए इस्तीफा लिखा है। pic.twitter.com/acc4XJQPnX

— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) February 26, 2025

राजद ने भी साधा निशाना

एक यूजर की टिप्पणी थी- दिल्ली से कहा गया होगा कि अभी के अभी त्याग पत्र भेजिए। डॉ. जायसवाल ने शीर्ष नेतृत्व के निर्देश का तुरंत पालन किया। राजद की ओर से पत्र पर टिप्पणी की गई कि मंत्री को शुद्ध दो लाइन लिखने नहीं आता है।

प्रतिक्रिया में डॉ. जायसवाल ने पोस्ट किया- जो आज हमारी स्पेलिंग चेक कर रहे हैं, उन्हें मैं बता दूं कि स्पेलिंग की गलती मिटाई जा सकती है, लेकिन राजद के जंगलराज का कलंक कभी नहीं, जिन्हें गलती पकड़ने का इतना ही शौक है, वे पहले अपनी डिग्री पकड़ कर दिखाएं। जनता को बताइए कि राजद का पूरा शांसन ही ब्लंडर था। उसमें कितनी गलतियां थीं।

दिलीप जायसवाल ने क्यों दिया इस्तीफा?

भाजपा के बिहार अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बुधवार को घोषणा की कि उन्होंने नीतीश कुमार सरकार से राजस्व और भूमि सुधार मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है।

भाजपा की 'एक व्यक्ति, एक पद की नीति' का जिक्र करते हुए जायसवाल ने कहा कि दोनों पदों पर रहना पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ है। भाजपा की एक व्यक्ति एक पद की नीति है और इसलिए मैंने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन एक प्रदेश अध्यक्ष के रूप में बिहार में भाजपा का नेतृत्व करना जारी रखूंगा।

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नीतीश कैबिनेट में जाति के हिसाब के हिस्सेदारी फिक्स! सवर्णों के साथ अति-पिछड़ा का बना 'कॉकटेल'

Dainik Jagran - February 26, 2025 - 8:35pm

विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। तीसरे विस्तार के बाद बिहार मंत्रिमंडल (Bihar Cabinet Expansion) ने अपना पूर्ण आकार ले लिया है। इस संरचना में क्षेत्रीय संभावना के साथ सामाजिक समीकरण का वह स्वरूप भी है, जिसके बूते राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA), विशेषकर भाजपा, द्वारा चुनावी जीत का ताना-बाना बुना जा रहा।

यह ताना-बाना सवर्णाें के साथ पिछड़ा व अति-पिछड़ा के कॉकटेल का है। कुल जनसंख्या में इस वर्ग की हिस्सेदारी लगभग 79 प्रतिशत है, जबकि 2020 के विधानसभा चुनाव में राजग को कुल 37.23 प्रतिशत मत मिले थे।

बहरहाल, तीसरे विस्तार में जिन सात विधायकों को मंत्री बनाया गया है, वे सभी भाजपा से ही हैं। विधानसभा में दलीय स्थिति के आधार पर मंत्रिमंडल में उसी के कोटे के पद भी रिक्त थे।

अब BJP के 21 मंत्री, JDU के पास सिर्फ 13

इस विस्तार के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में भाजपा कोटे के मंत्रियों की संख्या 21 हो गई है। जदयू के 13 मंत्री हैं और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा से एकमात्र संतोष कुमार सुमन। निर्दलीय सुमित कुमार भी सरकार में हैं, जिन्हें जदयू खेमे का ही माना जाता है। संतोष और सुमन तो नीतीश के नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते समय ही मंत्री बनाए गए थे।

वह तारीख 2024 की 28 जनवरी थी। महागठबंधन को छोड़कर नीतीश एक बार फिर राजग के साथ हुए थे। तब मुख्यमंत्री के अलावा कुल आठ मंत्रियों ने शपथ ली थी। भाजपा कोटे से दो उप मुख्यमंत्री (सम्राट चौधरी व विजय कुमार सिन्हा) सहित प्रेम कुमार को सामाजिक समीकरण के दृष्टिगत ही मंत्रिमंडल में स्थान मिला था।

हालांकि, तब क्षेत्रीय समीकरण नहीं सध पाया था। तीनों कमोबेश दक्षिण बिहार से आते हैं। जदयू से विजय कुमार चौधरी, बिजेंद्र यादव व श्रवण कुमार मंत्री बने थे। उनमें मुख्यमंत्री सहित श्रवण भी बिहार से थे। मंत्रिमंडल के दूसरे विस्तार ने इसकी भरपाई की। सभी क्षेत्रों को उचित प्रतिनिधित्व देने का प्रयास हुआ। हालांकि, उसके बाद मिथिला और सीमांचल को लेकर राजनीति सरगर्म हुई।

इस कारण तीसरे विस्तार में इन क्षेत्रों का महत्व बन आया और साथ में जातियों का कॉकटेल बनाने का प्रयास भी हुआ। पिछले चुनावों में इसी बूते राजग को सफलता मिलती रही है, जिसे भाजपा आगे कुछ व्यापक स्वरूप में दोहराना चाह रही। कुर्मी समाज के कृष्ण कुमार मंटू और कुशवाहा समाज के डॉ. सुनील कुमार को मंत्री बनाकर उसने इसका संदेश देने का प्रयास किया है।

जाति से जीत:

जाति आधारित गणना के अनुसार, बिहार में सर्वाधिक जनसंख्या (36.01) अति-पिछड़ा वर्ग की है। उसके बाद पिछड़ा वर्ग की हिस्सेदारी 27.12 प्रतिशत की है। सवर्ण 15.52 प्रतिशत हैं।

सम्मिलित रूप से जनसंख्या में यह हिस्सेदारी 78.62 प्रतिशत की है। इतने व्यापक सामाजिक समीकरण के आधार पर बनाई गई चुनावी रणनीति शायद ही विफल हो।

सात नए मंत्री:

अमनौर के विधायक कृष्ण कुमार मंटू कुर्मी समाज से हैं। सिकटी के विधायक विजय मंडल केवट और साहेबगंज के राजू सिंह राजपूत जाति से। दरभंगा से विधायक संजय सारावगी मारवाड़ी समाज से हैं।

जाले से विधायक जीवेश मिश्रा भूमिहार और बिहारशरीफ से विधायक सुनील कुमार कुशवाहा जाति से आते हैं। रीगा के विधायक मोती लाल प्रसाद तेली समाज से आते हैं।

243 सदस्यीय विधानसभा में दलीय स्थिति
  • भाजपा : 80
  • जदयू : 45
  • हम : 04
  • निर्दलीय : 02
  • राजद : 77
  • कांग्रेस : 19
  • माले : 11
  • भाकपा : 02
  • माकपा : 02
  • एमआईएमआईएम : 01
मंत्रियों की जातिगत संख्या अभी राजग सरकार में
  • पिछड़ा वर्ग : 09
  • अति-पिछड़ा : 08
  • अनुसूचित जाति : 07
  • सवर्ण : 11
  • मुसलमान : 01
पिछली महागठबंधन सरकार में
  • पिछड़ा व अति-पिछड़ा वर्ग : 17
  • अनुसूचित जाति : 05
  • सवर्ण : 06
  • मुसलमान : 05

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Bihar: नीतीश सरकार ने लागू की एग्जिट पॉलिसी, BIADA को जमीन सौंपकर लीज राशि वापस ले सकेंगे उद्यमी

Dainik Jagran - February 26, 2025 - 7:43pm

राज्य ब्यूरो, पटना। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार नई एग्जिट नीति लेकर आई है। इसके तहत उद्यमी बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों की जमीन बियाडा को सौंप कर पहले से जमा अपनी लीज राशि वापस ले सकते हैं। हाल में हुई बियाडा (बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार) के निदेशक पर्षद की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

इस नीति के तहत आवेदन की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2025 है। निर्णय के अनुसार, जिस उद्यमी की तरफ से भूमि वापस की जा रही है, उसे उस भूखंड की वर्तमान बियाडा दर (भूवापसी के आवेदन की तिथि को) के आधार पर उनके स्तर से उपयोग की गई लीज या आवंटन अवधि की आनुपातिक कटौती कर शेष राशि वापस की जाएगी।

एग्जिट नीति से क्या होगा?

इस नीति के तहत आवेदन स्वीकृत होने के बाद स्वीकृति की तिथि से संबंधित औद्योगिक इकाई को संरचना और संयंत्र हटाने के लिए तीन महीने का समय दिया जाएगा।

अगर इकाई अपने संयंत्र को निर्धारित अवधि में नहीं हटाती है तो सरकार इसकी नीलामी करा देगी। इसमें होने वाले खर्च की राशि की कटौती भी संबंधित इकाई से की जाएगी।

इस नीति में स्वीकृत आवेदन वाली इकाइयों को तीन किश्तों में राशि का भुगतान किया जाएगा। बियाडा को जमीन मिलने के चार महीने के अंदर 40 प्रतिशत तथा शेष राशि का भुगतान चार महीने पर 30 प्रतिशत और फिर आठ महीने पर 30 प्रतिशत का भुगतान किया जाएगा।

इस नीति के तहत पात्र इकाई:
  • सभी इकाइयां जिनका वर्तमान में आवंटन वैध है
  • ऐसी इकाइयां जिन्होंने आवंटन रद्दीकरण के विरुद्ध अपीलीय प्राधिकार, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर कर रखी है। ये अपनी वाद याचिका वापस लेकर इस नीति का लाभ उठा सकते हैं।
  • ऐसी सभी इकाइयां जिनका आवंटन रद्द हो चुका है, लेकिन दखल कब्जा बियाडा ने अभी तक नहीं लिया है।
  • सभी मामलों में आवंटन या लीज की अवधि आवेदन की तिथि को वैध होना आवश्यक है।
  • जिनके आवंटन या लीज की अवधि समाप्त हो चुकी है। और तृतीय पक्ष को भूमि आवंटित की जा चुकी है, उनपर यह नीति लागू नहीं होगी।
  • यदि तृतीय पक्ष को भूमि आवंटित हो चुकी है।
एग्जिट नीति का उद्देश्य
  • औद्योगिक इकाइयों की भूमि बियाडा को सौंपने पर लीज राशि वापस मिलेगी।
  • आवेदन की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2025 है।
  • इकाई को संयंत्र हटाने के लिए तीन महीने का समय मिलेगा।
भुगतान का तरीका
  • राशि तीन किस्तों में दी जाएगी।
  • पहले किस्त में 40% राशि, फिर शेष 30% चार महीने और 30% आठ महीने बाद।
  • भूमि वापस करने के बाद बियाडा को जमीन मिलने के चार महीने के अंदर भुगतान किया जाएगा।
पात्र इकाइयां
  • जिनका वर्तमान में आवंटन वैध है।
  • जिनकी भूमि आवंटन रद्द हो चुका है, लेकिन कब्जा नहीं लिया गया है।
  • जिनकी आवंटन या लीज की अवधि समाप्त हो चुकी है और तीसरे पक्ष को भूमि आवंटित नहीं की गई है।

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Bihar Politics: सम्राट चौधरी का वीडियो जारी करने से क्या हुआ RJD को फायदा? नए दावे से बिहार में तेज हुई सियासी हलचल

Dainik Jagran - February 26, 2025 - 7:32pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राजद ने एक वीडियो शेयर कर तेजस्वी यादव को अजेय व जन-हितैषी बताया है। यह वीडियो उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे के दिन सम्राट भागलपुर में भाजपा नेताओं को अपनी बयानबाजी का रुख तेजस्वी के बजाय राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की ओर रखने की सलाह दे रहे। बता रहे कि तेजस्वी पर बोलने से भाजपा को नुकसान होगा।

राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन और एजाज अहमद इसे तेजस्वी को लेकर भाजपा के डर का प्रमाण बता रहे। उनका कहना है कि नौकरी-रोजगार, आरक्षण व प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ वाली तेजस्वी की घोषणाओं ने डबल इंजन सरकार को इस कदर मजबूर कर दिया है कि उसे उचित मुद्दे ही नहीं मिल रहे।

इस वीडियो को अपने एक्स हैंडल से शेयर करते हुए राजद ने लिखा है कि सम्राट मान रहे कि तेजस्वी पर बोलने से भाजपा और राजग को ही नुकसान होता है, जबकि लालू पर बोलने से लाभ होता है। इसलिए हम लोगों को लालू पर ही बोलना है।

चर्चा का विषय बना है वीडियो

राजद का यह भी दावा है कि उस बैठक में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तेजस्वी के विरुद्ध बोलने पर माफी भी मांगी है, क्योंकि उनको भी लगता है कि ऐसा करने से जनता के बीच हमें ही नुकसान पहुंचता है।

बहरहाल, राजनीतिक गलियारे मेंं यह वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है। वस्तुत: लालू पर बयान देते हुए भ्रष्टाचार और जंगल राज के आरोप सहज होते हैं, जबकि तेजस्वी के विरुद्ध ऐसे आरोप दमदार नहीं होते।

सरकार में रहते हुए नौकरी और आरक्षण के उनके वादे जन-साक्षेप प्रतीत होते हैं। एजाज कहते हैं कि इस वीडियो से यह पोल खुल गई है कि डबल इंजन सरकार ने बिहार में जनता के हित में कोई काम नहीं किया।

भाजपा नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के बजाय लालू को ही मुद्दा बनाकर अपने आप को बचाए रखना चाहती है।

तेजस्वी के कार्य और उनके द्वारा बिहार के विकास का जो खाका खींचा गया है, उससे भाजपा-जदयू में ऐसी बेचैनी देखी जा रही है। नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार इसी बेचैनी में लालू फोबिया के शिकार हो गए हैं।

सरायरंजन में एक दर्जन लोगों ने ली राजद की सदस्यता
  • सरायरंजन प्रखंड क्षेत्र के वाजितपुर मेयारी पंचायत में राजद कार्यकर्ताओं की बुधवार को बैठक हुई। बैठक में राजद के पूर्व प्रत्याशी अरविंद सहनी ने विभिन्न पार्टियों को छोड़कर आने वाले एक दर्जन से अधिक लोगों को राजद की सदस्यता दिलाई।
  • इन सभी को माला पहनाकर सदस्यता दिलाते हुए सम्मानित किया गया। वक्ताओं ने कहा कि आज के दौर में पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की ओर लोगों का रूझान बढ़ा है। आगामी विधानसभा चुनाव में बिहार में इनके नेतृत्व में ही सरकार बनेगी। मौके पर दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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Bihar Politics: नीतीश मंत्रिमंडल की INSIDE STORY, इन दलों में भी रह चुके 7 में से 4 मंत्री

Dainik Jagran - February 26, 2025 - 7:18pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में बुधवार को कैबनेट का विसस्तार हुआ है। भाजपा के सात विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है।  

सुस्त बैठे रहने की तुलना में भ्रमणशील रहना लाभदायक होता है। यह सिर्फ अच्छे स्वाथ्य के लिए ही नहीं है। राजनीति के लिए भी है।

बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट में शामिल किए गए सात में से चार मंत्री इसी श्रेणी के हैं। इन सबने समय-समय पर राजद, भाजपा, लोजपा, जदयू, बिहार पीपुल्स पार्टी आदि दलों का भ्रमण किया है।

बेटिकट होने के कारण ऐसा करना इन सबकी मजबूरी भी थी। दल बदल का परिणाम अच्छा रहा। अधिक चुनावों में इनकी जीत हुई।

विजय कुमार मंडल पहली बार 1995 में अररिया से विधायक बने। उस साल वे आनंद मोहन की बिहार पीपुल्स पार्टी के इकलौते विधायक थे। 2000 में निर्दलीय जीत हुई। 2005 में राजद के उम्मीदवार बने। हार हो गई।

2009 में अररिया विधानसभा का उप चुनाव हुआ। वहां के विधायक प्रदीप कुमार सिंह लाेकसभा चले गए थे। उप चुनाव में विजय लोजपा के उम्मीदवार हुए। जीत गए।

2010 के आम चुनाव में लोजपा टिकट पर सिकटी से चुनाव लड़े तो भाजपा के आनंदी प्रसाद यादव के हाथों हार हुई। 2015 और 2020 में सिकटी से भाजपा के विधायक बने।

राजू सिंह को चार दलों का अनुभव

मुजफ्फरपुर जिला के साहेबगंज के विधायक राजू कुमार सिंह कभी भाजपा टिकट पर नहीं जीते। 2005 के फरवरी के विधानसभा चुनाव में लोजपा टिकट पर इनकी जीत हुई। जल्द जदयू में चले गए।

अक्टूबर 2005 के विधानसभा चुनाव में जदयू उम्मीदवार की हैसियत से जीते। 2010 में भी जदयू उम्मीदवार की हैसियत से ही जीत हुई।

2015 में जदयू और राजद के बीच हुए गठबंधन के कारण राजू भाजपा उम्मीदवार बन गए। जीत नहीं पाए। 2020 में उनकी सीट विकासशील इंसान पार्टी के हिस्से में चली गई। वे उसके उम्मीदवार बने। चुनाव जीतने के बाद भाजपा में शामिल हो गए।

दो मंत्रियों को सिर्फ जदयू का अनुभव
  • बिहारशरीफ के विधायक डॉ. सुनील कुमार और अमनौर के विधायक कृष्ण कुमार मंटू को जदयू का भी अनुभव है। डॉ. सुनील 2010 में जदयू टिकट पर बिहारशरीफ से विधायक बने।
  • 2015 और 2020 भाजपा के विधायक बने। अमनौर से भाजपा टिकट पर 2015 और 2020 में जीते कृष्ण कुमार मंटू पहली बार इसी क्षेत्र से 2010 में जदयू के विधायक बने थे।

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